Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान - Page 10 - SexBaba
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Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान

इस में एक नाइटी एक ब्रा था जो नेट का था और काफी ठीक था, निपल्स वाली जगह पर एक फूल बना हुआ था और ब्रा के नीचे गोल्डन रंग के सारे सितारे लगे हुए थे। ब्रा के पीछे हुक नहीं थी बल्कि एक डोरी ही थी जो कमर पर बांधी जाती थी। नीचे एक पैन्टी थी कैथेटर और उसके ऊपर एक सलवार की तरह सफेद वस्त्र था, नेट की यह सलवार बिल्कुल ठीक थी जिसके आरपार दिखाई देता था और साईडों से कटी हुई थी। यानी इसमें एक तो नेट के पार आकर्षक दिखती थी ऊपर से साईडों से कटा होने के कारण डयरैक्ट भी आकर्षक दिखती थी। और चेहरे पर एक नकाब था जो अच्छे कपड़े का था, उसमें से लाल गुलाबी होंठ स्पष्ट दिखते थे और घूंघट पर भी नीचे गोल्डन रंग के सितारे लगे हुए थे। मैंने मैम के हाथ में अपना लंड पकड़ाया तो उन्होंने उसको छोड़ा नहीं बल्कि मस्ती मे कसकर पकड़ लिया और जैसे ही मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रखे तो मैम ने मेरे लंड की मुठ मारनी शुरू कर दी। 

में भी अपने हाथ लैला मैम के पेट से पीछे की ओर ले गया और उनकी कमर तक ले गया और फिर नीचे हाथ करके उनके चूतड़ों को जोर से पकड़ लिया। लैला मैम के चूतड़ों पर पैन्टी थी नहीं थी, पैन्टी जी स्ट्रिंग की थी जिसकी दुम चूतड़ों की लाइन में घुसी हुई थी , लेकिन नेट वाली सलवार चूतड़ों के ऊपर थी, मगर उसके ऊपर भी मैम के चूतड़ों का स्पर्श महसूस हो रहा था और मैंने चूतड़ों को दबाते हुए लैला मैम के रसीले होंठ चूसने शुरू कर दिए , कुछ देर तक ऐसे ही लैला मैम के होंठ चूसने के बाद मैंने उनका नकाब उतार दिया और उनके मुंह में अपनी जीभ डाल दी जिसको लैला मैम ने तुरंत ही अपनी ज़ुबान के साथ लपेट कर चूसना शुरू कर दिया। इस दौरान लैला मैम मेरी सलवार का नाड़ा खोल चुकी थीं, नाड़ा खुलते ही मेरी सलवार नीचे गिर गई थी और अब मेरा नंगा लंड लैला मैम के नरम और मुलायम हाथ में मज़े ले रहा था। कुछ देर तक लैला मैम के होंटों को चूसने और उनके मुंह में अपनी ज़ुबान घुमाकर मैं मम्मों की ओर बढ़ गया जो नेट की ब्रा में बहुत सुंदर लग रहे थे। मैंने लैला मैम कमर से उनके ब्रा डोरी खोली तो ब्रा को उनकी गर्दन से निकाल कर उतार दिया जिससे लैला मैम के 36 साइज़ के बड़े बड़े मम्मे मेरे सामने किसी खरबूजे की तरह खड़े हो गए। लैला मैम के छोटे तने हुए हल्के ब्राउन रंग के निप्पल बहुत सेक्सी लग रहे थे जो देखते ही देखते मेरे मुंह में जा चुके थे और मैं लैला मैम का मीठा मीठा दूध पीने में व्यस्त था।

लैला मैम ने एक हाथ मेरी गर्दन में डाला हुआ था जबकि दूसरा हाथ लगातार मेरे लंड पर था और उसकी वह मुठ मार रही थीं। इस दौरान लैला मैम ने एक बार मुझसे कहा कि प्लीज़ सलमान मुझे जाने दो फिर कोई दिन मिलेगा, मगर मैंने कहा नहीं मैम, कितनी बार आपकी चूत मेरे लंड के पास आकर निकल गई, लेकिन आज नहीं। आज तो अपना लंड आपकी चूत में डाल कर ही रहूँगा।

