hotaks444
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शबनम;के जिस्म मे बिजली से लहर दौड़ने लगी थी उसे सॅम की मज़बूत पकड़ बहुत अच्छी लगती थी पर उसका डर उसकी मस्ती से ज़्यादा था
सॅम;उसकी आँखों मे देखते हुए आइ लव यू शबनम
और सॅम;शबनम के लिप्स पे अपने लिप्स रख देता है
वो उसके निचले होंठ को अपने मुँह मे डालके चूसने लगता है जिससे शबनम का जिस्म अकड़ने लगता है
शबनम;गलपप्प्प्प उःन्ह्ंहंहंह्न गलपप्प्प्प्प सम प्लेज छोड़ो ना गलपप्प्प्प्प उःन्ह्ंहंहंहंह्न मंजाओ ना मेरे सॅम गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प
सॅम;पे तो जैसे जुनून सवार था कई दिनो से उसे चूत नही मिली थी उसका लौडा पॅंट मे हुड़दाम मचा रहा था जिसे शबनम अपनी जांघों के बीच अच्छी तरह महसूस करसकती थी
सॅम;शबनम की ब्रा खोल देता है और शबनम को संभलने से पहले ही उसे बेड पे गिरा के उसके निपल्स को मुँह मे लेके चूसने लगता है गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प
शबनम;अब अपना कंट्रोल खो चुकी थी उसका जिस्म अब सॅम का साथ देने लगा था वो भी सॅम का सर पकड़ के अपनी चुची पे दबा रही थी अहह सॅम क्या कर रही हो उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह अपनी भाभी के साथ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नही ना सॅम उःन्ह्ंहंहंहंहंह्न अहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
सॅम;ने उसकी चुचि पे ज़ोर से काटा था जिससे शबनम की चीख निकल गयी थी पर सही वक़्त पे उसने अपने दोनो हाथ अपने मुँह पे रखके उस चीख को दबा दिया था अहह
शबनम;प्युरे तरह सॅम के क़ब्ज़े मे थी और सॅम उसकी एक चुचि को चूस्ते हुए दूसरी को बेरहमी से मसल रहा था उसके लंड की रगड़ शबनम की चूत पे पड़ने से शबनम बेकाबू हो गयी थी उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम अहह और ज़ोर से अहहहहहहहः मेरे देवर अहह अपनी भाभी को निचोड़ लो अह्ह्ह्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वो बोलते बोलते एकदम शांत पड़ गयी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था
वो बेड पे बैठ जाती है और सॅम की आँखों मे देखने लगती है जो उसके पास लेटा हुआ था वो सॅम के उपर झुकती चली जाती है दोनो फिर से एकदुसरे को चूमने लगते हैं तकरीबन 10मिनट बाद सॅम शबनम का लेनहगा खोलना चाहता है पर शबनम उसे रोक लेती है
शबनम;आज नही सॅम'
सॅम;क्यूँ
शबनम;उसके कान मे धीरे से आज मेरी एम.सी का लास्ट दिन है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
सॅम;एक समझ दार मर्द था औरत को तकलीफ़ मे तकलीफ़ देना उसकी फ़ितरत मे नही था वो शबनम को कुछ देर चूमने के बाद उसके रूम से निकलने लगता है
फिर किसी ख़याल से वो वापस शबनम के पास आता है और उसे अपने से चिपका के
सॅम;;सुन शबनम कल रात 1 बजे मैं तेरे रूम मे आउन्गा मुझे तू दुल्हन की तरह दिखनी चाहिए मेरी दुल्हन
शबनम;शरमाते हुए हाँ मे सर हिलाती है सॅम उसे चूमता हुआ रूम से बाहर निकल जाता है और सीधा अपने रूम मे जाता है जहाँ उसे धक्का सा लगता है वहाँ आबिद उसके बेड पे बैठा उसका इंतजार कर रहा था
सॅम;तू यहाँ क्या कर रहा है
आबिद;कुछ नही बस तुम्हे न्यूज़ देना था कि मैने तुम्हारी और भाभी की सारी बातें सुन ली हैं और ये मैं कल अम्मी को बताने वाला हूँ
सॅम;की तो जैसे फॅट गयी थी
वो जल्दी से रूम का दरवाज़ा बंद करदेता है
