desiaks
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रमेश ने उसके सामने फर्श पर थूका और रिया से बोला- चाट ले इसे। रिया एक पालतू कुतिया की तरह लपलपाती जीभ से बिना एक पल हिचके थूक चाट गयी।
रमेश- और चाटेगी?
रिया- भौं-भौं वुफ.. (जरूर जरूर, हां)।
रमेश ने उसके खुले मुंह में थूक दिया।
रिया उसे अमृत समझ कर निगल गयी।
रमेश- रिया माई बिच, हमारा फोन ले आओ।
आदेश पर रिया सुरेश का फोन अपने मुँह में उठा लाई. रिया की गांड को सहलाते हुए रमेश ने उससे फोन ले लिया. फिर रमेश ने रिया की कुछ तस्वीरें निकाली. रिया बिल्कुल कुतिया बनी हुई थी।
रमेश- तुम अब वापिस उठ सकती हो।
रिया उठकर रमेश के पास बैठ गयी।
फिर रमेश ने उससे पूछा- कैसा लगा रंडी बेटी ?
रिया- डैड आप बुरा तो नहीं मानोगे ना, या मुझे गलत तो नहीं समझोगे? मुझे गलत मत समझना। जो तुमने अभी किया उसमें मुझे बहुत मज़ा आया। आज तक मैंने ऐसे केवल ब्लू फिल्मों में देखा था.
रमेश- मैं बुरा क्यों मानूंगा? पगला गयी हो क्या? तुझे अगर मज़ा आया तो मुझे डबल मज़ा आया ये करने में।
रिया- मेरा हमेशा से इसी तरह चुदने का मन है। खूब गंदी चुदाई, गाली गलौच से भरी हुई चुदाई। आप मुझे एकदम घटिया सस्ती रंडी बनाकर चोदो। ऐसे चोदो कि कल सुबह मैं अपनी नज़रों से गिर जाऊं।
रिया- आप तो बहुत प्यार से चोदते हो। ना तो भद्दी भद्दी गालियां देते हो, ना मुझे जलील करते हो। मुझे अहसास दिलाओ कि मैं केवल चुदने के लिए ही बनी हूं. तुमने मुझे खरीद लिया है. अब मैं केवल तुम्हारे भोगने की चीज़ हूं. मेरे अंदर अपनी बेटी को नहीं एक कोठे की रंडी को देखो. आपको खुश …
बीच में टोकते हुए रमेश बोला- एक मिनट … एक मिनट … तुम ये सब जो बोल रही हो, सच में बोल रही हो ना? तुम सच में हमारी बेटी हो ना? मुझे नहीं पता था कि तुझे ऐसे चुदवाने का शौक है। अब तो बस तुम देखोगी कि मैं तुझे जलील करते हुए सस्ती रंडी बना कर चोदता हूं.
रिया- मुझे हमेशा से ऐसे ही चुदने का मन है। मगर शर्म से बोल नहीं पाती थी।
रमेश- अरे रंडी की बच्ची, चल अब शर्म को हमेशा के लिए टाटा बोल दो क्योंकि अब जो तुम्हारे साथ होगा उसमें तो शर्म को भी शर्म आ जायेगी। जा अपनी गंदी कच्छी ले आ और किचन से गिलास और खीर ले आओ।
गांड मटकाते हुए रिया चली गयी। रमेश अपने लण्ड को देखकर सोच रहा था कि क्या किस्मत है उसकी। रिया थोड़ी देर बाद वापस आ गयी। उसके हाथ में गंदी मैरून रंग की पैंटी थी। दूसरे हाथ में कटोरी में खीर और गिलास था।
रमेश- छिनाल सुन इधर सामने आ और अपनी बुर को फैला।
उसने रिया की गंदी पैंटी को उसकी चूत में घुसा दिया। उसके बाद उसने रिया को पीछे घोड़ी बनने को बोला।
रिया तुरंत घोड़ी बन गयी और पीछे मुड़कर बोली- क्या करने वाले हो?”
रमेश- चल अपनी गांड को फैला. तुम्हारी गांड में ये सारी खीर जायेगी.
रिया उत्साहित होकर- क्या??
रमेश- हाँ, सही सुना तुमने। चलो फैलाओ।
रिया ने वैसा ही करते हुए कहा- ये लो।
रमेश ने धीरे धीरे एक एक चम्मच करके सारी खीर रिया की गांड में ठूंस दी.
