desiaks
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ऋत ने शरारत भरी आवाज से कहा- "मैं जानती थी आप ऐसे ही कहोगे.." फिर ऋतु ने अपने सब कपड़े उतार दिए और मुझसे कहा- "आप क्या कपड़ों में नहाते हो?"
मैंने भी हँसते हुए अपने सच कपड़े उतार दिए। हम दोनों नंगे थे।
ऋतु ने मुझसे कहा- "मेरे प्यारे पिया जी, अब मुझे अपनी गोदी में उठाकर बाथरुम तक के चलो.."
मैं ऋतु के मुँह से ये सुनकर दंग भी हो गया और खुश भी मैंने कहा- "फिर से कहो.."
ऋतु ने अबकी बार मेरे गले में अपनी बाहों को डालकर मेरी आँखों में देखते हए कहा- "पियाजी मुझे बाथरूम में
ले चलिए ना..
मैंने उसको चमते हए अपनी गोद में उठा लिया हम बाथरूम में आ गये। वहां मैंने ऋत को शावर के नीचे खड़ा कर दिया। शाबर से ठंडा-ठंडा पानी उसके जिम को भिगोने लगा। ऋतु ने मुझे अपने जिम से चिपका लिया। हम दोनों शाबर के नीचे खड़े हए होंठों पे होंठ रखकर शावर ले रहे थे। मेरे दोनों हाथ ऋतु के चूतड़ों पर थे और उसके मेरी कमर पर। मैं हल्के-हल्के नीचे झुकता गया और अब मेरा मुँह ऋतु की चूत के पास था। मैंने अत की चत पर नीचे से ऊपर तक अपनी जीभ फिरा दी।
ऋतु में अपनी जांघों को सिकोड़ लिया। मैंने ऋतु की दोनों जांघों को अपने हाथ से चौड़ा किया और फिर से उसकी चत पर मैंह लगा दिया। ऋत ने मादक सिसकियां लेनी शरू कर दी। मैं इतने में कहां मान जाता। मैंने अत को घमा दिया। अब उसकी गाण्ड मेरे सामने थी। मैंने ऋत की गाण्ड पर एक काट लिया ऋत ने उद्दई की आवाज निकाली। मैंने अब उसके दूसरे चूतड़ पर हल्के से काटा।
ऋतु ने फिर से- "उईईई आह्ह..." किया।
मैंने ऋतु को कहा- "जान तुम्हारी गाण्ड बड़ी मस्त है."
ऋतु भी आज पूरे मूड में थी। वो मुझसे बोली- "आपका लण्ड भी कितना मस्त है.."
मैंने कहा- "मेरे लण्ड का क्या करोगी?"
उसने कहा- "देखते जाइए...' कहकर उसने मेरे लण्ड पर साबुन लगा दिया और फिर मेरे लण्ड को रगड़-रगड़कर धोने लगी।
अब मेरा लण्ड बिल्कुल खड़ा हो गया था।
ऋतु ने अपना मुँह मेरे लण्ड पा रखा और बोली- "आप मेरे मुँह में अपना लण्ड जितना डाल सकते हैं डाल दीजिए...
मैंने कहा- "पागल हो क्या?"
ऋत बोली- "आप डालिए तो..."
मैंने उसके मुँह में अपना लण्ड आधा डाल दिया और उसके मुँह में धक्के मारने लगा। धीरे-धीरे मेरा लण्ड ऋतु के गले तक जाने लगा।
मैंने भी हँसते हुए अपने सच कपड़े उतार दिए। हम दोनों नंगे थे।
ऋतु ने मुझसे कहा- "मेरे प्यारे पिया जी, अब मुझे अपनी गोदी में उठाकर बाथरुम तक के चलो.."
मैं ऋतु के मुँह से ये सुनकर दंग भी हो गया और खुश भी मैंने कहा- "फिर से कहो.."
ऋतु ने अबकी बार मेरे गले में अपनी बाहों को डालकर मेरी आँखों में देखते हए कहा- "पियाजी मुझे बाथरूम में
ले चलिए ना..
मैंने उसको चमते हए अपनी गोद में उठा लिया हम बाथरूम में आ गये। वहां मैंने ऋत को शावर के नीचे खड़ा कर दिया। शाबर से ठंडा-ठंडा पानी उसके जिम को भिगोने लगा। ऋतु ने मुझे अपने जिम से चिपका लिया। हम दोनों शाबर के नीचे खड़े हए होंठों पे होंठ रखकर शावर ले रहे थे। मेरे दोनों हाथ ऋतु के चूतड़ों पर थे और उसके मेरी कमर पर। मैं हल्के-हल्के नीचे झुकता गया और अब मेरा मुँह ऋतु की चूत के पास था। मैंने अत की चत पर नीचे से ऊपर तक अपनी जीभ फिरा दी।
ऋतु में अपनी जांघों को सिकोड़ लिया। मैंने ऋतु की दोनों जांघों को अपने हाथ से चौड़ा किया और फिर से उसकी चत पर मैंह लगा दिया। ऋत ने मादक सिसकियां लेनी शरू कर दी। मैं इतने में कहां मान जाता। मैंने अत को घमा दिया। अब उसकी गाण्ड मेरे सामने थी। मैंने ऋत की गाण्ड पर एक काट लिया ऋत ने उद्दई की आवाज निकाली। मैंने अब उसके दूसरे चूतड़ पर हल्के से काटा।
ऋतु ने फिर से- "उईईई आह्ह..." किया।
मैंने ऋतु को कहा- "जान तुम्हारी गाण्ड बड़ी मस्त है."
ऋतु भी आज पूरे मूड में थी। वो मुझसे बोली- "आपका लण्ड भी कितना मस्त है.."
मैंने कहा- "मेरे लण्ड का क्या करोगी?"
उसने कहा- "देखते जाइए...' कहकर उसने मेरे लण्ड पर साबुन लगा दिया और फिर मेरे लण्ड को रगड़-रगड़कर धोने लगी।
अब मेरा लण्ड बिल्कुल खड़ा हो गया था।
ऋतु ने अपना मुँह मेरे लण्ड पा रखा और बोली- "आप मेरे मुँह में अपना लण्ड जितना डाल सकते हैं डाल दीजिए...
मैंने कहा- "पागल हो क्या?"
ऋत बोली- "आप डालिए तो..."
मैंने उसके मुँह में अपना लण्ड आधा डाल दिया और उसके मुँह में धक्के मारने लगा। धीरे-धीरे मेरा लण्ड ऋतु के गले तक जाने लगा।