लैला मैम ने कहा फिर मुझे जल्दी जल्दी चोदो ताकि मुझे देर न हो। मैंने कहा मैम आपका शरीर ऐसा नहीं कि उसको केवल चोदा जाए और छोड़ दिया जाए। आपका ये संग मर मर का तराशा हुआ बदन तो प्यार करने के लायक है, चुदाई तो बस लंड और योनी की प्यास बुझाने के लिए होगी, लेकिन वास्तविक शांति तो आपके शरीर को प्यार करने में है। यह कह कर मैंने लैला मैम को अपनी गोद में उठा लिया और ट्राई रूम से बाहर ले आया। गोद में उठा कर 5 मिनट तक लैला मैम के बूब्स को चूसता रहा और निप्पल्स को दांतों के बीच दबा कर काटता रहा जिससे लैला मैम बहुत गर्म हो रही थीं। फिर मैंने लैला मैम नीचे उतारा तो लैला मैम तुरंत ही मेरे सामने बैठ गई और मेरा लोड़ा अपने हाथ में पकड़ते ही तुरंत मुंह में डाल कर उसकी चुसाइ शुरू कर दी . लैला मेम को अपने लंड की चुसाइ करता देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही थी और मज़ा भी आ रहा था, उस दौरान मैंने अपनी कमीज और बनियान भी उतार दी। लैला मैम के दोनों हाथ मेरे चूतड़ों पर थे और वह मेरा लंड अपने मुंह में डाले अपना मुँह आगे पीछे करके मेरे लंड की चुसाइ लगा रही थीं। 

लैला मैम मुंह की गर्मी और उनकी ज़ुबान से लगने वाली लार मेरे लंड को आनंद पहुंचा रहे थे। काफी देर तक लैला मैम ने मेरे लंड की चुसाइ की, तो मैंने लैला मैम को खड़ा करके उनकी नेट वाली सलवार के साथ साथ उनकी पैन्टी भी उतार दी। फिर मैंने लैला मैम को उनके सीने से पकड़ कर उठाया और अपने सामने काउन्टर पर बिठा दिया। काउन्टर पर बिठाने के बाद मैंने लैला मैम के पैर उठाकर भी काउन्टर पर रखकर फैला दिए और उन्हें चूतड़ों से पकड़ कर थोड़ा आगे कर दिया जिससे लैला मैम की योनी मेरे पास आ गई। लैला मैम को यूँ काउन्टर पर बिठाने के बाद मैंने अपनी ज़ुबान निकाली और लैला मैम की चूत के टाइट लबों के बीच मे रख कर उनके दाने को तेज तेज मसलना शुरू कर दिया। जैसे ही मेरी जीभ लैला मैम की चूत के दाने पर लगी उनका शरीर कांपने लगा और उन्होंने तेज तेज सिसकियाँ लेना शुरू कर दिया आह हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह ह ह ऊऊह ..... आह हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह ह ह ह खा जाओ सलमान मेरी चूत को। । । । आह ह हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह ह ह ह ह ... जोर से मसलो अपनी ज़ुबान। । .. आह ह ह ह हुह हुम्म्म्म ममममममम हु हुम्म्म्म मममममममम ... उफ़ एफ एफ एफ एफ एफ एफ एफउफफफफफफ्फ़ मेरी चूत .. । । । आह ह ह ह ओह हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .... आह ह ह .... आह ह ह ह .... आह ह ह ह .. । खा जाओ, खा जाओ ,,,, आह ह ह ह ... आह ह ह हहहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ... जोर से ... आह ह हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह ... आह ह ह ह लैला मैम की बेमेल आवाज़ें मेरी दुकान में गूंज रही थीं और मैं लैला मैम की चूत के दाने को चाट चाट कर और अपनी जीभ से रगड़ रगड़ कर लाल कर चुका था। लैला मैम के पैर खुले हुए थे और वो मेरे सामने काउन्टर पर बैठी थीं जबकि मैं खड़ा होकर उनकी योनी चाट रहा था। फिर लैला मैम की सिसकियाँ और भी तेज हो गईं और उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर के बालों को जोर से पकड़ कर जकड़ लिया और अपनी चूत को आगे पीछे हिलाना शुरू कर दिया। लैला मैम की चूत ने अचानक ही पानी छोड़ दिया मगर मैंने लैला मैम की योनी को चाटना लगातार जारी रखा। पानी छोड़ते हुए लैला मैम ने लगातार अपनी योनी आगे पीछे हिलाना जारी रखी। 

