Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य - Page 3 - SexBaba
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Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य

जैसे ही प्रेरणा का पैर फिसला था और उसकी चुत दिखी थी तो उस झटके से मेरी हालत भी ख़राब हुई और मैं यह भूल गया की नैना ने मेरा एक हाथ पकड़ रखा था। मैने अपना वो हाथ जो नैना ने पकड़ा था उसको खिंच कर अपने दूसरे हाथ से मिलाने की कोहिश की। पर नैना के पकडे होने से मेरा हाथ थोड़ा भारी लगा। मैन माजरा समझता तब तक देर हो गयी और नैना का हाथ भी मेरे हाथ के साथ खिंचता हुआ आया और मेरे लंड पर जा गिऱ। मेरा लंड तो थोड़ी देर पहले से ही कड़क हुआ पड़ा था। वो तो अच्छा हुआ की नैना की हथेली का पिछला हिस्सा मेरे लंडसे छु गया सीधा होता तो उसको और भी बुरा लगता। मैंने अब नैना की तरफ देखा और बुड़बुड़ाते हुए उसको सॉरी बोला। नैना ने एक ही सेकंड में अपना हाथ मेरे लंड से हटा दिया था पर तब तक उसको मेरे लंड की हालत पता लग चुकी थी। नैना का मुह छोटा सा हो गया था। दोनो तरफ कुछ चीजे साथ चल रही थी।


प्रेरणा ने अपना पाँव निचे गिरने के बाद तुरंत ही फिर ऊपर कर अपनी चुत छुपा ली थी। मिहिर ने फिर उसके पाँव की सही पोजीशन कर दि। ईधार नैना भी मेरे लंड को एक्सीडेंटली छु कर मेरे पास से उठ कर चली गायी। मुझे दर लगा कही वो मुझे गलत न समझे, जो भी हुआ था वो मैंने जानबूझकर नहीं किया था।

मिहिर अब अपने कैनवासके पास चला गया था और स्केचिंग शुरू कर दी थी। मेरी नजर एक बार प्रेरणा के नंगे बदन पर थी तो दूसरी तरफ मिहिर के हाव भाव पर थी। मिहिर घूर कर मेरी बीवी के नंगे बदन को ही देख रहा था। प्रेरणा इस तरह घूरने से और थोड़ी देर पहले हुई घटनाओ से थोड़ा नर्वस थी और मिहिर उसको बार बार स्माइल करने को बोल रहा था। पांच मिनट्स के बाद नैना पानी लेकर आयी। मैंने देखा की पहले के मुकाबले अब नैना की नंगी कमर ज्यादा दीख रही है। शायद उसने अपना पलाज़्ज़ो कमर से थोड़ा और नीचे खिसका दिया था। उसने मेरी तरफ बढ़ते हुए एक गिलास मिहिर के पास रखा और एक प्रेरणा के नजदीक।

फिर नैना मेरे पास आयी, मुझे अच्छा लगा की वो मुझसे नाराज नहीं है। नैना मेरे सामने आयी और झुक कर मुझे पानी का गिलास थमाया। उसके ऑफ शोल्डर टॉप के ऊपर का भाग इलास्टिक का था और नैना ने अपने कंधे गिलास देते हुए सिकोड़ लिए थे तो वो टॉप उसकी त्वचा से थोड़ा दूर हट गया और झुकते ही उसके बूब्स का थोड़ा उभार मुझे दीख गया। मैने नैना को थैंक यू बोल, यह थैंक यू पानी के लिए कम और उसके मुम्मो को थोड़ा दिखाने के लिए ज्यादा था। उसने भी थोड़ा शरमाते हुए मुस्कराहट बिखेर दि। शायद उसको भी पता चल गया की उसका टॉप ऊपर से थोड़ा खुल गया था क्यों की उसने ऊपर उठते हुए अपना एक हाथ टॉप पर चिपका कर फिर दबा दिया था, पर तब तक जो थोड़ा बहुत दीखना था मैं देख ही चूका था। मैने भी नैना को एक कुटिल मुस्कान दिखायी, और यह जाता दिया की कितना भी छुपाओ मगर मैं देख चूका हू। नैना अब ट्रे किचन में रख कर फिर आयी।

मै जिस सोफ़े पर बैठा था उसके ठीक आगे के कारपेट पर नैना आकर बैठ गयी। उसकी पीठ मेरी तरफ थी। वो अपनी टाँगे मोड़ कर सीट बना कर बैठी थी। फिर उसने स्ट्रेच करना शुरू किया और दोनों हाथ ऊपर हवा में सीधा किये, उसका टॉप भी कमर के ऊपर चढ़ गया। उसकी गोरी कमर और ज्यादा दिखाई देने लागी। नैना की शायद यह रोज की आदत थी इसलिए वो योग जैसा कुछ कर रही थी। इसी कारण मिहिर भी अपने काम में लगा रहा और इधर ध्यान नहीं दिया। अब नैना ने आगे झुकते हुए अपने हाथ कड़क रखते हुए जमीन पर टच कर दिए। इस स्ट्रेचिंग से उसका पलाज़्ज़ो जो कमर से इलास्टिक से बँधा था वो खिसक कर थोड़ा नीचे हो गया और उसकी कमर के नीचे का थोड़ा हिस्सा भी दिखने लगा था। मैने महसूस किया की शायद नैना ने अपनी पैंटी नहीं पहनी थी।
 
कुछ देर पहले उसको जब छुआ था तो उसने पैंटी पहने हुई थी। नैना जैसे ही सीधी हुई उसने अपना टॉप पकड़ निचे खिसकाया, क्यों की उसको भी फील हुआ था की उसके कपड़े खिसक रहे थे। मगर उसने अपनी एक्सरसाइज जारी रखी और मैं ऐसे ही उसके दीखते गोर बदन को घुरता रहा। थोड़ि देर बाद उसने पलट कर मुझे देख, मैं उस वक़्त उसके बदन को ही घूर रहा था तो उसने मुझसे पूछा की मैं कही बोर तो नहीं हो रहा बैठे बैठे। मेरा ध्यान भंग हुआ, और मैंने उसकी तरफ देख, वो मुस्कुरा रही थी, कही उसने मुझे उसके शारीर को घूरते हुए तो नहीं देख लिया?


