desiaks
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[color=#80000]महा मेगा अपडेट ~ 10[/color]
मेरे डर और आश्चर्य की कोई सीमा ही नही थी। क्योंकि पहले मेरा लंड सामान्य तौर से गोरा 7" लम्बा & 2" मोटा था। वही सिर्फ रात के इन तीन घंटों मे मेरा लंड 11" लम्बा & 3.5" मोटा हो गया था। और पहले से अब हल्का-सा काला हो गया था। और मुझे अपने शरीर के अंदर और बाहर दोनों तरफ ही बहुत बदलाव और कुछ अलग , कुछ ज्यादा ही हो रहा था।
यही नही सिर्फ इन कुछ घंटों मे मेरी हवस , कामना और चुदाई की क्षमता भी बहुत ज्यादा बढ़ गई है। मुझे ऐसा महसूस हो रहा है।
मैं सबसे ज्यादा तो अपने शरीर को कमर के ऊपर से देखकर चौंक गए क्योंकि मेरा रोज जिम , योगा और दौडने से शरीर तो फिट था। पर अभी मेरे 6 पैक एब्स वो भी खतरनाक और मेरे सीने & हाथों पर काले रंग के कई आकृतियाँ आ गई थी। जो मेरे बिल्कुल भी नही थे। ये सब मेरे साथ क्या हो रहा है मुझे कुछ समझ नही आ रहा था।
मैं इन सब के बारे मे सोचकर परेशान हो रहा था कि मेरी नजर फिर मॉम की ओर चली गई। जो मेरे द्वारा कमर के नीचे से एकदम नंगी थी। और उनके बूब्स भी नाईटी के बाहर थे। जिससे मेरा ध्यान उन सब बातों से निकलकर वापस मॉम की सेक्शी गांड पर आ गया।
मैं उन सब बातों को झटक कर पहले मॉम के सेक्शी चूतड़ पर एक किस्स करता हूँ। फिर वापस अपनी जगह पर लेटकर मॉम से चिपक जाता हूँ।
मॉम के नर्म और गरम चूतड़ पर अपने घोड़े जैसे लंड को उन महसूस करके मुझे बहुत मजा आ रहा था।
पहले मॉम की इतनी बड़ी और चौड़ी कामुक गांड तक पीछे से अपना लंड पहुंचाने के लिए मुझे अपनी कमर के नीचे भी एक तकिया लगाना पड़ता पर अब मेरा लंड पहले से बहुत लम्बा और मोटा हो गया था। अब मेरा लंड ऐसे ही पहुंच जाता बिना तकिए के भी।
मेरे गरम शरीर को मॉम के कामुक , नर्म और गोरे शरीर से चिकपने / लगे रहने मे बहुत मजा आ रहा था साथ ही मस्ती की लहरें भी दौड रही थी मेरे पूरे जिस्म मे।
मैं अपने शरीर को मॉम से चिपकाए और अपने लंड उनके चूतड़ के मजे लेते हुए , अपने एक से उनकी गांड के पट्ट पर हाथ घुमाते हुए उसी हाथ कुछ समय बाद उनके बूब्स की तरह ले गया और उन्हें अपने हाथ मसलने लगा।
ऐसे कुछ देर करने के बाद मैंने अपने हाथ को नीचे लाने लगा। और नीचे मॉम के आगे उनकी चूत की तरह हाथ ले जाकर उनकी चूत पर अपने हाथ ले जाकर रख देता हूँ।
हाए! उनकी गरम भटी जैसे-सी चूत से मदमस्त , बहुत कामुक रस की कुछ बुँदे बहा रहा था। जो मेरे हाथ की 2 अंगुली को कुछ गीला कर दी थी। मैं अपने की अपने मुंह के पास लाकर पहले उस रसभरी चूत के रस को सूंघता हुँ। फिर उन्हें मुंह मे लेकर चाटता हूँ क्या मस्त नमकीन भरा कुछ खट्टासा स्वाद था।
