hotaks444
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जुआरी
ये कहानी है पायल की, जो शहर के जाने माने राज नेता के घर नौकरानी का काम करती है, उस राज नेता की गंदी नज़र उसपर है, वहीं दूसरी तरफ पायल के बदमाश पति की नज़र राज नेता की सुंदर बीबी पर है.
जुए का खेल दोनो को किस कदर पास ले आता है और उनकी इच्छा पूरी करने में हैल्प करता है, ये आप कहानी में देखेंगे.
घर का सारा काम निपटा कर जैसे ही पायल घर जाने लगी तो उसकी मालकिन कामिनी ने उसे रोक लिया...
''अरे पायल, बड़ी जल्दी हो रही है तुझे घर जाने की...बोला था ना तुझसे काम है, चल ज़रा उपर मेरे कमरे में...''
ये थी मिसेस कामिनी त्रिपाठी, शहर के जाने माने पॉलिटिशियन विजय त्रिपाठी की पत्नी..
उम्र होगी करीब 37 के आस पास... शादी तो उसकी 20 साल की उम्र में ही हो गयी थी...जबकि विजय की उम्र उस वक़्त 30 थी..
और कामिनी को देखकर पता ही नही चलता था की वो 30 की भी होगी..37 तो बहुत दूर की बात है...
एक बेटी है जो पुणे में एक कॉनवेंट में पढ़ रही थी.. अपना खुद का NGO चलाती है कामिनी.
पति के पोलिटिकल कैरियर और अपने काम की वजह से वो हमेशा हाइ सोसायटी में गिने जाते थे.
सरकार की तरफ से मिला काफ़ी बड़ा बंगला था...गाड़ियां थी...नौकर चाकर थे.
उन्ही में से नौकरानी थी पायल,26 साल की उम्र थी ,रंग सांवला सा था, पर देखने में काफ़ी आकर्षक थी...
घर का काम करने की वजह से उसका शरीर एकदम कसा हुआ था...
मोटे-2 मोम्मे और निकली हुई गांड उसके शरीर का स्पेशल एट्रेक्शन थे.
पर वो थी एक नंबर की बोड़म महिला... एकदम भोली भाली सी, दुनिया की चालाकी और ठगी से अंजान, कोई सामने बैठकर भी उसपर लाइन मारे तो उसे बात समझ ना आए... ऐसी थी वो.. (बिल्कुल भाभी जी घर पर है वाली अंगूरी भाभी की तरह)
वो करीब 1 साल से कामिनी के पास काम कर रही थी...
और उसकी विश्वासपात्र भी बन चुकी थी...
कारण था उसके काम करने का तरीका..
वो किसी भी काम के लिए माना नही करती थी..
और जो भी करती थी, पूरी लगान से करती थी..
पायल को लेकर कामिनी अपने बेडरूम में पहुँची और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया.
फिर अपने सारे कपड़े वो एक-2 करके उतारने लगी...
और देखते ही देखते वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी पायल के सामने.
ये पहली बार नही था की वो पायल के सामने इस तरह से नंगी खड़ी थी...पहले भी ये सब होता रहता था.
कामिनी अपने बेड पर लेट गयी और पायल ने तेल की शीशी लेकर उनके बदन की मालिश करनी शुरू कर दी...
ये एक स्पेशल तेल था, जो कामिनी ने हॉंगकॉंग से मँगवाया था, और शायद यही उसकी खूबसूरती का राज था, हफ्ते में 2 बार उस तेल की मालिश करवाने की वजह से उसके कूल्हे और मोम्मे एकदम तने हुए से थे...
उनमें वही कसाव आ चुका था, जो शादी के कुछ सालो बाद तक रहा था उसमें..
बेटी होने के बाद वो धीरे-2 ढीली पड़ती गयी ..
पर पिछले साल उसकी सहेली ने जब ऐसे तेल के बारे में बताया तो उसने वो तुरंत मंगवा लिया...
हालाँकि वो काफ़ी महँगा आया था, पर उनके लिए पैसे कोई वेल्यू ही नही रखते थे...
और तेल की मालिश उसने शुरू से ही कामिनी से करवानी शुरू कर दी थी, इसके लिए वो उसे अलग से कुछ पैसे भी देती थी...
और देखते ही देखते उसका असर भी दिखाई देने लगा था...
उसका बदन पहले से ज़्यादा आकर्षक, कसावट लिए हो गया था...
