hotaks444
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जिस्म की प्यास--18
गतान्क से आगे……………………………………
आज उसने ठान ली थी कि वो हॉलो मॅन को मिलने के मना लेगी.... कुच्छ 11 बजे तक जब फोन की घंटी बजी तो शन्नो
ने जल्दी से फोन उठाया,..
"हेलो मॅम..... इतनी बेताब थी मेरी आवाज़ सुनने के लिए" हॉलो मॅन अपनी अजीब सी आवाज़ में बोला
शन्नो ने कुच्छ देर तक उसे एहसास दिलाया कि उसकी जिस्म की प्यास ऐसे नही मिट रही है और वो उससे मिलना चाहती है...
हॉलो मॅन ये सारी बात सुनके हँसने लगा जिससे शन्नो को बहुत बुरा लगा... उसके अगले ही सेकेंड घर की घंटी बजी और
ललिता घबरा के बोली "सुनो थोड़ी देर में कॉल करना"
हॉलो मॅन बोला "दरवाज़ा खोलो तुम्हारे लिए तौफा है" शन्नो को लगा शायद हॉलो मॅन ही उसे मिलने के लिए आया है....
वो धीरे धीरे दरवाज़े की तरफ बढ़ी और उसे खोलके देखा तो वहाँ 4 लड़के खड़े हुए थे.... हॉलो मॅन ने कहा
"ये तुम्हारी जिस्म की प्यास मिटाने के लिए है... चारो ने अभी तक किसी लड़की को छुआ तक नही है...
इन्हे खुश करदो और मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर दूँगा.... और इनको मैने तुम्हे मेरी बीवी बताया है"
वो चारो लड़को की नज़र शन्नो के पैरो की तरफ थी यानी कि के ज़मीन पर... वो चारो शन्नो से नज़र मिलाने में भी
घबरा रहे थे... सब चेतन की उम्र के जितने ही लग रहे थे.... चारो ने चस्मा पहेन रखा था... बाल चिपके हुए थे...
और एक साधारण सी शर्ट पॅंट में थे... सब ज़िंदगी से हारे हुए या तो फिर किताबी कीड़ा लग रहे थे....
उनमें से सबसे आगे खड़ा हुआ लड़का घबराके बोला "क्या आप ही शन्नो जी है"
शन्नो बोली "अंदर आ जाओ"
चारो लड़के एक के बाद एक घर के अंदर आ गये और शन्नो ने घर के दरवाज़े पर कुण्डी लगा दी....
शन्नो ने उस वक़्त अपनी हाफ बाजू वाली नीली नाइटी ही पहेन रखी थी... वो चलके उन्न चारो लड़के के सामने खड़ी हो गई... चारो की हिम्मत नही हो रही थी कुच्छ कहने की या पहले शुरुआत करने की.... शन्नो नीचे झुकी और अपनी नाइटी को
पकड़के उतार दिया... उसकी गोरा फूला हुआ जिस्म सिर्फ़ सफेद कॉटन वाली ब्रा और पैंटी से छुपा हुआ था.....
उसके बाल खुले हुए उसकी पीठ से लगे हुए थे... चारो लड़को का गला सूख गया थी इस चुदाई की देवी को देख कर...
उसने अपना एक हाथ पीछे बढ़ाया ब्रा के हुक्स खोलने के लिए और उनको खोलने के बाद उसकी ब्रा ने उसके 38डी मम्मो
को इन्न चार लड़को के सामने खुला छोड़ दिया... मम्मो को देख कर ये चारो लड़के छोटे बच्चो की तरह दूध
पीने के लिए शन्नो के उपर चढ़ गये.... किसी ने शन्नो की जाँघ को पकड़ रखा था तो किसी ने उसकी कमर को...
मगर चारो ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली हुई थी ताकि वो शन्नो के तरबूज़ वाले बदन को चख सके....
चार चार ज़ुबाने शन्नो के बदन पे छूटती हुई शन्नो मस्ती में झूल गई मस्त हो गयी.... फिर एक लड़के ने उत्साहित होकर
शन्नो की सफेद पैंटी को उतार दिया और शन्नो इन्न चारो लड़को के सामने नंगी खड़ी हुई थी....
चारो ने एक बाद अपने कपड़े उतार दिए और शन्नो के नंगे बदन से अपना नंगा बदन चिपकाने लगे...
"मैने इससे पहले कभी भी मम्मो को नही देखा" उनमें से एक लड़के ललिता के मम्मो को काटते हुए कहा
दूसरे ने बोला "सच में आज पहली बारी देख रहा हूँ और वो भी इतने बड़े.... इन्पे तो कोई पिल्लो बनाके सोसकता है..."
