hotaks444
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"ओह! हां ऐसे ही! ऐसे ही करते रहो!" वो किसी तरह अपनी गान्ड को बेड पर से उछालते हुए बोली, और चूत के दाने को धीरज की जीभ के उपर दबाने लगी. धीरज चूत के दाने को चूसे जा रहा था, और उसने अब दो उंगलियाँ डॉली की पनिया रही चूत में घुसा दी थी.
"हे भगवान! बहुत मज़ा आ रहा है! ओह्ह्ह्ह! बहुत मज़ा आ रहा है! ओह हां" डॉली जो से चीखी, और अपनी दोनो टाँगें भींच ली और धीरज की जीभ को चूत के दाने से दूर कर दिया. जैसे ही वो हान्फते हुए बेड पर गिरी, धीरज ने अपने बालों को उसकी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए, फडक रही चूत में से निकल रहे पानी को चाटना शुरू कर दिया. धीरज मन ही मन सोचने लगा, ये तो बस पहला ही राउंड था.
नेक्स्ट रूम में तान्या मन ही मन मुस्कुरा रही थी, और राज उसके पास लेटे हुए करवटें बदल रहा था. शुरूवात में तो उस ने बगल के रूम से आ रही आवाज़ों पर कोई ध्यान नही दिया, लेकिन जब आवाज़ें तेज हो गयी, और वो डॉली दीदी की कराहने की आवाज़ों को सॉफ सुनने लगी, तो उसको यकीन हो गया कि धीरज उसकी ननद की चुदाई कर रहा है. उसको इस बात का पता नही था कि धीरज ये सब जान बूझ कर कर रहा है. और अंत में डॉली की आह ऊ की कराह जब एक लंबी आअहह में बदल गयी, तो राज बेड से उठकर पाजामा पहने हुए ही बाल्कनी में चला गया.
"तुम ठीक तो हो ना?" तान्या ने पूछा, और पीछे से उसकी कमर में बाहें डाल दी. तान्या ने भी बस एक ट्रॅन्स्परेंट सा गाउन पहना हुआ था.
"उन आवाज़ों को सुनकर.... उस.... शोर में कोई सो सकता है क्या? उनको कुछ तो शरम होनी चाहिए!" राज गुर्राते हुए बोला. तान्या ने आज पहली बार राज इतना ज़्यादा नाराज़ देखा था. तान्या उसको शांत करने की कोशिश करने लगी.
"मुझे लगता है, वो अब कर चुके हैं, चाहो तो अंदर बेड पर आ जाओ." तान्या ने अपने बदन को राज के बदन पर घिसते हुए कहा, तान्या सोच रही थी, हो सकता है अपनी बेहन की चुदाई की आवाज़ों से राज का भी चुदाई का मन कर रहा हो.
"अब तुम तो शुरू मत करो!" राज उस से दूर होते हुए गुस्से में बोला. “इस बीच हाउस में एक बेशरम कपल ही बहुत है." राज बेड रूम में जाकर धडाम से बेड पर लेट गया, और फिर उसने एक गहरी लंबी साँस ली.
तान्या बाल्कनी में ही रुक कर खड़ी होकर सोचने लगी, कितना अच्छा होता यदि बगल वाले रूम में धीरज के साथ वो खुद होती. तान्या तो मन ही मन डॉली के साथ में धीरज को एक साथ शेयर करने को भी तय्यार थी, बस वो भी डॉली की तरह मस्त होकर कराहना चाहती थी. तान्या ने अपने सिर को झटका और यथार्थ में आ गयी, और बेडरूम में फिर से अंदर आ गयी. बेडरूम में अंदर आते ही उसको बगल वाले रूम से बेड के चरमराने की आवाज़ सुनाई दी. हे भगवान, वो अभी भी चालू हैं. तान्या मुस्कुराइ और फिर से बाल्कनी में लौट आई.
धीरज अभी भी अपनी बीवी की चूत में से निकल रही मलाई को चाट रहा था. धीरज चूत के आस पास के सेन्सिटिव हिस्से को अपनी जीभ से चाट रहा था, और बीच बीच में चूत के खुले हुए होंठों को भी चाट लेता. जब डॉली तो थोड़ा होश आया, और उसकी साँसें संयत हुई, वो बेहद गरम हो चुकी थी, और उसकी चूत में आग लगी हुई थी.
