Hindi kahani कच्ची कली कचनार की - SexBaba
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Hindi kahani कच्ची कली कचनार की

hotaks444

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कच्ची कली कचनार की



गर्ल्स!! लड़किया....ये एक शब्द ऐसा हैं जो मुझे बहोत पसंद हैं. इनफॅक्ट ये शब्द ही नही बल्कि दुनिया मे सबसे प्यारी,सबसे कीमती कोई चीज़ मुझे लगती होगी तो वो लड़किया ही हैं. एक अजीब सा नशा होता हैं लड़कियो का. आटीस्ट मुझे हैं. अक्सर हम कोई खूबसूरत चीज़ देखते हैं तो हम कहते हैं कि उपरवाले का कमाल हैं. तो लड़किया भी उपरवाले का मास्टरपीस हैं. जब भी कोई लड़की देखता हूँ तो उसका जिस्म मेरी आँखो के सामने आता हैं और मैं सोचता हू कि वाह!!! क्या कमाल की लड़की हैं. ऑफ कोर्स मैं उन्ही लड़कियों की बात कर रहा हू जो सुंदर हैं ना कि किसी रांड़ जैसी दिखने वालीका .

दुनिया मे कोई भी लड़की का जन्म होता हैं तो वो शुरआत से अंत तक एक लड़की होती हैं सिर्फ़ लड़की. ये बेहन,बीवी,माँ,साली,चाची,बुआ,एट्सेटरा,एट्सेटरा रिश्ते तो इंसानो की बनाई हुई बकवास बाते हैं जो ना मुझे पसंद हैं ना मैं मानता हू. चाहे वो बेहन हो या चाची, होती तो वो लड़की ही हैं. और लड़की के जिस्म के हर हिस्से को मैं प्यार करता हू. फिर चाहे वो उसके बाल हो,आखे,लिप्स,नेक,अंडरआर्म्स,ब्रेस्ट,निपल्स,उसकी नेवेल, उसके मुलायम थाइस,उनपे टिकी हुई सुंदर,मांसल, पर्फेक्ट गान्ड या इस दुनिया मे सबसे सुंदर और प्यारी चीज़े,जहाँ से दुनिया आती हैं उसकी चूत. अगर मैं चाहूं तो दुनिया मे जितनी भी लड़किया हैं उनकी चूतो को चूस चूस कर खाली कर्दु. मैं एक लड़की की असली कीमत जानता हू मगर फिर भी आज तक ऐसा कभी कभार ही हुआ हैं मुझे चूत के दर्शन हो पाए हैं जैसे मेरे चाचा की लड़की अनुराधा,किट्टू आंड मेरी पहली गर्लफ्रेंड नेहा जिसके नाम से मैं आज भी मूठ मारता हू.


दोस्तो, मैं एक नॉर्मल फॅमिली का मेंबर हू. पेरेंट्स,अनफॉर्चुनेट्ली 1 भाई और मैं. मैं हमेशा एक बेहन चाहता था ताकि चुदाई का सामान घर मे ही मिल जाए और बाहर मूह ना मारना पड़े. अफ़सोस मुझे बेहन नही हैं वरना आज ये लिख ना रहा होता बल्कि उसे चोदता रहता इस वक़्त. वेल, कोशिश करने वालो की हार नही होती. मेरी ना सही मेरी कज़िन अनुराधा मिल गयी. मैं पूरी ज़िंदगी उससे याद रखुगा क्योकि मेरी देखी और फील की हुई पहली चूत अनुराधा की थी. जो मेरे चाचा की लड़की हैं. उनकी दो बेटी हैं..बड़ी वाली कुछ काम की नही. साली मानती ही नही मगर अनुराधा मुझे बड़ा प्यार करती थी. वो सिर्फ़ शायद अभी ,,,,,,, की हैं मगर उसका जिस्म बहोत ही गरम हैं. बेहद खूबसूरत,गोरी चिट्टि, बेबी डॉल मैने काफ़ी चाटा उसके जिस्म को. ब्रेस्ट अभी आने शुरू ही हुए थे उसके, पर निपल्स बड़े सेन्सिटिव हैं उसके. उसपे मेरी नज़र एक फॅमिली फंक्षन मे पड़ी. उसकी हाइट कुछ 5 फीट हैं,बाल ऐवरेज. मेरे दिल मे बैठी उसकी आखे. नशीली आखे हैं उसकी. और मैं ये बात भी काफ़ी पहले ही समझ गया था कि अगर मैने मेरी किसी कज़िन को चोदा तो वो यही होगी. क्योकि वो जिस नज़र से मेरी तरफ देखती हैं और आज भी देखती हैं तो मैं समझ गया. उसका वो लिप्स बाइट करना,नज़रे मटकाना. उसके बाद उसकी रसीली गान्ड. ऐसा लगता कि जैसे 2 लीटर के बलून्स हो पानी से भरे. छूकर ही ऑर्गॅज़म हो जाए. आख़िर खाते पीते घर की हैं. उसकी माँ साली रांड़ बहोत खिलाती हैं और दूसरो का खून पीती है.. छोड़ो सब कहानी पर आते हैं.



तो उस फंक्षन मे मैने उसको करीब से देखा और मन बना लिया था कि ये गान्ड तो मेरी ही होगी. मैं उसे चोदुगा. तो मैं हर वक़्त मौके की तलाश मे होता था कि कैसे इसे अकेला लाउ और काम शुरू करू. मेरा घर दिन मे खाली ही होता हैं क्योकि पेरेंट्स काम पे जाते हैं और जो कि मेरा क़ामक्रीड़ा का प्लान था मैं अनुराधा के घर गया और उससे खेलते खेलते बातो मे फुसला कर अपने घर ले गया. अब इतना भी आसान नही. साली ने कही मूह खोल दिया तो गान्ड लग जाती. तो सोचा इसके मूह मे लंड घुसा दूँगा तो चूप रहेगी क्यूकी मैं इसे अभी तो चोदने वाला था भी नही बस ओरल सेक्स ही ठीक हैं फिलहाल. काफ़ी देर तक उसके साथ खेल खेलने के बाद मैने धीरे धीरे उसके जिस्म को टच करना स्टार्ट किया. अपनी उंगलियो से उसके पेट के उपरी हिस्सो को छूने लगा मज़ाक करते हुए. फिर मैने उसे अपनी बाहो मे लिया और उसके गालो पे किस करने लगा. फिर अपनी जीब को कभी मैं उसके गाल तो कभी उसके नेक पे लाता. वो शरमाने लगी. बोली घर जाने दो!! मैं डर गया. सोचा प्लान फ्लॉप हो जाएगा. मैने उसे चूमना बंद कर दिया पर अपने बाहो मे थामे रखा. और फिर उससे बाते करने लगा. मैने उसको कहा कि वो बहोत सुंदर और सेक्सी हैं. तो शरमा गयी. बोली ये सेक्सी क्या होता हैं??

मुझे कुछ आसार दिखने लगे. मैने उसे बड़े प्यार से अपनी बाहों मे उठाया और इस तरह बैठाया अपनी गोद मे कि उसकी नाज़ुक गान्ड मेरे लेग्स पे आ जाए. मैं सब्र से काम लेना चाहता था सो अपने लंड से दूर ही रखा उसे. अब उसकी गान्ड मेरे पैर पे,हाथ मेरे हाथ मे और नज़र मेरे चेहरे पे और कुछ इंचस का डिस्टेन्स मेरे और उसके होंठो मे. मैने उससे कहा कि," तू जानती हैं क्या कि बच्चे कैसे होते हैं?". हर बच्चे की तरह उसे भी बकवास बाते बताई गयी थी. मैने उससे कहा की सब झूठ हैं. तो बोली,"फिर कैसे?". मैने उससे कहा कि मैं बताउन्गा उससे मगर जैसा मैं कहुगा वैसे करना होगा. तो बोली क्या? मैने उस पे ज़ोर दिया कि पहले हाँ बोल. फिर मानी.


मैने उसे अब धीरे धीरे अपनी बाहो मे उठाना स्टार्ट किया और अपने लंड की तरफ उसे खीचा. फाइनली उसकी सॉफ्ट गान्ड मेरे लंड पे आ टिकी. मैने उसे उठाया और बेड पे रखा और रूम मे जाकर अपनी अंडररवेर निकाल ली और सिर्फ़ पॅंट पहन कर आ गया जिस वजह से मेरा लंड उसकी गान्ड पे सॉफ महसूस हो. पर जब मैने उससे अपनी बाहो मे उठाने की कोशिश की तो बोली कि मैं यही बैठूँगी. मैने सोचा साली नाटक कर रही है . गान्ड नही छूने देगी. तो मैं फिर खेल खेल मे उसे पकड़ने लगा और जितना उसका जिस्म हो सके अपने जिस्म से दबाने लगा. अब मैने उसके हाथो को उसके सिर के उपर कर दिया और अपने हाथो से उसे दबा दिया और मिशनरी पोज़िशन मे आ गया. वो पैर झटक रही थी. मैने उसकी आखो मे देखा. बोली"भैया, छोड़ो मुझे!". मैने भी कहा कि तुझे छोड़ना ही चाहता हू अनुराधा!".

