hotaks444
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खिड़की में से हल्की सी चाँद की रोशनी आ रही थी और शन्नो चेतन के चेहरे को देख कर और भी ज़्यादा घबडा गई...
उसके कदम वही रुके रह गये... चेतन बिस्तर से उठ कर उसकी तरफ बढ़ने लगा और शन्नो एक दम से मूडी और कमरे के बाहर जाने लगी... उसका एक कदम कमरे के बाहर जैसी ही पड़ा तभी उसका बदन उसके बेटे की गिरफ़्त में आ गया...
शन्नो ने घर आने के बाद कपड़े नही बदले थे... वो एक लाल हारे रंग के सलवार कुर्ते में थी जोकि गर्मी
के लिए बनाया गया था यानी के काफ़ी पतला कपड़ा था... उसके उपर जब चेतन अपना हाथ चला रहा था तो शन्नो को
वो अपने बदन पर ही महसूस हो रहा था.... शन्नो आधी कोशिश कर रही थी कि वो चेतन की पकड़ से निकल सके और
सच बात तो यह थी कि चेतन ने उसको बड़े प्यार से अपनी बाँहो में ले रखा था...
शन्नो की गर्दन को चूमते हुए वो बोला "मम्मी मुझे ज़बरदस्ती करना पसंद नहीं है"
ये कहकर उसने शन्नो को आज़ाद कर दिया मगर शन्नो वही खड़ी रही... शन्नो चेतन से नज़रे नहीं मिला पा रही थी
मगर उसने हल्के से पूछा "क्या मिल रहा है तुम्हे ये करके??" शन्नो अभी भी चेतन के बदन से कुच्छ फुट दूरी में थी.... चेतन बोला "मैने और मेरे दोस्तो ने अपनी एक टीचर को चोदा था... सच बोलू मुझे इस बारे में सोचना भी
पसंद नही था मगर जब मैने उसके बदन को पहली बारी नंगा देखा तो मेरे होश उड़ गये...
उस बदन पे लटक रहे तरबूज़ो को छुकर ही उनका रस पीने का मन कर गया.... उसकी चूत को चोद्ते हुए जो
खुशी मैने पाई वो मैं उस वक़्त ज़ाहिर नही कर सकता था...." इससे पहले कुच्छ और चेतन कह पाता शन्नो वहाँ से
चली गयी मगर चेतन ने उसे रोका नही वही खड़ा रहकर मुस्कुराता रहा....
शन्नो अपने कमरे में गयी और दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया.... उसका दिल अभी भी ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था....
वो सारे शब्द जो चेतन ने उसे कहें वो उसके दिमागे में घूम रहे थे... वो सोचने लगी कि मेरे बेटे ने अपनी
स्कूल की टीचर को भी चोद रखा है... मेरा बेटा कब इतना बड़ा हो गया पता ही नही चला...
ये सोचते सोचते उसका हाथ अपने आप सलवार के अंदर घुश गया और वो चौक गयी....
उसकी पैंटी चूत के पानी से गीली हुई पड़ी थी... उसे यकीन नही थाकि उसका बदन इस तरह हवस में डूबा
हुआ है कि उसके बेटे के छुने मात्र से ही उसका ये हाल हो गया है.... वो बिस्तर पे बैठी और अपने आप को शांत करने की कोशिश करती रही... उसको लगा कि अगर मैं अपने बदन को खुश कर पाई तो शायद मुझे किसी और की ज़रूरत ना हो...
उसके कदम वही रुके रह गये... चेतन बिस्तर से उठ कर उसकी तरफ बढ़ने लगा और शन्नो एक दम से मूडी और कमरे के बाहर जाने लगी... उसका एक कदम कमरे के बाहर जैसी ही पड़ा तभी उसका बदन उसके बेटे की गिरफ़्त में आ गया...
शन्नो ने घर आने के बाद कपड़े नही बदले थे... वो एक लाल हारे रंग के सलवार कुर्ते में थी जोकि गर्मी
के लिए बनाया गया था यानी के काफ़ी पतला कपड़ा था... उसके उपर जब चेतन अपना हाथ चला रहा था तो शन्नो को
वो अपने बदन पर ही महसूस हो रहा था.... शन्नो आधी कोशिश कर रही थी कि वो चेतन की पकड़ से निकल सके और
सच बात तो यह थी कि चेतन ने उसको बड़े प्यार से अपनी बाँहो में ले रखा था...
शन्नो की गर्दन को चूमते हुए वो बोला "मम्मी मुझे ज़बरदस्ती करना पसंद नहीं है"
ये कहकर उसने शन्नो को आज़ाद कर दिया मगर शन्नो वही खड़ी रही... शन्नो चेतन से नज़रे नहीं मिला पा रही थी
मगर उसने हल्के से पूछा "क्या मिल रहा है तुम्हे ये करके??" शन्नो अभी भी चेतन के बदन से कुच्छ फुट दूरी में थी.... चेतन बोला "मैने और मेरे दोस्तो ने अपनी एक टीचर को चोदा था... सच बोलू मुझे इस बारे में सोचना भी
पसंद नही था मगर जब मैने उसके बदन को पहली बारी नंगा देखा तो मेरे होश उड़ गये...
उस बदन पे लटक रहे तरबूज़ो को छुकर ही उनका रस पीने का मन कर गया.... उसकी चूत को चोद्ते हुए जो
खुशी मैने पाई वो मैं उस वक़्त ज़ाहिर नही कर सकता था...." इससे पहले कुच्छ और चेतन कह पाता शन्नो वहाँ से
चली गयी मगर चेतन ने उसे रोका नही वही खड़ा रहकर मुस्कुराता रहा....
शन्नो अपने कमरे में गयी और दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया.... उसका दिल अभी भी ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था....
वो सारे शब्द जो चेतन ने उसे कहें वो उसके दिमागे में घूम रहे थे... वो सोचने लगी कि मेरे बेटे ने अपनी
स्कूल की टीचर को भी चोद रखा है... मेरा बेटा कब इतना बड़ा हो गया पता ही नही चला...
ये सोचते सोचते उसका हाथ अपने आप सलवार के अंदर घुश गया और वो चौक गयी....
उसकी पैंटी चूत के पानी से गीली हुई पड़ी थी... उसे यकीन नही थाकि उसका बदन इस तरह हवस में डूबा
हुआ है कि उसके बेटे के छुने मात्र से ही उसका ये हाल हो गया है.... वो बिस्तर पे बैठी और अपने आप को शांत करने की कोशिश करती रही... उसको लगा कि अगर मैं अपने बदन को खुश कर पाई तो शायद मुझे किसी और की ज़रूरत ना हो...