Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते - Page 21 - SexBaba
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Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते

ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की कलाई को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा. तो बिस्तर पर बैठी रज़िया बीबी एक दम दुबारा से ज़ाहिद के साथ ही बिस्तर पर जा गिरी.

अपनी अम्मी को अपने साथ बिस्तर पर लिटा कर ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के नंगे वजूद का सुबह की रोशनी में जायज़ा लिया.

तो ज़ाहिद का लंड भी सुबह सुबह अपनी अम्मी के फूले हुए बदन को अपनी आगोश में देख कर हल्के हल्के अपनी नींद से बे दार होने लगा.

अपनी अम्मी को अपने पहलू में लिटा कर ज़ाहिद जल्दी से अपने बिस्तर से उठ बैठा. और अपनी अम्मी को अपनी बाहों में खींचते हुए बोला “अपनी अज्दावगी ज़िंदगी की पहली नई सुबह मुबारक हो मेरी जान”

“आप को भी अपनी दूसरी शादी का पहला दिन मुबादक हो मेरे जानू” रज़िया बीबी ने भी ज़ाहिद के प्यार का जवाब प्यार से देते हुए कहा.

“सुखी मुबारक से काम नही चले गा, चलो जल्दी से अपना और मेरा मुँह मीठा करो मेरी जान” ज़ाहिद अपनी अम्मी के गोल गोल मम्मो को अपने हाथ से दबाते हुए कहा.

“सुबह सुबह मुँह मीठा केसे करूँ मेरी जान” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की बात ना समझते हुए पूछा.

“तुम मेरा लंड चूस कर अपना मुँह मीठा करो, और में तुम्हारी चूत को चाट कर अपना मुँह मीठा करूँगा बेगम” ये कहते हुए ज़ाहिद ने रज़िया बीबी का हाथ पकड़ कर अपने तने हुए लंड पर रख दिया.

ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के हाथ में अपना मोटा लंड थमाया. तो रज़िया बीबी ने जल्दी से अपने आप को ज़ाहिद की बाहों से अलग करते हुए अपनी नज़रें ज़ाहिद के मोटे लंड पर जमा दीं.

ये ज़ाहिद का वो ही मोटा,ताज़ा और सख़्त लंड था. जिस ने कल रात उस की अम्मी रज़िया बीबी का दम ही निकाल दिया था. जिस की वजह से रज़िया बीबी को अब अपनी चूत और गान्ड दोनो ही काफ़ी सूजी सूजी लग रही थी.

अपनी रात वाली चुदाई को याद करते ही रज़िया बीबी की चूत भी मचल उठी. और उस ने एक दम अपना सर झुका कर ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने मुँह में भर लिया.

ज़ाहिद के जवान लंड को मुँह में भर कर रज़िया बीबी की पेशवर गश्ती की तरह “शरप शरप” कर के अपने बेटे के सख़्त लंड की चुसाइ लगाने लगी.

“उफफफफफफफफ्फ़ मज़े दार्रर्र्र्र्र्र्र्र्ररर, हाईईईईईईईईईई ऐसे ही चाटूऊओ” अपने लंबे लंड की मोटी टोपी को अपनी वल्दा के गरम मुँह में आगे पीछे करते हुए बिस्तर पर पड़ा ज़ाहिद बुरी तरह सिसकारने लगा.

कुछ देर अपनी अम्मी से अपने लंड चुसवाने के बाद ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को बिस्तर पर सीधा लिटाया. और फिर ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की चूत को एक बार फिर चाट कर सुबह सुबह अपने मुँह भी मीठा कर लिया.

जब ज़ाहिद ने रज़िया बीबी की चूत को चाट चाट कर काफ़ी गीली कर दिया. तो ज़ाहिद बिस्तर पर लेटी रज़िया बीबी के जिस्म के पीछे आ गया.

अपनी अम्मी के जिस्म के पीछे आ कर ज़ाहिद ने रज़िया बीबी के जिस्म को थोड़ा तिरछा हो कर लेटने का कहा.

ज़ाहिद के कहने के मुताबिक रज़िया बीबी ज्यों ही बिस्तर पर करवट बदलते हुए एक साइड पर लेटी.

तो ज़ाहिद अपनी अम्मी से दुबारा बोला “ज़रा अपनी एक टाँग उठा कर अपनी चूत को मेरे लंड के लिए खोल दो बेगम”

“जो हुकम मेरे आका” रज़िया बीबी ने एक कनीज़ की तरह अपने मालिक का हुकम मानते हुए अपनी मोटी रान को एक हाथ से पकड़ कर हवा में उठा दिया.

रज़िया बीबी अपनी टाँग को कमरे की छत की तरफ उठाए हुई थी. कि ज़ाहिद ने एक दम से अपने मोटे लंड की फूली हुई टोपी को पीछे से रज़िया बीबी की चूत के मुँह पर रख दिया.

बिस्तर पर करवट वाले अंदाज़ में लेटी अपनी अम्मी के मोटे और सूजे हुए फुद्दे पर अपना लंड रखते ही ज़ाहिद ने रज़िया बीबी से पूछा “बेगम एक बार फिर पूरा डाल दूं अंदर.?”

“ये चूत अब तुम्हारी है, अब जैसे और जब चाहो इसे इस्तेमाल करो मेरे राजा”रज़िया बीबी ने भी अपने शोहार नमदार को मस्ती में जवाब दिया.

रज़िया बीबी के “हां” कहने की देर थी कि ज़ाहिद ने हल्का सा झटका दिया.



और ज़ाहिद का मोटा और लंबा लंड रज़िया बीबी की फूली हुई चूत में उतर गया.

ज्यों ही ज़ाहिद का साथ लंड अपनी बीवी रज़िया बेगम की चूत में गया.

तो मज़े की शिद्दत से अपनी टाँग पर रखे हुए हाथ पर रज़िया बीबी की गिरफ़्त कमजोर पड़ गई. जिस वजह से रज़िया बीबी की हवा में उठी हुई टाँग उस के हाथ से गिर कर रज़िया बीबी की दूसरी टाँग पर आ गई.
 
ज्यों ही ज़ाहिद का साथ लंड अपनी बीवी रज़िया बेगम की चूत में गया.

तो मज़े की शिद्दत से अपनी टाँग पर रखे हुए हाथ पर रज़िया बीबी की गिरफ़्त कमजोर पड़ गई. जिस वजह से रज़िया बीबी की हवा में उठी हुई टाँग उस के हाथ से गिर कर रज़िया बीबी की दूसरी टाँग पर आ गई.

रज़िया बीबी की दोनो टाँगे अब आपस में जुड़ जाने की वजह से रज़िया बीबी की मोटी चूत के लब भी आपस में मिल गये. जिस से रज़िया बीबी के मोटे फुद्दे का खुला हुआ मुँह एक दम से बंद हो गया.



रज़िया बीबी की चूत ज्यों ही तंग हुई तो ज़ाहिद को यूँ लगा जैसे किसी ने उस के मोटे लंड को पिंजरे में क़ैद कर लिया हो.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कल दोपहर से आज सुबह तक,तीन दफ़ा तुम्हारी इस फुद्दि को चोदने के बाद भी, मुझे ऐसे ही लग रहा है जैसे में किसी मेच्यूर औरत की नही, बल्कि बाली उमर की किसी कंवारी फुद्दि को चोद रहा हूँ,बेगौम्म्म्म्म्म्म”कहते हुए ज़ाहिद ने अपने लंड को बाहर खींचा. और फिर झटके के साथ दुबारा अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे में अपना लंड डाल कर अपनी बीवी अम्मी की फुद्दि मारने लगा.

रज़िया बीबी भी ज़ाहिद के मोटे लंड को पीछे से अपनी चूत में ज़ोर ज़ोर से आते जाते महसूस कर के मज़े से चीख पड़ी ”हाईईईईईईईई मर गैिईई,तुम्हारा ये लंड है या बिजली का खंबा.,मेरे गले तक उतर गया है, तुम्हारे इस लंड ने तो मुझे पागल बना दिया है,और चोदो अपनी बीवी को और ज़ोर से मेरे जवान खाविंद”

इस दौरान रज़िया बीबी की चूत का छेद ज़ाहिद के आगे पीछे होते हुए लंड को कभी अपनी गिरफ़्त में कस रहा था और कही छोड़ रहा था.

