desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
कांता और डॉली एक साथ बोलीं- तुमको कैसे पता चला था कि हम सेक्स कर रहे हैं?
मैं- बस पता चल गया किसी तरह..
कांता और डॉली- बताओ ना प्लीज़..
मैं- ओके.. इधर आओ.. चलो मेरे कमरे में..
कांता और डॉली- लो आ गए.. अब बोलो?
मैं टीवी की तरफ़ इशारा करते हुई बोला- उधर देखो..
कांता और डॉली- क्या है.. यह तो टीवी है।
मैं- हाँ लेकिन उसमें क्या चल रहा है.. वो तो देखो।
कांता और डॉली- ऊऊओह.. मतलब उस कमरे में कैमरा लगा हुआ है और उसका कनेक्शन इस कमरे में है..
मैं- हाँ..
कांता और डॉली- तो हम लोगों ने जो कुछ किया.. वो सब इसमें रेकॉर्ड हो गया होगा?
मैं- हाँ सब कुछ..
कांता और डॉली- जरा दिखाओ तो..
मैं- ओके.. ये लो..
मैंने वीडियो प्ले कर दिया।
कांता और डॉली- यह तो लग रहा है कोई लाइव इंडियन पॉर्न चल रहा है।
मैं- और तुम दोनों पॉर्न स्टार की तरह..
कांता और डॉली- हाँ लग तो रहा है।
मैंने आँख मारते हुए कहा- तो क्या अपलोड कर दूँ नेट पर? फेमस हो जाओगी..
कांता और डॉली- नहीं.. नहीं होना फेमस.. और हाँ इसको अभी डिलीट करो.. किसी को दिखना नहीं चाहिए।
मैं- ओके कर दूँगा..
कांता और डॉली- ओके.. चलो ना कुछ शॉपिंग करने चलते हैं।
मैं- हाँ चलो किसी मॉल में चलते हैं।
कांता और डॉली- ओके।
हम लोग रेडी हुए और एक मॉल में पहुँच गए और कुछ ड्रेस खरीदने के बाद लेडीज फ्लोर पर गए.. तो वहाँ बहुत सारी हॉट ड्रेस भरी पड़ी थीं.. तो मैंने उन दोनों को सजेस्ट किया.. तो दोनों ने अपने-अपने साइज़ के हिसाब से कुछ कपड़े ले लिए।
उनको ये सब इतने अधिक पसंद आए थे कि उन दोनों ने मिल कर लगभग 22 जोड़े ब्रा-पैन्टी खरीद लिए थे।
हम लोग घूमते रहे खूब मस्ती की और घर आ गए.. तो कांता ने अपने बैग से एक पैकेट निकाला.. उसमें रबर के 6 सैट लंड के थे।
मैं- ये क्यों लिए?
कांता- रात को पता चलेगा।
मैं- ओके।
उसके बाद दोनों ने सारे ड्रेस पहन कर मुझे दिखाए और जब रात हो गई तो खाना आदि खाने के बाद हम लोग रेस्ट करने लगे।
कुछ देर रेस्ट करने के बाद दोनों कपड़े उतार कर मेरे कमरे में आ गईं, मेरी जरा आँख लग गई थी.. तो दोनों ने मुझे उठाया।
मैं बोला- मेरे जिस्म में दर्द हो रहा है।
तो दोनों मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपनी चूचियों को तेल में डुबो कर मेरे बदन पर घुमाने लगीं।
मैं ये चूचियों से मसाज करना पॉर्न मूवी में देख चुका था.. लेकिन आज पहली बार मेरे साथ भी यही हो रही थी।
अब तो दोनों की चूचियों भी बड़ी और सख्त हो चुकी हैं.. मेरे मिलने से पहले छोटी-छोटी टेनिस की गेंद जैसे आकार की थीं। लेकिन मेरे मिलने के बाद तो फुटबाल सी हो गई हैं तो मसाज भी बड़ी आसानी से हो रही थी और मुझे मजा भी आ रहा था।
फिर मैं पीछे को मुड़ गया.. तो दोनों अपने हाथों और चूचियों से मेरी पीठ पर मसाज देने लगीं और मसाज के बहाने मेरे पूरे शरीर में तेल लग गया था।