मैं तो पागल हुए जा रहा था इन सबसे , मैं कुछ और सोच ही नही पा रहा था। अब तो हवस मेरे सर चढ़कर बोल रही थी। ये सब रात के 3 घंटों के बाद हुए परिवर्तन की वजह से हो रहा था। अब तो मुझे केवल चुदाई ही करनी थी।
फिर मैं अपने लंड को अपनी मुंह के पानी से गीला कर उसे पीछे से ही मॉम की चूत मे घुसाने लगता हूँ। शायद मॉम की चूत मेरे लंड के मुकाबले चौड़ी नही थी। क्योंकि अभी मैंने लंड को मॉम की चूत मे डालना ही शुरू किया था कि मुझे मेरा लंड जकड़ता हुआ महसूस हो रहा था साथ ही इस जकड़न के कारण मेरे मोटे लंड के सुपाडे के ऊपर की चमड़ी भी उसके ऊपर से हटकर रगड़ते हुए पीछे की ओर जा रही थी।
मैं जैसे-जैसे मॉम की चूत के अंदर अपने लंड को डाल रहा था वैसे-वैसे ही अंदर मुझे गर्मी और जकड़न बढ़ती ही जा रही थी। और मेरे मुंह से मस्ती & कामुकता & दर्द की आह निकल रही थी। ऐसे ही करते हुए मेरा लंड 5" इंच तक चला गया था।
मैं- आहहह...इइइईई....इइससस ...आ.....आह.....ओ
......ओहो.....आ......यायाहहह......ओ.......मॉम.....इ
..उउऊऊऊ......एएएऐ...ककक.....चीचीची.....ओ..
....ओओ.... ययययहहह......आ...मॉमममम....।
अब मैं भी मस्ती मे मॉम की ऊपर वाला एक पैर उठाकर मेरे लंड को और अंदर किए जा रहा था। मॉम की चूत भी अब तक काफी गीली हो गई थी। यानी वो पानी छोड़ रही थी पर उनकी चूत की गर्मी कम नही हुए। जो मेरे लंड को पिघलाने मे लगी हुई है।
अब मुझसे और रहा नही गया मैं लंड को वैसे ही डाले हुए रखे उठकर बैठ गया और मॉम को सीधा लिटाकर उनकी दोनों टाँगों को चौड़ा किया। और उनके लाल रसीले होठों को देखकर पहले उन्हें किस्स किया। तो मुझे उनके मुंह से शराब की स्मेल आयी पर मैंने ज्यादा इस बात पर ध्यान न देते हुए वाइल्ड तरह से किस्स करते हुए उनके होठों का रस निचोडने लगा।
और जो अब तक बड़ी मुश्कत के बाद मैंने मॉम की चूत मे 7" इंच तक जो लंड डाला था। उसे ही अंदर-बाहर करके चोदे भी जा रहा था। मैं ये सब कैसे कर रहा था इसका मुझे को होश नही था। न ही मुझे किसी बात की सूद थी। ये हवस जो ऐसी छाई की क्या कर रहा हूँ जैसे इससे मुझे कोई वास्ता ही न हो बस मुझे तो चूत चोद कर अपने खडे का पानी निकालकर उसे ठंडा करना था बस |
मॉम शायद नशे और गहरी नींद मे होने के बाद भी उनके मुंह से हल्की-हल्की और कभी कुछ तेज आहहह निकल रही थी। और उन्हें किस्स करते वक्त भी मुंह मे दबी हुई आँहों की आ रही थी।
मॉम- आ..आआ...आआआह...इईइई....इइइईई....ओ
.......ओओओओओ......... ईईससस.......उउउससस.
.....अअआ....मम्म्मम......राराराराजजजज.......ओ...
