Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ - Page 6 - SexBaba
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Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ



मैं अब उनकी गान्ड से बुर तक जीभ फिरा रहा था। कुछ देर मेरा लण्ड चूसने के बाद आंटी बोलीं- अपने लंबे और मोटे लण्ड से मेरी बुर की प्यास बुझाओ न..
कह कर वे सीधी लेट गईं, मैं आंटी की टाँगों के बीच में आ गया।
आंटी ने ड्रेसिंग टेबल से कोई क्रीम का डिब्बा उठाया और मेरे पूरे लण्ड पर लगाया.. फिर अपनी बुर पर भी क्रीम को लगाया।
मैंने अपने लण्ड को एक हाथ से पकड़ा और अपना लण्ड उनकी शेव की हुई बुर के लाल सुराख पर रख दिया।
थोड़ी देर मैंने लण्ड को ऊपर-नीचे रगड़ा.. उनके दाने को लण्ड के सुपारे से सहलाया।
आंटी बोलीं- राजाबाबू.. मत तड़पाओ अब..
आंटी ने मेरी कमर अपनी टाँगों से जकड़ ली, फिर आंटी अपनी गान्ड ऊपर करके मेरा लण्ड अपनी बुर में लेने की क़ोशिश करने लगीं।
मेरा लण्ड आंटी के थूक से और क्रीम से तर था और आंटी की बुर भी पानी छोड़ रही थी। मैंने सांस खींच कर एक ज़ोरदार शॉट मारा.. तो मेरा पूरा लण्ड उनकी बुर में बुर के गीले मुँह को ज़बरदस्ती फैलाते हुए अन्दर फिट हो गया।
आंटी दर्द से मरी जा रही थीं.. पर वो अपने होंठ भींच कर अपना दर्द बर्दाश्त कर रही थीं।
दर्द ज्यादा नहीं हो रहा था क्योंकि पहले भी मैं चोद चुका था लेकिन दो साल में इतनी चुदाई करने के बाद मेरे लण्ड में भी बहुत चेंज आया था।
फिर मैंने अपना लण्ड आधा करीब बाहर निकाल कर एक और ज़ोर का धक्का लगा दिया। इस बार तो आंटी दर्द से चीख पड़ीं- ऊहह.. राजाबाबू.. तुम्हारा तो बहुत ज़्यादा बड़ा है.. प्लीज़ धीरे-धीरे अपना लण्ड अपनी मुन्नी की बुर में पेलो.. आअहह.. मेरी बुर बहुत फैल गई है.. दर्द हो रहा है.. तेरा बहुत मोटा है.. धीरेए..करो.. आह्ह..
फिर मैं कुछ देर रुक कर उनको किस करता रहा और नीचे से धक्के भी लगाता रहा।
मेरे दोनों हाथ जो खाली थे.. अब मुन्नी आंटी की बड़ी-बड़ी चूचियाँ मसल रहे थे।
कुछ देर बाद आंटी का दर्द कम हुआ.. तो आंटी बोलीं- अब देखूं तुम्हारे लण्ड में कितना दम है..
मैंने जोश में आकर पूरा लण्ड बाहर करके पूरी ताक़त से अपना पूरा मूसल लण्ड उनकी बुर में पेल दिया और बोला- तो फिर देखो मेरे लण्ड में कितना दम है..
मैं धक्के पर धक्के लगा रहा था।
दर्द से चिल्लाते हुए आंटी सीत्कार कर रही थीं- आह्ह.. मारो मारो और जोश से चोदो.. अपनी मुन्नी आंटी की बुर को.. तुम्हारा लण्ड मेरी बुर की ज़ड़ तक ठोक रहा है.. वाह.. मेरे सैंया.. आज मेरी बुर को मिला है असली लण्ड.. चोदो मेरे राजा.. फाड़ दो मेरी बुर को।
मैं उनकी कसी हुई बुर देख कर सोचने लगा कि क्या साली बुर थी आंटी की।
आंटी ज़ोर-ज़ोर से उचकने लगीं.. मैं भी उसी रफ़्तार से कमर हिलाने लगा।
‘ओह राजाबाबू.. तुम तो बहुत अच्छा चोद रहे हो.. किसी एक्सपर्ट के समान चोद रहे हो..’
मैं उनकी चूचियाँ चूसे जा रहा था।
ओह क्या मस्त सुगंध आ रही थी.. हम दोनों के जूस की।
करीब 25-30 धक्कों के बाद आंटी बोलीं- राजाबाबू मैं झड़ने वाली हूँ और तेज मारो मेरी बुर.. आह.. हाँ इसी तरह.. हाँ हाँ और ज़ोर से.. बहुत अच्छे.. ऐसे ही।
यह बोलते हुई वो झड़ने लगीं और मैं बिना रुके उनकी बुर फाड़ता रहा।
कुछ धक्कों के बाद आंटी बोलीं- राजाबाबू रूको।
मैंने पूछा- क्यूँ क्या हुआ?
तो वो बोलीं- तुम्हारा लण्ड बहुत शानदार है.. पता नहीं फिर कब इससे अपनी बुर चुदवा पाऊं.. आज मैं तुम्हारा लण्ड अपनी गान्ड में भी महसूस करना चाहती हूँ.. क्या तुम मेरी गान्ड मारना पसंद करोगे?

मैंने कहा- नेकी और पूछ-पूछ..
देर किस बात की.. वैसे भी मैं पिछली बार गान्ड नहीं मार पाया था.. तो इस बात का मुझे बहुत अफ़सोस हुआ था।
मैंने जैसे ही उनकी बुर से अपना लण्ड निकाला.. तो उनकी बुर में से पानी निकलने लगा।
मैंने आंटी को घोड़ी बनने को कहा.. तो वो बोलीं- मैं खड़ी हो कर नीचे झुक जाती हूँ.. इस तरह से ज्यादा मज़ा आएगा।
फिर वो इसी पोज़िशन में खड़ी हो गईं.. मैंने जब पीछे से उनकी गान्ड देखी.. तो क्या बताऊँ.. क्या शेप निकल कर गान्ड बाहर आ रही थी.. मैं तो पागल सा हो गया।
मैं जल्दी से उनकी गान्ड के छेद में अपना लण्ड डालने लगा.. पर छेद छोटा होने के कारण लण्ड गान्ड में नहीं जा पा रहा था।
लण्ड कभी फिसल कर ऊपर तो कभी बुर में घुस जाता।
फिर मैंने आंटी की ड्रेसिंग टेबल से तेल ला कर उनकी गान्ड पर और अपने लण्ड पर ठीक से लगा लिया।
आंटी बोलीं- राजाबाबू अब देर मत करो.. अगर कोई आ गया.. तो मेरी तमन्ना पूरी नहीं हो पाएगी।
मैंने बिना देर किए अपना लण्ड आंटी की गान्ड पर लगा दिया, पूछा- लगता है आपने कभी गान्ड नहीं मरवाई है?
वो बोली- हाँ आज पहली बार है.. तुम्हारा लण्ड ही इतना लंबा और मोटा है कि मैं इसको अपनी गान्ड गिफ्ट में देना चाहती हूँ.. प्लीज़ राजाबाबू अब देर ना करो।
फिर मैंने अपने दोनों हाथ आंटी के पेट के आगे लाकर कमर को दोनों हाथों से जकड़ लिया और एक ज़ोर का धक्का मारा, मेरा 2 इंच लण्ड उनकी गान्ड में घुस गया।
वो ज़ोर से चीख पड़ीं- आई नहीं.. राजाबाबू मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा.. तुम्हारा लण्ड.. मैं तुम्हें अपनी गान्ड गिफ्ट नहीं कर सकती.. प्लीज़ बाहर निकालो अपना लण्ड..
मैं बोला- ठीक है हिलना नहीं.. नहीं तो और दर्द होगा। मैं अपना लण्ड बाहर निकालता हूँ।
मैं धीरे से लण्ड निकलते हुए बोला- आंटी आप मुझे अपनी गान्ड गिफ्ट में दो या ना दो.. पर मैं यह गिफ्ट लेकर ही रहूँगा।
मैंने एक और जोरदार धक्का उनकी गान्ड में मार कर अपना आधे से ज़्यादा लण्ड अन्दर कर दिया।
अब वो दर्द से रोने लगीं।
मैं बोला- प्लीज़ आंटी रोईए नहीं..
मैं थोड़ा और झुक कर उनकी चूचियाँ सहलाते हुए बोला- जैसे पहली बार बुर मरवाने में दर्द होता है.. उसी तरह गान्ड मरवाने में भी दर्द होता है।
आंटी बोलीं- मैं जानती हूँ.. पर इतना दर्द होगा.. यह सोचा नहीं था.. ठीक है तुम आऐईयईई.. अपना गिफ्ट ले लो.. जो होगा देखा जाएगा।
मैं धीरे-धीरे आंटी की गान्ड में अपना लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा।
कुछ देर बाद आंटी अपने बुरड़ पीछे को ढकलने लगीं.. मैं समझ गया।
मैं आंटी की गान्ड से पूरा लण्ड निकाल-निकाल कर उनकी गान्ड मारने लगा।
वो हर धक्के में ‘उईई..’ कर रही थीं।
वो बोलीं- राजाबाबू तुम्हारे लण्ड का जबाव नहीं.. कोई भी लड़की या औरत तुम्हारे लण्ड से चुदवाने के लिए कुछ भी कर जाएगी.. अगर उसको पता चल जाए कि तुम्हारे पास इतना लाज़बाव लण्ड है।
मेरा लण्ड अपनी तारीफ सुनकर पूरे जोश में गान्ड की पेलाई कर रहा था और आंटी हर धक्के में सीत्कार कर रही थीं।
काफी देर तक गान्ड मारने के बाद मेरा लण्ड और टाइट हो गया.. ज़्यादा फूल गया तब मैंने अपनी स्पीड फुल कर दी। आंटी अब मेरे धक्के नहीं झेल पा रहा थीं और ‘मर गई..’ चिल्ला रही थीं।
मैं बोला- आंटी मैं झड़ने वाला हूँ.. क्या तुम्हारी गान्ड में ही झड़ जाऊँ?
वो बोलीं- हाँ.. एक बूँद भी बाहर वेस्ट नहीं करना।
तब तक मैं अपनी चरम सीमा पर आ गया था, मैंने आंटी की कमर में हाथ डाल कर एक जोरदार धक्के से अपना पूरा लण्ड उनकी गान्ड की गहराइयों में ठेल कर अपना मक्खन निकालने लगा, जिसको निकलते हुई आंटी अपनी गान्ड में महसूस कर रही थीं।
जब मैंने पूरी तरह से झड़ कर अपना लण्ड उनकी गान्ड से निकाला.. तो उनकी गान्ड.. गान्ड ना हो कर लाल रंग के बड़े से छेद में बदल चुकी थी।
मैंने आंटी को उनकी गान्ड शीशे में देखने को कही.. वो झुके हुए अपनी गान्ड शीशे में देख कर दंग हो गईं.. और बोलीं- क्या यह मेरी गान्ड है?
मैं बोला- हाँ मेरी जान।
कुछ देर आराम करने के बाद मैं बोला- मुझे भूख लगी हुई है.. कुछ नाश्ता बनाओ ना..
तो वो उठ कर कपड़े पहनने लगीं.. तो मैं बोला- अब जब तक वो लोग नहीं आते.. क्यों ना हम बिना कपड़ों के ही रहें?
थोड़ी नानुकर के बाद वो मान गईं.. और उठ कर नंगी ही जाने लगीं।
कुछ देर बाद उन्होंने नाश्ता बनाया और मुझे आवाज़ दी.. तो मैं टेबल पर जाकर बैठ गया।
वो हम दोनों के लिए अलग-अलग प्लेट में लेकर आई थीं.. तो मैं बोला- आज हम दोनों एक ही प्लेट में खाते हैं।
वो मुस्कुरा उठीं और उनको अपनी गोद में बिठा लिया.. हम दोनों नाश्ता करने लगे और एक-दूसरे को शेयर भी रहे थे।
जैसे कभी मैं उसकी चूचियों को पकड़ता.. तो कभी गान्ड दबा देता था.. तो कभी किस कर लेता था।
इसी तरह हम लोगों की एक दूसरे के साथ मस्ती चल रही थी.. तो मैं बोला- चलो ना यार कोई मूवी देखने चलते हैं या कहीं घूमने चलते हैं।
तो वो बोलीं- नहीं.. चलो आज बाहर डिनर करते हैं।
हम दोनों एक रेस्टोरेंट में जा कर डिनर करने लगे।
जब लौटे तो उस वक्त बारिश हो रही थी.. तो हम लोगों ने बारिश में भीगते हुए सेक्स किया..
 
