desiaks
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रिमी की यादों में खोया हुआ वोह एक हल्के नींद की आगोश में की गया। वहा दूसरे और नमिता और रेवती की नजर रिमी से हट नहीं रही थीं। क्योंकि ज़ाहिर सी बात थी के उसके टीशर्ट के अंदर के नए नए बने हुए उभर किसी की भी आकर्षण ला सकती थी।
रेवती तो बस हैरंजनक अपनी छोटी बहन को देखने लगी और नमिता भी आंखें पसारे वहीं के वहीं बैठी थी।
रेवती : ओय होए! राजकुमारी की आमो का प्रमोशन हो गए क्या दीदी? (नमिता की और देखकर)
नमिता : (नटखट होके) लगता है रिमी रानी ने एक बॉयफ्रेंड का जुगाड कर ही लिया है!
रिमी को अटेंशन तो पहले से ही अच्छी लगती थी, और वोह भी जिज्मचरचा पर! लेकिन आज तो बात ही कुछ अलग थी, क्योंकि इन नए उभारों का खुमार उसपर फैली हुई जो थी।
वोह भी अपनी बहनों के रंग में रंग गई।
रिमी : अरे बिल्कुल प्रोमोशन हुआ है मेरी प्यारी दीदी! (रेवती की और देखकर) अरे हुआ यूं के एक परी आई सपने में (नाटक करके दिखाती हुई) और मेरे आमो पर अपनी जादू की छारी चलियी और फूष श श श!!!!! फिर यह ऐसे हो गए (नाटकीय अंदाज में अपनी दांतो तले उंगली दबाई)
रेवती : (घुस्से में) बकवास बंद कर और सच बता, किस्से माइजवा के आ रही है???
रिमी : (अपनी नए नए स्तन को थोड़ी झटकती हुई) अरे मिजवा तो नमिता दीदी रही है आजकल!! लेकिन (झूठा घुस्से में) कुछ बोलती नहीं! चुप रहती है भोली बने!
अब नमिता क्यों रुकती!
नमिता : रिमी!! बदतमीज लड़की! में दीदी हूं तेरी!!! कुछ शर्म तो कर! (मन में डर बैठ गई थी के कहीं रिमी को उसके और राहुल के बारे में कुछ....) तू अपनी जिस्म के साथ कुछ नहीं कर!!! बट स्ते आउट ऑफ मी वे!!
इतनी कहके नमिता कमरे में से निकल जाती है और रेवती रिमी उसे रोक देती है। नमिता को मानना मुश्किल थी लेकिन पिर बहनों के प्यार के खातिर रुक गई और एक किताब लिए लेटी रही। रिमी अब हथियार समेत मैदान में उतर आई!
रिमी : क्यों ना एक गाने खेलते है दीदी!!
रेवती : अरे कौन सी?
रिमी : सच या हिम्मत!!!
नमिता भी पीछे क्यों रहती भला! वोह भी शामिल होना चाहती थी खेल में! "ओय रुक! मै भी खेलूंगी!!"
रेवती : कूल दीदी! आ जाओ मैदान में!
रिमी : (बचपना दिखाती हुई) माई नमिता दीदी स्ट्रोंगेस्ट!!!!!!! (खिलखिला के)
खेल शुरू हो जाती है और बॉटल का घूमना भी चालू!
पहली बारि थी रेवती की!
रेवती : हिम्मत!
रिमी : सोच ले! नीचे बिरजू चाचा (चौकीदार) को किस करने भी बोल सकती हूं!
इस बात मै तीनों हंस पड़े।
नमिता : अच्छा ठीक है! एक फिल्मी डायलॉग बोलके दिखा! कोई भी।
रेवती : ओके! (पू के अंदाज़ में) कौन है वोह!! जिसने मुड़कर मुझे नहीं देखा! हूं इस ही!
तीनों फिर हसने लगे और बॉटल का काम चालू! और इस बार बारी थी नमिता की! दोनों बहने अपनी दीदी ki और देखने लगे। नमिता ने सच का फैसला किया और रिमी वार के लिए पूरी तरह से तैयार थी! उसने वोह सवाल की के नमिता की माथे पर पसीना आने लगी!
रिमी : दी! सच बताना के उस दिन आप और राहुल भइया ऊपर स्टोर रूम में क्या कर रहे थे????
रेवती हैरानी से नमिता की और देखने लगी जिसके माथे में से कुछ बूंदें साफ छलक रहे थे!
फिर कुछ ऐसा हुआ के दोनों के दोनों बहने चौंक गई। बिना संकोच और दर के नमिता की लबों से अर्जुन के तीर की तरह सच निकल परी "सेक्स!!!"
