- Joined
- Dec 5, 2013
- Messages
- 11,318
“हमारे तीन योद्धा मारे जा चुके हैं, तीन बहादुर योद्धा !” जैक क्रेमर बुरी तरह भिन्नाया हुआ था- “और उनके साथ जो हथियारबंद गार्ड मारे गये, उनकी तो कोई संख्या ही नहीं है ।”
योद्धाओं के हैडक्वार्टर में उस वक्त भूकम्प आया हुआ था ।
ली मारकोस और बार्बी के मारे जाने की खबर ने उनके बीच बड़ी जबरदस्त दहशत फैला दी थी ।
“वाकई !” अबू निदाल बोला- “कमाण्डर करण सक्सेना हर पल खतरनाक होता जा रहा है ।”
“सर !” डायमोक ने भी कहा- “हमें उसे रोकने के लिये फौरन कुछ करना चाहिये ।”
“लेकिन सवाल तो यह है ।” जैक क्रेमर भिन्ना उठा- “हम क्या कर सकते हैं ? जो कुछ हमारे बस में है, वह हम कर ही रहे हैं ।”
“एक आदमी, सिर्फ एक आदमी को हम नहीं खत्म कर पा रहे ।”
“जबकि अपने-अपने फील्ड के हम जबरदस्त महारथी हैं और उससे भी बड़ी बात ये है कि हम खुद को बहुत बड़ा सूरमा समझते हैं ।”
“हमने यह खामख्याली पाली हुई है कि अगर हमें मौका मिले, तो हम न जाने कौन-से तीर चला लेंगे । न जाने क्या कर गुजरेंगे ।”
सबके चेहरों पर फटकार बरसने लगी ।
सबकी गर्दन झुक गयीं ।
सच बात तो यह है, उस पूरे सिलसिले की वजह से वह खुद बहुत शर्मिन्दा थे ।
“हमारे लिये सबसे बड़े डूब मरने की बात तो ये है सर !” रोनी बोला- “कि वो हमारे ही जंगल में घुसकर बाकायदा हमें चैलेन्ज देता हुआ मार रहा है ।”
“मेरे तो एक बात समझ नहीं आ रही ।” वह शब्द मास्कमैन के थे ।
मास्कमैन !
वह हमेशा अपने चेहरे पर एक काला ‘मास्क’ पहने रहता था ।
उस मास्क में-से उसके सिर्फ होंठ और आँखें चमकती थीं ।
“तुम्हारे क्या बात समझ नहीं आ रही ?”
“आखिर भारत सरकार ने उसे यहाँ किसलिये भेजा है ? भारत सरकार की हम लोगों से क्या दुश्मनी है ?”
“भारत सरकार की हम लोगों से कोई दुश्मनी नहीं है ।”
“फिर ?”
“जरूर बर्मा सरकार ने भारत से मदद मांगी होगी ।” जैक क्रेमर बोला- “और उसी मदद के जवाब में कमाण्डर करण सक्सेना यहाँ आया है ।”
“अकेला ?”
“अकेला ही आया है । और तुम देख ही रहे हो, वह अकेला ही हम सब पर भारी पड़ रहा है । उस अकेले आदमी ने ही हमारे छक्के छुटाये हुए हैं ।”
“सबसे बड़ी बात तो ये है ।” मास्टर बोला- “कि कमाण्डर करण सक्सेना की वजह से ही, उस एक आदमी की वजह से ही हमारी नारकाटिक्स डील रूकी हुई है । हमारे लिये इससे बड़ी डूब मरने की बात और क्या होगी कि हम उस एक आदमी से इस कदर घबराये हुए हैं, उससे हमारी इतनी हवा खुश्क है ।”
“अब इस तरह की बातें करने से कोई फायदा नहीं है ।” डायमोक बोला ।
“फिर किस तरह की बात करने से फायदा है ?”
