hotaks444
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कमसिन कलियाँ--21
गतान्क से आगे..........
(पर्दे के पीछे से टीना बेड पर दो जिस्मों को एक दूसरे के साथ गुथे हुए चुपचाप खड़ी देखती है।)
राजेश: करीना…करीना…
करीना: हूँ…थैंक्स मेरे प्रीतम
राजेश: आज तुम्हें क्या हुआ…हम तो एक साथ ही सीमा के पार पहुँचा करते हैं…
करीना: परन्तु आज नहीं…
(टीना पर्दे के पीछे से निकल कर राजेश के पीछे आ कर खड़ी हो जाती है। करीना उसको देख कर राजेश के नीचे से निकलने कि चेष्टा करती है।)
राजेश: अभी नहीं…तुम कुछ देर आराम कर लो…
टीना: पापा…(टीना की आवाज सुनते ही राजेश चौंक कर करीना से अलग होता है)
राजेश: टीना तुम…
टीना: हाँ पापा…अभी मेरा ट्रेनिंग रूटीन बचा हुआ है (कहते हुए अपनी टी-शर्ट और स्कर्ट उतार फेंक कर बेड पर करीना के साथ लेट जाती है। असमंजस में पड़े हुए राजेश के मुख से आवाज नहीँ निकलती है।)
टीना: क्या हुआ…प्लीज पापा…आप दोनों को देख कर तो मैं कितनी देर से आग में जल रही हूँ… (राजेश होश में आते हुए और सारा माजरा समझते हुए)
राजेश: बेटा…(टीना के निकट जा कर) इस सरप्राईज के बाद तुम्हारे साथ आज कुछ भी करना मेरे लिये बड़ा मुश्किल होगा…(कहते हुए करीना और टीना के बीचोंबीच जा कर लेट जाता है)
टीना: (राजेश पर सवार हो कर) प्लीज पापा…आप ही तो कह रहे थे कि हम दोनों ही आपकी प्रेमिका हैं…
राजेश: बेटा…(अपने सामने टीना की खुली हुई टांगों के बीच योनिच्छेद से रिसते हुए रस अपने सीने पर टपकते हुए देख कर)…करीना और तुम दोनों मुझे बहुत प्रिय हो पर एक समय दोनों के साथ… शायद यह मुझसे न हो सकेगा…(लेकिन तब तक टीना अपनी चूत राजेश के सीने पर रगड़ना शुरू कर देती है)
टीना: (राजेश के जिस्म पर अपनी योनि रगड़ती हुई) करीना…उठ यार अपना काम हो जाने के बाद मुझे भूल गयी…तू पापा के लंड को तैयार कर…देखो तो बेचारे का डर के मारे क्या हाल हो गया है।
करीना: टीना…(उठते हुए)…मेरे प्रीतम को शाक लगा है…तू चिन्ता मत कर अभी कुछ देर में इन का एक आँख वाला अजगर तेरा बुरा हाल कर देगा…देखती जा…
राजेश: करीना…(कुछ और बोलने से पहले टीना झुक कर अपने होंठ की गिरफ्त में राजेश के होंठों ले लेती है। राजेश के होंठों के साथ खेलती हुई टीना अपनी उन्नत और पुष्ट पहाड़ियों को राजेश के सीने पर रगड़ती है। दूसरी ओर राजेश के लंड को करीना अपने मुख में ले कर अपनी जुबान की ठोकरों से उठाने में लग जाती है।)…टीना…आह…
टीना: आप भी तो कुछ करिए…(कह कर अपने योनिच्छेद को राजेश के मुख पर रख देती है। रिसता हुआ प्रेमरस राजेश के होंठों को गीला कर देता है। राजेश से भी नहीं रहा जाता और अपनी उँगलियों से जुड़ी हुई फाँको को अलग करता है अपनी लपलपाती जुबान से लाल रंग के ऐंठें हुए बीज पर चोट करता है)…आअ…आह…अ…आह पापा
(राजेश टपकते हुए योनिरस को सोखने में लग जाता है। बार बार करीना की जुबान की कुकुरमुत्ते समान सिर पर चोट, मुलायम हाथों से अंडकोशों से खिलवाड़ और करीना के होंठों की मालिश से लिंगदेव भी प्रसन्न हो कर एक बार रौद्र रूप धारण कर के लहराने लगते है।)
राजेश: (अपना मुख योनि पर से हठा कर) टीना…तुम अब पूरी तरह से तैयार हो गयी हो मेरे लंड को अपने दूसरे मुख में लेने के लिये…पीछे हो कर तुम उस पर बैठ जाओ…करीना तुम टीना की मदद करो…
(करीना अपने मुख से राजेश का लंड को आजाद करती है और गरदन पकड़ कर सीधा कर देती है। टीना पीछे सरक कर धीरे से चूत के मुहाने को बैगनी रंग के फूले हुए लंड के सुपाड़े पर बिठाती है और धीरे से अपना वजन डाल कर अन्दर सरकाती है।)
टीना: (आँखे मूंद कर गर्म मोटी सलाख को अन्दर महसूस करती हुई)… अ…आ…ह्…आह
(करीना अब आगे आकर राजेश के मुख पर अपनी चूत को रख देती है। टीना थोड़ा जोर लगा कर एक झटके के साथ बैठ जाती है। जोश में तन्नायें हुए लिंगदेव चूत के संकरेपन में अपना रास्ता खोजते हुए सीधे बच्चेदानी के मुहाने पर जा कर रुक जाते है। इधर राजेश को आधा-अधुरापन महसूस होता है और वह भी अचकचा कर नीचे से एक भरपूर धक्का देता है जिसकी वजह से बच्चेदानी का मुख खोल कर लिंगदेव गरदन तक जा कर अन्दर फँस जाते है। टीना पूरा लंड निगल कर आँखें मूंदे योनि में पल-पल उठते हुए जलजले को महसूस करती हुई भावविभोर हो जाती है। करीना भी आँखें मूंद कर अपनी चूत के साथ होते हुए खिलवाड़ को महसूस करती है। तीन जिस्म अपने-अपने तरीके से वासना के तूफान में बहते हुए चरम सीमा तक पहँचने की तैयारी में लग जाते है। उत्तेजना में आसक्त हो कर टीना अपने हाथ बढ़ा कर करीना के स्तन को कभी सहलाती और कभी जोश मे मसक देती है।)