जब लैला मैम का सारा पानी निकल गया तो उन्होंने मेरा मुँह ऊपर किया और खुद नीचे झुक कर मेरे चेहरे पर लगा अपनी चूत का सारा पानी चाटना शुरू कर दिया। लैला मैम ने अपनी चूत का सारा पानी मेरे चेहरे से चाट लिया तो बोलीं अब अपनी जीभ बाहर निकालो, उस पर जो मेरी चूत का पानी लगा है मैं वह भी चाटना है। यह सुनकर मैंने अपनी ज़ुबान भी निकाल दी जिसे लैला मैम ने अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। जब लैला मैम ने मेरी ज़ुबान को भी चूस चूस कर साफ कर दिया तो मैंने लैला मैम को काउन्टर से उतारा और सोफे पर लिटा दिया। 


लैला के मैम पैर नीचे की ओर थे जबकि उनकी कमर और सिर सोफे के ऊपर की ओर था। मैं लीला मैम की योनी के पास हुआ और उनके दोनों पैर उठा कर अपने कंधेों पर रख दिए और अपना एक घुटना सोफे पर रखकर लंड को पकड़ का मैम की चूत के पास कर दिया। लैला मैम ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ कर पहले उसे अच्छी तरह देखा और उसको अपनी योनी के छेद पर सेट करके बोलीं, काफी समय से ये चूत लंड की प्यासी है, आज ऐसी चुदाई करना कि बीते वर्षों की सारी प्यास भूल जाऊं। मैंने कहा मैम आप चिंता न करें आपकी चूत को आज ऐसा मज़ा मिलेगा जैसा हनीमून पर मिला था। यह कह कर मैंने एक जोरदार धक्का लगाया, लेकिन लैला मैम की चूत मेरी उम्मीद से ज्यादा टाइट थी। मेरे लंड की टोपी के अलावा केवल एक इंच लंड ही अंदर जा सका और लैला मैम की चीख दुकान में गूंज गई। 

मुझे पता नहीं था कि लैला मैम को इतनी तकलीफ भी होगी और मेरा लंड आगे जाने में कठिनाई का सामना करेगा . चीख पर तो लैला मैम ने तुरंत ही नियंत्रण कर लिया, शायद उन्हें भी पता नहीं था कि इतने सालों से चुदाई न होने की वजह से उनकी चूत बिल्कुल कुंवारी चूत की तरह टाइट हो चुकी होगी। तभी मैंने अपना लंड एक बार बाहर निकाला और उस पर अपना थूक फेंक कर उसकी टोपी पर अच्छी तरह मसल दिया। फिर मैं लैला मैम की चूत पर भी थूक फेंका और अपनी उंगली लैला मैम की चूत में डाल कर उसको अंदर से अच्छी तरह रगड़ दिया। उंगली चूत में पाकर लैला मैम की चूत की चिकनाहट वापस आ गई, 

मैंने फिर से लंड लैला मैम की चूत पर रखा और एक जोरदार धक्का लगाया। अब की बार लैला मैम को अनुमान था इसीलिए उन्होंने अपने दोनों हाथों को अपने मुँह में रख कर अपनी चीख को रोक लिया था, जबकि मेरा आधा लंड लैला मैम की चूत को चीरता हुआ अंदर दर्ज हो चुका था। लैला मैम ने धीमी आवाज में कहा, रोकना नहीं अपने घोड़े को, मेरी तकलीफ की परवाह मत करो, बस इस घोड़े को मेरी चूत में दौड़ाते रहो बिना रुके। लैला मैम की बात सुनकर मैंने लैला मैम की चूत से लंड वापस खींचा और फिर एक जोरदार धक्का लगाया और पूरा लंड लैला मैम की चूत में उतार दिया। 

