hotaks444
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कच्ची कली कचनार की
गर्ल्स!! लड़किया....ये एक शब्द ऐसा हैं जो मुझे बहोत पसंद हैं. इनफॅक्ट ये शब्द ही नही बल्कि दुनिया मे सबसे प्यारी,सबसे कीमती कोई चीज़ मुझे लगती होगी तो वो लड़किया ही हैं. एक अजीब सा नशा होता हैं लड़कियो का. आटीस्ट मुझे हैं. अक्सर हम कोई खूबसूरत चीज़ देखते हैं तो हम कहते हैं कि उपरवाले का कमाल हैं. तो लड़किया भी उपरवाले का मास्टरपीस हैं. जब भी कोई लड़की देखता हूँ तो उसका जिस्म मेरी आँखो के सामने आता हैं और मैं सोचता हू कि वाह!!! क्या कमाल की लड़की हैं. ऑफ कोर्स मैं उन्ही लड़कियों की बात कर रहा हू जो सुंदर हैं ना कि किसी रांड़ जैसी दिखने वालीका .
दुनिया मे कोई भी लड़की का जन्म होता हैं तो वो शुरआत से अंत तक एक लड़की होती हैं सिर्फ़ लड़की. ये बेहन,बीवी,माँ,साली,चाची,बुआ,एट्सेटरा,एट्सेटरा रिश्ते तो इंसानो की बनाई हुई बकवास बाते हैं जो ना मुझे पसंद हैं ना मैं मानता हू. चाहे वो बेहन हो या चाची, होती तो वो लड़की ही हैं. और लड़की के जिस्म के हर हिस्से को मैं प्यार करता हू. फिर चाहे वो उसके बाल हो,आखे,लिप्स,नेक,अंडरआर्म्स,ब्रेस्ट,निपल्स,उसकी नेवेल, उसके मुलायम थाइस,उनपे टिकी हुई सुंदर,मांसल, पर्फेक्ट गान्ड या इस दुनिया मे सबसे सुंदर और प्यारी चीज़े,जहाँ से दुनिया आती हैं उसकी चूत. अगर मैं चाहूं तो दुनिया मे जितनी भी लड़किया हैं उनकी चूतो को चूस चूस कर खाली कर्दु. मैं एक लड़की की असली कीमत जानता हू मगर फिर भी आज तक ऐसा कभी कभार ही हुआ हैं मुझे चूत के दर्शन हो पाए हैं जैसे मेरे चाचा की लड़की अनुराधा,किट्टू आंड मेरी पहली गर्लफ्रेंड नेहा जिसके नाम से मैं आज भी मूठ मारता हू.
दोस्तो, मैं एक नॉर्मल फॅमिली का मेंबर हू. पेरेंट्स,अनफॉर्चुनेट्ली 1 भाई और मैं. मैं हमेशा एक बेहन चाहता था ताकि चुदाई का सामान घर मे ही मिल जाए और बाहर मूह ना मारना पड़े. अफ़सोस मुझे बेहन नही हैं वरना आज ये लिख ना रहा होता बल्कि उसे चोदता रहता इस वक़्त. वेल, कोशिश करने वालो की हार नही होती. मेरी ना सही मेरी कज़िन अनुराधा मिल गयी. मैं पूरी ज़िंदगी उससे याद रखुगा क्योकि मेरी देखी और फील की हुई पहली चूत अनुराधा की थी. जो मेरे चाचा की लड़की हैं. उनकी दो बेटी हैं..बड़ी वाली कुछ काम की नही. साली मानती ही नही मगर अनुराधा मुझे बड़ा प्यार करती थी. वो सिर्फ़ शायद अभी ,,,,,,, की हैं मगर उसका जिस्म बहोत ही गरम हैं. बेहद खूबसूरत,गोरी चिट्टि, बेबी डॉल मैने काफ़ी चाटा उसके जिस्म को. ब्रेस्ट अभी आने शुरू ही हुए थे उसके, पर निपल्स बड़े सेन्सिटिव हैं उसके. उसपे मेरी नज़र एक फॅमिली फंक्षन मे पड़ी. उसकी हाइट कुछ 5 फीट हैं,बाल ऐवरेज. मेरे दिल मे बैठी उसकी आखे. नशीली आखे हैं उसकी. और मैं ये बात भी काफ़ी पहले ही समझ गया था कि अगर मैने मेरी किसी कज़िन को चोदा तो वो यही होगी. क्योकि वो जिस नज़र से मेरी तरफ देखती हैं और आज भी देखती हैं तो मैं समझ गया. उसका वो लिप्स बाइट करना,नज़रे मटकाना. उसके बाद उसकी रसीली गान्ड. ऐसा लगता कि जैसे 2 लीटर के बलून्स हो पानी से भरे. छूकर ही ऑर्गॅज़म हो जाए. आख़िर खाते पीते घर की हैं. उसकी माँ साली रांड़ बहोत खिलाती हैं और दूसरो का खून पीती है.. छोड़ो सब कहानी पर आते हैं.