क्ककमममम......यायाहहह...... उउउऊऊऊ......उउई
...औ....(किस्स के वक्त)....गगघघघ.....आ..गग..आइ
गूँगगगग.......ससस्स्स्...... अअहहह......गघघगघगघ
......चच्चण.... णणत....एएएई.....।
कुछ देर होठों का रस चुसने के बाद उससे अलग हो कर अपने लंड को जितना अंदर गया था उसे आधा बाहर निकाल कर एक जोरदार सॉट मारता हूँ। जिससे मेरा 11" इंच लम्बा और 3.5" इंच मोटा सटटटट की आवाज़ करता हुआ मॉम की चूत को फारड़ता हुए पूरा का पूरा अंदर चला जाता है।
मॉम एकदम से पूरी तरह से न खुलती हुए आँखों से चिल्लाते हुए उठकर बैठ गई और फिर बेहोश हो गई।
मैं मॉम के चिल्लाने से होश मे आया। इससे मैं डर भी गया। फिर उनके बेहोश होने के बाद मे मैं सँम्भला और कभी अपने आप तो कभी मॉम को देखता। मैं अपनी ही सोच मे होते हुए जब अपने लंड & मॉम की चूत की ओर देखता हूँ। जो पूरा उनकी चूत मे था और मॉम की चूत से खून निकल रहा था। ये सब देखकर तो डर गया।
मैं मन मे सोचने लगा ( बहनचोद ये क्या ? मॉम की चूत & गांड से खेलते-खेलते मैं कब मॉम की चूत मे लंड डालकर चोद दिया। साला इनकी चूत से तो खून भी निकल रहा है। 'अबे चूतये इतना बड़ा और मोटा लंड किसी की चूत मे डालेगा तो खून तो निकले ही गा।' ( मैं अपने आप से मन मे बोला )
मैं अपनी इन्ही सोचो मे गुम था। मुझे फिर से मस्ती और चुदाई की खुमारी चढ़ने लगी। जो मॉम के उठने & चिल्लाने से कम हो गई थी। पर मेरा लंड अभी भी ऐसे ही कडक था। वो चूत की गर्मी और स्मैल के कारण मुझे पर वापस काम वासना को ला रहा था। मैं वापस रंग मे आकर अपने लंड को धीरे-धीरे आगे-पीछे करना शुरू कर दिया था।
मुझे मॉम की चुदाई करने मे बहुत मजा आ रहा था। फिर ऐसे ही चोदते हुए मैंने लम्बे और तगड़े सॉट लगाने शुरू कर दिए। कुछ देर बाद मॉम भी होश में आ गई पर वो अभी भी नशे & नींद मे थी। और वो वैसे ही लेटी हुई दर्द & मस्ती की आहहह भर रही थी। और मैं भी चुदाई की कुछ दर्द और उससे ज्यादा मजे के मिले हुई रूपी आह निकल रही थी।
मॉम- ओओओओ.......रररररहा....... इईईउउ.....आ..
.....आआआह..... उउउऊऊ......आआ...आह.. आह.
ओ..आ...इईई...उऊऊमम......एएए.....ययहहेएऐइ....येएएए.......आआइइ....आआ......।
मैं- ओ.....ययययहहह......यायाआआहह......इइई.....
यययस्सससस........ओ.......मॉम....... सोओओओ....
हहहहॉटठठ......यहहहा.....मममयह......ओ.......फ्फ
क्कक......आआआह...... ययहह......ईई.....ओह...।
इसी तरह मे मैं मॉम को चोदता रहा न जाने कितने पोज मे , कितने घंटे पर फिर भी न मॉम का और न ही मेरा जोश कम हो रहा था। वो नींद मे होने के बाद भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। इसी बीच मॉम न जाने कितनी बार झड़ी कुछ पता नही पर इससे पूरा बेड और इसके आजू-बाजू भी मॉम की चूत और मेरे लंड का पानी-पानी फैला हुआ था।
मैं लास्ट चुदाई के बाद अलग होकर मै और मॉम वही गीले बेड पर ही बेसुध होकर सो गए।
मैंने मॉम को 5:30 बजे से चोदना शुरू किया और 11:30 बजे बंद किया। इन 6 घंटों की लगातार चुदाई मे मैं कोई 6-7 झड़ा था। इसमें मॉम की चूत की बहुत बुरी हालत थी। और उनकी चूत की ही बल्कि खुद मॉम की भी। मेरे लंड की भी हालत ठीक नही थी पर मैं बस बहुत थका हुआ ही था।
उसके बाद.........................।।।।।
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Lust Fighter
( शब्द संख्या - 5500 )