दीदी ने कांता के बुरड़ों पर तेल लगाया और मेरे पीठ पर बिठा कर आगे को धकेल दिया.. तेल के कारण फिसलन होने के कारण वो सीधे मेरे सिर के पास आ कर रुकी। फिर तो दोनों इसी तरह आगे-पीछे करते हुए मेरी पीठ की मालिश करती रहीं और मैं बुरड़ों की इस मसाज का मजा लेता रहा।
कुछ देर मसाज का मजा देने के बाद दोनों सामने झुक कर गान्ड हिलने लगीं.. एक तो तेल लगने के बाद गान्ड वैसे ही खूबसूरत दिख रही थी और हिलने के बाद तो और भी कयामत लग रही थी।
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैं भी उठ गया.. दोनों में ज्यादा सेक्सी दीदी की गान्ड लग रही थी.. सो मैंने दीदी को गोद में उठाया और उसकी बुर के पास लंड सटा कर झटके मारने लगा।
तभी मैंने देखा की कांता भी रबर के लंड को पहन कर आ गई। मैं ये देख कर समझ गया कि इसका क्या इस्तेमाल होगा। मैं उसको देख कर मुस्कुरा दिया।
कांता- दीदी ने एक साथ दो लंड का मजा नहीं लिया है.. सो आज उसका मन पूरा कर देती हूँ।
मैं- हाँ कर दो।
डॉली- क्या करने वाले हो तुम दोनों?
कांता और मैं- कुछ नहीं.. बस देखती जाओ.. आगे-आगे होता है क्या?
मैं नीचे लेट गया और दीदी को अपने ऊपर लिटा लिया और बुर में लंड डाल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा।
उसकी गान्ड का छेद कांता के सामने थी.. सो कांता ने उसकी गान्ड के मुँह पर लंड रखा.. और झटका मारना चाहा.. लेकिन वो फिसल कर बाहर आ गया।
उसे अभी नकली लौड़े से गान्ड मारने का अनुभव नहीं था ना.. सो मैं रुक गया कांता के उस रबर वाले लंड को पकड़ कर दीदी की गान्ड के छेद के पास ले गया। मैंने इशारा किया और तभी कांता ने झटका मारा.. तो लंड सीधा गान्ड में घुस गया.. रबर का ये लौड़ा मेरे लौड़े से बहुत पतला लंड था। तब भी दीदी की आह्ह.. निकल गई।
अब हम दोनों साथ झटके मारने लगे और दीदी भी 2 लंड एक साथ ले कर मजे ले रही थी।
कुछ देर ऐसे चुदाई करने के बाद मैं दीदी की दोनों टाँगों के बीच आ गया और दोनों टाँगों को कंधे पर रख कर झटके मारने लगा।
फिर कुछ देर बाद मैंने दीदी को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट गया लंड को बुर में पेल कर दीदी को चुम्बन करने लगा।
तभी कांता मेरे बुरड़ों पर फिर से तेल लगाने लगी और लगाते-लगाते ही वो मेरी गान्ड में उंगली घुसेड़ने लगी.. तो मैं उसको हटाने लगा।
तो दीदी ने मुझे पकड़ लिया और कांता अपना रबर वाला लंड मेरी गान्ड में डालने लगी.. वो पेन जितना पतला था। उसने पूरा अन्दर डाल दिया और मेरे ऊपर लेट गई.. तो मैंने उसको हटा दिया।
अब मैंने दीदी को छोड़ कर कांता को उल्टा किया और उसकी गान्ड के छेद पर अपना लंड लगा कर एक ही झटके में पूरा गान्ड की जड़ तक अन्दर पेल दिया.. और जोरदार झटका मारने लगा।
कांता कराह उठी..
