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- Dec 5, 2013
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कमाण्डर करण सक्सेना आहिस्ता-आहिस्ता चलता हुआ चट्टान से नीचे उतर गया ।
वो सावधान था ।
वो जानता था, अब तक हिटमैन ने दोबारा अपनी राइफल को लोड कर लिया होगा । ऐसा नहीं हो सकता था कि उस जैसा अचूक निशानेबाज गोलियों की सिर्फ एक ही मैगजीन अपने साथ लेकर चले ।
दुनिया के एक बेहद खतरनाक निशानेबाज से अब उसका मुकाबला होने वाला था ।
कमाण्डर वापस झाड़ियों में छिप गया और फिर बहुत धीरे-धीरे सरसराता हुआ चट्टान के पीछे से निकलकर सामने की तरफ बढ़ा ।
अभी कमाण्डर ने थोड़ा ही फासला तय किया होगा, तभी एकाएक उसने अपने पीछे सरसराहट सी अनुभव की ।
उसने आहिस्ता से गर्दन घुमाकर देखा ।
अगले पल उसके शरीर में खौफ की तेज लहर दौड़ गयी ।
उसके पीछे हिटमैन मौजूद था, जो बस कुछ ही फासले पर था । वह न जाने कब उसके पीछे पहुँच गया था ।
कमाण्डर एकदम फिरकनी की तरह उसकी तरफ घूम गया और जम्प लेकर खड़ा हुआ ।
हिटमैन भी फुर्ती के साथ सीधा खड़ा हो गया ।
दो यौद्धा !
दो बेहद खतरनाक योद्धा अब आमने-सामने थे ।
“तुम अब मेरे हाथों से बचोगे नहीं कमाण्डर करण सक्सेना ।” हिटमैन काले नाग की तरह फुंफकारा- “एक जंगली जानवर का शिकार मैं कर चुका हूँ, जबकि दूसरा शिकार मैंने अब तुम्हारा करना है ।”
“देखते हैं, कौन किसका शिकार करता है ।”
उसी पल हिटमैन ने अपनी राइफल का ट्रेगर दबा दिया ।
मगर कमाण्डर अपनी जगह से एक इंच भी न हिला ।
न ही उसने अपनी स्टेनगन का ट्रेगर दबाया ।
वो जानता था, ऐसे प्रशिक्षित कमाण्डोज अपनी गन लोड करने के बाद पहला फायर हमेशा खाली करते हैं, ताकि दुश्मन इस धोखे में रहे कि उसकी गन में गोलियां नहीं हैं ।
वही हुआ !
हिटमैन के ट्रेगर की हल्की ‘पिट’ की ध्वनि गूंजी ।
परन्तु वो फौरन ही अपनी राइफल का दोबारा ट्रेगर दबाने में कामयाब हो पाता, उससे पहले ही कमाण्डर भी लाइट मशीनगन का ट्रेगर दबा चुका था ।
हिटमैन की मर्मभेदी चीख गूंज उठी ।
उसके नेत्र घोर आश्चर्य तथा अचम्भे से फटे के फटे रह गये । गोली ठीक उसके माथे के बीचों-बीच वहाँ जाकर लगी, जहाँ औरतें बिंदी लगाया करती हैं । पहले हिटमैन की राइफल उसके हाथ से छूटी, फिर वो खुद भी आँखें फाड़े-फाड़े नीचे गिरकर ढेर हो गया ।
“फैसला हो चुका है हिटमैन ।” कमाण्डर करण सक्सेना गुर्राकर बोला- “हममें से कौन असली शिकारी था और कौन शिकार ! दरअसल जो चाल तुम कमाण्डर करण सक्सेना के खिलाफ चलने वाले थे, कमाण्डर ऐसी ही चालों के बीच पलकर बड़ा हुआ है । गुड बाय एण्ड गुड लक ।”
फिर कमाण्डर ने उन तीनों के हथियारों को नष्ट किया ।
उनके दिल में स्प्रिंग ब्लेड पेवस्त किये और उसके बाद ‘चीता चाल’ में दौड़ता हुआ वापस झाड़ियों की तरफ बढ़ गया ।
☐☐☐
जंगल में गोलियां चलने की वह आवाज मास्कमैन और डायमोक के कानों तक भी पहुंची ।
“यह कैसी आवाजें हैं ?”
