Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत - Page 3 - SexBaba
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Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

नीचे पहुँचने के बाद रुक कर राज एक बार इधर-उधर देखता है। घर में सन्नाटा था। कहीं कोई नजर नहीं आ रहा था। थी तो बस खामोशी, और यह दोनों। एक काला गंदा बढ़ा और एक खूबसूरत औरत। राज अब चलने लगता है। नेहा के चेहरे पर बाल बिखरे हुए थे। किसी हसीना की तरह लग रही थी वो बहुत ही खूबसूरत। और उसको उठाकर ले रहा था एक साक्षमा राज नेहा को लेकर दरवाजा की तरफ जा रहा था।

नेहा के मन में बहुत से सवाल थे। नेहा मन में "ये मुझे कहां ले जा रहा है? किसी ने देख लिया तो?"

नेहा बोली- "कहां ले जा रहे हो मुझे? प्लीज़.. नीचे उतारों मुझे। कोई देख लेगा."

राज- बस थोड़ी देर और मेरी जान। बस पहुँच गये।

राज अब घर का मुख्य दरवाजा खोलकर बाहर जाने लगता है। नेहा राज की बाहों में से घर की तरफ देखती है। राज उसे उधर से ले जा रहा था। राज अब घर के पीछे जाने लगता है। तभी नेहा को समझ में आता है की राज उसे कहाँ ले जा रहा है। बो ओड़ा रिलैक्स महसूस करती है। क्योंकी इतनी रात में यहां कोई नहीं आएगा। लेकिन तभी उसका मन कांप उठता है एक बात से। राज के साथ एक और आदमी भी रहता है जा। वो उसी रूम में होगा।

नेहा- प्लौज़... राज छोड़ो मुझे। तुम पागल हो गये हो? मैं वहाँ नहीं जाने वाली।

राज- क्यों मेरी जान क्या हो गया?

नेहा- वहाँ वो आदमी भी है ना?

राज- कौन आदमी?

नेहा- वो।

राज- कौन वो?

नेहा- तुम्हारे साथ रहता है ना।

राज- कौन जय?

नेहा- हाँ।

राज- वो यहां नहीं है। वो अपने गांव चला गया।

इस बात पर नेहा को ओड़ी राहत मिलती है। लेकिन नेहा अंजाने में क्या कह गई और वो राज को रजामंदी दे रही थी की अगर जय वहाँ नहीं होगा तो वो चुदाई कर सकते हैं। नेहा को अपनी बात का अहसास होता है।

राज. क्या बात है मेरी बुलबुल? मतलब तू तैयार है चुदाई के लिए?
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नेहा शर्म से लाल हो जाती हैं- "ऐसी कोई बात नहीं है..."

राज- फिर क्या बात है?

नेहा- कुछ नहीं।

राज. वैसे त तैयार ना भी हो तो तुझे लगता है की मैं ऐसे ही तुझे जाने दंगा?

नेहा कुछ नहीं बोलती।

राज अब देरी ना करते हुए नेहा को लौकर क्वार्टर में ले जाता है। अंदर जाकर वो दरवाजा लाक कर देता है। नेहा की धड़कनें तेज हो रही थी, ये सोचकर की पता नहीं उसके साथ आज रात राज क्या-क्या करेगा? अब राज नेहा को नीचे उतार देता है। उतरते ही नेहा दूसरी तरफ मह कर के खड़े हो जाती है। राज अब इस शर्म
की मर्गी को पीछे से पकड़ लेता है। कमर पर राज के हाथ लगते ही नेहा उछल पड़ती है।

नेहा- "आहह.."

राज. मेरी जान तू शर्माती बहुत है।

नेहा अपनी सांसों पर काबू पाते हुए "तुम तो बेशर्म हो ना.."

राज- क्या करंज? तेरे जैसी माल के लिए बेशर्म बनना पड़ता है।

नेहा- चुप रहो बेशर्म।

राज नेहा के गले को चूमने लगता है। अपने गंदे मैंह से, नेहा के गोरे गले पर। राज के हाथ नेहा की कमर पर घूम रहे थे। नेहा अभी सिर्फ ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी, ना कोई साड़ी ना कोई दुपट्टा। नेहा के चेहरे पर एक अजीब सी उत्तेजना थी। पता नहीं क्यों? जो कभी इस गंदे आदमी को देखते ही घिन महसूस करती थी। आज उसकी हरकतों से उत्तेजित महसूस कर रही थी, लेकिन खुलकर बता नहीं रही थी। अब राज उसके गले को चूमते हुए नेहा की चूचियां दबाने लगता है।

नेहा- "अहह... अहह." करती है

राज अच्छी तरह से उसकी चूचियां मसल रहा था। जैसे उन चूचियों में का पूरा दूध निकाल देगा। नेहा को दर्द तो हो रहा था, लेकिन वो अब उसे रोक नहीं रही थी। राज ये सब करते हुए अब पीछे से अपने कपड़े धीरे-धीरे करके निकाल देता है। अब वो सिर्फ एक गंदी सी अंडरवेर में था। नेहा को नहीं पता था की राज उसके पीछे अपने कपड़े निकल चुका है। नेहा को तब अहसास होता है जब राज की नंगी छाती उसको अपनी नंगी पीठ पर महसूस होती है। राज नेहा की चूचियां दबाने के साथ-साथ उसको बहका भी रहा था। नेहा के पास अब विरोध का नाम-ओ-निशान नजर नहीं आ रहा था। वो बस खामोश खड़ी राज की हरकतों को सह रही थी। अब राज नेहा के बलाउज़ की डोरी पीछे से निकल देता है और उसकी नंगी पीठ को चूमने लगता है।

नेहा को अलग ही मज़ा आ रहा था राज की हरकतों से। उसकी आँखें मदहोश हो चुकी थी। नेहा की ब्रा का हुक भी राज अब निकाल देता है, और धीरे से ब्लाउज़ और फिर ब्रा निकल देता है। नेहा जो अभी शर्मा रही थी। ऊपर से नंगी होने से अपने हाथ से अपनी चूचियां छुपा लेती है।

राज- "अब हमसे क्या शर्माना मेरी जान?" बोलकर वो बेहा के हाथों मा से ही उसकी चूचियां दबोच लेता है।

नेहा हाथ नहीं हटा रही थी। नेहा की गोरी जंगी पीठ से वो चिपका हुआ था। नेहा जो अब सिर्फ एक पेटीकोट में
थी। एकदम मस्त लग रही थी। किसी राण्ड की तरह।

अब राज नेहा के हाथ पकड़ कर उन्हें वहाँ से हटाने की कोशिश करता है, लेकिन नेहा नहीं हटाती। इसलिए अब राज नेहा की कमर पर हाथ रखकर उसके पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगता है। नेहा झट से अपने दोनों हाथ उसको रोकने में लगा देती है।

राज नेहा की बड़ी-बड़ी गोरी चूचियां पकड़ लेता है और मसलते हुए कहता है- "मेरी बुलबुल, तेरी चूत में मेरा लण्ड जा चुका है। अब मुझसे क्या शर्मा रही है?"
चूत और लण्ड की बात सुनकर नेहा शर्मा जाती है। लोकल राज की बड़ी-बड़ी हलियों वाले हाथ जो उसकी चचियां मसले जा रहे थे, उससे वो मदहोश हुए जा रही थी। उन गोरी चचियों पर जो ये गंदा काला ड्राइवर बट्टा जुल्म कर रहा था।

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कड़ी_14

नेहा- "अहह.."
राज- क्या चूचियां हैं मेरी गर्लफ्रेंड की... मजा आ गया दबाकर।
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थोड़ी देर बाद राज नेहा की चूचियों को छोड़कर उसकी कमर पर धीरे-धीरे हाथ घुमाने लगता है। इतनी देर की हरकतों से राज का लण्ड उसकी अंडरवेर में उछल कूद कर रहा था। राज ने बड़ी मषोल से उसे संभाल रखा था। वरना पता नहीं वो नेहा की क्या हालत कर देता। राज उसकी कमर पर हाथ फेरते हुए अब पेटीकोट का नाड़ा पकड़ लेता है और खींचता है। जिससे वो नीचे गिर जाता है। अब नेहा और राज दोनों अपने-अपने अंडरका में थे।

क्या इश्य है। इस घर की खूबसूरत बह इस वक्त सिर्फ एक पटी में एक काले बूढ़े ड्राइवर के साथ लौकर क्वार्टर में खड़ी है। नेहा की ब्लैक पैंटी देखकर राज पागल सा हो रहा था। वो अब देशी ला करते हुए उसकी पेंटी के ऊपर से चत पर हाथ रख देता है।

नेहा- "अहह... बेशर्म कहीं के..."

राज जानता था कि नेहा उसको भल्ला अा बोल जरूर रही थी, लेकिन मना बिल्कुल नहीं कर रही भी।

वो अब मैंटी के ऊपर से उसकी चूत अपनी उंगली से मसलने लगता है। अपनी उंगली उसकी चूत पर रखकर दबा रहा था

नेहा अपनी चूत पर हो रहे इस हमले को रोक नहीं पा रही थी, या शायद रोकना ही ना चाहती हो। जब राज उसकी चूत में उंगली कर रहा था तब नेहा राज की तरफ पीछे झुकी जा रही थी। उससे कंट्रोल करना मश्किल हो रहा था। नेहा तिलमिला रही थी। उससे कंट्रोल नहीं हो रहा था मैं राज का उसकी चूत की मालिश करना। राज को पता था की नेहा अब झड़ने की नज़दीक हैं। लेकिन राज उसको तड़पाना चाहता था। वो अब
वैसा करना बंद कर देता है।

नेहा झड़ने के बेहद करीब थी लेकिन राज ने उसे झड़ने नहीं दिया। अब राज पीछे से अंडरवेर के ऊपर से ही नेहा की गाण्ड पर मसलने लगता है। उसका खड़ा हुआ काला नाग नेहा की गाण्ड को तंग कर रहा था। नेहा जो अब काफी गरम हो चुकी थी। उसका बदन अब अकड़ने लगा था। ये इशारा था की नेहा काफी गरम हो चुकी है। राज अब एकदम से नेहा की पेटी का ऊपरी हिस्सा ओड़ा खींच कर अपना एक हाथ अंदर डालता है। लेकिन पटी नहीं निकालता। राज का हाथ इस बार नेहा की चूत पर लगते ही उसको अहसास होता है की वो भट्टी की तरह जल रही है। नेहा की आँखें राज के हाथ लगते ही बंद हो जाती हैं।

नेहा- "अहह... उम्म्म्म .. करने लगती है। उसकी सिसकारी में एक संतुष्टि की आइ: और
राज को पता था की अगर अब नेहा की चूत में और उंगली किया तो वो झड़ जाएगी। जो राज अभी के लिए नहीं चाहता था। अब वो नेहा की पेंटी नीचे करने लगता है। लेकिन नेहा अपने हाथों से पेंटी पकड़ लेती हैं।

नेहा- "नहीं प्लीज़."

