hotaks444
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मैं मम्मी के सवालों का कोई जवाब ना दे सकी और उसी तरह अपनी गर्देन उनके सामने नीचे झुकाए रही........अब मम्मी के आवाज़ में गुस्सा सॉफ जाहिर हो रहा था......
स्वेता- तू चुप क्यों है अदिति.......मैं जो तुझसे पूछ रही हूँ तू उसका जवाब क्यों नहीं देती.........क्या तू प्रेगञेन्ट है.......
अदिति- मम्मी......वो.....बात.....
मैं इसी पहले आगे अपनी बात कुछ कह पाती तभी मम्मी का एक ज़ोरदार थप्पड़ मेरे गालों पर पड़ता है और मेरी आँखों से आँसू छलक पड़ते है.....थप्पड़ की गूँज इतनी तेज़ थी की उसकी आवाज़ दूसरे कमरों में भी आसानी से सुनाई ज़रूर दी होगी.........
स्वेता- तू इतना नीचे गिर जाएगी ये मैने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.......कौन है वो.......और कब से तेरा उसके साथ संबंध है.......
अदिति- मम्मी....प्लीज़ धीरे बोलिए.......अगर पापा को ये बात पापा लग गयी तो......
तभी मम्मी का एक और करारा थप्पड़ मेरे दूसरे गाल पर पड़ता है- ज़रा उन्हें भी तो पता चले कि उनकी लाडली उनके पीठ पीछे क्या गुल खिला रही है.........मैं पूछती हूँ कौन है वो.........इस बार मम्मी की आवाज़ पहले से ज़्यादा तेज़ थी.........मेरी नज़रें बार बार सामने के दरवाज़े के तरफ जा रही थी......मैं . से बार बार यही दुवा कर रही थी कि पापा को इस बारे में कुछ पता ना चले......मगर ऐसा भला कैसे हो सकता था.......पापा थोड़ी देर बाद अंदर आते हुए मुझे दिखे और इधेर एक बार फिर से डर से मेरा जिस्म थर थर काँपने लगा..........
पापा जब अंदर आए तो वो आकर मेरे सामने खड़े हो गये.....वही थोड़े दूर पर विशाल भी आकर खड़ा हो गया....उसकी भी पूरी तरह से फट गयी थी.......
मोहन- क्या बात है स्वेता......सब ठीक तो है ना.......ऐसा क्या किया है अदिति ने जो तुम इसपर अपना हाथ उठा रही हो..........
स्वेता- खुद ही पूछ लीजिए अपने इस लाडली से..............इसने हमारे खानदान की इज़्ज़त मिट्टी में मिला दी है.........ना जाने किससे अपना मूह काला करवाई है ये........ये अब प्रेगञेन्ट हो गयी है पता नहीं किसका पाप इसके पेट में पल रहा है.........पापा तो जैसे मम्मी की बातों को सुनकर शॉक हो गये थे........उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले......मगर मैने उनके चेहरे पर गुस्सा सॉफ देख लिया था......अब जो होना था वो किसी तूफान से कम नहीं था........
पापा मेरे करीब आए और आकर मीरे पास खड़े हो गये.....वही मेरा डर और भी बढ़ चुका था- जो मैं सुन रहा हूँ क्या वो सच है अदिति......मैं बस तेरे मूह से सच सुनना चाहता हूँ........मुझे जवाब चाहिए अभी......
स्वेता- तू चुप क्यों है अदिति.......मैं जो तुझसे पूछ रही हूँ तू उसका जवाब क्यों नहीं देती.........क्या तू प्रेगञेन्ट है.......
अदिति- मम्मी......वो.....बात.....
मैं इसी पहले आगे अपनी बात कुछ कह पाती तभी मम्मी का एक ज़ोरदार थप्पड़ मेरे गालों पर पड़ता है और मेरी आँखों से आँसू छलक पड़ते है.....थप्पड़ की गूँज इतनी तेज़ थी की उसकी आवाज़ दूसरे कमरों में भी आसानी से सुनाई ज़रूर दी होगी.........
स्वेता- तू इतना नीचे गिर जाएगी ये मैने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.......कौन है वो.......और कब से तेरा उसके साथ संबंध है.......
अदिति- मम्मी....प्लीज़ धीरे बोलिए.......अगर पापा को ये बात पापा लग गयी तो......
तभी मम्मी का एक और करारा थप्पड़ मेरे दूसरे गाल पर पड़ता है- ज़रा उन्हें भी तो पता चले कि उनकी लाडली उनके पीठ पीछे क्या गुल खिला रही है.........मैं पूछती हूँ कौन है वो.........इस बार मम्मी की आवाज़ पहले से ज़्यादा तेज़ थी.........मेरी नज़रें बार बार सामने के दरवाज़े के तरफ जा रही थी......मैं . से बार बार यही दुवा कर रही थी कि पापा को इस बारे में कुछ पता ना चले......मगर ऐसा भला कैसे हो सकता था.......पापा थोड़ी देर बाद अंदर आते हुए मुझे दिखे और इधेर एक बार फिर से डर से मेरा जिस्म थर थर काँपने लगा..........
पापा जब अंदर आए तो वो आकर मेरे सामने खड़े हो गये.....वही थोड़े दूर पर विशाल भी आकर खड़ा हो गया....उसकी भी पूरी तरह से फट गयी थी.......
मोहन- क्या बात है स्वेता......सब ठीक तो है ना.......ऐसा क्या किया है अदिति ने जो तुम इसपर अपना हाथ उठा रही हो..........
स्वेता- खुद ही पूछ लीजिए अपने इस लाडली से..............इसने हमारे खानदान की इज़्ज़त मिट्टी में मिला दी है.........ना जाने किससे अपना मूह काला करवाई है ये........ये अब प्रेगञेन्ट हो गयी है पता नहीं किसका पाप इसके पेट में पल रहा है.........पापा तो जैसे मम्मी की बातों को सुनकर शॉक हो गये थे........उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले......मगर मैने उनके चेहरे पर गुस्सा सॉफ देख लिया था......अब जो होना था वो किसी तूफान से कम नहीं था........
पापा मेरे करीब आए और आकर मीरे पास खड़े हो गये.....वही मेरा डर और भी बढ़ चुका था- जो मैं सुन रहा हूँ क्या वो सच है अदिति......मैं बस तेरे मूह से सच सुनना चाहता हूँ........मुझे जवाब चाहिए अभी......