वो बोली मतलब?? तब मैने उसके टॉप की ऑर देखा और फिर उसकी आखो मे देखते हुए उसके लिप्स पे किस किया. सॉल्टी टेस्ट आया. वो शरम से तड़पने लगी पर मैने उसे दबा रखा था. मैने उसे उसका प्रॉमिस याद दिलाया. उससे कहा," कि बच्चे जिस तरह नंगे होते हैं उसी तरह उन्हे पैदा करने वाले भी नंगे ही होने चाहिए." और फिर सीधा बता दिया कि जब लंड चूत मे जाता हैं तो बच्चा होता हैं. तो उसे कुछ समझ नही आया . मैने कहा जानना चाहती हैं. वो हाँ बोली. मैने उसे खड़ा किया और उसे नंगा करने लगा. और उसकी चड्डी निकालने के बाद तो मानो मेरी साँसे ही रुक गयी. दुनिया की सबसे कीमती,सुंदर चीज़ पहली बार मेरे सामने थी. उसकी पिंक,बॉल्ड, स्मूद चूत.जी तो किया कि अभी उसी वक़्त उसे चोद डालु. एक भी बाल नही था. बिल्कुल कुवारि चूत. और जिस बात की खुशी मुझे हुई वो ये कि वो गीली थी मतलब जो भी जिस्म से मैं खेल रहा था वो रेस्पॉंड कर रहा था. उसने एक टी-शर्ट पहना था और स्कर्ट था. मुझे स्कर्ट्स बहोत पसंद हैं. ईज़ी आक्सेस!!.
 
मैने सिर्फ़ उसकी अंडरवर निकाली तो वो भागने लगी. मैने फिर उसे अपनी बाहो मे जकड़ा और बेड पे पटक दिया. उसकी शक़्ल रोने जैसी हो गयी थी. मैने फिर उसे किस किया. इस बार उसने भी किस की. मैं खड़ा हो गया उसके सामने और मेरा लंड टेंट बनाए हुए था पॅंट मे. मैने उसे मेरा लंड पकड़ने को कहा. वो ना कहने लगी और खुदकी नंगी चूत छुपाने लगी. मैने उसे कहा कि तूने प्रॉमिस की थी. मैने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पे घुमाने लगा और वो अपना हाथ पीछे लेने लगी. मैने उसको कहा कि तू जानती हैं ये क्या हैं. उसने बड़ी मासूमियत से कहा"गोल-गुंडा".

मैने ये नाम पहली बार सुना था. मैने उसे कहा "नही इसे लंड कहते हैं और ये जो तेरे पैर के बीच हैं इसे चूत!!". मैने उससे कहा "देखेगी लंड?". तो वो ना कहने लगी मगर उसकी वो आखे मेरे लंड की ओर ही देखने लगी थी. मैं समझ गया और अपने लंड को आज़ाद कर दिया. उसने एक झलक देख कर अपनी आखे बंद कर ली. अब उसके दोनो हाथ उसके चेहरे पे थे. उसका स्कर्ट घुटनो तक आ गया था. मैने एक ही झटके मे उसका स्कर्ट निकाल दिया. अब वो नीचे से नंगी थी. क्या नज़ारा था..!! उफ़फ्फ़... मेरे लंड से प्रेकुं निकल गया. फिर वो खड़ी हो गयी और अपनी टाँगो को दबा लिया और बेड पे खड़ी हो गयी. मैने उसे फिर से पकड़ा और अपने पास लाया जिसका वो विरोध करने लगी. काफ़ी सब्र करने के बाद मेरी हवस जवाब दे गयी. मैने उससे खीच कर बेड पर पटक दिया तो वो थोड़ा रोने लगी. मैने कहा
"नंगी हो पूरी!"
अनुराधा-"मुझे घर जाना हैं"
मे: ज़रूर जाना. मगर पहले नंगी हो. साली नखरे कर रही है . आज तो तेरी चूत चूस्के ही रहुगा.
अनुराधा: मतलब?
मे: तुझे जैसा कहता हू वैसा कर. तुझे बहोत मज़ा आएगा.
अनुराधा: क्या?
मे: नंगी हो. पूरी तरह से.
अनुराधा: क्यू?
मे: मैं तुझे नंगा देखना चाहता हू.
वो धीरे धीरे अपना टीशर्ट निकालने लगी. मैने उसकी टीशर्ट जल्द से निकाल के फेक दी. वो शर्म से छुपने लगी. मैं भी पूरा नंगा हो गया. उसकी आखे बंद ही थी. मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और अपने लंड पे रख दिया. तो उसने हाथ हटा लिया.
मे: अगर तू जैसा मैं कहता हू वैसा नही करेगी तो मैं तुझ से कभी बात नही करूँगा.
वो सहम गयी.
अनुराधा: मुझे शर्म आती हैं
मे: शर्म क्यू? मैं तेरा भाई हू. पहले तू आखे खोल
अनुराधा: नही
मे: प्लीज़...
उसने आखे खोली और मेरे जिस्म पे नज़र डाली और सीधा लंड को देखी.
मे: मैने कहा देख इसे. टच कर,
अनुराधा: ना
मे: जितना कहता हू उतना कर

वो मान नही रही थी. काफ़ी समझाया बट मानी नही. मैने उसके सामने एक बार मूठ भी मारी. पहली बार किसी लड़की के सामने मैने मूठ मारी और वीर्य गिराया भी. वो मेरे लंड को देखने लगी. ऑलमोस्ट 10 मिनट से मैं उसके सामने नंगा खड़ा था तो उसे भी अब शर्म नही आ रही थी. फिर भी वो अपनी चूत छुपा रही थी. मैं झड गया तो थोड़ा शांत हुआ. हम फिर बेड पे बैठ गये. इस बार इसने अपनी टाँगे स्प्रेड कर ली थी. और नंगी होने की वजह से उसकी खूब सूरत चूत मेरी आखो के सामने थी. मैने उससे बात करना स्टार्ट की. गंदी बाते. सेक्स की,चुदाई की.
मे: एक बात बता.
अनुराधा: क्या?
मे: तू सुसू कैसे करती?
अनुराधा: बैठ के. जैसे सब लड़किया करती
मे: मगर..लड़कियो को लंड कहाँ होता हैं??
अनुराधा: तो हम यहाँ से करते हैं ना!!
उसने अपनी राइट हॅंड की उंगली उसकी चूत पे रखी और बताने लगी.
मे: मगर कहाँ से आता है वो..
अभी तक वो भूल गयी थी कि हम दोनो पूरी तरह नंगे हैं. उसने अपनी दोनो टाँगे पूरी तरह खोल दी थी और उसकी चूत के लिप्स मेरे सामने थे.. दुनिया मे सबसे सुंदर चीज़ मेरे सामने थी. उसकी वर्जिन टाइट चूत. एक भी बाल नही. और वो थोड़ी चमक भी रही थी. मतलब उसकी चूत भीग रही थी.उसे सेक्स चढ़ रहा था. कसम से अगर वो 15-16 की होती तो मैं उसकी इतनी चुदाई करता कि उसकी चूत लाल हो जाती. उसके निपल्स चूस चूस कर उनको लाल कर देता. तभी मुझे याद आया कि मैं निपल तो चूस ही सकता हू.
मे: अनुराधा, लेट जा बेड पे.
अनुराधा: क्यू?
मे: बस लेट जा.
वो अपनी जगह से उठी और पीछे चली गयी. मैने उसका हाथ पकड़ा और ज़बरदस्ती उसे बेड पे लिटाया. वो हँसने लगी. मैने उसकी थाइस को पकड़ा..और उन्हे स्प्रेड कर दिया और उसकी चूत को नज़रो से पीने लगा.. मैं धीरे धीरे उसके नंगे जिस्म पे चढ़ता गया और फाइनली उसके होटो पे मैने अपने होठ रखे. उस पोज़िशन मे मैं उसके जिस्म पे पूरी तरह चढ़ गया था. हम दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे से भिड रहे थे . वो मेरी आखो मे देख रही. उसकी वो लस्टी आखे. उन आखो को देख कर मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया. ऐसा कभी भी नही हुआ था कि मैने मूठ मारी हो और 5 मिनट बाद फिर खड़ा हुआ हो. ये उसके जिस्म का जादू ही था कि मेरा लंड पत्थर सा हो गया. मैने उसको किस करना स्टार्ट किया. वो नही जानती थी कि किस कैसे करते हैं मगर वो मेरी कॉपी करने लगी. उसने मेरे होंठो को चूसना स्टार्ट किया.
 