राज फिर से उसका चूचियां पकड़ लेता है और मसलने लगता है। उसकी मस्त गोरी बड़ी-बड़ी चूचियों को। एकदम गोरी चूचियां। वो नेहा से बिल्कुल चिपका हुआ था पीछे से। नेहा को अभी झिझ कता हुआ देखकर राज कुछ सोचता है। वो अब अपनी अंडरवेर निकाल देता है। अब उसका काला गंदा सा लण्ड बाहर था। राज पा नंगा आ। अब राज नेहा को अपनी तरफ घुमाता हैं। नेहा का खूबसूरत चेहरा देखकर वो पागल सा हुए जा रहा
था। नेहा की चूचियां जंगी थे। वो बस एक बलंक पेंटी में भी।

राज अब उसे कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींचता है। जिसकी वजह से नेहा की चूचियां राज की छाती से दब जाती हैं। नेहा अपनी तेज धड़कनों पर काबू पाते हुए राज के बदसूरत चेहरे को देखने लगती हैं। कुछ बाल नेहा के चेहरे पर बिखरे हुए थे, जिससे वो और सेक्सी लग रही थी।

राज अब पीछे से नेहा की गाण्ड पकड़ लेता है, और दबाने लगता है। दोनों एक दूसरे को देख रहे थे। राज नेहा की ओर अपना चेहरा अदाने लगता है। राज नेहा के चेहरे के पास पहुँचा ही था कि नेहा अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती हैं। राज मुश्कुरा कर उसकी तरफ देखने लगता है। उसको नेहा की अदाएं बहुत पसंद आ रही थी। अब राज अपने हाथ नीचे लेजाकर उसकी पेंटी पकड़ लेता है और नीचे करने लगता है। लेकिन नेहा उसको रोकने की कोशिश करती हैं। लेकिन राज इस बार उसे रोकने नहीं देता और पेंटी नीचे कर देता है। नेहा की पेंटी उसके पैर के पास गिर जाती हैं। अब दोनों नंगे थे। नेहा को गुलाबी चूत राज के काले गंदे लण्ड के सामने भी। लेकिन नेहा ने हाथ अपनी चूत पर रखे हमे थे। वो अब अपनी चूचियों को छुपाना भूल गई थी।

राज. मेरी जान अब चुदाई शुरू करें?

नेहा शर्म से लाल दूसरी तरफ देखने लगती हैं। लेकिन लेकिन तभी अचानक नेहा को राज अपनी गोद में उठा लेता है, और एक चारपाई की तरफ ले जाने लगता है। नेहा दूसरी तरफ देख रही औ। वो मी नंगी राज से नजर नहीं मिला पा रही थी। मिल्लार भी कसे? वो इस वक्त पूरी नंगी एक बढ़े काले ट्रक ड्राइवर की गोद में थी। उधर ले जाते हुए राज का काला मोटा लण्ड इधर से उधर हिल रहा था।

चारपाई के पास पहुँच कर राज नेहा को धीरे से वहाँ रखता है और खड़ा-बड़ा नेहा को देखते हुए अपना काला जाग हिलाने लगता है। लण्ड की जिल्द टोपी के ऊपर से नीचे हो रही थी। राज को ऐसा करता देखकर नेहा शर्मा जाती है और दूसरी तरफ देखने लगती है।

तभी राज उसके ऊपर आ जाता है। दोनों की नजर आपस में मिल जाती है। नीचे राज का लण्ड नेहा की चूत को छ रहा था। जिससे नेहा की आँख हल्के-हल्के बंद हो रही थी। राज अब आगे बढ़ कर नेहा की गोरी बड़ी-बड़ी चूचियां एक-एक करके चूसने लगता है।

नेहा- "आह्ह." करने लगती है।

राज कभी-कभी नेहा के निपल मैंह लेकर काट रहा था। उसे तो बस मजा आ रहा था इस खूबसूरत हसीना की इज्जत लूटने में। ओड़ी देर ऐसे ही चूचियां चूसने के बाद अब राज नीचे आकर नेहा की गुलाबी चूत पर अपना काला अजगर जैसा बड़ा गंदा लण्ड रख देता है।

नेहा लण्ड अपनी चूत पर लगते ही- "अहह..' कर देती हैं।

नेहा अब राज को देखने लगती है। उसकी आँखों में रिक्वेस्ट भी की प्लीज... धौरे करना। लेकिन राज उसकी तरफ कमीनी स्माइल कर रहा था।

राज- "मेरी जान क्या बात है इसी-डरी सी लग रही है?" ऐसा बोलकर वी स्माइल करता है।

नेहा- "बेशर्म कहाँ के। जोर से किया जा तो फिर कभी करने नहीं देंगी..." और बेखयाली में नेहा क्या कह गई उसे भी नहीं पता चला। जब अहसास हुआ तो वो शर्म से लाल हो गई।

राज- "मेरी जान आज पूरी रात तुझे बस चिल्लाना ही है। मैं तुझे बुरी तरह से चोदने वाला हूँ। तुझे में पूरी शात सोने नहीं देने वाला..."

नेहा राज की बात सुनकर एकदम डर जाती है। उसे पता था की जंगली उसके साथ क्या करने का इरादा रखता है। नेहा बोली- "देखो प्लीज़्ज़.. इस्स्स... अहह.."
नेहा ने उतना बोला ही था के राज ने अपना गंदा काला लण्ड नेहा की गुलाबी चूत में एकदम घुसा दिया। उसका आधे से ज्यादा लण्ड अंदर जा चुका था।

नेहा के चेहरे पर दर्द था, और नीचे राज का काला लण्ड चूत में घुसा पड़ा था। नेहा ठहरी बड़े घर की बहू उसे इन सबकी कहाँ आदत? विशाल का लण्ड आ भी छोटा। लेकिन राज जैसे मवाली का लण्ड उसकी चूत में जायेगा तो उसका दर्द से कराहना वाजिब था ।

राज वैसे ही थोड़ी देर कका रहता है। नीचे का नजारा ही कुछ अलग था। नेहा की मासूम सी गुलाबी चूत में राज का काला मोटा गंदा सा लण्ड जिसके आस-पास सफेद और काली झांटे भरी पड़ी थी। राज जो इस घर की फैक्टरी का ट्रक ड्राइवर है। इस वक्त इस घर की खूबसूरत बहू की चूत में लण्ड डाले हुए था। अब राज नेहा पर और ओड़ा झक जाता है और लण्ड थोड़ा बाहर निकालकर एक और धक्का लगाता है।

नेहा- "अहह..." करती है। इस बार भी लण्ड उतना ही अंदर जाता है।

राज. क्या टाइट चूत है तेरी जानेमन? लगता है तेरा पति नामर्द है। तेरी चूत वैसी की वैसी ही है। कोई बात नहीं, में है ना। तुझे में आज दिखाऊँगा के बेशर्मों की तरह कैसे चुदाई करते हैं? जैसे आवारा गलियों में एक कुत्ता और कुतिया चुदाई करते हैं वैसे।

कुत्ते और कुतिया की बात पर नेहा शर्म से पानी-पानी हो जाती है। उसे पता था की राज किस तरह के सेक्स के बारे में बात कर रहा है।

राज- "तो तैयार हो जा मेरी गर्लफ्रेन्ड, अपने बायफ्रेंड से बेशमाँ की तरह चदाई करवाने में। इस कुत्ते से कुतिया
की तरह चुदने में।

नेहा कुत्ते कुतिया वाली बात पर फिर में शर्मा जाती है। नेहा अभी सोच रही थी की पता नहीं उसके साथ ये जानवर क्या करेगा? अब राज फिर से लण्ड बाहर निकालकर एक और धक्का मारता है।
नेहा- "आहह... उम्म्म्म
..."
राज नेहा के चेहरे पर दर्द का अहसास देख रहा था। इस घर की बहू के खूबसूरत चेहरे पर एक ड्राइवर के काले लण्ड लेने का दर्द। ओड़ी देर रुक कर।
राज- मेरी जान।

नेहा राज को अब देखने लगती है। राज के काले बदसूरत चेहरे पर एक कमीनी स्माइल भी।

राज- सारी हालिंग।

नेहा सोचने लगती है की ये सारी किसलिए बोल रहा है? ची सांच हो रही थी के राज एक बार पूरा लण्ड बाहर निकालकर एक जोर का धक्का लगाता है। उसका काला मोटा लण्ड पूरा नेहा की गुलाबी चूत में चला जाता हैं।

नेहा सिसकी- "आआआ.. आहह.. उम्म्म.. मैं मर गई आहह... बाहर निकालो प्लीज... अहह..."

राज नेहा की तरफ झुकते हए. "अस हो गया मेरी जान्न। ओड़ा सहन कर ले। मेरा पूरा लौड़ा तेरी चूत में जाकर बैठा है."

नेहा दर्द से कराह रही थी। इतना बड़ा लण्ड उसकी मासूम चूत में जो गया था। वो तो उस दिन को कोस रही भी जब उसने राज को सिगरेट पीते हुए डौटा था। न ही वो डॉटती और न ही उसकी ये हालत होती। लण्ड डालकर राज नेहा के शांत होने का इंतेजार कर रहा था। थोड़ी देर बाद नेहा की चीखें कम हो जाती हैं।

नेहा- "प्लीज.... राज मुझे बहुत दर्द हो रहा है.."

राज- "जानेमन अभी तो मैंने चुदाई शुरू भी नहीं की, और अभी से दर्द?" बोलकर वो लण्ड और बाहर लेकर फिर से धक्का लगता है। और इस बार रुकता नहीं धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "आहह... आहह... आहह... करीम्म आअहह.."

धक्के लगाते हुए नेहा की चूचियां इधर इधर हिल रही थी। राज के लण्ड के नीचे की बड़ी-बड़ी गोटियां नेहा की चूत पर लग रही थीं। क्योंकी राज लण्ड मटा अंदर-बाहर कर रहा था। धक्के लगाते हुए राज सिर्फ नेहा के चेहरे को देख रहा था। उसको मजा आ रहा था नेहा को मैं दर्द में देखकर। धीरे-धीरे राज नेहा को तेज-तेज चोदने लगता है। राम में टप-टप-टप-टप की आवाजें गंजने लगी, जो चूत और लण्ड के मिलन की आवाज थी।

नेहा के लिए ये उसकी जिंदगी की सबसे बरी रात गुजरने वाली थी। पता नहीं क्यों उसने राज जैसे गंदे आदमी से पंगा लिया। कीम अब नेहा की चूचियां दबाने लगता है।

नेहा- "आअहह... अहह... अहह... राज प्लीज़.'

राज अब बिना रुके नेहा को चोद रहा था। रूम में बस नेहा की चौखों की और धक्कों की राज को पता था की अब किसी भी वक्त नेहा झड़ेगी लेकिन राज नेहा को तड़पाना चाहता था। वो अब धक्के लगाना बंद कर देता है। नेहा राज को देखने लगती है। हालांकी उसको ओड़ी राहत मिली थी, लेकिन झड़ने के इतने करीब आकर राज का चोदना बंद करना उसे अजीब लगा।

राज- मज़ा आया क्या मेरी बुलबुल

नेहा बिना कुछ बोले दूसरी तरफ मुँह कर लेती हैं। राज उसमा मुस्कुराता है। अब राज नेहा की चूत में से अपना लण्ड बाहर निकालता है। लण्ड निकलते ही नेहा की चूत को जैसे राहत मिलती हैं, लेकिन ज्यादा देर तक नहीं। अब् राज नेहा को उठाकर खुद लेट जाता है और नेहा को अपने ऊपर खींचता है। खींचते ही नेहा एकदम से राज के ऊपर आ जाती हैं। उसकी बड़ीबड़ी गोरी चूचियां राज की काली छाती में दब जाती हैं। नेहा राज को घरने लगती हैं।

राज- क्या मेरी जान गुस्सा आ रहा है क्या?

नेहा- बेशर्म बटे, शर्म नहीं आती अपनी बेटी की उमर की लड़की के साथ ये सब करते हए?

राज- "तू मेरी बेटी कहां है? तू तो मेरी गर्लफ्रेंड है। और तू लड़की नहीं एक औरत है। मेरी जान यही हा आगे देख तेरे साथ क्या-क्या करता है.." अब राज नीचे अपना लण्ड नेहा की चत पर टिका कर रगड़ने लगता है।

नेहा राज की तरफ देखती हई- "हे बूढ़े."