इधर ज़ाहिद और रज़िया बीबी ने सुबह सुबह अपनी आँख खुलते ही चुदाई स्टार्ट कर के अपनी नई आज़देवगी ज़िंदगी का आगाज़ कर दिया था.

तो दूसरी तरफ शाज़िया की आँख भी ज्यों ही खुली. तो वो भी अपने बिस्तर से उठ कर हाथ मुँह धोने के बाद ज़ाहिद के कमरे की तरफ चल पड़ी. ताकि वो जा कर अपनी अम्मी और ज़ाहिद से चाय पानी का पूछे.

इधर ज्यों ही शाज़िया अपने कमरे से बाहर निकली तो उसी दौरान रज़िया बीबी की चूत को चोदते ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की फुद्दि से अपने लंड को निकाला.और फिर बिस्तर से नीचे उतर कर पलंग पर बदस्तूर एक साइड पर लेटी रज़िया बीबी की मोटी गान्ड में अपने लंड को उडेल दिया.

ज्यों ही ज़ाहिद के मोटे लंड ने पीछे से रज़िया बीबी की भारी गान्ड की मोरी को चीरते हुए एक बार फिर अपनी अम्मी की मोटी गान्ड का मुँह खोला.



तो दर्द और स्वाद से लबरेज हो कर गान्ड की मोरी के साथ साथ रज़िया बीबी का मुँह भी खुद ब खुद खुलता चला गया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईई,कल से चोद चोद कर मुझे तो तुम ने अपने लंड का गुलाम ही बना डाला है, मेरी चूत और गान्ड के मलिक” अपने बेटे के जवान सख़्त लंड को अपनी गान्ड की गहराइयों में समेटे हुए रज़िया बीबी सिसकार उठी.

दूसरी तरफ अपने कमरे से निकल कर शाज़िया ज्यों ही ज़ाहिद के कमरे के नज़दीक आई. तो शाज़िया को चुदाई में मसरूफ़ अपनी अम्मी और ज़ाहिद भाई की सिसकियाँ बाहर ही सुनाई दे गई .

“ओहूऊओ ज़ाहिद आज तो मेरी चूत और गान्ड दोनो ही फाड़ कर रख दी हैं तुम ने,अब बस करो और जल्दी से अपना पानी निकाल दो तुम बेटा” दरवाज़े के नज़दीक आते ही शाज़िया को अपनी अम्मी की आवाज़ सुनाई दी.

“क्या गान्ड है आप की,दिल करता है पूरा दिन अपना लंड इस गान्ड में डाल कर पड़ा रहूऊऊओन मेरी जान” रज़िया बीबी की आवाज़ के साथ ही शाज़िया को अपने भाई ज़ाहिद का जवाब अपने कानों में सुनाई दिया. तो अपनी अम्मी और भाई की चुदाई की बातों को सुन कर शाज़िया समझ गई. कि उस की अम्मी और ज़ाहिद भाई ने सुबह सुबह अपना काम स्टार्ट कर दिया है.

ये बात सोचते ही शाज़िया की चूत भी गरम हो गई और उस ने फॉरन कमरे के बंद दरवाज़े पर नॉक कर दिया

“उफफफफफफ्फ़ शाज़िया को भी अभी ही आना था” दरवाज़े पर दस्तक सुनते ही ज़ाहिद को थोड़ा गुस्सा आ गया. और इसी गुस्से में उस ने अपनी अम्मी की गान्ड में ज़ोर दार झटका मारते हुए कहा.

“ये मत भूलो कि शाज़िया की वजह से ही में तुम्हारे साथ अपनी सुहाग रात मना रही हूँ,इसीलिए शाज़िया पर गुस्सा करने की बजाय,तुम्हें तो अपनी बहन का अहसान मंद होना चाहिए ज़ाहिद्द्द्द्द्दद्ड” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को गुस्से में आते देख कर समझाने की कोशिश की.

“हां कह तो आप ठीक रही हैं, में वाकई ही भूल गया था, कि आप की फुद्दि तक पहुँचने का रास्ता,मुझे मेरी प्यारी बहन ने ही दिखाया है ” अपनी अम्मी के समझाने की बदोलत ज़ाहिद का गुस्सा एक दम ठंडा पड़ गया.

इस के साथ ही ज़ाहिद ने अपना लंड रज़िया बीबी की गान्ड से बाहर निकाला. और फिर जा कर अपने कमरे का दरवाजा खोल दिया.

ज्यों ही अपने तने हुए लंड को हवा में लहराता हुआ ज़ाहिद बिस्तर से उठ कर दरवाजा खोलने गया.

तो इसी दौरान बिस्तर पर नंगी हालत मे रज़िया बीबी ने अपने मोटे नंगे जिस्म को ढँकने के लिए बिस्तर की चादर अपने वजूद पर ओढ़ ली.

इस के बावजूद कि रज़िया बीबी अपनी बेटी शाज़िया के साथ अपने लेस्भिअन ताल्लुक़ात कायम करने के बाद, अपनी जवान बेटी को ना सिर्फ़ अपने भारी जिस्म के हर हिस्से का दीदार करवा चुकी थी.

मगर फिर भी आज पूरी रात अपने बेटे की बाहों में बसर करने की वजह से रज़िया बीबी को अब शाज़िया का सामना करने में शरम सी महसूस होने लगी थी.

ज्यों ही ज़ाहिद ने कमरे का दरवाजा खोला. तो दोनो बहन भाई की नज़रें एक दूसरे के नग्न वजूद पर पड़ी.

एक दूसरे को यूँ अपने अपने कपड़ों से बेयनियाज़ एक दूसरे के सामने खड़े पा कर ज़ाहिद और शाज़िया के चेहरे पर मुस्कराहट फैल गई.

शाज़िया को कमरे में आने के रास्ता देने की खातिर ज़ाहिद दरवाज़े से हटा. तो अपने भाई के मोटे लंड पर अपनी नज़रें जमाए शाज़िया कमरे में एंटर हुई.

ज़ाहिद का लंबा,सख़्त लंड इस वक्त रज़िया बीबी की चूत और गान्ड के पानी से पूरी तरह तर हो कर पूरी आब-ओ-ताब के साथ ज़ाहिद की टाँगों के दरमियाँ फन फ़ना रहा था.

अपनी अम्मी के जिस्मानी जूस से पूरी तरह तर अपने भाई के जवान लंड को देखते ही शाज़िया की पहले से गरम चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया.

“लगता है इस लंड ने कल रात से अब तक अपनी नई बीवी की चूत और गान्ड के खूब मज़े लिए हैं, इसी लिए इस में इतना जोश और वलवला आया हुआ है जानुउऊुुुउउ” शाज़िया ने एक अदा से अपने शोहर भाई से कहा.



और इस के साथ ही शाज़िया नीचे बैठ कर अपने भाई के लंड से टपकते हुए अपनी अम्मी के जूस को अपनी ज़ुबान से सक करने लगी.

“उफफफफफफ्फ़ चाट खाओ अपनी सोतन की चूत और गान्ड का पानी अपने शोहर के लंड से मेरी पहली ज़ोज़ाआअ जानुउऊुुुुुउउ”
 
ज्यों ही शाज़िया की गरम ज़ुबान ज़ाहिद के तने हुए लंड के उपर नीचे फिरी. तो ज़ाहिद ने जोश में आते हुए अपनी पहली बीवी शाज़िया से फरमाइश की.



और फिर अपने कदमों में बैठी शाज़िया के मुँह में अपना लंड डाल कर अपनी बहन के मुँह को चूत समझते हुए शाज़िया के मुँह को तेज़ी से अपने बड़े लंड से चोदने लगा.

कुछ देर अपने भाई के लंड पर लगा अपनी अम्मी की गान्ड और चूत के पानी को चाट चाट कर सॉफ करने के बाद शाज़िया की नज़र बिस्तर पर चादर ओढ़े लेटी अपनी अम्मी पर पड़ी.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईई अपने नये यार से अपनी कंवारी गान्ड की सील खुलवाने के बाद, और रात भर अपने नये शोहर के लंड से मौज मस्ती करने के बाद, अब तुम क्यों इतनी सती सावित्री बन का लेट गई हो मेरी बानो” शाज़िया ने ज़ाहिद के लंड को अपने मुँह से निकाल कर बिस्तर पर लेटी अपनी अम्मी से बे तकल्लूफ होते हुए पूछा.