तो उस फंक्षन मे मैने उसको करीब से देखा और मन बना लिया था कि ये गान्ड तो मेरी ही होगी. मैं उसे चोदुगा. तो मैं हर वक़्त मौके की तलाश मे होता था कि कैसे इसे अकेला लाउ और काम शुरू करू. मेरा घर दिन मे खाली ही होता हैं क्योकि पेरेंट्स काम पे जाते हैं और जो कि मेरा क़ामक्रीड़ा का प्लान था मैं अनुराधा के घर गया और उससे खेलते खेलते बातो मे फुसला कर अपने घर ले गया. अब इतना भी आसान नही. साली ने कही मूह खोल दिया तो गान्ड लग जाती. तो सोचा इसके मूह मे लंड घुसा दूँगा तो चूप रहेगी क्यूकी मैं इसे अभी तो चोदने वाला था भी नही बस ओरल सेक्स ही ठीक हैं फिलहाल. काफ़ी देर तक उसके साथ खेल खेलने के बाद मैने धीरे धीरे उसके जिस्म को टच करना स्टार्ट किया. अपनी उंगलियो से उसके पेट के उपरी हिस्सो को छूने लगा मज़ाक करते हुए. फिर मैने उसे अपनी बाहो मे लिया और उसके गालो पे किस करने लगा. फिर अपनी जीब को कभी मैं उसके गाल तो कभी उसके नेक पे लाता. वो शरमाने लगी. बोली घर जाने दो!! मैं डर गया. सोचा प्लान फ्लॉप हो जाएगा. मैने उसे चूमना बंद कर दिया पर अपने बाहो मे थामे रखा. और फिर उससे बाते करने लगा. मैने उसको कहा कि वो बहोत सुंदर और सेक्सी हैं. तो शरमा गयी. बोली ये सेक्सी क्या होता हैं??
मुझे कुछ आसार दिखने लगे. मैने उसे बड़े प्यार से अपनी बाहों मे उठाया और इस तरह बैठाया अपनी गोद मे कि उसकी नाज़ुक गान्ड मेरे लेग्स पे आ जाए. मैं सब्र से काम लेना चाहता था सो अपने लंड से दूर ही रखा उसे. अब उसकी गान्ड मेरे पैर पे,हाथ मेरे हाथ मे और नज़र मेरे चेहरे पे और कुछ इंचस का डिस्टेन्स मेरे और उसके होंठो मे. मैने उससे कहा कि," तू जानती हैं क्या कि बच्चे कैसे होते हैं?". हर बच्चे की तरह उसे भी बकवास बाते बताई गयी थी. मैने उससे कहा की सब झूठ हैं. तो बोली,"फिर कैसे?". मैने उससे कहा कि मैं बताउन्गा उससे मगर जैसा मैं कहुगा वैसे करना होगा. तो बोली क्या? मैने उस पे ज़ोर दिया कि पहले हाँ बोल. फिर मानी.
मैने उसे अब धीरे धीरे अपनी बाहो मे उठाना स्टार्ट किया और अपने लंड की तरफ उसे खीचा. फाइनली उसकी सॉफ्ट गान्ड मेरे लंड पे आ टिकी. मैने उसे उठाया और बेड पे रखा और रूम मे जाकर अपनी अंडररवेर निकाल ली और सिर्फ़ पॅंट पहन कर आ गया जिस वजह से मेरा लंड उसकी गान्ड पे सॉफ महसूस हो. पर जब मैने उससे अपनी बाहो मे उठाने की कोशिश की तो बोली कि मैं यही बैठूँगी. मैने सोचा साली नाटक कर रही है . गान्ड नही छूने देगी. तो मैं फिर खेल खेल मे उसे पकड़ने लगा और जितना उसका जिस्म हो सके अपने जिस्म से दबाने लगा. अब मैने उसके हाथो को उसके सिर के उपर कर दिया और अपने हाथो से उसे दबा दिया और मिशनरी पोज़िशन मे आ गया. वो पैर झटक रही थी. मैने उसकी आखो मे देखा. बोली"भैया, छोड़ो मुझे!". मैने भी कहा कि तुझे छोड़ना ही चाहता हू अनुराधा!".
