desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
मनीषा ने आज दो उंगलियों से मेरी गांड को चोदा था जिस वजह से मेरी गांड का छेद थोड़ा खुल गया था और शायद रोहन ने यह भी नोटिस कर लिया था।
लगातार चुदाई करने के साथ साथ उसने मेरी गांड के छेद पर थूक दिया और अपनी दो उंगलियों को थूक से गीला कर मेरी गांड में डालने लगा और उन्हें अंदर बाहर करने लगा।
पहले तो मुझे हल्का सा दर्द हुआ पर फिर दोनों उंगलियाँ आराम से मेरी गांड के अंदर बाहर होने लगी।
रोहन अब अपने लण्ड से मेरी चूत को चोद रहा था और उंगलियों से मेरी गांड को।
मैं अभी भी अपनी दोहरी चुदाई की मस्ती में चीख रही थी, मेरी चीखें रोहन को और उत्तेजित कर रही थी- ओह… ओह माँ… ओह माँ! आहह… हायय… चोद मुझे… चोद अपनी मम्मी को… ऐसे ही मेरे लाल… चोद चोद.. मेरी चूत! और ज़ोर से… और ज़ोर से… चोद अपनी माँ की चूत को रोहन…
रोहन भी अब मस्ती में पूरे जोश के साथ चोदते हुए बोला- आआहह हहहह… मम्मी… आपको तो मैं कभी चोदे बिना नहीं रह पाऊँगा… आहह… आप जैसी सेक्सी माँ जिसके पास हो वो बहुत ही खुशनसीब होगा।
‘मम्मी… उम्ममम्म… आहहहह… मेरे पूरे लण्ड को अपनी चूत में ले लो… आहह… आई… लव… यू… मेरी प्यारी मम्मी… आमुआहहह…’
इसी तरह थोड़ी देर चुदाई करने के बाद मेरा बदन फिर से अकड़ने लगा और मैंने अपने शरीर को टाइट कर लिया जिससे रोहन का लण्ड मेरी चूत के अंदर दबाव बनाने लगा और रोहन ने फिर जोरों से धक्के देना शुरु कर दिए।
वो अभी भी अपनी उंगलियों से मेरी गांड को चोद रहा था।
मैं अब फिर से झड़ने वाली थी तो उत्तेजना और दर्द के कारण चिल्लाने लगी- रुकना मत… रोहन… आआहहह… उफफफ्फ़… उफफफ्फ़… और अंदर तक… और ज़ोर से… चोद… मुझे… चोद मेरी चूत… चोद अपनी माँ की चूत… हे भगवान… हाए… हाए… उफफ्फ़… चोद अपनी माँ को… चोद डाल..
“हाय… मैं मरी… हा… हा… उफफ्फ़… कितना मोटा लण्ड है मेरे लाल का… लगा दे पूरा ज़ोर… मेरे बेटे… ऐसे ही चोद… उफ़फ्फ… मैं फिर से झड़ने वाली हूँ… मैं फिर से झड़ने वाली हूँ… रोहन..’
और फिर मेरे शरीर ने झटके देना शुरू कर दिए।
मैं झड़ने लगी!
तभी रोहन ने अपना लण्ड बाहर निकाला और मेरी चूत पर मुँह लगा दिया और मैं रोहन के मुंह में ही झड़ने लगी।
रोहन ने मेरा सारा पानी चाट चाटकर साफ कर दिया।
रोहन अभी तक नहीं झड़ा था तो वो फिर से मेरी चूत में लण्ड डालने लगा।
ज्यादा चुदाई के कारण मेरी चूत में दर्द होने लगा था और मैं थक भी गई थी तो मैंने रोहन से कहा- रोहन, अब नहीं मुझे दर्द हो रहा है प्लीज…
तो रोहन बोला- पर मम्मी, अभी तक मेरा हुआ नहीं है।
मैंने बोला- मैं तेरे लण्ड को चूस कर झड़ा देती हूँ।
पर वो मना करने लगा और बोला- मम्मी, मैं आपकी गांड में लण्ड डाल दूं?
रोहन के मुख से यह सुनकर मुझे आलोक के साथ मेरी गांड की चुदाई याद आ गई जब मैं दर्द से बिलबिला उठी थी और रोने लगी थी।
मैंने रोहन से बोला- नहीं, मुझे नहीं डलवाना तेरा लण्ड अपनी गांड में, बहुत दर्द होता है!
