desiaks
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मैंने उन्हें फिर से सभी बाते समझाई, मेरा प्लान सुनकर वो थोडा घबरा रहे थे पर मैंने जब फिर से उन्हें रूबी की जवानी और नाजिर के लंड की याद दिलाई तो उनकी घबराहट थोड़ी कम हुई.
तभी बाहर से आवाज आई "अरे कोई है क्या..." ये नाजिर अंकल की आवाज थी.
मैंने जल्दी से पायजामा पहना और बाहर आया, रूबी मेरे कहे अनुसार टी शर्ट और लॉन्ग स्किर्ट में आई थी.
मैंने उन्हें सोफे पर बिठाया. नजीर अंकल बोले "कहाँ है वो दोनों...क्या तुमने हमारे बारे में उन्हें बताया है क्या..."
"वो दोनों अन्दर हैं, ऋतू के साथ, दरअसल मैं आपको एक बात बताना चाहता हूँ, वो जिन दोस्तों की बात कर रहे थे, वो हम ही हैं, हिना और रेहान हमारे फ्रेंड सर्कल मैं ही हैं, और हम सभी फ्रेंड्स सभी तरह की मस्ती करते हैं" मैंने उन्हें समझाते हुए कहा.
"मस्ती का क्या मतलब...क्या तुमने मेरी हिना के साथ...." रूबी ने मेरी तरफ घूरते हुए देखा और पूछा.
"मस्ती मतलब सब कुछ...और हाँ मैंने आपकी हिना की चूत भी मारी है, पर अब इन बातों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि आप दोनों भी तो अपने बच्चो के साथ वही सब करने आये है, वैसे भी वो अब बच्चे नहीं रहे , दोनों जवान हो चुके हैं, और अपनी मर्जी से वो कुछ भी कर सकते हैं, मेरा तो बस यही विचार है की जब आप लोग बाहर के लोगो के साथ सेक्स कर सकते हो और वो दोनों भी बाहर के लोगो के साथ सेक्स करते हैं तो क्यों न कभी-२ आपस में भी ये सब करो, सभी को मजा आएगा..."
"वो तो ठीक है...पर क्या तुमने उन्हें हमारे बारे में बताया है..." नाजिर ने कुछ सोचते हुए कहा.
"नहीं मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया...मैंने सिर्फ उन्हें कहा है की हमारे कुछ दोस्त आ रहे हैं थोड़ी ही देर में और हम सभी अपनी आँखों में पट्टी बांधकर सेक्स करेंगे, ताकि कोई तुम्हे न देख पाए और न ही तुम उन्हें देख पो, क्योंकि वो लोग अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं.." मेरी बात सुनकर रूबी और रेहान को थोडा सुकून मिला,
"पर अगर हमारी आँखों पर पट्टी हुई तो हम उन्हें कैसे देख पायेंगे...तुमने पैसे लेते हुए ये तो नहीं बताया था की हम लोगो को अपनी आँखें बंद करके उनके साथ सेक्स करने को मिलेगा.." नाजिर ने कहा.
"अरे अंकल..आप लोगो को कोन आँखें बंद करने को कह रहा है, वो तो वो दोनों करेंगे, आप लोग ऐसे ही अन्दर चलो, उन्हें कुछ मालुम नहीं चलेगा, वो तो यही समझेंगे की आपकी आँखों पर भी पट्टी बंधी हुई है..." मैं उन्हें समझाया.
वो पूरी बात समझ गए और मैं उन्हें लेकर अन्दर चल पड़ा.
मेरे कहे अनुसार अन्दर सभी लोग अपने कपडे पहन चुके थे, और रेहान और हिना ने अपनी आँखों पर पट्टी भी बाँध रखी थी.
ऋतू सिर्फ अपनी चड्डी पहन कर खड़ी थी, ऊपर उसने कुछ भी नहि पेहना हुआ था. अन्दर जाते ही अपने बच्चो को देखकर उनके दिल की धड़कने तेज हो गयी.
हिना जींस और टी शर्ट में बेड के किनारे पर बैठी थी, और रेहान ऋतू के पास बैठा हुआ था.
हिना ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, इस वजह से उसके निप्पल्स साफ़ दिखाई दे रहे थे, कमरे में उसे अपने अब्बू के आने का आभास हो चूका था, पर मेरे कहे अनुसार वो दोनों यही दिखा रहे थे की कमरे में आने वाले कोई और हैं.
मैंने कहा "अब हमारे मेहमान आ चुके हैं, यहाँ सभी ने अपनी आँखों पर पट्टी बाँध रखी है, और मैं अब आप लोगो के जोड़े बना रहा हूँ, आप लोग बिना कोई आवाज निकाले अपने साथी के साथ मजे करोगे...ठीक है.." सभी ने सहमति से गर्दन हिलाई..
मैंने रूबी का हाथ पकड़ा और बेड पर बैठे हुए रेहान के पास जाकर उनका हाथ रेहान के हाथों में दे दिया.