इस के साथ ही शाज़िया ज़ाहिद के कदमों में से उठी. और अपनी अम्मी के बिस्तर के करीब जा कर रज़िया बीबी के जिस्म पर पड़ी चादर को खैंच कर उतार दिया.

“ऐसा मत करो शाज़िया मुझे शरम आती है” ज्यों ही शाज़िया ने रज़िया बीबी के जिस्म से चादर उतारी. तो अपने नंगे मम्मो और चूत को अपने हाथों से छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए रज़िया बीबी चिल्ला उठी.

“हाईईईईईईईईई सदके जाऊं आप की इस ड्रामा बाज़ी के,अब छोड़ो ये सब और बताओ मुझे कि केसी रही आप की दूसरी सुहाग रात मेरे शोहर के साथ अम्मी जान” रज़िया बीबी के नाटक पर मुस्कराते हुए शाज़िया ने अपनी अम्मी को छेड़ा.

“में क्या बताऊ तुम खुद ही देख लो,एक ही रात में तुम्हारे शोहर ने मेरी इस नाज़ुक सी चूत और गान्ड की क्या हालत बना कर रख दी है शाज़िया” शाज़िया की बात को सुन कर रज़िया बीबी भी मुस्कुरा दी और साथ ही उस ने अपने मम्मो और चूत से अपने दोनो हाथ हटा कर अपने भारी वजूद को एक बार फिर अपनी बेटी की नज़रों के सामने नंगी कर दिया.

शाज़िया बहुत गौर से अपने सामने पड़े अपनी अम्मी के नंगे वजूद का ब गौर जायज़ा लेते हुए अम्मी के चेहरे से अपनी नज़रें घुमाती हुई नीचे अपनी अम्मी के पैरों तक चली गई.

रज़िया बीबी के जिस्म की हालत ये थी.कि रात भर ज़ाहिद के चूसने की वजह से रज़िया बीबी के होंठ सूज कर मोटे हो गये थे.

उस के लंबे काले बाल इस वक्त रज़िया बीबी के चेहरे और मम्मो पर पूरे खुले और बिखरे पड़े थे.

रज़िया बीबी के गोरे बदन पर जगह जगह ज़ाहिद के काटने, चूसने और रगड़ने की वजह से लाल रंग के स्पॉट्स बन चुके थे.

जब कि रज़िया बीबी के मोटे मम्मो को चूसने और दाँतों से काटने की वजह से उन पर हिक्केस पड़ गई थी.

मम्मो के बाद पेट से होते हुए ज्यों ही शाज़िया की नज़र अपनी अम्मी की टाँगों के दरमियाँ रज़िया बीबी की मोटी फुद्दि तक पहुँची.

तो शाज़िया ने देखा कि उस की अम्मी की चूत ज़ाहिद के मोटे लंबे लंड से चुद चुद कर अपना रंग ही तब्दील कर चुके है.

जब कि ज़ाहिद के मोटे लौडे ने रज़िया बीबी की फुद्दि के होंठो को ऐसे खोल कर चौड़ा कर दिया था. कि पहली नज़र में देखने वाले को ऐसा लगता था. कि अब इस चूत का मुँह कभी बंद ही नही हो पाएगा.

ज़ाहिद के लंड ने अपनी अम्मी के चेहरे, मम्मो, चूत और गान्ड पर इतना पानी छोड़ा था. कि जहाँ जहाँ ज़ाहिद के लंड का पानी गिरा वहाँ वहाँ से रज़िया बीबी की स्किन अकड़ चुकी थी. और ज़ाहिद के लंड का पानी सूख कर गोंद जैसा बन गया था.

“देखो मेरे बदन की क्या हालत की है तुम्हारे शोहर ने” रज़िया बीबी ने अपने अंग अंग को अपनी जवान बेटे की नज़रों के सामने करते हुए शाज़िया से कहा.

“ज़ाहिद भाई अब आप के भी उतने ही शोहर हैं, जितने वो मेरे हैं अम्मी जान” अपनी अम्मी के जिस्म की हालत देख कर शाज़िया की चूत मज़ीद गरम हो गई. और उस ने फॉरन अपनी अम्मी की बात का जवाब दिया.

“हां ये बात तो ठीक है तुम्हारी, वैसे मुझे समझ नही आ रही कि में किस मुँह से तुम्हारा शुक्रिया अदा करूँ, कि जो तुम ने मुझे आज इतना अनमोल तोहफा दिया है मेरी बचिईीईईईईईई” शाज़िया की बात के जवाब में रज़िया बीबी अपनी बेटी की तरफ प्यार भरी नज़रों से देखती हुई बोली.

“इस में शुक्रिया अदा करने वाली कोई बात नही,मगर आप वादा करो कि आज से आप घर में मुझे बेटी कह कर नही पुकारो गी” अम्मी के मुँह से अपने मुतलक बेटी वाला जुमला सुन कर शाज़िया ने अपनी अम्मी से कहा.

“बेटी को बेटी कह कर ना बुलाऊ, तो और क्या कहूँ गी शाज़िया” रज़िया बीबी अपनी बेटी की बात को ना समझते हुए बोली.
 
“इस में शुक्रिया अदा करने वाली कोई बात नही,मगर आप वादा करो कि आज से आप घर में मुझे बेटी कह कर नही पुकारो गी” अम्मी के मुँह से अपने मुतलक बेटी वाला जुमला सुन कर शाज़िया ने अपनी अम्मी से कहा.

“बेटी को बेटी कह कर ना बुलाऊ, तो और क्या कहूँ गी शाज़िया” रज़िया बीबी अपनी बेटी की बात को ना समझते हुए बोली.

“जैसे आज से कुछ महीने पहले,ज़ाहिद भाई से चुदवाने के बाद आप अम्मी से मेरी सास, और में बेटी से आप की बहू बन गई थी,बिल्कुल उसी तरह आज मेरे शोहर से अपनी चूत मरवाने के बाद, आप मेरी अम्मी और सास के साथ साथ अब मेरी सोतन भी बन चुकी हैं,इसीलिए अब आप मुझे घर में बड़ी बेगम, और में आप को छोटी बेगम कह कर बुलाया करूँगी” अपनी अम्मी को ये बात समझाते हुए शाज़िया आगे बढ़ी .और बिस्तर पर लेटी अपनी अम्मी की टाँगों के दरमियाँ अपना मुँह डाल कर ज़ाहिद के मोटे लंड से चुदि हुई अपनी सोतन अम्मी का फुद्दा खाने लगी.

“उमर में मुझ से छोटी होने के बावजूद तुम बड़ी बेगम केसे बनो गी शाज़िया” अपनी बेटी की गरम ज़ुबान को अपनी ताज़ा ताज़ा चुदि हुई चूत पर महसूस कर के रज़िया बीबी ने सिस्कार्ते हुए पूछा.

“चूँकि मेने आप से पहले अपने भाई की बीवी बनी हूँ,इसीलिए उमर में आप से छोटी होने के बावजूद में बड़ी बेगम की कहलाउन्गी” अपनी अम्मी को एक बार फिर समझाते हुए शाज़िया ने अपनी नुकीली ज़ुबान को अपनी अम्मी की चूत की दीवारों में फेर दिया.

“हाईईईईईईईईईईईईई ठीक है जैसे आप की मर्ज़ी बड़ी बेगम साहिबा” अपनी बहू और सोतन बेटी की गरम ज़ुबान के आगे निढाल होते हुए रज़िया बीबी ने जवाब दिया. और सिसकियाँ भरते हुए बिस्तर से अपनी गान्ड उठा उठा कर अपनी गरम चूत से अपनी जवान बेटी का मुँह चोदने लगी.

इधर शाज़िया ने अपनी अम्मी की फुद्दा चाटना शुरू किया. तो दूसरी तरफ कमरे के दरवाज़े पर खड़ा ज़ाहिद भी अपनी दोनो बीवियों के मुँह से ये सारी बाते सुन सुन कर गरम होते हुए अपने लंड को हाथ में ले कर मसल रहा था.

ज़ाहिद ने थोड़ी देर अपने लंड को मसला और फिर आहिस्ता आहिस्ता चलता हुआ आ कर रज़िया बीबी साथ बिस्तर पर लेट गया.