मैने उसको कहा की मैं ठीक हूँ और वो अपनी एक्सरसाइज करती रहि। एक तरफ मेरी बीवी प्रेरणा बिना कपड़ो के अप्सरा की तरह पॉज देकर बैठी थी और दूसरी तरफ नैना अपना बदन थोड़ा थोड़ा दिखा मुझे तडपा रही थी। मिहिर अपने काम में लगा था पर मैं देख पा रहा था की वो भी मेरे बीवी प्रेरणा के नंगे बदन को देखने के मजे ले रहा हैं तो फिर मैं क्यों न लु? ईसी तरह एक घंटा बीत गया। नैना की एक्सरसाइज ख़त्म हुई और उसने बोला की अब ब्रेक लेते हैं प्रेरणा भी थक गयी होगी एक ही तरह के पॉज मे।

मिहिर बोला की वो एक फोटो लेगा, ताकि प्रेरणा को फिर से पहले वाले पॉज में ला सक। वो अपना फ़ोन ढूँढ़ने लाग। मुझे लगा की वो मेरी नंगी बीवी का फोटो अपने फ़ोन में लेकर बाद में हस्तमैथुन करेंगा। मै खुद खड़ा हो गया की मैं फोटो लूँगा और प्रेरणा का फोटो ले लिया। मगर मिहिर ने बोला की फोटो तो वो जहा खड़ा हैं उसके एंगल से लेना था। मिहिर के हाथ में अब उसका फ़ोन था। मेरे चेहरे पर डर था और यह बात नैना ने भाप ली। उसने मिहिर को रोका और बोली की प्रेरणा के फ़ोन से ही फोटो लेते है।

मुझे नैना की समझदारी बहुत अच्छी लागी। प्रेरणा के फ़ोन से प्रेरणा का ही नंगा पॉज का फोटो लिया गया। फिर प्रेरणा को नैना ने वो शाल से फिर ढक दिया। एक ही पॉज में बैठे बैठे प्रेरणा का शारीर थोड़ा सुन्न हो गया था तो नैना ने उसको सहारा दिया और वाशरूम में ले गायी। मै उस बेंच के पास ही खड़ा था जहा प्रेरणा बैठी थी। मैंने देखा की जहा प्रेरणा बैठी थी वह थोड़ा गीला हो गया है। वो गीलापन जरूर प्रेरणा की चुत से निकला था। शायद जिस तरह मिहिर ने प्रेरणा की बॉडी को छुआ था और मेरा खुद का लंड खड़ा हो गया था शायद प्रेरणा का भी थोड़ा मूड बन गया होगा।

मिहिर अपनी कैनवास के पास खड़ा था तो मैं उसके सामने वो बेंच का गीलापन पोंछ नहीं सकता था। तभी नैना आ गयी और उसने भी बेंच पर लगा गीलापन देख लिया। मिहिर अब दूसरे वाशरूम की तरफ गया। नैना ने एक टिश्यू पेपर से वो बेंच पर लगा गीलापन पोंछ लिया और मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा कर बोली।

नैना: "यह सब नेचुरल हैं, ऐसे में पानी निकल जाता है। मेरी भी जब ऐसी पेंटिंग बानी थी तो मेरे तो इस से भी ज्यादा गीला हुआ था" (मै उसकी बातें सुनकर कर सन्न रह गया। उसने इतनी बड़ी अंदर की बात कितनी आसानी से कह दी थी। वैसे भी मुझे कुछ दिन पहले समझाते हुए उसने बोला था की उसकी सोच बहुत खुली है।

मैने सोचा यही मौका हैं की मैं उसके बेडरूम में लगी उसकी नंगी तस्वीर देख सकता हू। असली में उसको नंगा तो शायद कभी देख न, पाउ तस्वीर में देख कर ही उसके छुपे हुए अंगो को देख लुंगा।)

पराग: "तुम्हारी भी ऐसी तस्वीर बनी हैं?"

नैना: "हॉ, तुम देखना चाहोगे?"

मुझ अन्धे को क्या चहिये, दो आँख़ें। जो बात मैं उसको कहने से डर रहा था वो उसने खुद ही बोल दि। मैंने उसको हां बोल दिया। उसने कहा की वो टिश्यू फेंक कर आएगी और फिर मुझे अपनी तस्वीर दिखाएगी।
!
 
इस बीच प्रेरणा ड्राइंग रूम से लगे वॉशरुम से बाहर आयी और दूसरी तरफ बेडरूम के वॉशरुम से मिहिर भी आ गया। मिहिर ने प्रेरणा को बोला की कुछ मिनट्स रिलैक्स के बाद वो फिर पेंटिंग शुरू करेंगे। नैना ने मुझे अब बेडरूम के पास खड़े होकर अंदर बुलाया। मैं तेजी से चल कर बेडरूम में गया। जिस दीवार पर दरवाजा था उसी पर उसकी बड़ी सी नंगी तस्वीर लगी थी।


नैना का चेहरा पहचान में आ रहा था। तस्वीर में उसके बूब्स जितने मैंने सोचे थे उस से भी बड़े दीख रहे थे। शायद मिहिर ने जानबूझकर बड़े बूब्स बनाये थे जैसे की प्रेरणा के स्केच में बनाये थे। मागर उन ओवर-साइज बूब्स की वजह से उस तस्वीर की खुबसुरती और भी बढ़ गयी थी। नैना की पतली कमर पर उसके बड़े बूब्स गजब थे तो उसकी सुडौल जाँघे भी क़यामत थी। पर जिस चीज को देखने की सबसे उत्सुकता थी वो थी तस्वीर में नैना की चुत। उसकी चुत की दरार थोड़ी सी दीख रही थी और उसी में मैंने संतोष कर लिया। उसकी चुत पर कुछ बाल भी उगे हुए थे।

प्रेरणा ने तो चुत सफाचट की थी पर क्या नैना अपनी चुत पर बाल रखती होगी? या फिर शायद तस्वीर को क्लासिक लुक देने के लिए नैना ने चुत पर बाल रहने दिए होंगे, या फिर मिहिर ने खुद ही बाल बना दिए होंगे। मैने उस तस्वीर की खूबसूरती को देख "ओहो, कितनी खूबसूरत हैं तस्वीर" कहा। असल में तो मैं नैना के उस नंगे बदन की तारीफ़ कर रहा था।

नैना: "इतनी पसन्द आयी तुम्हे मेरी तस्वीर"

पराग: "हॉ, बहुत"

नैना: "मेरी शादी की पहली सालगिरह पर मिहिर ने यह तस्वीर बनायीं थी"

पराग: "इतने टाइम के बाद भी तुम वैसी की वैसी ही हो, वैसा ही फिगर और चेहरा!"