कमीना भाई और ताज़ा माल बहनें

रोहन लगभग तेईस साल का दिखने में अच्छी बॉडी वाला लड़का है, शादी नहीं हुई थी अभी।
परिवार में रोहन के अलावा उसके मम्मी पापा और दो बहनें एक उन्नीस साल की एक इक्कीस साल की… कहने का मतलब ये कि एकदम फ्रेश ताज़ा माल थी दोनों की दोनों। छोटी का नाम पायल और बड़ी का नाम सोनम, दोनों का ही फिगर मस्त, गोरा चिट्टा रंग, गोल गोल संतरे के आकार की चूचियाँ मस्त पतली कमर चिकना पेट और एकदम कयामत गांड।
पायल दिखने में सोनम से ज्यादा खूबसूरत थी पर सोनम भी कुछ कम नहीं थी, कॉलोनी के लगभग सभी लड़के उन दोनों बहनों को देख कर आहें भरते थे।
रोहन के पापा बिज़नस में व्यस्त थे और अक्सर बाहर जाते रहते थे। कभी कभी तो रोहन की मम्मी को भी साथ ही ले जाते थे।
ऐसे में घर की सारी जिम्मेदारी रोहन पर ही थी।
इन जिम्मेदारियों में भी रोहन अपनी सेक्सी बहनों को देख कर अपने अरमानों को दबा नहीं पा रहा था।
रोहन की पहली पसंद रिश्तों में चुदाई वाली कहानियाँ थी और उनमे भी सबसे ज्यादा पसंद थी भाई बहन की चुदाई वाली कहानियाँ। आरएसएस पर भाई बहन की चुदाई की कहानियाँ पढ़ता और फिर अपनी बहनों को याद करकर के मुठ मारता।
यहीं से उसके मन में अपनी बहनों को चोदने की तमन्ना पनपने लगी थी।
पर वो क्या कर सकता था, कहानियाँ पढ़ पढ़ के वो बहनों को पटाने के तरीके खोजता रहता।
पर उसकी उन तरीकों को अपनी बहनों पर अजमाने में फट जाती!
डर ऐसी ही चीज़ होती है यार!
आखिर में जब कण्ट्रोल करना उसके लिए मुश्किल हो गया तो उसने सबसे पहले पायल को पटाने का सोचा।
मोबाइल इसके लिए सबसे अच्छा तरीका था।
सबसे पहले उसने एक प्लान बनाया कि वो पायल को भाई बहन की चुदाई वाली कहानियाँ पढ़ने को देगा।
पर कैसे???
बहुत सोचने के बाद उसने एक दोस्त की आईडी पर एक मोबाइल सिम लिया और whatsapp पर अपनी बहन के नंबर पर भाई बहन की चुदाई की चार पांच कहानियाँ भेज दी।
उस समय पायल रोहन के पास ही बैठी हुई थी, अनजान नंबर से आये मैसज को देख कर उसने चेक किया तो उसमें रोहन की भेजी हुई सेक्स कहानी थी।
पायल ने रोहन के पास बैठे बैठे ही थोड़ी सी पढ़ी तो वो शर्म से लाल हो गई, उसने मोबाइल बंद किया और उठ कर अपने कमरे में चली गई।
रोहन जानता था कि पायल वो कहानी जरूर पढ़ेगी, उसने चेक करने के लिए पायल के कमरे के दरवाजे के पास जाकर देखा तो पायल सच में मोबाइल पर वो कहानियाँ पढ़ रही थी और उसकी आँखें वासना की लाली से भर गई थी।
रोहन को अपनी चाल कामयाब होती नजर आ रही थी।
पायल कहानियाँ पढ़ती रही और रोहन छुप कर उसको देखता रहा। पायल कहानियाँ पढ़ते पढ़ते गर्म होने लगी थी तभी तो उसका हाथ अपनी स्कर्ट के अन्दर जा चुका था और वो अपने हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी।
एक बार तो रोहन के मन में आया कि लोहा गर्म है, मार दे हथोड़ा…
पर जल्दबाजी घातक हो सकती थी, उसने सब्र करना ठीक समझा।
थोड़ी देर बाद उसने हैलो का मैसेज पायल के नंबर पर भेजा तो थोड़ी देर बाद पायल का भी मैसेज आया- हू आर यू?
रोहन कुछ देर सोचता रहा फिर उसने भी मैसज किया- मैं आपका दीवाना हूँ। जब भी आपको देखता हूँ आपको अपनी बाहों में भरने को जी चाहता है और आपको चूमने को जी चाहता है और आपके साथ एक बार चुदाई करने का जी चाहता है।
जवाब आया- बकवास बंद करो, जब मैं आपको जानती ही नहीं तो आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझे ऐसे मैसज करने की। अगर दुबारा ऐसा मैसज किया तो मैं अपने भाई को बोल दूंगी।
रोहन- हा हा हा… वैसे तुम्हें कहानियाँ कैसी लगी?
पायल का कोई जवाब नहीं आया।
रोहन ने दुबारा फिर मैसज किया कि अगर पायल और कहानियाँ पढ़ना चाहे तो वो उसे और भेज देगा।
पायल का फिर कोई जवाब नहीं आया।
रोहन ने एक और कहानी पायल के नंबर पर भेज दी।
पायल ने फिर से कहानी पढ़नी शुरू कर दी।
इस बार रोहन ने देखा की पायल ने अपनी पेंटी उतार दी और स्कर्ट को भी ऊपर कर लिया और कहानी पढ़ते पढ़ते एक ऊँगली अपनी चूत में डाल कर हिलानी शुरू कर दी।
रोहन ने चुपचाप से उसकी ऐसा करते हुए की वीडियो बना ली।
अगले दो दिन तक रोहन ने कोई मैसज नहीं भेजा।
तीसरे दिन रोहन के पास पायल का हैलो का मैसज आया।
रोहन का दिल जोर जोर से धड़कने लगा, उसने हिम्मत करके हैल्लो का जवाब दिया।
पायल का मैसज आया कि अगर उसके पास और कहानियाँ है तो वो उसे भेज दे।
रोहन ने पूछा कि क्या उसे वो कहानियाँ पसंद आई तो पायल ने हाँ में जवाब दिया साथ ही पूछा कि क्या वो सारी कहानियाँ सच हैं?
रोहन ने हाँ बोला तो पायल पूछने लगी कि कोई लड़की कैसे अपने सगे या कजिन भाई से ऐसे सेक्स कर सकती है।
रोहन ने झूठ बोलते हुए लिख दिया कि वो भी अपनी सगी बहन के साथ सेक्स करता है क्यूंकि यह बिल्कुल सेफ है, ना तो बाहर मुँह मारने की जरूरत और घर की इज्जत घर में ही रह जाती है।
पायल ने जवाब में कमीना लिखा।
तो रोहन ने बदले में पूछ लिया कि क्या कहानियाँ पढ़ कर पायल का मन नहीं किया कि वो भी अपने भाई के साथ चुदाई के मज़े ले।
पायल ने मना कर दिया और बोली कि उसे सेक्स में कोई रूचि नहीं है।
रोहन ने पूछा कि अगर रूचि नहीं है तो वो और कहानियाँ क्यों मांग रही है।
तो पायल ने जवाब दिया कि सिर्फ टाइमपास के लिए।
 