ज्यों ही ज़ाहिद अपनी अम्मी के पहलू में लेटा. तो शाज़िया भी अपनी अम्मी की टाँगों में से उठ कर ज़ाहिद के साथ बिस्तर पर लेट गई.

अब कमरे में ये हालत थी. कि ज़ाहिद बिस्तर पर बिल्कुल अलग नंगा लेटा हुआ था.

और उस के लेफ्ट और राइट में उस की अपनी सग़ी बहन और सग़ी अम्मी भी उस की बीबीयों की हैसियत में उस के साथ पूरी नंगी बिस्तर पर लेटी हुई थी.

“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ में कितनी खुस नसीब हूँ कि मुझे अपने घर में सारी ही खुशियाँ इकट्ठी एक साथ मिल गई हैं” रज़िया बीबी ने राइट साइड से अपने बेटे के जिस्म के साथ चिपकते हुए कहा.

“कौन सी खुशियाँ मेरी जान”ज़ाहिद ने अपने मुँह को रज़िया बीबी की तरफ मोड़ा और अपनी अम्मी के होंठो को चुसते हुए पूछा.

“हाईईईई सच पूछो तो,ऐसी बेटी किसी खुश नसीब माँ को ही मिलती है, जो बेटी के साथ साथ बहू और सोतन भी बन जाए, और इस के साथ साथ में शायद इस दुनिया की वहीद माँ हूँ गी, जिस का अपना ही सगा बेटा, ना सिर्फ़ दामाद भी हो और शोहर भी” रज़िया बीबी ने अपने बड़े मम्मो को अपने बेटे के जिस्म से साथ रगड़ते हुए जवाब दिया.

“इस लहाज़ से तो हम तीनों ही खुश नसीब हैं, कि हम तीनो को एक दूसरे का ना सिर्फ़ प्यार नसीब हुआ है, बल्कि सगा खून होने के बावजूद, जाने अंजाने एक दूसरे की जिन्सी तस्कीन का सहारा भी बन गये हैं,” ये बात कहते हुए ज़ाहिद ने अपनी दोनो बीवियों को अपनी बाहों में जकड कर अपनी छाती से लगा लिया.

“ये सारी बातें तो ठीक हैं, मगर आप को हम दोनो के साथ आज एक वादा करना हो गा भाई” ज्यों ही ज़ाहिद ने रज़िया बीबी और शाज़िया के नंगे वजूद को अपनी बाहों में कसा. तो शाज़िया अपने भाई के गालों को चूमते हुए बोली.

“केसा वादा मेरी जान” ज़ाहिद ने अपनी बहन की तरफ देखते हुए पूछा.
 
“अगर आप हम दोनो माँ बेटी को बीवियाँ बना कर, सारी उमर हम से अपनी सेवा करवाना चाहते हैं ,तो आप को भी ये वादा करना हो गा, कि सारी ज़िंदगी हमारी फुद्दियो की आग को अपने इस मोटे लंड से ठंडा करने में कोई कसर नही उठा रखेंगे आप” ये बात कहते हुए शाज़िया ने ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने हाथ में लिया. और अपने भाई के होंठो को चूमती हुई ज़ाहिद के लंड की मूठ लगाने लगी.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई में वादा करता हूँ कि में तुम दोनो बीवियों को चोद चोद कर तुम्हारी इन फुद्दियो को फुद्दा बना दूँगा मेरी जानंननननणणन्” अपनी बहन शाज़िया की बात का जवाब देते हुए ज़ाहिद बोला.

जैसे ही ज़ाहिद ने के मुँह से ये बात निकली.तो ज़ाहिद का गरम जवाब सुन कर दोनो माँ बेटी एक साथ खिल खिला कर हँसने लगी.

“अच्छा आप लोग अपनी मस्ती जारी रखो,में सब के लिए नाश्ता बना कर लाती हूँ” कुछ देर मज़ीद अपने जानू भाई की बाहों में सकून से लेटने के बाद शाज़िया उठी. और ज़ाहिद की अलमारी से अपने कपड़े निकाल कर पहनने के बाद किचिन में जा कर नये शादी शुदा जोड़े के लिए नाश्ता बनाने लगी.

नाश्ता ले कर शाज़िया जब वापिस अपने भाई के कमरे में आई. तो देखा कि इतनी देर में ना सिर्फ़ रज़िया बीबी अपने हाथ मुँह धो कर अपने कपड़े पहन चुकी थी.

बल्कि ज़ाहिद भी नहाने से फारिग हो कर अपनी पोलीस यूनिफॉर्म पहने ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार भी हो चुका था.

“आज तो आप का वालिमा है और आप अपनी नई नवेली दुल्हन को यूँ बिस्तर पर अकेला छोड़ कर खुद ड्यूटी पर जा रहे है, दिसईज़ नोट फेर ज़ाहिद” अपने भाई को यूँ जॉब पर जाने की लिए तैयार पा कर शाज़िया ने ज़ाहिद से शिकवा किया.

“ दिल तो मेरा नही चाह रहा, मगर एसएचओ का फोन आ गया है और उस ने फॉरन थाने आने का बोला है,वैसे भी वो कहते है ना कि ,नोकरी की ते नखरा की, इसीलिए ना चाहते हुए भी अब जाना तो पड़े गा ना” ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया की बात का जवाब दिया.

“अच्छा जैसे आप की मर्ज़ी” कहते हुए शाज़िया ने कमरे की टेबल पर नाश्ते के बर्तन रखे. और फिर घर के तीनों अफराद ने मिल कर एक साथ नाश्ता किया.

“मुझे देर हो रही है,इसीलिए में अब चलता हूँ” ज्यों ही ज़ाहिद नाश्ते से फारिग हुआ. तो वो ये बात कहते हुए कुर्सी से उठ कर कमरे से बाहर निकल गया.

“आप इधर बैठी क्या कर रही हैं अम्मी,जाइए और अपने शोहर को दरवाज़े तक खुदा हाफ़िज़ करिए”ज़ाहिद के कमरे से निकलने के बाद जब शाज़िया ने अपनी अम्मी को बिस्तर पर बैठे देखा तो वो फॉरन बोली.

“मुझ से ये सब चोंचले नही होंगे शाज़िया, में तो तुम्हारे मेरहूम अब्बू को ड्यूटी पर जाते वक्त कभी दरवाज़े तक छोड़ने नही गई थी,तो ज़ाहिद क्या चीज़ है भला” अपनी बेटी की बात सुन कर रज़िया बीबी हँसते हुए बोली.

“हाईईईईईईईईईईईईई जवान लंड लेने के लिए ये सब चोंचले करने पड़ते हैं ,चलो उठो और जा कर अपने साजन के होंठो को चूमो ,और उस के मोटे सख़्त लंड पर अपनी गरम फुद्दि को रगड़ कर, एक अच्छी बीवी की तरह अपने सैयाँ को रुखसत करो” शाज़िया ने अपनी अम्मी को उसी तरह समझाया. जिस तरह ज़ाहिद और शाज़िया की सुहाग रात को रज़िया बीबी ने अपनी बेटी को समझाया था.

“अच्छा अगर तुम कहती हो तो चली जाती हूँ” अपनी बेटी की ज़िद के आगे हार मानते हुए रज़िया बीबी ना चाहते हुए भी बिस्तर से उठ कर सहन में चली आई.“अगर आप हम दोनो माँ बेटी को बीवियाँ बना कर, सारी उमर हम से अपनी सेवा करवाना चाहते हैं ,तो आप को भी ये वादा करना हो गा, कि सारी ज़िंदगी हमारी फुद्दियो की आग को अपने इस मोटे लंड से ठंडा करने में कोई कसर नही उठा रखेंगे आप” ये बात कहते हुए शाज़िया ने ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने हाथ में लिया. और अपने भाई के होंठो को चूमती हुई ज़ाहिद के लंड की मूठ लगाने लगी.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई में वादा करता हूँ कि में तुम दोनो बीवियों को चोद चोद कर तुम्हारी इन फुद्दियो को फुद्दा बना दूँगा मेरी जानंननननणणन्” अपनी बहन शाज़िया की बात का जवाब देते हुए ज़ाहिद बोला.

जैसे ही ज़ाहिद ने के मुँह से ये बात निकली.तो ज़ाहिद का गरम जवाब सुन कर दोनो माँ बेटी एक साथ खिल खिला कर हँसने लगी.