राज स्माइल करता हुआ अब चूत पर लण्ड टिका देता हैं नेहा को देखते हुए धक्का लगाता है नीचे से।

नेहा बड़ा सा मुँह बनाते हुए- "भहह..."

अब राज धक्कों की झड़ी लगा देता है। तेज-तेज धक्के। टप-टप की आवाज फिर से रूम में गूंजने लगती है।

नेहा- "आअहह... हम्म्म अहह .. बूटे अहह... अहह... अहह.."

धक्के लगाते हुए नेहा की गले में उसका मंगलसूत्र लटक रहा था। जिससे दृश्य और भी सेक्सी हो गया था। एक शादीशुदा बड़े घर की औरत उसी घर के ट्रक ड्राइवर से चुद रही थी। नेहा की गोरी चूचियां भी इधर से उधर झल रही थीं। राज के धक्के लगातार जारी थे- "टप-टप टप-टप टप-टप टप-टप टप-टप..."

नेहा- अह.. अहह... अहह.. अहह... आहह.. आह्ह... हौं अहह... अहह... हौं आहह.."

पीछे से भी मस्त दृश्य था। नेहा की गोरी गाण्ड। उसकी गुलाबी चूत में अंदर-बाहर होता हुमा राज का गंदा काला लण्ड। जिसके आस-पास काली सफेद झांटें भी। नेहा ने अपने हाथ उस चारपाई पर टिकाए हुए थे। वो बस राज के लण्ड पर बैठी हुई थी, बाकी पूरी मेहनत राज कर रहा था।

राज- "देख तेरा मंगलसूत्र कैसे लटक रहा है। तेरे नामर्द पति की निशानी.."

नेहा- आहह... चुप्प रहो बेशर्म... तुम भी तो नामर्द हो। एक औरत के साथ जमदस्ती कर रहे हो।

राज- "मैं अगर नामर्द होता तो तेरी चूत की ये हालत कैसे होती मेरी जान?" ऐसा बोलकर जोरदार धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "आअहह... सको आहह.. असल में नेहा गलती कर रही थी, राज को नामर्द बोलकर।

राज और भड़क रहा था इससे।
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नेहा- "प्लीज़... अहह... अहह... टप-टप टप-टप्स..." नेहा की चूचियां तो ऐसे मचल रही थी जैसे जादू कर रही हों।

राज- और बोल नामर्द। तुझे दिखता हूँ मैं कैसा नामर्द हूँ।

नेहा को अपनी गलती का अहसास होता है- "आहह... सॉरी आअहह.."

लेकिन राज नहीं रुकता। बल्की वी और तेज धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "बूढ़े अह.. मत करो अहह... अहह... विशाल बचाओ इस कमीने बूटे से अहह.."

राज- तेरा नामर्द पति क्या बचाएगा ?

नेहा- बूटे रुको अहह... मम्मी
मर गई मैं अहह.."

राज रफ़्तार धीमी करते हुए रुक जाता है। रुकते ही एक तेज धक्का लगाता है और फिर रुक जाता है।

नेहा- आअहह... मम्मी... और नेहा अपनी सांसों पर काबू पाते हुए राज को देख रही थी।

राज नेहा को बड़े ही शैतानी तरीके से देख रहा था। नेहा की हुई थी। लेकिन राज के लिए तो अभी शुरू हआ था। नेहा को लंबे सेक्स की आदत नहीं औ। विशाल उसके साथ ज्यादा से ज्यादा आधा घंटा सेक्स करता
था, वो भी मामला यहीं तो राज ने नेहा की हालत बरी कर दी थी। दोनों लेटे हुए थे। राज नेहा के मंगलसन को देखकर ओड़ा ऊपर होता है और उसे मैंह में ले लेता है।

नेहा उसे देखकर- "छोड़ो उसे। पागल हो गये हो क्या तुम?"

राज हां में सिर हिलाता है।

नेहा- मैंने कहा छोड़ो उसे।

राज फिर से हां में सिर हिलाता है।

नेहा इस बार अपने हाथ राज की छाती पर रखती हैं सपोर्ट के लिए और राज के मुँह में अपना मगलसन्न छुड़ाने लगती है। लेकिन राज छोड़ नहीं रहा था। नेहा को अब गुस्सा आता है। वो मंगलसूत्र छुड़ाने के लिए राज की तरफ झकती है। अपना एक हाथ उसके मुंह के पास लेजाकर निकालने की कोशिश करती है. लेकिन नहीं कर पाती। और एक बार निकालने की कोशिश कर रही थी की अचानक राज ने मंगलसूत्र छोड़ दिया। अब नेहा कंट्रोल नहीं कर पाई और उसका खूबसूरत चेहरा राज के बदसूरत काले चेहरे के और करीब चला गया।

क दूसरे को देखने लगते हैं। दोनों के बीच बहत कम फासला था। दोनों के हांठ आमने सामने थे। राज के चेहरे पर स्माइल भी और नेहा के चेहरे पर बेचैनी। नेहा के रेशमी बाल राज के ऊपर आ रहे थे। राज का लण्ड अभी भी नेहा की चूत में आ, जिसे वो दोनों तो जैसे भूल हो गये थे।

राज अपने होंठ नेहा की तरफ बढ़ाने लगता हैं। लेकिन तभी नेहा अपने बाल कान के पीछे करते हए उठने लगती है। उठते हुए उसकी चूत से लण्ड बाहर आ जाता है। नेहा पलट कर जा हो रही थी की राज उठकर उसे पीछे से पकड़ लेता है और फिर अपने ऊपर लिटा देता है लेकिन इस बार नेहा की पीठ राज के छाती पर थी।

नेहा- "छोड़ो मुझे...

राज- "कहां चली जानेमन... अभी तो पूरी रात बाकी है। तुझे में इतनी आसानी से जाने नहीं देने वाला.." और राज नेहा की कमर में हाथ डाले हए । नीचे से राज का लण्ड नेहा की गाण्ड के छेद पर रगड़ खा रहा था।

नेहा यूँ अपनी गाण्ड पर राज का लण्ड महसूस होते ही डर जाती है- "छोड़ो मुझे बूटे प्लीज... छोड़ो मुझे.."

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कड़ी_14

नेहा- "अहह.."
राज- क्या चूचियां हैं मेरी गर्लफ्रेंड की... मजा आ गया दबाकर।
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थोड़ी देर बाद राज नेहा की चूचियों को छोड़कर उसकी कमर पर धीरे-धीरे हाथ घुमाने लगता है। इतनी देर की हरकतों से राज का लण्ड उसकी अंडरवेर में उछल कूद कर रहा था। राज ने बड़ी मषोल से उसे संभाल रखा था। वरना पता नहीं वो नेहा की क्या हालत कर देता। राज उसकी कमर पर हाथ फेरते हुए अब पेटीकोट का नाड़ा पकड़ लेता है और खींचता है। जिससे वो नीचे गिर जाता है। अब नेहा और राज दोनों अपने-अपने अंडरका में थे।

क्या इश्य है। इस घर की खूबसूरत बह इस वक्त सिर्फ एक पटी में एक काले बूढ़े ड्राइवर के साथ लौकर क्वार्टर में खड़ी है। नेहा की ब्लैक पैंटी देखकर राज पागल सा हो रहा था। वो अब देशी ला करते हुए उसकी पेंटी के ऊपर से चत पर हाथ रख देता है।

नेहा- "अहह... बेशर्म कहीं के..."

राज जानता था कि नेहा उसको भल्ला अा बोल जरूर रही थी, लेकिन मना बिल्कुल नहीं कर रही भी।

वो अब मैंटी के ऊपर से उसकी चूत अपनी उंगली से मसलने लगता है। अपनी उंगली उसकी चूत पर रखकर दबा रहा था

नेहा अपनी चूत पर हो रहे इस हमले को रोक नहीं पा रही थी, या शायद रोकना ही ना चाहती हो। जब राज उसकी चूत में उंगली कर रहा था तब नेहा राज की तरफ पीछे झुकी जा रही थी। उससे कंट्रोल करना मश्किल हो रहा था। नेहा तिलमिला रही थी। उससे कंट्रोल नहीं हो रहा था मैं राज का उसकी चूत की मालिश करना। राज को पता था की नेहा अब झड़ने की नज़दीक हैं। लेकिन राज उसको तड़पाना चाहता था। वो अब
वैसा करना बंद कर देता है।

नेहा झड़ने के बेहद करीब थी लेकिन राज ने उसे झड़ने नहीं दिया। अब राज पीछे से अंडरवेर के ऊपर से ही नेहा की गाण्ड पर मसलने लगता है। उसका खड़ा हुआ काला नाग नेहा की गाण्ड को तंग कर रहा था। नेहा जो अब काफी गरम हो चुकी थी। उसका बदन अब अकड़ने लगा था। ये इशारा था की नेहा काफी गरम हो चुकी है। राज अब एकदम से नेहा की पेटी का ऊपरी हिस्सा ओड़ा खींच कर अपना एक हाथ अंदर डालता है। लेकिन पटी नहीं निकालता। राज का हाथ इस बार नेहा की चूत पर लगते ही उसको अहसास होता है की वो भट्टी की तरह जल रही है। नेहा की आँखें राज के हाथ लगते ही बंद हो जाती हैं।

नेहा- "अहह... उम्म्म्म .. करने लगती है। उसकी सिसकारी में एक संतुष्टि की आइ: और
राज को पता था की अगर अब नेहा की चूत में और उंगली किया तो वो झड़ जाएगी। जो राज अभी के लिए नहीं चाहता था। अब वो नेहा की पेंटी नीचे करने लगता है। लेकिन नेहा अपने हाथों से पेंटी पकड़ लेती हैं।

नेहा- "नहीं प्लीज़."

राज फिर से उसका चूचियां पकड़ लेता है और मसलने लगता है। उसकी मस्त गोरी बड़ी-बड़ी चूचियों को। एकदम गोरी चूचियां। वो नेहा से बिल्कुल चिपका हुआ था पीछे से। नेहा को अभी झिझ कता हुआ देखकर राज कुछ सोचता है। वो अब अपनी अंडरवेर निकाल देता है। अब उसका काला गंदा सा लण्ड बाहर था। राज पा नंगा आ। अब राज नेहा को अपनी तरफ घुमाता हैं। नेहा का खूबसूरत चेहरा देखकर वो पागल सा हुए जा रहा
था। नेहा की चूचियां जंगी थे। वो बस एक बलंक पेंटी में भी।

राज अब उसे कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींचता है। जिसकी वजह से नेहा की चूचियां राज की छाती से दब जाती हैं। नेहा अपनी तेज धड़कनों पर काबू पाते हुए राज के बदसूरत चेहरे को देखने लगती हैं। कुछ बाल नेहा के चेहरे पर बिखरे हुए थे, जिससे वो और सेक्सी लग रही थी।

राज अब पीछे से नेहा की गाण्ड पकड़ लेता है, और दबाने लगता है। दोनों एक दूसरे को देख रहे थे। राज नेहा की ओर अपना चेहरा अदाने लगता है। राज नेहा के चेहरे के पास पहुँचा ही था कि नेहा अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती हैं। राज मुश्कुरा कर उसकी तरफ देखने लगता है। उसको नेहा की अदाएं बहुत पसंद आ रही थी। अब राज अपने हाथ नीचे लेजाकर उसकी पेंटी पकड़ लेता है और नीचे करने लगता है। लेकिन नेहा उसको रोकने की कोशिश करती हैं। लेकिन राज इस बार उसे रोकने नहीं देता और पेंटी नीचे कर देता है। नेहा की पेंटी उसके पैर के पास गिर जाती हैं। अब दोनों नंगे थे। नेहा को गुलाबी चूत राज के काले गंदे लण्ड के सामने भी। लेकिन नेहा ने हाथ अपनी चूत पर रखे हमे थे। वो अब अपनी चूचियों को छुपाना भूल गई थी।

राज. मेरी जान अब चुदाई शुरू करें?

