hotaks444
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कौन सच्चा कौन झूठा
प्यारा के डोर बेल बजाते ही इंदु(प्यारा की बीवी) ने दरवाजा खोला. आज प्यारा बहुत खुश था .उसके चेहरे पर एक अलग ही रौनक थी. सीडियो से उतरते हुए दोनो बच्चे नीचे आए प्यारा का बड़ा बेटा दीपक और बेटी निशा .. इंदु: प्यारा क्या बात है आज ऑफीस से जल्दी आ गये.
प्यारा: इंदु मे तुम्हे एक खुश खबरी देना चाहता हू . ये बात सुनते ही इंदु और बच्चो का चेहरा खिल सा गया .
इंदु: अब बता भी दो.
प्यारा : हाहाहा तुम आज भी नही बदली वही बच्पना है तुम मे.
दीपक : डॅड बता दो ना निशा अपने डॅड के बगल मे जा कर बैठ गयी.
प्यारा: अच्छा चलो चलते है. इंदु ने हैरानी से देखा बच्चे भी सोच मे पड़ गये .
प्यारा: अरे तुम लोग अमेरिका चलने के तैयारी करो मुझे हेड ऑफीस से प्रामोशन मिला हे .और अब 3महीने बाद हमे वही चलना है. ये बात सुनते ही तीनो खुश हो गये ..प्यारा ने दीपक से पूछा बेटा तुम्हारे एग्ज़ॅम कब ख़तम है .
दीपक: डॅड नेक्स्ट मोन्थ से स्टार्ट हे और 25 दिन के अंदर-2 ख़तम हो जाएँगे .
निशा : अगर तेरे एग्ज़ॅम ख़तम ना हुए तो हम तुझे यही पे छ्चोड़ जाएँगे ये बात सुनते ही सब हस पड़े इसी कहानी से............ जैल के दरवाज़े पर ज़ोर से डंडे की आवाज़ "ठक ठक ठक" तेज़ी से आती आवाज़ ने दीपक को नींद से जगाया और उसका सपना टूट गया"नवाब साब उठिए आज आपकी कोर्ट मे डेट है" "शम्भोनाथ जैल के मामूली से हवलदार दिखने मे एक भयानक रूप वाले लंबी लंबी मूच्छे मूह मे पान और मूह से आती आवाज़ "पच पच " . दीपक ने अपनी आँखें खोली और कमरे के रोशनदान से आती धीमी रोशनी ने सामने बैठे दो लोगो के दर्शन दिए . दीपक इन दोनो को करीब 20 दिन से जानता था पहला एक 55 साल का बुढ्ढा इंसान और दूसरा दीपक की उमर का "बिरजू" 23 साल की उमर मे 4 खून की सज़ा काट रहा है बिरजू .. बिरजू: आज तेरे डेट है
दीपक: हा .(दीपक एक दम गुम सूम था कम बोलने वाला)
बिरजू: कौशिश करना यहा वापस मत आना .और बिरजू ने आँखें घूमाते इधर उधर देखा और दीपक के हाथ मे कुछ थमा दिया आँख मारी और अपना बिडी पीने मे लग गया . एक दो तीन ...क़ैदियो की गिनती जारी थी वॅन मे .हर रोज़ यही होता था जिन कदियो को कोर्ट ले जाना होता था उनकी गिनती होती थी ..... सिर को झुकाए दीपक वॅन मे बैठा अपने पुराने दीनो को याद कर रहा था कैसे कुछ ही दिनो पहले उसका परिवार कितना खुश था उसको वो दिन भी याद है जब उसकी बेहन निशा ने उसको ये कहते हुए छेड़ा था के राखी आने वाली है क्या इस बार भी मुझ से ही पैसे लेकर मुझे ही गिफ्ट दोगे . चुर्र्र्र्र्ररर वॅन हाइह्कोर्ट के गेट के बाहर रुकती है . दीपक की मा(इंदु) अपने बेटे को देखने के लिए तड़प रही थी . पर पोलीस वालो ने मिलने नही दिया . आज डेपक की दूसरी पेशी थी हाइह्कोर्ट मे अगर आज भी दीपक को ज़मानत नही मिली तो क्या होगा. इंदु गेट के किनारे खड़ी थी वकिलो के दलील सुन रही थी दोनो तरफ के दलील सुन ने के बाद फ़ैसले के लिए आधे घंटे का टाइम लिया गया. पर आज दीपक के दिमाग़ मे कुछ और चल रहा था उसने कुछ फ़ैसला कर लिया था अगर आज उसे ज़मानत नही मिली तो वो कुछ भी कर सकता हे . ऑर्डर ऑर्डर जज ने अपना हधोड़ा पटकते हुए बोला "मुजरिम दीपक के बैल अपील कॅन्सल की जाती है" इंदु की आँखों से आँसू बह चले वो अपने आप पर काबू नही रख पा रही थी . दीपक ने हवलदार को बोला के उसे बाथरूम जाना हे . एक
प्यारा के डोर बेल बजाते ही इंदु(प्यारा की बीवी) ने दरवाजा खोला. आज प्यारा बहुत खुश था .उसके चेहरे पर एक अलग ही रौनक थी. सीडियो से उतरते हुए दोनो बच्चे नीचे आए प्यारा का बड़ा बेटा दीपक और बेटी निशा .. इंदु: प्यारा क्या बात है आज ऑफीस से जल्दी आ गये.