“अच्छा आप लोग अपनी मस्ती जारी रखो,में सब के लिए नाश्ता बना कर लाती हूँ” कुछ देर मज़ीद अपने जानू भाई की बाहों में सकून से लेटने के बाद शाज़िया उठी. और ज़ाहिद की अलमारी से अपने कपड़े निकाल कर पहनने के बाद किचिन में जा कर नये शादी शुदा जोड़े के लिए नाश्ता बनाने लगी.

नाश्ता ले कर शाज़िया जब वापिस अपने भाई के कमरे में आई. तो देखा कि इतनी देर में ना सिर्फ़ रज़िया बीबी अपने हाथ मुँह धो कर अपने कपड़े पहन चुकी थी.

बल्कि ज़ाहिद भी नहाने से फारिग हो कर अपनी पोलीस यूनिफॉर्म पहने ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार भी हो चुका था.

“आज तो आप का वालिमा है और आप अपनी नई नवेली दुल्हन को यूँ बिस्तर पर अकेला छोड़ कर खुद ड्यूटी पर जा रहे है, दिसईज़ नोट फेर ज़ाहिद” अपने भाई को यूँ जॉब पर जाने की लिए तैयार पा कर शाज़िया ने ज़ाहिद से शिकवा किया.

“ दिल तो मेरा नही चाह रहा, मगर एसएचओ का फोन आ गया है और उस ने फॉरन थाने आने का बोला है,वैसे भी वो कहते है ना कि ,नोकरी की ते नखरा की, इसीलिए ना चाहते हुए भी अब जाना तो पड़े गा ना” ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया की बात का जवाब दिया.

“अच्छा जैसे आप की मर्ज़ी” कहते हुए शाज़िया ने कमरे की टेबल पर नाश्ते के बर्तन रखे. और फिर घर के तीनों अफराद ने मिल कर एक साथ नाश्ता किया.

“मुझे देर हो रही है,इसीलिए में अब चलता हूँ” ज्यों ही ज़ाहिद नाश्ते से फारिग हुआ. तो वो ये बात कहते हुए कुर्सी से उठ कर कमरे से बाहर निकल गया.

“आप इधर बैठी क्या कर रही हैं अम्मी,जाइए और अपने शोहर को दरवाज़े तक खुदा हाफ़िज़ करिए”ज़ाहिद के कमरे से निकलने के बाद जब शाज़िया ने अपनी अम्मी को बिस्तर पर बैठे देखा तो वो फॉरन बोली.

“मुझ से ये सब चोंचले नही होंगे शाज़िया, में तो तुम्हारे मेरहूम अब्बू को ड्यूटी पर जाते वक्त कभी दरवाज़े तक छोड़ने नही गई थी,तो ज़ाहिद क्या चीज़ है भला” अपनी बेटी की बात सुन कर रज़िया बीबी हँसते हुए बोली.

“हाईईईईईईईईईईईईई जवान लंड लेने के लिए ये सब चोंचले करने पड़ते हैं ,चलो उठो और जा कर अपने साजन के होंठो को चूमो ,और उस के मोटे सख़्त लंड पर अपनी गरम फुद्दि को रगड़ कर, एक अच्छी बीवी की तरह अपने सैयाँ को रुखसत करो” शाज़िया ने अपनी अम्मी को उसी तरह समझाया. जिस तरह ज़ाहिद और शाज़िया की सुहाग रात को रज़िया बीबी ने अपनी बेटी को समझाया था.

“अच्छा अगर तुम कहती हो तो चली जाती हूँ” अपनी बेटी की ज़िद के आगे हार मानते हुए रज़िया बीबी ना चाहते हुए भी बिस्तर से उठ कर सहन में चली आई.
 
जब रज़िया बीबी घर के सहन में आई. तो देखा कि ज़ाहिद घर के दरवाज़े के पास खड़ा अपनी मोटर साइकल को स्टार्ट करने की कोशिश कर रहा था.

“आप क्यों बाहर चली आई अम्मी जान” ज़ाहिद ने जब अपनी अम्मी को अपने करीब आते देखा तो पूछने लगा.

“तुम्हारे स्कूल से कॉलेज जाने तक,में हमेशा एक माँ की हैसियत से तुम्हें घर के दरवाज़े से रुखसत करती रही हूँ, मगर अपने ही हाथों से पाले पोसे हुए अपने शोहर बेटे को आज में एक बीवी की हैसियत से रुखसत करने आई हूँ, मेरे मियाँ जीिइईईईईईईई” रज़िया बीबी ज्यों ही ज़ाहिद के नज़दीक हुई.

उस ने प्यार भरे अंदाज़ में ज़ाहिद के गले अपनी बहियाँ डालीं. और अपने जवान शोहर को अपनी बूढ़ी बाहों में ज़ोर से कसते हुए कहा.

“हाईईईईईईईई अगर आप ऐसी बातें करूँगी , तो किस कम बख़त का दिल नोकरी पर जाने को करे गा” अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद ने मोटर साइकल को उसी हालत में छोडा. और अपनी अम्मी के जिस्म से चिपकता हुआ रज़िया बीबी के लबों को चूमने लगा.

दोनो प्रेमियों का ये जोड़ा कुछ देर यूँ ही एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले एक दूसरे के होंठो और ज़ुबान को सक करता रहा.

जब कि इस दौरान रज़िया बीबी के हाथ ज़ाहिद की कमर के साथ साथ उस के लंड को मसल्ते और दबाते रहे.

और दूसरी तरफ ज़ाहिद भी अपनी अम्मी के मम्मो और चूत को अपने हाथ से छेड़ते हुए रज़िया बीबी की चूत की आग को मज़ीद भड़काता रहा.

इस से पहले कि ज़ाहिद का दिल बेईमान होता और वो नोकरी पर जाने का इरादा टाल देता. कि उस के फोन की बेल बंज उठी.

ज़ाहिद ने फॉरन रज़िया बीबी से अलग होते हुए अपना फोन चेक किया. तो इस बार फोन डीएसपी साब का था. जो ज़ाहिद को जल्द अज जल्द अपने ऑफीस आने का कह रहे थे.

फोन को बंद करते ही ज़ाहिद ने एक बार फिर अपनी अम्मी को अपने गले से लगा कर एक ज़ोर दार चुम्मि ली. और फिर मोटर साइकल पर बैठ कर अपनी नोकरी पर रवाना हो गया.

उस रोज़ शाज़िया अपनी सोतन अम्मी को उस के सैयाँ ज़ाहिद का नाम ले ले कर उसी तरह तंग करती रही.

जिस तरह शाज़िया की ज़ाहिद के साथ सुहाग रात के बाद रज़िया बीबी ने अपनी बेटी शाज़िया को तंग किया था.

और रज़िया बीबी अपनी बेटी शाज़िया के ज़ू महनी जुमलों से महज़ूज़ और गरम होते हुए अपने घर के काम काज में मसरूफ़ रही.

अभी ज़ाहिद को घर से गये हुए चन्द ही गहनते गुज़रे होंगे . कि रज़िया बीबी की चूत की आग ने उस की शलवार में फिर से सर उठाना शुरू कर दिया.

“उफफफफफफफफफफ्फ़ अभी तो सिर्फ़ सुबह के दस बजे हैं, जब कि ज़ाहिद तो शाम से पहले नही लोटे गा” ज़ाहिद के मोटे लंड के लिए बे चैन होते हुए रज़िया बीबी ने कमरे में लगे वॉल क्लॉक की तरफ देखते हुए सोचा.और अपनी गरम चूत को अपने हाथ से तसल्ली देते हुए फिर अपने कामों में मसरूफ़ हो गई.

घर के सहन की सफाई के दोरान रज़िया बीबी ने आसमान की तरफ देखा. तो आसमान को बादलों से भरा हुआ देख कर रज़िया बीबी के दिल में ख्याल आया.“ लगता है आज ज़रूर बारिश हो गी”.

रज़िया बीबी फिर अपने काम में मसरूफ़ हो गई. मगर काम काज कर दोरान रज़िया बीबी की नज़र बदस्तूर वॉल क्लॉक की तरफ जा रही थी.

“आज बार बार घड़ी की तरफ देखे जा रहीं हैं, ख़ैरियत तो है ना छोटी बेगम” अपनी अम्मी की बे चेनी को समझते हुए शाज़िया ने अपनी अम्मी को छेड़ा.