“लगता है ?” डायमोक बोला- “तुम्हारे भाई ने किसी हिरन को खोज निकाला है और अब उसी के ऊपर यह सब गोलियां बरसायी जा रही हैं ।”
“नहीं ।” मास्कमैन बड़बड़ाया- “किसी एक हिरन के ऊपर इस कदर धुआंधार फायरिंग नहीं हो सकती । जरूर कुछ और चक्कर है ।”
“कैसा चक्कर ?”
“क...कहीं कमाण्डर तो हिटमैन से नहीं टकरा गया है ?”
“न... नहीं ।”
सब डर गये ।
उस आशंका ने सबको भयभीत कर दिया ।
“अगर ऐसा है दोस्त !” डायमोक शुष्क स्वर में बोला- “तो यह सचमुच बहुत खतरनाक बात है ।”
“मुझे लगता है, जरूर यही बात है । हमें फौरन उसी तरफ चलना चाहिये, जिधर हिटमैन जीप लेकर गया है ।”
“चलो, तो फिर जल्दी चलो ।”
दोनों योद्धाओं के आदेश की देर थी, तुरंत गार्डों का वह पूरा काफिला उसी दिशा में बढ़ गया, जिधर हिटमैन गया था ।
थोड़ी ही देर में वह सब उस जगह पहुँच गये, जहाँ हिटमैन और दोनों गार्डों की लाशें पड़ी थीं ।
“ओह माई गॉड ।” डायमोक के मुंह से तेज सिसकारी छूट गयी- “कमाण्डर करण सक्सेना ने इन्हें भी मार डाला ।”
तमाम हथियारबंद गार्ड सकते में रह गये ।
भौचक्के !
अपने भाई की खून से लथपथ लाश देखकर मास्कमैन की आँखों में भी आंसू आ गये । वह फौरन उसकी लाश से जा चिपका, उस क्षण यही शुक्र था, जो वह बच्चों की तरह रोने नहीं लगा ।
उन दोनों भाइयों में बेहद प्यार था ।
हालांकि दोनों खतरनाक अपराधी थे, लेकिन दोनों ही एक-दूसरे के ऊपर जान छिड़कते थे ।
एक-दूसरे के सुख-दुख में सहभागी थे ।
“कहता था, आप मेरी चिंता न करो भाई ।” मास्कमैन फफकते हुए बोला- “मुझे कुछ नहीं होगा । लेकिन उसकी जरा सी जिद उसे ले डूबी, कमाण्डर करण सक्सेना ने मेरे भाई को मार डाला ।”
“अब हौसला रखो दोस्त ।” डायमोक ने उसकी पीठ थपथपाई ।
लेकिन मास्कमैन रोता रहा ।
उसकी आँखों से झर-झर आँसू निकलकर उसके रबड़ के काले मास्क पर बहते रहे ।
“जो होना था, वह अब हो चुका है दोस्त ।”
“नहीं ।” मास्कमैन गुर्रा उठा- “नहीं, अभी सब कुछ नहीं हुआ है दोस्त ! अभी इस जंगल में एक लाश और गिरेगी, कमाण्डर करण सक्सेना की लाश ! मैं अब उस हरामजादे को किसी हालत में नहीं बख्शूंगा ।”
उसकी आवाज उस क्षण गुस्से में बुरी तरह भभकी हुई थी ।
“अभी वो हरामजादा जंगल में यहीं कहीं आसपास होगा ।” मास्कमैन पुनः भभके स्वर में बोला- “हमें उसे फौरन ढूंढना चाहिये बल्कि फौरन से भी पेश्तर ।”
“हाँ, हम उसे अभी ढूंढते हैं ।” डायमोक बोला- “परन्तु उससे पहल हमें एक और ज्यादा जरूरी काम करना है ।”
“क्या ?”
