desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
मेरी तो कुछ समझ नहीं आया पर जब अन्नू मेरे लंड को लोलीपोप की तरह से चूसकर चुप हो गयी तो मैंने जाना की सोनी ने अपनी छोटी बहन को चुप करने के लिए चुपा दिया है...ताकि वो ज्यादा चीखे ना.
मेरा क्या है...मुझे तो मजा आने लगा था..
मम्मी ने वो पूरा लंड एक दम से बाहर निकाल लिया, उसके सिरे पर खून लगा हुआ था, यानी वो अन्दर तक जाकर नए हिस्से को ड्रिल करके आया था...
मम्मी : "अब ठीक है, पापाजी का लंड अब तेरी चूत में आसानी से चला जाएगा..." और वो फिर से उसपर तेल लगाकर उसे अन्दर बाहर करने लगी...
फिर मम्मी ने उसे उठाकर कोने में रख दिया..और डब्बे में से हाथ डालकर एक और डिल्डो निकाला...
उसे देखते ही अन्नू फिर से चिल्लाने लगी..: " नहीं बीबीजी...ये नहीं....ये तो और भी मोटा है...ये नहीं जाएगा अन्दर..." और सच में वो काफी मोटा था..पहले वाले से भी ज्यादा मोटा पर साईज में छोटा और उसके ऊपर दाने दाने से बने हुए थे ताकि चूत के अन्दर जाकर वो मसाज भी करते रहे..
मम्मी : "तू क्यों चिल्ला रही है...ये तो इस रंडी..सोनी के लिए है..."
सोनी (हकलाते हुए) : "मेरे ..मेरे लिए...क्यों...?
मम्मी (खुन्कार हंसी हँसते हुए) : "वो इसलिए हरामजादी की तुने तो दद्दू का लंड ले ही लिया है...और अब इस काले डिल्डो से तेरा कुछ होगा नहीं...तेरी चूत की आग तो अब ये शेर का बच्चा ही बुझाएगा....चल लेट जा अब तू भी..."
मम्मी की आवाज में इतनी ऑथोरिटी थी की सोनी चू भी ना कर सकी और चुपचाप अपनी बहन की बगल में लेट गयी...
मम्मी ने तेल इस बार सीधा सोनी की चूत में डाला और लंड के सिरे पर मलकर उसे उसकी चूत पर टिकाया...अपनी बहन की तरह उसकी आँखें भी भय के मारे फेल सी गयी और मम्मी ने इस बार भी बिना कोई चेतावनी के उसकी चूत के अन्दर तेज धक्का मारा तो सोनी के तो तोते उड़ गए...
उसकी मोटी छाती इतनी जोर से ऊपर तक आई मानो दो पेराशूट ऊपर की तरफ उड़ने जा रहे हो..और उसकी हलक से निकली चीख पुरे घर में गूंज उठी...
"आआआअह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊऊ हूऊऊऊओ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ फ्फफ्फ्फ्फ़ फ्फ्फफ्फ्फफ्म्म्म ......अह्ह्हह्ह्ह्ह मर्रर्रर्र गयीईईइ.......अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह फाड़ डाली.........मेरी चूत......अह्ह्हह्ह्ह्ह ...... उन ......हु......उन हु......" और वो भी रोने लगी...
पर ये क्या, अपनी बहन की ये हालत देखकर, अन्नू को अब मजा आने लगा था...उसने कोने में पड़ा हुआ वो काला लंड उठाया और उसे अपनी चूत में डालकर हिलाने लगी...अब उसे भी मजा आने लगा था उस काले भूत से....
उसकी बहन सोनी बिलखती जा रही थी पर मम्मी बड़ी बेरहमी से उसकी चूत का तिया-पांचा करने में लगी हुई थी.. उसकी आवाज सुनकर दादाजी कमरे में आ गए.
दादाजी : "बहु...ये क्या कर रही हो..."
मम्मी : "आओ बाबूजी...ये तो बस ऐसे ही...मैंने आपके लिए एक और चूत तैयार की है....इसकी.." उन्होंने अन्नू की तरफ इशारा किया..