नेहा शर्म से लाल दूसरी तरफ देखने लगती हैं। लेकिन लेकिन तभी अचानक नेहा को राज अपनी गोद में उठा लेता है, और एक चारपाई की तरफ ले जाने लगता है। नेहा दूसरी तरफ देख रही औ। वो मी नंगी राज से नजर नहीं मिला पा रही थी। मिल्लार भी कसे? वो इस वक्त पूरी नंगी एक बढ़े काले ट्रक ड्राइवर की गोद में थी। उधर ले जाते हुए राज का काला मोटा लण्ड इधर से उधर हिल रहा था।

चारपाई के पास पहुँच कर राज नेहा को धीरे से वहाँ रखता है और खड़ा-बड़ा नेहा को देखते हुए अपना काला जाग हिलाने लगता है। लण्ड की जिल्द टोपी के ऊपर से नीचे हो रही थी। राज को ऐसा करता देखकर नेहा शर्मा जाती है और दूसरी तरफ देखने लगती है।

तभी राज उसके ऊपर आ जाता है। दोनों की नजर आपस में मिल जाती है। नीचे राज का लण्ड नेहा की चूत को छ रहा था। जिससे नेहा की आँख हल्के-हल्के बंद हो रही थी। राज अब आगे बढ़ कर नेहा की गोरी बड़ी-बड़ी चूचियां एक-एक करके चूसने लगता है।

नेहा- "आह्ह." करने लगती है।

राज कभी-कभी नेहा के निपल मैंह लेकर काट रहा था। उसे तो बस मजा आ रहा था इस खूबसूरत हसीना की इज्जत लूटने में। ओड़ी देर ऐसे ही चूचियां चूसने के बाद अब राज नीचे आकर नेहा की गुलाबी चूत पर अपना काला अजगर जैसा बड़ा गंदा लण्ड रख देता है।

नेहा लण्ड अपनी चूत पर लगते ही- "अहह..' कर देती हैं।

नेहा अब राज को देखने लगती है। उसकी आँखों में रिक्वेस्ट भी की प्लीज... धौरे करना। लेकिन राज उसकी तरफ कमीनी स्माइल कर रहा था।

राज- "मेरी जान क्या बात है इसी-डरी सी लग रही है?" ऐसा बोलकर वी स्माइल करता है।

नेहा- "बेशर्म कहाँ के। जोर से किया जा तो फिर कभी करने नहीं देंगी..." और बेखयाली में नेहा क्या कह गई उसे भी नहीं पता चला। जब अहसास हुआ तो वो शर्म से लाल हो गई।

राज- "मेरी जान आज पूरी रात तुझे बस चिल्लाना ही है। मैं तुझे बुरी तरह से चोदने वाला हूँ। तुझे में पूरी शात सोने नहीं देने वाला..."

नेहा राज की बात सुनकर एकदम डर जाती है। उसे पता था की जंगली उसके साथ क्या करने का इरादा रखता है। नेहा बोली- "देखो प्लीज़्ज़.. इस्स्स... अहह.."
नेहा ने उतना बोला ही था के राज ने अपना गंदा काला लण्ड नेहा की गुलाबी चूत में एकदम घुसा दिया। उसका आधे से ज्यादा लण्ड अंदर जा चुका था।

नेहा के चेहरे पर दर्द था, और नीचे राज का काला लण्ड चूत में घुसा पड़ा था। नेहा ठहरी बड़े घर की बहू उसे इन सबकी कहाँ आदत? विशाल का लण्ड आ भी छोटा। लेकिन राज जैसे मवाली का लण्ड उसकी चूत में जायेगा तो उसका दर्द से कराहना वाजिब था ।

राज वैसे ही थोड़ी देर कका रहता है। नीचे का नजारा ही कुछ अलग था। नेहा की मासूम सी गुलाबी चूत में राज का काला मोटा गंदा सा लण्ड जिसके आस-पास सफेद और काली झांटे भरी पड़ी थी। राज जो इस घर की फैक्टरी का ट्रक ड्राइवर है। इस वक्त इस घर की खूबसूरत बहू की चूत में लण्ड डाले हुए था। अब राज नेहा पर और ओड़ा झक जाता है और लण्ड थोड़ा बाहर निकालकर एक और धक्का लगाता है।

नेहा- "अहह..." करती है। इस बार भी लण्ड उतना ही अंदर जाता है।

राज. क्या टाइट चूत है तेरी जानेमन? लगता है तेरा पति नामर्द है। तेरी चूत वैसी की वैसी ही है। कोई बात नहीं, में है ना। तुझे में आज दिखाऊँगा के बेशर्मों की तरह कैसे चुदाई करते हैं? जैसे आवारा गलियों में एक कुत्ता और कुतिया चुदाई करते हैं वैसे।

कुत्ते और कुतिया की बात पर नेहा शर्म से पानी-पानी हो जाती है। उसे पता था की राज किस तरह के सेक्स के बारे में बात कर रहा है।

राज- "तो तैयार हो जा मेरी गर्लफ्रेन्ड, अपने बायफ्रेंड से बेशमाँ की तरह चदाई करवाने में। इस कुत्ते से कुतिया
की तरह चुदने में।

नेहा कुत्ते कुतिया वाली बात पर फिर में शर्मा जाती है। नेहा अभी सोच रही थी की पता नहीं उसके साथ ये जानवर क्या करेगा? अब राज फिर से लण्ड बाहर निकालकर एक और धक्का मारता है।
नेहा- "आहह... उम्म्म्म
..."
राज नेहा के चेहरे पर दर्द का अहसास देख रहा था। इस घर की बहू के खूबसूरत चेहरे पर एक ड्राइवर के काले लण्ड लेने का दर्द। ओड़ी देर रुक कर।
राज- मेरी जान।

नेहा राज को अब देखने लगती है। राज के काले बदसूरत चेहरे पर एक कमीनी स्माइल भी।

राज- सारी हालिंग।

नेहा सोचने लगती है की ये सारी किसलिए बोल रहा है? ची सांच हो रही थी के राज एक बार पूरा लण्ड बाहर निकालकर एक जोर का धक्का लगाता है। उसका काला मोटा लण्ड पूरा नेहा की गुलाबी चूत में चला जाता हैं।

नेहा सिसकी- "आआआ.. आहह.. उम्म्म.. मैं मर गई आहह... बाहर निकालो प्लीज... अहह..."

राज नेहा की तरफ झुकते हए. "अस हो गया मेरी जान्न। ओड़ा सहन कर ले। मेरा पूरा लौड़ा तेरी चूत में जाकर बैठा है."

नेहा दर्द से कराह रही थी। इतना बड़ा लण्ड उसकी मासूम चूत में जो गया था। वो तो उस दिन को कोस रही भी जब उसने राज को सिगरेट पीते हुए डौटा था। न ही वो डॉटती और न ही उसकी ये हालत होती। लण्ड डालकर राज नेहा के शांत होने का इंतेजार कर रहा था। थोड़ी देर बाद नेहा की चीखें कम हो जाती हैं।

नेहा- "प्लीज.... राज मुझे बहुत दर्द हो रहा है.."

राज- "जानेमन अभी तो मैंने चुदाई शुरू भी नहीं की, और अभी से दर्द?" बोलकर वो लण्ड और बाहर लेकर फिर से धक्का लगता है। और इस बार रुकता नहीं धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "आहह... आहह... आहह... करीम्म आअहह.."

धक्के लगाते हुए नेहा की चूचियां इधर इधर हिल रही थी। राज के लण्ड के नीचे की बड़ी-बड़ी गोटियां नेहा की चूत पर लग रही थीं। क्योंकी राज लण्ड मटा अंदर-बाहर कर रहा था। धक्के लगाते हुए राज सिर्फ नेहा के चेहरे को देख रहा था। उसको मजा आ रहा था नेहा को मैं दर्द में देखकर। धीरे-धीरे राज नेहा को तेज-तेज चोदने लगता है। राम में टप-टप-टप-टप की आवाजें गंजने लगी, जो चूत और लण्ड के मिलन की आवाज थी।

नेहा के लिए ये उसकी जिंदगी की सबसे बरी रात गुजरने वाली थी। पता नहीं क्यों उसने राज जैसे गंदे आदमी से पंगा लिया। कीम अब नेहा की चूचियां दबाने लगता है।

नेहा- "आअहह... अहह... अहह... राज प्लीज़.'

राज अब बिना रुके नेहा को चोद रहा था। रूम में बस नेहा की चौखों की और धक्कों की राज को पता था की अब किसी भी वक्त नेहा झड़ेगी लेकिन राज नेहा को तड़पाना चाहता था। वो अब धक्के लगाना बंद कर देता है। नेहा राज को देखने लगती है। हालांकी उसको ओड़ी राहत मिली थी, लेकिन झड़ने के इतने करीब आकर राज का चोदना बंद करना उसे अजीब लगा।

राज- मज़ा आया क्या मेरी बुलबुल

नेहा बिना कुछ बोले दूसरी तरफ मुँह कर लेती हैं। राज उसमा मुस्कुराता है। अब राज नेहा की चूत में से अपना लण्ड बाहर निकालता है। लण्ड निकलते ही नेहा की चूत को जैसे राहत मिलती हैं, लेकिन ज्यादा देर तक नहीं। अब् राज नेहा को उठाकर खुद लेट जाता है और नेहा को अपने ऊपर खींचता है। खींचते ही नेहा एकदम से राज के ऊपर आ जाती हैं। उसकी बड़ीबड़ी गोरी चूचियां राज की काली छाती में दब जाती हैं। नेहा राज को घरने लगती हैं।

राज- क्या मेरी जान गुस्सा आ रहा है क्या?

नेहा- बेशर्म बटे, शर्म नहीं आती अपनी बेटी की उमर की लड़की के साथ ये सब करते हए?

राज- "तू मेरी बेटी कहां है? तू तो मेरी गर्लफ्रेंड है। और तू लड़की नहीं एक औरत है। मेरी जान यही हा आगे देख तेरे साथ क्या-क्या करता है.." अब राज नीचे अपना लण्ड नेहा की चत पर टिका कर रगड़ने लगता है।

नेहा राज की तरफ देखती हई- "हे बूढ़े."

राज स्माइल करता हुआ अब चूत पर लण्ड टिका देता हैं नेहा को देखते हुए धक्का लगाता है नीचे से।

नेहा बड़ा सा मुँह बनाते हुए- "भहह..."

अब राज धक्कों की झड़ी लगा देता है। तेज-तेज धक्के। टप-टप की आवाज फिर से रूम में गूंजने लगती है।

नेहा- "आअहह... हम्म्म अहह .. बूटे अहह... अहह... अहह.."

धक्के लगाते हुए नेहा की गले में उसका मंगलसूत्र लटक रहा था। जिससे दृश्य और भी सेक्सी हो गया था। एक शादीशुदा बड़े घर की औरत उसी घर के ट्रक ड्राइवर से चुद रही थी। नेहा की गोरी चूचियां भी इधर से उधर झल रही थीं। राज के धक्के लगातार जारी थे- "टप-टप टप-टप टप-टप टप-टप टप-टप..."

नेहा- अह.. अहह... अहह.. अहह... आहह.. आह्ह... हौं अहह... अहह... हौं आहह.."

