उसने जब मुझे अपना लंड पकड़े हुए देखा तो बोला.
डिंपल भाभी आप, आप… ये क्या कर रही हो.” मैने कहा “राजू, तुम्हारा तो बहुत बड़ा है. मैने इतना लंबा और मोटा लंड कभी नही देखा है. इस लिए मैं इसे देख रही हू.” उसने शरम से अपनी आँखे बंद कर ली. मेरे हाथ लगाने से उसका लंड और ज़्यादा टाइट हो गया. थोड़ी देर बाद उसने आँखे खोली और बोला ” डिंपल भाभी, अब रहने दो. अपना हाथ हटा लो.” मैने कहा “थोड़ा रुक जाओ, मुझे ठीक से देख लेने दो.” वो कुच्छ नही बोला. मैं अपने हाथो से उसका लंड सहलाने लगी. थोड़ी ही देर मे राजू का बदन अकड़ने लगा और वो बोला ” डिंपल भाभी, अब इसे छोड़ दो नही तो इसका पानी निकल जाएगा.” मैने कहा “मैं इसका जूस अपने मूह मे लेना चाहती हू. तुम इसका जूस मेरे मूह मे निकाल दो.” वो बहुत ज़्यादा जोश मे आ गया था. उसने मेरे सर को पकड़ कर अपने लंड के पास कर दिया. मैने उसका लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. थोड़ी ही देर मे उसके लंड ने अपना जूस मेरे मूह मे निकलना शुरू कर दिया. उसके लंड का जूस एक दम गरम गरम था. मैने वो सारा जूस निगल लिया. सारा जूस निगल जाने के बाद मैने उसके लंड को चाट चाट कर सॉफ कर दिया. फिर मैने उस से कहा “चलो, अब फ्रेश हो जाओ. 9 बज रहे हैं.” वो मुझसे आँखे नही मिला पा रहा था. वो चुप चाप उठा और बाथरूम चला गया. मैं किचन मे चाय बनाने चली गयी. मैने अभी तक केवल टवल लपेट रखा था. राजू फ्रेश होने.
के बाद आकर सोफे पर बैठ गया. उसने रोज़ की तरह अभी तक केवल टवल ही पहना हुआ था. मैने उसको चाय लाकर दी. वो अपना सर नीचे किए हुए चुप चाप चाय पीने लगा. मैं भी उसके साथ ही साथ चाय पीने लगी. चाय ख़तम होने के बाद मैं उसके बगल मे आकर बैठ गयी. मैने अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया. वो कुच्छ नही बोला. फिर मैने उसकी टवल उपर कर दी तो उसका लंड बाहर आ गया. मैने उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया. 2 मिनट मे ही उसका लंड फिर से एक दम टाइट हो गया. वो बोला “डिंपल भाभी, आप तो मेरा लंड देखना चाहती थी और इसे देख भी चुकी हैं. प्लीज़, अब रहने दो.” मैने कहा “मैने आज तक इंते बड़े लंड से कभी नही करवाया है. मैं आज इसका मज़ा भी लेना चाहती हू. तुम्हारे भैया का तो बहुत ही छोटा है. उनका तो केवल 4 1/2″ का ही है. मुझे उस से चुदवाने मे ज़्यादा मज़ा नही आता.” वो कुच्छ नही बोला. मैने उसका टवल खीच कर फेक दिया. अब वो मेरे सामने एक दम नंगा हो गया. मैने उसके लंड को फिर से सहलाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद उसका डर कुच्छ कम हो गया तो उसने अपना एक हाथ मेरे बूब पर रख दिया. मैने कहा “देवर जी, इस तरह नही. मेरा टवल तो खोल दो.” उसने धीरे से मेरा टवल खीच कर अलग कर दिया. अब मैं भी उसके सामने एक दम नंगी हो गयी. उसने मेरे बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया.