मे: कैसा लग रहा हैं.
अनुराधा: उम्म्म....
मैं समझ गया कि चुदने को रेडी हो गयी ये लड़की. मैने धीरे धीरे उसके होंठो से नीचे आके उसकी नेक को किस किया और फिर मैने उसे पूछा.
मे: मैने नीचे जाउ?
अनुराधा: हाँ.
मैने उसके राइट निपल को टच किया. छोटे से लाइट ब्राउन निपल्स उसके बिल्कुल सख़्त थे. मैने उसके निपल चूसना शुरू किया और राइट हॅंड से उसके लेफ्ट निपल को मसल्ने लगा. मैं बारी बारी से उसके निपल्स चूस रहा था. अब वो आआआः आआआः...उम्मह करने लगी थी..
मे: क्या हुआ?? और चूसू तेरे निपल्स? कैसा लग रहा हैं?
अनुराधा: अच्छा लग रहा हैं. और चूसो.
मे: इसी तरह मैं तेरी चूत भी चूसने वाला हू. चलेगा ना?
अनुराधा: हाँ...
मैने सोचा कि मौका अच्छा हैं..
मे: अपने हाथ से मेरा लंड पकड़. जैसे कहने भर की देर थी. उसने तुरंत अपने नाज़ुक हाथो से लंड को पकड़ किया.
मे: महसूस कर इसे;
अनुराधा: भैया बस करो. आ मुझे कुछ हो रहा हैं. मेरा सूसू आ रहा हैं..आआआः..ह्म्म्म..!!!!!!!!!
मैने तुरंत उसे उठाया और बाथरूम मे ले गया.. उसे कॅमोड पे बैठा कर मैं भी उसपे बैठ गया. अब इस पोज़िशन मे वो मेरे सामने थी और मेरा लंड और उसकी चूत ऑलमोस्ट टच कर रहे थे. मैने उससे कहा
मे: कर सुसू.!!
अनुराधा: तुम गंदे हो जाओगे..
मे: तू बस मूत. मैं भी मुतुँगा तेरी चूत पे
अनुराधा: नही..
मे: मज़ा आएगा.. मैं देखना चाहता हू कि तू कैसे पिशाब करती हैं.
अनुराधा: ठीक हैं.
उसने मुतना स्टार्ट किया और सेम टाइम पे मैने भी स्टार्ट किया. मेरा मूत उसकी चूत पे गिरने लगा और उसने अया की.. हम दोनो एक दूसरे पे मूतने लगे और उसे मज़ा आने लगा. मैने उसकी चूत पूरी गीली करदी. जब पिशाब हो गया तो हम वॉश करने गये. मैने कहा कि एक दूसरे को सॉफ करते हैं. अब उसे कोई चिंता नही थी. जैसा मैं कहने लगा वैसा वो करने लगी. मैने हॅंडशवर लिया और उसकी चूत पे पानी डालने लगा. वो खड़ी थी, गरम मूत और ठंडे पानी से उसकी चूत भीग गयी.
मे: सॉफ कर ना.
अनुराधा: क्या?
मे: तेरी चूत.
अनुराधा: सॉफ कैसे करू?
मे: मैं कर्दु?
अनुराधा: हाँ
मैं अपना हाथ उसकी चूत पे ले गया और पहली बार किसी चूत को फील किया. बिल्कुल भीगी थी और गरम भी. मैं धीरे उससे सॉफ करता गया. मौका अच्छा देख कर मैने उसे कहा
मे: मेरे लंड को हाथ मे ले.
उसने तुरंत हाथ मे ले लिया
मे: अब हिला उससे
वो लंड को शेक करने लगी
मे: ऐसे नही. मैने उसका हाथ पकड़ा और उपर नीचे करने लगा.
अनुराधा: ऐसे...>??
मे: हाँ
अब वो मेरे लंड को हिला रही थी और मैं उसकी चूत को सॉफ कर रहा था. हम दोनो चरम पे पहुँच गये.. मैने अचानक अपना हाथ रोक दिया उसका रियेक्शन देखने के लिए और खड़ा हो गया.
अनुराधा: क्या हुआ? रुक क्यू गये? करो ना
मे: क्या करू?
अनुराधा: वही जो कर रहे थे.
मे: बता तो क्या कर रहा था?
अनुराधा: मुझे शर्म आती हैं
मे: बोल बोल
अनुराधा: मेरी चूत को सॉफ करो ना.
मे: ठीक हैं. अगर तू चाहती हैं कि मैं वो करू तो तुझे भी मेरे लंड से कुछ करना होगा
अनुराधा: हिला तो रही हू.. अब क्या करू??
मे: इसे चूस.
अनुराधा: नही..
मे; ठीक हैं.. मैं भी नही करता.
 
मैं उसके बचपन दिमाग़ से खेल रहा था. अगर ये आज चूस्ति हैं तो ज़िंदगी भर चूसेगी.
अनुराधा: मैं क्यू चूसू लंड तुम्हारा? तुमने तो नही चूसी मेरी चूत.
मे: तूने बोला नही. मैं तो तुझे चोदने को रेडी हू.
अनुराधा: चोदने को? मतलब?
मे: बताउन्गा. पहले चूस.
अनुराधा: और मेरी चूत का क्या?
मे: एक काम करते है . तू मेरा लंड चूस मैं तेरी चूत चूस्ता हूँ. एक साथ
अनुराधा: वो कैसे?
मे: चल बिस्तर पे आजा.
हम बिस्तर पे आ गये.
मे: मैं बिस्तर पे लेट ता हू और तू मेरे उपर लेट.
वो मेरे उपर चढ़ गयी मगेर उल्टी. जब वो चढ़ रही थी तो उसकी चूत मेरे लंड के उपर आ गयी. और वो चीख पड़ी.
मे; क्या हुआ?
अनुराधा: तुम्हारे लंड ने मुझे काटा!!
मे: काटा नही. किस किया है. और जब ये अंदर जाता हैं ना तो उसे चोदना कहते हैं. वो भी सीखेगी क्या?
अनुराधा: नही..दर्द होता हैं.
मे: मज़ा भी उतना ही आता हैं.
अनुराधा: अब क्या करूँ?
मे: तू उल्टी तरफ से चढ़ि हैं. तेरी गान्ड मेरे मूह के पास रख और तेरा मूह मेरे लंड पे कर
उसने पोज़िशन चेंज कर ली और हम 69 मे आ गये. अब उसकी गान्ड मेरे सामने थी. मैने उससे कहा कि अब तू लंड चूस. मेरा लंड पूरी तरह खड़ा था. उसकी चूत मेरी आखो के सामने थी मगर उसके लेग्स क्रॉस्ड थे. मैने उसकी थाइस को किस किया और उसकी गान्ड पे हाथ रखा. बिल्कुल सॉफ्ट थी उसकी गान्ड.
मे: तेरी गान्ड बहोत ही सुंदर हैं अनुराधा.
मैने उसकी गान्ड को मसलना स्टार्ट किया.. उसकी दूध जैसी गोरी गान्ड पे मेरी उंगलियो के निशान बन गये. मैने उसकी गान्ड को उस तरह मसला जैसे रोटी बनाते वक़्त आटा मसल्ते हैं. वो दर्द से कराह रही थी पर उसे मज़ा भी आ रहा था. मैं रुक गया. मेरी नज़र उसकी तरफ गयी. वो सिर्फ़ लेटी थी और मेरे लंड को देख रही थी.
मे: क्या कर रही हैं? मैने तुझे चूसने को कहा.
अनुराधा: मुझे शरम आती हैं भैया,..मैं नही चूसूगी.
मैने अपने राइट हॅंड से उसकी गान्ड पे ज़ोर से स्लॅप किया और उसकी गान्ड डीप रेड कलर की हो गयी.
अनुराधा: आआहह!!!!..भीयाया..!! मार क्यू रहे हो..दर्द होता हैं
मे: साली रंडी...मैं कब से तेरी गान्ड चाट रहा हूँ और तू मेरा लंड नही चूसेगी.. कब से गान्ड मेरे सामने खोल के लेटी हैं तो शर्म नही आ रही और अब शर्म आती है.
अनुराधा: भैया मारो मत...प्लीज़..अया....दुख रहा है..
मे: तो जैसा कहता वैसा कर
वो छटपटाने लगी..मैने उसे पकड़ लिया..उसकी गान्ड को अपने हाथो से दबाए रखा जिससे वो उठ ना पाए.
मे: मूह खोल...आज तो तू चूसेगी मेरा लंड...
अनुराधा: नही.भैया जाने दो
मे: तू ऐसे नही मानेगी ना!!
मैने अपनी उंगली मूह मे डालके उसे गीला किया और उंगली को उसके गान्ड के छेद पे दबाने लगा.
मे: अगर तूने मेरा लंड नही चूसा तो ये उंगली तेरी गान्ड मे डालुगा...
वो तड़पने लगी...मैने अपनी उंगली थोड़ी सी उसकी गान्ड मे घुसाई.. बिल्कुल टाइट गान्ड थी उसकी..बड़ी मुश्किल से 1 सेंटीमीटर गयी होगी अंदर.
अनुराधा: आअहह...नैईईईईईईईईईईईईईईई....आआहाआहः....भाई.....या..आ.आ.आ.आ.
मे: और घुसाऊ??
अनुराधा: नहिी...रुक जाओ...आआहाआहाआहा
ऐसा करते वक़्त अचानक मुझे मेरी नेक पे कुछ गीला गीला महसूस हुआ..मैने हाथ लगाके देखा तो चिपचिपा महसूस हुआ.. मैं समझ गया.. उसकी चूत पूरी तरह भीग गयी थी और ड्रिप कर रही थी. मेरी बेहन की चूत से उसका जूस टपक रहा था.. मैने उसे चूस लिया. अब वो तड़प रही थी.. मेरी उंगली अब भी उसकी गान्ड मे ही थी.
अनुराधा: भैया.अहह.निकालो उसको..प्लज़्ज़्ज़...आआहह..उम्म्म
मे: एक ही शर्त पे.. लंड को चूस..अभी
अनुराधा: ठीक हैं..चूस्ति हूँ.
 