पीछे से भी मस्त दृश्य था। नेहा की गोरी गाण्ड। उसकी गुलाबी चूत में अंदर-बाहर होता हुमा राज का गंदा काला लण्ड। जिसके आस-पास काली सफेद झांटें भी। नेहा ने अपने हाथ उस चारपाई पर टिकाए हुए थे। वो बस राज के लण्ड पर बैठी हुई थी, बाकी पूरी मेहनत राज कर रहा था।

राज- "देख तेरा मंगलसूत्र कैसे लटक रहा है। तेरे नामर्द पति की निशानी.."

नेहा- आहह... चुप्प रहो बेशर्म... तुम भी तो नामर्द हो। एक औरत के साथ जमदस्ती कर रहे हो।

राज- "मैं अगर नामर्द होता तो तेरी चूत की ये हालत कैसे होती मेरी जान?" ऐसा बोलकर जोरदार धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "आअहह... सको आहह.. असल में नेहा गलती कर रही थी, राज को नामर्द बोलकर।

राज और भड़क रहा था इससे।
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नेहा- "प्लीज़... अहह... अहह... टप-टप टप-टप्स..." नेहा की चूचियां तो ऐसे मचल रही थी जैसे जादू कर रही हों।

राज- और बोल नामर्द। तुझे दिखता हूँ मैं कैसा नामर्द हूँ।

नेहा को अपनी गलती का अहसास होता है- "आहह... सॉरी आअहह.."

लेकिन राज नहीं रुकता। बल्की वी और तेज धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "बूढ़े अह.. मत करो अहह... अहह... विशाल बचाओ इस कमीने बूटे से अहह.."

राज- तेरा नामर्द पति क्या बचाएगा ?

नेहा- बूटे रुको अहह... मम्मी
मर गई मैं अहह.."

राज रफ़्तार धीमी करते हुए रुक जाता है। रुकते ही एक तेज धक्का लगाता है और फिर रुक जाता है।

नेहा- आअहह... मम्मी... और नेहा अपनी सांसों पर काबू पाते हुए राज को देख रही थी।

राज नेहा को बड़े ही शैतानी तरीके से देख रहा था। नेहा की हुई थी। लेकिन राज के लिए तो अभी शुरू हआ था। नेहा को लंबे सेक्स की आदत नहीं औ। विशाल उसके साथ ज्यादा से ज्यादा आधा घंटा सेक्स करता
था, वो भी मामला यहीं तो राज ने नेहा की हालत बरी कर दी थी। दोनों लेटे हुए थे। राज नेहा के मंगलसन को देखकर ओड़ा ऊपर होता है और उसे मैंह में ले लेता है।

नेहा उसे देखकर- "छोड़ो उसे। पागल हो गये हो क्या तुम?"

राज हां में सिर हिलाता है।

नेहा- मैंने कहा छोड़ो उसे।

राज फिर से हां में सिर हिलाता है।

नेहा इस बार अपने हाथ राज की छाती पर रखती हैं सपोर्ट के लिए और राज के मुँह में अपना मगलसन्न छुड़ाने लगती है। लेकिन राज छोड़ नहीं रहा था। नेहा को अब गुस्सा आता है। वो मंगलसूत्र छुड़ाने के लिए राज की तरफ झकती है। अपना एक हाथ उसके मुंह के पास लेजाकर निकालने की कोशिश करती है. लेकिन नहीं कर पाती। और एक बार निकालने की कोशिश कर रही थी की अचानक राज ने मंगलसूत्र छोड़ दिया। अब नेहा कंट्रोल नहीं कर पाई और उसका खूबसूरत चेहरा राज के बदसूरत काले चेहरे के और करीब चला गया।

क दूसरे को देखने लगते हैं। दोनों के बीच बहत कम फासला था। दोनों के हांठ आमने सामने थे। राज के चेहरे पर स्माइल भी और नेहा के चेहरे पर बेचैनी। नेहा के रेशमी बाल राज के ऊपर आ रहे थे। राज का लण्ड अभी भी नेहा की चूत में आ, जिसे वो दोनों तो जैसे भूल हो गये थे।

राज अपने होंठ नेहा की तरफ बढ़ाने लगता हैं। लेकिन तभी नेहा अपने बाल कान के पीछे करते हए उठने लगती है। उठते हुए उसकी चूत से लण्ड बाहर आ जाता है। नेहा पलट कर जा हो रही थी की राज उठकर उसे पीछे से पकड़ लेता है और फिर अपने ऊपर लिटा देता है लेकिन इस बार नेहा की पीठ राज के छाती पर थी।

नेहा- "छोड़ो मुझे...

राज- "कहां चली जानेमन... अभी तो पूरी रात बाकी है। तुझे में इतनी आसानी से जाने नहीं देने वाला.." और राज नेहा की कमर में हाथ डाले हए । नीचे से राज का लण्ड नेहा की गाण्ड के छेद पर रगड़ खा रहा था।

नेहा यूँ अपनी गाण्ड पर राज का लण्ड महसूस होते ही डर जाती है- "छोड़ो मुझे बूटे प्लीज... छोड़ो मुझे.."

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कड़ी_15

राज- दूरती क्यों है मेरी जान? अभी तेरी गाण्ड नहीं मारेगा।

नेहा को ओड़ी राहत मिलती हैं। अब राज नेहा की पीठ को एक बार चूमता हैं और अपना हाथ नीचं लेजाकर लण्ड चत पर टिका देता है।
नेहा- "अहह...

राज के एक धक्के के साथ नेहा की गाण्ड भी नीचे से ऊपर उछलती है, और उसका लण्ड भी नेहा की चूत में चला जाता है। लोकल नेहा अब उठने की कोशिश करती है। तभी राज उसकी दोनों गोरी कलाइयां पकड़कर पीछे कर लेता है। अब नेहा की चचियां उभर कर दिख रही थीं। राज वैसा करने के बाद अब नेहा को चोदना चाल करता है। नेहा की चूचियां ऊपर-नीचे उछल रही थी।

नेहा- "आहह... आह्ह.. उम्म्म्म
... अहह... अहह.."

नेहा की गोरी गोरी जांघ राज की काली जांघों से चिपकी हुई थी और उसका काला गंदा लण्ड नेहा को गुलाबी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। राज के हाथों में नेहा के हाथ थे। वो वैसे ही नेहा को चोद रहा था।

नेहा- "आअहह... उहह उम्म... अहह.."

राज अब नेहा की हाथ अंडकर सक जाता है फिर उसकी कमर में हाथ डालकर एक बार अच्छी तरह से पकड़ लेता है, और धक्के फिर से शुरू करता है। लेकिन इस बार थोड़ा तेज-तेज।

नेहा- "आहह... मत करो आहह.. मर गई आहह... बचाओ आअहह.."

नेहा की गाण्ड ऊपर-नीचे उछल रही थी राज की गाण्ड के साथ। साथ में राज का काला लण्ड बड़ी रफ्तार से नेहा की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था।

राज- "ज्यादा आवाज मत कर, वरना अगर तेरे घरवाले यहां आ गये ना.. फिर त ही सांच क्या होगा?

नेहा- "तुम इतना तेज क्यों कर रही हो? आह... आह्ह.."

राज- "मेरी रानी तेरी चूत को तेज-तेज मारने में ही मजा है। तूने मुझे बहुत सुनाया था ना उस दिन। उसी का बदला है ये.."

नेहा- "आअहह... आअहह... अहह.."

नेहा के चेहरे पर पछतावा था। लेकिन नेहा को अब कुछ भी हो राज उसपर जरा भी रहम खाने वाला नहीं था। वो धक्के लगाते रहता है। इसी बीच नेहा दो बार झड़ चुकी थी। उसे पता आ उसका यू बार-बार झड़ना राज के काले मोटे लण्ड का कमाल है। राज का पूरा लण्ड अंदर-बाहर हो रहा था नेहा की चूत में। जिसका अहसास नेहा को था। उसे तो यकीन नहीं हो रहा था की वो राज का काला बड़ा लण्ड पूरा अपनी चूत में ले रही है।

नेहा- "आहह... अस्स करी आहह... प्लीज़.."

राज के लण्ड के आस-पास का झांट नेहा को नीचे लग रही थी। राज मस्त नीचे से चोद रहा था खूबसूरत नेहा को। ऐसे ही 5 मिनट चोदने के बाद राज रुक जाता है। दोनों पके हुए थे। नेहा राज के ऊपर ही पड़ी रहती है। लेकिन राज का लण्ड नेहा की गुलाबी चूत को छोड़ने को तैयार नहीं आ, घुसा हुआ आ अभी भी।

दो मिनट वैसे ही पड़े रहने के बाद राज अब एक बार नीचे से अपनी गाण्ड उछालता है। जिससे नेहा की गाण्ड भी उछलती है और वो होश में आते हुए राज पर से उठने लगती हैं। लेकिन उसमें उठा नहीं जा रहा था। जैसे राज के लण्ड ने उसकी चूत को जकड़ रखा हो। आड़ी मेहनत करके वो उठ जाती है। उठते ही उसे अहसास होता है के उसकी चूत में दर्द हो रहा है। हो भी क्यों ना? इतने बड़े काले लण्ड से जा चुदी है वो।

नेहा अपने कपड़े उठाने के लिए जाने लगती है। जिसे देख कर राज उठ जाता है और नेहा के पास जाकर उसका हाथ पकड़ लेता है। नेहा थोड़ा चौंकती है की अब क्या बाकी है? लेकिन राज नेहा का हाथ पकड़कर नेहा का पेटीकोट उठा लेता है और दरवाजे की तरफ जाने लगता है। दरवाजा खोलकर वो बाहर जाने लगता है। नेहा को हर लग रहा था की ये बाहर क्यों ले जा रहा है उसे?

नेहा- कहा ले जा रहे हैं मुझे? छोड़ो मेरा हाथ।

राज- "थोड़ा चुप रह मेरी जान... और राज नेहा का हाथ पकड़कर गार्डन में ले जाता है और वहीं हरी घास पर नेहा का पेटीकोट डाल देता है, और कहता है- "अब हम यहाँ चुदाई करेंगे.."

नेहा- नहीं नहीं बिल्कुल नहीं... कोई देख लेगा।

राज- कोई नहीं देखेगा। त फिकर मत कर।

नेहा- नहीं मुझे नहीं करना।

राज अब नेहा को नीचे पेटीकोट पर लिटा देता है। हल्की-हल्की रोशनी आ रही भी वहीं, जो घर के बाहर की लाइट की औ। लिटाने के बाद राज उसके कम आ जाता है।

नेहा राज को गुस्से भरी नजरों से देख रही थी।

राज- गुस्सा मत हो मेरी जान। ये सब तेरे लिए ही तो कर रहा हूँ।
 
नेहा कुछ नहीं बोलती। राज अब नेहा की चूत में लण्ड डाल देता है और उसे चोदने लगता है। राज नेहा की उस खुले आसमान के नीचे चोद रहा था। इस घर की खूबसूरत बहू को उसी के घर के गाइन में उसी घर का काला बूटा ड्राइवर चोद रहा था। टप-टप टप-टप टप-टप की आवाजें अब गार्डन में गूंजने लगती हैं।

नेहा राज के काले लण्ड को सहन करते हुए अपने मुँह पर हाथ रखे हए थी। ताकी उसकी चीखें कोई सुन ना ले। राज चोदते हुए नेहा की आँखों में देख रहा था। नेहा को राज का कुछ समझ में आता आ| लाचे से वो धक्के लगा रहा था और कमर उसकी आँखों में प्यार भरी नजर।

थोड़ी देर बाद राज रुक जाता है और कुछ देर वैसे ही रुका रहता है। नेहा भी जोर-जोर से सांस ले रही थी। उसकी चूचियां ऊपर-नीचे हो रही औं। राज उसे देखकर अब थोड़ा नीचे होता है। फिर नेहा की कमर में अपने हाथ डालकर उसे वैसे ही उठाने लगता है, लण्ड चूत में डाले हए हो।
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नेहा- अहह.. क्या कर रहे हो बटे कहीं के?