“हमें पहले इन प्रियजनों का अंतिम संस्कार करना है, वरना यहाँ थोड़ी बहुत देर में गिद्ध मंडराने लगेंगे । चलो, खड़े हो जाओ ।”
मास्कमैन धीरे-धीरे अपने आँसू साफ करता हुआ लाश के पास से खड़ा हो गया ।
माहौल बहुत गमज़दा हो गया था ।
वो सावधान था ।
वो जानता था, अब तक हिटमैन ने दोबारा अपनी राइफल को लोड कर लिया होगा । ऐसा नहीं हो सकता था कि उस जैसा अचूक निशानेबाज गोलियों की सिर्फ एक ही मैगजीन अपने साथ लेकर चले ।
दुनिया के एक बेहद खतरनाक निशानेबाज से अब उसका मुकाबला होने वाला था ।
कमाण्डर वापस झाड़ियों में छिप गया और फिर बहुत धीरे-धीरे सरसराता हुआ चट्टान के पीछे से निकलकर सामने की तरफ बढ़ा ।
अभी कमाण्डर ने थोड़ा ही फासला तय किया होगा, तभी एकाएक उसने अपने पीछे सरसराहट सी अनुभव की ।
उसने आहिस्ता से गर्दन घुमाकर देखा ।
अगले पल उसके शरीर में खौफ की तेज लहर दौड़ गयी ।
उसके पीछे हिटमैन मौजूद था, जो बस कुछ ही फासले पर था । वह न जाने कब उसके पीछे पहुँच गया था ।
कमाण्डर एकदम फिरकनी की तरह उसकी तरफ घूम गया और जम्प लेकर खड़ा हुआ ।
हिटमैन भी फुर्ती के साथ सीधा खड़ा हो गया ।
दो यौद्धा !
दो बेहद खतरनाक योद्धा अब आमने-सामने थे ।
“तुम अब मेरे हाथों से बचोगे नहीं कमाण्डर करण सक्सेना ।” हिटमैन काले नाग की तरह फुंफकारा- “एक जंगली जानवर का शिकार मैं कर चुका हूँ, जबकि दूसरा शिकार मैंने अब तुम्हारा करना है ।”
“देखते हैं, कौन किसका शिकार करता है ।”
उसी पल हिटमैन ने अपनी राइफल का ट्रेगर दबा दिया ।
मगर कमाण्डर अपनी जगह से एक इंच भी न हिला ।
न ही उसने अपनी स्टेनगन का ट्रेगर दबाया ।
वो जानता था, ऐसे प्रशिक्षित कमाण्डोज अपनी गन लोड करने के बाद पहला फायर हमेशा खाली करते हैं, ताकि दुश्मन इस धोखे में रहे कि उसकी गन में गोलियां नहीं हैं ।
वही हुआ !
हिटमैन के ट्रेगर की हल्की ‘पिट’ की ध्वनि गूंजी ।
परन्तु वो फौरन ही अपनी राइफल का दोबारा ट्रेगर दबाने में कामयाब हो पाता, उससे पहले ही कमाण्डर भी लाइट मशीनगन का ट्रेगर दबा चुका था ।
हिटमैन की मर्मभेदी चीख गूंज उठी ।
उसके नेत्र घोर आश्चर्य तथा अचम्भे से फटे के फटे रह गये । गोली ठीक उसके माथे के बीचों-बीच वहाँ जाकर लगी, जहाँ औरतें बिंदी लगाया करती हैं । पहले हिटमैन की राइफल उसके हाथ से छूटी, फिर वो खुद भी आँखें फाड़े-फाड़े नीचे गिरकर ढेर हो गया ।
“फैसला हो चुका है हिटमैन ।” कमाण्डर करण सक्सेना गुर्राकर बोला- “हममें से कौन असली शिकारी था और कौन शिकार ! दरअसल जो चाल तुम कमाण्डर करण सक्सेना के खिलाफ चलने वाले थे, कमाण्डर ऐसी ही चालों के बीच पलकर बड़ा हुआ है । गुड बाय एण्ड गुड लक ।”
फिर कमाण्डर ने उन तीनों के हथियारों को नष्ट किया ।
उनके दिल में स्प्रिंग ब्लेड पेवस्त किये और उसके बाद ‘चीता चाल’ में दौड़ता हुआ वापस झाड़ियों की तरफ बढ़ गया ।
☐☐☐
जंगल में गोलियां चलने की वह आवाज मास्कमैन और डायमोक के कानों तक भी पहुंची ।
“यह कैसी आवाजें हैं ?”