रोहन भी अब कमीनेपन पर आ गया था, वो चुपचाप पायल के पास जाकर बैठ गया और उसने पायल से पूछ लिया कि क्या पायल ने कभी अपने भाई का लंड देखा है?
मैसज पढ़ते ही पायल ने रोहन की तरफ देखा और फिर जवाब लिख दिया कि ‘नहीं उसने नहीं देखा है।’
रोहन ने पूछा कि क्या पायल का दिल करता है अपने भाई का लंड देखने का?
तो पायल ने मना कर दिया।
रोहन पायल के पास बैठा हुआ पायल के चेहरे के हावभाव पढने की कोशिश कर रहा था।
स्पष्ट था कि पायल मैसज पढ़ कर गर्म हो रही थी और बार बार रोहन की तरफ और रोहन की बरमूडा में बने तम्बू की तरफ देख रही थी।
पायल नहीं जानती थी की खुद उसका भाई उसके पास बैठ कर ये कमीनापन कर रहा था।
रोहन ने फिर से एक मैसज किया कि अगर उसका भाई उसको चोदना चाहे तो क्या वो उसको चोदने देगी?
पायल ने दो तीन गालियाँ लिख कर वापिस भेजी और मोबाइल से नेट बंद कर दिया।
मोबाइल बंद होते ही रोहन उठ कर पायल के बिल्कुल पास बैठ गया और पायल के बदन के साथ सटते हुए उसको अपने फ़ोन में एक फनी विडियो क्लिप दिखाने लगा।
पर उसने गौर किया की पायल का ध्यान मोबाइल पर कम रोहन के टावर पर ज्यादा है।
उसने बेशर्मी से पायल के सामने ही अपने लंड को पकड़ कर नीचे दबाया जैसे तो उसको सेट करने की कोशिश कर रहा हो।
रोहन का लंड कम से कम सात इंच का लम्बा और लगभग अढाई इंच का मोटा था। बरमूडा में तम्बू बना हुआ साफ़ नजर आ रहा था।
रोहन ने जब अपने लंड को मसला तो पायल ने एकदम से अपनी नजरे दूसरी तरफ घुमा ली और उठ कर अपने कमरे की तरफ तेज कदमों से चली गई।
रोहन की लगाईं हुई आग अब भड़कने लगी थी।
पायल के जाने के कुछ देर बाद रोहन उठ कर पायल के कमरे की तरफ गया तो दरवाजा अन्दर से बंद था। पर रोहन जानता था कि कहाँ से पायल के कमरे के अन्दर झाँका जा सकता है।
वो जल्दी से वहाँ पहुंचा तो रोहन की आशा के अनुरूप पायल अपनी चूत ऊँगली से रगड़ रही थी।
घर में अगर बाकी लोग ना होते तो शायद रोहन उसी समय पायल को चोदने उसके कमरे में पहुँच जाता। पर अभी घर पर मम्मी और सोनम भी थे।
रोहन ने फिर से दो तीन दिन पायल को कोई मैसज नहीं किया और पायल के मैसज का इंतजार करने लगा।
तीसरे दिन पायल का मैसज आया की कहानी भेजो।
रोहन ने फिर से उसको दो-तीन कहानियाँ भेज दी।
पायल ने फिर से कहानियाँ पढ़ी और फिर से अपनी चूत में ऊँगली कर ली। अब रोहन का मन मचलने लगा था पायल की चूत में अपना लंड घुसाने को।
बहुत हिम्मत करके उसने पायल को चेक करने की सोची। शाम के समय जब सोनम और मम्मी रसोई के काम में व्यस्त थी तो रोहन ने देखा पायल मोबाइल पर कुछ कर रही थी, शायद कहानी ही पढ़ रही थी।
रोहन पायल के कमरे में गया और पायल से बिलकुल चिपक कर बैठ गया और उसने अपना हाथ पायल के कंधे पर रखा और पायल से बोला- क्या बात है पायल आजकल सारा सारा दिन मोबाइल से ही चिपकी रहती हो, भाई से बात करने का भी समय नहीं है तुम्हारे पास?
पायल ने घबरा कर मोबाइल साइड में रख दिया, उसने कुछ जवाब नहीं दिया पर रोहन ने पायल के शरीर में कुछ कम्पन सी महसूस की।
पायल रोहन की बाहों में सिमटती जा रही थी, रोहन के स्पर्श ने शायद पायल की पेंटी में हलचल मचा दी थी।

रोहन ने अपना हाथ पायल के कंधे से सरका कर उसकी बगल में रख दिया और पायल को अपनी और खिंच कर बिलकुल अपनी बाहों में भर लिया।
ऐसा करने से उसका हाथ पायल की चूची पर पड़ गया।
रोहन को जब पायल की मुलायम चूची का एहसास हुआ तो रोहन ने चूची को हल्के से दबा दिया। पायल चूची पर रोहन का हाथ महसूस करते ही उचक पड़ी और एकदम से रोहन से अलग होकर रसोई में चली गई।
उस दिन के बाद से अब रोहन हर रोज पायल के बदन को छूने की कोशिश करता। शुरू शुरू में तो पायल झट से उठ कर वहाँ से चली जाती थी पर जब ये हर रोज होने लगा तो पायल को भी शायद ये अच्छा लगने लगा था, अब वो आराम से बैठी रहती थी या यूँ कहिये की वो अब रोहन से कुछ ज्यादा ही चिपक कर बैठी रहती थी।
रोहन भी कभी उसके गाल कभी माथे पर चूमता और बीच बीच में पायल को चूची को स्पर्श करता या हल्के से दबा देता।
वो दोनों ये सब अपनी मम्मी और सोनम की निगाह से बचा कर करते थे, अब दोनों को ही एक दूसरे का स्पर्श अच्छा लगने लगा था। ऐसे ही करीब पंद्रह दिन निकल गए।
और उस दिन…
रोहन शाम को चार बजे अपने कॉलेज से वापिस आया तो देखा कि घर पर कोई नहीं था, वो पहले अपनी मम्मी के कमरे में गया, वो वहाँ नहीं थी।
फिर सोनम का कमरा देखा तो वो भी नहीं थी।
आखिर में जब वो पायल के कमरे के पास पहुँचा तो पायल मोबाइल पर शायद कोई कहानी पढ़ रही थी और उसने स्कर्ट उतार कर साइड में रखी हुई थी, पेंटी भी जांघो से नीचे थी, एक हाथ में मोबाइल और दूसरे हाथ की ऊँगली चूत में थी।
रोहन को एक दम से अपने कमरे में देख कर पायल घबरा गई और उसने जल्दी से अपनी पेंटी ऊपर की और स्कर्ट उठा कर जल्दी से बाथरूम में घुस गई।
रोहन ने पायल को आवाज दी पर पायल ने कोई जवाब नहीं दिया।
‘पायल… पायल, अगर तुम बाहर नहीं आई तो मैं सब कुछ मम्मी को बता दूंगा.. एक मिनट में बाहर आओ वरना…’
पायल ने डरते हुए दरवाजा खोला, वो स्कर्ट पहन चुकी थी, वो घबरा कर रोने लगी।
रोहन ने उसका हाथ पकड़ा और उसको लेकर बेड पर बैठ गया- यह क्या कर रही थी पगली…?
‘भैया… प्लीज मम्मी को कुछ मत बताना… यह गलती दुबारा नहीं होगी!’ कह कर पायल जोर जोर से रोने लगी।
रोहन को तो जैसे सुनहरा मौका मिल गया था पायल को अपना बनाने का, उसने पायल को अपने सीने से लगा लिया और चुप करवाने के बहाने पायल के शरीर पर अपना हाथ घुमाने लगा- कोई बात नहीं पायल.. इस उम्र में ये सब हो जाता है… तू तो मेरी अच्छी बहन है ना… मैं किसी को कुछ नहीं बताउँगा, वैसे मम्मी और सोनम कहाँ गए है?
‘वो मार्किट में गए हैं कुछ सामान लेने…’
 