नैना: थैंक यू बोलते हुए थोड़ा मुस्कुरायी और फिर दूसरी दीवार पर लगा अपना स्केच दिखाया। मगर मेरा ध्यान फिर उसकी उस नंगी पेंटिंग पर गया।

नैना: "अब तो तुम्हे अपने बेडरूम में लगाने के लिए भी एक तस्वीर मिलने वाली है। देखना प्रेरणा की बहुत अच्छी तस्वीर बनेगी"

पराग: "अगर तस्वीर इतनी अच्छी नहीं बानी तो फिर मैं तुम्हारी यह वाली तस्वीर ले जाऊँगा अपने बेडरूम में लगाने के लिए"

नैना: "मेरी तस्वीर क्यों! प्रेरणा से प्यार करते वक़्त क्या मेरी तस्वीर देख कर करोगे!"

(नैना को क्या पता की पिछली कुछ चुदाई में मैं नैना को ही बंद आँखों से देखकर प्रेरणा को चोद रहा हू। उसने मजाक मजाक में मेरे दिल की बात कह दी थी। मैंने भी मजाक जारी राख।)

पराग: "इसमें क्या बुरा हैं? खूबसूरती को देखते हुए प्यार और बढ़ जाता हैं"

नैना(हँसते हुए): "प्यार करते करते मेरा नाम मत लेने लग जान, नहीं तो प्रेरणा नाराज हो जाएगी"

(हम दोनों ही अब खुल कर इस बात पर हंस रहे थे। पिछली बार हमारे कविता गाने के दौरान अब हम थोड़ा खुल गए थे और अच्छी दोस्त की तरह हो गए थे। ऊपर से खुले विचारों की तो नैना थी ही।)

पराग: "यह वोही तस्वीर हैं न जिसके बनाते वक़्त तुम्हे भी प्रेरणा की तरह प्रॉब्लम हुई थि, वो गीला होने की!"

नैना: "हां यही तस्वीर थी। मेरा भी पहला मौका था। मुझे भी प्रेरणा की तरह शर्म आ रही थी"
 
पराग: "मगर प्रेरणा तो बेंच पर बैठी थी इसलिए नीचे टच होने से गीला हुआ था पर तुम्हारे इस पॉज में तो शारीर का वो हिस्सा नीचे टच नहीं हो रहा"


नैना: "मेरा तो और भी ज्यादा पानी निकला था। मिहिर को बार बार आकर साफ़ करना पड़ रहा था। मगर वह बालों में थोड़ा पानी फिर भी अटक कर मुझे गीलेपन का अहसास करवा रहा था"

(नैना बडे आराम से इतनी अन्तरंग बातें मेरे साथ कर रही थी की कैसे उसकी चुत का पानी तस्वीर बनाते वक़्त निकल गया था। उसने बातों बातों में यह भी बता दिया की उसकी चुत पर बाल उगे थे। उसकी बातें सुन सुनकर मैं उत्तेजित हो रहा था और मेरा लंड मेरे पेंट में फड़फड़ा रहा था। क्या पता नैना भी ऐसी बातें कर मुझे जानबूझकर उत्तेजित कर रही होl )

नैना फिर बोली की अगर तस्वीर बनातें हुए मैं अगर बोर हो रहा हूँ तो हम लोग फिर से कविता गाने का प्रोग्राम करते हैं मेरे फ्लैट पर।

(मुझे भी लगा की वो मेरे साथ अकेले जाना चाहती हैं और उसका भी मूड होगा, तो मैं मान गया। नैना बोली की वो चेंज करके आएगी l मुझे लगा कही गन्दी बातें करते उसका भी तो मूड नहीं बन गया और उसकी भी चुत गीली हो गयी होगी इसलिए वो चेंज करने को बोल रही थी।)

मै अब बेडरूम से बाहर आया। फिर सोचा एक बार फिर अंदर झाँक लेता हूं, उसको चेंज करते हुए ही शायद उसको नंगा देख लु। मैने ७--८ सेकंड इन्तेजार किया और फिर बेडरूम में अंदर गया। नैना ने उस वक़्त अपना पलाज़्ज़ो अपनी कमर के निचे खिसकाना शुरू ही किया था और २-३ इंच नीचे कर दिया था पर मुझे देखते ही उसने पलाज़्ज़ो फिर ऊपर चढ़ा लिया। मैने थोड़ी ग़लती कर डॉ, अगर ५-१० सेकंड देरी से आता तो शायद नैना को नंगा देख ही लेता। मैंने नैना को सॉरी बोला और कहा की मैं उसका अपने फ्लैट पर इन्तेजार कर रहा हूँ और वो वही आ जाए।

फिर मैं नैना को वही बेडरूम में छोड़ कर ड्राइंग रूम में आया। प्रेरणा अपनी बेंच पर थी और उसके सामने मिहिर झुका खड़ा था। मैन मिहिर के पीछे थोड़ा दूर था तो उसके आगे का कुछ दीख नहीं रहा था। दोनों का चेहरा एक दूसरे के सामने था तो मुझे लगा कही मिहिर किश तो नहीं कर रहा। मिहिर सामने से हटा और प्रेरणा को छूते हुए उसका पॉज ठीक कर रहा था। प्रेरणा एक बार फिर मिहिर के छुने से नर्वस थी। मुझे लग गया की एक बार फिर उसकी चुत गीली हो रही होगी। मै वही थोड़ा रुक गया ताकि मिहिर कोई फायदा ना उठए। मगर फिर मिहिर अपने कैनवास के पास आ गया। मैं भी फिर उनको बाई बोलकर अपने फ्लैट पर आ गया और नैना का वेट करने लगा।