गान्ड चुदाई के बीच-बीच में मैं उसके बुरड़ों पर भी चपत मारने लगा। कुछ देर बाद बुरड़ों को छोड़ कर उसकी चूचियों को मसलने लगा और पीछे से गान्ड में झटके मारता रहा। मैंने कांता को तब तक नहीं छोड़ा.. जब तक मैं झड़ नहीं गया और झड़ कर हम तीनों बिस्तर पर एक साथ लेट गए।
डॉली- क्या बात है आज कांता की जबरदस्त चुदाई हो गई।
कांता- आप को भी तो आज मजा आया होगा.. एक साथ दो लंड लिए हैं।
डॉली- हाँ बहुत मजा आया।
मैं- कांता को तो एक साथ दो लंड खाने का अच्छा ख़ासा अनुभव है।
डॉली- क्या सच में?
मैं- उसी से पूछ लो.. बताओ कांता।
कांता- हाँ..
डॉली- कब और किसके साथ?
तो मैंने और कांता ने मिल कर पूरी कहानी बता दी..
कांता- दीदी आप भी लेना चाहोगी क्या?
डॉली- नहीं बाबा..
कांता- ओ के!
डॉली- और तुम भी छोड़ दो.. घर में रहने तक ये सब ठीक है.. लेकिन घर से बाहर नहीं लेना.. कल को किसी को पता चल गया.. तो बदनामी होगी।
कांता- नहीं पता चलेगा..
डॉली- क्यों नहीं पता चलेगा? कहीं उससे झगड़ा हुआ और उसने सबको बता दिया तो?
कांता- नहीं ना बताएगा..
डॉली- क्यों नहीं बताएगा।
कांता- क्योंकि राजा उसकी दोनों बहनों को चोद चुका है।
डॉली- क्या सच में?
कांता- उसी से पूछ लो.. बताओ राजा..
मैं- हाँ दीदी।
डॉली- अरे ये लंड है कि क्या है.. किसी को नहीं छोड़ा है क्या?
मैं- क्या करूँ.. मैं तो सम्भल जाऊँगा.. लेकिन ये लंड है कि मानता ही नहीं है। जो मुझे पसंद आ जाती है.. यह लंड अपना रास्ता खुद ही ढूँढ लेता है।
कांता- अब तक कोई ऐसी लड़की है.. जिसके पीछे तू पड़ा हो.. लेकिन वो नहीं पटी हो तुमसे?
मैं- बस पता चल गया किसी तरह..
कांता और डॉली- बताओ ना प्लीज़..
मैं- ओके.. इधर आओ.. चलो मेरे कमरे में..
कांता और डॉली- लो आ गए.. अब बोलो?
मैं टीवी की तरफ़ इशारा करते हुई बोला- उधर देखो..
कांता और डॉली- क्या है.. यह तो टीवी है।
मैं- हाँ लेकिन उसमें क्या चल रहा है.. वो तो देखो।
कांता और डॉली- ऊऊओह.. मतलब उस कमरे में कैमरा लगा हुआ है और उसका कनेक्शन इस कमरे में है..
मैं- हाँ..
कांता और डॉली- तो हम लोगों ने जो कुछ किया.. वो सब इसमें रेकॉर्ड हो गया होगा?
मैं- हाँ सब कुछ..
कांता और डॉली- जरा दिखाओ तो..
मैं- ओके.. ये लो..
मैंने वीडियो प्ले कर दिया।
कांता और डॉली- यह तो लग रहा है कोई लाइव इंडियन पॉर्न चल रहा है।
मैं- और तुम दोनों पॉर्न स्टार की तरह..
कांता और डॉली- हाँ लग तो रहा है।
मैंने आँख मारते हुए कहा- तो क्या अपलोड कर दूँ नेट पर? फेमस हो जाओगी..
कांता और डॉली- नहीं.. नहीं होना फेमस.. और हाँ इसको अभी डिलीट करो.. किसी को दिखना नहीं चाहिए।
मैं- ओके कर दूँगा..