“तुम खूब जानती हो मेरी बे चैनि की वजह,तो फिर क्यों बिना वजह मुझे तंग करती हो शाज़िया”अपनी बेटी की बात सुन कर रज़िया बीबी ने बे शर्मी शलवार के उपर से अपनी चूत को मसलते हुए कहा.

“अगर इतनी ही आग लगी है,तो ज़ाहिद को वापिस घर बुला कर इस सुहाने मोसम का मज़ा लो आप” अपनी अम्मी की हरकत पर महज़ोज़ होते हुए शाज़िया ने बादलों की तरफ इशारा किया. जो अब किसी भी लम्हे बरसने को तैयार थे.

“सच पूछो तो दिल मेरा भी ये ही चाह रहा है,अच्छा में अभी अपने जानू को कॉल मिलाती हूँ” शाज़िया की बात से अग्री करते हुए रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को कॉल कर दी.

“ख़ैरियत है ना” ज़ाहिद ने फोन का जवाब देते ही अपनी अम्मी से पूछा.

“बहुत खूब मेरी सोई हुई फुद्दि के जज़्बात को अपने लंड से जगा कर पूछते हो ख़ैरियत है” ज़ाहिद के सवाल पर रज़िया बीबी ने नकली गुस्सा करते हुए कहा.

“उफफफफफफफ्फ़ अम्मी जल्दी से बताएँ, क्या बात है, क्यों कि मेरे पास टाइम नही है अभी” ज़ाहिद इस वक्त वाकई ही अपने किसी सरकारी काम में बिजी होने की वजह से अपनी अम्मी से ज़्यादा बात नही कर सकता था. इसीलिए वो थोड़ा झुंझलाते हुए अपनी अम्मी से बोला.

“आज ज़रा जल्दी घर आ जाओ ना,देखो मोसम कितना सुहाना हो रहा है,मेरे राजा” ज़ाहिद के रवैये को नज़र अंदाज़ करते हुए रज़िया बीबी ने बहुत प्यार से अपने बेटे से फरमाइश की.

“नही में जल्दी नही आ सकूँ गा आज, मजबूरी है” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को रूखा सा जवाब दिया.



“हाई हाई ये मजबूरी
ये मोसम और ये दूरी
मुझे पल पल है तड़पाए
तेरी दो टाकिया दी नोकरी
और मेरा लाखों का सावन जाए”
 
अपने जानू बेटे के रूखे पन पर गुस्से में आते हुए रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को फोन पर इस गाने के बोल सुनाए. और फिर एक दम फोन बंद कर दिया.

“हाईईईईईईई अभी सुबह ही तो आप ने अपनी फुद्दि मरवाई है, और अब आप से शाम तक सबर नही हो रहा, मुझे समझ नही आती कि अब्बू की मौत के बाद से आज तक आप कैसे अपनी इस गरम फुद्दि को शांत करती रही हैं अम्मी” अपनी अम्मी को गुस्से से फोन बंद करते देख कर शाज़िया की हँसी निकल गई. और उस ने अपनी अम्मी को मज़ीद छेड़ते हुए कहा.

“अच्छा ज़्यादा टरर टरर मत करो और जा कर किचन में हंडी बनाओ” ज़ाहिद के लंड के लिए मचलती हुई रज़िया बीबी को शाज़िया का मज़ाक एक आँख ना भाया. और इसीलिए उस ने गुस्से में अपनी बेटी शाज़िया को भी डाँट दिया.

शाज़िया ने अपनी अम्मी को असली गुस्से में आते देखा. तो उस ने फॉरन किचन में जाना ही मुनासिब समझा.

अभी शाज़िया को किचन में गये चन्द मिनट्स ही गुज़रे थे. कि इतने में घर के गेट की बेल बजी.

रज़िया बीबी ने दरवाजा खोला तो साथ वाले पड़ोसी की बड़ी लड़की को शाज़िया को सामने खड़ा पाया.

ये लड़की शाज़िया शाज़िया की नई नई दोस्त बनी थी. इसीलिए कभी कभी शाज़िया से मिलने उन के घर चली आती.

“आंटी शाजिया घर है” ज्यों ही रज़िया बीबी ने दरवाजा खोला तो शाज़िया ने पूछा.

“शाज़िया किचन में है, जाओ जा कर मिल लो” कहते हुए रज़िया बीबी ने उस लड़की को अंदर आने का कहा.

शाज़िया घर के अंदर आई और फिर किचन में जा कर शाज़िया से बातों में मसरूफ़ हो गई.

उधर दूसरी तरफ रज़िया बीबी अब घर के टीवी लाउन्ज में झुक कर झाड़ू लगाने में मसरूफ़ थी. कि इतने में किसी मर्द की मज़बूत बाहों ने रज़िया बीबी के भारी वजूद को अपनी शिकंजे में कस कर उस की गरदन पर ज़ोर से प्यार किया.

“कोन्ंननननणणन्” रज़िया बीबी ने घबरा कर एक दम से पीछे मुड़ने की कोशिस की.

“डरो मत,में वो ही हूँ जिस के लंड के लिए तुम्हारी चूत को सबर नही हो रहा था. इसीलिए एसएचओ से बहाना कर के,तुम्हारी फुद्दि की तसल्ली करने जल्दी घर लौट आया हूँ आज,मेरी भिलो रानी” ज़ाहिद ने पीछे से अपनी अम्मी के मोटे मम्मो को अपने हाथों में दबाते हुए कहा.

“शीईईईआ आहिस्ता बोलो,और छोड़ मुझे ,साथ वालों की लड़की किचन में शाज़िया के पास बैठी है,अगर उस ने ये सब देख और सुन लिया तो कयामत आ जाएगी” रज़िया बीबी ने एक दम से अपने आप को ज़ाहिद की बाहों से आज़ाद करने की कोशिश करते हुए कहा.

“फिकर ना करो वो दोनो अपनी बातों में इतनी मसरूफ़ होंगी, कि उन तक मेरी आवाज़ नही पहुँचेगी,बस आप जल्दी से नाडा खोलो, ताकि में आप की गरम चूत में अपने लंड डाल कर इस की गर्मी दूर कर दूं” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को आज़ाद करने की बाजियाय रज़िया बीबी की शलवार के नाडे पर हाथ डाला. और रज़िया बीबी के समझाने के बावजूद ज़बरदस्ती अम्मी की शलवार उतारने की कोशिश करने लगा.

“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ज़ाहिद पागल हो गये हो क्या, में कह जो रही हूँ कि ज़रा सबर कर लो” रज़िया बीबी ने जब ज़ाहिद को अपनी शलवार के नाडे पर हाथ डालते देखा. तो गुस्से में देखा मार कर ज़ाहिद को अपने पीछे देखते हुए बोली.

ज्यों ही ज़ाहिद अपनी अम्मी के जिस्म से अलग हो कर थोड़ा पीछे हुआ. तो दूसरे ही लम्हे शाज़िया और उस की सहेली शाज़िया अचानक टीवी लाउन्ज में दाखिल हो गईं.

“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कहीं शाज़िया ने ज़ाहिद को मुझ से छेड़ छाड़ करते देख ही ना लिया हो” रज़िया बीबी को अपनी चोरी पकड़े जाने के डर था.इसी लिए साथ वालों की लड़की को एक दम अचानक आता देख कर रज़िया बीबी के चेहरे का रंग उड़ गया.

“आज आप बहुत जल्दी घर वापिस आ गये ज़ाहिद” शाज़िया ने ज़ाहिद को यूँ अचानक घर में देख कर हैरानी से ऐसे मुखातिब किया. जैसे एक बीवी अपने मियाँ से बात करती है.

“हां वो एक फाइल घर भूल गया था,वो ही लेने आया हूँ” ज़ाहिद ने शाज़िया की सहेली शाज़िया की तरफ देखते हुए अपनी बहन की बात का ऐसे जवाब दिया. जैसे ज़ाहिद ही शाज़िया का असली शौहर हो.

“फाइल तो एक बहाना है,असल में तो दूल्हा भाई आप को देखने आए होंगे भाभी” शाज़िया ने हाथ की कोनी मारते हुए शाज़िया से सरगोशी की.