उसने अपने हठो से मेरे लंड को पकड़ा,, उसके गोरे हाथ मेरे ब्लॅक लंड पे सेक्सी लग रहे थे. मैने उंगली को थोड़ा हिलाया उसकी गान्ड मे. वो समझ गयी और धीरे धीरे लंड हिलाने लगी.
मे: मैने तुझे चूसने को कहा..
अनुराधा: मुझे नही आता चूसना.!
मे: तूने कभी लॉलीपोप खाई हैं
अनुराधा: हाँ
मे: तो उसे जैसा चूस्ति है वैसा चूस...
अनुराधा: वो पूरा मूह मे डालना पड़ता है खाने के लिए
मे: वोही करना हैं तुझे,, ऐसा चूस जैसे लॉलीपोप हो.
उसने मेरे लंड को देखा.. लंबा.ब्लॅक और मेरा लंड चमक रहा था.. उसने आगे बढ़के अपनी जीभ निकाली और लंड को चाटना स्टार्ट किया. और काफ़ी देर तक चाटती रही. उसकी जीभ मेरे लंड पे थी और मेरी उंगली उसकी गान्ड मे.
मे: मूह मे ले..
अनुराधा: नही....उम्म्म्मह
अब मेरा सब्र टूट गया,. मैने अपनी उंगली पूरी उसकी गान्ड मे घुसा दी..
अनुराधा: आआहााहह,,,,,,नैईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई..भैयाअ.आआआ.आ.आ.आ...निकाल उसको..
मे: साली कबसे चूसने को कह रहा हूँ तू नाटक कर रही है...
वो मेरे जिस्म से अलग होने के लिए तड़प रही थी.. मैने उसको दबा रखा था तो उठ नही पा रही थी. वो जितना हिल रही थी मेरी उंगली उतनी ही उसकी गान्ड मे जा रही थी...
अनुराधा: एयेए...भैयाअ...प्लीज़..निकालो उसको...आअहम्महाहहाः...
मे: शांत हो जा... तू जितना हिलेगी उतनी ही ये अंदर घुसेगी. शांत हो जा
अनुराधा: आअहह..नैईईइ...ठीक हैन्न्न्न्न..
वो शांत होने लगी..
मे: मूह खोल..और जैसा कहता हू वैसा कर
उसने अपना मूह खोला.
मे: लंड को पकड़ और अपने होंठो से किस कर
उसके वो सॉफ्ट लाल होठ मेरे लंड पे टिके और मेरा प्रेकुं निकल गया.
अनुराधा: ये क्या हैं?
मे: दूध हैं.. चूस उसे...
और याद दिलाने के लिए मैने अपनी उंगली उसकी गान्ड मे थोड़ी सी मूव की. उसने अपनी जीभ मेरे लंड पे रखी और चाटने लगी.
मे: आईसीई....अया....अब मूह खोल और इसे अंदर ले. चूस लंड को जैसे लॉलीपोप चूस्ति हैं.. अपने दाँत दूर रख.. अगर मेरे लंड को तेरे दाँतों ने छुआ तो और एक उंगली तेरी गान्ड मे डालुगा.समझी??
अनुराधा: आहह...उःम्म्म्म...
मैने उसकी गान्ड पे स्लॅप किया
मे: समझी???
अनुराधा: `आआआःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....हाँ समझी भैया...मारो मत प्लीज़...मैं बेहन हू तुम्हारी..
मे: जानता हू.. और इसी वजह से मैं तुझे हमेशा प्यार करूगा अगर तू मेरा कहा मानेगी तो..मानेगी ना?
अनुराधा: हाँ भैया मानूँगी...तुम जो कहोगे मानुगी
मैने उसकी गान्ड मे से उंगली निकाल ली.. वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी गान्ड मसल्ने लगा.
मे: अनुराधा,,इस लंड को तू हमेशा प्यार करना..क्यूकी ये तेरे भाई का हैं.. तू इसे पार कर और मैं तुझे प्यार करूगा..
अनुराधा: हाँ भैया...मैं इसे हमेशा चूसूगी...
मे: कैसा लग रहा हैं लंड?
अनुराधा: बड़ा हैं बहोत..
मे: इसकी आदत डाल ले अनुराधा. ये लंड कभी ना कभी तेरी गान्ड और चूत मे जाएगा और तू इसे बहोत प्यार करेगी
अनुराधा: नही भैया...
मे: मैने कहा ना तू सिर्फ़ मेरा कहा मानेगी...'
अनुराधा: भैया...दुख़्ता हैं वहाँ??
मे: कहाँ?
अनुराधा: गान्ड पे
मे: जैसा मैं कहता हू वैसा करेगी तो मैं तुझे दर्द नही दूँगा... तू खूद मेरा लंड माँगने लगेगी.ठीक है??
अनुराधा: हाँ भैया...
और वो लंड चूसने लगी..
मे: अब मुझे अपनी चूत दिखा ज़रा..
उसने अपने लेग्स स्प्रेड कर दिए..
मे: तेरी चूत बहोत सुंदर हैं अनुराधा! अब मैं इसे चूसू??
अनुराधा: हाँ भैया..
मैने अपने हाथो से उसके लेग्स को स्प्रेड किया. मैने अपनी जीभ निकाली और उसकी चूत के होंठों को धीरे धीरे किस करने लगा. जीभ को मैं धीरे धीरे उपर नीचे करने लगा और अपने हाथो से उसकी गान्ड मसल्ने लगा. मेरा लंड उसके मूह मे. उसका गीला गरम मूह मेरे लंड को चूस रहा था.
मे: अया....ऐसे ही.. अपनी जीभ से खेल उससे.. चूस... मूह मे ले..अंदर..आह,,,
अनुराधा: उंह.ह...
मैं उसकी चूत के होंठो को किस करने लगा. किस करते हुए मैने उसकी चूत के लिप्स को स्प्रेड किया और अपनी जीभ को धीरे धीरे घुमाने लगा..
मे: कैसा लग रहा हैं?
अनुराधा: आहह,..बहोत अक्चा...आअहमम्म्म,,,उमुमूंम्म्मममममम
वो अब धीरे से अपनी गान्ड उपर नीचे करने लगी. मैं उसकी चूत को चूसने लगा. उसकी चूत से बहुत ज़्यादा जूस बह रहा था. टेस्ट मे सॉल्टी और मस्की स्मेल आ रही थी..थोड़ी थोड़ी फिश जैसी. मगर मेरे दिमाग़ पे हवस चढ़ि थी और अब उसके भी. हम दोनो भाई-बेहन एक दूसरे को चूसने लगे. रूम मे आह...उऊहह...की आवाज़े आने लगी. और अचानक अनुराधा चीख पड़ी...
अनुराधा: आआहह....भैयाअ..छोड़ो मुझे...मूत आ रही..छोड़ो..
मे: ये मूत नही...तू झड रही हैं...
अनुराधा: जानी दो मुझे......आआहहहहहहः...आआहा आहा आ आहा आ
वो अपनी गान्ड ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और मेरा लंड और ज़ोर से चूसने लगी. मुझे अपने बॉल्स मे प्रेशर महसूस हुआ..मैं समझ गया कि हम दोनो झड रहे हैं...मैने उसे बेड से उठाया और बाथरूम मे ले गया. इन केस सच मे मूत दी तो!?!! हम दोनो बाथरूम मे थे..वो मेरे सामने थी.. अब जैसा कि उसकी हाइट 3-4 फुट होगी तो मेरा लंड उसके निपल्स तक आ रहा था.. मैने उसे फिर लंड चूसने को कहा..
मे: लंड चूस..
अनुराधा: हाँ..और मेरी चूत का क्या???
मैं खुश हो गया.. मेहनत रंग लाई..
मे: हाँ उसे भी खुश करते हैं.. और मैं सारी ज़िंदगी तुझे चोदुगा अब. चुदेगि ना मुझसे??
अनुराधा: हाँ भैया ..तुम जो कहोगे मैं करूगी..
मे: तो बोल कि मेरी चूत चाटो
अनुराधा: मेरी चूत चाटो भैया प्ल्ज़....
मैने उसे बाहों से उठाया और खुद वॉल से सट गया.. और मैं उसे खड़े खड़े ही 69 मे लाया.. अब वो बहोत ही अच्छे मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत.. ज़्यादा से ज़्यादा हम 3-4 मिनट तक कंट्रोल कर पाए..और फिर मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी उसके मूह मे. मैं जानता था कि वो मूह निकाल लेगी तो मैने पहले ही उसका मूह अपने लंड पे दबाकर रखा था..मैने पूरा उसके मूह मे छोड़ दिया और उसकी चूत से जूस पीता रहा.. वो ज़ोर ज़ोर से आआहाआहाआह करती रही.. मगर मैं उसे चूस्ता ही रहा.. और वो भी मुझे चूस्ती रही..उस वजह से मेरा पिशाब छूट गया और उसकी चूत ने भी मूत दिया.. और कुछ वक़्त पहले उसने मेरा कम पिया था तो उसे लगा कि यह भी वोही हैं तो उसने खुद ही मूह नही हटाया और ना मैने मूह हटाया.. हम दोनो का मूत निकल गया..उसकी चूत ने मेरा मूह पे पिशाब कर्दिया. मुझसे जितना हुआ मैने पिया और बाकी बहने दिया मगर मैं चोंक गया उसने मेरा पूरा मूत मूह मे लिया और जब तक मैने ज़बरदस्ती नही किया लंड मूह मे ही रखा..
 