पायल चुप हुई तो रोहन ने पायल का चेहरा ऊपर उठाया और उसकी आँखों से बहते आँसुओं को अपने होठों से चूम लिया। पायल की आँखें बंद हो गई थी।
रोहन ने मौके का फायदा उठाया और अपने होंठ अपनी छोटी बहन के जवान रसीले होंठों पर रख दिए।
पायल ने छूटने की कोशिश की पर रोहन की मजबूत पकड़ से छुट नहीं पाई, रोहन अब पायल के रसीले होंठो का रस पीने में लगा था।
कुछ देर छूटने के लिए छटपटाने के बाद पायल ने भी समर्पण कर दिया और अब उसका शरीर ढीला पड़ने लगा था। रोहन ने पायल के होंठ चूमते हुए एक हाथ पायल की मुलायम चूची पर रख दिया और मसलने लगा।
पायल की साँसें तेज हो गई थी और वो भी अब रोहन से चिपकती जा रही थी।
रोहन ने पायल को खड़ा किया और उसके टॉप को ऊपर करने लगा तो पायल ने रोहन को रोकने की कोशिश की- ये सब ठीक नहीं है भाई… हमें ऐसा नहीं करना चाहिए… आखिर हम बहन भाई हैं।
‘पायल, मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ… और बहुत दिनों से तुम्हें अपना बनाने का सपना देख रहा हूँ… आज अगर मेरा सपना पूरा होने जा रहा है तो प्लीज मुझे मत रोक..’
पायल ‘नहीं भाई नहीं भाई’ करती रही पर रोहन ने उसकी एक ना सुनी और उसका टॉप उतार दिया।
पायल ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, टॉप उतारते ही उसकी दोनों संतरे के साइज़ की तनी हुई चूचियाँ रोहन के सामने थी।
रोहन को तो जैसे कुबेर का खजाना मिल गया था, उसने कुछ देर पायल की दोनों चूचियों को अपने हाथों में मसला और फिर पायल की एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा।
पायल के जवान जिस्म को पहली बार किसी मर्द के हाथों का ऐसा मज़ा मिला था, वो मस्ती के मारे कांपने लगी थी।
रोहन बेड पर बैठे बैठे नीचे खड़ी पायल की चूचियाँ चूस रहा था और उसके हाथ पायल की नंगी पीठ पर, पायल की गदराए चूतड़ों पर घूम रहे थे।
चूचियाँ चूसते चूसते रोहन ने पायल की स्कर्ट खोल दी और स्कर्ट पल भर में ही पायल के कदम चूमने लगी।
स्कर्ट नीचे होते ही रोहन ने अपना एक हाथ पायल की कुंवारी चूत पर रख दिया।
पेंटी में कसी चूत भट्टी की तरह गर्म थी, पूरी पेंटी पायल की चूत से निकले कामरस से सराबोर हो रही थी।
रोहन नीचे घुटनों के बल बैठा और उसने पायल की टांगें खुली की और फिर अपना मुँह पायल की चूत पर लगा दिया और जीभ से चाटने लगा।
पायल की टांगें जवाब देने लगी थी, उससे अब खड़ा नहीं हुआ जा रहा था।
रोहन ने पायल की पेंटी को भी उसकी जांघों से नीचे खींच दिया।
पायल की सुनहरी बालों से ढकी कुंवारी गुलाबी चूत देखते ही रोहन ने अपनी जीभ चूत पर लगा दी।
जीभ के पहले स्पर्श को महसूस करते ही पायल की चूत ने कामरस छोड़ दिया।
रोहन की जीभ कामरस का स्वाद महसूस करते ही और जोर जोर से चूत पर चलने लगी और सारा कामरस चाट गई।
झड़ने के कारण पायल का बदन एक पल के लिए थोड़ा सा ढीला हुआ तो रोहन ने पायल को बेड पर लेटा दिया।
पायल को बेड पर लेटाने के बाद रोहन ने अपनी पेंट और अंडरवियर एक साथ नीचे की और अपना लम्बा और मोटा लंड निकाल कर पायल के मुँह के पास कर दिया।
मोटा लंड देख कर पायल घबरा गई, पायल ने शायद लंड को प्रत्यक्ष पहली बार देखा था।
रोहन ने अपना लंड पायल के होंठो से लगाया तो पायल ने मुँह फेर लिया- भाई, मुँह में मत लगाओ, ये गन्दा है!
‘पगली जिसे तू गन्दा कह रही है, लड़कियाँ तरसती है इसे मुँह में लेने के लिए… एक बार ले कर देख, फिर बार बार चूसने का मन ना करे तो कहना..’
पायल ना ना करती रही पर रोहन ने जबरदस्ती लंड का सुपाड़ा पायल के मुँह में घुसा दिया।
पायल तड़प उठी थी पर वो बेबस थी, शुरू में पायल ने बुझे मन से लंड के सुपारे पर जीभ चलाना शुरू किया पर फिर पायल को भी लंड से निकले कामरस का स्वाद अच्छा लगने लगा और वो मस्ती में लंड को आइसक्रीम की तरह चाटने और चूसने लगी।
अपनी सगी बहन के ऐसा करने से रोहन तो मस्ती के मारे सातवें आसमान पर था, उसकी मस्ती भरी आहें और सिसकारियाँ निकल रही थी।
रोहन ने पायल को बेड पर सीधा किया और 69 की अवस्था में आते हुए लंड को पायल के मुँह में देते हुए अपनी जीभ पायल की कुंवारी चूत पर रख दी।
दोनों भाई बहन मस्त होकर एक दुसरे के यौन अंगों को चाट और चूम रहे थे, दोनों दिन-दुनिया से बेखबर मस्ती में लगे हुए थे।
कुछ देर की चूसा चुसाई के बाद पायल की चूत से अमृत वर्षा होने लगी तो रोहन के लंड ने भी पिचकारी छोड़ कर पायल का मुँह वीर्य से भर दिया।
पायल को एक बार तो उबकाई आई पर रोहन का लंड अभी भी पायल के मुँह के अन्दर था तो बेबसी में वो सारा माल गटक गई।
दोनों ही पस्त हो चुके थे पर असली काम तो अभी बाकी था।
तभी पायल बोली- भाई अब और मत करो, मम्मी और सोनम अब आने वाले होंगे और अगर कहीं वो बीच में आ गए तो सारा मज़ा ख़राब हो जाएगा।
रोहन अब रुकना नहीं चाहता था क्यूंकि ऐसा मौका दुबारा मिलना मुश्किल था। फिर भी रोहन ने सोनम को फ़ोन किया यह सुनिश्चित करने के लिए कि वो लोग कितनी देर में आ रहे हैं।
फ़ोन रोहन की मम्मी ने उठाया और बताया की अभी कम से कम दो घंटे और लगेंगे उनको आने में।
इतना समय तो पायल और रोहन के लिए बहुत था अपनी कामेच्छा को शांत करने के लिए।
फ़ोन काटते ही रोहन एक बार फिर से पायल पर छा गया और अपना लंड एक बार फिर से पायल के होंठों के हवाले कर दिया।
मात्र दो मिनट में ही रोहन का लंड फिर से लोहे की छड़ की तरह सख्त हो गया था।
रोहन ने पायल को बेड के किनारे पर लेटाया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख कर एक बार फिर अपनी जीभ पायल की चूत पर लगा दी।
थूक से पायल की चूत को अच्छे से गीला करने के बाद रोहन ने खड़े होकर अपने लंड का सुपाड़ा पायल की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।
पायल अपनी पहली चुदाई से पहले घबरा रही थी, वो रोहन को बोली- भाई, मेरा पहली बार है और मुझे बहुत डर लग रहा है, फिर तुम्हारा लंड भी तो देखो कितना मोटा और लम्बा है जबकि मेरी चूत का छेद कितना छोटा सा है।
‘मेरी जान जिसे तू छोटा सा छेद कह रही है, उसमें तो सारा का सारा जहान समा जाए फिर भी जगह बच जायेगी… तू घबरा मत तेरा भाई अपनी बहन की चुदाई बहुत प्यार से करेगा।’
रोहन के लंड के चूत पर रगड़ने से पायल की चूत भी अब लंड को अन्दर लेने के लिए बेचैन होने लगी थी। वो भी बार बार गांड उठा कर लंड का स्वागत करने लगी थी।
तभी रोहन ने थोड़ा लंड को चूत में दबाया तो पायल के चेहरे पर दर्द की लकीरें दिखाई देने लगी।
रोहन ने भी अंदाजा लगाया कि ऐसे तो पायल की चूत फट जायेगी और यह शोर भी बहुत मचाएगी, वो उठा और पास में रखी तेल की शीशी लेकर आया और ढेर सारा तेल पहले पायल की चूत पर लगाया और फिर अपने लंड का सुपारा भी तेल में अच्छे से तर कर लिया और फिर से लंड को पायल की चूत पर रगड़ने लगा।
‘भाई और कितना तड़पाओगे अब डाल भी दो अन्दर… अब नहीं रुका जा रहा है!’ बस यह बोल कर पायल ने अपनी शामत बुला ली क्यूंकि यह सुनते ही रोहन ने जोश जोश में लंड के सुपारे को चूत के मुहाने पर लगा कर एक जोरदार धक्का लगा दिया और फट की आवाज के साथ रोहन के लंड का सुपाड़ा पायल की चूत के अन्दर था।

पायल नहीं जानती थी कि पहली चुदाई में चूत के साथ साथ गांड भी फट जाती है, वो जोर से चीख पड़ी और दर्द के मारे हाथ पैर मारने लगी।
रोहन ने पायल के होंठों पर होंठ रख कर उसको शांत करने की कोशिश की।
पायल रोहन के नीचे दबी हुई छटपटा रही थी, लंड अभी सिर्फ दो इंच ही घुसा था।
रोहन ने देर करना सही नहीं समझा और एक बार उचक कर फिर से दो जोरदार धक्के लगा कर आधे से ज्यादा लंड पायल की चूत में उतार दिया।
पायल की हालत ऐसी थी कि जैसे अभी बेहोश हो जायेगी।
चूत से खून निकल कर गांड तक फ़ैल गया था। रोहन का लंड भी जैसे किसी शिकंजे में फंस गया था क्यूंकि पायल की कुंवारी चूत थी ही इतनी टाईट।
फिर भी रोहन ने एक लम्बी सांस ली और फिर लगातार दो तीन धक्के लगा कर पूरा लंड पायल की चूत में फिट कर दिया।
अब रोहन ने धक्के लगाने बंद कर दिए और पायल की चूचियों को मुँह में लेकर चुम्भ्लाने लगा और दूसरी को मसलने लगा।
पायल दर्द के मारे अभी भी रोये जा रही थी।
 