“लगता है ?” डायमोक बोला- “तुम्हारे भाई ने किसी हिरन को खोज निकाला है और अब उसी के ऊपर यह सब गोलियां बरसायी जा रही हैं ।”
“नहीं ।” मास्कमैन बड़बड़ाया- “किसी एक हिरन के ऊपर इस कदर धुआंधार फायरिंग नहीं हो सकती । जरूर कुछ और चक्कर है ।”
“कैसा चक्कर ?”
“क...कहीं कमाण्डर तो हिटमैन से नहीं टकरा गया है ?”
“न... नहीं ।”
सब डर गये ।
उस आशंका ने सबको भयभीत कर दिया ।
“अगर ऐसा है दोस्त !” डायमोक शुष्क स्वर में बोला- “तो यह सचमुच बहुत खतरनाक बात है ।”
“मुझे लगता है, जरूर यही बात है । हमें फौरन उसी तरफ चलना चाहिये, जिधर हिटमैन जीप लेकर गया है ।”
“चलो, तो फिर जल्दी चलो ।”
दोनों योद्धाओं के आदेश की देर थी, तुरंत गार्डों का वह पूरा काफिला उसी दिशा में बढ़ गया, जिधर हिटमैन गया था ।
थोड़ी ही देर में वह सब उस जगह पहुँच गये, जहाँ हिटमैन और दोनों गार्डों की लाशें पड़ी थीं ।
“ओह माई गॉड ।” डायमोक के मुंह से तेज सिसकारी छूट गयी- “कमाण्डर करण सक्सेना ने इन्हें भी मार डाला ।”
तमाम हथियारबंद गार्ड सकते में रह गये ।
भौचक्के !
अपने भाई की खून से लथपथ लाश देखकर मास्कमैन की आँखों में भी आंसू आ गये । वह फौरन उसकी लाश से जा चिपका, उस क्षण यही शुक्र था, जो वह बच्चों की तरह रोने नहीं लगा ।
उन दोनों भाइयों में बेहद प्यार था ।
हालांकि दोनों खतरनाक अपराधी थे, लेकिन दोनों ही एक-दूसरे के ऊपर जान छिड़कते थे ।
एक-दूसरे के सुख-दुख में सहभागी थे ।
“कहता था, आप मेरी चिंता न करो भाई ।” मास्कमैन फफकते हुए बोला- “मुझे कुछ नहीं होगा । लेकिन उसकी जरा सी जिद उसे ले डूबी, कमाण्डर करण सक्सेना ने मेरे भाई को मार डाला ।”
“अब हौसला रखो दोस्त ।” डायमोक ने उसकी पीठ थपथपाई ।
लेकिन मास्कमैन रोता रहा ।
उसकी आँखों से झर-झर आँसू निकलकर उसके रबड़ के काले मास्क पर बहते रहे ।
“जो होना था, वह अब हो चुका है दोस्त ।”
“नहीं ।” मास्कमैन गुर्रा उठा- “नहीं, अभी सब कुछ नहीं हुआ है दोस्त ! अभी इस जंगल में एक लाश और गिरेगी, कमाण्डर करण सक्सेना की लाश ! मैं अब उस हरामजादे को किसी हालत में नहीं बख्शूंगा ।”
उसकी आवाज उस क्षण गुस्से में बुरी तरह भभकी हुई थी ।
“अभी वो हरामजादा जंगल में यहीं कहीं आसपास होगा ।” मास्कमैन पुनः भभके स्वर में बोला- “हमें उसे फौरन ढूंढना चाहिये बल्कि फौरन से भी पेश्तर ।”
“हाँ, हम उसे अभी ढूंढते हैं ।” डायमोक बोला- “परन्तु उससे पहल हमें एक और ज्यादा जरूरी काम करना है ।”
“क्या ?”
“हमें पहले इन प्रियजनों का अंतिम संस्कार करना है, वरना यहाँ थोड़ी बहुत देर में गिद्ध मंडराने लगेंगे । चलो, खड़े हो जाओ ।”
मास्कमैन धीरे-धीरे अपने आँसू साफ करता हुआ लाश के पास से खड़ा हो गया ।
माहौल बहुत गमज़दा हो गया था ।