प्यारा: इंदु मे तुम्हे एक खुश खबरी देना चाहता हू . ये बात सुनते ही इंदु और बच्चो का चेहरा खिल सा गया .
इंदु: अब बता भी दो.
प्यारा : हाहाहा तुम आज भी नही बदली वही बच्पना है तुम मे.
दीपक : डॅड बता दो ना निशा अपने डॅड के बगल मे जा कर बैठ गयी.
प्यारा: अच्छा चलो चलते है. इंदु ने हैरानी से देखा बच्चे भी सोच मे पड़ गये .
प्यारा: अरे तुम लोग अमेरिका चलने के तैयारी करो मुझे हेड ऑफीस से प्रामोशन मिला हे .और अब 3महीने बाद हमे वही चलना है. ये बात सुनते ही तीनो खुश हो गये ..प्यारा ने दीपक से पूछा बेटा तुम्हारे एग्ज़ॅम कब ख़तम है .
दीपक: डॅड नेक्स्ट मोन्थ से स्टार्ट हे और 25 दिन के अंदर-2 ख़तम हो जाएँगे .
निशा : अगर तेरे एग्ज़ॅम ख़तम ना हुए तो हम तुझे यही पे छ्चोड़ जाएँगे ये बात सुनते ही सब हस पड़े इसी कहानी से............ जैल के दरवाज़े पर ज़ोर से डंडे की आवाज़ "ठक ठक ठक" तेज़ी से आती आवाज़ ने दीपक को नींद से जगाया और उसका सपना टूट गया"नवाब साब उठिए आज आपकी कोर्ट मे डेट है" "शम्भोनाथ जैल के मामूली से हवलदार दिखने मे एक भयानक रूप वाले लंबी लंबी मूच्छे मूह मे पान और मूह से आती आवाज़ "पच पच " . दीपक ने अपनी आँखें खोली और कमरे के रोशनदान से आती धीमी रोशनी ने सामने बैठे दो लोगो के दर्शन दिए . दीपक इन दोनो को करीब 20 दिन से जानता था पहला एक 55 साल का बुढ्ढा इंसान और दूसरा दीपक की उमर का "बिरजू" 23 साल की उमर मे 4 खून की सज़ा काट रहा है बिरजू .. बिरजू: आज तेरे डेट है
दीपक: हा .(दीपक एक दम गुम सूम था कम बोलने वाला)
बिरजू: कौशिश करना यहा वापस मत आना .और बिरजू ने आँखें घूमाते इधर उधर देखा और दीपक के हाथ मे कुछ थमा दिया आँख मारी और अपना बिडी पीने मे लग गया . एक दो तीन ...क़ैदियो की गिनती जारी थी वॅन मे .हर रोज़ यही होता था जिन कदियो को कोर्ट ले जाना होता था उनकी गिनती होती थी ..... सिर को झुकाए दीपक वॅन मे बैठा अपने पुराने दीनो को याद कर रहा था कैसे कुछ ही दिनो पहले उसका परिवार कितना खुश था उसको वो दिन भी याद है जब उसकी बेहन निशा ने उसको ये कहते हुए छेड़ा था के राखी आने वाली है क्या इस बार भी मुझ से ही पैसे लेकर मुझे ही गिफ्ट दोगे . चुर्र्र्र्र्ररर वॅन हाइह्कोर्ट के गेट के बाहर रुकती है . दीपक की मा(इंदु) अपने बेटे को देखने के लिए तड़प रही थी . पर पोलीस वालो ने मिलने नही दिया . आज डेपक की दूसरी पेशी थी हाइह्कोर्ट मे अगर आज भी दीपक को ज़मानत नही मिली तो क्या होगा. इंदु गेट के किनारे खड़ी थी वकिलो के दलील सुन रही थी दोनो तरफ के दलील सुन ने के बाद फ़ैसले के लिए आधे घंटे का टाइम लिया गया. पर आज दीपक के दिमाग़ मे कुछ और चल रहा था उसने कुछ फ़ैसला कर लिया था अगर आज उसे ज़मानत नही मिली तो वो कुछ भी कर सकता हे . ऑर्डर ऑर्डर जज ने अपना हधोड़ा पटकते हुए बोला "मुजरिम दीपक के बैल अपील कॅन्सल की जाती है" इंदु की आँखों से आँसू बह चले वो अपने आप पर काबू नही रख पा रही थी . दीपक ने हवलदार को बोला के उसे बाथरूम जाना हे . एक