करीना: (टीना के कोमल हाथ और राजेश की जुबान की ठोकर से) अ आ…आह…आ…ह (कहती हुई झरझरा के बह उठती है। राजेश बहते हुए प्रेमरस के झरने में मुँह लगा कर पी कर तृप्त हो जाता है। करीना निढाल हो कर राजेश के उपर से हट कर बेड पर लेट जाती है और अपनी तेज चलती हुई साँसों को काबू में करती है।)
टीना: प…आ…पा (राजेश के लंड पर उन्मुक्त घुड़सवारी करते हुए)…हाय…आह…
(करीना के जोश को ठंडा करके अब राजेश अपना ध्यान टीना पर केन्द्रित करता है। टीना के हिलते हुए स्तनों को अपनी हथेली का सहारा देकर सहलाता और मसलता है। उँगलियों के बीच मे फूले हुए अंगूरों को दबा कर तरेड़ता है।)
राजेश: टीना…आअ…मुझे लगता है कि मेरा लंड किसी लोहे के जबड़े में फँस कर रह गया है…आह
(राजेश के लंड की लम्बाई और मोटाई को नापते हुए टीना की चूत भी अपने अन्दर उफनते ज्वालामुखी को रोक नहीं पाती और झरझरा कर प्रेमरस की झड़ी लगा देती है।)
टीना: .उउआ.आह....उई...आ...उ.उ.उ...आह.....
(कुछ ऐसा ही हाल राजेश के साथ भी होता है। जैसे ही टीना के अन्दर ज्वालामुखी फटता है वह धम्म से अपना सारा वजन डाल कर बैठ जाती है और उसी गति राजेश का लंड सारी बाधाएँ पार करते हुए अपना सिर टीना की बच्चेदानी में जा कर फँसा देता है। टीना की चूत राजेश के लंड को इर्द-गिर्द से जकड़ कर उसका रस सोखने में लग जाती है। इसके एहसास से राजेश के अन्दर उफनता हुआ लावा सारे बाँधों को तोड़ कर बाहर आ जाता है और टीना की चूत को लबालब प्रेमरस से भर देता है। टीना भी थक कर राजेश के उपर गिर जाती है और राजेश भी टीना को अपने आगोश में ले कर अपनी तेज चलती हुई साँसों को काबू में करने की कोशिश करता है। दोनों का मिला जुला प्रेमरस टीना की चूत में से रिसता हुआ अब बाहर छलकने लगता है और राजेश के पेट पर फैल जाता है।)
राजेश: (टीना को हिलाते हुए) टीना…बेटा…
टीना: हूँ…पापा
राजेश: क्या हुआ…तुम ठीक हो…
टीना: हूँ…
राजेश: (साथ में लेटी करीना की ओर रुख करके) करीना…करीना…
करीना: हूँ…
राजेश: (टीना को अपने उपर से हटा कर बैठते हुए)…अरे दोनों सिर्फ हूँ ही करती रहोगी या कुछ और भी बोलोगी…आखिर हम तीनों के मिलन का पहला दिन है…कैसा लगा?
करीना: एक्स्क्युइजिट्…
टीना: माइन्ड ब्लोइंग… पापा आप परफेक्ट पार्टनर हो…
राजेश: (दोनों को चूमते हुए) तुम दोनों मेरे लिए परफेक्ट फिट हो…अब जल्दी से तैयार हो जाओ मम्मी के आने का टाइम नजदीक आ रहा है…
टीना: नहीं पापा…ऐसे ही लेटे रहना अच्छा लगता है…(और कह कर करीना से लिपट जाती है)
करीना: हाँ डार्लिंग…टीना ठीक कह रही है (और कह कर टीना को कस कर अपने आगोश में बाँध लेती है)
राजेश: (दोनों लड़कियों को जबरदस्ती अलग करके बीच में बैठते हुए) मेरी परियों प्लीज होश में आ जाओ…जल्दी से कपड़े पहन लो मम्मी का टाइम हो गया है…
टीना: (ठुनकती हुई) पापा…ठीक है हम दोनों मेरे कमरे में जा कर आराम कर लेती है…(कह कर बेड पर खड़ी हो जाती है) करीना चल यार मेरे कमरे में वहाँ जा कर आराम करते है…
करीना: (बेड पर खड़ी होती हुई)…चल यार…मेरे प्यारे अंकल नें दिल तोड़ दिया…
(राजेश टुकुर-टुकुर दोनों की बातें सुनता है और दो नग्न कमसिन जिस्मों को निहारता है। दोनों के हसीन चेहरों पर पूर्ण तृप्ति के भाव, थरथराते हुए सुडौल वक्ष, कटाव लेते हुए नितंब, मासंल जांघें और बालोंरहित कटिप्रदेश देखते हुए राजेश के शरीर में एक बार फिर से रक्त संचारित होने लगता है। दोनों अपने कपड़े उठा कर नग्न अवस्था में इठलाती और बल खाती हुई टीना के कमरे का रुख करती है।)
राजेश: लड़कियों प्लीज… रहम करो… अपने को रोक नहीं सकूँगा…
करीना: (मुड़ कर) न रहा जाए तो…उपर आ जाईएगा…
टीना: (रुक कर) पापा…हम दोनों आपकी राह देखेंगीं…
राजेश: ओके बेटा…
(तभी दरवाजे की घंटी बजती है…दोनों लदर-पदर भागते हुए सीड़ीयाँ चड़ती हुई टीना के कमरे में चली जाती है। राजेश जल्दी से अपनी लुंगी को लपेट कर दरवाजे की ओर झपटता है।)
(दरवाजा खुलने पर अपने सामने कुरियर वाले को खड़ा पा कर खिसिया जाता है। लीना की वापिसी की फ्लाइट की जानकारी स्कूल वालों ने दी थी। जब तक राजेश कुरियर वाले को निपटाता है…सामने से मुमु कार को शेड के नीचे पार्क करती हुई दिखाई देती है…)
मुमु: (घर मे प्रवेश करते हुए) किसकी खबर है?