दोनों बहने आंखें चौड़ी करके अपने दीदी कि और देखने लगी! "दीदी????? क्या???" एक साथ दोनों बोल पड़ी।
_________
रेवती तो बस हैरंजनक अपनी छोटी बहन को देखने लगी और नमिता भी आंखें पसारे वहीं के वहीं बैठी थी।
रेवती : ओय होए! राजकुमारी की आमो का प्रमोशन हो गए क्या दीदी? (नमिता की और देखकर)
नमिता : (नटखट होके) लगता है रिमी रानी ने एक बॉयफ्रेंड का जुगाड कर ही लिया है!
रिमी को अटेंशन तो पहले से ही अच्छी लगती थी, और वोह भी जिज्मचरचा पर! लेकिन आज तो बात ही कुछ अलग थी, क्योंकि इन नए उभारों का खुमार उसपर फैली हुई जो थी।
वोह भी अपनी बहनों के रंग में रंग गई।
रिमी : अरे बिल्कुल प्रोमोशन हुआ है मेरी प्यारी दीदी! (रेवती की और देखकर) अरे हुआ यूं के एक परी आई सपने में (नाटक करके दिखाती हुई) और मेरे आमो पर अपनी जादू की छारी चलियी और फूष श श श!!!!! फिर यह ऐसे हो गए (नाटकीय अंदाज में अपनी दांतो तले उंगली दबाई)
रेवती : (घुस्से में) बकवास बंद कर और सच बता, किस्से माइजवा के आ रही है???
रिमी : (अपनी नए नए स्तन को थोड़ी झटकती हुई) अरे मिजवा तो नमिता दीदी रही है आजकल!! लेकिन (झूठा घुस्से में) कुछ बोलती नहीं! चुप रहती है भोली बने!
अब नमिता क्यों रुकती!
नमिता : रिमी!! बदतमीज लड़की! में दीदी हूं तेरी!!! कुछ शर्म तो कर! (मन में डर बैठ गई थी के कहीं रिमी को उसके और राहुल के बारे में कुछ....) तू अपनी जिस्म के साथ कुछ नहीं कर!!! बट स्ते आउट ऑफ मी वे!!
इतनी कहके नमिता कमरे में से निकल जाती है और रेवती रिमी उसे रोक देती है। नमिता को मानना मुश्किल थी लेकिन पिर बहनों के प्यार के खातिर रुक गई और एक किताब लिए लेटी रही। रिमी अब हथियार समेत मैदान में उतर आई!
रिमी : क्यों ना एक गाने खेलते है दीदी!!
रेवती : अरे कौन सी?
रिमी : सच या हिम्मत!!!
नमिता भी पीछे क्यों रहती भला! वोह भी शामिल होना चाहती थी खेल में! "ओय रुक! मै भी खेलूंगी!!"
रेवती : कूल दीदी! आ जाओ मैदान में!
रिमी : (बचपना दिखाती हुई) माई नमिता दीदी स्ट्रोंगेस्ट!!!!!!! (खिलखिला के)
खेल शुरू हो जाती है और बॉटल का घूमना भी चालू!
पहली बारि थी रेवती की!
रेवती : हिम्मत!
रिमी : सोच ले! नीचे बिरजू चाचा (चौकीदार) को किस करने भी बोल सकती हूं!
इस बात मै तीनों हंस पड़े।
नमिता : अच्छा ठीक है! एक फिल्मी डायलॉग बोलके दिखा! कोई भी।
रेवती : ओके! (पू के अंदाज़ में) कौन है वोह!! जिसने मुड़कर मुझे नहीं देखा! हूं इस ही!
तीनों फिर हसने लगे और बॉटल का काम चालू! और इस बार बारी थी नमिता की! दोनों बहने अपनी दीदी ki और देखने लगे। नमिता ने सच का फैसला किया और रिमी वार के लिए पूरी तरह से तैयार थी! उसने वोह सवाल की के नमिता की माथे पर पसीना आने लगी!
रिमी : दी! सच बताना के उस दिन आप और राहुल भइया ऊपर स्टोर रूम में क्या कर रहे थे????
रेवती हैरानी से नमिता की और देखने लगी जिसके माथे में से कुछ बूंदें साफ छलक रहे थे!
फिर कुछ ऐसा हुआ के दोनों के दोनों बहने चौंक गई। बिना संकोच और दर के नमिता की लबों से अर्जुन के तीर की तरह सच निकल परी "सेक्स!!!"
दोनों बहने आंखें चौड़ी करके अपने दीदी कि और देखने लगी! "दीदी????? क्या???" एक साथ दोनों बोल पड़ी।
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