दादाजी ने जब अन्नू को अपनी चूत में काले रंग का डिल्डो डालकर प्यासी नजरों से अपनी तरफ देखते हुए पाया तो वो सब समझ गए...और मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा "बहु...तुम मेरा कितना ख़याल रखती हो....
अच्छा हुआ तुमने इसकी चूत को चोडा कर दिया , वर्ना मुझे तो इसकी बहन की मारते हुए भी डर लग रहा था की कहीं मेरा लंड लेने से उसकी चूत पूरी तरह से न फट जाए...पर ये दोनों को लंड लेने की इतनी प्यास है की बड़े मजे से ये सब करवा रही है...सच में रंडी है ये दोनों..."
दादाजी उन दोनों की "तारीफ" करते जा रहे थे और उनकी धोती में से एक और लम्बा "डिल्डो" अपने पुरे शबाब पर आने लगा था... तभी दरवाजे की घंटी बजी.
मम्मी : "ऋतू जाकर देख , कौन आया है...शायद तेरे पापा होंगे.."
ऋतू जाने लगी तो मम्मी ने उसे टोका : "अरी बेशरम, कुछ पहन तो ले..कोई और हुआ तो..."!!
ऋतू : "अरे पापा ही होंगे, और कोई और हुआ तो भी क्या...उसे भी मजे दे देंगे.." और वो मुस्कुराती हुई चली गयी...
साली कितनी बड़ी चुद्दकड़ हो चुकी है ये ऋतू.. बाहर पापा ही थे.
थोड़ी देर में ही पापा अन्दर आये, और नंगी ऋतू उनकी गोद में थी....
पापा : "अरे वाह...आज तो लगता है यहाँ चुदाई समारोह हो रहा है....सभी है इस वक़्त यहाँ....और वो भी नंगे..."
पापा आज पहली बार दादाजी के सामने इस तरह की बातें कर रहे थे...पहले तो दादाजी पापा को देखकर थोडा सकुचा गए...पर पापा की बात सुनकर उन्होंने अपनी धोती और कुरते को एक झटके में उतार दिया और नंगे खड़े हो गए..
मेरा क्या है...मुझे तो मजा आने लगा था..
मम्मी ने वो पूरा लंड एक दम से बाहर निकाल लिया, उसके सिरे पर खून लगा हुआ था, यानी वो अन्दर तक जाकर नए हिस्से को ड्रिल करके आया था...
मम्मी : "अब ठीक है, पापाजी का लंड अब तेरी चूत में आसानी से चला जाएगा..." और वो फिर से उसपर तेल लगाकर उसे अन्दर बाहर करने लगी...
फिर मम्मी ने उसे उठाकर कोने में रख दिया..और डब्बे में से हाथ डालकर एक और डिल्डो निकाला...
उसे देखते ही अन्नू फिर से चिल्लाने लगी..: " नहीं बीबीजी...ये नहीं....ये तो और भी मोटा है...ये नहीं जाएगा अन्दर..." और सच में वो काफी मोटा था..पहले वाले से भी ज्यादा मोटा पर साईज में छोटा और उसके ऊपर दाने दाने से बने हुए थे ताकि चूत के अन्दर जाकर वो मसाज भी करते रहे..
मम्मी : "तू क्यों चिल्ला रही है...ये तो इस रंडी..सोनी के लिए है..."
सोनी (हकलाते हुए) : "मेरे ..मेरे लिए...क्यों...?
मम्मी (खुन्कार हंसी हँसते हुए) : "वो इसलिए हरामजादी की तुने तो दद्दू का लंड ले ही लिया है...और अब इस काले डिल्डो से तेरा कुछ होगा नहीं...तेरी चूत की आग तो अब ये शेर का बच्चा ही बुझाएगा....चल लेट जा अब तू भी..."
मम्मी की आवाज में इतनी ऑथोरिटी थी की सोनी चू भी ना कर सकी और चुपचाप अपनी बहन की बगल में लेट गयी...