मे: अर्रे इतना प्यारा लगा मेरा लंड..निकाल अब..
अनुराधा: अया....हाँ..बहुत अच्छा हैं लंड तुम्हारा..
मे: अगर पसंद आ गया है तो इसका हमेशा ख़याल रखेगी.. जहाँ मैं इसे डालु ले लेगी?
अनुराधा: हाँ भैया...मैं हमेशा करूगी. और तुम भी मेरी चूत चूसना..बहोत अच्छा लगा भैया
मे: सिर्फ़ मैं चूसूगा ही नही चोदुगा भी. मगर फिर कभी. जब तेरी झान्ट आने लगेगी.
अनुराधा: मतलब..?
मे: ये जो मेरे लंड पे बाल हैं ना उनको झान्ट कहते हैं.
अनुराधा: और इन्हे उसने मेरे आंडो पर उंगली रख कर कहा ?
मे: इन्हे बाल्स या आँड कहते हैं..खेल उनसे मगर धीरे से..
वो मेरे बाल्स से खेलने लगी...
अनुराधा: सॉफ्ट हैं बहोत.
मे: ह्म्म्म्....अब वो तेरे हैं..जब चाहे तू मेरे लंड से खेल सकती हैं..मगर ये सिर्फ़ हमारा सीक्रेट होना चाहिए. किसी को मत बताना.. तेरी रंडी माँ को भी नही
अनुराधा: हाँ ठीक हैं..मगर मुझे झान्ट नही आएगी ./..
मे: क्यू? सबको आती हैं
अनुराधा: मुझे नही पसंद
मे: तो शेव कर लेना..
अनुराधा: तुम क्यू नही करते?
मे: तू कर देगी..
अनुराधा: हाँ भैया..
मे: अभी नही..मैं थक गया हूँ.. चल नहा लेते हैं
फिर हम ने बाथ किया, उस दौरान फिर एक बार ओरल सेक्स किया. अनुराधा अब बहोत ज़्यादा एग्ज़ाइट होने लगी.. जैसा कहता वैसा बेहिचक करती थी. फिर हम नंगे ही टीवी देखने लगे. उस दिन वो मेरे साथ सिर्फ़ 3 घंटे थी मगर उस दौरान 4 बार हम ने ओरल सेक्स किया. मुझे याद हैं वो नीचे बैठ जाती थी और मेरे लंड को लॉलीपोप जैसा चूसने लगती थी.
लास्ट टाइम सेक्स के बाद मैं बेड पे लेटा था और वो मेरे उपर थी. मैने उसे सीधा किया और उसे किस करने लगा. हम दोनों एक पॅशनेट किस करने लगे. मैं उसकी गान्ड मसल्ने लगा,कभी उसके निपल्स को मसलता. उसकी चेस्ट पूरी फोर्स से दबाता तो वो तड़प उठती. हम बेतहाशा एक दूसरे को चूमने लगे.
मे: अनुराधा?
अनुराधा: ह्म??
मे: आइ लव यू.
अनुराधा:आइ लव यू भैया..
कहने को सिर्फ़ ##-## साल की थी मगर उसका जिस्म बहोत ही कमाल का था. मोटी होने के कारण जिस्म बिल्कुल सॉफ्ट था. मैने उसके जिस्म के हर अंग को चाटा. उसकी गान्ड,उसके निपल्स,थाइस,चूत. आख़िर मे तो उसकी चूत बिल्कुल रेड हो गयी थी और मेरा लंड भी थक गया था.
मे: अनुराधा,,एक प्रॉमिस करेगी?
अनुराधा: क्या?
मे: तू ज़िंदगी भर मेरी रांड़ बनके रहेगी?
अनुराधा: मतलब?
मे: मतलब,मैं जब चाहू तुझे चोद सकूँ,चूस सकूँ. मैं जो कहूँ तू मानेगी हमेशा?
अनुराधा: हाँ भैया..मैं बनूँगी तुम्हारी रांड़. हर काम करूगी.
मे: प्रॉमिस? क्यूकी अगर तूने नाटक किया तो अगली बार तेरी गान्ड मे पूरा हाथ डाल दुगा..
अनुराधा: नही भैया..ऐसा मत करना..मैं तुम्हारा कहा मानूँगी. प्रॉमिस!!
मे: और ये बात कभी तेरी रांड़ माँ को मत बताना नही तेरी कल्याणी को.!
अनुराधा: मम्मी को क्यू रांड़ कह रहे हो? मम्मी भी चूस्ति क्या लंड?
मे: हाँ,,मगर मेरा नही..दूसरो का. वो सब जाने दे..बस मत बताना.
अनुराधा: हाँ भैया... तुम जो कहो.
मे: और तू कभी किसी और का लंड नही चूसेगी..सिर्फ़ मेरा..
अनुराधा: ठीक हैं भाई...अब मैं थक गयी हू..गोदी??
मे: आजा
मैने उसे अपनी बाहो मे ले लिया और हम लेट गये. नंगे!! उसने अपनी टाँगे मेरी कमर के अराउंड लपेट ली. उसकी सॉफ्ट गान्ड मेरे लंड को टच करने लगी तो मेरा फिर खड़ा हो गया. उसे भी महसूस हुआ. वो मेरी आखो मे देखने लगी. मैने उसे किस किया और बाहो मे लपेट लिया. फिर हम ने कपड़े पहने और उसे घर छोड़ने गया.

मैं घर आ गया और फिर एक बार मूठ मारी और सो गया. मैं बहोत खुश था. मुझे एक सेक्स डॉल मिल गयी थी और मैं जानता था कि वो एक दिन सेक्स क्वीन बनेगी और वो मेरी होगी. नेक्स्ट डे जब वो स्कूल से घर आई तो मैं आलरेडी उसका वेट कर रहा था. मुझे देख कर उसकी आखे चमक गयी. मगर उसे याद था हमारा सीक्रेट तो कुछ नही बोली. मैं फिरसे उसे घर ले जाने का ट्राइ करने लगा. मगर उसकी माँ बीच मे आ गयी. बोली खाना नही खाई..चेंज तो कर ले...एट्सेटरा एट्सेटरा.. मुझे बहोत गुस्सा आया. मगर मैं जानता था कि जब तक ये राड नही मानेगी मैं मेरी डॉल को नही लेजा पाउन्गा.
मे: चाची,तुम इसके खाने पीने का क्यू इतना सोचती हो?? वैसे भी तो कितनी मोटी हैं यह..
अनुराधा: चुप करो भैया..!!
मे: घर पे खाना हैं चाची..और मैने भी नही खाया अभी तक.
चाची: तो यही ख़ालो..
मे: हम दोनो घर पे ही खाना खा लेगे..
और इससे पहले वो कुछ कहती मैने अनुराधा को बाइक पे बिठाया और हम भाग निकले..जाते जाते बोली कि मानसी आई तो उसे भी भेज दुगी...मैने सोचा टाइम लिमिटेड हैं..वो आ गयी तो कुछ नही होगा. हम मेरे घर मे आ गये. पेरेंट्स आज आउट ऑफ स्टेशन गये थे और नेक्स्ट मॉर्निंग आने वाले थे तो मैं तो फ्री था मगर कल्याणी आ गई तो प्राब्लम हो जाती. मैने वो सब सोचने मे ज़्यादा टाइम नही वेस्ट किया. जैसे ही मैने घर लॉक किया अनुराधा को बाहों मे उठाया और सीधा बेडरूम मे ले आया. वो नाटक करने लग गयी. बहाने बनाने लग गयी. उसने स्कूल ड्रेस पहना थी. स्कर्ट्स!!! माइ फेव!..
अनुराधा: आज मूड नही है भैया...
मे: नखरे मत कर रांडी...
अनुराधा: ना... और मुझे छेड़ कर भागने लगी..
मे: ओह्ह..तो लगता हैं ज़बरदस्ती करनी ही होगी.
वो हंस पड़ी. मैने उसे पकड़ा और सीधा बेड पे उल्टा पटक दिया..
अनुराधा: अऔच...भैया धीरे..
मे: तो काम शुरू कर..
अनुराधा: मुझे भूक लगी हैं..
मे: हम तो मेरा लंड हैं ना..जितना चाहे चूस.. थोड़ी देर बाद उसमे से दूध तो निकलेगा ही..
अनुराधा: नही भैया मुझे कुछ खाना खाना हैं..
मे: चुप कर..तू मेरी रांड़ हैं..मैं जो कहूँ तू करेगी..प्रॉमिस याद हैं ना??
अनुराधा: हाँ भैया याद हैं...मगर कुछ खा लूँ तो सब करूगी..
मे: ह्म्म्म ....चल नंगी हो..
अनुराधा: अभी?? पहले खाना खाने दो ना..प्लीज़ भैया..
मे: हाँ खाले ना जो खाना हैं..पहले जैसा कहता हू वैसा कर..नंगी हो..
अनुराधा: ठीक हैं..
मे: रुक..रहने दे...
अनुराधा: क्यू? क्या हुआ भैया??
मे: मैं खुद तुझे नंगा करूगा..
 