आबिद मेरे भाई तू क्यूँ अम्मी को बीच मे ला रहा है हम दोनो भाई है ना बैठ के बात करतें है
आबिद;भाई अच्छा उस दिन इतनी ज़ोर से थप्पड़ मारे थे तब क्या मैं तुम्हारा भाई नही था
सम;अर्रे तू भी कितना पागला है वो तो बस उस्दिन मेरा मूड ऑफ था
और सॅम आबिद के पास बैठ के उसे फुसलाने लगता है
आबिद;मैं तुम्हारी इन बातों मे नही आने वाला भाई
सॅम;तो क्या चाहिए तुझे
आबिद;सॅम के लंड पे हाथ रखते हुए तुम जानते हो मुझे क्या चाहिए
जब सॅम उसे नही रोकता तो आबिद की हिम्मत बढ़ जाती है और वो सॅम की पॅंट खींच के उसका लंड बाहर निकाल लेता है और बिना देर किए उसे अपने मुँह की गहराइयों मे डालने लगता है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प
सॅम;आराम से हरामी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम के लंड मे तनाव आजाता है शबनम की चूत ना सही आबिद की गान्ड ही सही अहह धीरे कर मादर चोद अहह खा जाएगा क्या
आबिद;हाँ खा जाउन्गा गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प वो सॅम के लंड की एक एक इंच को चाटता चला जाता है और अपनी पॅंट भी उतार देता है
सम;से कंट्रोल नही होता और वो आबिद को बेड पे गिरा के उसे डोगी स्टाइल मे करलेता है और एक झटके मे अपना मुस्सल लंड उसकी गान्ड मे डालने लगता है
आबिद;बेचारा गान्ड के दर्द का मारा बुरी तरह तड़प उठता है अहह ऊऊहह अहह स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
आराम से भाई मेरी गान्ड है भाभी की चूत नही अहह धीरे अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह दर्द होता है ना भाई अहह
सॅम;तेरी माँ को चोदु साले हरामी गान्डु तुझे तो मैं ऐसे मारता हूँ कि तेरी गान्ड मे ट्रक भी घुस जाए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ले साले हाआआआआ वो तूफ़ानी रफ़्तार से शबनम की चूत का घुसा आबिद की गान्ड मे निकल ने लगता है अहह गान्डु मुझे ब्लॅकमेन्ल करता है हााआआ ले साले हाआआआआ
आबिद; से बोलना भी दुश्वार था वो बस तकिये मे मुँह छुपाए अपनी गान्ड मे सम के लंड का मज़ा ले रहा था उनह भाई ऐसे ही रूज़ छोड़ोंगे ना हााआअ ऐसे ही अहह
सॅम;चुप कर मदर्चोद अगर तूने अपना मुँह बंद रखा तो तेरी गान्ड मे कभी कभी लंड जाता रहेगा पर अगर तूने अपना मुँह किसी के सामने खोला तो तेरी गान्ड मे लंड नही लोहे की रोड जाएगी समझा अहह
आबिद;हाँ नही मुँह खोलूँगा भाई अहह बस तुम कभी कभी मेरी गान्ड खोलते रहा करो अहह
15मिनट की गान्ड मराई के बाद सॅम अपना पानी आबिद की गान्ड मे डालके लेट जाता है और आबिद को रूम से बाहर जाने का कह देता है और उसे अपना मुँह बंद रखने का भी याद दिला देता है
आबिद;गान्ड पे हाथ रख के अपने रूम मे चला जाता है
सॅम;अपने बेड पे सिर्फ़ अंडरवेर मे सोया हुआ था और नजमा उसके पास बैठी उसके बालों को सहला रही थी ये उसकी रोज की आदत थी पर आज उसे सॅम पे बहुत प्यार आरहा था सॅम के चेहरे मे उसे उसके शोहार का अक्स नज़र आता था इसीलिए नजमा सॅम की इतनी शरारतों के बावजूद उसे बेन्तेहा प्यार करती थी पर ये प्यार सिर्फ़ एक माँ बेटे वाला था जो प्यार सॅम नजमा से करता था उसके शुरुआत होना बाकी थी नजमा के दिल मे
सॅम;अपनी एक आँख खोल के सामने बैठी नजमा को देख लेता है और दुबारा आँखे बंद करलेता है वो जाग चुका था पर अचानक उसके दिमाग़ मे एक आइडिया आता है और वो
बडबडाने लगता है
अम्मी आइ लव यू अम्मी मैं आपसे सच्ची मोहब्बत करता हूँ