“अब हमें यह सोचना चाहिये ।” डायमोक एक-एक शब्द चबाता हुआ बोला- “कि आगे क्या करना है । आगे हम लोग ऐसे क्या पत्ते फैलायें, जो हमारी गलती सुधरे और कमाण्डर करण सक्सेना जहन्नुम रसीद हो, जो आज की तारीख में हमारा दुश्मन नम्बर एक बना हुआ है ।”
“बात बिल्कुल जायज है ।” माइक बोला- “हमें अब जल्द-से-जल्द आगे के बारे में फैसला लेना चाहिये ।”
“एक सलाह तो मैं देता हूँ ।” मास्कमैन बोला ।
“क्या ?”
“सपोर्ट ग्रुप के फिलहाल हम तीन योद्धा बचे हैं ।”
“ठीक ।”
“मैं, मास्कमैन ! मेरा भाई, हिटमैन ! और डायमोक ! मैं समझता हूँ सर, हमें इस मर्तबा कमाण्डर के सामने एक बड़ी ताकत के रूप में उतरना चाहिये और उसे एक ही झटके में खत्म कर डालना चाहिये ।”
“यानि तुम ये कहना चाहते हो ।” जैक क्रेमर बोला- “कि इस बार कमाण्डर करण सक्सेना को मारने के लिये ‘सपोर्ट ग्रुप’ के तुम तीनों योद्धा जाओगे ?”
“बिल्कुल सर ! मैं समझता हूँ, यही बेहतर रहेगा । इतना ही नहीं, इस बार हमारे साथ हथियारबंद गार्डों की संख्या भी काफी ज्यादा होगी ।”
जैक क्रेमर ने अपने साथी योद्धाओं की तरफ देखा ।
सब चुप थे ।
“तुम्हारा इस बारे में क्या ख्याल है ?”
“मास्कमैन ठीक ही कह रहा है ।” रोनी बोला- “आगे जैसा आप मुनासिब समझें ।”
“किसी ने कुछ और कहना है ?”
“नहीं ।” सब बोले ।
“किसी ने कैसी भी कोई सलाह देनी हो ?”
“नहीं ।”
सबकी गर्दन फिर इंकार में हिलीं ।
“ठीक है ।” जैक क्रेमर अंतिम फैसला सुनाता हुआ बोला- “तो फिर इस बार यही तीनों कमाण्डर करण सक्सेना को मारने के लिये जायेंगे और इनके साथ गार्डों की संख्या पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा होगी ।”
मास्कमैन, हिटमैन और डायमोक !
तीनों !
उन तीनों ने अपनी गर्दन उस फैसले के सम्मान में झुका दी । मास्कमैन एक बर्मी युवक था और हिटमैन का बड़ा भाई था । मास्कमैन बम एक्सपर्ट था ।
उसके बारे में कहा जाता था कि दुनिया में ऐसा कोई टाइम-बम नहीं है, जिसको फिट करना या डिस्कनेक्ट करना वह न जानता हो । उसका रिकॉर्ड था कि वह खतरनाक-से-खतरनाक टाइम-बम को डिस्कनेक्ट कर सकता था और पूरी तरह बेकार हो चुके टाइम-बम को ठीक भी कर सकता था ।
उसमें नई तरह से जान फूंक सकता था ।
दुनिया के कई देशों में मास्कमैन ने बम-विस्फोट किये थे ।
इतना ही नहीं, दुनिया का बड़े-से-बड़ा अपराधी उसे अपने यहाँ बम सैट करने के लिये बुलाता था । दुनिया के कई देशों में उसके नाम अपराध दर्ज थे ।
एक बार मास्कमैन के साथ घटना भी घटी ।
खतरनाक घटना !