लैला मैम की चूत बहुत टाइट थी, मुझे उम्मीद नहीं थी कि 32 से 34 साल की औरत की चूत इतनी टाइट भी हो सकती है। बहरहाल मैंने अब लैला मैम की चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिए थे। 2 मिनट की चुदाई के बाद लैला मैम को अब मेरा लंड चोट नहीं दे रहा था और अब लैला मैम मेरे लंड से अपनी चुदाई को एंजाय कर रही थीं। और तेज चोदो .... आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह हहहिईीईईईई ह ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हह ... और तेज मेरे राजा ... और तेज .... आह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हह ह ह ह .... आह ह हुम्म्म्म मममममम मेरी चूत .. । । .. । । उफ़ एफ एफ एफ एफफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ ..... आह ह ह ... आह ह ह ... पिटाई ... तेज ..... आह ह ह ह ... आह ह ह ह ह ह .... उफ़ एफ एफ एफ ... उफ़ एफ एफ एफ एफ .... आह ह ह ह ह आह ह ह ह ह .... आह ह ह ह ..... क्या लोड़ा है तुम्हारा ..... आह ह हुहईईईईईईईई ... चोदते जाओ, रुकना नहीं ... आह ह ह ह ... तेज ..... और तेज ....

चुदाई की ऐसी ही आवाज़ों से मेरी दुकान गूंज रही थी और मैं लैला मैम की आँखों में आँखें गढ़ाए उनकी रोमांचक चुदाई कर रहा था। जो चूत इतनी मुश्किलों से मिले उसको चोदने का अपना ही मजा आता है और अगर वह चूत इतनी टाइट हो फिर तो मज़ा दुगुना हो जाता है। यही हाल इस समय मेरा हो रहा था। 6 से 7 मिनट तक मैं लैला मैम को ऐसे ही चोदता रहा और फिर लैला मैम की चूत की दीवारों से गरम पानी निकल कर मेरे लंड को नहलाने लगा। चूत का पानी निकालते हुए लैला मैम ने अपनी चूत को और भी अधिक टाइट कर लिया था जिससे मेरा लंड लैला मैम की चूत में फंस गया था। 

सारा पानी निकालने के बाद लैला मैम अपनी जगह से उठीं और मेरा लंड हाथ में पकड़ कर उस पर लगा अपनी चूत का पानी चाटने लगी। जब लैला मैम ने मेरा लोड़ा चूस चूस कर सुखा दिया तो मैम ने खुशी से मेरी ओर देखा और बोलीं आज बहुत समय बाद किसी लोड़े से अपनी चूत का स्वाद चखा है, यह कह कर लैला मैम खड़ी हो गईं और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख मुझे प्यार करने लगी साथ ही लैला मैम ने अपनी एक टांग उठा कर मेरे चूतड़ों के आसपास लपेट ली और एक हाथ से मेरा लोड़ा पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर रख दिया। जैसे ही मुझे अपने लोड़े पर लैला मैम की चूत की गर्मी का एहसास हुआ, मैंने एक धक्का लगाया और आधे से अधिक लंड लैला मैम की चूत में घुस गया, तो साथ ही एक और धक्का लगाया और लैला मैम की चूत में अपने लंड से खुदाई करना शुरू कर दिया। योनी में लंड को लेकर लैला मैम बहुत तीव्रता से मेरे होंठ चूस रही थीं उन्हें मुझ पर शायद बहुत ज़्यादा प्यार आ रहा था कि मैंने काफ़ी समय बाद उनकी चूत की प्यास बुझाई है। मेरे लंड ने जब लैला मैम की चूत से पानी निकाला तो तभी उसको आराम मिला था अब तो बोनस चुदाई जारी थी जिसमें मज़ा ही मज़ा था।
 