कांता और डॉली- ओके.. चलो ना कुछ शॉपिंग करने चलते हैं।
मैं- हाँ चलो किसी मॉल में चलते हैं।
कांता और डॉली- ओके।
हम लोग रेडी हुए और एक मॉल में पहुँच गए और कुछ ड्रेस खरीदने के बाद लेडीज फ्लोर पर गए.. तो वहाँ बहुत सारी हॉट ड्रेस भरी पड़ी थीं.. तो मैंने उन दोनों को सजेस्ट किया.. तो दोनों ने अपने-अपने साइज़ के हिसाब से कुछ कपड़े ले लिए।
उनको ये सब इतने अधिक पसंद आए थे कि उन दोनों ने मिल कर लगभग 22 जोड़े ब्रा-पैन्टी खरीद लिए थे।
हम लोग घूमते रहे खूब मस्ती की और घर आ गए.. तो कांता ने अपने बैग से एक पैकेट निकाला.. उसमें रबर के 6 सैट लंड के थे।
मैं- ये क्यों लिए?
कांता- रात को पता चलेगा।
मैं- ओके।
उसके बाद दोनों ने सारे ड्रेस पहन कर मुझे दिखाए और जब रात हो गई तो खाना आदि खाने के बाद हम लोग रेस्ट करने लगे।
कुछ देर रेस्ट करने के बाद दोनों कपड़े उतार कर मेरे कमरे में आ गईं, मेरी जरा आँख लग गई थी.. तो दोनों ने मुझे उठाया।
मैं बोला- मेरे जिस्म में दर्द हो रहा है।
तो दोनों मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपनी चूचियों को तेल में डुबो कर मेरे बदन पर घुमाने लगीं।
मैं ये चूचियों से मसाज करना पॉर्न मूवी में देख चुका था.. लेकिन आज पहली बार मेरे साथ भी यही हो रही थी।
अब तो दोनों की चूचियों भी बड़ी और सख्त हो चुकी हैं.. मेरे मिलने से पहले छोटी-छोटी टेनिस की गेंद जैसे आकार की थीं। लेकिन मेरे मिलने के बाद तो फुटबाल सी हो गई हैं तो मसाज भी बड़ी आसानी से हो रही थी और मुझे मजा भी आ रहा था।
फिर मैं पीछे को मुड़ गया.. तो दोनों अपने हाथों और चूचियों से मेरी पीठ पर मसाज देने लगीं और मसाज के बहाने मेरे पूरे शरीर में तेल लग गया था।
दीदी ने कांता के बुरड़ों पर तेल लगाया और मेरे पीठ पर बिठा कर आगे को धकेल दिया.. तेल के कारण फिसलन होने के कारण वो सीधे मेरे सिर के पास आ कर रुकी। फिर तो दोनों इसी तरह आगे-पीछे करते हुए मेरी पीठ की मालिश करती रहीं और मैं बुरड़ों की इस मसाज का मजा लेता रहा।
कुछ देर मसाज का मजा देने के बाद दोनों सामने झुक कर गान्ड हिलने लगीं.. एक तो तेल लगने के बाद गान्ड वैसे ही खूबसूरत दिख रही थी और हिलने के बाद तो और भी कयामत लग रही थी।
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैं भी उठ गया.. दोनों में ज्यादा सेक्सी दीदी की गान्ड लग रही थी.. सो मैंने दीदी को गोद में उठाया और उसकी बुर के पास लंड सटा कर झटके मारने लगा।
तभी मैंने देखा की कांता भी रबर के लंड को पहन कर आ गई। मैं ये देख कर समझ गया कि इसका क्या इस्तेमाल होगा। मैं उसको देख कर मुस्कुरा दिया।
कांता- दीदी ने एक साथ दो लंड का मजा नहीं लिया है.. सो आज उसका मन पूरा कर देती हूँ।
मैं- हाँ कर दो।
डॉली- क्या करने वाले हो तुम दोनों?
कांता और मैं- कुछ नहीं.. बस देखती जाओ.. आगे-आगे होता है क्या?