थोड़ि देर में डोर बेल बजी और मैंने नैना को अपने घर के अंदर लिया। उसने टॉप तो अभी भी वोही ऑफ शोल्डर पहने था पर नीचे पलाज़ो की जगह एक साटन का शॉर्ट्स पहने थी। उसमे उसकी गोरी चिकनी जाँघे थोड़ी बहुत दीख रही थी। मैने नैना से कहा की हम बातें करते हैं, कविता का प्रोग्राम फिर कभी रखेंगे और वो मान गयी। हम एक दूसरे के बारे में बताने लगे।

पराग: "तुम्हे मिहिर से जलन नहीं होति, वो इस तरह नंगी तसवीरे बनाता हैं किसी और की?"

नैना: "उसने सिर्फ मेरी ऐसी तस्वीर बनायीं थी और अब प्रेरणा की बना रहा है। इसमें जलन की क्या बात हैं? तुम्हे जलन तो नहीं हो रही?"

पराग: "जलन तो नहीं पर अगर ऐसे नंगे देख कर नीयत भी तो ख़राब हो सकती हैं!"

नैना: "हम सब सभ्य लोग हैं, ऐसे थोड़े ही किसी को छोटे कपड़ो में या नंगा देखकर भड़क जाएंगे। यह काम छोटी सोच वाले लोगो की होती है। अगर मैं अभी कपड़े खोल नंगी होती तो क्या तुम मेरे बारे में गन्दा सोचते? नहीं न? तो फिर पर्सन टू पर्सन डिपेंड करता हैं"

पराग: "पता नहि, तरय कर सकते हैं, मेरी नीयत ख़राब होती हैं की नहीं"

मेरा मजाक सुनकर नैना हसने लगी और मेरी तारीफ़ करने लगी की मेरा सेंस ऑफ़ हुमूर अच्छा हैं और उसको ऐसे लोग पसन्द है। उसने बताया की मिहिर तो सीरियस ही रहता हैं, मजाक बिलकुल नहीं करता। (मुझे लगा की मेरा भी कोई चांस हैं और नैना के साथ कुछ करने को मिल सकता है।)

पराग: "हम यहाँ आ गए हैं, वहाँ अगर प्रेरणा का फिर से पानी निकलेगा तो!"

नैना: "हम तब तक वहाँ चले जाएंगे। वैसे भी मिहिर को पता हैं यह सब, वो साफ़ कर देगा। तुम्हे बुरा तो नहीं लगेगा न? वो जलन जो तुम बोल रहे थे"

(मै अब कल्पना करने लगा की मिहिर मेरी बीवी प्रेरणा की गीली चुत को साफ़ कर रहा होगा तो कैसा दृश्य होगा। मैं कही खो गया तो नैना ने मुझको चुटकी बजा कर ध्यान हटाया।)

नैना: "अरर, मैं भी मजाक कर रही थि, तुम क्या सोचने लगे, मिहिर ऐसा नहीं करेग, तुम तो सेरिअस हो रहे हो?"

पराग: "मुझे पता हैं यह मजाक था, मैं तो यह सोच रहा था की तुम इतनी सुन्दर हो, तुम्हारे कॉलेज में बहुत चहने वाले होंग, कोई बॉय फ्रेंड वगैरह"

नैना :"कॉलेज में मेरे २ बॉयफ्रेंड थे"

पराग: "एक साथ दो!"

नैना: "नहीं पहला वाला ६ महीने तक था फिर ब्रेकअप हो गया"

पराग: "क्यों?"

नैना: "उसको मेरे साथ फिजिकल होना था और मैं तब रेडी नहीं थी तो ब्रेक उप कर लिया। फिर दूसरा बॉयफ्रेड् बना, जिसके साथ धाइ साल तक फ्रेंडशिप रही"

पराग: "उसने फिजिकल होने का नहीं बोला?"

नैना: "पहले ब्रेक उप के बाद ही सहेलियो से पता चल गया की फिजिकल नहीं हुए तो बॉयफ्रेंड का टिकना मुश्किल है। इसलिए फिर दूसरे वाले से फिजिकल हो गयी"
 
पराग: "ओहः, चिंता मत करॉ, मैं मिहिर को नहीं बताऊँगा"


नैना: "उसको पहले ही पता हैं, मैंने बताया था। उसके भी शादी के पहले फिजिकल रिलेशन थे अपनी गर्ल फ्रेंड्स के साथ। तुम बताओ तुम्हारा कैसा रहा?"

पराग: "मैं तो शादी तक वर्जिन ही था। प्रेरणा का भी मेरे जैसा ही हैं"

नैना: "तुम्हारा अच्छा हैं की लाइफ सेटल्ड हैं, एक बच्चा भी हैं"

पराग: "हॉ, तुमने उस दिन बताया, क्या प्रॉब्लम हैं, कही दिखाया?"

नैना: "कुछ प्रॉब्लम हैं, डॉक्टर ने बोला की कोई चमत्कार ही मुझे माँ बना सकता हैं बाकी मेडिकली तो पॉसिबल नहीं"

पराग: "ओह आई ऍम सॉरी"

नैना: "तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड तो रही होगी!"

पराग: "कॉलेज में एक लड़की को चाहता था, पर उसका पहले से एक बॉयफ्रेंड था तो कभी उसको बोल ही नहीं पाया"

नैना: "अरे तो क्या हुआ! तुम तो उसको चाहते थे न! बोल देते अपने दिल की बात। फिर उसकी इच्छा की वो स्वीकार करे या न करे। तुम तो अपनी बात रखते"

पराग: "मैंने सोचा जब मिलनी ही नहीं हैं तो बोलने का क्या फायदा"

नैना: "ऐसे थोड़े ही होता है। बोलकर अपनी कोशिश तो कर ही सकते थे। चलो मैं तुम्हे आज तुम्हारी अधूरी तमन्ना पूरी करवाती हू। क्या नाम था उस लड़की का बताओ"

उस लड़की का नाम मैंने "नैना" बताया। नैना को बड़ा आस्चर्य हुआ मगर उसको क्या पता की मैं झूठ बोलकर उसी की बात कर रहा था।

नैना: "हम सहेलिया कॉलेज टाइम पर यह वाला खेल बहुत खेलती थी। ठीक हैं तो तुम मुझको अपनी कॉलेज की वो वाली नैना समझ लो। फिर मैं तुम्हे २ मिनट डुंग, तुम्हे मुझको वो वाली नैना समझ कर जो भी मेरे साथ कहना करना हैं वो कर लो"

पराग: "कुछ भी कह और कर सकता हूँ?"

