hotaks444
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शबनम की कमर पीछे की तरफ हो जाती है और सॅम उसे अपने दोनो हाथों में पकड़ कर अपना लंड उसकी चूत की फांको में रगड़ने लगता है
नीची बैठी ज़ेबा कभी शबनम की चूत तो कभी सॅम के लंड को चाट रही थी
सॅम;बिना देर किए अपने लंड का दबाव शबनम की चूत पे बढ़ाता है और फॅक की आवाज़ के साथ सॅम का लंड शबनम की चूत में घुसता चला जाता है हाआआआआअ अहह
शबनम;अपनी कमर पीछे की तरफ करने लगती है और सॅम अपना लंड उसकी चूत के अंदर तक गगूस ता चला जाता है अहह उःन्ह्ंहंहंहंहंह्न
ज़ेबा;नीचे से सॅम की गान्ड का सुराख चाटने लगती है जिससे सॅम और जोश में आके सटा सॅट शबनम को चोदने लगता है अहह अहह भाभी आपकी अम्मी अहह कमाल की है अहह
शबनम;ऊऊऊऊऊओ उहह उनह हाँ अहह ऐसे ही चुद चुद के पैदा किए होगा अम्मी ने मुझे अहह चोदो ना सॅम अहह बड़ा अच्छा लग रहा है अहह मेरे तुम्हारे भाई को भूल जाना चाहती हूँ आज से अहह बस तुम मुझे याद आओ दिन रात अहह मेरी चूत पे सिर्फ़ तुम्हारा हक़ हो अहह चोदो मेरे चोदु बलम अहह
सॅम;हाँ भाभी अहह मेरी चिकनी चूत वाली भाभी अहह तुम्हारी चूत बहुत चिकनी है अहह बिल्कुल फ़िरोज़ा खाला की तरह अहह
ये अल्फ़ाज़ शबनम के साथ साथ ज़ेबा को भी चौंका देते है
ज़ेबा;बेटा सॅम क्या तूने फीरोजा को भी
सॅम;हाँ खाला अहहहहहहहहः वो भी तुम्हारे तारह गरम माल है अहहहहहहहहः पूरी गान्ड फाड़ देती है मेरी चोद्ते वक़्त अहह
बस एक बार अम्मी को चोद दूं अहह
शबनम;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम क्या अहह तुम अपनी आमियीईईईईई ऊइईईईई माआआआआ को भी आराम से अहह चोदना चाहते हो अहहहहहहहः
सॅम;हाँ भाभी पर अगर ये बात अहह किसी को पता नहियीईईईईई चलनी चाहिए सिर्फ़ हम तीनो के बीच अहह
वो चुदाई के नशे मे सब कुछ बोलता चला गया
शबनम;एक नज़र नीचे बैठी ज़ेबा पे डालती है और दोनो माँ बेटी के चेहरे पे एक अजीब से मुस्कान आजाती है
सॅम;की रफ़्तार बढ़ने लगती है
शबनम;जान चुकी थी कि सॅम बस अब झड़ने ही वाला है क्योंकि शबनम की चूत में सॅम का लंड मोटा और मोटा होता जा रहा था
फिर कुछ ज़बर्दास्त झटकों के बाद सॅम अपना पानी शबनम की चूत में उंड़ेल ने लगता है अहह अहह
साथ में शबनम भी झड़ती चली जाती है ऊइईईईई अम्मी गगगगगगगगग्गगुनह
दोनो का मीठा मीठा पानी जो चूत से होता हुआ नीची जाँघ पे बह रहा था उसे ज़ेबा बड़े चाव से चाट रही थी गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प
सॅम;बुरी तरह थक चुका था रात के 2 बज रहे थे वो तीनो फ्रेश होके बाहर निकलते है और सॅम जब कपड़े पहन के शबनम को गुड नाइट किस करने के बाद दरवाज़ा खोलता है तो उसके साथ साथ शबनम की भी गान्ड फटी की फटी रह जाती है
शबनम;एक टवल अपने जिस्म पे लपेटे हुए सॅम की बाहों में चिपकी हुई थी और सामने महक आँखे फाडे खड़ी थी
सॅम;का बुरा हाल था महक की आँखों से सॉफ लग रहा था कि वो काफ़ी वक़्त से वहाँ खड़ी थी लाल आग उगलते हुए वो आँखे सॅम और शबनम के दिल में ख़ौफ़ पैदा करने के लिए काफ़ी थी