मैं बेड पे आ गया..वो मेरे सामने ही बैठी थी अपने नीस फोल्ड करके..उस वजह से उसका स्कर्ट थोड़ा उपर हो गया था.. मैं बेड के सामने खड़ा हो गया और उसके लेग्स पकड़ के उसे बेड की एड्ज तक खीचा.. अब वो मेरे सामने लेटी थी. मैने उसे उल्टा किया.
मे: कुत्ता देखा हैं?
अनुराधा: हाँ..
मे: कुत्ते जैसी बैठ..
अनुराधा: मतलब??
मे: अर्रे जैसा कुत्ता खड़ा रहता हैं ना उस तरह से बैठ..
अनुराधा: समझी नही कुछ..
मैं उसको पेट से पकड़ के उठाया और उल्टा कर दिया..तो वो पेट के बल लेटी थी.. फिर मैने उसके बाल पकड़े और उन्हे खीचा..
अनुराधा: आअहह...दर्द हो रहा..बाल क्यू खीच रहे हो?
इस दौरान वो अपने आप ही डोगी स्टाइल मे आ गयी..
मे: देख तू किस तरह बैठी हैं..
उसने अपनी नज़रे पीछे घुमाई और समझ गयी कि डॉगी स्टाइल क्या होता हैं..
मे: समझी?? अब जब भी डॉगी स्टाइल कहूँ ऐसे बैठ जाना तू,..
अनुराधा: हाँ भैया...अब खाना खाते ना??
मे: मैने क्या कहा था तुझे?? तू क्या हैं मेरी??
अनुराधा: रंडी..
मे: हां...तो मूह बंद रख और जितना कहता हूँ वैसा कर..समझी..??!!
अनुराधा: हाँ भैया..
अब उसकी गान्ड मेरे सामने थी.. मैने उसकी स्कर्ट को धीरे धीरे उठना स्टार्ट किया. उसने वाइट कलर की पैंटी पहनी थी.. मैने उसकी स्कर्ट को उसकी गान्ड पे रखा और अपने थंब से उसकी चूत को उपर से सहलाने लगा..
अनुराधा: अया..उम्मह..
और फिर वैसा करते ही मैने उसकी स्कर्ट को खीच कर उसके जिस्म से अलग कर दिया...अब वो सिर्फ़ पैंटी और शर्ट मे थी...मैने उसे सीधा किया और घुटनों के बल बैठा दिया.. अब वो समझ गयी और खुद ही अपना शर्ट निकालने लगी..अब सिर्फ़ चड्डी पहनी थी वाइट कलर की.. वो पैंटी उतारने लगी तो मैने उसे रोक दिया..
अनुराधा: क्या हुआ?? नही निकालु...
मैने उसकी मासूम शक़्ल को देखा... और उसे बाहों मे जाकड़ लिया और फ्रेंच किस करने लगा..वो भी मेरी कॉपी करने लगी...
मे: मेरा लंड पकड़..
अनुराधा: तुमने तो निकाला ही नही..कहाँ से पकडू...
मे: तो तू निकाल..
वो खड़ी हो गयी और अपने हाथो से मेरी जीन्स निकालने लगी और मेरी अंडरवर भी एक झटके मे निकाल दी..और मेरा लंड स्प्रिंग जैसा उसके सामने आ गया.. उसे अब कोई शर्म नही आ रही थी अब..जैसे ही मेरा लंड देखी उससे खेलने लगी..
मे: अभी मत कर कुछ..रहने दे... डॉगीस्टाइल मे आजा
वो फिर डॉगीस्टाइल मे बैठ गयी.. मैने उसकी चड्डी की ओर देखा..और उसकी चूत को मसल्ने लगा,गान्ड पे किस करने लगा..
मे: आज तेरी चूत ज़्यादा गीली नही लग रही...
अनुराधा: क्यू??
मे: मैं चाहता हू कि तेरी चूत इतनी गीली हो जाए कि तेरी पैंटी पूरी तरह भीग जाए..
अनुराधा: मगर कैसे भैया??? मैं मुतु क्या?
मे: नही.अपने आप ही गीली हो जाएगी..
इतना कहके मैने उसकी चड्डी निकाल दी और वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी..मैने उसके निपल्स को पिंच किया तो कराह उठी..मेरे लंड से प्रेकुं निकल रहा था...
अनुराधा: भैयाया दूध..
मे: हाँ पता हैं..तेरे लिए ही हैं..बट अभी नही..
मैं अपनी रूम मे गया और एक टवल ले आया..
मे: अब तेरी चूत को गीला करेगे..
अनुराधा:कैसे??
मे: खड़ी होज़ा..बेड पे..
वो बेड पे खड़ी हो गयी..मैं उसके पीछे आया और घुटनो पे बैठ गया.. अब मेरा लंड उसकी गान्ड को छू रहा था..
अनुराधा: क्या कर रहे हो?
मे: तेरी गान्ड मे लंड घुसा रहा हू..
अनुराधा: नही..भैया.....दुख़्ता हैं..प्लज़्ज़्ज़...
मे: अंदर नही घुसा रहा...चुप से खड़ी रह..
मैने उसकी गान्ड को मसलना स्टार्ट किया..
मे: लेग्स स्प्रेड कर..
उसने अपने लेग्स फैला दिए और मैने उसके पैरो के बीच ठीक चूत के नीचे अपना लंड घुसा दिया.
मे: लेग्स बंद कर..
अनुराधा: लंड तो निकालो...
 
मैने उसकी गान्ड पे एक स्लॅप किया
अनुराधा: आअहह...सॉरी..समझ गयी...
उसने अपने लेग्स बंद किए.. अब मेरा लंड उसकी चूत के होंठो को टच कर रहा था और उसकी थाइस मे फसा था..मैने टवल वेस्ट के अराउंड बाँध दिया...अब वो मुझसे बँधी थी,मेरा लंड उसकी चूत पे था.. उसने नीचे देखा और बोली..
अनुराधा: क्या इसे चोदना कहते हैं.?
मे: नही..अभी लंड बाहर हैं..जब वो चूत के अंदर जाता हैं तो उसे चोदना कहते हैं..खड़ी रह.मैं तुझे अब गोदी मे उठाउंगा..तू जैसी खड़ी हैं वैसी ही रह..
मैने उसके अंडरआर्म्स के बीच हाथ डाला और उसे उठाया और किचिन की ओर जाने लगा.. जैसे जैसे मैं चलने लगा मेरा लंड उसकी चूत पे घिसने लगा..
अनुराधा: आहा...भैया लंड अंदर जा रहा हैं..
मे: नही..सिर्फ़ बाहर घिस रहा हैं...जैसे मैं हिलुगा तेरी चूत मेरे लंड पे घीसेगी...
हम ने खाना लिया और चेर पे बैठे.. मेरा लंड अब भी उसकी लेग्स मे था.हम खाना खाने लगे मगर अनुराधा की साँसे तेज़ होने लगी..
मे: कैसा लग रहा हैं??
उसके निपल्स हार्ड थे और मेरे झान्ट तक गीले हो गये थे इतनी वो भीग गयी थी...
अनुराधा: आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.भैया बहुत अच्छा लग रहा हैं.ह्म्माहम्म
मे: तेरी चूत देख...
उसने अपनी चूत को टच किया और बोली
अनुराधा: भीग गयी हूँ मैं पूरी तरह से...और तुम्हारा लंड भी..
मे: हाँ..और मेरा लंड तेरी चूत को प्यार करता हैं ना बहुत..
हम खाना खाने लगे और मैं बीच बीच मे उसकी चूत मे उंगली से उसका जूस चाटने लगा...वो मेरी गोद मे बैठी थी और लंड को देख रही थी..
अनुराधा: ऐसा लग रहा हैं जैसे मेरा ही लंड हो..
मे: तेरा ही तो हैं..जो चाहे कर..
खाना खाने के बाद फिर मेरा लंड उसकी चूत के लिप्स मे जाने लगा और वो आह उउह..करने लगी..मैने उससे कहा
मे: जा,,,जाके पैंटी पहन ले...और दिखा कि कितनी गीली हुई हैं तो.. मैं आता हू..
वो बेडरूम मे गयी और अपनी पैंटी पहन ली...तब तक मैं किचन मे से कुछ सामान ले रहा था.. हनी आंड मिल्क. आज मैं उसकी चूत से दूध पीने वाला था. मैं बेडरूम मे गया तो वो बेड पे पैंटी पहन के बैठी थी..मैने उसकी ओर देखा और वो जिस तरह बैठी थी तो उसकी पैंटी पे कॅमेल्टा बन गया था..मैने उससे नंगा होने को कहा. वो झट से नंगी हो गयी और मुझे पैंटी दिखाने लगी.. उसके क्रॉच मे वेट स्पॉट था. मेरे हाथ मे सामान देख कर वो पूछने लगी..
अनुराधा - भैया ये क्या है
मे: आज तुझे चुदाई दिखाउंगा मैं..
मैने पीसी मे से ब्लूफिल स्टार्ट करदी. हार्डकोर.. मैं बेड पे बैठा था और वो मेरी गोद मे. हम एक दूसरे से खेलने लगे. उसने बड़े ध्यान से मूवी देखी और बीच बीच मे लंड से भी खेलने लगी..
मे: ऐसी होती हैं चुदाई..अब बोल चुदेगि मुझसे?
अनुराधा: तुम जो कहोगे भैया..
इतना कहके मैने उसके मूह मे लंड घुसा दिया. वो चूसने लगी. मैने उसके हाथ मेरे बाल्स पे रखा तो वो खेलने लगी. बीएफ देख कर उसे ब्लोवजोब का आइडिया आ गया था थोड़ा थोड़ा.. वो मेरे लंड को चूसने लगी..जीभ से चाटने लगी.. मेरा ऑर्गॅज़म नज़दीक आ रहा था..
मे: अया......अया.....मेरा निकल रहा हैं..एआहह....आह...
वो लंड चूस्ती रही और मैने उसके मूह मे छोड़ दिया अपना कम.. मैं उसके बाल खीचने लगा और अपने लंड को धीरे धीरे घुसाने लगा..
मे: अया...अनुराधा..तू बहोत ही सेक्सी हैं...आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आ तेरी चूत को प्यार करता हूँ..बेड प लेट पैर स्प्रेड करके..
वो लेट गयी..मैने उससे आखे बंद करने को कहा..उसके आखे बंद करने के बाद मैने हनी की बॉटल ली और धीरे धीरे उसके जिस्म पे डालता गया..उसने आखे खोली तो पूछन लगी.
अनुराधा: क्या कर रहे हो? हनी क्यू डाला?
मे: तू स्वीट डिश हैं मेरी..अब मैं तुझे खाउन्गा..
मैने उसके जिस्म पे पड़े हनी को लिक्क करना स्टार्ट किया...उसके निपल्स को चूस्ता रहा...बहोत ही स्वीट लग रहा था उसका जिस्म.. वो आ उउहह कर रही थी और बदन को लहराने लगी..
अनुराधा: आअहह....ऊहह..भीयाया...
मैं उसके निपल को पिंच करता कभी चूस्ता कभी निब्ब्ल करता..वो बहोत गरम हो गयी थी..मैं उसकी चूत को सहलाने लगा.. मैं रुक गया तो उसने आखे खोल दी.. मैने ग्लास मे जो दूध था उसका सीप लिया और उसे मूह मे रखा..उसके लेग्स पकड़ के मैने अपने होठ बिल्कुल उसकी चूत से चिपका दिए और उसकी चूत मे पिचकारी छोड़ दी.. वो चिल्ला उठी..मैने उसे पकड़ के रखा था.. फिर मैने उसके पैर पकड़ के उल्टा खड़ा किया.अब उसका सिर ज़मीन पर और चूत उपर थे. मैने उसकी आखो मे देखा और स्माइल करके उसकी चूत की ओर देखा..मेरा थुका हुआ दूध उसकी चूत मे था.. मैने फिर से उसकी चूत को चूसना स्टार्ट किया बिल्कुल करीब से..
 