राजेश: कुछ खास नहीं…स्कूल वालों ने बताया है कि संडे सुबह लीना आ रही है।
मुमु: (सोफे पर बैठती हुई) टीना कहाँ है…
राजेश: उपर अपने कमरे में करीना के साथ है…खाना आज बाहर से मँगवा लेते है क्योंकि तुम थकी हुई होगी और करीना भी है…
मुमु: हाँ यही ठीक रहेगा…आज क्वालिटी रेस्टोरेन्ट से मँगवा लेते है।
राजेश: अच्छा ठीक है। तुम ओर्डर दे दो और मैं जल्दी से तैयार हो कर आता हूँ फिर तुम बाथरूम यूज कर लेना…
मुमु: हाँ यही ठीक रहेगा (कहते हुए फोन की ओर बढ़ जाती है)
(करीना, राजेश और उसका परिवार रात का भोजन एक साथ करते है। मुमु और राजेश अपने बेडरूम में चले जाते है। दोनों लड़कियाँ उपर टीना के कमरे में चली जाती हैं।)
मुमु: प्लीज एक नींद की गोली दे दो…
राजेश: मुमु अब इसकी आदत मत डालो…आगे चल कर तुम्हें इसकी आदत हो जाएगी।
मुमु: मै जानती हूँ परन्तु क्या करूँ…थकान और पिताजी की चिन्ता की वजह से नींद नहीं आएगी।
राजेश: (नींद की गोली मुमु को थमाता है) अच्छा चलो अब सो जाओ…(कहते हुए करवट बदल कर सोने का उपक्रम करता है)
(एक घंटे के बाद राजेश अपने बिस्तर से उतर कर दबे पाँव टीना के कमरे का रुख करता है। दरवाजे पर कान लगा कर अन्दर के हाल का जायजा लेता है। कमरे में उत्तेजना से भरी सिसकारियाँ गूँज रही है। थोड़ी देर बाहर खड़ा हो कर चुपचाप सुनता है और फिर दरवाजे को ठेल कर देखता है कि कहीं अन्दर से बन्द तो नहीं है परन्तु बिना कोई आहट किए दरवाजा खुल जाता है। राजेश कमरे में प्रवेश करके पर्दे के पीछे से अन्दर की ओर झाँकता है।)
(राजेश पर्दे के पीछे से अन्दर की ओर झाँक कर बेड पर पसरी हुई टीना और करीना के बीच मे होते हुए समलैंगिक एकाकार पर दृष्टि डालता है। उसके भी खून मे तेजी आ जाती है।) टीना:.उ.अ..आह.पा…अ.उउआ.पाआह....
करीना: अ..आह.…अ.उउआ.ह....
(दोनों लड़कियाँ 69 पोजीश्न बनाए एक दूसरे की जवानी के रस को सोखती हुई बेसुध हालत में है। सामने का दृश्य देख कर राजेश स्तब्ध खड़ा रह जाता है। धीरे से अपने को होश में ला कर दोनों की ओर बढ़ता है। दोनों हसीनाएँ आँखें मूंदे अपनी ही बनाई दुनिया में मस्त है और राजेश के आगमन से अनिभिज्ञ है। टीना की चूत पर करीना मुख लगा कर अपनी जुबान के अग्र भाग से लाल रंग के मोती को घिसती है। यही कुछ टीना भी करीना की चूत के साथ करती है। सामने का द्दृश्य देख कर राजेश का लंड भी अपनी हरकत में आ जाता है। राजेश अपनी लुंगी को निकाल फेंकता है और अपने लंड को एक मुठ्ठी में ले कर उसके सिर को अनावरित करते हुए अपने अंगूठे को चिकने बैंगनी रंग के फूले हुए सिर पर धीरे से फिराता है। अचानक करीना की निगाह राजेश पर पड़ती है और उसके मुख से दबी हुई चीख निकल जाती है। टीना भी हड़बड़ा कर उठ बैठती है और राजेश को देख कर हतप्रभ रह जाती है।)
टीना: पापा… यह क्या आपने दरवाजा कैसे खोला…
राजेश: (अपने तन्नाते हुए लंड को प्यार से हिलाते हुए) क्यों तुमने चिटकनी नहीं लगाई थी क्या? करीना डार्लिंग इसे तुम्हारे मुख की जरूरत है प्लीज…
टीना: नहीं करीना। हमनें कुण्डी तो लगाई थी…पर लगता है कि ठीक से नहीं लगी होगी…फिर भी आप दरवाजा तो खटखटा देते…
राजेश: तुम दोनों ने इतना उधम मचा रखा था की दरवाजे के बाहर तक आवाजें आ रही थीं।… और अगर मैनें खटखटा दिया होता तो मुझे इतना हसीन यादगार सीन कैसे देखने को मिलता?