‘बस मेरी बहना… बस अब दर्द नहीं होगा… देख पूरा लंड तेरी चूत में जा चुका है। जिसे तू छोटा सा छेद कहती थी वो छेद मेरा पूरा सात इंच का लंड निगल गया है।’
‘प्लीज भाई, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज निकाल लो… मेरी चूत फट गई है… प्लीज मुझे नहीं चुदवाना…’
‘अरे देख तो पूरा लंड घुस चुका है अब दर्द नहीं होगा…’
रोहन लगातार पायल की चूचियों और होंठों को चूमता रहा।
करीब दो तीन मिनट बाद पायल को अपना दर्द कुछ कम होता महसूस हुआ तो वो भी रोहन के चुम्बन का जवाब चुम्बन से देने लगी। रोहन ने भी ग्रीन सिग्नल मिलते ही लंड को कुछ हरकत दी, उसने धीरे धीरे अपना लंड चूत से लगभग आधा निकाला और फिर धीरे धीरे ही दुबारा पायल की चूत में उतार दिया।
पायल को दर्द हुआ पर अब वो इस दर्द को सहने के लिए तैयार थी।
ऐसे ही पहले धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करते करते रोहन ने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी। पायल की चूत ने भी थोड़ा पानी छोड़ दिया था जिस कारण थोड़ा चिकनापन आ गया था चूत में और लंड अब पायल की चूत में फिसलने लगा था।
पायल को भी अब चुदाई में मज़ा आने लगा था, वो भी अब रोहन के हर धक्के का स्वागत अपनी गांड उठा उठाकर कर रही थी जो इस बात का सबूत था कि अब दोनों मज़े में थे।
करीब पांच मिनट और धीरे धीरे चुदाई चली फिर तो जैसे बेड पर तूफ़ान आ गया और दोनों बहन भाई जोरदार चुदाई में लीन हो गए, दोनों एक दूसरे को पछाड़ने की कोशिश कर रहे थे।
लगभग दस मिनट के बाद पायल का शरीर अकड़ा और एक सरसराहट के साथ पायल की चूत पानी फेंकने लगी।
पायल की चूत का पानी रोहन को अपने लंड के पास से जाता हुआ साफ़ महसूस हो रहा था।
झड़ने के बाद पायल थोड़ी सुस्त हुई पर रोहन लगातार धक्के पर धक्के लगा रहा था।
कुछ देर की चुदाई के बाद पायल फिर से हरकत में आई और रोहन के धक्कों का जवाब देने लगी।
एक ही आसन में चुदाई करते करते रोहन अब कुछ अलग करने के मूड में था तो उसने पायल को बेड पर घोड़ी बना लिया और फिर पीछे जाकर अपना लंड फिर से पायल की चूत में उतार दिया।
और फिर से चुदाई शुरू हो गई, रोहन के टट्टे हर धक्के के साथ थाप दे रहे थे और कमरे में फच्च फच्च की आवाज आने लगी थी जो कमरे के माहौल को मादक बना रही थी।
समय का अंदाज नहीं पर ये चुदाई बहुत लम्बी चली और फिर पहले पायल की चूत ने तीसरी बार अपने काम रस से रोहन के लंड को भिगो दिया और फिर कुछ देर बाद रोहन के लंड ने भी पायल की चूत को वीर्य से लबालब भर दिया।
झड़ते ही दोनों पस्त होकर लेट गए।
रोहन का लंड अभी भी पायल की चूत में ही था जो की कुछ देर बाद सुकड़ कर फ़क की आवाज के साथ बाहर निकल गया।
लंड के निकलते ही पायल की चूत से रोहन का वीर्य निकलकर बेड की चादर पर फैलने लगा।
करीब पांच मिनट बाद दोनों की साँसें थोड़ी शांत हुई तो पायल उठी।
पूरी चादर पर पायल की चूत से निकले खून और चुदाई से निकले कामरस के धब्बे ही धब्बे नजर आ रहे थे।
कॉलोनी के लड़कों की तरह ही रोहन भी अपनी बहनों की खूबसूरती का दीवाना था और इसी दीवानगी में उसने अपनी छोटी बहन पायल को उत्तेजित किया और फिर एक दिन मौका मिलते ही उसकी कुंवारी चूत अपने लंड के नाम कर ली।
तब से रोहन और पायल की मस्ती जोरों से चल रही थी।
पर आज की कहानी रोहन और सोनम के बीच हुई चुदाई की है।
रोहन को तीन महीने हो चुके थे पायल की चूत चोदते हुए… सब कुछ भूल कर रोहन और पायल चुदाई का आनन्द ले रहे थे।
पर कहते हैं ना इश्क और मुश्क (खुशबू) छिपाए नहीं छिपते।
सोनम को रोहन और पायल पर शक होने लगा था। इस बात का अंदाजा रोहन और पायल दोनों को हो चुका था, अब पायल रात को चुदने के लिए रोहन के कमरे में जाने से डरने लगी थी।
एक दिन पायल ने रोहन से इस बारे में बात की- भाई… पता नहीं क्यों पर आजकल मुझे सोनम दीदी से डर सा लगने लगा है!
‘क्यों.. ऐसा क्या हो गया?’
‘भाई.. जब ही तुम और मैं साथ में होते हैं तो सोनम दीदी अजीब सी नजरों से देखती है… मुझे तो लगता है कि उन्हें हम पर शक हो गया है!’
‘हाँ… कभी कभी लगता तो मुझे भी है।’
‘कुछ सोचो भाई… अगर दीदी को पता लग गया तो वो मम्मी को बता सकती है और अगर मम्मी को पता लग गया तो समझ लो हम दोनों तो गए काम से..’
‘मेरी रानी… बात तो सही है पर किया क्या जाए? बाहर जाकर भी चुदाई करना सुरक्षित नहीं है और घर में सोनम और मम्मी का डर!’
‘कुछ तो करना पड़ेगा ना भाई… तुमने मुझे तो लत भी ऐसी लगा दी है कि चुदाई बिना तो मैं रह ही नहीं पाती हूँ।’
‘एक तरीका है… पर है थोड़ा मुश्किल और खतरनाक भी!’
‘क्या तरीका है बताओ तो ज़रा?’
‘क्यों ना हम सोनम को भी अपने चुदाई के खेल में शामिल कर लें? एक बार अगर वो चुद गई तो फिर वो कभी कुछ नहीं बोलेगी… पर खतरा यह है कि अगर वो नहीं मानी तो समझो की हम अपने पाँव पर खुद कुल्हाड़ी मार लेंगे ‘
‘ये तो है भाई… पर कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा.. वैसे एक बात तो है जब तुम मुझे अपने जाल में फंसा कर चोद सकते हो तो सोनम को चोदते हुए तुम्हारी गांड क्यों फट रही है?’
‘चलो कोशिश करके देखते है… शायद काम बन ही जाए..’
दोनों ने मन बनाया कि रोहन सोनम को उत्तेजित करने की कोशिश करेगा और पायल सोनम के अन्दर वासना की आग, कामुकता को बढ़ाने का काम करेगी ताकि सोनम भी चुदने को तैयार हो जाए।
रोहन ने वही पुराना तरीका आजमाने की सोची और उसने अनजान नंबर से सोनम के whatsapp पर भाई बहन की चुदाई की कहानियाँ भेज दी।
उस समय पायल और सोनम साथ साथ बैठी थी, सोनम ने वो कहानी देखी और थोड़ी सी पढने के बाद छी.. कह कर डिलीट कर दी। पायल का दिल धक् हुआ कि शायद सोनम पर यह तरीका काम नहीं करेगा।
पर वासना अच्छे अच्छे का दिमाग हिला देती है तो सोनम क्या चीज थी।
जब रोहन को पता लगा कि सोनम ने वो कहानियाँ डिलीट कर दी है तो एक बार तो वो भी परेशान हुआ पर उसने हिम्मत करके फिर से दो तीन कहानियाँ भेज दी।
दुबारा कहानियाँ देख कर सोनम गुस्से से लाल हो गई और भेजने वाले को गालियाँ देने लगी।
पायल ने पूछा- क्या हुआ?
तो बोली- कोई कमीना गन्दी गन्दी कहानियाँ भेज रहा है।
‘ऐसा क्या है इन कहानियों में…?’ पायल ने कुरेदते हुए पूछा।
‘गन्दी कहानियाँ है यार… भाई बहन के साथ सेक्स कर रहा है… ऐसा भी कही होता है क्या..’
‘ओह्ह्ह…’
‘अगर वो कमीना मुझे मिल जाए तो कमीने की टाँगें तुड़वा दूंगी रोहन को कह कर!’
सोनम की बात सुनकर पायल अपनी हँसी नहीं रोक पा रही थी क्यूंकि वो तो जानती ही थी कि वो कमीना और कोई नहीं, रोहन ही तो है।
‘पर तुम भाई को कहोगी क्या…’
सोनम कुछ नहीं बोली बस उठ कर अपने कमरे में चली गई।
कुछ देर बाद पायल के मन में आया कि देखें तो सही सोनम क्या कर रही है… कही वो कहानियाँ तो नहीं पढ़ रही है अकेले में?
पायल का शक सही था… सोनम अपने बेड पर लेती हुई whatsapp पर वही कहानियाँ पढ़ रही थी। पायल ने तुरन्त रोहन को फ़ोन करके बोला कि लोहा गर्म है।
रोहन ने फिर से सोनम को हेल्लो का मैसेज किया।
सोनम का कुछ देर बाद जवाब आया- तू कौन है कमीने और तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे पास ऐसी गन्दी गन्दी कहानियाँ भेजने की?
‘ओह्ह.. तुम्हे कैसे पता कि ये कहानियाँ गन्दी हैं… तुमने पढ़ ली क्या… वैसे कौन सी कहानी ज्यादा पसंद आई?’
‘कमीने मैं तेरा नंबर पुलिस में दे रही हूँ… तेरी ऐसी तैसी ना करवाई तो मेरा भी नाम सोनम नहीं…’
‘क्या बात है… बहुत खूबसूरत नाम है तुम्हारा… सोनम…’
‘तू है कौन…?’
‘मैं जो भी हूँ… बस इतना जानता हूँ… कि तुम जवान हो खूबसूरत हो… अब तुम्हारा दिल भी करता होगा चुदाई करवाने का…’
‘चुप कर कमीने…’
‘क्यों… तुम्हारी चूत में खुजली नहीं होती क्या… तुम्हारा मन नहीं करता क्या कि कोई आये और तुम्हारी जवानी को चुदाई करके और निखार दे..’

‘नही… मुझे ये सब बिलकुल भी पसंद नहीं है।’
‘क्या तुम जानती हो तुम्हारी छोटी बहन चुदाई का मज़ा ले चुकी है…’
‘झूठ.. तुम यह कैसे कह सकते हो?’
‘क्यूंकि उसने मेरे एक दोस्त से ही तो चुदवाया है पहली बार.. और अब तो लगभग हर रोज वो चुदवाती है…’
‘नाम बताओ उस दोस्त का..’
‘वो मैं नहीं बता सकता…’
‘नहीं बता सकते तो दफा हो जाओ.. और दुबारा मुझे मैसेज मत करना… समझे!’
यह कह कर सोनम ने अपने फ़ोन का नेट बंद कर दिया।
 
सोनम जिसको पायल पर पहले से ही शक था वो हैरान और परेशान थी कि क्या करे? उलझन अब बढ़ गई थी।
शाम को जब मम्मी सब्जी लेने बाज़ार गई तो सोनम ने पायल को अपने कमरे में बुलाया- पायल मुझे पता लग गया है कि तुम किसी लड़के के साथ सेक्स करती हो… क्या ये सच है?
पायल ने पहले तो झूठमूठ की घबराहट दिखाई और फिर सोनम के पास जाकर बोली- दीदी, वो मेरा एक बॉयफ्रेंड है, उसने एक बार जबरदस्ती मेरे साथ सेक्स किया था!
‘बस एक बार? झूठ मत बोल मुझे सब पता है कि तू लगभग हर रोज सेक्स करती है…’
‘सच है दीदी… वो एक बार सेक्स करने के बाद मैं अपने आप को रोक ही नहीं पाई, अब तो डेली सेक्स करने का मन करता है… क्या आप का नहीं करता?’
सोनम ने कोई जवाब नहीं दिया।
पायल सोनम के पास जाकर बैठ गई- मैं तो कहती हूँ दीदी की तुम भी एक बार चुदाई का मज़ा ले ही लो… सच में बहुत मज़ा आता है चुदवाने में..’
पायल का ऐसा बोलना था कि सोनम ने तपाक से एक थप्पड़ पायल के मुँह पर मार दिया।
पायल थप्पड़ खा कर तिलमिला उठी और गुस्से में बोली– मैं भी देखती हूँ कि कब तक तुम अपनी चूत संभाल कर रखती हो… चुदना तो है ही तुम्हें भी… नहीं तो इतनी मगन होकर चुदाई की कहानियाँ नहीं पढ़ रही होती अपने फ़ोन पर। मैंने सब देख लिया है… दिल तो तुम्हारा भी कर रहा है पर बड़ी बहन हो ना.. तो छोटी पर रौब तो दिखाना बनता ही है।
यह कह कर पायल कमरे से बाहर निकल गई।
माहौल तनाव पूर्ण था, पायल की फट रही थी कि कहीं सोनम मम्मी को ये सब ना बता दे।
फिर सोचा जो होगा देखा जाएगा।
सोनम ने किसी को कुछ नहीं बताया।
उधर रोहन ने तीन चार कहानियाँ और भेज दी भाई बहन की चुदाई वाली।
रात को कमरे में अकेले पड़े पड़े सोनम पायल के बारे में सोच रही थी तभी उसका ध्यान मोबाइल पर आई कहानियों पर गया, वो ऐसे ही पढ़ने लगी।
पढ़ते पढ़ते सोनम पर भी सरूर सा चढ़ने लगा, आखिर उस पर भी तो नई नई जवानी फूटी थी। कहानियाँ पढ़ते पढ़ते उसकी चूत में भी कीड़े कुलबुलाने लगे, चूत में गुदगुदी सी महसूस होने लगी और कब उसका हाथ अपने लोअर में चला गया और कहानी पढ़ते पढ़ते अपनी चूत सहलाने लगी।
कहानी पढ़ते पढ़ते बार बार सोनम सिर्फ यही सोच रही थी कि क्या लड़कियाँ सच में अपने सगे या कजिन भाई से चूत चुदवा लेती हैं। सोनम को शक तो था ही कि पायल शायद रोहन के साथ सेक्स करती है ये कहानियाँ पढ़ कर उसे कुछ कुछ विश्वास भी होने लगा था कि कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ है।
अब उसका मन भी किया कि कम से कम एक बार तो रोहन का लंड देखा जाए कि कैसा है।
कहानी पढ़ते पढ़ते उसकी ऊँगली अपनी चूत पर जोर जोर से चलने लगी थी जिस कारण कुछ ही देर में वो झड़ गई।
झड़ने के बाद उसे कब नींद आई पता ही नहीं चला।
उधर रात को पायल ने रोहन को सब कुछ बता दिया। रोहन भी एक बार तो घबराया। पर सोनम ने किसी को कुछ नहीं बताया था तो उसे विश्वास हो गया कि कुछ नहीं होगा।
सुबह के सात बजे सोनम की आँख खुली तो उसको पेशाब का जोर हो रहा था, वो उठकर बाथरूम की तरफ गई तो देखा कि रोहन पहले से ही वहाँ खड़ा हुआ पेशाब कर रहा था।
सोनम का दिल एकदम से धक धक करने लगा, उसने थोड़ी सी कोशिश की तो उसे रोहन के लंड का लाल सुपाड़ा नजर आया जिसमें से मूत की मोटी धार निकल रही थी।
सोनम तो लंड की मोटाई देख कर ही घबरा गई, उसकी हिम्मत ही नहीं हुई कि वो रोहन के लंड की लम्बाई भी देखे। वो जल्दी से अपने कमरे में वापिस चली गई।
उसका दिमाग घूम गया यह सोच कर कि अगर पायल ने सच में रोहन से चुदवाया है तो उसने इतना मोटा लंड अपनी छोटी सी चूत में लिया कैसे होगा।
रोहन के लंड के बारे में सोच सोच कर उसकी चूत गीली होने लगी थी, वो समझ ही नहीं पा रही थी कि उसको क्या हो रहा है, एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी।
नहाने गई तो बाथरूम में जब वो अपनी चूत धोने लगी तो एक बार फिर से उसे रोहन का लंड याद आया। उसने अपनी उँगलियों से अपनी चूत चौड़ी करके देखी और मन ही मन बोली- नहीं, रोहन का लंड बहुत मोटा है, वो मेरी चूत में नहीं घुस सकता। मेरी तो फट ही जायेगी अगर रोहन ने लंड अन्दर डाला तो।