अगर आप मुझे नही मिली तो मैं अपनी जान दे दूँगा आइ लव यू अम्मी सूओ मच
सॅम;उसकी आँखों मे देखते हुए आइ लव यू शबनम
और सॅम;शबनम के लिप्स पे अपने लिप्स रख देता है
वो उसके निचले होंठ को अपने मुँह मे डालके चूसने लगता है जिससे शबनम का जिस्म अकड़ने लगता है
शबनम;गलपप्प्प्प उःन्ह्ंहंहंह्न गलपप्प्प्प्प सम प्लेज छोड़ो ना गलपप्प्प्प्प उःन्ह्ंहंहंहंह्न मंजाओ ना मेरे सॅम गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प
सॅम;पे तो जैसे जुनून सवार था कई दिनो से उसे चूत नही मिली थी उसका लौडा पॅंट मे हुड़दाम मचा रहा था जिसे शबनम अपनी जांघों के बीच अच्छी तरह महसूस करसकती थी
सॅम;शबनम की ब्रा खोल देता है और शबनम को संभलने से पहले ही उसे बेड पे गिरा के उसके निपल्स को मुँह मे लेके चूसने लगता है गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प
शबनम;अब अपना कंट्रोल खो चुकी थी उसका जिस्म अब सॅम का साथ देने लगा था वो भी सॅम का सर पकड़ के अपनी चुची पे दबा रही थी अहह सॅम क्या कर रही हो उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह अपनी भाभी के साथ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नही ना सॅम उःन्ह्ंहंहंहंहंह्न अहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
सॅम;ने उसकी चुचि पे ज़ोर से काटा था जिससे शबनम की चीख निकल गयी थी पर सही वक़्त पे उसने अपने दोनो हाथ अपने मुँह पे रखके उस चीख को दबा दिया था अहह
शबनम;प्युरे तरह सॅम के क़ब्ज़े मे थी और सॅम उसकी एक चुचि को चूस्ते हुए दूसरी को बेरहमी से मसल रहा था उसके लंड की रगड़ शबनम की चूत पे पड़ने से शबनम बेकाबू हो गयी थी उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम अहह और ज़ोर से अहहहहहहहः मेरे देवर अहह अपनी भाभी को निचोड़ लो अह्ह्ह्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वो बोलते बोलते एकदम शांत पड़ गयी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था
वो बेड पे बैठ जाती है और सॅम की आँखों मे देखने लगती है जो उसके पास लेटा हुआ था वो सॅम के उपर झुकती चली जाती है दोनो फिर से एकदुसरे को चूमने लगते हैं तकरीबन 10मिनट बाद सॅम शबनम का लेनहगा खोलना चाहता है पर शबनम उसे रोक लेती है
शबनम;आज नही सॅम'
सॅम;क्यूँ
शबनम;उसके कान मे धीरे से आज मेरी एम.सी का लास्ट दिन है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
सॅम;एक समझ दार मर्द था औरत को तकलीफ़ मे तकलीफ़ देना उसकी फ़ितरत मे नही था वो शबनम को कुछ देर चूमने के बाद उसके रूम से निकलने लगता है
फिर किसी ख़याल से वो वापस शबनम के पास आता है और उसे अपने से चिपका के
सॅम;;सुन शबनम कल रात 1 बजे मैं तेरे रूम मे आउन्गा मुझे तू दुल्हन की तरह दिखनी चाहिए मेरी दुल्हन
शबनम;शरमाते हुए हाँ मे सर हिलाती है सॅम उसे चूमता हुआ रूम से बाहर निकल जाता है और सीधा अपने रूम मे जाता है जहाँ उसे धक्का सा लगता है वहाँ आबिद उसके बेड पे बैठा उसका इंतजार कर रहा था
सॅम;तू यहाँ क्या कर रहा है
आबिद;कुछ नही बस तुम्हे न्यूज़ देना था कि मैने तुम्हारी और भाभी की सारी बातें सुन ली हैं और ये मैं कल अम्मी को बताने वाला हूँ
सॅम;की तो जैसे फॅट गयी थी
वो जल्दी से रूम का दरवाज़ा बंद करदेता है
आबिद मेरे भाई तू क्यूँ अम्मी को बीच मे ला रहा है हम दोनो भाई है ना बैठ के बात करतें है