(असल में झेलम से रावलपिंडी शिफ्ट होने के बाद ज़ाहिद ने अपने इर्द गिर्द रहने वालों को शाज़िया और अपना तारूफ़ मियाँ बीवी की हैसियत से ही करवाया था.ये ही वजह थी कि शाज़िया की नई सहेली ज़ाहिद को दूल्हा भाई और शाज़िया को भाभी कह कर बुलाती थी)

“बकवास नही करो, ऐसी को बात नही” शाज़िया ने भी सरगोशी में जवाब दिया.

इधर ज्यों ही रज़िया बीबी ने शाज़िया और उस की सहेली को एक दूसरे राज़ो नियाज़ की बातों में मसरूफ़ देखा.

तो इस मोके को गनीमत जानते हुए रज़िया बीबी ने बाथ रूम की तरफ दौड़ लगाई. और बाथरूम में जाते ही दरवाज़े को अंदर से बंद कर लिया.

“ये आपस में क्या ख़ुसर फुसर हो रही है, हमें भी तो बताओ” दूसरी तरफ टीवी लाउन्ज में खड़े ज़ाहिद ने जब शाज़िया और शाज़िया को आपस में सरगोशी करते देखा. तो वो उन दोनो से पूछने लगा.

“कुछ खास नही, में आप की बेगम को अपने साथ, अपने घर ले जाना चाह रही थी,मगर अब आप की घर मौजूदगी में शायद आप की ज़ोज़ा मोह्तर्मा अब मेरे साथ जाने पसंद नही करेंगी” शाज़िया की सहेली ने एक शरारती मुस्कुराहट के साथ ज़ाहिद से कहा.

“नही ऐसी कोई बात नही, मेरी वाइफ आप के साथ ज़रूर जाना पसंद करे गी,में सही कह रहा हूँ ना बेगम”ज़ाहिद ने शाज़िया की तरफ देखते हुए उस से पूछा.

“असल में शाज़िया बाज़ार से कुछ नये सूट खरीद कर लाई है,जो ये अब मुझे भी दिखाना चाहती है,आप अपनी फाइल देखे, में थोड़ी देर में वापिस आती हूँ” ये कहते हुए शाज़िया अपनी सहेली शाजिया के साथ उस के घर चली गई.

उधर बाथरूम में जा कर पेशाब करने के लिए रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपनी शलवार उतारी. तो उस की शलवार उस के हाथ से छूट कर एक दम फर्श पर गिर पड़ी.
 
उधर बाथरूम में जा कर पेशाब करने के लिए रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपनी शलवार उतारी. तो उस की शलवार उस के हाथ से छूट कर एक दम फर्श पर गिर पड़ी.

रज़िया बीबी को ज़ोर का पेशाब आया हुआ था. इसीलिए वो शलवार की परवाह किए बगैर कमोड पर जा बैठी.

कमोड पर बैठे बैठे ही रज़िया बीबी को अंदाज़ा हुआ कि उस की चूत से निकलने वाला पानी तो उस की फुद्दि के साथ साथ उस की रानों को भी गीला कर चुका था.

इधर जैसे ही शाज़िया अपनी सहेली के साथ घर के बाहर निकली. तो ज़ाहिद ने फॉरन आ कर अपनी अम्मी के बाथरूम का दरवाजा खटखटाया और बोला “ शाज़िया और शाज़िया बाहर चली गई हैं,अब दरवाजा खोल दो प्लीज़"

ज़ाहिद की आवाज़ सुन कर कमोड पर बैठी रज़िया बीबी ने पानी से अपनी चूत सॉफ की. और फिर बिना शलवार पहने बाथरूम का दरवाजा खोल दिया.

" उफफफफफ्फ़ आप की चूत इतनी गरम हो गई थी, कि सलवार भी उतारनी पड़ गई आप को "


अपनी अम्मी को यूँ अपनी शलवार से बे नियाज़ अपने सामने नीम नंगी हालत में देख कर ज़ाहिद रज़िया बीबी को छेड़ा.

“हाआँ तुम्हारे लंड की बहुत तलब हो रही है मेरी फुद्दि को ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड” रज़िया बीबी ने अपनी चूत के सामने लटकती हुई अपनी कमीज़ को हाथ से हटाया. और ज़ाहिद की नज़रों के सामने अपनी फुद्दि पर अपने हाथ घुमाते हुए बेशर्मी से बोली.

“तो चालिइए आप की फुद्दि की गर्मी को ख़तम कर देता हूँ मेरी जान” ज़ाहिद अपनी अम्मी का हाथ पकड़ कर रज़िया बीबी को ड्राइंग रूम में ले आया.

“अम्मी आप इस कुर्सी को पकड़ कर थोड़ा आगे की झुको ज़रा” ड्राइंग रूम में आते ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को खाने की चेयर के सहारे खड़ी हो कर आगे को झुकने का कहा.

अपने बेटे का कहा मानते हुए रज़िया बीबी ने डाइनिंग चेयर को पकड़ा. और अपने भारी वजूद का सारा बोझ अपनी बाहों और हाथों पर डालते हुए आगे को झुक गई.



कुर्सी पकड़ कर आगे की तरफ इस तरह झुकने से रज़िया बीबी की कमीज़ के नीचे छुपी हुई उस की भारी गान्ड एक बार फिर पीछे से ज़ाहिद की नज़रों के सामने नुमाया हो गई.

ज़ाहिद ने पीछे से अपनी पॅंट उतारी और अपनी अम्मी के पीछे आ कर खड़ा हो गया.

इस के साथ ही ज़ाहिद ने रज़िया बीबी की कमीज़ को हाथ से पकड़ कर उपर उठाया. और अपने घुटनों को हल्का से नीचे करते हुए अपने सामने झुकी ही अपनी अम्मी की पएसी फुददी में एक झटके से अपना लंड डाल दिया.

इधर ज़ाहिद ने ज़ोर दार झटके से अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि में अपना लंड डाला. तो साथ ही बाहर आसमान पर ज़ोर दार किस्म की बिजली कड्की. और फिर एक दम से मूसला दार बारिश स्टार्ट हो गई.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईई देखो तो सही ,एक बारिश मेरी चूत के अंदर हो रही है, और दूसरी बारिश बाहर स्टार्ट हो गई है मेरे सरताज” बदल गरजने और बारिश के बरसने की आवाज़ सुन कर बे चैन होती रज़िया बीबी ने अपनी चूत का पानी अपने जवान शोहर के लंड पर छोड़ते हुए ज़ाहिद से कहा.

“हां बहुत मज़े दार बारिश शुरू हुई है, चलो बाहर सहन में बारिश में चुदाई का मज़ा लेते हैं आज” ये कहते हुए ज़ाहिद ने जल्दी से अपनी और अम्मी की कमीज़ उतार कर दोनो को मुकलमल नंगा किया. और फिर अपनी अम्मी को साथ ले कर घर कर सहन में चला आया.

ज्यों ही दोनो माँ बेटे के नंगे गरम जिस्मो पर बारिश का ठंडा पानी पड़ा. तो

“टिप टिप बरसा पानी
पानी ने आग लगाई”

वाले इस सॉंग की तरह ज़ाहिद और रज़िया बीबी के वजूद में छुपी जिन्सी आग भी बुझाने की बजाय मज़ीद भड़क उठी.
 
सहन में आते ही ज़ाहिद की नज़र सामने भीची एक पुरानी चारपाई पर पड़ी. तो उस ने अपनी अम्मी को उधर लेटने का कहा.

रज़िया बीबी के चारपाई पर लेटते ही ज़ाहिद भी अपनी अम्मी के उपर चढ़ गया.और बोला “अपनी टाँगों को खोल दो और अपने शोहर के लंड का स्वागत करो मेरी जान”

इस के साथ ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की टाँगों को अपनी टाँगों पर रख कर अपने लंड को अम्मी की चूत में डाल दिया.



“आओ बेटा, पेल दो अपनी माँ की चूत में अपना लंड, तुम्हारी अम्मी बहुत प्यासी है,तुम्हारा बाप तो मर गया, अब तुम ही मेरी चूत को ठंडा कर सकते हो मेरे ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड”रज़िया बीबी ने भी ज़ाहिद की गरम बातों का जवाब उसी गरम अंदाज़ में दिया. और फिर नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर ज़ाहिद के मोटे लंड को अपनी चूत में जज़ब करने लगी.

