hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
मेरा लंड माँ के भारी उठे हुए चूतडो की मतवाली थिरकन देख कर खड़ा हो गया और मै चुपके से बाथरूम के पीछे चला गया, माँ के भरे चूतङ मेरी तरफ थे तभी माँ ने अपने घाघरे को ऊपर चढ़ाया और जब मैंने माँ के चौड़े चौड़े मस्त चूतडो को देखा तो लगा पानी निकल जाएगा।
आज पहली बार मैंने माँ के गोरे गोरे चौड़े चौड़े चूतडो के दर्शन किये थे, माँ वही मुतने बैठ गई और रात के सन्नाटे में मुतने की तेज आवाज ने मुझे पागल कर दिया, माँ काफी देर तक मुतती रही फिर खड़ी होकर अपने घाघरे से चुत पोछती हुई बाहर आ गई।
मै वापस खटिया पर जाकर लेट गया, थोड़ी देर बाद गीतिका मेरे बगल में आकर बैठ गई और उसकी गुदाज गाण्ड मेरे कमर से टच होने लगी।
गीतिका : क्या भैया सो गए क्या।
कालू : अरे नहीं अभी कहा नींद आएगी, और बता तुझे तो शहर में अच्छा लगता होगा।
गीतिका : हाँ भैया बड़ा मजा आता है काश आप भी मेरे कॉलेज में होते तो मस्त मजा आता।
कल्लु : हाँ मजा तो आता लेकिन गांव में खेती का काम भी तो सम्भालना पड़ता है। इसीलिए तो मै पढने नहीं गया।
गीतिका : भैया रात को आप बाहर यही खटिया पर ही सोते हो क्या।
कालू : हाँ गर्मी में बाहर ठण्डी हवा में सोने का मजा ही कुछ और है।
गीतिका : भैया मै भी यही सो जाउ।
कालू : नहीं तू अंदर ही सो बाबा ग़ुस्सा होंगे, तभी गीतिका के मोबाइल पर कोई फ़ोन आया और वह बातें करने लगी और मै उसकी बात सुनने लगा।
आज पहली बार मैंने माँ के गोरे गोरे चौड़े चौड़े चूतडो के दर्शन किये थे, माँ वही मुतने बैठ गई और रात के सन्नाटे में मुतने की तेज आवाज ने मुझे पागल कर दिया, माँ काफी देर तक मुतती रही फिर खड़ी होकर अपने घाघरे से चुत पोछती हुई बाहर आ गई।
मै वापस खटिया पर जाकर लेट गया, थोड़ी देर बाद गीतिका मेरे बगल में आकर बैठ गई और उसकी गुदाज गाण्ड मेरे कमर से टच होने लगी।
गीतिका : क्या भैया सो गए क्या।
कालू : अरे नहीं अभी कहा नींद आएगी, और बता तुझे तो शहर में अच्छा लगता होगा।
गीतिका : हाँ भैया बड़ा मजा आता है काश आप भी मेरे कॉलेज में होते तो मस्त मजा आता।
कल्लु : हाँ मजा तो आता लेकिन गांव में खेती का काम भी तो सम्भालना पड़ता है। इसीलिए तो मै पढने नहीं गया।
गीतिका : भैया रात को आप बाहर यही खटिया पर ही सोते हो क्या।
कालू : हाँ गर्मी में बाहर ठण्डी हवा में सोने का मजा ही कुछ और है।
गीतिका : भैया मै भी यही सो जाउ।
कालू : नहीं तू अंदर ही सो बाबा ग़ुस्सा होंगे, तभी गीतिका के मोबाइल पर कोई फ़ोन आया और वह बातें करने लगी और मै उसकी बात सुनने लगा।