मम्मी ने तेल इस बार सीधा सोनी की चूत में डाला और लंड के सिरे पर मलकर उसे उसकी चूत पर टिकाया...अपनी बहन की तरह उसकी आँखें भी भय के मारे फेल सी गयी और मम्मी ने इस बार भी बिना कोई चेतावनी के उसकी चूत के अन्दर तेज धक्का मारा तो सोनी के तो तोते उड़ गए...
उसकी मोटी छाती इतनी जोर से ऊपर तक आई मानो दो पेराशूट ऊपर की तरफ उड़ने जा रहे हो..और उसकी हलक से निकली चीख पुरे घर में गूंज उठी...
"आआआअह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊऊ हूऊऊऊओ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ फ्फफ्फ्फ्फ़ फ्फ्फफ्फ्फफ्म्म्म ......अह्ह्हह्ह्ह्ह मर्रर्रर्र गयीईईइ.......अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह फाड़ डाली.........मेरी चूत......अह्ह्हह्ह्ह्ह ...... उन ......हु......उन हु......" और वो भी रोने लगी...
पर ये क्या, अपनी बहन की ये हालत देखकर, अन्नू को अब मजा आने लगा था...उसने कोने में पड़ा हुआ वो काला लंड उठाया और उसे अपनी चूत में डालकर हिलाने लगी...अब उसे भी मजा आने लगा था उस काले भूत से....
उसकी बहन सोनी बिलखती जा रही थी पर मम्मी बड़ी बेरहमी से उसकी चूत का तिया-पांचा करने में लगी हुई थी.. उसकी आवाज सुनकर दादाजी कमरे में आ गए.
दादाजी : "बहु...ये क्या कर रही हो..."
मम्मी : "आओ बाबूजी...ये तो बस ऐसे ही...मैंने आपके लिए एक और चूत तैयार की है....इसकी.." उन्होंने अन्नू की तरफ इशारा किया..
दादाजी ने जब अन्नू को अपनी चूत में काले रंग का डिल्डो डालकर प्यासी नजरों से अपनी तरफ देखते हुए पाया तो वो सब समझ गए...और मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा "बहु...तुम मेरा कितना ख़याल रखती हो....
अच्छा हुआ तुमने इसकी चूत को चोडा कर दिया , वर्ना मुझे तो इसकी बहन की मारते हुए भी डर लग रहा था की कहीं मेरा लंड लेने से उसकी चूत पूरी तरह से न फट जाए...पर ये दोनों को लंड लेने की इतनी प्यास है की बड़े मजे से ये सब करवा रही है...सच में रंडी है ये दोनों..."
दादाजी उन दोनों की "तारीफ" करते जा रहे थे और उनकी धोती में से एक और लम्बा "डिल्डो" अपने पुरे शबाब पर आने लगा था... तभी दरवाजे की घंटी बजी.
मम्मी : "ऋतू जाकर देख , कौन आया है...शायद तेरे पापा होंगे.."
ऋतू जाने लगी तो मम्मी ने उसे टोका : "अरी बेशरम, कुछ पहन तो ले..कोई और हुआ तो..."!!
ऋतू : "अरे पापा ही होंगे, और कोई और हुआ तो भी क्या...उसे भी मजे दे देंगे.." और वो मुस्कुराती हुई चली गयी...
साली कितनी बड़ी चुद्दकड़ हो चुकी है ये ऋतू.. बाहर पापा ही थे.
थोड़ी देर में ही पापा अन्दर आये, और नंगी ऋतू उनकी गोद में थी....
पापा : "अरे वाह...आज तो लगता है यहाँ चुदाई समारोह हो रहा है....सभी है इस वक़्त यहाँ....और वो भी नंगे..."
पापा आज पहली बार दादाजी के सामने इस तरह की बातें कर रहे थे...पहले तो दादाजी पापा को देखकर थोडा सकुचा गए...पर पापा की बात सुनकर उन्होंने अपनी धोती और कुरते को एक झटके में उतार दिया और नंगे खड़े हो गए..