टीना: (गुस्से से) पापा…(फिर रुआँसी आवाज में) आप बड़े वो हो…
राजेश: (टीना को अपनी ओर खींचते हुए) बेटा…तुम दोनों के बीच की घनिष्टता को मै जानता हूँ…पर क्या मैं तुम दोनों के साथ घनिष्ठ नहीं हो सकता (कहते हुए पास बैठी करीना को भी अपने उपर खींचता है)
करीना: (कुछ सोचते हुए) टीना तुझे तो पता है कि मै तो अंकल की पूरी तरह से हो चुकी हूँ…मेरे अंग-अंग पर उनका अधिकार है (कहते हुए नीचे झुक कर राजेश के लंड को अपने मुख में रख कर चूसना शुरू कर देती है)
टीना: करीना हमारे पैक्ट का क्या हुआ…हम दोनों ने वादा किया था कि हम दोनों सारा जीवन साथ बिताएँगी…एक पति और पत्नी की तरह…और (राजेश की ओर देखती हुए) …देखो मेरी पत्नी ने कैसे अपने मुख में मेरे पापा का लंड ले रखा है?
राजेश: तो क्या हुआ (आ…ह)…क्या एक पत्नी के दो पति नहीं हो सकते…करीना तुम्हारी पत्नी ही रहेगी परन्तु मेरी प्रेमिका बन कर भी रह सकती है। क्या तुम मेरी प्रेमिका नहीं बनना चाहती…तुम्हें भी तो मेरे हथियार की धार बनानी है…(कह कर टीना के थरथराते होंठों को अपने होंठों में दबा कर उसकी सीने की पहाड़ियों को धीरे से सहलाता हुआ नीचे की ओर सरक कर बेड पर लेट जाता है।)
टीना: अ..आह…पापा…अ.उउआ.ह....
राजेश: बेटा…तुम एक स्त्री पहले हो और बाद में तुम्हारा प्यार…एक के बजाय तुम्हारे लिए वैराय्टी को भोगने का सुख है तो क्यों जबरदस्ती कर रही हो…(करीना अब गति पकड़ती हुई अपने होंठों से राजेश के लंड की नपाई करने लगती है)…तुम मेरी हो…अ..आह....तुम्हारा अंग-अंग मेरा है… (कहते हुए टीना को अपने सीने के उपर बिठा लेता है और अपनी उँगली को योनिच्छेद में डाल कर अन्दर ऐंठें हुए बीज के साथ छेड़खानी शुरु कर देता है)
टीना: अ..आह…अ.उउआ.ह...पापा.
राजेश: बेटा…थोड़ा सरक कर आगे की ओर आओ (उत्तेजित अवस्था में टीना राजेश के मुख पर अपनी चूत रख देती है)… अ..आह…(राजेश की लपलपाती हुई जुबान टीना की योनिछिद्र में घुस कर आग भड़का देती है)
टीना: आह.…अ.उउआ.ह....
(राजेश की जुबान ने टीना की चूत में खलबली मचा रही है। करीना ने राजेश के लंड को अपने गले तक निगल रखा है। कमरे का माहौल सिसकारियाँ और तेज साँसों से बोझिल हो रहा है। एकाएक टीना उत्तेजना से काँपती हुई झरझरा कर वासना के ज्वर में पिघल जाती है और निढाल हो कर साइड में लेट जाती है।)
राजेश: जान… इस को अब अपने दूसरे मुख का स्वाद लेने दो…आओ इस के उपर बैठ जाओ (इतना सुनते ही करीना अपने मुख से लंड को निकाल कर अपनी चूत के मुहाने पर रख कर धम्म से बैठ जाती है। वजन के दबाव की वजह से राजेश का लंड अपनी जगह बनाता हुआ सरक कर अन्दर तक जा कर धँस जाता है।)
राजेश: अ..आह.…
करीना: अ.उउआ.ह....
(करीना ने लंड की सवारी करते हुए गति पकड़नी शुरु कर दी है और राजेश की उँगलियों करीना की चूत की फाँकोँ को अलग कर के सिर उठाए बीज को घिसती है। करीना आँखे मूंद कर राजेश के लंड की मोटाई और लंबाई को नापती हुई अपनी उत्तेजना को शान्त करने में मग्न है। राजेश का एक हाथ करीना के स्तनों के साथ छेड़खानी करने में व्यस्त है। कभी कलश को सहलाते हुए निप्पलों को तरेड़ता है और कभी उंगलियों में दबा कर खींचता है और कभी कचकचा कर पीस देता है।)
करीना: अ..आह.…अ.उउआ.ह....उई…म… माँ…
राजेश: अ.उउआ.ह....
(एक झटके के साथ दोनों के अन्दर का उफ़नता हुआ ज्वालामुखी फट पड़ता है। राजेश एक आखिरी झटके के साथ निढाल हो कर करीना को बाँहों में भर कर लस्त हो कर पड़ जाता है। दोनों का मिश्रित प्रेमरस करीना की चूत से धीरे-धीरे रिसता हुआ राजेश की जांघों से होता हुआ नीचे बिछी चादर को अंकित करता है। टीना को भी अपनी ओर खींच कर अपने अंग से लगा कर राजेश कुछ देर अपनी धड़कनों को काबू में करता है।)
क्रमशः
गतान्क से आगे..........