नैना: "हॉ, यही तो खेल हैं, तभी तो बिना डर के रियल फीलिंग आएगी"

नैना अब सोफ़े से उठ कर मेरे सामने कड़ी हो गायी। मेरे लिए यह खुला इनविटेशन था की मैं उसके साथ कुछ भी कर सकता हू। क्या वो सच में सीरियस थी या सिर्फ एक खेल!
 
मै भी अब खड़ा हो गया। नैना ने अपने हाथ फैला दिए और कहा की मेरे २ मिनट शुरू होते हैं अब। मैंने सीधा आगे बढ़कर उसको अपने गले से लगा लिया। मेरा एक हाथ नैना की कमर के नंगे हिस्से पर था जो उसके टॉप और शार्ट के बीच से खुला था। मेरा दूसरा हाथ नैना की पीठ के उस हिस्से पर था जो उसके ऑफ शोल्डर टॉप के ऊपर से नंगा था। मैने उसको कस के गले लगया था और उसके बूब्स मेरे सीने से चिपक कर दबे हुए थे और मुझे अच्छा लग रहा था।


मेरा लण्ड तो उसकी बातों से वैसे ही कड़क हो उसके शार्ट पर चिपका था। मै अपने हाथ उसके बदन पर रगड कर उसकी नाजुक त्वचा को महसूस कर रहा था। मैं लगातार "नैना, आई लव यू" बोलते हुए उस से चिपका हुआ था। उसके बदन की खुसबू से मैं पागल हुआ तो फिर मैंने उसके नंगे कंधे पर चूमा और पिछली बार जो नहीं कर पाया वो अब करना चाह रहा था। मैने उसकी पीठ पर पड़े हाथ से उसके कानो से बाल हटाये और अपने होंठो से उसकी गरदन और कांख़ के पीछे चुमने लगा। नैना की हलकी सी सिसकी निकली पर फिर हँसती भी रहि। मेरा जोश और बढ़ गया और मैंने फायदा उठाते हुए उसकी कमर पर रखा हाथ पीछे से उसके टॉप के अंदर थोड़ा घूसा दिया। मेरा हाथ अब उसके ब्रा के हुक के ऊपर था और मैंने उसके ब्रा के हुक और पट्टी को मुठी में टाइट बंद कर लिया। जिसकी वजह से वो हुक खुल गया। नैना के मुह से एक हलकी चीख़ निकलि पर मैंने अब उसकी पूरी नंगी पीठ पर हाथ फेरने के मजे लिये। उसने अभी तक कोई विरोध नहीं किया था तो मेरे होंसले बढ़ गए। मैने उसकी पीठ पर रखा हाथ उसके टॉप के अंदर से ही उसकी बगल के नीचे से आगे ले जाकर साइड से उसके मुम्मे दबाने की कोशिश की।

मगर नैना की बाजू उसके शारीर से चिपकी हुई थी और उसने मेरा हाथ उसकी बगल के नीचे से आगे नहीं जाने दिया। मैंने एक बार फिर कोशिश की पर कामयाब नहीं हुआ। ताभी नैना ने मुझे पीछे किया और कहा की २ मिनट हो गए हैं और खिलखिलाने लगी। मैं उत्तेजित हो चूका था और समझ नहीं पाया की नैना के मन में क्या चल रहा है। नैना ने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपने ब्रा को हुक बंद करने की कोशिश की। मैंने उसकी मदद की पेशकश की और वो मेरी तरफ पीठ घुमाये ख़ड़ी हुयी।

मैने अब आराम से उसके टॉप को थोड़ा ऊपर किया और मेरे सामने उसकी नंगी गोरी पीठ थी। अभी उसकी बाजू उसकी बगल से चिपकी हुई नहीं थी। मैं चाहता तो अपने दोनों हाथ वह दाल कर उसके मुम्मे दबा सकता था। मैने उसका विशवास नहीं तोडा और उसके ब्रा का हुक बंद कर दिए। हम दोनों फिर से सोफ़े पर बैठ गए और नैना ने अपनी बात जारी रखि।

नैना: "मैं तो सस्ते में निपट गयी। एक बार मैंने मिहिर को भी ऐसा ही एक चांस दिया था, उसकी एक ना मिल पायी गर्ल फ्रेंड का दर्द मिटाने के लिये। उसने ३० सेकण्ड्स के अंदर ही मेरे सारे कपड़े निकाल दिए थे और अंग अंग दबा दिया था। वो २मिनट का टाइम फिर आधे घन्टे तक चलता रहा। तुम ज्यादा जेंटलमैन हो"

(मै अपने आप को कोसा की मैं उसका खेल अच्छे से नहीं समझ पाया। मैं चाहे जो करता और वो २ मिनट तक मुझे कुछ नहीं बोलती। मैंने अब दूसरा टराइ मारने की सोचि।)

पराग: "वैसे मैं एक और लड़की को चाहता था कॉलेज म, उसके लिए भी यह २ मिनट वाला खेल कर ले?"

नैना: "नॉटी" कहते हुए नैना फिर हंसने लगी और मैं भी उसके साथ हंस रहा था। मगर मेरी बात मजाक समझ उसने मुझे दूसरा मौका नहीं दिया।
 
पराग: "तुमने अपने बॉयफ्रेंड को क्यों छोड़ दिया और मिहिर से शादी कैसे हुयी?"