महक;;कुछ नही कहती बस उन्दोनो को घूरते हुए अपने रूम में चली जाती है
शबनम;उसके जाने के बाद सॅम को देखते हुए
अब क्या होगा सॅम कहीं महक अम्मी को तो बता नही देगी
सॅम;भी यही सोच रहा था वो शबनम को दिलासा देता हुआ महक के रूम की तरफ बढ़ जाता है
महक;अपने रूम में बेड पे बैठी हुई थी जैसे ही वो सॅम को अपने रूम में घुसता देखती है वो खड़ी हो जाती है और चीखते हुए उसे अपने रूम से बाहर धकेलने लगती है
निकल जा ज़लील इंसान तू मेरा भाई नही होसकता तू अपनी भाभी और खाला के साथ कितनी ज़लील हरकत कर रहा था और ना जाने किन किन के साथ ये गंदा काम करचूका है
में तेरी शकल भी नही देखना चाहती तू निकल जा मेरे रूम से वरना में अम्मी को बुलाउन्गी
सॅम;ओके महक बस एक मिनट मेरे बात सुन ले फिर में चला जाउन्गा
महक'';मुझे तेरी कोई बात नही सुन्नी तुझ से तो कल अम्मी ही बात करेंगी निकल अभी के अभी
सॅम;अम्मी का नाम सुनके घबरा जाता है
और वो महक का दरवाज़ा बंद करके महक को बेड पे पटक देता है और उसके उपर चढ़ जाता है
एक हाथ से वो महक को कंट्रोल कर रहा था और दूसरे हाथ से वो महक के मुँह को बंद करने की कोशिश कर रहा था
महक;सॅम के हाथ को ज़ोर से काट लेती है
सॅम;ऊऊचह कमिनाते ज़र सॅम एक मर्दों वाला करारा थप्पड़ महक के गालों पे जड़ देता है जिससे महक को रात में सूरज नज़र आजाता है
अपना मुँह बंद रख समझी ना वरना मुझ से बुरा कोई नही होगा महक;;ये बोलके सॅम वहाँ रुका नही बल्कि सीधा अपने रूम में चला गया.
वो जानता था ये थप्पड़ महक को कुछ दिन तो खामोश रख ही लेगा..
आगे जो होगा वो देखा जाएगा
नीची बैठी ज़ेबा कभी शबनम की चूत तो कभी सॅम के लंड को चाट रही थी
सॅम;बिना देर किए अपने लंड का दबाव शबनम की चूत पे बढ़ाता है और फॅक की आवाज़ के साथ सॅम का लंड शबनम की चूत में घुसता चला जाता है हाआआआआअ अहह
शबनम;अपनी कमर पीछे की तरफ करने लगती है और सॅम अपना लंड उसकी चूत के अंदर तक गगूस ता चला जाता है अहह उःन्ह्ंहंहंहंहंह्न
ज़ेबा;नीचे से सॅम की गान्ड का सुराख चाटने लगती है जिससे सॅम और जोश में आके सटा सॅट शबनम को चोदने लगता है अहह अहह भाभी आपकी अम्मी अहह कमाल की है अहह
शबनम;ऊऊऊऊऊओ उहह उनह हाँ अहह ऐसे ही चुद चुद के पैदा किए होगा अम्मी ने मुझे अहह चोदो ना सॅम अहह बड़ा अच्छा लग रहा है अहह मेरे तुम्हारे भाई को भूल जाना चाहती हूँ आज से अहह बस तुम मुझे याद आओ दिन रात अहह मेरी चूत पे सिर्फ़ तुम्हारा हक़ हो अहह चोदो मेरे चोदु बलम अहह
सॅम;हाँ भाभी अहह मेरी चिकनी चूत वाली भाभी अहह तुम्हारी चूत बहुत चिकनी है अहह बिल्कुल फ़िरोज़ा खाला की तरह अहह
ये अल्फ़ाज़ शबनम के साथ साथ ज़ेबा को भी चौंका देते है
ज़ेबा;बेटा सॅम क्या तूने फीरोजा को भी
सॅम;हाँ खाला अहहहहहहहहः वो भी तुम्हारे तारह गरम माल है अहहहहहहहहः पूरी गान्ड फाड़ देती है मेरी चोद्ते वक़्त अहह
बस एक बार अम्मी को चोद दूं अहह
शबनम;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम क्या अहह तुम अपनी आमियीईईईईई ऊइईईईई माआआआआ को भी आराम से अहह चोदना चाहते हो अहहहहहहहः