यहाँ गौर करने वाली बात यह थी कि कहीं ना कहीं अब सोनम की चूत में भी चुदाई का कीड़ा कुलबुलाने लगा था।
उसने रोहन के लंड के बारे में सोचते सोचते चूत को ऊँगली से मसलना शुरू किया तो उत्तेजना के मारे वो जल्दी ही झड़ गई और ढेर सारा पानी उसकी चूत से बह निकला था।
नहा कर वो नाश्ते की टेबल पर आई तो रोहन और पायल वहाँ पहले से ही मौजूद थे, कोई भी कुछ नहीं बोल रहा था। आज पहली बार सोनम ने घर पर हल्का मेकअप किया था, नहीं तो वो घर पर बिलकुल सिंपल बन कर रहती थी। मेकअप के कारण सोनम का चेहरा चमक रहा था जिसे देख कर रोहन का दिल धक धक करने लगा था।
आज सोनम ने अपने होंठों पर गहरी गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगाई थी जिस कारण उसके होंठ जैसे रोहन को चुम्बन के लिए आमंत्रित करते लग रहे थे।
रोहन और पायल दोनों ही कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि सोनम के अन्दर आखिर चल क्या रहा है।
तीनो भाई बहनों ने नाश्ता किया और फिर सोनम अपने कमरे में चली गई।
रोहन ने भी पायल को अपने कमरे में आने को कहा और फिर वो भी उठ कर कमरे में चला गया। पांच मिनट के बाद पायल रोहन के कमरे में आई तो रोहन ने पायल को किस किया और फिर दोनों सोनम के बारे में बातें करने लगे।
‘पायल मुझे लगता है कि सोनम भी अब कुछ चाहती है।’ रोहन ने कहा।
‘भाई लगता तो मुझे भी है पर बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन… कही बात उलटी पड़ गई तो समझो हम उलटे हो जायेंगे।’
कुछ देर रोहन कुछ सोचता रहा और फिर बोला- पायल मेरे दिमाग में एक आईडिया है…
‘क्या?’
‘मुझे लगता है की सोनम खुद कुछ नहीं कहेगी… इस लिए हमें ही कुछ ऐसा करना पड़ेगा कि वो खुद कुछ बोले..’
‘भाई मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा है… खुल कर बताओ!’
‘पायल.. मुझे लगता है कि अगर सोनम हम दोनों को चुदाई करते देख ले तो शायद बात बन सकती है… वैसे इसमें खतरा भी है पर आज के उसके हावभाव देख कर लगता है कि काम बन सकता है।’
‘ना… भाई, मैं यह खतरा मोल नहीं ले सकती।’
‘घबरा मत कुछ नहीं होगा… जब सोनम ने कल वाली बात मम्मी को नहीं बताई तो समझ सकती हो कि वो अब भी कुछ नहीं बताएगी… हाँ ख हो सकता है कि वो हमारी चुदाई देख कर गर्म हो जाए और खुद चुदने के लिए तैयार हो जाए और अगर नहीं भी होगी तो मैं तुम्हारी मदद से उसको जबरदस्ती चोद दूंगा… अगर एक बार चुद गई तो समझो हमेशा के लिए हमारी टीम में आ जायेगी।’
‘पर मम्मी के घर में होते हम ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते…’
‘यार कल मम्मी की किट्टी पार्टी है और मम्मी कल सुबह ग्यारह बजे से चार बजे तक बाहर होगी… बस तभी हम इस प्लान पर काम करेंगे।’
दोनों ने एक दूसरे को किस किया और फिर पायल रसोई में आकर अपनी मम्मी के साथ काम में हाथ बंटाने लगी।
 
बातों बातों में ही पायल को पता लगा कि आज उसकी मम्मी को अपनी सहेली के घर जाना है क्यूंकि उसकी सहेली के किसी नजदीकी रिश्तेदार की मृत्यु हो गई है, संस्कार है तो लगभग दो तीन घंटे लग सकते हैं।
खबर दुःख की थी पर पायल का मन ये सुन कर ख़ुशी से धड़कने लगा, उसे अपनी और सोनम की चुदाई नजर आने लगी थी।
लगभग ग्यारह बजे मम्मी घर से चली गई। रोहन मम्मी को छोड़ने गया तब तक पायल ने चुदाई की तैयारी की। पंद्रह मिनट में ही रोहन वापिस आ गया, आते ही उसने पायल को थोड़ा जोर से आवाज दी- मेरे कमरे में आना!
सुनते ही सोनम के भी कान खड़े हो गए।
‘आ रही हूँ भाई… वैसे भी मुझे कल वाला चेप्टर दुबारा पढ़ना है आपसे!’
सोनम को अब यकीन हो गया कि मम्मी की गैर-मौजूदगी का रोहन और पायल अब फायदा उठाने वाले हैं।
उधर पायल अपनी किताबें सोनम के कमरे से उठा कर रोहन के कमरे की तरफ चल दी। प्लान के मुताबिक़ रोहन ने पायल को अन्दर लिया और दरवाजा बंद करके कुण्डी सिर्फ इतनी लगाईं कि अगर कोई थोड़ा जोर से दरवाजा खोले तो दरवाजा आसानी से खुल जाए।

कमरे में आते ही रोहन ने पायल को चूमना शुरू कर दिया और उसकी मस्त चुचियों को मसलना शुरू कर दिया। पायल की मस्ती भरी सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी।
सोनम भी दबे पाँव रोहन के कमरे के दरवाजे पर आ गई और कान लगा कर अन्दर की बातें सुनने लगी, अंदर से आती सिसकारियों की आवाज सुन कर सोनम की चूत में हलचल होने लगी, एक बार तो उसके मन में आया कि वो दरवाजा खोल कर अन्दर जाए और उन्हें यह काम करने से रोके… पर फिर सोचा कि अभी तो पायल अन्दर गई ही है, पहले वो कुछ करने लगे तभी पकड़ने का फायदा है।
उधर अन्दर रोहन पायल को नंगी कर चुका था और पायल ने भी रोहन को नंगा कर दिया था, रोहन पायल की चूचियों को मुँह में भर भर कर चूस रहा था और पायल जोर जोर से आहें भरते हुए रोहन के लंड को पकड़ कर मसल रही थी।
जोर जोर से आहें कुछ तो मस्ती के कारण निकल रही थी कुछ सोनम को सुनाने के लिए थी।
पांच मिनट के बाद रोहन ने पायल को बिस्तर पर लेटाया और उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया और खुद पायल की टपकती चूत चाटने लगा।
सोनम से अब सब्र नहीं हो रहा था तो उसने दरवाजे को धकेला तो कुण्डी लगी होने के कारण दरवाजा नहीं खुला तो उसने गुस्से में जोर से दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा एकदम से खुल गया और सोनम एकदम से कमरे में आकर गिरी।
अन्दर का नजारा देख कर सोनम पूरी तरह से हिल गई… कमरे में पायल रोहन का लंड चूस रही थी और रोहन पायल की चूत!
सोनम को देख कर पायल और रोहन एक दूसरे से अलग हुए और डरने का नाटक शुरू कर दिया, पायल ने सोनम के पाँव पकड़ लिए रोहन भी हाथ जोड़ कर किसी को ना बताने की मिन्नतें करने लगा।
पायल या रोहन दोनों में से किसी ने भी अपने आप को ढकने की कोशिश तक नहीं की थी।
रोहन का लंड जो अपनी बहन की चूत चोदने की ख़ुशी में तन कर खड़ा था, अब बिल्कुल सोनम की आँखों के सामने था। सोनम ने असली लंड पहली बार इतनी नजदीक से देखा था। लंड देखते ही सोनम की जैसे नजर ही चिपक गई रोहन के लंड पर… उसका गला सूखने लगा था, वो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी।
‘तुम्म्म्म दोनों यह क्या कर रहे हो… तुम दोनों को बिल्कुल भी शर्म नहीं आई… बहन भाई होते हुए आपस में ये… ये सब करते हुए..?’ सोनम ने थूक से गला गीला किया और उन दोनों को धमकाते हुए बोली।
पर रोहन और पायल तो पहले से ही इस सब के लिए तैयार थे, रोहन ने सोनम की टाँगें पकड़ कर माफ़ी मांगने का नाटक करना शुरू कर दिया।
वैसे टाँगे पकड़ना तो सिर्फ एक बहाना था वो तो टांगों से शुरू होकर सोनम की चूत तक का सफ़र करने का प्लान बनाए बैठा था, माफ़ी मांगते मांगते रोहन ने सोनम की टांगें सहलानी शुरू कर दी- दीदी… प्लीज आप यह बात किसी को मत बताना… हम ये सब दुबारा नहीं करेंगे…’
पायल सोनम के सामने बेड पर अपनी टाँगें चौड़ी करके बैठी थी ताकि सोनम को पायल की चूत साफ़ नजर आ जाए।
तीर निशाने पर था… सोनम की नजर भी पायल की चूत पर गई और दिमाग घूम गया कि छोटी सी चूत रोहन का इतना मोटा लंड आखिर लेती कैसे होगी।
कहानियाँ पढ़ कर सोनम की चूत में भी चुदाई की कुछ कुछ इच्छा तो होने ही लगी थी पर वो डरती थी बस इसीलिए अब तक उसकी चूत कुंवारी थी।
टांगें सहलाते सहलाते अचानक रोहन ने सोनम की चूत को अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया। सोनम का ध्यान इस तरफ बिल्कुल भी नहीं था।
इस अचानक हुए हमले से सोनम उछल पड़ी, चूत पर पहली बार किसी मर्द का एहसास कैसा होता है यह उन सब लड़कियों और औरतों को पता है जो लंड का मज़ा ले चुकी है।
सोनम भाग कर कमरे से जाने लगी तो रोहन ने उसका रास्ता रोक लिया और थोड़ी जबरदस्ती से सोनम को पकड़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
 