एक तो ये उम्र भी ऐसी होती है उपर से जवानी फिर से वापिस आ जाए,ऐसा शरीर प्राप्त हो जाए तो सोने पे सुहागा हो जाता है..
पायल के हाथों में जैसे जादू था....
उसने जब कामिनी के शरीर को मसलना शुरू किया तो वो अपनी आँखे बंद करके एक दूसरी ही दुनिया मे पहुँच गयी... और दूसरी तरफ पायल गुमसुम सी होकर कुछ सोचे जा रही थी.
उसे कुछ चिंता थी...
और वो थी उसका पति, जिसे शराब और जुए की लत्त ने बर्बाद करके रख दिया था..
आज सुबह आते हुए वो उसे मकान मलिक को देने के लिए पैसे तो दे आई थी, पर अंदर ही अंदर उसे डर सा लग रहा था की कहीं वो उन पैसों को भी अपनी अय्याशी में ना उड़ा दे.
दूसरी तरफ, बस्ती में बने एक शराब के ठेके के बाहर बैठा कुणाल, यानी पायल का पति, वही सब कर रहा था,जिसका उसकी पत्नी को डर था.
"ये आई मेरी 500 की चाल....''
राजू ने ये कहते हुए एक मटमेला सा 500 का नोट बीच में फेंक दिया...
सामने बैठे अरुण और हरिया तो उसके कॉन्फिडेंस को देखते ही पेक कर गये...
पर कुणाल डटा रहा.
उसने देसी शराब का भरा हुआ ग्लास एक ही बार में खाली किया और 500 का नोट बीच में फेंक कर चाल चल ही दी...
पर शराब नशे में वो ये भूल गया की उसे इस वक़्त शो माँगना चाहिए था..
इस वक़्त जो जुआ चल रहा था, उसमें करीब 8 हज़ार रुपय बीच में आ चुके थे.
और अपने आख़िरी 500 के नोट के बाद कुणाल के पास लगाने के लिए कुछ भी नही था...
हालाँकि उसे अपने पत्तो पर पूरा भरोसा था...इसलिए वो किसी भी कीमत पर , सब कुछ लगाकर ये गेम जीतना चाहता था.
पर पत्तो और नशे के चक्कर में उसका दाँव उल्टा ही पड़ गया, अब उसके पास शो माँगने के भी पैसे नही थे....
इसलिए जैसे ही राजू ने अगली चाल चली, कुणाल के पसीने छूट गये....
अपनी बीबी से लाए सारे पैसे वो हार चुका था, और ये वो पैसे थे जो उसे आज किसी भी कीमत पर अपने मकान मलिक को देने थे...
पर अब कुछ नही हो सकता था, उसे पता था की वहां बैठा कोई भी शख्स उसे पैसे नही देगा, ये रूल था वहां का.
इसलिए झक्क मारकर उसे पेक करना पड़ा... वो सारे पैसे जुए मे हार चुका था....
राजू ने जोरदार ठहाका लगाते हुए वो सारे पैसे अपनी तरफ कर लिए.
कुणाल ने उसके पत्ते उठा कर देखे, उसके पास पान का कलर था, जबकि कुणाल के पास सीक़वेंस आया था....
इतने अच्छे पत्ते होने के बावजूद उसे ये भी ध्यान नही रहा की कब शो माँगना था...
अपनी बेवकूफी से वो अपने साथ लाए सारे पैसे हार चुका था.... उसने कसम खायी बाद जुए और नशे को कभी मिक्स नही करेगा
मुँह लटका कर वो घर पहुचा, उसकी बीबी दरवाजे पर ही खड़ी थी...और साथ में था खोली का मालिक रंगीला...
रंगीला ने पैसे माँगे और कुणाल ने मुँह लटका लिया... पायल ने अपना माथा पीट लिया.
फिर वही हुआ, जिसकी धमकी उन्हे पिछले 4 महीनो से मिल रही थी...
रंगीला ने 2-4 भद्दी सी गाली देते हुए उन्हे कल ही कल खोली खाली करने को कहा...
रंगीला के जाने के बाद पायल ने जब कुणाल को बोलना शुरू किया तो उसने एक उल्टे हाथ का रख दिया उसके चेहरे पर...बेचारी वहीं सुबकती रह गयी... उसे रोता हुआ छोड़कर वो फिर से दारू के अड्डे की तरफ चल दिया.
अब पायल के पास सिर छुपाने के लिए छत्त भी नही थी... इसलिए उसने गाँव जाने में ही भलाई समझी... उसने अपना सारा सामान बाँध लिया..