“हे भगवान, धीरज! ये तुम क्या कर रहे हो!” डॉली चीख कर बोली, और उसने अपनी जांघें और ज़्यादा फैला दी, और फिर से उसने धीरज के बालों को पकड़ लिया. धीरज अब भी अपनी बीवी की चूत को चाटे जा रहा था, धीरज तो जिंदगी भर उसकी चूत को चाटते रहना चाहता था, फिर भी उसका मन नही भरता. फिर से चूत के दाने को उसने मूँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया, और फिर से दो उंगलियाँ चूत में अंदर घुसा दी.
जैसे ही धीरज ने चूत के दाने को चूसना शुरू किया, और दो उंगलियों को चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया, डॉली चीख कर बोली, "ओह धीरज! बहुत मज़ाआअ... आ रहा... है." जिस तरह से डॉली मचल रही थी, धीरज को चूत के दाने को मूँह में रखना मुश्किल होता जा रहा था.
"हे भगवान! हे भगवान! हे भगवान!" डॉली चीख रही थी, और उसके सारे शरीर में दौरे से पड़ रहे थे, और उसकी चूत में से निकल रहा रस धीरज की थोड़ी और उंगलियों को गीला कर रहा था. धीरज ने चूत के दाने को छोड़ कर चूत में से निकल रहे रस को चाटना शुरू कर दिया. डॉली का बदन काँप रहा था, और धीरज के चूत को अंदर बाहर चाटने से उसकी चूत फडक रही थी.
इस से पहले कि डॉली की साँस में साँस आती, धीरज ने डॉली के उपर आते हुए अपने फन्फनाते लंड को एक झटके में डॉली की चूत में पेल दिया. डॉली की नरम गीली चूत ने धीरज के लंड को अपने आगोश में भर लिया, और डॉली के हिप्स धीरज के झटकों के साथ उपर नीचे होकर ताल से ताल मिलाने लगे.
"ओह! ओह! ओह! ऑश!" डॉली की कराहों में धीरज के झटकों की तीव्रता झलक रही थी.
"हे भगवान! बहुत मज़ा आ रहा है! ओह्ह्ह्ह! बहुत मज़ा आ रहा है! ओह हां" डॉली जो से चीखी, और अपनी दोनो टाँगें भींच ली और धीरज की जीभ को चूत के दाने से दूर कर दिया. जैसे ही वो हान्फते हुए बेड पर गिरी, धीरज ने अपने बालों को उसकी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए, फडक रही चूत में से निकल रहे पानी को चाटना शुरू कर दिया. धीरज मन ही मन सोचने लगा, ये तो बस पहला ही राउंड था.
नेक्स्ट रूम में तान्या मन ही मन मुस्कुरा रही थी, और राज उसके पास लेटे हुए करवटें बदल रहा था. शुरूवात में तो उस ने बगल के रूम से आ रही आवाज़ों पर कोई ध्यान नही दिया, लेकिन जब आवाज़ें तेज हो गयी, और वो डॉली दीदी की कराहने की आवाज़ों को सॉफ सुनने लगी, तो उसको यकीन हो गया कि धीरज उसकी ननद की चुदाई कर रहा है. उसको इस बात का पता नही था कि धीरज ये सब जान बूझ कर कर रहा है. और अंत में डॉली की आह ऊ की कराह जब एक लंबी आअहह में बदल गयी, तो राज बेड से उठकर पाजामा पहने हुए ही बाल्कनी में चला गया.
"तुम ठीक तो हो ना?" तान्या ने पूछा, और पीछे से उसकी कमर में बाहें डाल दी. तान्या ने भी बस एक ट्रॅन्स्परेंट सा गाउन पहना हुआ था.
"उन आवाज़ों को सुनकर.... उस.... शोर में कोई सो सकता है क्या? उनको कुछ तो शरम होनी चाहिए!" राज गुर्राते हुए बोला. तान्या ने आज पहली बार राज इतना ज़्यादा नाराज़ देखा था. तान्या उसको शांत करने की कोशिश करने लगी.