सोनम कसमसाई पर रोहन की मजबूत पकड़ से छुट नहीं पाई, वो चिल्ला भी नहीं सकती थी क्यूंकि उसके होंठ तो रोहन ने अपने होंठों से बंद कर दिए थे।
जवानी का पहला चुम्बन और वो भी सगे भाई के साथ, ये सब सोनम की चूत को गीला करने के लिए बहुत था।
लगभग पांच मिनट तक रोहन ने अपने होंठ सोनम के होंठों से नहीं हटाये।
पायल भी उनके पास आई और उसने भी सोनम की कड़क चूचियों को अपने हाथों में पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया।
पायल और रोहन के हमले से सोनम पस्त होने लगी थी, वासना अब सोनम के तन-बदन, दिलो-दिमाग पर छाने लगी थी। यह बात रोहन के समझ में भी आ गई थी क्यूंकि अब सोनम का छटपटाना लगभग बंद हो गया था।
एक बार जब रोहन ने अपने होंठ सोनम के होंठो से हटाये तो चिल्लाने की जगह एक मस्ती भरी सिसकारी सोनम के मुँह से निकली। मतलब साफ़ था कि आधा किला फ़तेह हो चुका था बस झंडा गाड़ने की देर थी।
सोनम का बदन अब भी रोहन की बाहों में ही था।
तभी पायल ने एक ही झटके से सोनम की पजामी नीचे खींच दी और सोनम की चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया।
चूत पानी पानी हो चुकी थी, कामरस अविरल सोनम की चूत से बह निकला था, सोनम कुछ भी बोल नहीं पा रही थी।
तभी पायल घुटनों के बल बैठी और उसने अपनी जीभ सोनम की टपकती चूत पर लगा दी।
मस्ती के इस एहसास से सोनम की टाँगें कांपने लगी थी और उसके लिए खड़ा रह पाना मुश्किल हो रहा था।
रोहन ने सोनम की कुर्ती भी निकाल दी और सोनम की सन्तरे जैसी चूचियों को होंठो में दबा कर चूसने लगा।
‘प्लीज भाई… ना करो ऐसा… ये पाप है… प्लीज छोड़ दो मुझे….’ बहुत देर बाद सोनम के होंठो से ये शब्द निकले पर रोहन और पायल ने जैसे कुछ सुना ही नहीं और वो अपने अपने काम में लगे रहे।
सोनम बिल्कुल नंगी हो चुकी थी, वो समझ चुकी थी कि अब उसकी चूत बिना चुदे नहीं रहने वाली है।
रोहन ने सोनम को गोद में उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया, पायल पहले की तरह सोनम की चूत चाटती रही और रोहन ने अपना लंड सोनम के होंठों से रगड़ना शुरू कर दिया।
सोनम जो की आँखें बंद किये बेड पर लेटी हुई मज़ा ले रही थी, जैसे ही उसको रोहन के लंड का एहसास हुआ तो उसने आँखें खोल कर देखा, लंड का विकराल रूप बिल्कुल उसकी आँखों के सामने था- नहीं भाई… प्लीज मुँह में मत डालो… प्लीज मान जाओ रहने दो…’ सोनम ने लंड मुँह में लेने से मना किया।
‘दीदी… मुँह में लेकर तो देख बहुत मज़ा आएगा, शुरू शुरू में मुझे भी अच्छा नहीं लगता था पर अब तो जब तक लंड चूस ना लूं चुदाई का मज़ा नहीं आता।’ पायल ने अपना अनुभव सोनम को बताया।
सोनम लंड मुँह में लेना नहीं चाहती थी पर साथ ही लंड से आ रही मादक खुशबू उसको बैचैन कर रही थी। जब सोनम लंड मुँह में लेने के लिए तैयार नहीं हुई तो रोहन ने असली काम पर आने का मन बना लिया और उसने पायल को एक तरफ किया और अपनी खुरदरी जीभ सोनम की चूत पर लगा दी।
सोनम एहसास मात्र से ही उत्तेजित हो गई और उसकी चूत से पानी बह निकला- भाई… मुझे बहुत डर लग रहा है… प्लीज मुझे छोड़ दो… मेरे साथ मत करो कुछ… प्लीज भाई… छोड़ दो मुझे…
रोहन उठा और उसने अपना लंड सोनम की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया, सोनम का बदन लंड के स्पर्श से लहरा उठा था। चाहे कुछ भी हो थी तो वो भी जवान, खुजली तो उसकी चूत में होती ही थी और जब से पायल और रोहन की चुदाई का पता लगा था, तब से उसकी चूत में भी चुदाई के कीड़े कुलबुलाने लगे थे। यह बात और थी कि वो ऊपर से इसे नफरत की नजर से देखती थी।
भाई बहन के बीच सेक्स सम्बन्ध को वो नाजायज मानती थी।
जो भी हो अब वो समझ चुकी थी कि अब रोहन का लंड उसकी चूत का उद्घाटन करके ही दम लेगा।
वो भी उत्तेजित हो चुकी थी और अब उसका भी मन हो रहा था कि जल्दी से रोहन का लंड उसकी चूत में घुस कर उसकी खुजली मिटा दे।
अनचुदी चूत अब पानी पानी हो रही थी और लंड का स्वागत करने को तैयार थी फिर चाहे अंजाम कुछ भी हो।
रोहन ने लंड चूत पर रगड़ते रगड़ते चूत पर थोड़ा दबाव बनाया तो सोनम की छोटी सी चूत भी अपना मुँह खोलने लगी थी। लंड चूत पर सेट करते ही रोहन ने पहले एक हल्का सा धक्का लगाया और साथ ही एक जोरदार धक्का लगा कर लंड का सुपाड़ा सोनम की चूत में फिट कर दिया।
सोनम दर्द के मारे छटपटा गई।
रोहन पहले से जानता था कि ऐसा ही सब होगा, वो इसके लिए पहले से ही तैयार था और फिर पायल भी तो चुदवा कर इतना जान चुकी थी कि सोनम की चूत में जब पहली बार लंड जाएगा तो वो जरूर चीखेगी चिल्लाएगी। तभी तो धक्का लगने से पहले ही पायल ने सोनम के होंठों को अपने होंठो दबा लिया था और रोहन ने भी सोनम को कस कर पकड़ लिया था।
सोनम दर्द के मारे चीखना चाहती थी पर वो बस छटपटा कर रह गई।
रोहन एक दो सेकंड के लिए रुका और फिर एक लम्बी साँस लेकर दो तीन जोरदार धक्के लगाए और लगभग आधा लंड सोनम की चूत में उतार दिया।
सोनम तो जैसे बेहोश होते होते बची, दर्द की लकीरें उसकी आ।खों और चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रही थी।
सोनम की ऐसी हालत देख कर रोहन रुक गया और सोनम की चूचियों को मसलने और मुँह में लेकर चुम्भ्लाने लगा। रोहन के रुकने से सोनम को थोड़ा आराम मिला तो उसने जबरदस्ती पायल को अपने से दूर किया और हाथ जोड़ कर रोहन से छोड़ने की गुहार लगाने लगी- प्लीज भाई… छोड़ दो… मैं नहीं सह पाऊँगी… बहुत दर्द हो रहा है भाई… प्लीज छोड़ दो… छोड़ दो… नहीं तो मैं मर जाऊँगी… प्लीज..
 
