hotaks444
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जिस्म की प्यास--16
गतान्क से आगे……………………………………
डॉली ने अपने हाथो से खुद अपनी पैंटी उतारी और राज को पकड़ा दी. डॉली ने अपनी टाँगों को चुपका दिया
क्यूंकी वो अपनी चूत को दिखाने में शर्मा रही थी... राज फिरसे अपने होंठो से डॉली को चूमने
लगा और डॉली अपनी टाँगें खोलने लगी... राज ने मौका देखकर ही अपनी ज़ुबान डॉली की
चूत की तरफ ले गया और उसे चाटने लगा. डॉली अपने दांतो से अपने होंठो को दबाने लगी.
उसने कभी नही सोचा था कि खुले आम एक गाड़ी में ऐसी हरकते करेगी.... वो चाहती थी ये कभी रुके ना
क्यूंकी राज इस चीज़ माहिर लग रहा था. इतना मज़ा तो उसको कभी अपने पुराने राज के साथ भी
नहीं आया था.... और उसके भाई के प्रति वो रातें हवस की वजह से थी सच्चे प्यार की वजह से नहीं.....
डॉली की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. राज अब और रुक नहीं सकता था उसने डॉली को अपनी बाँहों
में उठाया और अपने लंड पे बिठा दिया और उसके चोद्ने लगा. डॉली की जांघें राज की जाँघो पे थी और
उसकी गीली चूत राज के तने हुए लंड पर.... डॉली धीरे धीरे ऑश आहह करने लगी.
अब तक वो उतना समझ ही गयी थी कि एक मर्द को कैसे खुश करना है.... जब भी उसे मौका मिलता तो अपनी
कमर को हिलाने लगती जिससे राज का लंड उसकी चूत में गोल गोल घूमने लगता.... राज डॉली की हर्कतो से
काफ़ी ज़्यादा मचल गया और अब साथ ही साथ उसके मम्मो को भी सहलाने लगा. फिर राज ने
सीटो को पीछे कर दिया और डॉली को उठाकर सीट पे लिटा कर चोद्ने लगा. जैसे राज ने अपना लंड फिरसे
डॉली की चूत में डाला डॉली मस्ती में सिसकियाँ लेने लगी..... अब राज बुर्री तरह से लंड
अंदर बाहर करने में लगा था. डॉली दर्द के मारे पागल हुए जा रही थी. उसने अपने नाख़ून राज की गाड़ी की
सीट पे गढ़ा रखे थे और एक नाख़ून ने तो सीट के अंदर भी छेद बना दिया था....
डॉली ने अपने टाँग उठाई और राज के कंधो पे रख दी और फिर राज और ज़ोर से चूत को चोद्ने लगा....
राज को जैसे ही लगा कि वो और नहीं रुक पाएगा तो उसने अपना लंड निकाला और डॉली के मम्मो पे डाल
दिया और कुच्छ छीते उसके गाल पे भी आ गये. राज के बिना कहे ही डॉली ने राज को लंड को पकड़ा और
उसपे लगे हुए पानी को चाटकार सॉफ कर दिया.... वो रात उन दोनो की सबसे यादगार रात थी.
उसे कभी भी वो भुला नहीं सकते थे. राज ने अपने घर पहुचने के बाद अपना फोन देखा तो डॉली
ने मैसेज लिखा था कि "थॅंक्स माइ लव"
गतान्क से आगे……………………………………
डॉली ने अपने हाथो से खुद अपनी पैंटी उतारी और राज को पकड़ा दी. डॉली ने अपनी टाँगों को चुपका दिया
क्यूंकी वो अपनी चूत को दिखाने में शर्मा रही थी... राज फिरसे अपने होंठो से डॉली को चूमने
लगा और डॉली अपनी टाँगें खोलने लगी... राज ने मौका देखकर ही अपनी ज़ुबान डॉली की
चूत की तरफ ले गया और उसे चाटने लगा. डॉली अपने दांतो से अपने होंठो को दबाने लगी.
उसने कभी नही सोचा था कि खुले आम एक गाड़ी में ऐसी हरकते करेगी.... वो चाहती थी ये कभी रुके ना
क्यूंकी राज इस चीज़ माहिर लग रहा था. इतना मज़ा तो उसको कभी अपने पुराने राज के साथ भी
नहीं आया था.... और उसके भाई के प्रति वो रातें हवस की वजह से थी सच्चे प्यार की वजह से नहीं.....
डॉली की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. राज अब और रुक नहीं सकता था उसने डॉली को अपनी बाँहों
में उठाया और अपने लंड पे बिठा दिया और उसके चोद्ने लगा. डॉली की जांघें राज की जाँघो पे थी और
उसकी गीली चूत राज के तने हुए लंड पर.... डॉली धीरे धीरे ऑश आहह करने लगी.
अब तक वो उतना समझ ही गयी थी कि एक मर्द को कैसे खुश करना है.... जब भी उसे मौका मिलता तो अपनी
कमर को हिलाने लगती जिससे राज का लंड उसकी चूत में गोल गोल घूमने लगता.... राज डॉली की हर्कतो से
काफ़ी ज़्यादा मचल गया और अब साथ ही साथ उसके मम्मो को भी सहलाने लगा. फिर राज ने
सीटो को पीछे कर दिया और डॉली को उठाकर सीट पे लिटा कर चोद्ने लगा. जैसे राज ने अपना लंड फिरसे
डॉली की चूत में डाला डॉली मस्ती में सिसकियाँ लेने लगी..... अब राज बुर्री तरह से लंड
अंदर बाहर करने में लगा था. डॉली दर्द के मारे पागल हुए जा रही थी. उसने अपने नाख़ून राज की गाड़ी की
सीट पे गढ़ा रखे थे और एक नाख़ून ने तो सीट के अंदर भी छेद बना दिया था....
डॉली ने अपने टाँग उठाई और राज के कंधो पे रख दी और फिर राज और ज़ोर से चूत को चोद्ने लगा....
राज को जैसे ही लगा कि वो और नहीं रुक पाएगा तो उसने अपना लंड निकाला और डॉली के मम्मो पे डाल
दिया और कुच्छ छीते उसके गाल पे भी आ गये. राज के बिना कहे ही डॉली ने राज को लंड को पकड़ा और
उसपे लगे हुए पानी को चाटकार सॉफ कर दिया.... वो रात उन दोनो की सबसे यादगार रात थी.
उसे कभी भी वो भुला नहीं सकते थे. राज ने अपने घर पहुचने के बाद अपना फोन देखा तो डॉली
ने मैसेज लिखा था कि "थॅंक्स माइ लव"