खड़े खड़े चुदाई करवाते हुए लैला मैम के मम्मे मेरे सीने में दबे हुए थे और मैं लैला मैम की ज़ुबान को अपने मुंह में लिए चूस रहा था जबकि नीचे से मेरा लोड़ा लैला मैम की चूत में खुदाई कर रहा था। कुछ देर बाद जब लैला मैम थक गई तो उन्होंने अपने पैर को वापस नीचे रख लिया पैर नीचे रखने से लैला मैम की चूत बहुत टाइट हो गई थी और अब मेरा लोड़ा फंस फंसकर लैला मैम की चूत में जा रहा था। मैंने लैला मैम ज़ुबान अपने मुँह से निकाली और उन्हें कहा कि वो अब अपनी दोनों टाँगें साथ मिला लें ताकि उनकी चूत और टाइट हो जाय और साथ में अपने दोनों हाथ मेरी कमर पर रखकर सहारा लेकर पीछे की ओर झुक जाएं ताकि मुझे धक्के मारने के लिए ज़्यादा जगह मिल सके। 


लैला मैम ने ऐसे ही किया और मेरे चूतड़ों से कुछ ऊपर से मुझे पकड़ कर सहारा लेकर पीछे की ओर झुक गईं और उनकी टाइट में योनी मेरा लंड ऐसे फंस गया कि हिलने का नाम ही नहीं ले रहा था। मगर मैंने हिम्मत नहीं हारी और इतनी टाइट योनी में भी लगातार धक्के लगाता रहा। कुछ ही देर में मेरा लंड धाराप्रवाह से लैला मैम की टाइट योनी की चुदाई कर रहा था। मैंने अपनी टाँगें थोड़ी सी खोली हुई थीं जबकि मेरी टांगों के बीच लैला मैम के दोनों पैर आपस में मिले हुए थे . 

इस स्थिति में चुदाई करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड हर धक्का पहले से ज़्यादा शक्ति से लगा रहा था। कुछ देर बाद लैला मैम ने मेरी कमर से हाथ हटा कर मेरे हाथों में हाथ डाल लिए, मैंने हाथ आगे की तरह फैलाए जिससे लैला मैम और पीछे की ओर दोहरी हो गईं थीं, उनकी चूत पहले की तरह ही टाइट थी मगर अब मुझे पहले से ज़्यादा जगह मिल गई थी जानदार चुदाई करने के लिए जिसका मैंने भरपूर फायदा उठाया था। 5 से 6 मिनट तक इसी तरह खड़े खड़े लैला मैम की योनी को चोदता रहा, फिर लैला मैम ने कहा बस करो अब मुझे दर्द हो रहा है, तो मैंने उनकी योनी से अपना लंड निकाल लिया। और लैला मैम को कहा कि अब वो मेरे ऊपर लेट जाएं। यह कह कर मैं सोफे पर लेट गया और लैला मैम अपनी दोनों टाँगें फैला कर मेरे ऊपर बैठ गईं। मेरे ऊपर बैठ कर लैला मैम ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ कर अपनी चूत में फिट कर एक ही झटका मारा और मेरे ऊपर सारा वजन डाल कर बैठ गईं जिससे मेरा सारा लंड लैला मैम की चिकनी योनी में फिसलता चला गया। मेरे ऊपर बैठ कर लैला मैम ने अपने पंजों और घुटनों के सहारे खुद ही ऊपर नीचे उछल कर अपनी चुदाई शुरू कर दी। 

इस दौरान मेरी नजरें लैला मैम के 36 साइज़ के मम्मों पर ही गढ़ी रही जो जेली की तरह मेरी आँखों के सामने हिल रहे थे। कुछ देर बाद जब लैला मैम उछल उछल कर थक गई तो मैंने उन्हें कहा अब मेरे ऊपर लेट जाएं, तो लैला मैम ने आगे झुक कर मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया, जबकि मैंने पीछे से उनकी गाण्ड को थोड़ा ऊपर उठा कर उनकी योनी में फिर से धक्का मारना शुरू कर दिया। इस दौरान चुंबन के साथ लैला मैम की सिसकियाँ भी निकलती रहीं। मैं रह रहकर लैला मैम के चूतड़ों पर जोर से थप्पड़ भी मार रहा था जिससे लैला मैम की सिसकियों में ज़्यादा वृद्धि हो रही थी . मैंने कुछ देर बाद लैला मैम को थोड़ा ऊपर उठा कर उनके मम्मे अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और पीछे से उनकी योनी में अपने लंड के धक्को की गति भी बढ़ा दी। 5 मिनट तक मैं ऐसे ही लैला मेम की चूत को चोदता रहा और 5 मिनट बाद जब लैला मैम ने अपनी चूत को टाइट कर लिया तो मैंने कुछ जानदार धक्के लगा कर लैला मैम की चूत से पानी निकालने में उनकी मदद की।