रोहन ने सोनम के टपकते आँसू अपने होंठों से साफ़ किये और बोला– मेरी प्यारी बहना… घबरा मत, जो दर्द होना था हो चुका, अब तो सिर्फ मज़ा ही मज़ा है और फिर खुद सोच पायल तो तुझ से छोटी है और जब यह चुदवाने से नहीं मरी तो तुम कैसे मर जाओगी?
‘बहुत दर्द हो रहा है भाई…’
रोहन ने सोनम की बात को अनसुना कर दिया और जितना लंड चूत में गया था उसी को अन्दर बाहर करने लगा, हर धक्के के साथ सोनम थोड़ी विचलित हो जाती थी पर अब चूत से निकले पानी और खून के मिश्रण ने चूत को अच्छे से चिकना कर दिया था जिससे लंड अब चूत में फिसलने लगा था।
रोहन हर दो तीन धक्कों के बाद एक जोर का धक्का लगाता और थोड़ा सा और लंड चूत में घुसा देता और ऐसे ही उसने अपना पूरा लंड सोनम की चूत में फिट कर दिया।
लंड पूरा जाते ही रोहन कुछ देर के लिए रुका और सोनम के होंठो को चूसने लगा।
सोनम की आँखों से आँसू तो अब भी निकल रहे थे पर दर्द की लकीरें अब कम हो गई थी।
जब लगभग एक मिनट तक रोहन ऐसे ही पडा रहा तो सोनम का दर्द भी कम हो गया। अब सोनम ने भी अपनी गांड को हिला कर रोहन को आगे बढ़ने के संकेत दिए।
इशारा मिलते ही रोहन ने पहले धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये और फिर धक्को की स्पीड बढाता चला गया। कुछ ही देर में बेड पर जैसे भूचाल आ गया था, अब रोहन सोनम की जबरदस्त चुदाई कर रहा था और सोनम के मुँह से भी अब मस्ती भरी आहें और सिसकारियाँ ही निकल रही थी।
चुदाई का असली मज़ा क्या है, सोनम को इसका एहसास हो चुका था और अब वो शुरुआत में मिले दर्द को भूल कर चुदाई के नशे में झूम रही थी, रोहन के हर धक्के के साथ वो अपनी गांड उठा उठा कर रोहन का साथ दे रही थी।
दूसरी और पायल उन दोनों की चुदाई देख कर वासना की आग में तप गई थी और अपनी उंगली से ही अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर पानी निकालने की कोशिश कर रही थी।
चुदाई करीब दस मिनट तक चली, सोनम दो बार झड़ चुकी थी और अब रोहन के लंड से निकलने वाले अमृत को प्राप्त कर चूत की गर्मी ठंडा करने को मचल रही थी।
रोहन ने ज्यादा इंतज़ार नहीं करवाया, जोरदार धक्के लगाते लगाते रोहन का लंड सोनम की चूत में फूल गया था और अब धक्कों की स्पीड भी अब दुरंतो की स्पीड को पीछे छोड़ रही थी।
दस पंद्रह धक्के और लगे और फिर रोहन के लंड का लावा सोनम की चूत की गहराईयों में समाता चला गया।
लंड से निकले वीर्य की गर्मी का एहसास मिलते ही सोनम तो जैसे स्वर्ग में पहुँच गई थी। सारा शरीर फुल की पंखुड़ियों से भी हल्का हो गया था और चूत से तो जैसे अमृत का झरना बह निकला था।
रोहन झड़ने के बाद सोनम के ऊपर ही लेट गया और सोनम ने भी उसको अपनी बाहों और टांगों के पाश में बाँध लिया, दोनों जैसे एक दूसरे में समा जाना चाहते थे।
सोनम चुद चुकी थी और रोहन का मिशन ‘बहन की चूत’ पूरा हो चुका था।
काफी देर तक दोनों एक दूसरे से लिपटे पड़े रहे तो पायल ने ही आगे बढ़ कर दोनों को अलग किया। पायल भी उंगली से अपनी चूत को झड़वा चुकी थी और रोहन के लंड का मज़ा लेने के लिए व्याकुल थी।
जब रोहन और सोनम अलग हुए तो दोनों के ही चेहरे पर पूर्ण संतुष्टि के भाव थे फिर भी सोनम ने रोहन को दिखावटी गुस्सा दिखाते हुए तो तीन चार मुक्के जड़ दिए- कोई अपनी बहन के साथ भी ऐसा करता है क्या भाई… पता है कितना दर्द कर दिया तुमने… तुम बहुत निर्दयी हो भाई…
‘दीदी ये निर्दयी नहीं, बहनचोद है बहनचोद….’ ये कह कर पायल जोर से हँस दी और उसकी बात सुनकर रोहन और सोनम की भी हँसी छुट गई।
कुछ देर तीनो बेड पर लेटे एक दूसरे से प्यार भरी बातें करते रहे। रोहन अपनी दोनों बहनों के नंगे बदन को अपनी बाहों में लिए बेड पर पड़ा था। सोनम प्यार से रोहन की छाती पर हाथ फेर रही थी और पायल रोहन के लंड को धीरे धीरे मसल कर अपनी चुदाई के लिए तैयार कर रही थी।
कुछ ही देर में लंड तैयार हो गया तो रोहन ने जल्दी से पायल को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पायल की चूत में उतार दिया। पायल के लिए ये सब रोज का काम था, मस्ती से उसने रोहन का पूरा लंड मात्र दो ही धक्कों में अपनी चूत में फिट करवा लिया और फिर बेड पर दुबारा भूचाल आ गया और पायल की जबरदस्त चुदाई शुरू हो गई।


samaapt
 
खूबसूरत बहन की गांड चुदाई

आज जो गांड मरने की कहानी बताने जा रहा हू , मेरी 18 साल की खूबसूरत बहन की चुदाई की कहानी हैं .
मैं मोंटी दिल्ली का पंजाबी मुंडा हु, मैं दिन भर मस्ती करता हु, रात को डिस्को पार्टी पब यही मेरा काम है, मेरे घर में मैं मेरी अठारह साल की बहन और मेरी माँ हम तीन जन रहते है पापा कनाडा में जॉब करते है हम तीनो अपने बाप के पैसे से खूब मस्ती करते है माँ भी चुदक्कड़ है वो भी शाम होते ही अपने आशिक के पास चली जाती है मेरी बहन काफी अच्छी है वो आज तक किसी से चुदी नहीं है, वो बड़ी ही हसीन नैन नक्स की लड़की है, बूब बड़ा बड़ा गांड चौड़ी, गोरी, गाल गुलाबी.उसके दीवाने तो बहुत है पर वो ज्यादा किसी को भाव नहीं देती, मैं कामयाब रहा अपने बहन को गांड मारने में, एक दिन की बात है, मैं और मेरी बहन दोनों घर पे थे, माँ बोली आज रात को नहीं आउंगी मैं अपने दोस्त के यहाँ जा रही हु उसके यहाँ फंक्शन है तुम लोग पिज़्ज़ा मंगवके खा लेना, और माँ चली गयी, हम दोनों बहन भाई ने प्लान बनाया की आज रात को बियर पिएंगे और तंदूरी चिकिन खाएंगे, रात को करीब १० बजे खाना खाया और बियर पि, मैंने बियर में थोड़ा सा व्हिस्की भी मिला दी थी, व्हिस्की कभी कभी मम्मी पीती है, मैंने जितना व्हिस्की निकली उतना पानी डाल दिया ताकि माँ को शक ना हो की हम लोगो ने उनकी व्हिस्की पि.

मेरी बहन ने कहा भैया आज का बियर तो काफी स्ट्रांग है मुझे तो काफी नशा आ गया, मैंने कहा हां लग तो ऐसे ही रहा था, वो उठी और बाथरूम जाने लगी वैसे ही वो लड़खड़ा कर गिरने लगी मैंने उसको संभाला, पर उसी कर्म में बहन का गोल गोल बड़ा बड़ा बूब मेरे हाथो में आ गया, बहन झूमते हुए बोली “हम्म्म्म नॉटी भाई, क्या किया तुमने”
मैं : कुछ भी तो नहीं
बहन: तो ऐसे ही मेरे बूब दब दया
मैं : अरे यार तो क्या हुआ, गलती से दब गया
बहन: तो जोर से क्यों नहीं दबाया
मैं : जोर से? क्यों तुम्हे अच्छा लगेगा क्या?
बहन: अभी आती हु तुम्हे गिफ्ट दूंगी, आज तो खुश कर दिया बियर पिला के, और हां सिगरेट है अभी आती हु वाशरूम से जला के रखना.
मेरी बहन वाशरूम में गयी और वापस पेशाव कर के आई मैंने सिगरेट जला के उसे दे दिया, वो कस पे कस लगाने लगी, मैं भी कस लगा रहा था, उसके बाद बोली, आज मजा आ गया. तो मैंने कहा मजा तो आ गया चिकन भी था, बियर भी था, पर वो नहीं रहने की वजह से मजा थोड़ा फीका हो गया, तो मेरी बहन बोली क्या है यार साफ़ साफ़ बोल. आज तुम्हे सब कुछ मिलेगा, मैंने कहा क्या आज हम दोनों सेक्स कर सकते है किसी को पता भी नहीं चलेगा. तो मेरी बहन बोली नहीं यार, ये मेरे से नहीं होगा, मैंने आज तक सेक्स नहीं किया है. तो मैंने कहा नहीं किया तो आज कर लो तुम तो मस्त माल हो गयी है, अभी तुमको चुदने में काफी अच्छा लगेगा, आज तो मौका ही, w अगर तुम आज मेरे से नहीं चुदी तो आने बाले समय में किसी और से चुद जाएगी क्यों ना घर का माल घर में रह जाये. आप ये कहानी निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पे पढ़ रहे है, मेरी बहन तैयार हो गयी, बोली देख भाई मैं तुम्हे चूत में घुसाने नहीं दूंगी क्यों की मैं अपनी वर्जिनिटी मैं अपने बर्थडे में खोना चाहती हु, तू चाहे तो गांड मार ले, मेरा तो ख़ुशी का ठिकाना ना रहा क्यों की मुझे तो गांड मारना ही पसंद है, फिर क्या था हम दोनों एक दूसरे को बाहों में झूमते हुए बैडरूम में गए और मैंने अपने बहन का एक एक कर के सार कपडा उतार दिया, वो गजब की हॉट लग रही थी, बड़ा बड़ा चूच मस्त गोरी शरीर पिंक होठ, चूत के पास हलके हलके बाल, गांड गोल गोल उभरा हुआ चलती तो दोनों तरफ चूतड़ एक दूसरे को सहलाते हुए चलती, वो लेट गयी मैंने अपने बहन के होठ को चूसना सुरु किया फिर बूब दबाना, मजा आ गया दोनों निप्पल को जब बारी बार से अपने दांत से दबा रहा था वो तो बस आआह्ह आआआहह आआआहह उफ्फ्फ्फ्फ़ कर रही थी, वो बार बार अंगड़ाई ले रही थी, फिर मैंने चूत को चाटना सुरु किया पर बहन बोली आज नहीं तू बर्थडे पे चाट लियो, तू ही मेरी वर्जिनिटी का मालिक रहेगा, और वो पेट के बल लेट गयी, मैंने उसके कंधे से पीठ से चूतड़ से जांघ से निचे पैर तक चाटना सुरु किया और फिर गांड को चाटने लगा दोनों हाथ से चूतड़ को अलग अलग किया, और गांड के छेद पे जीभ रखा और जीभ को लकपकाने लगा वो तो इतनी कामुक हो गयी यार की बता नहीं सकते वो तो ऐसे ऐसे आवाज निकाल रही थी कभी तो लग रहा था उसे दर्द हो रहा था कभी लग रहा था उसे ठण्ड लग रही है कभी तो लग रहा था किसी ने पेट में चुति काट ली, फिर मैंने अपने लैंड पे ऊपर थोड़ा थूक लगाया और अपने बहन से गांड में पेल दिया.
वो कराहने लगी और आँख में आंसू आ गए जब की अभी तक मेरे लैंड का सुपाड़ा ही अंदर गया था, मैंने उसको सहलाया और फिर से कोशिश की चार पार झटके में पूरा लण्ड अंदर चला गया, मेरी बहन बार बार कह रही थी भैया गांड धीरे से घुसाओ प्लीज दर्द होता है, मैंने भी कहा रुकने बाला मैं जोर जोर से उसके गांड में अपना लण्ड घुसा रहा था, दोनों नशे में चूर चूर थे और फिर थोड़े देर बाद वो भी गांड उठा उठा के गांड मरवाने लगी, रात भर में करीब ६ बार मैंने अपने बहन को गांड मारी, सुबह जब उससे देखा तो वो ठीक से चल नहीं पा रही थी, आपको मैं अपनी बहन की वर्जिनिटी की कहानी बताऊंगा उसका बर्थडे अभी ३ दिन बाद है. आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी जरूर कमेंट करे और रेट करे प्लीज.
 
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