ये कहानी है पायल की, जो शहर के जाने माने राज नेता के घर नौकरानी का काम करती है, उस राज नेता की गंदी नज़र उसपर है, वहीं दूसरी तरफ पायल के बदमाश पति की नज़र राज नेता की सुंदर बीबी पर है.
जुए का खेल दोनो को किस कदर पास ले आता है और उनकी इच्छा पूरी करने में हैल्प करता है, ये आप कहानी में देखेंगे.
घर का सारा काम निपटा कर जैसे ही पायल घर जाने लगी तो उसकी मालकिन कामिनी ने उसे रोक लिया...
''अरे पायल, बड़ी जल्दी हो रही है तुझे घर जाने की...बोला था ना तुझसे काम है, चल ज़रा उपर मेरे कमरे में...''
ये थी मिसेस कामिनी त्रिपाठी, शहर के जाने माने पॉलिटिशियन विजय त्रिपाठी की पत्नी..
उम्र होगी करीब 37 के आस पास... शादी तो उसकी 20 साल की उम्र में ही हो गयी थी...जबकि विजय की उम्र उस वक़्त 30 थी..
और कामिनी को देखकर पता ही नही चलता था की वो 30 की भी होगी..37 तो बहुत दूर की बात है...
एक बेटी है जो पुणे में एक कॉनवेंट में पढ़ रही थी.. अपना खुद का NGO चलाती है कामिनी.
पति के पोलिटिकल कैरियर और अपने काम की वजह से वो हमेशा हाइ सोसायटी में गिने जाते थे.
सरकार की तरफ से मिला काफ़ी बड़ा बंगला था...गाड़ियां थी...नौकर चाकर थे.
उन्ही में से नौकरानी थी पायल,26 साल की उम्र थी ,रंग सांवला सा था, पर देखने में काफ़ी आकर्षक थी...
घर का काम करने की वजह से उसका शरीर एकदम कसा हुआ था...
मोटे-2 मोम्मे और निकली हुई गांड उसके शरीर का स्पेशल एट्रेक्शन थे.
पर वो थी एक नंबर की बोड़म महिला... एकदम भोली भाली सी, दुनिया की चालाकी और ठगी से अंजान, कोई सामने बैठकर भी उसपर लाइन मारे तो उसे बात समझ ना आए... ऐसी थी वो.. (बिल्कुल भाभी जी घर पर है वाली अंगूरी भाभी की तरह)
वो करीब 1 साल से कामिनी के पास काम कर रही थी...
और उसकी विश्वासपात्र भी बन चुकी थी...
कारण था उसके काम करने का तरीका..
वो किसी भी काम के लिए माना नही करती थी..
और जो भी करती थी, पूरी लगान से करती थी..
पायल को लेकर कामिनी अपने बेडरूम में पहुँची और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया.
फिर अपने सारे कपड़े वो एक-2 करके उतारने लगी...
और देखते ही देखते वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी पायल के सामने.
ये पहली बार नही था की वो पायल के सामने इस तरह से नंगी खड़ी थी...पहले भी ये सब होता रहता था.
कामिनी अपने बेड पर लेट गयी और पायल ने तेल की शीशी लेकर उनके बदन की मालिश करनी शुरू कर दी...
ये एक स्पेशल तेल था, जो कामिनी ने हॉंगकॉंग से मँगवाया था, और शायद यही उसकी खूबसूरती का राज था, हफ्ते में 2 बार उस तेल की मालिश करवाने की वजह से उसके कूल्हे और मोम्मे एकदम तने हुए से थे...
उनमें वही कसाव आ चुका था, जो शादी के कुछ सालो बाद तक रहा था उसमें..
बेटी होने के बाद वो धीरे-2 ढीली पड़ती गयी ..
पर पिछले साल उसकी सहेली ने जब ऐसे तेल के बारे में बताया तो उसने वो तुरंत मंगवा लिया...
हालाँकि वो काफ़ी महँगा आया था, पर उनके लिए पैसे कोई वेल्यू ही नही रखते थे...
और तेल की मालिश उसने शुरू से ही कामिनी से करवानी शुरू कर दी थी, इसके लिए वो उसे अलग से कुछ पैसे भी देती थी...
और देखते ही देखते उसका असर भी दिखाई देने लगा था...
उसका बदन पहले से ज़्यादा आकर्षक, कसावट लिए हो गया था...