(पर्दे के पीछे से टीना बेड पर दो जिस्मों को एक दूसरे के साथ गुथे हुए चुपचाप खड़ी देखती है।)
राजेश: करीना…करीना…
करीना: हूँ…थैंक्स मेरे प्रीतम
राजेश: आज तुम्हें क्या हुआ…हम तो एक साथ ही सीमा के पार पहुँचा करते हैं…
करीना: परन्तु आज नहीं…
(टीना पर्दे के पीछे से निकल कर राजेश के पीछे आ कर खड़ी हो जाती है। करीना उसको देख कर राजेश के नीचे से निकलने कि चेष्टा करती है।)
राजेश: अभी नहीं…तुम कुछ देर आराम कर लो…
टीना: पापा…(टीना की आवाज सुनते ही राजेश चौंक कर करीना से अलग होता है)
राजेश: टीना तुम…
टीना: हाँ पापा…अभी मेरा ट्रेनिंग रूटीन बचा हुआ है (कहते हुए अपनी टी-शर्ट और स्कर्ट उतार फेंक कर बेड पर करीना के साथ लेट जाती है। असमंजस में पड़े हुए राजेश के मुख से आवाज नहीँ निकलती है।)
टीना: क्या हुआ…प्लीज पापा…आप दोनों को देख कर तो मैं कितनी देर से आग में जल रही हूँ… (राजेश होश में आते हुए और सारा माजरा समझते हुए)
राजेश: बेटा…(टीना के निकट जा कर) इस सरप्राईज के बाद तुम्हारे साथ आज कुछ भी करना मेरे लिये बड़ा मुश्किल होगा…(कहते हुए करीना और टीना के बीचोंबीच जा कर लेट जाता है)
टीना: (राजेश पर सवार हो कर) प्लीज पापा…आप ही तो कह रहे थे कि हम दोनों ही आपकी प्रेमिका हैं…
राजेश: बेटा…(अपने सामने टीना की खुली हुई टांगों के बीच योनिच्छेद से रिसते हुए रस अपने सीने पर टपकते हुए देख कर)…करीना और तुम दोनों मुझे बहुत प्रिय हो पर एक समय दोनों के साथ… शायद यह मुझसे न हो सकेगा…(लेकिन तब तक टीना अपनी चूत राजेश के सीने पर रगड़ना शुरू कर देती है)
टीना: (राजेश के जिस्म पर अपनी योनि रगड़ती हुई) करीना…उठ यार अपना काम हो जाने के बाद मुझे भूल गयी…तू पापा के लंड को तैयार कर…देखो तो बेचारे का डर के मारे क्या हाल हो गया है।
करीना: टीना…(उठते हुए)…मेरे प्रीतम को शाक लगा है…तू चिन्ता मत कर अभी कुछ देर में इन का एक आँख वाला अजगर तेरा बुरा हाल कर देगा…देखती जा…
राजेश: करीना…(कुछ और बोलने से पहले टीना झुक कर अपने होंठ की गिरफ्त में राजेश के होंठों ले लेती है। राजेश के होंठों के साथ खेलती हुई टीना अपनी उन्नत और पुष्ट पहाड़ियों को राजेश के सीने पर रगड़ती है। दूसरी ओर राजेश के लंड को करीना अपने मुख में ले कर अपनी जुबान की ठोकरों से उठाने में लग जाती है।)…टीना…आह…
टीना: आप भी तो कुछ करिए…(कह कर अपने योनिच्छेद को राजेश के मुख पर रख देती है। रिसता हुआ प्रेमरस राजेश के होंठों को गीला कर देता है। राजेश से भी नहीं रहा जाता और अपनी उँगलियों से जुड़ी हुई फाँको को अलग करता है अपनी लपलपाती जुबान से लाल रंग के ऐंठें हुए बीज पर चोट करता है)…आअ…आह…अ…आह पापा
(राजेश टपकते हुए योनिरस को सोखने में लग जाता है। बार बार करीना की जुबान की कुकुरमुत्ते समान सिर पर चोट, मुलायम हाथों से अंडकोशों से खिलवाड़ और करीना के होंठों की मालिश से लिंगदेव भी प्रसन्न हो कर एक बार रौद्र रूप धारण कर के लहराने लगते है।)
राजेश: (अपना मुख योनि पर से हठा कर) टीना…तुम अब पूरी तरह से तैयार हो गयी हो मेरे लंड को अपने दूसरे मुख में लेने के लिये…पीछे हो कर तुम उस पर बैठ जाओ…करीना तुम टीना की मदद करो…
(करीना अपने मुख से राजेश का लंड को आजाद करती है और गरदन पकड़ कर सीधा कर देती है। टीना पीछे सरक कर धीरे से चूत के मुहाने को बैगनी रंग के फूले हुए लंड के सुपाड़े पर बिठाती है और धीरे से अपना वजन डाल कर अन्दर सरकाती है।)
टीना: (आँखे मूंद कर गर्म मोटी सलाख को अन्दर महसूस करती हुई)… अ…आ…ह्…आह
(करीना अब आगे आकर राजेश के मुख पर अपनी चूत को रख देती है। टीना थोड़ा जोर लगा कर एक झटके के साथ बैठ जाती है। जोश में तन्नायें हुए लिंगदेव चूत के संकरेपन में अपना रास्ता खोजते हुए सीधे बच्चेदानी के मुहाने पर जा कर रुक जाते है। इधर राजेश को आधा-अधुरापन महसूस होता है और वह भी अचकचा कर नीचे से एक भरपूर धक्का देता है जिसकी वजह से बच्चेदानी का मुख खोल कर लिंगदेव गरदन तक जा कर अन्दर फँस जाते है। टीना पूरा लंड निगल कर आँखें मूंदे योनि में पल-पल उठते हुए जलजले को महसूस करती हुई भावविभोर हो जाती है। करीना भी आँखें मूंद कर अपनी चूत के साथ होते हुए खिलवाड़ को महसूस करती है। तीन जिस्म अपने-अपने तरीके से वासना के तूफान में बहते हुए चरम सीमा तक पहँचने की तैयारी में लग जाते है। उत्तेजना में आसक्त हो कर टीना अपने हाथ बढ़ा कर करीना के स्तन को कभी सहलाती और कभी जोश मे मसक देती है।)