"मुझे लगता है, वो अब कर चुके हैं, चाहो तो अंदर बेड पर आ जाओ." तान्या ने अपने बदन को राज के बदन पर घिसते हुए कहा, तान्या सोच रही थी, हो सकता है अपनी बेहन की चुदाई की आवाज़ों से राज का भी चुदाई का मन कर रहा हो.
"अब तुम तो शुरू मत करो!" राज उस से दूर होते हुए गुस्से में बोला. “इस बीच हाउस में एक बेशरम कपल ही बहुत है." राज बेड रूम में जाकर धडाम से बेड पर लेट गया, और फिर उसने एक गहरी लंबी साँस ली.
तान्या बाल्कनी में ही रुक कर खड़ी होकर सोचने लगी, कितना अच्छा होता यदि बगल वाले रूम में धीरज के साथ वो खुद होती. तान्या तो मन ही मन डॉली के साथ में धीरज को एक साथ शेयर करने को भी तय्यार थी, बस वो भी डॉली की तरह मस्त होकर कराहना चाहती थी. तान्या ने अपने सिर को झटका और यथार्थ में आ गयी, और बेडरूम में फिर से अंदर आ गयी. बेडरूम में अंदर आते ही उसको बगल वाले रूम से बेड के चरमराने की आवाज़ सुनाई दी. हे भगवान, वो अभी भी चालू हैं. तान्या मुस्कुराइ और फिर से बाल्कनी में लौट आई.
धीरज अभी भी अपनी बीवी की चूत में से निकल रही मलाई को चाट रहा था. धीरज चूत के आस पास के सेन्सिटिव हिस्से को अपनी जीभ से चाट रहा था, और बीच बीच में चूत के खुले हुए होंठों को भी चाट लेता. जब डॉली तो थोड़ा होश आया, और उसकी साँसें संयत हुई, वो बेहद गरम हो चुकी थी, और उसकी चूत में आग लगी हुई थी.
“हे भगवान, धीरज! ये तुम क्या कर रहे हो!” डॉली चीख कर बोली, और उसने अपनी जांघें और ज़्यादा फैला दी, और फिर से उसने धीरज के बालों को पकड़ लिया. धीरज अब भी अपनी बीवी की चूत को चाटे जा रहा था, धीरज तो जिंदगी भर उसकी चूत को चाटते रहना चाहता था, फिर भी उसका मन नही भरता. फिर से चूत के दाने को उसने मूँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया, और फिर से दो उंगलियाँ चूत में अंदर घुसा दी.
जैसे ही धीरज ने चूत के दाने को चूसना शुरू किया, और दो उंगलियों को चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया, डॉली चीख कर बोली, "ओह धीरज! बहुत मज़ाआअ... आ रहा... है." जिस तरह से डॉली मचल रही थी, धीरज को चूत के दाने को मूँह में रखना मुश्किल होता जा रहा था.
"हे भगवान! हे भगवान! हे भगवान!" डॉली चीख रही थी, और उसके सारे शरीर में दौरे से पड़ रहे थे, और उसकी चूत में से निकल रहा रस धीरज की थोड़ी और उंगलियों को गीला कर रहा था. धीरज ने चूत के दाने को छोड़ कर चूत में से निकल रहे रस को चाटना शुरू कर दिया. डॉली का बदन काँप रहा था, और धीरज के चूत को अंदर बाहर चाटने से उसकी चूत फडक रही थी.
इस से पहले कि डॉली की साँस में साँस आती, धीरज ने डॉली के उपर आते हुए अपने फन्फनाते लंड को एक झटके में डॉली की चूत में पेल दिया. डॉली की नरम गीली चूत ने धीरज के लंड को अपने आगोश में भर लिया, और डॉली के हिप्स धीरज के झटकों के साथ उपर नीचे होकर ताल से ताल मिलाने लगे.
"ओह! ओह! ओह! ऑश!" डॉली की कराहों में धीरज के झटकों की तीव्रता झलक रही थी.