राज- जानेमन अपनी गर्लफ्रेंड को प्यार कर रहा हूँ।

नेहा गिरने से बचने के लिए अपने दोनों हाथ राज की गर्दन के आस-पास डाल लेती है। इस वक्त राज और नेहा के चेहरे आमने सामने थे। राज अब नेहा का पेटीकोट एक हाथ से उठाकर जाने लगता है, नेहा को उठाए हए। नेहा राज की तरफ हैरानी से देख रही थी।

राज रूम में पहुँचकर नेहा का पेटीकोट वहां पर फेंकता हैं और वापस बाहर जाने लगता है। बाहर पहुँचकर वो घर की तरफ जाने लगता है। नेहा अब डर जाती हैं। वो और राज दोनों बिल्कुल नंगे और ऊपर से नेहा की चूत में राज का लण्ड अभी भी था। इस घर की खूबसूरत बह इस वक्त बिल्कुल नंगी एक काले बूढ़े ट्रक हाइका से लिपटी हुई और वो भी इसी घर के मुख्य दरवाजे पर।

नेहा- प्लीज़.. ऐसा मत करो, नीचे उतारों मुझे।

राज- नहीं मेरी जान... मैं तो मेरी गर्लफ्रेंड को चोद कर ही आऊँगा।

नेहा- बिल्कुल नहीं। उतारो मुझे।

राज- अरे फिकर क्यों करती है? इतनी रात को कोई नहीं होगा।

नेहा- मुझे डर लग रहा है प्लीज़्ज़... नीचे उतारो मुझ।

राज- अच्छा ठीक है तेरा दूर दूर करने का मेरे पास एक आइडिया हैं।

नेहा- क्या?

राज अब मुख्य दरवाजे से अंदर जाते हुए खड़ा हो जाता है, और नेहा की तरफ देखने लगता है। नेहा को कुछ समझ में नहीं आता की राज चाहता क्या है? राज अब नेहा के लाल होंठों के पास अपने काले गंदे होंठ ले जाता है, और अचानक फ्रेंच-किस करने लगता है।

नेहा को उम्मीद नहीं थी की राज ऐसा कुछ करेगा। राज उसके नरम होंठों को चूसे जा रहा था भले वो साथ जा दे रही हो। अब राज नेहा को किस करते हुए चलने लगता है। लण्ड जो तब से नेहा की चूत में घुसा हुआ था। अब राज नेहा को अपने लण्ड पर ऊपर-नीचे करते हुए चलने लगता है।

जरा सोचिए क्या इश्य होगा? एक जवान खूबसूरत औरत को एक काला गंदा बूटा फ्रेंच-किस करते हुए चोदते हुए जा रहा है। सौदियों तक पहुँचने के बाद राज किस तोड़ता है। नेहा राज को देखने लगती है उसके गले में हाथ डाले हुए।

राज- "यहाँ तक तो डर नहीं लगा ना मेरी जान? अब थोड़ा बाकी है। लेकिन अब मेरे होंठ दख रहे हैं इसलिए अब तू मुझे किस करना मेरी बुलबुल..."

नेहा किस की बात पर शर्मा जाती हैं।

राज अब एक धक्का नीचे से लगाकर- "अब शर्माना बंद कर और मुझे किस करना शुरू कर.'

नेहा राज की तरफ देखकर जा में सिर हिलाती हैं।
 
राज अब एक धक्का नीचे से लगाकर- "अब शर्माना बंद कर और मुझे किस करना शुरू कर.'

नेहा राज की तरफ देखकर जा में सिर हिलाती हैं।

राज-कर ना मेरी जान।

नेहा- नहीं।

राज- ठीक है। अब देख मैं तुझे यहीं पर कैसे चोदता हूँ?

नेहा जानती भी अगर राज यहां शुरन हो गया तो उसकी चीखें सब घर वाले सुन लेंगे।

नेहा- "नहीं प्लीज.."

राज- तो फिर किस कर मुझे।

नेहा के पास कोई विकल्प नहीं था। लेकिन वा शर्मा रही थी। खुद इस काले बढ़े हाइवर को किस करने में। नेहा ने कहा- "मुझसे नहीं होगा..."

राज. "लगता है तू ऐसे नहीं मानेगी?" फिर राज नीचे से तेज धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "आअहह... सको अहह... दर्द हो रहा है अहह...

नेहा अब कुछ नहीं कर सकती थी। उसकी चीखें भी बढ़ रही थी। नीचे से जोरदार धक्के लग रहे थे। राज दूसरी तरफ देख रहा था। नेहा ये भी जानती भी की वो ज्यादा देर चौखें बगैर नहीं रह पाएगी। कोई रास्ता ना दिखता देखकर वो राज को देखती है और उसका चेहरा अपने हाथों से अपनी तरफ करती है। फिर वो उसके बदसूरत चेहरे को देखते हुए उसके गंदे काले होंठों की तरफ अपने लाल नरम होंठ बढ़ाती है। धीरे-धीरे आगे बढ़ कर उसके लाल होंठ राज के काले गंदे होंठों को छू लेते हैं, और वो किस करने लगती है।

आहा... क्या इश्य है। नेहा जो कभी इस युद्धे को भला बुरा बोलती भी, उसी बढे को किस कर रही थी। एक काले बढ़े गंदे ड्राइवर को इस बड़े घर की खूबसूरत जवान बह खुद अपनी मर्जी से किस कर रही थी। राज एकदम खुश हो जाता है। राज अब धीरे-धीरे धक्के लगाते हर सीढ़ियां चढ़ने लगता है।

नेहा उसको किस कर रही थी और राज नेहा की चूत मारते हए ले जा रहा था। जहा की गोरी होलियां राज के बदसूरत चेहरे को पकड़े हुए थी। नेहा राज के काले गंदे होंठों को अपने लाल नरम होंठों से चूस रही थी। एक काले बूढ़े ड्राइवर को नेहा चूम रही थी। चढ़ते-चढ़ते राज नेहा के रूम के बाहर पहुँच जाता है।

नेहा को इस बात ही खबर ही नहीं थी की उसका रूम आ गया है। वो तो बस राज को किस किए जा रही थी। राज भी मजे के साथ उसे रोकने की जरा भी कोशिश नहीं करता। राज अब नेहा को लेकर उसके रूम में चला जाता है। अंदर विशाल बेड पर आराम से सो रहा था, गहरी नींद में। उसको क्या पता को उसकी बीवी की क्या हालत कर चुका है उसी के फैक्टरी का काला बट्टा ड्राइवर। अब इस वक्त उसकी बीवी खुद उसी बूढ़े को किस कर रही है। राज गम में पहुँचते ही धक्के लगाने बंद कर दिए थे। लोकल नेहा को कुछ भी खयाल नहीं था।

राज मन में- "साली इस वक़्त बहुत गरम हैं। लगता हैं साली को एक बार और चोदना पड़ेगा। इसको तो मैं अब इसके पति के आज में ही चोदूंगा..."

राज अब नेहा को बेड के पास लेजाकर उसे बेड पर लिटा देता है और खुद भी उसके ऊपर आ जाता है। इस बीच नेहा का किस जारी था। लेकिन नेहा ने बेड का अहसास होते ही किस तोड़ दिया और साइड में देखने लगी।

और अपने पति को देखकर हैरान रह गई। राज उसके ऊपर आ। अब बी राज को देखते हुए उसको अपने ऊपर से हटाने लगी।

राज को भी इस बार जबदस्ती करना ठीक नहीं लगा। इसलिए वो अपना काला लण्ड नेहा की गुलाबी चूत में से निकलते हए उसके ऊपर से हट गया। नेहा जल्दी से उठकर बाथरूम की तरफ भागने लगी। वो बाथराम के पास पहची ही थी की राज उसका गोरा हाथ पकड़ लेता है।

राज- "रुक जा मेरी जखने वाली, एक किस तो देती जा..."

नेहा किस की बात से शर्मा जाती है- "प्लीज़... जाने मारते मुझे राज... और तुम भी यहाँ से चले जाओ..."

राज. चला जाऊँगा। पहले अपने इस बूढ़े बायफ्रेंड को एक किम तो दे दे।

नेहा शर्म से लाल हो गई थी यू बढ़ा बायड बोलने से- "छोड़ो ना...' बोलकर वो राज के हाथ से अपना हाथ
छुड़ाकर भाग जाती है बाथरुम ।

राज अपना लण्ड मसलते हए- "हाय मेरी जान... मजा आ गया तेरे साथ। अब तो तू सिर्फ मेरी है, और किसी को भी नहीं." फिर राज पलट कर जाने लगता है। तभी वो रुक कर विशाल की तरफ देखकर उसकी चादर पर भूकता है, और कहता है- "साला नामर्द कहीं का। मेरी गर्लफ्रेंड से दूर ही रहना तू.."

विशाल इतनी गहरी नींद में था की उसे कुछ पता नहीं चला। फिर राज चला जाता हैं नौकर क्वार्टर्स में और
सो जाता है।

इधर हा फ्रेश होकर एक नाइट सूट पहनकर लेट जाती है बेड पर। नेहा मन में सोचती है- "ये क्या हो गया मुझसे? उस गंद बदा ड्राइवर के साथ छी.... कहीं-कहीं उसने मेरे साथ किया और में भी कैसे पागलों की तरह उस गंदे आदमी को किस कर रही औ? छी..." यही सब सवाल नेहा की मन में आ रहे थे। फिर उसे जल्द ही लौंद
आ जाती है और वो सो जाती हैं।
 
अगली सुबह नेहा देर से उठती है। कल रात की चुदाई के बाद उसे अच्छी नींद आई थी। चुदाई एक बूटे ड्राइवर के साथ। उसकी नींद खुलते ही उसे अपनी चूत में दर्द महसूस हो रहा था। जो गवाह था कल रात की मस्त चुदाई का जो कीम ने की औ। वो साइड में देखती है की विशाल नहीं है। दर्शल विशाल आफिस जा चुका था। नेहा उठकर फ्रेश हो जाती हैं। फिर नीचे चली जाती है। नेहा नाश्ता करने बैंठी ही थी की इधर उसकी सास आ जाती है।

सावित्री "अरे बह, वो विशाल बोल रहा की नेहा को बता देना की शाम में उसके किसी दोस्त की शादी में जाना है, तुम दोनों को."

नेहा- शादी में मौजी?

नेहा- ठीक है मौंजी।

चली जाती है रूम में। उसको कल रात की बातें याद आ रही थी- "कैसे मैंने कल उस गंदे बड़े के साथ छो... ये मुझसे क्या हो गया? इतना प्यार करने वाला पति होते हुए भी मैंने छो... कैसे उस गंदे ब्ढे की बातों में में आ गई। बस बहुत हो गया। मैं उसको फिर मेरे पास नहीं आने देंगी..."

अपना मन बहलाने के लिए वो राज को अनदेखा कर रही थी। लेकिन कब तक? देखते हैं।

नेहा- "शाम को शादी में जाना है। विशाल को फोन कर लेती हूँ.." फिर नेहा काल लगाती है उसको।

विशाल- ही बोलो ?

नेहा- किसकी शादी में जाना है शाम में?

विशाल- अरे हाँ । वो मेरा एक दोस्त है, उसी की शादी में। तुम शाम को तैयार रहना। में जल्दी आ जाऊँगा।

नेहा- लोकल विशाल जाना जरूरी है क्या?