करीना: (टीना के कोमल हाथ और राजेश की जुबान की ठोकर से) अ आ…आह…आ…ह (कहती हुई झरझरा के बह उठती है। राजेश बहते हुए प्रेमरस के झरने में मुँह लगा कर पी कर तृप्त हो जाता है। करीना निढाल हो कर राजेश के उपर से हट कर बेड पर लेट जाती है और अपनी तेज चलती हुई साँसों को काबू में करती है।)
टीना: प…आ…पा (राजेश के लंड पर उन्मुक्त घुड़सवारी करते हुए)…हाय…आह…
(करीना के जोश को ठंडा करके अब राजेश अपना ध्यान टीना पर केन्द्रित करता है। टीना के हिलते हुए स्तनों को अपनी हथेली का सहारा देकर सहलाता और मसलता है। उँगलियों के बीच मे फूले हुए अंगूरों को दबा कर तरेड़ता है।)
राजेश: टीना…आअ…मुझे लगता है कि मेरा लंड किसी लोहे के जबड़े में फँस कर रह गया है…आह
(राजेश के लंड की लम्बाई और मोटाई को नापते हुए टीना की चूत भी अपने अन्दर उफनते ज्वालामुखी को रोक नहीं पाती और झरझरा कर प्रेमरस की झड़ी लगा देती है।)
टीना: .उउआ.आह....उई...आ...उ.उ.उ...आह.....
(कुछ ऐसा ही हाल राजेश के साथ भी होता है। जैसे ही टीना के अन्दर ज्वालामुखी फटता है वह धम्म से अपना सारा वजन डाल कर बैठ जाती है और उसी गति राजेश का लंड सारी बाधाएँ पार करते हुए अपना सिर टीना की बच्चेदानी में जा कर फँसा देता है। टीना की चूत राजेश के लंड को इर्द-गिर्द से जकड़ कर उसका रस सोखने में लग जाती है। इसके एहसास से राजेश के अन्दर उफनता हुआ लावा सारे बाँधों को तोड़ कर बाहर आ जाता है और टीना की चूत को लबालब प्रेमरस से भर देता है। टीना भी थक कर राजेश के उपर गिर जाती है और राजेश भी टीना को अपने आगोश में ले कर अपनी तेज चलती हुई साँसों को काबू में करने की कोशिश करता है। दोनों का मिला जुला प्रेमरस टीना की चूत में से रिसता हुआ अब बाहर छलकने लगता है और राजेश के पेट पर फैल जाता है।)
राजेश: (टीना को हिलाते हुए) टीना…बेटा…
टीना: हूँ…पापा
राजेश: क्या हुआ…तुम ठीक हो…
टीना: हूँ…
राजेश: (साथ में लेटी करीना की ओर रुख करके) करीना…करीना…
करीना: हूँ…
राजेश: (टीना को अपने उपर से हटा कर बैठते हुए)…अरे दोनों सिर्फ हूँ ही करती रहोगी या कुछ और भी बोलोगी…आखिर हम तीनों के मिलन का पहला दिन है…कैसा लगा?
करीना: एक्स्क्युइजिट्…
टीना: माइन्ड ब्लोइंग… पापा आप परफेक्ट पार्टनर हो…
राजेश: (दोनों को चूमते हुए) तुम दोनों मेरे लिए परफेक्ट फिट हो…अब जल्दी से तैयार हो जाओ मम्मी के आने का टाइम नजदीक आ रहा है…
टीना: नहीं पापा…ऐसे ही लेटे रहना अच्छा लगता है…(और कह कर करीना से लिपट जाती है)
करीना: हाँ डार्लिंग…टीना ठीक कह रही है (और कह कर टीना को कस कर अपने आगोश में बाँध लेती है)
राजेश: (दोनों लड़कियों को जबरदस्ती अलग करके बीच में बैठते हुए) मेरी परियों प्लीज होश में आ जाओ…जल्दी से कपड़े पहन लो मम्मी का टाइम हो गया है…
टीना: (ठुनकती हुई) पापा…ठीक है हम दोनों मेरे कमरे में जा कर आराम कर लेती है…(कह कर बेड पर खड़ी हो जाती है) करीना चल यार मेरे कमरे में वहाँ जा कर आराम करते है…
करीना: (बेड पर खड़ी होती हुई)…चल यार…मेरे प्यारे अंकल नें दिल तोड़ दिया…
(राजेश टुकुर-टुकुर दोनों की बातें सुनता है और दो नग्न कमसिन जिस्मों को निहारता है। दोनों के हसीन चेहरों पर पूर्ण तृप्ति के भाव, थरथराते हुए सुडौल वक्ष, कटाव लेते हुए नितंब, मासंल जांघें और बालोंरहित कटिप्रदेश देखते हुए राजेश के शरीर में एक बार फिर से रक्त संचारित होने लगता है। दोनों अपने कपड़े उठा कर नग्न अवस्था में इठलाती और बल खाती हुई टीना के कमरे का रुख करती है।)
राजेश: लड़कियों प्लीज… रहम करो… अपने को रोक नहीं सकूँगा…
करीना: (मुड़ कर) न रहा जाए तो…उपर आ जाईएगा…
टीना: (रुक कर) पापा…हम दोनों आपकी राह देखेंगीं…
राजेश: ओके बेटा…
(तभी दरवाजे की घंटी बजती है…दोनों लदर-पदर भागते हुए सीड़ीयाँ चड़ती हुई टीना के कमरे में चली जाती है। राजेश जल्दी से अपनी लुंगी को लपेट कर दरवाजे की ओर झपटता है।)
(दरवाजा खुलने पर अपने सामने कुरियर वाले को खड़ा पा कर खिसिया जाता है। लीना की वापिसी की फ्लाइट की जानकारी स्कूल वालों ने दी थी। जब तक राजेश कुरियर वाले को निपटाता है…सामने से मुमु कार को शेड के नीचे पार्क करती हुई दिखाई देती है…)
मुमु: (घर मे प्रवेश करते हुए) किसकी खबर है?