एक तो ये उम्र भी ऐसी होती है उपर से जवानी फिर से वापिस आ जाए,ऐसा शरीर प्राप्त हो जाए तो सोने पे सुहागा हो जाता है..
पायल के हाथों में जैसे जादू था....
उसने जब कामिनी के शरीर को मसलना शुरू किया तो वो अपनी आँखे बंद करके एक दूसरी ही दुनिया मे पहुँच गयी... और दूसरी तरफ पायल गुमसुम सी होकर कुछ सोचे जा रही थी.
उसे कुछ चिंता थी...
और वो थी उसका पति, जिसे शराब और जुए की लत्त ने बर्बाद करके रख दिया था..
आज सुबह आते हुए वो उसे मकान मलिक को देने के लिए पैसे तो दे आई थी, पर अंदर ही अंदर उसे डर सा लग रहा था की कहीं वो उन पैसों को भी अपनी अय्याशी में ना उड़ा दे.
दूसरी तरफ, बस्ती में बने एक शराब के ठेके के बाहर बैठा कुणाल, यानी पायल का पति, वही सब कर रहा था,जिसका उसकी पत्नी को डर था.
"ये आई मेरी 500 की चाल....''
राजू ने ये कहते हुए एक मटमेला सा 500 का नोट बीच में फेंक दिया...
सामने बैठे अरुण और हरिया तो उसके कॉन्फिडेंस को देखते ही पेक कर गये...
पर कुणाल डटा रहा.
उसने देसी शराब का भरा हुआ ग्लास एक ही बार में खाली किया और 500 का नोट बीच में फेंक कर चाल चल ही दी...
पर शराब नशे में वो ये भूल गया की उसे इस वक़्त शो माँगना चाहिए था..
इस वक़्त जो जुआ चल रहा था, उसमें करीब 8 हज़ार रुपय बीच में आ चुके थे.
और अपने आख़िरी 500 के नोट के बाद कुणाल के पास लगाने के लिए कुछ भी नही था...
हालाँकि उसे अपने पत्तो पर पूरा भरोसा था...इसलिए वो किसी भी कीमत पर , सब कुछ लगाकर ये गेम जीतना चाहता था.
पर पत्तो और नशे के चक्कर में उसका दाँव उल्टा ही पड़ गया, अब उसके पास शो माँगने के भी पैसे नही थे....
इसलिए जैसे ही राजू ने अगली चाल चली, कुणाल के पसीने छूट गये....
अपनी बीबी से लाए सारे पैसे वो हार चुका था, और ये वो पैसे थे जो उसे आज किसी भी कीमत पर अपने मकान मलिक को देने थे...
पर अब कुछ नही हो सकता था, उसे पता था की वहां बैठा कोई भी शख्स उसे पैसे नही देगा, ये रूल था वहां का.
इसलिए झक्क मारकर उसे पेक करना पड़ा... वो सारे पैसे जुए मे हार चुका था....
राजू ने जोरदार ठहाका लगाते हुए वो सारे पैसे अपनी तरफ कर लिए.
कुणाल ने उसके पत्ते उठा कर देखे, उसके पास पान का कलर था, जबकि कुणाल के पास सीक़वेंस आया था....
इतने अच्छे पत्ते होने के बावजूद उसे ये भी ध्यान नही रहा की कब शो माँगना था...
अपनी बेवकूफी से वो अपने साथ लाए सारे पैसे हार चुका था.... उसने कसम खायी बाद जुए और नशे को कभी मिक्स नही करेगा
मुँह लटका कर वो घर पहुचा, उसकी बीबी दरवाजे पर ही खड़ी थी...और साथ में था खोली का मालिक रंगीला...
रंगीला ने पैसे माँगे और कुणाल ने मुँह लटका लिया... पायल ने अपना माथा पीट लिया.
फिर वही हुआ, जिसकी धमकी उन्हे पिछले 4 महीनो से मिल रही थी...
रंगीला ने 2-4 भद्दी सी गाली देते हुए उन्हे कल ही कल खोली खाली करने को कहा...
रंगीला के जाने के बाद पायल ने जब कुणाल को बोलना शुरू किया तो उसने एक उल्टे हाथ का रख दिया उसके चेहरे पर...बेचारी वहीं सुबकती रह गयी... उसे रोता हुआ छोड़कर वो फिर से दारू के अड्डे की तरफ चल दिया.
अब पायल के पास सिर छुपाने के लिए छत्त भी नही थी... इसलिए उसने गाँव जाने में ही भलाई समझी... उसने अपना सारा सामान बाँध लिया..