मैं और ज़्यादा जोश मे आने लगी तो मैने उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर सटा दिया. उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने अपनी उंगली मेरी चूत मे डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. मैं एक दम बेकाबू सी होने लगी और उठ कर उसके पैरो पर बैठ गयी. उसने अपना हाथ मेरे पीठ पर फिराना शुरू कर दिया. फिर मैने उसके लंड का टोपा अपनी चूत पर रखा और दबाने लगी. मैने जैसे ही थोड़ा सा दबाया तो मेरे मूह से एक सिसकारी सी निकल पड़ी. वो बोला “क्या हुआ.” मैने कहा “तुम्हारा लंड बहुत मोटा है इस लिए दर्द हो रहा है.” मैने अपना होठ उसके होठ पर रख दिया और उसके होंठो को चूमने लगी. मैने उसके लंड को अपनी चूत से सटाये हुए थोड़ी देर तक अपने कमर को हिलाना जारी रखा. थोड़ी ही देर मे जब मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो मैने थोड़ा सा और ज़ोर लगाया. इस बार मेरे मूह से चीख निकल गयी. अब उसके लंड का टोपा मेरी चूत मे घुस चुका था. मैं उसी तरह थोड़ी देर तक रुकी रही. जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैने अपनी कमर को आगे पिछे करना शुरू कर दिया. अब उसके लंड का टोपा मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा. मेरी चूत ने उसके लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था. अभी 2 मिनट भी नही हुए थे कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मेरी चूत एक दम गीली हो गयी और उसका लंड भी एक दम भीग गया. अब किसी आयिल या क्रीम की ज़रूरत नही थी. मैने थोड़ा सा ज़ोर लगाया तो इस बार मैं बहुत ज़ोर से चीख पड़ी. उसका लंड मेरी चूत मे 2″ तक घुस गया. मैं दर्द के मारे रुक गयी और चुप चाप बैठी रही. राजू भी जोश से एक दम बेकाबू हो रहा था. उसने अचानक मेरी कमर को पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खीच लिया. मेरे मूह से एक जोरदार चीख निकल गयी तो उसने अपने होठ मेरे होंठो पर रख दिए. उसका लंड मेरी चूत मे 3″ तक घुस गया था. मेरी चूत से थोड़ा खून भी आ गया. राजू मेरी कमर को पकड़ कर धीरे धीरे आगे पिछे करने लगा. उसके होठ मेरे होंठो पर थे. 2-3 मिनट बाद मेरा दर्द कुच्छ कम हो गया. मैं अपना हाथ उसके पीठ पर लपेट कर उसके सीने से एक दम चिपक गयी और उसका साथ देना शुरू कर दिया. मेरे बदन मे आग सी लग चुकी थी. मेरी साँसे बहुत तेज होने लगी और मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया. राजू का लंड और मेरी चूत दोनो और ज़्यादा गीले हो चुके थे. उसका लंड अब 3″ तक आराम.
से मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा था. राजू मेरी कमर को पकड़े हुए मुझे तेज़ी से आगे पिछे कर रहा था. मैने जोश के मेरे अपनी आँखे बंद कर ली थी. तभी राजू ने मुझे फिर से अपनी तरफ ज़ोर से खीच लिया. मैं फिर से चिल्लाई तो उसने अपने होंठो से मेरे होंठो को सील कर दिया. मुझे लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत मे चाकू घुसेड दिया हो. उसका लंड अब तक मेरी चूत मे 5″ घुस चुका था. राजू भी बहुत जोश मे आ गया था. उसने मुझे तेज़ी से आगे पिछे करना शुरू कर दिया. मैं भी बहुत ज़्यादा जोश मे आ चुकी थी और उसका साथ दे रही थी. अभी तक राजू का लंड मेरी चूत मे केवल 5″ ही घुस पाया था. 5 मिनट भी नही बीते थे कि राजू के लंड ने अपने जूस से मेरी चूत को भरना शुरू कर दिया. उसके साथ ही साथ मेरी चूत ने भी अपना जूस छोड़ना शुरू कर दिया. लंड का सारा जूस निकल जाने के बाद भी मैं बहुत देर तक उसका लंड अपनी चूत मे डाले हुए बैठी रही. जब उसका लंड एक दम ढीला हो गया तब मैं उसके उपर से हट गयी. मैने देखा कि उसके लंड पर मेरी चूत का जूस और थोड़ा खून लगा हुआ था. उसका लंड खून और जूस की वजह से एक दम गुलाबी दिख रहा था. मैने राजू का हाथ पकड़ा और उसे बाथरूम ले गयी. मैने उसका लंड और अपनी चूत को साबुन लगा कर सॉफ किया. उसके बाद हम दोनो नंगे ही बेडरूम मे जाकर बेड पर लेट गये.
मैं उस से एक चिपकी हुई थी. वो मेरी पीठ को सहला रहा था और मैं उसके पीठ को सहला रही थी. मैने कहा “राजू, तुम्हारे लंड से चुदवा कर मुझे तो बहुत मज़ा आया. जब कि अभी मैने तुम्हारा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर नही लिया है. तुमने आज के पहले कभी किसी के साथ किया है.” वो बोला “नही, मैने आज के पहले किसी के साथ नही किया है. ये मेरा पहली बार था इसी लिए मेरा जूस बहुत जल्दी निकल गया. मुझे भी आज पहली बार ये मज़ा मिला है.” मैने कहा “मैं भी तुमसे चुदवा कर खूब मज़ा लूँगी और तुम्हे भी खूब मज़ा दूँगी.” इतने मे राजू का लंड फिर से खड़ा होने लगा था. वो बोला “डिंपल भाभी, मुझे कहते हुए शरम आ रही है. अगर तुम्हे एतराज़ ना हो तो मैं फिर से तुमको चोद दू.” मैने कहा “मैं तो तुम्हारा लंड अब अपनी चूत मे ले चुकी हू. अब कैसी शरम. तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो. मैं तो अब तुम्हारी हू.” वो बोला “क्या मैं आपकी चूत को चाट सकता हू.” मैने कहा “तुमको इज़ाज़त लेने की क्या ज़रूरत है. तुम जैसा चाहो करो. अभी तो मुझे तुम्हारा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना है.” राजू उठ कर मेरे उपर 69 की पोज़िशन मे लेट गया. उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. मैं भी जोश मे थी.