अनुराधा: अया...भैयाय्ाआअ.....गुड़गुलिीईईईईईईईईईईईई......हो रही...अया,,,....उऊःमहमह....भाय्याअ.आ.आ.आ..एयाया
मे: मज़ा आ रहा है...??
अनुराधा: आआआअहह..
वो चीखने लगी और उसकी चूत से दूध का फाउंटन निकल पड़ा...उसकी साँसे बहोत तेज़ हो गयी थी और उसे बहोत इनटेन्स ऑर्गॅज़म हुआ था.. वो हाफने लगी और आखे बंद करके उसी पोज़िशन मे रही.. मैने उसे छोड़ा और वो मेरी तरफ देखने लगी...
अनुराधा: भैया...मैं हमेशा तुम्हारी रंडी बनी रहूंगी बस मुझे चूस्ते रहना...
मगर मेरा लंड अब भी कड़क था,खड़ा था..मेरी आग अभी बुझी नही थी. मैं उसकी ओर देखन लगा और वो मेरे लंड को देख रही थी.. मेरे लंड से प्रेकुं टपक रहा था..वो समझ गई. वो अपनी पीठ के बल लेटी थी.. उसकी नंगी टाँगे स्प्रेड थी..दूध अब भी उसकी चूत से टपक रहा था. मैने उसकी चूत को उंगली से टच किया और उसका जूस अपने लंड पे लगा दिया... उसकी चूत चमक रही थी.
मे: अब मेरे लंड का क्या???
अनुराधा: लंड तुम्हारा हैं...खुद ही कुछ कर्लो..मैं क्या करू..?
वो अब इतनी सेडक्टिव लग रही थी..मेरा लंड अब डार्क रेड होने लगा था..
मे: नाटक मत कर और चुप चाप कुछ कर इसका..
उसे मस्ती सूझने लगी और वो नखरे करने लगी..
अनुराधा: मैं थक गयी हूँ अब और मेरी चूत भी दुख रही हैं...आज तुम ही कुछ कर्लो...
मे: अच्छा??? मैं ही कुछ करूँ...ठीक हैं...
मैने उसकी टाँगे पकड़ी और उसे अपनी ओर खीचा...वो हँसने लगी..
मे: अब मैं ही कुछ करता हूँ अपने लंड के लिए...
मैने उसके हाथों को बेड पे दोनो साइड स्ट्रेच कर दिया.. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने लेटी थी.. मैं उसके उपर चढ़ गया और अपनी गान्ड उसके निपल्स पे टिका दी..वो छटपटाने लगी और अपने आप को फ्री करने की कोशिश करने लगी..मैने अपना वेट उसपे दे रखा था तो उठ नही पा रही थी वो... अब मेरा लंड उसकी नेक को टच कर रहा था..
अनुराधा: भैया....क्या कर रहे हो??? छोड़ो मुझे...जाने दो...
मैने अपने राइट हॅंड से उसका लेफ्ट लेग उपर किया और साइड से उसकी गान्ड पे ज़ोर की स्लॅप मारी..
मे: साली,,,जब मैने कहा कि कुछ कर तो नाटक कर रही थी...तूने ही तो कहा था कि खुद ही कुछ करलूँ..अब कर तो रहा हू मैं जो चाहूं करूगा अब.. कसम से अगर तू 14-15 की होती ना तो अभी तो चोद डालता तुझे,,,
अनुराधा: अया...भैया...मारो मत..मैं चूस्ति हूँ लंड तुम्हारा...उठो मेरे ऊपर से..
मे: मैं नही उठने वाला अब तो..अब जैसा मैं चाहूं वो तू करेगी..
इतना कह के मैने साइड मे रखी हनी की बॉटल को हाथ मे लिया...
मे: हनी पसंद हैं ना तुझे??
अनुराधा: हाँ...
मे: आज तू स्वीट लंड लेगी मेरा... हाथ आगे कर...
अनुराधा: क्यू??
मैने इस बार उसका निपल पिंच किया...
अनुराधा:आआआआआआहह.......................................ससिईईईईईईईई..हमम्म...
मे: जैसा कहा है वैसा कर...ठीक हैं??
अनुराधा: हाँ भैया...
मे: हाथ सामने कर,इस बॉटल से हनी अपने हाथ पे डाल..और मेरे लंड पे लगा..
मैने बॉटल उसके हाथो मे दी और वो हनी हाथ मे लेने लगी.. मैं थोड़ा और आगे हो गया..अब मेरा लंड उसके चेहरे पर था..चीक्क बोन को टच कर रहा था.. वो मेरे लंड पे हनी लगाने लगी...
अनुराधा: हो गया!! अब?
मे: मूह खोल .. अब मैं ये लंड तेरे मूह मे डालुगा इसी पोज़िशन मे और तू इसे चुसेगी..
मैं अपने घुटनो के बल आ गया और लंड उसके होंठो पे टिका दिया.उसने अपना गरम मूह खोला और मैने लंड उसके मूह मे अंदर तक घुसा दिया...
मे: आअहह....अब ये लंड तभी तेरे मूह से निकलेगा जब मेरा दूध निकलेगा..चूस
वो अपना मूह आगे पीछे करने लगी और मैं अपनी कमर हिलाने लगा.. उसके सॉफ्ट लिप्स मेरे लंड पे टाइट लगे थे..हनी की वजह से लंड आसानी से आगे पीछे हो रहा था...
मे: आअहह...ऐसे....ऐसे...आह....ले मूह मे..साली रंडी मेरा चूस...आआहाहाकज़साआहहहा और ले.....आहा आह आह आह आह आह आह आह
मैं ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे होने लगा और अपने बॉल्स उसके चेरे पे पटाकने लगा..
मे: अच्छा लग रहा है ना मेरा लंड?? अगर हाँ तो अपनी एक उंगली अपनी चूत मे डाल.. मैं समझ जाउन्गा..बोल मत..मूह चालू रख..
उसने अपनी उंगली चूत पे लगा दी,,मेरा स्वीट लंड वो बड़े प्यार से चूस रही रही थी..
मे: आह्ह्ह्ह्ह्ह..आह आहम्म्म्म ममम आह आह अनुराधा..रुक मत...आह मैं छोड रहा हू..
मैं उसके मूह मे झड गया और थक कर उसकी साइड मे लेट गया..मेरी साँसे तेज़ थी बहोत और उसके मूह से मेरा कम ड्रिप किया थोडा सा...मैने उसे उंगली से सॉफ किया और वही उंगली उसकी चूत पे घिसने लगा..उसकी गीली गीली चूत...मैं घिसते रहा और उसे एक और ऑर्गॅज़म हुआ..
मे: अनुराधा??
वो हाफने लगी...
अनुराधा: क्या??
मे: चोदु तुझे अभी??
अनुराधा: हाँ भैया..चोदो मुझे अभी...मैं तुम्हारी रंडी हूँ...
हम किस करने लगे..
मे: आज नही मगर मैं ही तुझे चोदुगा ये प्रॉमिस है मेरा,,तब तक ऐसे ही चलने दो.. और जिस दिन तुझे ठीक से जवानी आ गयी उस दिन मैं तेरी गान्ड मारूगा,तेरे निपल्स चूसूगा और तेरी चूत मे ये लंड डालुगा..
हम थक गये थे..थोडा रेस्ट किया और फिर बाथ लिया.वहाँ भी एक बार ओरल सेक्स किया और फिर मैं उसे घर छोड़ आया..


इस बात को आज काफ़ी साल हो गये..मैं पढ़ाई करने के लिए दूसरी सिटी मे चला गया. अनुराधा को देखे काफ़ी साल बीत गये थे. ना मैने उसे देखा था ना बात की. मगर फिर एक बार चान्स आया. मेरी बुआ के लड़के की शादी थी तो मुझे घर जाना था. ऑलमोस्ट 2-3 साल हो गये थे हमारे बीच जो कुछ हुआ उस सब को. मैं बहोत एग्ज़ाइटेड था क्योकि मैं जानता था कि इश्स बार अब अनुराधा चुदेगि मुझसे. शादी भले ही किसी और की हो मगर सुहागरात तो मैं ही मनाउन्गा.
 
मैने अपना बॅग पॅक किया और उसी रात की गाड़ी से निकल गया. अगले दिन जब मैं वहाँ पहुँचा तो मेरी आखे सिर्फ़ अनुराधा को ही देख रही थी. मगर उसका कोई अता पता नही था. फिर अब काफ़ी सालो बाद मिलने की वजह से सारे रिलेटिव्स भी दिमाग़ खाने लगे थे और मैं बेसब्री से अनुराधा को ढूँढ रहा था. शादी मे आई सभी लड़कियो को मैने देख लिया और एक तो दो बहोत ही हॉट आइटम थी. मगर मैं मेरी बेहन को ढूँढ रहा था. अब शादी के घर मे ना जाने कितने लोग होते हैं और काम तो हज़ारो. मैं काम मे बिजी हो गया और अनुराधा अब भी नही दिखी थी. इनफॅक्ट उसकी बेहन दिख गयी. सॉरीसिस हो गया था उससे. बड़ी ही अजीब दिख रही थी..मैने उससे अनुराधा के बारे मे पूछा भी. बोली अब तो वो 10थ मे हैं. मगर बोली कि पता नही कहाँ गयी. मेरा सब्र टूट रहा था कि तभी पीछ से मुझे सुनाई दिया,"अनुराधा, जाके लड़की वालो को लंच के लिए बुला ला!"