आबिद;भाई अच्छा उस दिन इतनी ज़ोर से थप्पड़ मारे थे तब क्या मैं तुम्हारा भाई नही था
सम;अर्रे तू भी कितना पागला है वो तो बस उस्दिन मेरा मूड ऑफ था
और सॅम आबिद के पास बैठ के उसे फुसलाने लगता है
आबिद;मैं तुम्हारी इन बातों मे नही आने वाला भाई
सॅम;तो क्या चाहिए तुझे
आबिद;सॅम के लंड पे हाथ रखते हुए तुम जानते हो मुझे क्या चाहिए
जब सॅम उसे नही रोकता तो आबिद की हिम्मत बढ़ जाती है और वो सॅम की पॅंट खींच के उसका लंड बाहर निकाल लेता है और बिना देर किए उसे अपने मुँह की गहराइयों मे डालने लगता है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प
सॅम;आराम से हरामी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम के लंड मे तनाव आजाता है शबनम की चूत ना सही आबिद की गान्ड ही सही अहह धीरे कर मादर चोद अहह खा जाएगा क्या
आबिद;हाँ खा जाउन्गा गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प वो सॅम के लंड की एक एक इंच को चाटता चला जाता है और अपनी पॅंट भी उतार देता है
सम;से कंट्रोल नही होता और वो आबिद को बेड पे गिरा के उसे डोगी स्टाइल मे करलेता है और एक झटके मे अपना मुस्सल लंड उसकी गान्ड मे डालने लगता है
आबिद;बेचारा गान्ड के दर्द का मारा बुरी तरह तड़प उठता है अहह ऊऊहह अहह स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
आराम से भाई मेरी गान्ड है भाभी की चूत नही अहह धीरे अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह दर्द होता है ना भाई अहह
सॅम;तेरी माँ को चोदु साले हरामी गान्डु तुझे तो मैं ऐसे मारता हूँ कि तेरी गान्ड मे ट्रक भी घुस जाए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ले साले हाआआआआ वो तूफ़ानी रफ़्तार से शबनम की चूत का घुसा आबिद की गान्ड मे निकल ने लगता है अहह गान्डु मुझे ब्लॅकमेन्ल करता है हााआआ ले साले हाआआआआ
आबिद; से बोलना भी दुश्वार था वो बस तकिये मे मुँह छुपाए अपनी गान्ड मे सम के लंड का मज़ा ले रहा था उनह भाई ऐसे ही रूज़ छोड़ोंगे ना हााआअ ऐसे ही अहह
सॅम;चुप कर मदर्चोद अगर तूने अपना मुँह बंद रखा तो तेरी गान्ड मे कभी कभी लंड जाता रहेगा पर अगर तूने अपना मुँह किसी के सामने खोला तो तेरी गान्ड मे लंड नही लोहे की रोड जाएगी समझा अहह
आबिद;हाँ नही मुँह खोलूँगा भाई अहह बस तुम कभी कभी मेरी गान्ड खोलते रहा करो अहह
15मिनट की गान्ड मराई के बाद सॅम अपना पानी आबिद की गान्ड मे डालके लेट जाता है और आबिद को रूम से बाहर जाने का कह देता है और उसे अपना मुँह बंद रखने का भी याद दिला देता है
आबिद;गान्ड पे हाथ रख के अपने रूम मे चला जाता है
सॅम;अपने बेड पे सिर्फ़ अंडरवेर मे सोया हुआ था और नजमा उसके पास बैठी उसके बालों को सहला रही थी ये उसकी रोज की आदत थी पर आज उसे सॅम पे बहुत प्यार आरहा था सॅम के चेहरे मे उसे उसके शोहार का अक्स नज़र आता था इसीलिए नजमा सॅम की इतनी शरारतों के बावजूद उसे बेन्तेहा प्यार करती थी पर ये प्यार सिर्फ़ एक माँ बेटे वाला था जो प्यार सॅम नजमा से करता था उसके शुरुआत होना बाकी थी नजमा के दिल मे
सॅम;अपनी एक आँख खोल के सामने बैठी नजमा को देख लेता है और दुबारा आँखे बंद करलेता है वो जाग चुका था पर अचानक उसके दिमाग़ मे एक आइडिया आता है और वो
बडबडाने लगता है
अम्मी आइ लव यू अम्मी मैं आपसे सच्ची मोहब्बत करता हूँ
अगर आप मुझे नही मिली तो मैं अपनी जान दे दूँगा आइ लव यू अम्मी सूओ मच