वो बर्मा में ही जब एक टाइम-बम को डिस्कनेक्ट कर रहा था, तभी वो बम उसके हाथ में ही फट पड़ा ।
जिससे उसका चेहरा बुरी तरह जल गया और उसमें गहरे-गहरे गड्ढे पड़ गये ।
यही शुक्र था, जो वह उस ब्लास्ट में मारा न गया ।
बहरहाल उस घटना के बाद उसका चेहरा बहुत ज्यादा डरावना हो गया था ।
इतना ज्यादा डरावना कि कभी-कभी वो खुद भी अपना चेहरा आइने में देखकर चीख पड़ता था ।
बस तभी से उसने अपने चेहरे पर ‘मास्क’ पहनना शुरू कर दिया ।
ताकि उसका डरावना चेहरा उस ‘मास्क’ के पीछे छुपा रहे ।
इसीलिये उसका नाम भी मास्कमैन पड़ा ।
योद्धाओं के हैडक्वार्टर में उस वक्त भूकम्प आया हुआ था ।
ली मारकोस और बार्बी के मारे जाने की खबर ने उनके बीच बड़ी जबरदस्त दहशत फैला दी थी ।
“वाकई !” अबू निदाल बोला- “कमाण्डर करण सक्सेना हर पल खतरनाक होता जा रहा है ।”
“सर !” डायमोक ने भी कहा- “हमें उसे रोकने के लिये फौरन कुछ करना चाहिये ।”
“लेकिन सवाल तो यह है ।” जैक क्रेमर भिन्ना उठा- “हम क्या कर सकते हैं ? जो कुछ हमारे बस में है, वह हम कर ही रहे हैं ।”
“एक आदमी, सिर्फ एक आदमी को हम नहीं खत्म कर पा रहे ।”
“जबकि अपने-अपने फील्ड के हम जबरदस्त महारथी हैं और उससे भी बड़ी बात ये है कि हम खुद को बहुत बड़ा सूरमा समझते हैं ।”
“हमने यह खामख्याली पाली हुई है कि अगर हमें मौका मिले, तो हम न जाने कौन-से तीर चला लेंगे । न जाने क्या कर गुजरेंगे ।”
सबके चेहरों पर फटकार बरसने लगी ।
सबकी गर्दन झुक गयीं ।
सच बात तो यह है, उस पूरे सिलसिले की वजह से वह खुद बहुत शर्मिन्दा थे ।
“हमारे लिये सबसे बड़े डूब मरने की बात तो ये है सर !” रोनी बोला- “कि वो हमारे ही जंगल में घुसकर बाकायदा हमें चैलेन्ज देता हुआ मार रहा है ।”
“मेरे तो एक बात समझ नहीं आ रही ।” वह शब्द मास्कमैन के थे ।
मास्कमैन !
वह हमेशा अपने चेहरे पर एक काला ‘मास्क’ पहने रहता था ।
उस मास्क में-से उसके सिर्फ होंठ और आँखें चमकती थीं ।
“तुम्हारे क्या बात समझ नहीं आ रही ?”
“आखिर भारत सरकार ने उसे यहाँ किसलिये भेजा है ? भारत सरकार की हम लोगों से क्या दुश्मनी है ?”
“भारत सरकार की हम लोगों से कोई दुश्मनी नहीं है ।”
“फिर ?”
“जरूर बर्मा सरकार ने भारत से मदद मांगी होगी ।” जैक क्रेमर बोला- “और उसी मदद के जवाब में कमाण्डर करण सक्सेना यहाँ आया है ।”
“अकेला ?”
“अकेला ही आया है । और तुम देख ही रहे हो, वह अकेला ही हम सब पर भारी पड़ रहा है । उस अकेले आदमी ने ही हमारे छक्के छुटाये हुए हैं ।”
“सबसे बड़ी बात तो ये है ।” मास्टर बोला- “कि कमाण्डर करण सक्सेना की वजह से ही, उस एक आदमी की वजह से ही हमारी नारकाटिक्स डील रूकी हुई है । हमारे लिये इससे बड़ी डूब मरने की बात और क्या होगी कि हम उस एक आदमी से इस कदर घबराये हुए हैं, उससे हमारी इतनी हवा खुश्क है ।”
“अब इस तरह की बातें करने से कोई फायदा नहीं है ।” डायमोक बोला ।
“फिर किस तरह की बात करने से फायदा है ?”
“अब हमें यह सोचना चाहिये ।” डायमोक एक-एक शब्द चबाता हुआ बोला- “कि आगे क्या करना है । आगे हम लोग ऐसे क्या पत्ते फैलायें, जो हमारी गलती सुधरे और कमाण्डर करण सक्सेना जहन्नुम रसीद हो, जो आज की तारीख में हमारा दुश्मन नम्बर एक बना हुआ है ।”
“बात बिल्कुल जायज है ।” माइक बोला- “हमें अब जल्द-से-जल्द आगे के बारे में फैसला लेना चाहिये ।”
“एक सलाह तो मैं देता हूँ ।” मास्कमैन बोला ।
“क्या ?”