मैने तुरंत पीछे देखा और मेरी नज़र उस लड़की पे गयी जिसे मैने सुबह आते ही -देखा था. दूध जैसे गोरी-चिट्टि,बार्बी डॉल जैसी क्यूट, लगभग 5-2' लंबी, शोल्डर तक उसके बाल थे और सबसे अच्छी उसकी आखे. और मुझे याद आ गया कि मैने जिस लड़की को सुबह देख ते ही हॉट समझा था वो अनुराधा ही थी. मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैं बहोत खुश हो गया. मैने उसकी ओर देखा और स्माइल करने लगा और वो भी जान गयी थी कि मैने उसे पह चान लिया हैं.
मे: वाउ...हाई अनुराधा...मैने तो पहचाना ही नही तुझे
अनुराधा: हाँ,,जानती हूँ..सुबह ही मैं समझ गयी थी तुम अपनी बहना को भूल गये.
मे: नही अनुराधा..मैं तुझे ही ढूँढ रहा था..इनफॅक्ट मैने सुबह तुझे देखा भी मगर मैं नही समझ पाया कि तू हैं. तू इतनी सुंदर हो गयी अब. बिल्कुल हॉट मॉडेल जैसी.

मैने उसे गौर से देखा. उसने ब्लू कलर का कुर्ता और रेड पाजामा पहना था. मैने उसके फिगर को करीब से देखा. उसके बूब्स इस एज मे ही ऑलमोस्ट 32 सी हो गये थे. उसकी कमर बिल्कुल नॅरो. जितना भी फॅट था सब चला गया था और जैसे कमर का सब फॅट उसके हिप्स मे आ गया हो इतने पर्फेक्ट और टाइट हिप्स दिख रहे थे उसके. पाज़ामी मे से मैं सॉफ महसूस कर पा रह था उसकी गान्ड और उसके सी कप बूब्स बिल्कुल खड़े,सख़्त और रेडी टू बी सक्ड. इन शॉर्ट मैने उसको देख कर पक्का कर लिया कि आज तो सुहागरात मनाउन्गा ही इसके साथ.
अनुराधा: ठीक हैं भैया..मैं जाती हूँ मुझे काम हैं.
मे: अर्रे,,,कहाँ जा रही हैं. मैं इतनी बेसब्री से तुझे ढूँढ रहा था और तू हैं कि ना मुझसे गले मिली ना किस दी.
इतने मे मैने ही उसे कस्के हग किया और आजू बाजू कोई नही है देख कर उसकी गान्ड को फील किया. आज भी उतनी ही सॉफ्ट,स्मूद मगर बड़ी और टाइट थी उसकी गान्ड और आगे से उसके बूब्स मैने अपनी चेस्ट से दबाए थे. मैं धीरे धीरे उसके बॅक पे हाथ घुमाने लगा और उससे कहा
मे: आइ रियली मिस्ड यू अलॉट!!
मेरा हाथ अपनी गान्ड पे महसूस करके वो पीछे हट गयी और अजीब सी नज़रो से मुझे देखने लगी.
अनुराधा: भैया मुझे जाने दो...काम हैं
इतना कह के वो चली गयी. मैं उसकी मटकती गान्ड को देखने लगा. सेक्सीयेस्ट गान्ड एवर. उसके हर कदम पे उसकी गान्ड हिलती थी. और बाउन्स होती थी. मगर उसने बड़े अजीब तरीके से मुझे देखा. मुझे लगा काम मे होगी और सबके सामने डर रही होगी सो मैने भी जाने दिया और अपने काम मे लग गया. शाम की शादी थी. सब रेडी हो गये और बारात निकल चुकी थी. मैं जानता था कि इश्स वक़्त घर मे शायद ही कोई होगा. लड़की वाले भी बिजी थे. उनके लिए गेस्ट रूम मे अरेंज्मेंट लिया गया था जो घर से अलग था थोड़ा. मैं सुबह से काम करके थक चुका था तो थोड़ी देर रेस्ट के लिए मैं बेड पर लेट गया. तभी मैने देखा कि अनुराधा नहाने जा रही थी. मैं तुरंत उठ गया और उसे बाथरूम की ओर फॉलो करने लगा. उसके हाथ मे एक छोटा बॅग था जिसमे कॉसमेटिक्स और कंधे पे उसके कपड़े थे. मेरी नज़र उसकी ब्लॅक ब्रा पे गयी और मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया. जैसे ही हम बाथरूम की ओर पहुँचे मैने अनुराधा को पीछे से कमर के सहारे उठा लिया..
अनुराधा: अया.....छोड़ो...छोड़ ,मुझे...कौन हैं??? कुत्ते..छोड़ मुझे...
अंधेरे मे उसने मेरी शक्ल नही देखी और डर के मारे चिल्लाने लगी. मैने उसे नीचे रखा और वॉल से सटा दिया और उसका मूह हाथ से बंद कर दिया..
मे: चिल्ला क्यू रही हैं?? मैं हूँ.
अनुराधा: भैया,,छोड़ो मुझे...जाना हैं..
मे: ऐसे नही..एक किस तो देनी ही पड़ेगी. आख़िर कार हम 5-6 साल बाद मिले हैं...और तू इतनी सुंदर हो गयी हैं कि जी चाहता हैं कि अभी तुझसे प्यार करू.
अनुराधा: नही भैया...जाने दो मैं चीखुगी...मैं यह सब नही करना चाहती...जाने दो भैया..प्ल्ज़...
मे: क्या हुआ तुझे?? लगता हैं तुझे याद दिलाना पड़ेगा तेरा प्रॉमिस?
इतना कह के मैने राइट हॅंड से उसकी बूब को दबाया तो वो छटपटा कर हट गयी..
अनुराधा: मैने कहा ना कि मुझे जाने दो नही तो मम्मी को बता दुगी सब..
मुझे गुस्सा आने लगा..मैने उसका हाथ पकड़ा और उसे दीवार से सटा दिया..
मे: चुप चाप रह और नाटक मत कर,,,क्या हुआ हैं तुझे?
उसने मेरा हाथ झटका और एक ज़ोर दार तमाचा मेरी चेस्ट पे मारके चली गयी. मेरी कुछ समझ मे आता इससे पहले उसने बाथरूम लॉक करली थी..मैने 1-2 बार नॉक किया खोल खोल...मगर वो बोली जाओ भैया यहाँ से...
मैं बहुत गुस्से मे था.. मैं वहाँ से चला गया और रेडी होकर शादी मे पहुँच गया.. उस दिन ना मैं अनुराधा के सामने गया ना वो मेरे सामने आई. अगले दिन हम अपने अपने घर जाने के लिए निकल पड़े. मैने अपना सामान पॅक करके कार मे रखा और तब मेरी नज़र अनुराधा पे पड़ी. वो मेरी तरफ देख रही थी. मैने उसकी ओर गुस्से से देखा और अपना मूह फेर कर अपनी कार मे बैठ गया.. 2-3 घंटे मे हम घर पहुँच गये. वो अपने घर चली गयी थी और मैं अपने घर .. उस दिन के बाद मैं ना उससे मिलने गया और ना ही वो मुझसे मिली.
मेरी छुट्टियाँ ख़त्म होने को आई थी. मैने डिपार्चर की टिकेट कन्फर्म की और 2 दिन बाद की टिकेट मिली थी. मैं घर आ गया और अपने बेडरूम मे लेट गया. 10-15 मिनट किसी ने डोर नॉक किया और मुझे एहसास हुआ जैसे अनुराधा हो. मैने डोर ओपन किया और मम्मी खड़ी थी..
मम्मी: क्या हुआ तुझे??? तबीयत ठीक नही है क्या तेरी?
मे: ठीक हू मैं...बस थोड़ी थकान हैं...
मम्मी: ठीक हैं.सोजा..हाँ वैसे शाम को हम लोग आउट ऑफ स्टेशन जा रहे..तेरे पापा का कुछ अफीशियल फंक्षन हैं और हमें इन्वाइट किया हैं..हो सके तो रात तक आ जाएगे या कल दोपहर तक. वही अरेंज्मेंट की हैं रहने की गवर्नमेंट ने..तू चल रहा है ना??
मे: नही..तुम लोग जाओ..मैं बोर हो जाता हूँ ऐसी जगहो पे..
मम्मी: बट अकेले क्या करेगा तू?? चल ना
मे: नोप..और मेरे फरन्डस भी तो हैं..यू गाइस गो!!
मम्मी: ठीक हैं...फिर रात का डिन्नर बनाकर जाउन्गी..
मे: अर्रे..मैं देख लूँगा..बनाओ मत
मम्मी: ठीक हैं..
मैं फिर थोड़ी देर सो गया... शाम को उठा तो पेरेंट्स जाने वाले थे..मम्मी ने कुछ इन्स्ट्रक्षन्स दिए जो मैने सुने ही नही. और मैं उन्हे सी ऑफ करके सो गया..20-25 मिनट बाद उठा और मैं नहाने जाने लगा. मैने अपने कपड़े लिए और बाथरूम की ओर जाने लगा इतने मे ही डोर बेल बजी. अब मुझे नंगा रहना पसंद हैं तो जब भी अकेले होता हूँ न्यूड रहता हू. मैने तुरंत टवल रॅप किया और वेस्ट पहन ली. ज़्यादातर खिड़की मे से ही बात करता हू मैं अगर कोई डोर पे होता हैं तो... मैने साइड विंडो से देखा और सर्प्राइज़ हो गया...अनुराधा थी.
 
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