कुछ देर यूँ ही अपनी अम्मी की फुद्दि मारने के बाद ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की चूत में अपने लंड का फव्वारा फिर से खोल दिया.

ज्यों ही ज़ाहिद ने अपना पानी अपनी अम्मी की फुद्दि में फारिग किया. तो अपने लंड का आखरी क़तरा अपनी दूसरी बीवी की चूत में डालते ही ज़ाहिद एक दम से उठा.और चारपाई पर लेटी रज़िया बीबी के साथ लेट कर अपनी अम्मी को 69 पोज़िशन में अपने उपर आने का कहा.

जैसे ही रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के जिस्म के उपर आ कर 69 स्टाइल में अपनी चूत ज़ाहिद के मुँह पर रखी. और दूसरी तरफ से ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने मुँह भरा.

तो ज़ाहिद अपनी अम्मी के भारी वजूद को अपने मज़बूत बाजुओं में अच्छी तरह कसते हुए चारपाई से उठ कर सहन के फर्श पर खड़ा हो गया.

ज़ाहिद के इस तरह अपनी अम्मी को अपने बाजुओं में उठ कर खड़ा होने से रज़िया बीबी का मुँह अब नीचे ज़ाहिद के पैरों की तरफ हो गया था.

जब कि रज़िया बीबी की फूली हुई चूत के लब फर्श पर खड़े ज़ाहिद के मुँह के ऐन सामने आ चुके थे.

“हाईईईईईईईईई मेरा जिस्म ना सिर्फ़ भारी है बल्कि गीला भी, में फिस्सल जाउन्गी तुम्हारी बाहों से ज़ाहिद” ज्यों ही ज़ाहिद ने रज़िया बीबी के जिस्म को अपनी बाहों में भर कर चारपाई से उठाया. तो रज़िया बीबी ख़ौफ़ के मारे चिल्ला उठी.

“मेरी जान मेरा तुम से वादा है कि में तुम्हारी पूरी तरह से हिफ़ाज़त करूँगा ,बस तुम मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर इस पर लगा अपनी चूत का पानी सॉफ करो,मेरी रज़िया बेगम” ज़ाहिद ने अपनी बीवी माँ को होसला देते हुआ कहा.

ज़ाहिद कल दोपहर को भी इसी तरह अपनी अम्मी के भारी वजूद को अपनी बाहों मे भर कर चोद चुका था.

इसीलिए रज़िया बीबी को अपने जानू बेटे की मर्दानगी पर पूरा यकीन था. कि ज़ाहिद जो कह रहा है वो वाकई ही करेगा भी ज़रूर.

ये ही वजह थी कि ज़ाहिद के समझाने पर रज़िया बीबी के दिल में बैठा ख़ौफ़ एक दम दूर हो गया. और उस ने ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने मुँह में ले कर अपनी ही चूत का पानी पीना शुरू कर दिया.


जब कि दूसरी तरफ ज़ाहिद भी अपनी अम्मी की कमर को ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ते हुए रज़िया बीबी के मोटे फुद्दे में छोड़ा हुआ अपना ही जूस चाटने में मसरूफ़ हो गया.
 
इस दौरान बदिश का पानी ज़ोर ज़ोर से दोनो जिन्सी पदमियो के जिस्मो पर पड़ते हुए ज़ाहिद और रज़िया बीबी के लंड और चूत के पानी के ज़ायक़े को उन दोनो के लिए मज़ीद स्वाद वाला बना रहा था.

और ये दोनो मियाँ बीवी आज एक दूसरे के जिस्म के पानी को एक नये अंदाज़ में पी पी कर लुफ्त अंदोज़ हो रहे थे.

जब दोनो माँ बेटा एक दूसरे के लंड और चूत का पानी चाट चाट कर अच्छी तरह मुत्मिन हो गये.

तो ज़ाहिद ने रज़िया बीबी के जिस्म को दुबारा चारपाई पर लिटाया. और फिर बे सूध हो कर अपनी अम्मी के गीले बदन पर ढेर हो गया.

उस दिन के बाद रज़िया बीबी अपने बेटे की बीवी की हैसियत से अब हर रोज़ ज़ाहिद के साथ रात बसर करने लगी. और ज़ाहिद भी अब अपनी अम्मी को माँ से ज़्यादा एक बीवी की तरह ट्रीट करने लगा था.

ज़ाहिद अक्सर शाज़िया और रज़िया बीबी को एक साथ शॉपिंग के लिए ले जाता. और अपनी दोनो बीवियों को अपनी पसंद के मुताबिक कपड़े और अंडर गारमेंट्स खरीद कर देता.

शाज़िया की तरह रज़िया बीबी भी अब ज़ाहिद की ख्वाहिश के मुताबिक खुले गले वाले तंग शलवार कमीज़ पहनने लगी थी.

इन तंग कमीज़ों के खुले गालों से जब रज़िया बीबी के भारी मम्मे बाहर को छलकते.



तो अपनी अम्मी के नीम नंगे बदन को देख कर ज़ाहिद का लंड उस की शलवार में से उठ उठ खड़ा होता.

इस दौरान जब शाज़िया की चूत में आग ज़्यादा लगती. तो रज़िया बीबी एक माँ और सौतन का फ़र्ज़ निभाते हुए अपनी बेटी,बहू,और सोतन के गरम फुद्दे की आग को अपनी नुकीली ज़ुबान से सकून पहुँचा देती.

रज़िया बीबी को अब अपने बेटे से अपनी चूत को नंगा चुदवाते हुए तकरीबन एक महीना होने को था. और इस एक महीने में ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को हर हर स्टाइल में चोद लिया था.

(कहते हैं कि जिस तरह अच्छा खाना खाने से इंसान की सेहत बेहतर तो है. उसी तरह रेग्युलर चुदवाने से अक्सर औरतों का वज़न भी बढ़ जाता है.

इस की मिसाल ऐसे दी जा सकती है. कि बहुत सारी कंवारी लड़कियाँ जो शादी से पहले काफ़ी दुबली पतली होती हैं. उन में से अक्सर का वज़न शादी के बाद पहले से ज़्यादा हो जाता है.)

लगता था कि शायद ऐसा ही कुछ रज़िया बीबी के साथ भी हो रहा था. रज़िया बीबी का वजूद तो पहले भी काफ़ी भारी था.

लेकिन ज़ाहिद से चुदवाने के बाद रज़िया बीबी का जिस्म ना सिर्फ़ पहले से भी थोड़ा भर गया था. बल्कि उसके साथ साथ रज़िया बीबी का पेट भी उस के कपड़ों में से पहले से कुछ ज़्यादा ही वज़िया नज़र आने लगा था.

मगर रज़िया बीबी ने अपने इस बेटे हुए वज़न की वजह जानने की ना तो कभी कॉसिश की. और ना ही टीन एज लड़कियों की तरह उस को अपना फिगर खराब होने की परवाह थी.

एक महीने के बाद ज़ाहिद को एक रोज़ किसी काम के सिलसिले में मुर्री जाना था. तो उसने अपनी दोनो ने शाज़िया और अम्मी को साथ जाने को कहा.

“नही भाई आप अम्मी को साथ ले जाओ, मेरी तबीयत खराब है, दोराने सफ़र हमारे बच्चे को कुछ हो ना जाए तो अच्छा नही हो गा ”



शाज़िया ने कमीज़ के उपर से अपने हमला पेट पर हाथ फेरते हुए अपने खाविंद ज़ाहिद को जवाब दिया.

“ठीक है तुम आराम करो,हम शाम तक वापिस आ जाएँगे” ज़ाहिद ने शाज़िया की बात मान ली.

“में कार बाहर निकालता हूँ,आप जल्दी से आ जाएँ अम्मी” शाज़िया से बात करने के बाद ज़ाहिद ने अपनी कार की चाभी उठी. और रज़िया बीबी को जल्दी आने का कह कर ज़ाहिद खुद बाहर निकल गया.

"तुम क्यों नही साथ जा रही शाज़िया” ज़ाहिद के बाहर जाते ही रज़िया बीबी ने शाज़िया से पूछा.

“में तो शादी के बाद मुर्री जा कर ज़ाहिद के साथ अपने हनी मून मना चुकी हूँ,इसीलिए आज आप को मोका देना चाहती हूँ कि आप अकेले ज़ाहिद के साथ जा कर एंजाय कर सको,अम्मी जान”
 
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