राजेश: कुछ खास नहीं…स्कूल वालों ने बताया है कि संडे सुबह लीना आ रही है।
मुमु: (सोफे पर बैठती हुई) टीना कहाँ है…
राजेश: उपर अपने कमरे में करीना के साथ है…खाना आज बाहर से मँगवा लेते है क्योंकि तुम थकी हुई होगी और करीना भी है…
मुमु: हाँ यही ठीक रहेगा…आज क्वालिटी रेस्टोरेन्ट से मँगवा लेते है।
राजेश: अच्छा ठीक है। तुम ओर्डर दे दो और मैं जल्दी से तैयार हो कर आता हूँ फिर तुम बाथरूम यूज कर लेना…
मुमु: हाँ यही ठीक रहेगा (कहते हुए फोन की ओर बढ़ जाती है)
(करीना, राजेश और उसका परिवार रात का भोजन एक साथ करते है। मुमु और राजेश अपने बेडरूम में चले जाते है। दोनों लड़कियाँ उपर टीना के कमरे में चली जाती हैं।)
मुमु: प्लीज एक नींद की गोली दे दो…
राजेश: मुमु अब इसकी आदत मत डालो…आगे चल कर तुम्हें इसकी आदत हो जाएगी।
मुमु: मै जानती हूँ परन्तु क्या करूँ…थकान और पिताजी की चिन्ता की वजह से नींद नहीं आएगी।
राजेश: (नींद की गोली मुमु को थमाता है) अच्छा चलो अब सो जाओ…(कहते हुए करवट बदल कर सोने का उपक्रम करता है)
(एक घंटे के बाद राजेश अपने बिस्तर से उतर कर दबे पाँव टीना के कमरे का रुख करता है। दरवाजे पर कान लगा कर अन्दर के हाल का जायजा लेता है। कमरे में उत्तेजना से भरी सिसकारियाँ गूँज रही है। थोड़ी देर बाहर खड़ा हो कर चुपचाप सुनता है और फिर दरवाजे को ठेल कर देखता है कि कहीं अन्दर से बन्द तो नहीं है परन्तु बिना कोई आहट किए दरवाजा खुल जाता है। राजेश कमरे में प्रवेश करके पर्दे के पीछे से अन्दर की ओर झाँकता है।)
(राजेश पर्दे के पीछे से अन्दर की ओर झाँक कर बेड पर पसरी हुई टीना और करीना के बीच मे होते हुए समलैंगिक एकाकार पर दृष्टि डालता है। उसके भी खून मे तेजी आ जाती है।) टीना:.उ.अ..आह.पा…अ.उउआ.पाआह....
करीना: अ..आह.…अ.उउआ.ह....
(दोनों लड़कियाँ 69 पोजीश्न बनाए एक दूसरे की जवानी के रस को सोखती हुई बेसुध हालत में है। सामने का दृश्य देख कर राजेश स्तब्ध खड़ा रह जाता है। धीरे से अपने को होश में ला कर दोनों की ओर बढ़ता है। दोनों हसीनाएँ आँखें मूंदे अपनी ही बनाई दुनिया में मस्त है और राजेश के आगमन से अनिभिज्ञ है। टीना की चूत पर करीना मुख लगा कर अपनी जुबान के अग्र भाग से लाल रंग के मोती को घिसती है। यही कुछ टीना भी करीना की चूत के साथ करती है। सामने का द्दृश्य देख कर राजेश का लंड भी अपनी हरकत में आ जाता है। राजेश अपनी लुंगी को निकाल फेंकता है और अपने लंड को एक मुठ्ठी में ले कर उसके सिर को अनावरित करते हुए अपने अंगूठे को चिकने बैंगनी रंग के फूले हुए सिर पर धीरे से फिराता है। अचानक करीना की निगाह राजेश पर पड़ती है और उसके मुख से दबी हुई चीख निकल जाती है। टीना भी हड़बड़ा कर उठ बैठती है और राजेश को देख कर हतप्रभ रह जाती है।)
टीना: पापा… यह क्या आपने दरवाजा कैसे खोला…
राजेश: (अपने तन्नाते हुए लंड को प्यार से हिलाते हुए) क्यों तुमने चिटकनी नहीं लगाई थी क्या? करीना डार्लिंग इसे तुम्हारे मुख की जरूरत है प्लीज…
टीना: नहीं करीना। हमनें कुण्डी तो लगाई थी…पर लगता है कि ठीक से नहीं लगी होगी…फिर भी आप दरवाजा तो खटखटा देते…
राजेश: तुम दोनों ने इतना उधम मचा रखा था की दरवाजे के बाहर तक आवाजें आ रही थीं।… और अगर मैनें खटखटा दिया होता तो मुझे इतना हसीन यादगार सीन कैसे देखने को मिलता?