रूबी ने कांपते हुए हाथों से अपने लड़के का हाथ पकड़ा..वो बिलकुल ठंडा हो चूका था.. रेहान को जैसे ही अपनी अम्मी के मादक शारीर की महक आई वो उनसे लिपट गया...और अपने कई सालो के इन्तजार का अंत करते हुए उसने अपने मोटे होंठ, अपनी अम्मी के लरजते हुए ठन्डे होंठो पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा. म्म्म्मम्म्म्मम्म आआआआअह्ह्ह रूबी के मुंह से हलकी हलकी सिस्कारियां फूटने लगी.
ऋतू भी उठी और हिना को पकड़ते हुए नाजिर के पास लेजाकर छोड़ दिया..नाजिर ने एक झटके से अपनी फुल सी बच्ची को पकड़ा और सीधा उसके मोटे चुचे दबाने लगा..पिछले दो सालो से वो हिना के मोटे होते हुए मुम्मो को देखकर कई बार मुठ मार चूका था और उनके बारे में सोचकर ऑंखें बंद करके रूबी के स्तनों को घूरता रहता था, आज जब उसके सामने अपनी आँखों पर पट्टी बांधे हिना खड़ी थी.
उसके बिना ब्रा के मोटे मुम्मे ऊपर नीचे होकर उसकी भूख को और बड़ा रहे थे तो उससे सहन नहीं हुआ और वो सीधा उनपर टूट पड़ा. अपने चुचे पर अब्बू के हमले का सामना करते हुए हिना बुरी तरह से हिल रही थी, उसके शारीर में अजीब तरह की झुरझुरी हो रही थी, वो कांप रही थी, उसने कई बार अपने अब्बू को अपनी तरफ घूरते हुए देखा था, और उनका लटकता हुआ लंड भी उसे कई बार दिख चूका था, और रातों में अपने अब्बू के कमरे से आती चीखों ने भी उसे उनके लंड के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया था,..आज उसके अब्बू उसके दोनों खरबूजे दबाने में लगे हुए थे..थोड़ी देर तक उन्हें दबाने के बाद नाजिर ने उसकी टी शर्ट को ऊपर खिसकाया और गले से निकल कर जमीन पर गिरा दी..अब हिना सिर्फ जींस में अपनी आँखों पर काली पट्टी बांधे कड़ी थी, हिना के रसीले चूचो को देखकर नाजिर की नज़रों में एक अजीब सी चमक आ गयी, उसने अपना मुंह आगे किया और उसके एक चुचे को अपने मुंह में लेकर अपनी बेटी का दूध पीने लगा, हिना के शरीर में इतनी गुदगुदी हुई की उसका पेशाब निकल गया...
तभी बाहर से आवाज आई "अरे कोई है क्या..." ये नाजिर अंकल की आवाज थी.
मैंने जल्दी से पायजामा पहना और बाहर आया, रूबी मेरे कहे अनुसार टी शर्ट और लॉन्ग स्किर्ट में आई थी.
मैंने उन्हें सोफे पर बिठाया. नजीर अंकल बोले "कहाँ है वो दोनों...क्या तुमने हमारे बारे में उन्हें बताया है क्या..."
"वो दोनों अन्दर हैं, ऋतू के साथ, दरअसल मैं आपको एक बात बताना चाहता हूँ, वो जिन दोस्तों की बात कर रहे थे, वो हम ही हैं, हिना और रेहान हमारे फ्रेंड सर्कल मैं ही हैं, और हम सभी फ्रेंड्स सभी तरह की मस्ती करते हैं" मैंने उन्हें समझाते हुए कहा.
"मस्ती का क्या मतलब...क्या तुमने मेरी हिना के साथ...." रूबी ने मेरी तरफ घूरते हुए देखा और पूछा.
"मस्ती मतलब सब कुछ...और हाँ मैंने आपकी हिना की चूत भी मारी है, पर अब इन बातों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि आप दोनों भी तो अपने बच्चो के साथ वही सब करने आये है, वैसे भी वो अब बच्चे नहीं रहे , दोनों जवान हो चुके हैं, और अपनी मर्जी से वो कुछ भी कर सकते हैं, मेरा तो बस यही विचार है की जब आप लोग बाहर के लोगो के साथ सेक्स कर सकते हो और वो दोनों भी बाहर के लोगो के साथ सेक्स करते हैं तो क्यों न कभी-२ आपस में भी ये सब करो, सभी को मजा आएगा..."
"वो तो ठीक है...पर क्या तुमने उन्हें हमारे बारे में बताया है..." नाजिर ने कुछ सोचते हुए कहा.
"नहीं मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया...मैंने सिर्फ उन्हें कहा है की हमारे कुछ दोस्त आ रहे हैं थोड़ी ही देर में और हम सभी अपनी आँखों में पट्टी बांधकर सेक्स करेंगे, ताकि कोई तुम्हे न देख पाए और न ही तुम उन्हें देख पो, क्योंकि वो लोग अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं.." मेरी बात सुनकर रूबी और रेहान को थोडा सुकून मिला,
"पर अगर हमारी आँखों पर पट्टी हुई तो हम उन्हें कैसे देख पायेंगे...तुमने पैसे लेते हुए ये तो नहीं बताया था की हम लोगो को अपनी आँखें बंद करके उनके साथ सेक्स करने को मिलेगा.." नाजिर ने कहा.