विशाल- ही डालिंग। वो मेरा खास दोस्त हैं जाना तो पड़ेगा जा।

नेहा- ठीक है जल्दी आना घर।

विशाल- ठीक है आ जाऊँगा।

नेहा- बाइ।

विशाल- बाइ।

काल खतुम करके नेहा लेट जाती है बेड पर। शाम में नेहा विशाल का इंतजार कर रही थी। वो तैयार हो चुकी भी। एक मस्त बैंकलेस ब्लाउज़ साड़ी पहनकर। एकदम परी लग रही थी वो। विशाल भी थोड़ी देर बाद आ जाता है रूम में।

विशाल- अरे वाह... क्या कहर ढा रही हो। क्या इरादा है मेरी जान का?

नेहा- आप भी जा... जाकर तैयार हो जाइए।

विशाल- तुम्हें देखकर कपड़े पहनने का नहीं, कपड़े उतारने का मन कर रहा है।

नेहा- बस कौजिये। देरी नहीं हो रही क्या? तैयार हो जाइए।

विशाल- अच्छा बाबा अभी आता हूँ तैयार होकर।

थोड़ी देर बाद विशाल तैयार हो जाता है। वो दोनों सादियां उतर कर लीचे जाने लगते हैं। तभी विशाल के मोबाइल पर काल आता है। विशाल उतरते हुए बात कर रहा था। काल खतुम कर देता है।

नेहा- किसका फोन था जान?

विशाल- नेहा वो एक प्रोबलम हैं।

नेहा- क्या?

विशाल- बो हमारे आफिस के ड्राइवर की तबीयत कुछ ठीक नहीं है। इसलिए वो नहीं आ सकता।

नेहा- ड्राइवर की क्या जररत है विशाल। हम दोनों ही चले जाते हैं ना। जररत

विशाल- तुम समझ नहीं रही हो। जहाँ हमें जाना है वो काफी दूर है। रास्ता बहुत लम्बा और ऊपर से लाइट ड्राइब करना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए ड्राइवर चाहिए।

नेहा- तो अब?

विशाल- "रुको में कुछ सोचता है..." और विशाल को सोचते हुए कुछ खयाल आता है- "नेहा तुम यहीं रुको मैं
आता हूँ.." कहकर विशाल बाहर चला जाता है।

नेहा वहीं नीचे हाल में रुक कर इंतजार कर रही थी। थोड़ी देर में विशाल वापस आता है।

विशाल- "चला नेहा, हाइका मिल गया."

नेहा- कौन?

विशाल- अरे वो है ना राज, हमारा फैक्टरी का ट्रक ड्राइवर। वैसे भी वी तबीयत ठीक नहीं है बोलकर पड़ा रहता हैं। बस पैसे चाहिए इनको बिना काम के। अब कुछ तो काम करेगा। वैसे भी इन ट्रक ड्राइस को लाइट ड्राइव का अच्छा अनुभव होता है। ले चलते हैं।
 
नेहा राज का नाम सुनकर एकदम चकित रह जाती हैं। कल जिसने उसको चोद-चोदकर बुरी हालत कर दी थी। अब वो उनके साथ जाएगा। नेहा बोली- "लेकिन विशाल वो ही क्यों? कोई और नहीं है क्या?"

विशाल- "अब किसी और को कहाँ से ला नेहा? और तुमको उससे क्या परेशानी है?"

नेहा मामला बिगड़ता देखकर- "मुझे कोई परेशानी नहीं है....

विशाल- चलो फिर चलते हैं।

दोनों मुख्य दरवाजे से होते हुए बाहर आते हैं। बाहर राज पैंट शर्ट में कार के पास खड़ा था। नेहा को देखकर राज मन में- "साली राण्ड क्या मस्त लग रही है? यकीन नहीं होता की इसी परी को मैंने कल चोदा था। क्या बड़ी-बड़ी चूचियां हैं। मस्त मजा आएगा इस सफर में..."

नेहा देख सकती भी की राज उसको घर रहा है। नेहा को बहुत घिन आ रही भी की कल इसी गंदे बट्टे ने उसको बेशमाँ की तरह चोदा था, और उसने खुद भी इस बटे को किस किया था।

राज नेहा को देखकर एक कमौनी स्माइल करता है।

नेहा जिसे देखकर विशाल का हाथ पकड़ लेती है।

विशाल- चलें?

नेहा- हाँ ।

फिर वो कार के पास जाते हैं। विशाल एक दरवाजा खोलकर बैठ जाता है। दूसरी तरफ से नेहा दरवाजा खोलने ही वाली भी की राज वहाँ पहुँचकर दरवाजा खोलता है। इस तरह एकदम से राज के आने से नेहा डर जाती है

और राज की तरफ देखने लगती है। राज उसे देखकर स्माइल कर रहा था।

राज- चलिए मेमसाहबा

राज जेंटलमैन की तरह बिहेव कर रहा था विशाल के सामने, ताकी उसको शक ना हो।

तभी उसकी साड़ी दरवाजे पर अटक जाती है। जिससे नेहा रुक जाती है। इस पोजीशन में राज के आगे नेहा की गाण्ड उभर कर दिख रही थी। राज का लण्ड तो वैसे भी खड़ा था नेहा को देखकर। राज अब नेहा की मदद करता है। साड़ी निकलते ही नेहा अंदर बैठने लगती है।

तभी राज उसकी गाण्ड पर हाथ फेरता है एक बार, जो विशाल नहीं देख पता। नेहा राज की तरफ घरजे लगती है। राज उसे स्माइल देकर दरवाजा बंद कर देता है। फिर वो ड्राइवर सीट पर बैठकर कार ड्राइवर करके गेट के बाहर चला जाता है। कार चल रही औ। अभी तक वा हाइवे पर नहीं आए थे। कच्चा रास्ता आ। कार ऊबड़-खाबड़ रास्त से जा रही थी। पीछे बैठे विशाल और नेहा बातें कर रहे थे।

राज अब् कार चलाते हुए मिरर से नेहा को देखने लगता है। पीछे का दृश्य देखकर उसका लण्ड तन जाता है। नेहा की बड़ी-बड़ी चूचियां उस साड़ी में उछल रही भी रास्ता खराब होने की वजह से। नेहा विशाल से बातें करने में बिजी थी।

राज की नज़र नेहा की चूचियों पर बार-बार जा रही थी। जिसे थोड़ी देर बाद नेहा भी नोटिस करती हैं। नेहा विशाल से बातें करते हुए कभी-कभी राज को गुस्से से घर रही थी। लेकिन वो कुछ कर भी नहीं सकती थी।

ोड़ी देर बाद कार हाइवे पर चढ़ जाती है। अब कार स्मभली चल रही थी। लेकिन राज की नजर नेहा से नहीं हट रही थी। कार में एसी ओन था। लेकिन राज और नेहा के बीच गर्मी का माहौल था। मिरर में राज नेहा का खूबसूरत चेहरा और उसकी बड़ी-बड़ी चचियां जो ब्लाउज़ में कैद थी देख रहा था। नेहा भी विशाल से बातें करते हुए कभी-कभी राज को घर रही थी। ऐसे ही एक घंटा गुज़र जाता है।

नेहा- विशाल कहीं सकते हैं ना.. मुझे भूख लगी है।

विशाल- "अच्छा ठीक है। कहीं होटेल दिखा तो रोक देंगे। अरे सुनो राज, कहाँ होटेल दिखे तो रोक देना.."
L

राज मिरर से पीछे देखते हुए. "ठीक है साहब..."

ऐसे ही शोड़ी देर बाद राज की एक दाबा दिख जाता है।

राज. साहब वो एक ढाबा नजर आ रहा है वहां रोक दूं क्या?

नेहा- " रोक दो....

विशाल- अरे राज कोई होटेल नहीं है क्या इधर?

राज- साहब अब यही होटेल मिलना बहुत मुश्किल है। टावे ही मिलेंगे।

नेहा- लेकिन विशाल?

विशाल- जान अब क्या कर सकते हैं? चलते हैं जा। एक रोमटिक डिनर भी हो जायगा। क्या बोलती हो?

नेहा- ठीक है अब कर भी क्या सकते हैं?

विशाल हाँ , राज रोक दी।

राज टाबे पर गाड़ी रोक देता है। विशाल और नेहा उत्तरकर ढाबे पर चले जाते हैं। राज भी उतरकर सिगरेट पीने लगता है। वो दर से नेहा को देख रहा था। कल जो उसने नेहा की साथ किया था उसके बारे में सोच रहा था। तभी उसे दूर से विशाल उसके बुलाते हर दिखता है। राज सिगरेट फेंक कर वहीं चला जाता है। राज के उधर आते ही नेहा उसको देखने लगती है।

राज- हाँ साहब।

विशाल- अरे तुम भी कुछ खा लो।

राज- "साहब में खा लगा। आप लोग भी खा लो.." फिर राज काउंटर की तरफ जाने लगता है। तभी उसे नेहा
की आवाज आती है।

नेहा - "विशाल मुझे फ्रेश होना है.."

विशाल- ओहो... अब यहाँ कहाँ से? रुको में देखता हैं।

विशाल राज के पास जाकर- "अरे राज यहां पर कोई वाशरूम नहीं है क्या? नेहा को फ्रेश होना था.."

राज नेहा की तरफ कामुक नजर से देखते हुए- "मैं देखता है साहब आप किये... कहकर राज दावे के मालिक के पास जाकर बात करके वापस आता है।

राज- साहब, वो पीछे एक बाभरकम है।

विशाल- अच्छा।

विशाल- अरे नेहा पौछे एक बाथरूम हैं।

नेहा- ठीक है। आप भी चलिए मेरे साथ।

विशाल- अरे नेहा, तुम हो आओ। मैं यही रुकता हूँ। वैसे भी वहाँ कोई नहीं है।

नेहा- आप आइए ना।

विशाल- नेहा तुम जाकर आओ ना कितना टाइम लगेगा?

नेहा अब बिना कुछ बोले चली जाती है। पीछे गई तब वहाँ एक धीमी लाइट जल रही थी। एक लो लाइट बल्ब
था वहां। नेहा बिना मन में अंदर चली जाती हैं। अंदर बिल्कुल भी साफ जगह नहीं थी।

नेहा- "छी... कितना गंदा है यहां?"

उधर विशाल टेबल पर बैठा हुआ था। लेकिन वहां अब राज नजर नहीं आ रहा था। जी हाँ । राज नेहा के पोछे-पीछे चला गया था। नेहा अंदर गई हो भी की उसे बाहर किसी के आने की आवाज आती है।

नेहा- कौन है? विशाल?

वो आदमी कोई जवाब नहीं देता।

नेहा- मैंने कहा कौन है?

उस बाभगम के दरवाजे में लाक नहीं था। इसलिए अब नेहा ने दरवाजा अपने हाओं से बंद करके पकड़ा था। बाहर और कोई नहीं राज था। वो अब दरवाजा के पास आकर दरवाजा धकेलने लगता है। जिसपर नेहा डर जाती है।

नेहा- कौन है?

राज अब एक धक्का लगाता है जिससे दरवाजा खुल जाता है। नेहा लड़खड़ाती हुई ओड़ा पीछे हो जाती हैं।
राज- मेमसाहब अपने बायफ्रेंड को तो भूल ही आई बाहर?

नेहा- तुम... बेशर्म कहीं के यहाँ क्या कर रहे हो?

राज- अपनी गर्लफ्रेंड को देखने आया हूँ की उसे कुछ चाहिए तो नहीं?