वो बोली मतलब?? तब मैने उसके टॉप की ऑर देखा और फिर उसकी आखो मे देखते हुए उसके लिप्स पे किस किया. सॉल्टी टेस्ट आया. वो शरम से तड़पने लगी पर मैने उसे दबा रखा था. मैने उसे उसका प्रॉमिस याद दिलाया. उससे कहा," कि बच्चे जिस तरह नंगे होते हैं उसी तरह उन्हे पैदा करने वाले भी नंगे ही होने चाहिए." और फिर सीधा बता दिया कि जब लंड चूत मे जाता हैं तो बच्चा होता हैं. तो उसे कुछ समझ नही आया . मैने कहा जानना चाहती हैं. वो हाँ बोली. मैने उसे खड़ा किया और उसे नंगा करने लगा. और उसकी चड्डी निकालने के बाद तो मानो मेरी साँसे ही रुक गयी. दुनिया की सबसे कीमती,सुंदर चीज़ पहली बार मेरे सामने थी. उसकी पिंक,बॉल्ड, स्मूद चूत.जी तो किया कि अभी उसी वक़्त उसे चोद डालु. एक भी बाल नही था. बिल्कुल कुवारि चूत. और जिस बात की खुशी मुझे हुई वो ये कि वो गीली थी मतलब जो भी जिस्म से मैं खेल रहा था वो रेस्पॉंड कर रहा था. उसने एक टी-शर्ट पहना था और स्कर्ट था. मुझे स्कर्ट्स बहोत पसंद हैं. ईज़ी आक्सेस!!.
गर्ल्स!! लड़किया....ये एक शब्द ऐसा हैं जो मुझे बहोत पसंद हैं. इनफॅक्ट ये शब्द ही नही बल्कि दुनिया मे सबसे प्यारी,सबसे कीमती कोई चीज़ मुझे लगती होगी तो वो लड़किया ही हैं. एक अजीब सा नशा होता हैं लड़कियो का. आटीस्ट मुझे हैं. अक्सर हम कोई खूबसूरत चीज़ देखते हैं तो हम कहते हैं कि उपरवाले का कमाल हैं. तो लड़किया भी उपरवाले का मास्टरपीस हैं. जब भी कोई लड़की देखता हूँ तो उसका जिस्म मेरी आँखो के सामने आता हैं और मैं सोचता हू कि वाह!!! क्या कमाल की लड़की हैं. ऑफ कोर्स मैं उन्ही लड़कियों की बात कर रहा हू जो सुंदर हैं ना कि किसी रांड़ जैसी दिखने वालीका .
दुनिया मे कोई भी लड़की का जन्म होता हैं तो वो शुरआत से अंत तक एक लड़की होती हैं सिर्फ़ लड़की. ये बेहन,बीवी,माँ,साली,चाची,बुआ,एट्सेटरा,एट्सेटरा रिश्ते तो इंसानो की बनाई हुई बकवास बाते हैं जो ना मुझे पसंद हैं ना मैं मानता हू. चाहे वो बेहन हो या चाची, होती तो वो लड़की ही हैं. और लड़की के जिस्म के हर हिस्से को मैं प्यार करता हू. फिर चाहे वो उसके बाल हो,आखे,लिप्स,नेक,अंडरआर्म्स,ब्रेस्ट,निपल्स,उसकी नेवेल, उसके मुलायम थाइस,उनपे टिकी हुई सुंदर,मांसल, पर्फेक्ट गान्ड या इस दुनिया मे सबसे सुंदर और प्यारी चीज़े,जहाँ से दुनिया आती हैं उसकी चूत. अगर मैं चाहूं तो दुनिया मे जितनी भी लड़किया हैं उनकी चूतो को चूस चूस कर खाली कर्दु. मैं एक लड़की की असली कीमत जानता हू मगर फिर भी आज तक ऐसा कभी कभार ही हुआ हैं मुझे चूत के दर्शन हो पाए हैं जैसे मेरे चाचा की लड़की अनुराधा,किट्टू आंड मेरी पहली गर्लफ्रेंड नेहा जिसके नाम से मैं आज भी मूठ मारता हू.