तो रोहन बोला- मम्मी, अगर आपको जरा भी दर्द होगा तो मैं लण्ड बाहर निकाल लूंगा और फिर आप मेरे लण्ड को मुंह में लेकर झड़ा देना।
रोहन ने मुझे बहुत समझाया पर मैंने उसे साफ मना कर दिया।
मेरे मना करने से वो नाराज़ हो गया तो मैंने उसे हाँ बोल दिया और उससे बोला अगर ज्यादा दर्द हुआ तो मैं गांड में लण्ड नहीं डलवाऊंगी।
रोहन ने मेरी बात मान ली और तैयार हो गया।
मैंने उसे हाँ बोल दिया और उससे बोला अगर ज्यादा दर्द हुआ तो मैं गांड में लंड नहीं डलवाऊंगी।
रोहन ने मेरी बात मान ली और तैयार हो गया।
मैंने रोहन को क्रीम लाने के लिए कहा तो वो उठकर क्रीम ले आया। फिर मैंने रोहन से मेरी गांड के छेद पर क्रीम लगाने को बोला। उसने ढेर सारी क्रीम अपनी उंगली से मेरी गांड के छेद के ऊपर और कुछ क्रीम अंदर भर दी।
वैसे तो रोहन का लंड बहुत गीला था पर फिर भी उसने अपने लंड को भी क्रीम से मल लिया।
अब रोहन बिल्कुल तैयार था पर मुझे बहुत डर लग रहा था।
मैं रोहन को फिर से याद दिलाते हुए बोली- रोहन, अगर दर्द हुआ तो फिर मैं नहीं करवाऊँगी।
तो रोहन बोला- मम्मी आप चिंता मत करो, मैं आपको बिल्कुल भी दर्द नहीं होने दूंगा।
रोहन ने मुझे उल्टा लिटा दिया और घोड़ी बनने का बोला तो मैं अपने दोनों हाथों को बेड पर रखकर घोड़ी बन गई।
मैंने डर के मारे अपने मम्मों और सर को भी बेड से चिपका दिया।
फिर रोहन उठा और मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए मेरी गांड से अपने लंड को टच करने लगा, फिर उसने अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर रख दिया।
मैं समझ चुकी थी कि आज मैं दर्द से तड़पने वाली हूँ, मेरी धड़कनें तेज होने लगी थी।
रोहन ने मेरी गांड के छेद को अपने दोनों हाथों से खींचकर फैलाया और फिर अपने लंड को हल्के से अंदर की तरफ धकेला।
मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मैंने अपने हाथों से अपनी गांड को पकड़ लिया।
लगातार चुदाई करने के साथ साथ उसने मेरी गांड के छेद पर थूक दिया और अपनी दो उंगलियों को थूक से गीला कर मेरी गांड में डालने लगा और उन्हें अंदर बाहर करने लगा।
पहले तो मुझे हल्का सा दर्द हुआ पर फिर दोनों उंगलियाँ आराम से मेरी गांड के अंदर बाहर होने लगी।
रोहन अब अपने लण्ड से मेरी चूत को चोद रहा था और उंगलियों से मेरी गांड को।
मैं अभी भी अपनी दोहरी चुदाई की मस्ती में चीख रही थी, मेरी चीखें रोहन को और उत्तेजित कर रही थी- ओह… ओह माँ… ओह माँ! आहह… हायय… चोद मुझे… चोद अपनी मम्मी को… ऐसे ही मेरे लाल… चोद चोद.. मेरी चूत! और ज़ोर से… और ज़ोर से… चोद अपनी माँ की चूत को रोहन…
रोहन भी अब मस्ती में पूरे जोश के साथ चोदते हुए बोला- आआहह हहहह… मम्मी… आपको तो मैं कभी चोदे बिना नहीं रह पाऊँगा… आहह… आप जैसी सेक्सी माँ जिसके पास हो वो बहुत ही खुशनसीब होगा।
‘मम्मी… उम्ममम्म… आहहहह… मेरे पूरे लण्ड को अपनी चूत में ले लो… आहह… आई… लव… यू… मेरी प्यारी मम्मी… आमुआहहह…’
इसी तरह थोड़ी देर चुदाई करने के बाद मेरा बदन फिर से अकड़ने लगा और मैंने अपने शरीर को टाइट कर लिया जिससे रोहन का लण्ड मेरी चूत के अंदर दबाव बनाने लगा और रोहन ने फिर जोरों से धक्के देना शुरु कर दिए।
वो अभी भी अपनी उंगलियों से मेरी गांड को चोद रहा था।
मैं अब फिर से झड़ने वाली थी तो उत्तेजना और दर्द के कारण चिल्लाने लगी- रुकना मत… रोहन… आआहहह… उफफफ्फ़… उफफफ्फ़… और अंदर तक… और ज़ोर से… चोद… मुझे… चोद मेरी चूत… चोद अपनी माँ की चूत… हे भगवान… हाए… हाए… उफफ्फ़… चोद अपनी माँ को… चोद डाल..