नैना: "बॉयफ्रेंड की सगाई हो गयी थी, इसलिए मैंने ब्रेक उप कर लिया। फिर मिहिर मिला और उस से शादी कर ली। बस एक बच्चे की कमी हैं"

पराग: "यह भी तो हो सकता हैं की कमी मिहिर में हो, तुम में नहीं"

नैना: "नहीं, पूरा चेक अप हुआ हैं हमरा। मुझमे ही दोष हैं"

तभी अंदर मेरा बच्चा रोने लगा। मैं और नैना मेरे बेडरूम में गए। मैं बच्चे को पानी पिला कर फिर सुलाने लगा। नैना भी बिस्तार पर कोहनी के बल उलटा लेटी थी। उसके टॉप और सोर्ट्स के बीच नंगी कमर दीख रही थी। साथ ही उसके शार्ट से उसकी गाँड का उभार दीख रहा था।

नैना: "तुम प्रेरणा का कितना ध्यान रखते हो। बहुत प्यार करते होगे तुम दोनों"

पराग: "प्रेरणा के प्रेग्नेंट होने के बाद इतना प्यार नहीं रह। पर जब से तुम प्रेरणा की सहेली बानी हो मुझे फायदा हो गया। प्रेरणा थोड़ी बदल गयी हैं वर्ना कई दिनों तक उसका प्यार ही नहीं मिलता हैं"

नैना: "तुम बोलो तो मैं प्रेरणा से बात करु। एक शादी में फिजिकल रिलेशन का भी इम्पोर्टेन्ट रोल होता हैं"

पराग: "नहीं, वो बोलेगी की मैंने इस तरह की चीजे तुम्हारे साथ क्यों शेयर कर दी"

नैना: "ठीक हैं, बेडरूम की बातें बाहर नहीं करत। फिर तुमने क्यों बताया मुझे?"

पराग: "हम लोग अभी मेरे बेडरूम में ही हैं, तो देखा जाए तो बेडरूम की बात बेडरूम में ही हैं"

(यह सुनकर नैना जोर जोर से हंसने हुए बिस्तार पर लोट गयी और अब वो सीधा लेटी थी। हंसने से उसके मुम्मो का उभार भी हिल कर मादक लग रहा था। हंसने से उसका नंगा पेट और नाभि अंदर बाहर हो रहे थे। उसने अपना हाथ आगे बढाकर मेरे हाथ से मिलाया। उसने अपनी हांसे को कण्ट्रोल किया क्यों की बच्चा सो चूका था।)

नैना: "तुम कितने मजाकिया हो। अगर तुम मुझे कॉलेज टाइम में मिले होते तो मैं तुम्ही से शादी कर लेति, अगर तुम इंटरेस्टेड होते तो"

पराग: "मैं तो आज भी इंटरेस्टेड हूं, अभी भी देर नहीं हुई हैं"

नैना: "हां यह अच्छा हैं, प्रेरणा को बोल देते हैं की वो उधर मिहिर के पास ही रह। यहाँ हम दो और हमारा बच्चा हैं ही। मुझे भी बच्चा मिल जाएग। उन दोनों को बच्चा चाहिए तो नया पैदा कर ले"

पराग: "चलो, उधर जाकर बता देते हैं फिर"

नैना: "बता तो द, मगर वो मिहिर मजाक समझता ही नहीं है, वो तो बोल देगा जाओ। फिर प्रेरणा मुझे इस घर में नहीं घूसने देगी और मिहिर उस घर में नहीं घुसने देगा"

पराग: "मैं प्रेरणा और तुम्हे, दोनों को राख लूंगा"

नैना: "हम दोनों का वजन उठा पाओगे?"
 
(मैने नैना को पीछे घुमाया और उसके पीछे आकर मैंने उसको दोनों हाथों से पेट से पकड़ा और थोड़ा जमीन से ऊपर उठा दिया। नैना की गाँड का हिस्सा मेरे लण्ड के हिस्से से लग गया और पहली बार उसकी गाँड को अपने लण्ड से छुकर मैं थोड़ा कड़ा हो गया। हालांकि बीच में कपड़े जरूर थे पर मजा तो आया।)


नैना: "हां मान लिया की तुम मेरा वजन उठा सकते हो पर अब नीचे राखो, उधर जाना हैं, उनकी पेंटिंग ख़त्म हो गयी होगी"

(मैने नैना को नीचे उतरा मगर उसके पेट को एक हाथ से पकडे रखा और दूसरा हाथ उसके नंगे सीने पर राख, उसके ऑफ शोल्डर टॉप के ठीक उपर।)

नैना: "अभी हम दोनों की शादी हुई नहीं हैं"

मैने अपना हाथ उसके सीने से धीरे धीरे नीचे खिसका रहा था और जल्दी ही उसके टॉप पर आ गया जहा से उसके मुम्मो का उभार शुरू होने वाला था। मैने भी उसको बोल दया की वो मुझसे अपने आप को मेरी पकड़ से छुडवा के बताये। उसने मेरे उस हाथ पर हाथ राख दिया जो उसके पेट पर रखा था। मैन अपना हाथ उसके सीने से थोड़ा और नीचे खिसकाय और मुझे नरम गुड़गुड़ेदार अहसास हुआ। मेरा हाथ अब उसके मुम्मो के उभार के चढ़ाव पर था। नैना जरा सा पीछे हिलती तो उसकी गाँड मेरे लण्ड से टकराती और आगे होती तो मेरे हाथ से उसके बूब्स का थोड़ा उभार दब जात।

नैना: "जल्दी चलो, हमारी शादी हो न हो, पर इतनी देर न हो जाए की उधर मिहिर और प्रेरणा शादी कर ले"

यह कह कर उसने मेरा जो हाथ उसके सीने पर था उसको पकड़ा और अपने से दूर किया। थोड़ी देर और रुक जाती तो शायद मैं उसका पूरा बूब्स भी दबा देता। हम दोनों अब फिर से उसके फ्लैट की तरफ गए। उसके पास छबि तो थी ही तो हम अंदर गए। मिहिर अभी भी कैनवास पर काम कर रहा था। नैना ने मिहिर को पूछा की उसका काम नहीं हुआ क्या और मिहिर ने ५ मिनट्स और मांग। फिर थोड़ी देर बाद मिहिर ने बोला की उसका आज का काम ख़त्म हो गया है। नैना और मैं प्रेरणा की तरफ बढ़े। नैना ने मेरे हाथ में एक टिश्यू पेपर थमा दिया, उसको पता था की मैं वह देखने आया था की प्रेरणा की चुत से फिर पानी निकला की नहीं।