रमेश- और चाटेगी?
रिया- भौं-भौं वुफ.. (जरूर जरूर, हां)।
रमेश ने उसके खुले मुंह में थूक दिया।
रिया उसे अमृत समझ कर निगल गयी।
रमेश- रिया माई बिच, हमारा फोन ले आओ।
आदेश पर रिया सुरेश का फोन अपने मुँह में उठा लाई. रिया की गांड को सहलाते हुए रमेश ने उससे फोन ले लिया. फिर रमेश ने रिया की कुछ तस्वीरें निकाली. रिया बिल्कुल कुतिया बनी हुई थी।
रमेश- तुम अब वापिस उठ सकती हो।
रिया उठकर रमेश के पास बैठ गयी।
फिर रमेश ने उससे पूछा- कैसा लगा रंडी बेटी ?
रिया- डैड आप बुरा तो नहीं मानोगे ना, या मुझे गलत तो नहीं समझोगे? मुझे गलत मत समझना। जो तुमने अभी किया उसमें मुझे बहुत मज़ा आया। आज तक मैंने ऐसे केवल ब्लू फिल्मों में देखा था.
रमेश- मैं बुरा क्यों मानूंगा? पगला गयी हो क्या? तुझे अगर मज़ा आया तो मुझे डबल मज़ा आया ये करने में।
रिया- मेरा हमेशा से इसी तरह चुदने का मन है। खूब गंदी चुदाई, गाली गलौच से भरी हुई चुदाई। आप मुझे एकदम घटिया सस्ती रंडी बनाकर चोदो। ऐसे चोदो कि कल सुबह मैं अपनी नज़रों से गिर जाऊं।
रिया- आप तो बहुत प्यार से चोदते हो। ना तो भद्दी भद्दी गालियां देते हो, ना मुझे जलील करते हो। मुझे अहसास दिलाओ कि मैं केवल चुदने के लिए ही बनी हूं. तुमने मुझे खरीद लिया है. अब मैं केवल तुम्हारे भोगने की चीज़ हूं. मेरे अंदर अपनी बेटी को नहीं एक कोठे की रंडी को देखो. आपको खुश …
बीच में टोकते हुए रमेश बोला- एक मिनट … एक मिनट … तुम ये सब जो बोल रही हो, सच में बोल रही हो ना? तुम सच में हमारी बेटी हो ना? मुझे नहीं पता था कि तुझे ऐसे चुदवाने का शौक है। अब तो बस तुम देखोगी कि मैं तुझे जलील करते हुए सस्ती रंडी बना कर चोदता हूं.
रिया- मुझे हमेशा से ऐसे ही चुदने का मन है। मगर शर्म से बोल नहीं पाती थी।
रमेश- अरे रंडी की बच्ची, चल अब शर्म को हमेशा के लिए टाटा बोल दो क्योंकि अब जो तुम्हारे साथ होगा उसमें तो शर्म को भी शर्म आ जायेगी। जा अपनी गंदी कच्छी ले आ और किचन से गिलास और खीर ले आओ।
गांड मटकाते हुए रिया चली गयी। रमेश अपने लण्ड को देखकर सोच रहा था कि क्या किस्मत है उसकी। रिया थोड़ी देर बाद वापस आ गयी। उसके हाथ में गंदी मैरून रंग की पैंटी थी। दूसरे हाथ में कटोरी में खीर और गिलास था।
रमेश- छिनाल सुन इधर सामने आ और अपनी बुर को फैला।
उसने रिया की गंदी पैंटी को उसकी चूत में घुसा दिया। उसके बाद उसने रिया को पीछे घोड़ी बनने को बोला।
रिया तुरंत घोड़ी बन गयी और पीछे मुड़कर बोली- क्या करने वाले हो?”
रमेश- चल अपनी गांड को फैला. तुम्हारी गांड में ये सारी खीर जायेगी.
रिया उत्साहित होकर- क्या??
रमेश- हाँ, सही सुना तुमने। चलो फैलाओ।
रिया ने वैसा ही करते हुए कहा- ये लो।
रमेश ने धीरे धीरे एक एक चम्मच करके सारी खीर रिया की गांड में ठूंस दी.