सॅम;हाँ भाभी पर अगर ये बात अहह किसी को पता नहियीईईईईई चलनी चाहिए सिर्फ़ हम तीनो के बीच अहह
वो चुदाई के नशे मे सब कुछ बोलता चला गया
शबनम;एक नज़र नीचे बैठी ज़ेबा पे डालती है और दोनो माँ बेटी के चेहरे पे एक अजीब से मुस्कान आजाती है
सॅम;की रफ़्तार बढ़ने लगती है
शबनम;जान चुकी थी कि सॅम बस अब झड़ने ही वाला है क्योंकि शबनम की चूत में सॅम का लंड मोटा और मोटा होता जा रहा था
फिर कुछ ज़बर्दास्त झटकों के बाद सॅम अपना पानी शबनम की चूत में उंड़ेल ने लगता है अहह अहह
साथ में शबनम भी झड़ती चली जाती है ऊइईईईई अम्मी गगगगगगगगग्गगुनह
दोनो का मीठा मीठा पानी जो चूत से होता हुआ नीची जाँघ पे बह रहा था उसे ज़ेबा बड़े चाव से चाट रही थी गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प
सॅम;बुरी तरह थक चुका था रात के 2 बज रहे थे वो तीनो फ्रेश होके बाहर निकलते है और सॅम जब कपड़े पहन के शबनम को गुड नाइट किस करने के बाद दरवाज़ा खोलता है तो उसके साथ साथ शबनम की भी गान्ड फटी की फटी रह जाती है
शबनम;एक टवल अपने जिस्म पे लपेटे हुए सॅम की बाहों में चिपकी हुई थी और सामने महक आँखे फाडे खड़ी थी
सॅम;का बुरा हाल था महक की आँखों से सॉफ लग रहा था कि वो काफ़ी वक़्त से वहाँ खड़ी थी लाल आग उगलते हुए वो आँखे सॅम और शबनम के दिल में ख़ौफ़ पैदा करने के लिए काफ़ी थी
महक;;कुछ नही कहती बस उन्दोनो को घूरते हुए अपने रूम में चली जाती है
शबनम;उसके जाने के बाद सॅम को देखते हुए
अब क्या होगा सॅम कहीं महक अम्मी को तो बता नही देगी
सॅम;भी यही सोच रहा था वो शबनम को दिलासा देता हुआ महक के रूम की तरफ बढ़ जाता है
महक;अपने रूम में बेड पे बैठी हुई थी जैसे ही वो सॅम को अपने रूम में घुसता देखती है वो खड़ी हो जाती है और चीखते हुए उसे अपने रूम से बाहर धकेलने लगती है
निकल जा ज़लील इंसान तू मेरा भाई नही होसकता तू अपनी भाभी और खाला के साथ कितनी ज़लील हरकत कर रहा था और ना जाने किन किन के साथ ये गंदा काम करचूका है
में तेरी शकल भी नही देखना चाहती तू निकल जा मेरे रूम से वरना में अम्मी को बुलाउन्गी
सॅम;ओके महक बस एक मिनट मेरे बात सुन ले फिर में चला जाउन्गा
महक'';मुझे तेरी कोई बात नही सुन्नी तुझ से तो कल अम्मी ही बात करेंगी निकल अभी के अभी
सॅम;अम्मी का नाम सुनके घबरा जाता है
और वो महक का दरवाज़ा बंद करके महक को बेड पे पटक देता है और उसके उपर चढ़ जाता है
एक हाथ से वो महक को कंट्रोल कर रहा था और दूसरे हाथ से वो महक के मुँह को बंद करने की कोशिश कर रहा था
महक;सॅम के हाथ को ज़ोर से काट लेती है
सॅम;ऊऊचह कमिनाते ज़र सॅम एक मर्दों वाला करारा थप्पड़ महक के गालों पे जड़ देता है जिससे महक को रात में सूरज नज़र आजाता है
अपना मुँह बंद रख समझी ना वरना मुझ से बुरा कोई नही होगा महक;;ये बोलके सॅम वहाँ रुका नही बल्कि सीधा अपने रूम में चला गया.
वो जानता था ये थप्पड़ महक को कुछ दिन तो खामोश रख ही लेगा..
आगे जो होगा वो देखा जाएगा