नैना ने प्रेरणा पर वो शाल ड़ाली और उसको पूछा की वो कपड़े पहनने बेडरूममें जायेगी या वाशरूम मे। प्रेरणा ने पहले वाशरूम में जाने को बोली। नैना ने प्रेरणा को पकड़ कर उठाया क्यों की अब तक प्रेरणा के पेअर सो चुके थे। प्रेरणा के उठते ही मैंने देखा की बेंच फिर प्रेरणा की चुत से निकले पानी से थोड़ी गीली थी। नैना ने भी पलट कर बेंच पर लगा गीलापन देखा और मेरी तरफ देख थोड़ा मुस्कुरायी और प्रेरणा को धीरे से लेकर वाशरूम की तरफ ले गयी।

मैने उस टिश्यू पेपर से बेंच पर लगा गीलापन साफ़ किया। नैना प्रेरणा को वाशरूम में छोड़कर मेरी तरफ आयी और मुझसे टिश्यू पेपर माँगा ताकि वो डस्टबिन में फेंक पाए। मिहिर इस बीच दूसरे वाशरूम में चला गया था। मैंने नैना को टिश्यू पेपर दिया और उसकी कलाई पकड़ कर उसको पीछे घुमा दिया और पुछा।

पराग: "अपनी शादी की बात नहीं करनी क्या मिहिर से?"

नैना: "बताया न की मिहिर को ऐसे मजाक समझ ही नहीं आते"
 
(मैने नैना का हाथ छोड़ दिया और उसकी कमर से पकड़ जाने नहीं दिया। मैंने अब अपने एक हाथ से उसको मुम्मो पर लपटने के लिए हाथ आगे किया। मैन अपना हाथ नैना के बूब्स पर लपेट पाता उसके ठीक पहले उसने अपने दोनों हाथ मोड़ कर अपने बूब्स को धक् लिया और मैं सिर्फ उसके हाथो को दबोच पाया। नैना ने अपनी गाँड से एक ठुमका मेरे लण्ड पर मारा और मेरी पकड़ से छुटकार चली गायी। वो पीछे पलट कर एक बार मुझे देख मुस्करायी। मुझे लग रहा था की मजाक की आड़ में ही सही मैं उसके थोड़े बहुत मजे तो लूट ही सकता हू। उसको जो मजाक लग रहा हैं वोही मेरे लिए मजा था, शायद उसको भी इस तरह के मजाक में मजा आ रहा था। मिहिर ड्राइंग रूम में आ गया था और उसके बाद प्रेरणा ने जाकर बेडरूम में कपड़े पहन लिये। कपडे पहन लेने के बाद वो नार्मल लग रही थी।


उस दिन प्रेरणा खुश थी की उसकी पसन्द की तस्वीर बन रही थी और मैं खुश था की आज नैना से बहुत अंदर की बातें कर उसको छुने के भी मजे लिए थे। मैने सोच लिया की अगली बार मैं एक कदम आगे बढूँगा और कम से कम उसके बूब्स तो पहली बार दबा ही लुंगा। प्रेरणा ने पहले बताया था की अगले दो पेंटिंग के सेशन सोमवार और मंगलवार को होने वाले थे। मगर उस दिन तो मैं ऑफिस में रहुंगा। मुझे फिर नैना के साथ अकेले रहने का मौका कैसे मिलता। मैंने सोच लिया की मैं एक दिन ऑफिस से छुट्टी ले लुंगा। अगले दिन सोमवार को मैं ऑफिस गया पर मंगलवार को मैंने छुट्टी ले ली थी। सूबह सुबह मैं नैना के फ्लैट के बाहर ही घूम रहा था की उसके दर्शन हो जाए तो पूरा दिन अच्छा जाएग। वह घूमते हुए २०-३० मिनट हो गए पर वो दिखी नहीं। फिर नैना के फ्लैट का दरवाजा खुला। मैं अलर्ट हो गया। नैना अपने हाथ में डस्टबिन लिए बाहर आयी। मैं सामने ही खड़ा था। उसने गुड मॉर्निंग बोला और मैंने भी। उसने घुटनो तक का नाईट गाउन पहने था। नींद से उठि थी पर फिर भी बहुत खूबसूरत लग रही थी। वो डस्टबिन बाहर रखने आयी थी।

मुझे एक मौका दिखाई दिया। जब वो झुकेगी तो उसके ढीले गाउन से उसके मुम्मो का दीदार तो हो ही जाएग। मैंने लिफ्ट का बटन दबाया और यह दिखाने की कोशिश की की मैं लिफ्ट का वेट कर रहा था। नैना थोड़ा सा झुकी और मेरे दिल की धड़कन तेज हुयी। आधा झुकने के बाद उसने अपने दूसरे हाथ से अपना गाउन सीने से दबा दिया और मेरे अरमानो का गला भी गोट दिया। डस्टबिन रखकर नैना फिर सीधा कड़ी हुई और अपना हाथ गाउन से हटाया और मुझे मुस्कुरा कर जैसे चिढा दिया की मैं उसके मुम्मो के दर्शन नहीं कर पाया। मैने नैना को बोल दिया की मैं आज घर पर ही हूँ और वो प्रेरणा के तस्वीर बनाते वक़्त मेरे फ्लैट पर आ जाए। मेरी लिफ्ट आ गयी और मैं उसको बाई बोल कर लिफ्ट में चला गया और वो भी मुड कर अपने फ्लैट में गयी।

मैने सोच लिया की आज तो नैना के बूब्स को दबा कर ही दम लुंगा। १० बजे प्रेरणा को तस्वीर बनाने के लिए मिहिर के घर जाना था। प्रेरणा नीयत टाइम पर चली गयी और मैं नैना का इन्तेजार करने लाग। १० मिनट बाद नैना मेरे घर पर आयी। उसने पाजामा और बटन वाला शर्ट पहने था। मैंने उसके साथ गन्दी बातें शुरू की।

पराग: "कल भी प्रेरणा का पानी निकला था क्या?"