इस बार चूत से पानी निकालते हुए लैला मैम के शरीर को काफी झटके लगे और पानी निकलने के बाद वह काफी देर तक शांत रहीं। फिर जब उनकी सांसें कुछ सही हुईं तो उन्होंने मेरे सीने पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और मुझे प्यार करने लगी . मेरा लंड अभी भी मैम की चूत में था मगर मैं धक्के नहीं लगा रहा था। कुछ देर तक लैला मैम मेरे सीने पर प्यार करती रही और अपनी जीभ मेरे निपल्स पर रगड़ती रही जिससे मुझे बहुत मज़ा आया। 

फिर लैला मैम ने मेरी ओर देखकर एक स्माइल दी और बोलीं तुम बहुत अच्छा चोदते हो सलमान, मुझे पहले पता होता तो मैं कब की तुमसे अपनी चूत मरवा चुकी होती। यह कह कर मैम ने मेरे होंठ चूसे और कहा मुझे अपनी योनी में अभी भी तुम्हारे लंड की दृढ़ता महसूस हो रही है, अब बताओ अब कैसे चोदना पसंद करोगे अपनी लीला मैम को? 

मैंने कहा मैम लड़कों को डागी स्टाइल बहुत पसंद है, वे चाहते हैं अपनी साथी को एक बार घोड़ी बनाकर जरूर चोदे . यह सुनकर मैम मुस्कुराई और बोली मेरे पति भी मुझे घोड़ी बनाकर ज़रूर चोदते थे। यह कह कर लैला मैम मेरे ऊपर उठी और मैं भी सोफे से उठ गया, लैला मैम सोफे पर ही घोड़ी बनने लगीं तो मैंने उन्हें रोका और काउन्टर के अंदर ले गया। अंदर ले जा कर मैंने लैला मैम को अपनी ऊंची चेयर पर घोड़ी बनने को कहा। यह छोटे आकार की स्टूल नुमा कुर्सी थी जो फारेनहाइट मे काफी ज़्यादा थी।

लैला मैम ने अपने दोनों घुटने इस स्टूल पर रखे और उसकी पीछे वाली बॅक के ऊपर अपना सीना रखकर घोड़ी बन गई। लैला मैम की चूत मेरे लंड के ठीक सामने थी। मैंने नीचे झुक कर कुछ देर लैला मैम की चिकनी और पानी से भरी हुई योनी को मसला और उसके बाद मैंने अपने लंड की टोपी लैला मैम की चूत पर रख कर एक ही धक्के में पूरा लंड लैला मैम की योनी में अंदर किया। उसके बाद मैं लगातार अविराम धक्कों का सिलसिला जारी रखा। 