दोस्तो, मैं एक नॉर्मल फॅमिली का मेंबर हू. पेरेंट्स,अनफॉर्चुनेट्ली 1 भाई और मैं. मैं हमेशा एक बेहन चाहता था ताकि चुदाई का सामान घर मे ही मिल जाए और बाहर मूह ना मारना पड़े. अफ़सोस मुझे बेहन नही हैं वरना आज ये लिख ना रहा होता बल्कि उसे चोदता रहता इस वक़्त. वेल, कोशिश करने वालो की हार नही होती. मेरी ना सही मेरी कज़िन अनुराधा मिल गयी. मैं पूरी ज़िंदगी उससे याद रखुगा क्योकि मेरी देखी और फील की हुई पहली चूत अनुराधा की थी. जो मेरे चाचा की लड़की हैं. उनकी दो बेटी हैं..बड़ी वाली कुछ काम की नही. साली मानती ही नही मगर अनुराधा मुझे बड़ा प्यार करती थी. वो सिर्फ़ शायद अभी ,,,,,,, की हैं मगर उसका जिस्म बहोत ही गरम हैं. बेहद खूबसूरत,गोरी चिट्टि, बेबी डॉल मैने काफ़ी चाटा उसके जिस्म को. ब्रेस्ट अभी आने शुरू ही हुए थे उसके, पर निपल्स बड़े सेन्सिटिव हैं उसके. उसपे मेरी नज़र एक फॅमिली फंक्षन मे पड़ी. उसकी हाइट कुछ 5 फीट हैं,बाल ऐवरेज. मेरे दिल मे बैठी उसकी आखे. नशीली आखे हैं उसकी. और मैं ये बात भी काफ़ी पहले ही समझ गया था कि अगर मैने मेरी किसी कज़िन को चोदा तो वो यही होगी. क्योकि वो जिस नज़र से मेरी तरफ देखती हैं और आज भी देखती हैं तो मैं समझ गया. उसका वो लिप्स बाइट करना,नज़रे मटकाना. उसके बाद उसकी रसीली गान्ड. ऐसा लगता कि जैसे 2 लीटर के बलून्स हो पानी से भरे. छूकर ही ऑर्गॅज़म हो जाए. आख़िर खाते पीते घर की हैं. उसकी माँ साली रांड़ बहोत खिलाती हैं और दूसरो का खून पीती है.. छोड़ो सब कहानी पर आते हैं.
तो उस फंक्षन मे मैने उसको करीब से देखा और मन बना लिया था कि ये गान्ड तो मेरी ही होगी. मैं उसे चोदुगा. तो मैं हर वक़्त मौके की तलाश मे होता था कि कैसे इसे अकेला लाउ और काम शुरू करू. मेरा घर दिन मे खाली ही होता हैं क्योकि पेरेंट्स काम पे जाते हैं और जो कि मेरा क़ामक्रीड़ा का प्लान था मैं अनुराधा के घर गया और उससे खेलते खेलते बातो मे फुसला कर अपने घर ले गया. अब इतना भी आसान नही. साली ने कही मूह खोल दिया तो गान्ड लग जाती. तो सोचा इसके मूह मे लंड घुसा दूँगा तो चूप रहेगी क्यूकी मैं इसे अभी तो चोदने वाला था भी नही बस ओरल सेक्स ही ठीक हैं फिलहाल. काफ़ी देर तक उसके साथ खेल खेलने के बाद मैने धीरे धीरे उसके जिस्म को टच करना स्टार्ट किया. अपनी उंगलियो से उसके पेट के उपरी हिस्सो को छूने लगा मज़ाक करते हुए. फिर मैने उसे अपनी बाहो मे लिया और उसके गालो पे किस करने लगा. फिर अपनी जीब को कभी मैं उसके गाल तो कभी उसके नेक पे लाता. वो शरमाने लगी. बोली घर जाने दो!! मैं डर गया. सोचा प्लान फ्लॉप हो जाएगा. मैने उसे चूमना बंद कर दिया पर अपने बाहो मे थामे रखा. और फिर उससे बाते करने लगा. मैने उसको कहा कि वो बहोत सुंदर और सेक्सी हैं. तो शरमा गयी. बोली ये सेक्सी क्या होता हैं??