“हाय… मैं मरी… हा… हा… उफफ्फ़… कितना मोटा लण्ड है मेरे लाल का… लगा दे पूरा ज़ोर… मेरे बेटे… ऐसे ही चोद… उफ़फ्फ… मैं फिर से झड़ने वाली हूँ… मैं फिर से झड़ने वाली हूँ… रोहन..’
और फिर मेरे शरीर ने झटके देना शुरू कर दिए।
मैं झड़ने लगी!
तभी रोहन ने अपना लण्ड बाहर निकाला और मेरी चूत पर मुँह लगा दिया और मैं रोहन के मुंह में ही झड़ने लगी।
रोहन ने मेरा सारा पानी चाट चाटकर साफ कर दिया।
रोहन अभी तक नहीं झड़ा था तो वो फिर से मेरी चूत में लण्ड डालने लगा।
ज्यादा चुदाई के कारण मेरी चूत में दर्द होने लगा था और मैं थक भी गई थी तो मैंने रोहन से कहा- रोहन, अब नहीं मुझे दर्द हो रहा है प्लीज…
तो रोहन बोला- पर मम्मी, अभी तक मेरा हुआ नहीं है।
मैंने बोला- मैं तेरे लण्ड को चूस कर झड़ा देती हूँ।
पर वो मना करने लगा और बोला- मम्मी, मैं आपकी गांड में लण्ड डाल दूं?
रोहन के मुख से यह सुनकर मुझे आलोक के साथ मेरी गांड की चुदाई याद आ गई जब मैं दर्द से बिलबिला उठी थी और रोने लगी थी।
मैंने रोहन से बोला- नहीं, मुझे नहीं डलवाना तेरा लण्ड अपनी गांड में, बहुत दर्द होता है!
तो रोहन बोला- मम्मी, अगर आपको जरा भी दर्द होगा तो मैं लण्ड बाहर निकाल लूंगा और फिर आप मेरे लण्ड को मुंह में लेकर झड़ा देना।
रोहन ने मुझे बहुत समझाया पर मैंने उसे साफ मना कर दिया।
मेरे मना करने से वो नाराज़ हो गया तो मैंने उसे हाँ बोल दिया और उससे बोला अगर ज्यादा दर्द हुआ तो मैं गांड में लण्ड नहीं डलवाऊंगी।
रोहन ने मेरी बात मान ली और तैयार हो गया।
मैंने उसे हाँ बोल दिया और उससे बोला अगर ज्यादा दर्द हुआ तो मैं गांड में लंड नहीं डलवाऊंगी।
रोहन ने मेरी बात मान ली और तैयार हो गया।
मैंने रोहन को क्रीम लाने के लिए कहा तो वो उठकर क्रीम ले आया। फिर मैंने रोहन से मेरी गांड के छेद पर क्रीम लगाने को बोला। उसने ढेर सारी क्रीम अपनी उंगली से मेरी गांड के छेद के ऊपर और कुछ क्रीम अंदर भर दी।
वैसे तो रोहन का लंड बहुत गीला था पर फिर भी उसने अपने लंड को भी क्रीम से मल लिया।
अब रोहन बिल्कुल तैयार था पर मुझे बहुत डर लग रहा था।
मैं रोहन को फिर से याद दिलाते हुए बोली- रोहन, अगर दर्द हुआ तो फिर मैं नहीं करवाऊँगी।
तो रोहन बोला- मम्मी आप चिंता मत करो, मैं आपको बिल्कुल भी दर्द नहीं होने दूंगा।
रोहन ने मुझे उल्टा लिटा दिया और घोड़ी बनने का बोला तो मैं अपने दोनों हाथों को बेड पर रखकर घोड़ी बन गई।
मैंने डर के मारे अपने मम्मों और सर को भी बेड से चिपका दिया।
फिर रोहन उठा और मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए मेरी गांड से अपने लंड को टच करने लगा, फिर उसने अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर रख दिया।
मैं समझ चुकी थी कि आज मैं दर्द से तड़पने वाली हूँ, मेरी धड़कनें तेज होने लगी थी।
रोहन ने मेरी गांड के छेद को अपने दोनों हाथों से खींचकर फैलाया और फिर अपने लंड को हल्के से अंदर की तरफ धकेला।
मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मैंने अपने हाथों से अपनी गांड को पकड़ लिया।