लैला मैम अब मुझे बहुत मज़ा देना चाहती थीं क्योंकि अब तक उनकी चूत को काफी शांति मिल चुकी थी। मेरे हर धक्के पर लैला मैम अपनी चूत को टाइट कर लेतीं जिससे मेरा लंड अंदर जाते हुए खूब रगड़ ख़ाता, जबकि लंड बाहर निकालते हुए मैम अपनी चूत को ढीला छोड़ देतीं। काफी देर यह सिलसिला जारी रहा और मैम को घोड़ी बना एक घोड़े की तरह चोदता रहा। मेरे हर धक्के पर मेरा शरीर लैला मैम के भारी चूतड़ों से टकराता तो लैला मैम की सिसकियों के साथ दुकान में धुप्प धुप्प की आवाज़ें भी गूंजने लगती 5 मिनट तक इसी तरह लैला मैम को चोदता रहा, लैला मैम अब काफी थक चुकी थीं मगर मेरा लंड हार मानने को तैयार नहीं था। मैंने फिर लैला मैम को नीचे उतारा और उन्हें कुर्सी पर झुकने को कहा, लैला मैम कुर्सी का सहारा लेकर झुकी तो मैंने पीछे से उनकी योनी में लंड डाल कर एक बार फिर धक्कों का सिलसिला शुरू कर दिया। फिर मैंने लैला मैम को उनके बूब्स पकड़ कर उनकी कमर को अपने पास कर लिया, अब स्थिति कुछ यूं थी कि लैला मैम की कमर मेरे सीने से रगड़ खा रही थी उनकी गाण्ड बाहर निकली हुई थी मैं थोड़ा आगे झुक कर लैला मैम के होंठ चूस रहा था। मेरे दोनों हाथ लैला मैम के मम्मों को दबा रहे थे और उनके नपल्स को रगड़ने में लगे हुए थे, जबकि मेरा लोड़ा लैला मैम की चूत की दीवारों का बुरा हाल कर रहा था। 

5 मिनट की चुदाई के बाद लैला मॅम ने कहा सलमान में फिर से छूट रही हूँ, यह कहते ही मैम के शरीर को झटके लगना शुरू हुए और उनकी योनी ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया। इस बीच मैं लगातार बिना रुके लैला मैम को चोदता रहा। जब लैला मैम की योनी पानी छोड़ चुकी तो मैंने कहा मैम मेरा भी बस होने वाला है में भी आ रहा हूँ। यह सुनते ही लैला मैम एकदम सीधी खड़ी हो गईं और अपनी योनी से मेरा लंड बाहर निकाल दिया, और वो तुरंत घूमी और मेरा लंड पकड़ कर घुटनों के बल बैठ गई और मेरा लंड मुंह में लेकर उसकी चुसाइ लगीं। लैला मैम की योनी की तरह उनका मुंह भी काफी गर्म था, लैला मैम मेरे लंड की चुसाइ के साथ साथ अपनी जीभ की नोक मेरे लंड की टोपी से रगड़ रही थी जिससे जल्द ही मैं अपने चरम पर पहुँच गया और मेरे लंड की नसें फूलना शुरू हो गईं। फिर देखते ही देखते मेरे लंड ने वीर्य की 4, 5 गाढ़ी पिचकारी लैला मैम के मुँह में ही छोड़ दी, इस दौरान लैला मैम एक हाथ से मेरे टट्टों को मसलते रही और मुझे फारिग होने में मदद की। जब सारी वीर्य लैला मैम के मुंह में निकल गया तो लैला मैम ने मुंह साइड पर करके अपने मुंह में जमा हुए वीर्य को फर्श पर फेंक दिया और फिर मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
 
यूं लैला मैम और मेरी पहली चुदाई पूरी हो गई और लैला मैम को सालों बाद अपनी प्यासी चूत में एक जानदार लंड मिला जिससे वह आने वाले समय मे अपनी चूत की लगातार चुदाई करवाती रहें। उसके कुछ समय बाद मेरी मलीहा से शादी हो गई और राफिया की इच्छा पर अपनी सुहाग रात को मैंने राफिया की भी चूत मारी . हुआ कुछ यूं कि राफिया जो मेरे से चुदवाने के बाद मेरे लंड की दीवानी हो चुकी थी वह दुकान पर आकर मुझे अपनी चूत देती रहती थी। और जब मेरी मलीहा से शादी तय हुई तो राफिया ने फरमाइश कर डाली कि मेरी बहन की सुहाग रात वाले दिन मेरा भी हनीमून बना दो। उस दिन केवल मेरी बहन को ही नहीं बल्कि मुझे भी चोदना। मलीहा की विदाई पर रस्म के अनुसार राफिया भी हमारे घर आई और मैंने जहां कुछ मेहमानों को अपनी पड़ोसी के घर ठहराया वहीं राफिया को भी अपनी पड़ोसी के घर ठहरा दिया। अपनी पड़ोसी की चूत तो काफी समय से मार ही रहा था, मैंने उसे भी समझा दिया कि मैं अपनी साली की चूत भी मारता हूँ और साली की इच्छा के अनुसार उसकी बहन की सुहागरात पर केवल उसकी बहन ही न चुदे बल्कि उसकी भी चुदाई हो जाए। इसलिए सुहागरात को अपनी पत्नी मलीहा की कुंवारी चूत से खून निकालने और उसकी योनी की 3 बार जानदार चुदाई करने के बाद पानी निकालने के बाद जब मलीहा सो गई तो मैं अपनी छत फलाँग कर अपनी पड़ोसी के घर चला गया जहां वह और राफिया छत वाले कमरे में मेरा इंतजार कर रही थीं। 