नैना: "तुम्हारा बच्चा उठ गया था तो मैं इधर तुम्हारे घर पर आ गयी थी, वो काफी देर तक सोया ही नहीं तो मैं फिर इधर ही रही थी। प्रेरणा अपना काम ख़त्म करके यहाँ आयी तब मैं अपने घर जा पायी। मैं गयी तब तो बेंच साफ़ ही थी।"

पराग: "अच्छा तो मेरी नयी बिवी, यह बताओ की आज तुम मेरी क्या सेवा करोगी"

नैना: "आज भी वोही वाला मजाक कंटिन्यू करना हैं!!"

पराग: "तो फिर चेंज करने के लिए मैं तुम्हारी बीवी बन जाता हूँ"

नैना: "हां यह कुछ नया हैं"

(मैने अब एक चुनरी खुद पर डाल ली और नैना की बीवी की एक्टिंग की।)
 
पराग: "पति देव मेरी प्यार करने की बहुत इच्छा हो रही हैं, आप अपने कपड़े खोलो न?"


नैना: अपने मुह पर हाथ राख जोर से हसने लागी। मैंने फिर नैना को अपनी दोनों बाहों से गोद में उठाया और कहा की आज एक बीवी अपने पति के साथ जबरदस्ती प्यार करेगि। नैना ने मेरे एक कंधेको हाथसे पकड़ रखा था। नैना बस हसे जा रही थी और पुछ रही थी की कौन सी बीवी अपने पति को गोद में उठा सकती है।

(मैने पहले ही तयारी कर राखी थी और बच्चे को किचन रूम में सुला रखा था ताकि बेडरूम में सिर्फ मैं और नैना रह।)

मैंने नैना को अपने बेड पर लेता दिया। मै अब बिस्तार पर चढ़ा और अपने घुटनो को मोड़ कर उसकी टांगो पर बैठ गया। वो अभी भी हंस रही थी और खिलखिलाते हुए ही मुझसे पुछा।

नैना: "यह बतओ, इतनी कौनसी बलवान बीवी हैं जो अपने पति को अंदर उठा लायी। तुम्हारी कहानी कुछ हजम नहीं हुयी"

पराग: "अभी हजम करवा देता हूँ"

(यह कहते हुए मैंने आगे झुक कर उसके शर्ट को पेट से थोड़ा ऊपर किया और अपने होंठो से उसके नंगे पेट को नाभि के आस पास चुमने लाग। नैना अब गुदगुदी के मारे दाए बाए हिलने डुलने लगी और खिलखिलाना बढ़ गया और मेरे कंधे को पकड़ रोक्ने लागी। मैंने उसके दोनों हथेलिया अपने एक एक हाथसे पकड़ ली। नैना के पेट को चुमने में उतना ही मजा आ रहा था जितना किसी के गाल चुमने में आता है। कुछ सेकण्ड्स तक मैं उसके पेट को चुमते हुए उसको गुदगुदी का अहसास दिलाता रहा। फिर मैंने उसको चुमना छोड़ा और उसके दोनों हाथो को उसके सर के दोनों तरफ तकिये पर राख दबा दिया और आगे उस पर झुक गया। उसकी हँसि बंद हो गयी और मैंने उसकी आँखों से आँखें मिलायी। फिर उसकी हलकी सी ठसक निकलि और मुझसे मुस्कुराते हुए पुछा।)

नैना: "अब यह बीवी क्या अपने पति के साथ जबरदस्ती भी करेगी?"

मैन थोड़ा और नीचे हुआ और अपने होंठ नैना के होंठो के पास ले जाने लगा। नैना ने अपना मुह साइड में कर लिया और हँसती राहि। मैने अपने होंठ उसके गालो पर रख दिए, और पहली बार उसके चेहरे की नाजुक त्वचा को महसूस किया। मेरा लण्ड एक झटके में मेरी पंत के अंदर खड़ा हो गया। मैने नैना को चूमा नहीं था सिर्फ होंठ को गालो पर छु दिया था। फिर मैं थोड़ा दूर हटा तो उसने अपना चेहरा फिर सीधा किया। मैने एक बार फिर उसके होंठो को निषाना बनाते हुए अपने होंठों को उसकी तरफ नीचे लाया। इस बार उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा दिया। मैंने नैना के दूसरे गाल पर भी अपने होंठ छु दिए। मै फिर ऊपर उठा और उसने चेहरा सीधा किया और उसके गुलाबी होंठों के बीच सफ़ेद डाट मुस्कुरा कर खिल रहे थे। नैना की साँस बहुत तेज चल रही थी और उसका दिल तेजी से धड़क रहा था। उसके शर्ट के अंदर उसके मुम्मो का उभार फुलता और फिर नीचे बैठ जाता। मैंने देखा की उसके शर्ट का ऊपर का बटन भी खुल चूका हैं और लेते होने से उसके मुम्मो के उभार का थोड़ा हिस्सा दिखने लगा है। मै उसकी टांगो पर बैठा थोड़ा नीचे खिसका और फिर अपने होंठ उसके सीने की तरफ लाया। नैना अपनी गरदन दाए बाए हिला कर "न न" बोलते हंस रही थी। मैने अब अपने होंठ उसके शर्ट के खुले हिस्से के बीच ले जाकर उसके मुम्मे के शुरूआती दीखते उभार को चूम लिया। उसके मुम्मे का वो हल्का सा उभार बहुत नरम था। नैना हँसते हुए इतनी जोर से चीख़ी की मेरे बच्चे की नींद उड़ गयी और बेबी मॉनिटर से रोने की आवाज आने लागी। मेरी और नैना दोनों की नजर बेबी मॉनिटर पर गायी। नैना की हँसि अब बंद हो गयी थी। उसने मुझे सॉरी बोली की उसकी वजह से मेरा बच्चा नींद से उठ गया था। मैंने उसके हाथ भी तकिये पर दबा कर पकडे हुए थे। मैंने उसको धमकी दि।
 
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