गतान्क से आगे……………………………………
आज उसने ठान ली थी कि वो हॉलो मॅन को मिलने के मना लेगी.... कुच्छ 11 बजे तक जब फोन की घंटी बजी तो शन्नो
ने जल्दी से फोन उठाया,..
"हेलो मॅम..... इतनी बेताब थी मेरी आवाज़ सुनने के लिए" हॉलो मॅन अपनी अजीब सी आवाज़ में बोला
शन्नो ने कुच्छ देर तक उसे एहसास दिलाया कि उसकी जिस्म की प्यास ऐसे नही मिट रही है और वो उससे मिलना चाहती है...
हॉलो मॅन ये सारी बात सुनके हँसने लगा जिससे शन्नो को बहुत बुरा लगा... उसके अगले ही सेकेंड घर की घंटी बजी और
ललिता घबरा के बोली "सुनो थोड़ी देर में कॉल करना"
हॉलो मॅन बोला "दरवाज़ा खोलो तुम्हारे लिए तौफा है" शन्नो को लगा शायद हॉलो मॅन ही उसे मिलने के लिए आया है....
वो धीरे धीरे दरवाज़े की तरफ बढ़ी और उसे खोलके देखा तो वहाँ 4 लड़के खड़े हुए थे.... हॉलो मॅन ने कहा
"ये तुम्हारी जिस्म की प्यास मिटाने के लिए है... चारो ने अभी तक किसी लड़की को छुआ तक नही है...
इन्हे खुश करदो और मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर दूँगा.... और इनको मैने तुम्हे मेरी बीवी बताया है"
वो चारो लड़को की नज़र शन्नो के पैरो की तरफ थी यानी कि के ज़मीन पर... वो चारो शन्नो से नज़र मिलाने में भी
घबरा रहे थे... सब चेतन की उम्र के जितने ही लग रहे थे.... चारो ने चस्मा पहेन रखा था... बाल चिपके हुए थे...
और एक साधारण सी शर्ट पॅंट में थे... सब ज़िंदगी से हारे हुए या तो फिर किताबी कीड़ा लग रहे थे....
उनमें से सबसे आगे खड़ा हुआ लड़का घबराके बोला "क्या आप ही शन्नो जी है"
शन्नो बोली "अंदर आ जाओ"
चारो लड़के एक के बाद एक घर के अंदर आ गये और शन्नो ने घर के दरवाज़े पर कुण्डी लगा दी....
शन्नो ने उस वक़्त अपनी हाफ बाजू वाली नीली नाइटी ही पहेन रखी थी... वो चलके उन्न चारो लड़के के सामने खड़ी हो गई... चारो की हिम्मत नही हो रही थी कुच्छ कहने की या पहले शुरुआत करने की.... शन्नो नीचे झुकी और अपनी नाइटी को
पकड़के उतार दिया... उसकी गोरा फूला हुआ जिस्म सिर्फ़ सफेद कॉटन वाली ब्रा और पैंटी से छुपा हुआ था.....
उसके बाल खुले हुए उसकी पीठ से लगे हुए थे... चारो लड़को का गला सूख गया थी इस चुदाई की देवी को देख कर...
उसने अपना एक हाथ पीछे बढ़ाया ब्रा के हुक्स खोलने के लिए और उनको खोलने के बाद उसकी ब्रा ने उसके 38डी मम्मो
को इन्न चार लड़को के सामने खुला छोड़ दिया... मम्मो को देख कर ये चारो लड़के छोटे बच्चो की तरह दूध
पीने के लिए शन्नो के उपर चढ़ गये.... किसी ने शन्नो की जाँघ को पकड़ रखा था तो किसी ने उसकी कमर को...
मगर चारो ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली हुई थी ताकि वो शन्नो के तरबूज़ वाले बदन को चख सके....
चार चार ज़ुबाने शन्नो के बदन पे छूटती हुई शन्नो मस्ती में झूल गई मस्त हो गयी.... फिर एक लड़के ने उत्साहित होकर
शन्नो की सफेद पैंटी को उतार दिया और शन्नो इन्न चारो लड़को के सामने नंगी खड़ी हुई थी....
चारो ने एक बाद अपने कपड़े उतार दिए और शन्नो के नंगे बदन से अपना नंगा बदन चिपकाने लगे...
"मैने इससे पहले कभी भी मम्मो को नही देखा" उनमें से एक लड़के ललिता के मम्मो को काटते हुए कहा
दूसरे ने बोला "सच में आज पहली बारी देख रहा हूँ और वो भी इतने बड़े.... इन्पे तो कोई पिल्लो बनाके सोसकता है..."