“सपोर्ट ग्रुप के फिलहाल हम तीन योद्धा बचे हैं ।”
“ठीक ।”
“मैं, मास्कमैन ! मेरा भाई, हिटमैन ! और डायमोक ! मैं समझता हूँ सर, हमें इस मर्तबा कमाण्डर के सामने एक बड़ी ताकत के रूप में उतरना चाहिये और उसे एक ही झटके में खत्म कर डालना चाहिये ।”
“यानि तुम ये कहना चाहते हो ।” जैक क्रेमर बोला- “कि इस बार कमाण्डर करण सक्सेना को मारने के लिये ‘सपोर्ट ग्रुप’ के तुम तीनों योद्धा जाओगे ?”
“बिल्कुल सर ! मैं समझता हूँ, यही बेहतर रहेगा । इतना ही नहीं, इस बार हमारे साथ हथियारबंद गार्डों की संख्या भी काफी ज्यादा होगी ।”
जैक क्रेमर ने अपने साथी योद्धाओं की तरफ देखा ।
सब चुप थे ।
“तुम्हारा इस बारे में क्या ख्याल है ?”
“मास्कमैन ठीक ही कह रहा है ।” रोनी बोला- “आगे जैसा आप मुनासिब समझें ।”
“किसी ने कुछ और कहना है ?”
“नहीं ।” सब बोले ।
“किसी ने कैसी भी कोई सलाह देनी हो ?”
“नहीं ।”
सबकी गर्दन फिर इंकार में हिलीं ।
“ठीक है ।” जैक क्रेमर अंतिम फैसला सुनाता हुआ बोला- “तो फिर इस बार यही तीनों कमाण्डर करण सक्सेना को मारने के लिये जायेंगे और इनके साथ गार्डों की संख्या पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा होगी ।”
मास्कमैन, हिटमैन और डायमोक !
तीनों !
उन तीनों ने अपनी गर्दन उस फैसले के सम्मान में झुका दी । मास्कमैन एक बर्मी युवक था और हिटमैन का बड़ा भाई था । मास्कमैन बम एक्सपर्ट था ।
उसके बारे में कहा जाता था कि दुनिया में ऐसा कोई टाइम-बम नहीं है, जिसको फिट करना या डिस्कनेक्ट करना वह न जानता हो । उसका रिकॉर्ड था कि वह खतरनाक-से-खतरनाक टाइम-बम को डिस्कनेक्ट कर सकता था और पूरी तरह बेकार हो चुके टाइम-बम को ठीक भी कर सकता था ।
उसमें नई तरह से जान फूंक सकता था ।
दुनिया के कई देशों में मास्कमैन ने बम-विस्फोट किये थे ।
इतना ही नहीं, दुनिया का बड़े-से-बड़ा अपराधी उसे अपने यहाँ बम सैट करने के लिये बुलाता था । दुनिया के कई देशों में उसके नाम अपराध दर्ज थे ।
एक बार मास्कमैन के साथ घटना भी घटी ।
खतरनाक घटना !
वो बर्मा में ही जब एक टाइम-बम को डिस्कनेक्ट कर रहा था, तभी वो बम उसके हाथ में ही फट पड़ा ।
जिससे उसका चेहरा बुरी तरह जल गया और उसमें गहरे-गहरे गड्ढे पड़ गये ।
यही शुक्र था, जो वह उस ब्लास्ट में मारा न गया ।
बहरहाल उस घटना के बाद उसका चेहरा बहुत ज्यादा डरावना हो गया था ।
इतना ज्यादा डरावना कि कभी-कभी वो खुद भी अपना चेहरा आइने में देखकर चीख पड़ता था ।
बस तभी से उसने अपने चेहरे पर ‘मास्क’ पहनना शुरू कर दिया ।
ताकि उसका डरावना चेहरा उस ‘मास्क’ के पीछे छुपा रहे ।
इसीलिये उसका नाम भी मास्कमैन पड़ा ।