टीना: (गुस्से से) पापा…(फिर रुआँसी आवाज में) आप बड़े वो हो…
राजेश: (टीना को अपनी ओर खींचते हुए) बेटा…तुम दोनों के बीच की घनिष्टता को मै जानता हूँ…पर क्या मैं तुम दोनों के साथ घनिष्ठ नहीं हो सकता (कहते हुए पास बैठी करीना को भी अपने उपर खींचता है)
करीना: (कुछ सोचते हुए) टीना तुझे तो पता है कि मै तो अंकल की पूरी तरह से हो चुकी हूँ…मेरे अंग-अंग पर उनका अधिकार है (कहते हुए नीचे झुक कर राजेश के लंड को अपने मुख में रख कर चूसना शुरू कर देती है)
टीना: करीना हमारे पैक्ट का क्या हुआ…हम दोनों ने वादा किया था कि हम दोनों सारा जीवन साथ बिताएँगी…एक पति और पत्नी की तरह…और (राजेश की ओर देखती हुए) …देखो मेरी पत्नी ने कैसे अपने मुख में मेरे पापा का लंड ले रखा है?
राजेश: तो क्या हुआ (आ…ह)…क्या एक पत्नी के दो पति नहीं हो सकते…करीना तुम्हारी पत्नी ही रहेगी परन्तु मेरी प्रेमिका बन कर भी रह सकती है। क्या तुम मेरी प्रेमिका नहीं बनना चाहती…तुम्हें भी तो मेरे हथियार की धार बनानी है…(कह कर टीना के थरथराते होंठों को अपने होंठों में दबा कर उसकी सीने की पहाड़ियों को धीरे से सहलाता हुआ नीचे की ओर सरक कर बेड पर लेट जाता है।)
टीना: अ..आह…पापा…अ.उउआ.ह....
राजेश: बेटा…तुम एक स्त्री पहले हो और बाद में तुम्हारा प्यार…एक के बजाय तुम्हारे लिए वैराय्टी को भोगने का सुख है तो क्यों जबरदस्ती कर रही हो…(करीना अब गति पकड़ती हुई अपने होंठों से राजेश के लंड की नपाई करने लगती है)…तुम मेरी हो…अ..आह....तुम्हारा अंग-अंग मेरा है… (कहते हुए टीना को अपने सीने के उपर बिठा लेता है और अपनी उँगली को योनिच्छेद में डाल कर अन्दर ऐंठें हुए बीज के साथ छेड़खानी शुरु कर देता है)
टीना: अ..आह…अ.उउआ.ह...पापा.
राजेश: बेटा…थोड़ा सरक कर आगे की ओर आओ (उत्तेजित अवस्था में टीना राजेश के मुख पर अपनी चूत रख देती है)… अ..आह…(राजेश की लपलपाती हुई जुबान टीना की योनिछिद्र में घुस कर आग भड़का देती है)
टीना: आह.…अ.उउआ.ह....
(राजेश की जुबान ने टीना की चूत में खलबली मचा रही है। करीना ने राजेश के लंड को अपने गले तक निगल रखा है। कमरे का माहौल सिसकारियाँ और तेज साँसों से बोझिल हो रहा है। एकाएक टीना उत्तेजना से काँपती हुई झरझरा कर वासना के ज्वर में पिघल जाती है और निढाल हो कर साइड में लेट जाती है।)
राजेश: जान… इस को अब अपने दूसरे मुख का स्वाद लेने दो…आओ इस के उपर बैठ जाओ (इतना सुनते ही करीना अपने मुख से लंड को निकाल कर अपनी चूत के मुहाने पर रख कर धम्म से बैठ जाती है। वजन के दबाव की वजह से राजेश का लंड अपनी जगह बनाता हुआ सरक कर अन्दर तक जा कर धँस जाता है।)
राजेश: अ..आह.…
करीना: अ.उउआ.ह....
(करीना ने लंड की सवारी करते हुए गति पकड़नी शुरु कर दी है और राजेश की उँगलियों करीना की चूत की फाँकोँ को अलग कर के सिर उठाए बीज को घिसती है। करीना आँखे मूंद कर राजेश के लंड की मोटाई और लंबाई को नापती हुई अपनी उत्तेजना को शान्त करने में मग्न है। राजेश का एक हाथ करीना के स्तनों के साथ छेड़खानी करने में व्यस्त है। कभी कलश को सहलाते हुए निप्पलों को तरेड़ता है और कभी उंगलियों में दबा कर खींचता है और कभी कचकचा कर पीस देता है।)
करीना: अ..आह.…अ.उउआ.ह....उई…म… माँ…
राजेश: अ.उउआ.ह....
(एक झटके के साथ दोनों के अन्दर का उफ़नता हुआ ज्वालामुखी फट पड़ता है। राजेश एक आखिरी झटके के साथ निढाल हो कर करीना को बाँहों में भर कर लस्त हो कर पड़ जाता है। दोनों का मिश्रित प्रेमरस करीना की चूत से धीरे-धीरे रिसता हुआ राजेश की जांघों से होता हुआ नीचे बिछी चादर को अंकित करता है। टीना को भी अपनी ओर खींच कर अपने अंग से लगा कर राजेश कुछ देर अपनी धड़कनों को काबू में करता है।)
क्रमशः