पत्नी को चोदने के बाद मैंने पत्नी की बहन यानी अपनी साली और अपनी पड़ोसी की एक साथ चुदाई की और सुबह 6 बजे के करीब वापस अपने कमरे में आकर अपनी पत्नी की गोद में सो गया। उसके काफी समय बाद तक न केवल राफिया मुझसे चुदाई करवाती रही बल्कि अक्सर नीलोफर और शाज़िया को चोदने का मौका भी मिलता रहा। एक बार मुज़रे की रानी समीरा मलिक ने भी मुझे अपने घर बुलाकर सारी रात मुझसे चुदाई करवाई। उस रात मैंने समीरा मलिक को 3 बार चोदा। रात 9 बजे चुदाई शुरू हुई। दूसरा राउंड रात 1 बजे लगाया और तीसरा राउंड सुबह उसके घर से निकलने से पहले लगाया। उसकी चूत को खूब अच्छी तरह चोद कर उससे ढेर सारे पैसे भी वसूल किए। अलीना भी एकबार फिर से मुझसे चुदाई करवाने के लिए मेरे पास आई जबकि सलमा आंटी को कभी उनके घर जाकर तो कभी अपनी दुकान पर चोदता रहा। 

अब मेरी दुकान तो शरीफ प्लाजा समाप्त हो चुकी है और मैं गलगशत जाकर अपनी दुकान बना चुका हूं जहां आज भी एक ट्राई रूम मौजूद है, जहां कभी कभी कोई न कोई शिकार फंस जाता है और मुझे नई चूत चोदने को मिल जाती है। जबकि 3 चूतें मेरे पास रूटीन में रहती हैं। एक मेरी पत्नी की चिकनी और टाइट चूत जिसे हर तीसरे चौथे दिन ज़रूर चोदता हूँ। दूसरी मेरी पत्नी की बहन मेरी साली राफिया की चूत जो आज भी मेरी दुकान पर आकर मुझसे अपनी चूत मरवाती है। जबकि तीसरी चूत है लैला मैम की। जिनकी न केवल चूत बल्कि गाण्ड भी बहुत टाइट है, लैला मैम अक्सर मुझे अपने घर बुला लेती हैं और अलग कमरे में न केवल लैला मैम को चोदता हूँ बल्कि उनकी अनुमति से कभी-कभी उस नर्स को भी चोद देता हूँ जिसे चौकीदार से चुदवाने की आदत थी। इसके अलावा लैला मैम के पति की तबीयत अब पहले से काफी बेहतर है। वह चल फिर तो नहीं सकते लेकिन बेड पर न केवल उठकर बैठ जाते हैं बल्कि धीरे धीरे लैला मैम की चूत में अपना लंड डालकर उनको भी थोड़ा आराम पहुंचा देते हैं। 

तो दोस्तो यह थी मेरी कहानी ब्रा वाली दुकान में आँटिओ और लड़कियों की चुदाई। उम्मीद है आपको पसंद आई होगी। आपकी कीमती राय का इंतजार रहेगा। आपका दोस्त राजशर्मा . दोस्तो फिर मिलेंगे किसी नई कहानी के साथ तब तक हँसते रहिए मुस्कुराते रहिए, चोदते रहिए और लड़कियाँ भी चुदवाति रहें और मस्ती करती रहिए . 


समाप्त 
 
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