मैं नीचे लेट गया और दीदी को अपने ऊपर लिटा लिया और बुर में लंड डाल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा।
उसकी गान्ड का छेद कांता के सामने थी.. सो कांता ने उसकी गान्ड के मुँह पर लंड रखा.. और झटका मारना चाहा.. लेकिन वो फिसल कर बाहर आ गया।
उसे अभी नकली लौड़े से गान्ड मारने का अनुभव नहीं था ना.. सो मैं रुक गया कांता के उस रबर वाले लंड को पकड़ कर दीदी की गान्ड के छेद के पास ले गया। मैंने इशारा किया और तभी कांता ने झटका मारा.. तो लंड सीधा गान्ड में घुस गया.. रबर का ये लौड़ा मेरे लौड़े से बहुत पतला लंड था। तब भी दीदी की आह्ह.. निकल गई।
अब हम दोनों साथ झटके मारने लगे और दीदी भी 2 लंड एक साथ ले कर मजे ले रही थी।
कुछ देर ऐसे चुदाई करने के बाद मैं दीदी की दोनों टाँगों के बीच आ गया और दोनों टाँगों को कंधे पर रख कर झटके मारने लगा।
फिर कुछ देर बाद मैंने दीदी को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट गया लंड को बुर में पेल कर दीदी को चुम्बन करने लगा।
तभी कांता मेरे बुरड़ों पर फिर से तेल लगाने लगी और लगाते-लगाते ही वो मेरी गान्ड में उंगली घुसेड़ने लगी.. तो मैं उसको हटाने लगा।
तो दीदी ने मुझे पकड़ लिया और कांता अपना रबर वाला लंड मेरी गान्ड में डालने लगी.. वो पेन जितना पतला था। उसने पूरा अन्दर डाल दिया और मेरे ऊपर लेट गई.. तो मैंने उसको हटा दिया।
अब मैंने दीदी को छोड़ कर कांता को उल्टा किया और उसकी गान्ड के छेद पर अपना लंड लगा कर एक ही झटके में पूरा गान्ड की जड़ तक अन्दर पेल दिया.. और जोरदार झटका मारने लगा।
कांता कराह उठी..
गान्ड चुदाई के बीच-बीच में मैं उसके बुरड़ों पर भी चपत मारने लगा। कुछ देर बाद बुरड़ों को छोड़ कर उसकी चूचियों को मसलने लगा और पीछे से गान्ड में झटके मारता रहा। मैंने कांता को तब तक नहीं छोड़ा.. जब तक मैं झड़ नहीं गया और झड़ कर हम तीनों बिस्तर पर एक साथ लेट गए।
डॉली- क्या बात है आज कांता की जबरदस्त चुदाई हो गई।
कांता- आप को भी तो आज मजा आया होगा.. एक साथ दो लंड लिए हैं।
डॉली- हाँ बहुत मजा आया।
मैं- कांता को तो एक साथ दो लंड खाने का अच्छा ख़ासा अनुभव है।
डॉली- क्या सच में?
मैं- उसी से पूछ लो.. बताओ कांता।
कांता- हाँ..
डॉली- कब और किसके साथ?
तो मैंने और कांता ने मिल कर पूरी कहानी बता दी..
कांता- दीदी आप भी लेना चाहोगी क्या?
डॉली- नहीं बाबा..
कांता- ओ के!
डॉली- और तुम भी छोड़ दो.. घर में रहने तक ये सब ठीक है.. लेकिन घर से बाहर नहीं लेना.. कल को किसी को पता चल गया.. तो बदनामी होगी।
कांता- नहीं पता चलेगा..
डॉली- क्यों नहीं पता चलेगा? कहीं उससे झगड़ा हुआ और उसने सबको बता दिया तो?
कांता- नहीं ना बताएगा..
डॉली- क्यों नहीं बताएगा।
कांता- क्योंकि राजा उसकी दोनों बहनों को चोद चुका है।
डॉली- क्या सच में?
कांता- उसी से पूछ लो.. बताओ राजा..
मैं- हाँ दीदी।
डॉली- अरे ये लंड है कि क्या है.. किसी को नहीं छोड़ा है क्या?
मैं- क्या करूँ.. मैं तो सम्भल जाऊँगा.. लेकिन ये लंड है कि मानता ही नहीं है। जो मुझे पसंद आ जाती है.. यह लंड अपना रास्ता खुद ही ढूँढ लेता है।
कांता- अब तक कोई ऐसी लड़की है.. जिसके पीछे तू पड़ा हो.. लेकिन वो नहीं पटी हो तुमसे?