नेहा- चुप रहो बूढ़े और यहाँ से जाओ।

राज- ऐसे नहीं मेरी जान एक किस तो दे दे। फिर मैं चला जाऊंगा।

नेहा- तुम पागल हो क्या? तुम निकलो बाहर। मैं वैसा कुछ नहीं करने वाली।

राज- अरे एक रात में ही बदल गई। कल रात तो मुझे मस्त होकर चूम रही थी। आज क्या हो गया?

नेहा कल की बात करते ही शर्म से लाल हो जाती है।

राज- क्या मेरी जान कुछ याद आया?

नेहा शर्म के मारे कुछ बोल नहीं पा रही थी, फिर कहा- "मुझे कुछ नहीं सुनना... बस तुम चले जाओ."

राज- एक पम्पी दे दे, फिर में चला जाता हैं।

नेहा मन में "बेशर्म बदा कहीं का, इसे हमेशा किस चाहिए.."

नेहा- बिल्कुल नहीं।

राज- फिर में यहां से नहीं जाने वाला।

नेहा- "ठीक है। मैं ही यहां से चली जाती हैं." बोलकर नेहा जाने लगती है।

तभी राज उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचता है। नेहा राज से अचानक एकदम चिपक जाती है आगे
से। नेहा राज को देखने लगती है, और राज भी।

राज- ऐसे नहीं मेरी जान।

अब राज अपना बदसूरत काला मैंह नेहा के करीब ले जाने लगता है। उस लो-लाइट में उसका मुँह और भी बदसूरत नजर आ रहा था। करीब पहुँचते ही नेहा अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती हैं। राज फिर भी अब नेहा के गले को चूमने लगता है। ची नेहा के गले पर छोटी-छोटी पप्नियां दे रहा था। अपनी भूक उसके गले पर छोड़ यहा आ।
 
विशाल को इस बात की खबर नहीं थी की उसकी खूबसूरत बीवी के साथ ये बूढ़ा ड्राइवर क्या-क्या कर रहा है?

इधर राज गले को चूमते हुए अब नेहा के पीछे से अपना हाथ उसकी पीठ पर फेरते हुए नीचे ले जाता है, और
गाण्ड को अपने दोनों हाथों से दबाने लगता है।

नेहा- नहीं प्लीज़्ज़... राज मत करो ऐसे।

राज- थोड़ा चुप रह जा।

राज नेहा की गाण्ड दबा रहा था और आगे से उसका लण्ड अब खड़ा हो चुका था। जो नेहा को चुभ रहा था अपनी चूत पर। जो अभी तक दुख रही थी कल की चुदाई के बाद। तभी राज पीछे से अपने हाथ से नेहा की गाण्ड के छेद पर उंगली फेरता है साड़ी के ऊपर से। अचानक नेहा राज को अपने से दूर करती है, और उसकी गुस्से से देखने लगती है।

राज- क्या हुआ मेरी बुलबुल?

नेहा- तुमको शर्म नहीं आती, अपनी बेटी को उमर की लड़की के साथ ऐसा करते हए?

राज- तेरी जैसी मेरी बेटी भी होती जा तो में उसे भी चाँद ही डालता।

राज की बात से ही नेहा को घिन आती है। नेहा मन में- "टा कहाँ का। ये अगर अपनी बेटी के साथ ये सब कर सकता हैं तो मेरे साथ तो क्या-क्या करेगा? लेकिन मुझे इस बूढ़े को ये सब नहीं करने देना चाहिए। ये गलत है। मैं मेरे प्यारे पति को धोखा नहीं दे सकती। लेकिन ये बड़ा बहुत जिद्दी है."

नेहा ये सब सोच हो रही थी की राज उसे पीछे से पकड़ लेता है, और उसकी नंगी गोरी कमर में अपने हाथ डालते हुए मजबूती से पकड़ लेता है।

नेहा- "आअहह... छोड़ो मुझे.."

नेहा अपने गोरे कोमल हाओं से राज के हाथों को हटाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन राज की ताकत के सामने उसकी कुछ नहीं चल रही थी। पीछे से नेहा को अपनी गाण्ड पर राज का खड़ा हुआ काला मोटा लण्ड चुभ रहा था, जो नेहा को कहीं ना कहीं मदहोश कर रहा था। लेकिन वो इन सबका विरोध करने की पूरी कोशिश कर रही थी। राज को रोकते हए उसके बाल उसके सौरभसूरत चेहरे पर बिखरे चुके थे। जिससे वो कयामत टा रही थी। जिस खूबसूरती को देखने के लिए लोग मरते हैं, आज वो एक काले बूढ़े गंदे ड्राइवर के हाथ में थी। राज नेहा के गले को पीछे से चूम रहा था। उसकी कमर में हाथ फेरते हुए वो अब हाथ ऊपर ले जाने लगता हैं। नेहा झट से अपने हाथ अपनी चूचियों पर रखती हैं। राज पीछे से स्माइल कर रहा था।

राज. मेरी जान अब अपनी चूचियां दबाने नहीं देगी क्या अपने आयफ्रेंड को?

नेहा- तुम मेरे बायफ्रेड नहीं हो समझे।

राज- "तू मान या ना मान, तू मेरी गर्लफ्रेंड जरूर है.." कहकर राज नेहा के हाथ के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाने लगता है। ऐसा लग रहा था जैसे राज नेहा के हाथों से ही उसकी चूचियां दबा रहा हो।

नेहा- "अह.. छोड़ कमीने.."

पीछे से राज नेहा की गाण्ड में अपना लण्ड रगड़ रहा था। नेहा के लिए कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा था। दो-दो तरफ से राज अटैक कर रहा था उसपर। थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद अब राज अपना हाथ नेहा की कमर से होते हुए नीचे ले जाता है और एकदम से उसकी चूत पर रख देता हैं साड़ी के कम से।

नेहा- आह्ह...

राज- क्या हो गया? दर्द है क्या? ओहो ये मेरा लण्ड भी ना... मेटी गर्लफ्रेंड को इतना दर्द देने की क्या जररत
थी?

नेहा शर्म से पानी-पानी हो रही औ। दाबे के आगे नेहा को इतना लेट होता देखकर विशाल पोछे जाने लगता है याधरकम की तरफ। वहाँ पहुँच कर।

विशाल- नेहा कितना देर कर रही हो?

विशाल की आवाज सुनकर नेहा डर जाती है। वो अब क्या करे? एक तो वो इस गंदे से आधरूम में राज जैसे बटे ड्राइवर के साथ और इस हालत में और ऊपर से उस बाथरूम के दरवाजा का लाक भी नहीं है। कहीं विशाल अंदर आ गया तो? नेहा के मशीने छूट गये थे इस बात।

राज नेहा के कान के पास जाकर- "अपने पति को यहाँ से भगा, वरना जानती है ना में क्या कर सकता है?"

नेहा डर जाती है। उसको कुछ सूझ नहीं रहा था।
 
नेहा डर जाती है। उसको कुछ सूझ नहीं रहा था।
विशाल- नेहा?

नेहा को मजबूरन बोलना पड़ा- "विशाल थोड़ी देर में अभी अती हूँ.."

तभी राज नेहा की चूत को एक बार पकड़ कर मसलता है सारी के ऊपर से हो। नेहा की चीख निकलने वाली भी की वो खुद अपने हाथ से अपना मैंह बंद कर लेती हैं। राज पीछे से स्माइल करता है। अब राज नेहा की चूत वैसे ही मसलने लगता है।

विशाल- नेहा ऐसा क्या तुम अंदर कर रही हो?

नेहा अपने आप पर बड़ी मुश्किल से कंट्रोल कर पा रही थी- "विशाल थोड़ी देर ला आहह.."

विशाल- क्या हुभा नेहा:

राज ने उसकी चूत में उंगली की थी इसलिए नेहा चीखी थी।

नेहा- "वो कुछ नहीं विशाल, एक चौटी ने काट लिया था।

विशाल- "ओह संभलकर। जल्दी आ जाना में उधर इंतेजार करता है, और पता नहीं ये राज कहीं चला गया?" फिर विशाल वहाँ से चला जाता है।

राज- मजा आया भेटी जान?

नेहा- "बेशर्म छोड़ो मुझे. नेहा गुस्से में बोलती है।

राज- नहीं छोडूंगा।

नेहा- तुम छोड़ते हो या मैं चिल्लाऊँ।

राज- "हाँ चिल्ला-चिल्ला। क्या बताएगी उनको की मैंने जबरदस्ती की? हाहाहा... मेरी जानेमन उनको ये भी बता देना की तू कल मुझसे चुद चुकी है.."

नेहा के पास कुछ जवाब नहीं था। वो मज़बूर थी। लेकिन उसे ये भी समझ में आ रहा था की राज का कंट्रोल उसके ऊपर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। अगर ऐसे ही रहा तो पता नहीं राज उसके साथ आगे क्या-क्या करेगा?

राज- मेरी जान त बस मजे ले जा।

नेहा- प्लीज़... राज छोड़ो मुझे। विशाल फिर से आ जाएगा।

राज- ठीक है छोड़ देता हूँ। एक चुम्मा दे दे मुझे, फिर चली जा।

नेहा- नहीं।

राज- "तू फिर रुक इधर हो। मैं तुझे नहीं छोड़ने वाला.." बोलकर वो इस बार नेहा की चूचियां दबाने लगता है।

नेहा- आहह... नहीं करो ऐसे प्लाज़्ज़... जाने दो मुझे।

राज उसकी चूचियां अच्छी तरह से मसल रहा था।

नेहा मन में. "मुझे जाना होगा यहां से। वरना अगर मैं इसके साथ यहीं रुकी पता नहीं क्या हो जायगा?"

नेहा- राज जाने दो ना मुझे।

राज- तो तू किस करने के लिए तैयार है?

नेहा को समझ में नहीं आ रहा था की क्या बोले? वो इस गंदे काले बदसूरत बढ़े को किस नहीं करना चाहती
भी। लेकिन मजबूरी उससे ये सब करवा रही औ।

राज- बोल हाँ या ना?

नेहा- तुम पहले छोड़ो मुझे।

राज नेहा को छोड़ देता है। नेहा थोड़ा राहत महसूस करती है। लेकिन उसे तो अब इस बड़े को किस करना था।
राज- हाँ तो चल शुरन हो जा। जल्दी कर वरना तेरा पति फिर से आ जाएगा।

नेहा के पास कोई विकल्प नहीं था। अब नेहा राज की तरफ देखने लगती है। उसे राज का बदसूरत चेहरा देखते ही घिन आती है। नेहा बोली- "मुझसे नहीं होगा."

राज- कल कैसे किया था, वैसे ही कर। कल तो तू चुद भी रही भी मुझसे और आज इतना शर्मा रही है।

नेहा अब अपनी आँखें बंद करके अपना खूबसूरत चेहरा आगे बढ़ाती है और राज के गाल पर चुम्मा देती है।

राज- ये क्या था? मैंने गाल पर नहीं कहा होंठों पर।

नेहा- प्लीज़्ज़... राज, मैं नहीं कर सकती ये।

राज. तुझे करना पड़ेगा मेरी जान। वरना में अब फिर से शुरू हो जाऊँगा और इस बार तुझे जाने ही नहीं दूंगा।

नेहा ये बिल्कुल नहीं चाहती थी। नेहा बोली- "ठीक है। लेकिन तुम अपनी आँखें बंद कर लो.."

राज- "जैसा तू कहे मेरी जान... कहकर राज अपनी आँखें बंद कर लेता है।

नेहा राज को देख रही भी। घिन आ रही थी उसे। लेकिन उसे किस तो करना ही आ। अब वो धीरे-धीरे अपने नरम गुलाबी होंठ राज के काले गंदे होंठों के पास ले जाती है। वो काफी नजदीक पहुँचती है। उसके होंठ राज को किस करने ही वाले से की विशाल की आवाज आती हैं।
 
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