मुझे कुछ आसार दिखने लगे. मैने उसे बड़े प्यार से अपनी बाहों मे उठाया और इस तरह बैठाया अपनी गोद मे कि उसकी नाज़ुक गान्ड मेरे लेग्स पे आ जाए. मैं सब्र से काम लेना चाहता था सो अपने लंड से दूर ही रखा उसे. अब उसकी गान्ड मेरे पैर पे,हाथ मेरे हाथ मे और नज़र मेरे चेहरे पे और कुछ इंचस का डिस्टेन्स मेरे और उसके होंठो मे. मैने उससे कहा कि," तू जानती हैं क्या कि बच्चे कैसे होते हैं?". हर बच्चे की तरह उसे भी बकवास बाते बताई गयी थी. मैने उससे कहा की सब झूठ हैं. तो बोली,"फिर कैसे?". मैने उससे कहा कि मैं बताउन्गा उससे मगर जैसा मैं कहुगा वैसे करना होगा. तो बोली क्या? मैने उस पे ज़ोर दिया कि पहले हाँ बोल. फिर मानी.
मैने उसे अब धीरे धीरे अपनी बाहो मे उठाना स्टार्ट किया और अपने लंड की तरफ उसे खीचा. फाइनली उसकी सॉफ्ट गान्ड मेरे लंड पे आ टिकी. मैने उसे उठाया और बेड पे रखा और रूम मे जाकर अपनी अंडररवेर निकाल ली और सिर्फ़ पॅंट पहन कर आ गया जिस वजह से मेरा लंड उसकी गान्ड पे सॉफ महसूस हो. पर जब मैने उससे अपनी बाहो मे उठाने की कोशिश की तो बोली कि मैं यही बैठूँगी. मैने सोचा साली नाटक कर रही है . गान्ड नही छूने देगी. तो मैं फिर खेल खेल मे उसे पकड़ने लगा और जितना उसका जिस्म हो सके अपने जिस्म से दबाने लगा. अब मैने उसके हाथो को उसके सिर के उपर कर दिया और अपने हाथो से उसे दबा दिया और मिशनरी पोज़िशन मे आ गया. वो पैर झटक रही थी. मैने उसकी आखो मे देखा. बोली"भैया, छोड़ो मुझे!". मैने भी कहा कि तुझे छोड़ना ही चाहता हू अनुराधा!".
वो बोली मतलब?? तब मैने उसके टॉप की ऑर देखा और फिर उसकी आखो मे देखते हुए उसके लिप्स पे किस किया. सॉल्टी टेस्ट आया. वो शरम से तड़पने लगी पर मैने उसे दबा रखा था. मैने उसे उसका प्रॉमिस याद दिलाया. उससे कहा," कि बच्चे जिस तरह नंगे होते हैं उसी तरह उन्हे पैदा करने वाले भी नंगे ही होने चाहिए." और फिर सीधा बता दिया कि जब लंड चूत मे जाता हैं तो बच्चा होता हैं. तो उसे कुछ समझ नही आया . मैने कहा जानना चाहती हैं. वो हाँ बोली. मैने उसे खड़ा किया और उसे नंगा करने लगा. और उसकी चड्डी निकालने के बाद तो मानो मेरी साँसे ही रुक गयी. दुनिया की सबसे कीमती,सुंदर चीज़ पहली बार मेरे सामने थी. उसकी पिंक,बॉल्ड, स्मूद चूत.जी तो किया कि अभी उसी वक़्त उसे चोद डालु. एक भी बाल नही था. बिल्कुल कुवारि चूत. और जिस बात की खुशी मुझे हुई वो ये कि वो गीली थी मतलब जो भी जिस्म से मैं खेल रहा था वो रेस्पॉंड कर रहा था. उसने एक टी-शर्ट पहना था और स्कर्ट था. मुझे स्कर्ट्स बहोत पसंद हैं. ईज़ी आक्सेस!!.