मैने उसका लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर बाद उसका लंड एक दम टाइट हो गया. वो मेरे उपर से हट गया और मेरे पैरो के बीच आ कर बैठ गया. मैने राजू से कहा “मेरी कमर के नीचे तकिया रख दो. इस से मेरी चूत उपर उठ जाएगी और तुमको चोदने मे आसानी हो जाएगी.” उसने मेरी कमर के नीचे 2 तकिये रख दिए. फिर उसने मेरी चूत के लिप्स को फैलाया और अपने लंड का टोपा बीच मे टिका दिया. उसके लंड का टोपा अपनी चूत पर महसूस करते ही मेरे सारे बदन मे सुरसुरी सी दौड़ गयी. फिर उसने मेरे पैरो को पंजे के पास से पकड़ कर दूर दूर फैला दिया. मैने राजू से कहा “राजू, तुम मेरे पैरो को मेरे कंधे के पास सटा दो. उस ने मेरे पैरो को मेरे कंधे के पास सटा दिया तो मेरी चूत और उपर उठ गयी. वो बोला ” डिंपल भाभी, तुमहरि चूत तो एक दम उपर उठ गयी.” मैने कहा “इस से तुमको अपना लंड मेरी चूत के अंदर घुसाने मे आसानी हो जाएगी और दूसरे जब तुम अपना पूरा लंड मेरी चूत मे घुसाने लगॉगे तो मुझे बहुत ज़्यादा दर्द होगा तब मैं उस दर्द की वजह से अपनी.
चूत को इधर उधर नही कर पाउन्गि और तुम आसानी से अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल कर मुझे चोद सकोगे. राजू मैं तुमसे एक बात और कहना चाहती हू.” राजू ने कहा “वो क्या.” मैने कहा “जब तुम अपना पूरा लंड मेरी चूत मे घुसाने की कोशिश करोगे तो मुझे बहुत दर्द होगा. मैं बहुत चिल्लाउन्गि और ताड़पुँगी लेकिन तुम इसकी परवाह मत करना, अपना पूरा लंड मेरी चूत मे डाल देना और खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना, रुकना मत.” राजू बोला “ठीक है, डिंपल भाभी.” फिर मैने उसके सिर को पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और उसके होंठो पर अपने होठ रख दिए और कहा “चलो, अब शुरू हो जाओ.” उसका लंड 5″ तक तो मैं एक बार पहले ही अंदर ले चुकी थी लेकिन मेरी चूत अभी तक टाइट थी. उसने मेरे पैरो को मेरे कंधे पर दबाते हुए जैसे ही एक धक्का मारा तो उसका लंड मेरी चूत के अंदर 5″ तक आसानी से चला गया. मुझे बहुत हल्का सा दर्द हुआ. मैने उसके सिर को पकड़ लिया और उसके होंठो को चूमने लगी. उसने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया. मुझे जोश आने लगा और थोड़ी देर मे ही मेरी चूत से पानी निकल गया. अब मेरी चूत एक दम गीली हो गयी और राजू का लंड भी भीग गया. अब किसी आयिल या क्रीम की ज़रूरत नही थी.
मैने राजू से कहा “अब पूरी ताक़त के साथ अपना लंड मेरी चूत मे घुसाना शुरू कर दो, अब रुकना मत. पूरा लंड मेरी चूत मे घुसा देना और उसके बाद बिना रुके ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना.” वो बोला “ठीक है, डिंपल भाभी.” राजू ने मेरी टाँगो को ज़ोर से दबाते हुए एक जोरदार धक्का मारा तो मेरी चीख निकल गयी उसका लंड मेरी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस गया. मैने पुछा “क्या हुआ. कितना घुसा है.” वो बोला “अभी तो केवल 6″ ही घुस पाया है.” मैने कहा “राजू, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैं बर्दास्त नही कर पा रही हू. तुम जल्दी से अपना पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दो. मैं तुम्हारा ये लंबा और मोटा लंड जल्दी से अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हू.” राजू ने फिर एक धक्का लगाया तो मैं दर्द के मारे तड़पने लगी और मेरे मूह से एक जोरदार चीख निकली. उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ और ज़्यादा घुस चुका था और मेरी बच्चेदानि के मूह को चूम रहा था. मैने चिल्लाते हुए ही राजू से कहा “जल्दी करो, रूको मत. डाल दो अपना पूरा लंड मेरी चूत मे.” उसने फिर से एक जोरदार धक्का मारा. मुझे इस बार दर्द बर्दास्त नही हुआ.