"अरे अंकल..आप लोगो को कोन आँखें बंद करने को कह रहा है, वो तो वो दोनों करेंगे, आप लोग ऐसे ही अन्दर चलो, उन्हें कुछ मालुम नहीं चलेगा, वो तो यही समझेंगे की आपकी आँखों पर भी पट्टी बंधी हुई है..." मैं उन्हें समझाया.
वो पूरी बात समझ गए और मैं उन्हें लेकर अन्दर चल पड़ा.
मेरे कहे अनुसार अन्दर सभी लोग अपने कपडे पहन चुके थे, और रेहान और हिना ने अपनी आँखों पर पट्टी भी बाँध रखी थी.
ऋतू सिर्फ अपनी चड्डी पहन कर खड़ी थी, ऊपर उसने कुछ भी नहि पेहना हुआ था. अन्दर जाते ही अपने बच्चो को देखकर उनके दिल की धड़कने तेज हो गयी.
हिना जींस और टी शर्ट में बेड के किनारे पर बैठी थी, और रेहान ऋतू के पास बैठा हुआ था.
हिना ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, इस वजह से उसके निप्पल्स साफ़ दिखाई दे रहे थे, कमरे में उसे अपने अब्बू के आने का आभास हो चूका था, पर मेरे कहे अनुसार वो दोनों यही दिखा रहे थे की कमरे में आने वाले कोई और हैं.
मैंने कहा "अब हमारे मेहमान आ चुके हैं, यहाँ सभी ने अपनी आँखों पर पट्टी बाँध रखी है, और मैं अब आप लोगो के जोड़े बना रहा हूँ, आप लोग बिना कोई आवाज निकाले अपने साथी के साथ मजे करोगे...ठीक है.." सभी ने सहमति से गर्दन हिलाई..
मैंने रूबी का हाथ पकड़ा और बेड पर बैठे हुए रेहान के पास जाकर उनका हाथ रेहान के हाथों में दे दिया.
रूबी ने कांपते हुए हाथों से अपने लड़के का हाथ पकड़ा..वो बिलकुल ठंडा हो चूका था.. रेहान को जैसे ही अपनी अम्मी के मादक शारीर की महक आई वो उनसे लिपट गया...और अपने कई सालो के इन्तजार का अंत करते हुए उसने अपने मोटे होंठ, अपनी अम्मी के लरजते हुए ठन्डे होंठो पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा. म्म्म्मम्म्म्मम्म आआआआअह्ह्ह रूबी के मुंह से हलकी हलकी सिस्कारियां फूटने लगी.
ऋतू भी उठी और हिना को पकड़ते हुए नाजिर के पास लेजाकर छोड़ दिया..नाजिर ने एक झटके से अपनी फुल सी बच्ची को पकड़ा और सीधा उसके मोटे चुचे दबाने लगा..पिछले दो सालो से वो हिना के मोटे होते हुए मुम्मो को देखकर कई बार मुठ मार चूका था और उनके बारे में सोचकर ऑंखें बंद करके रूबी के स्तनों को घूरता रहता था, आज जब उसके सामने अपनी आँखों पर पट्टी बांधे हिना खड़ी थी.
उसके बिना ब्रा के मोटे मुम्मे ऊपर नीचे होकर उसकी भूख को और बड़ा रहे थे तो उससे सहन नहीं हुआ और वो सीधा उनपर टूट पड़ा. अपने चुचे पर अब्बू के हमले का सामना करते हुए हिना बुरी तरह से हिल रही थी, उसके शारीर में अजीब तरह की झुरझुरी हो रही थी, वो कांप रही थी, उसने कई बार अपने अब्बू को अपनी तरफ घूरते हुए देखा था, और उनका लटकता हुआ लंड भी उसे कई बार दिख चूका था, और रातों में अपने अब्बू के कमरे से आती चीखों ने भी उसे उनके लंड के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया था,..आज उसके अब्बू उसके दोनों खरबूजे दबाने में लगे हुए थे..थोड़ी देर तक उन्हें दबाने के बाद नाजिर ने उसकी टी शर्ट को ऊपर खिसकाया और गले से निकल कर जमीन पर गिरा दी..अब हिना सिर्फ जींस में अपनी आँखों पर काली पट्टी बांधे कड़ी थी, हिना के रसीले चूचो को देखकर नाजिर की नज़रों में एक अजीब सी चमक आ गयी, उसने अपना मुंह आगे किया और उसके एक चुचे को अपने मुंह में लेकर अपनी बेटी का दूध पीने लगा, हिना के शरीर में इतनी गुदगुदी हुई की उसका पेशाब निकल गया...