hotaks444
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और फिर मयूरी ने अपनी माँ और अपने बीच हुई चुदाई से लेकर उनके दोनों बेटों से चुदाई की पूरी दास्ताँ सुना दी. पूरी बात सुनने में अशोक शुरू में तो थोड़ा अजीब लगा फिर मजा आने लगा… फिर भी उसको विश्वास नहीं हुआ और उसने पूछा- मुझे तुम्हारी इन बातों पर यकीन नहीं हो रहा.
मयूरी- अच्छा… अगर आपको आपकी बीवी को आपके बेटों से चुदवाते हुए दिखा दूँ तो? तो कर लोगे यकीन?
अशोक- हाँ…
मयूरी- ठीक है.. चलो फिर?
अशोक- कहाँ?
मयूरी- बाहर… वो अभी भी चुदाई कर रहे हैं.
अशोक- मतलब?
मयूरी- पापा? आपको क्या लगता है हम बाप-बेटी यहाँ आराम से चुदाई करेंगे और घर में लोग काम कर रहे होंगे. वो भी चुदाई कर रहे है इसीलिए किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता…
अशोक- अभी?
मयूरी- हाँ.. आप चलो मैं दिखाती हूँ.
अशोक- कपड़े पहन लूँ?
मयूरी- जरूरत नहीं है? हम उनको बताएँगे नहीं कि हम उनको देख रहे हैं.
अशोक- मतलब?
मयूरी- मतलब हम उनको चुपके से देखेंगे.
अशोक- पर मुझे ऐसे नंगे बाहर जाने में अजीब लग रहा है?
मयूरी- पापा, आपने अभी अपने बेटी जी जबरदस्त चुदाई की है और कल से घर में सब लोग नंगे ही रहने वाले हैं… अब वक्त बदलने वाला है… आप शर्माना छोड़िये… चलिए बाहर…
अशोक- ठीक है…
और दोनों बाप-बेटी घर में बेशर्मों की तरह नंगे ही दरवाजा खोलकर बाहर निकले और मयूरी की कमरे की तरफ बढ़े. फिर उस कमरे की खिड़की के पास जाते ही अंदर का सुहाना दृश्य दिखाई देने लगा. अंदर विक्रम अपनी माँ की चूत में और रजत अपनी माँ की गांड में लंड डालकर जोरदार चुदाई कर रहा था.
शीतल को अपने दोनों बेटों से एकसाथ चुदवाते हुए बड़ा मजा आ रहा था. रजत ने शीतल की एक टाँग को उठाया हुआ था और विक्रम उसकी चुदाई के साथ-साथ उसकी चूचियों को जोर-जोर से मसल भी रहा था.
अशोक को अपने आँखों पर यकीन नहीं हुआ. वो एकटक उनको देखता ही रह गया. पर थोड़ी ही देर में उसको अपने बेटों को मादरचोद बनते हुए देखकर बड़ा आनन्द आने लगा और उसका लंड खड़ा हो गया.
यह दृश्य देखकर मयूरी की कामाग्नि भी जाग उठी, उसने वहीं पर खड़े अपने पिता के लंड की ओर देखा जो किसी वृक्ष के तने की भांति तना हुआ था. वो झट से बैठी और अशोक के लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
अशोक के मन में ख्याल आया कि वो अभी उनके कमरे में जाए और उनको रंगे हाथ पकड़ ले … फिर वहीं पर सब के साथ जोरदार चुदाई करे.
वो मयूरी से बोला- मयूरी, अंदर चलें बेटा?
मयूरी- क्यूँ पापा?
अशोक- इनको रंगे हाथ पकड़ते हैं और फिर जोरदार चुदाई करेंगे… खुले में… सबके साथ…
मयूरी- आज नहीं पापा… कल… यही तो मेरे जन्मदिन का तोहफा होगा… भूल गए?
अशोक- अच्छा, चलो फिर कमरे में… तुम्हें तो चोद लूँ जी भर के… ये सब देखकर मेरा लंड उफान मार रहा है.
मयूरी- अवश्य पापा… चलिए.
मयूरी- अच्छा… अगर आपको आपकी बीवी को आपके बेटों से चुदवाते हुए दिखा दूँ तो? तो कर लोगे यकीन?
अशोक- हाँ…
मयूरी- ठीक है.. चलो फिर?
अशोक- कहाँ?
मयूरी- बाहर… वो अभी भी चुदाई कर रहे हैं.
अशोक- मतलब?
मयूरी- पापा? आपको क्या लगता है हम बाप-बेटी यहाँ आराम से चुदाई करेंगे और घर में लोग काम कर रहे होंगे. वो भी चुदाई कर रहे है इसीलिए किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता…
अशोक- अभी?
मयूरी- हाँ.. आप चलो मैं दिखाती हूँ.
अशोक- कपड़े पहन लूँ?
मयूरी- जरूरत नहीं है? हम उनको बताएँगे नहीं कि हम उनको देख रहे हैं.
अशोक- मतलब?
मयूरी- मतलब हम उनको चुपके से देखेंगे.
अशोक- पर मुझे ऐसे नंगे बाहर जाने में अजीब लग रहा है?
मयूरी- पापा, आपने अभी अपने बेटी जी जबरदस्त चुदाई की है और कल से घर में सब लोग नंगे ही रहने वाले हैं… अब वक्त बदलने वाला है… आप शर्माना छोड़िये… चलिए बाहर…
अशोक- ठीक है…
और दोनों बाप-बेटी घर में बेशर्मों की तरह नंगे ही दरवाजा खोलकर बाहर निकले और मयूरी की कमरे की तरफ बढ़े. फिर उस कमरे की खिड़की के पास जाते ही अंदर का सुहाना दृश्य दिखाई देने लगा. अंदर विक्रम अपनी माँ की चूत में और रजत अपनी माँ की गांड में लंड डालकर जोरदार चुदाई कर रहा था.
शीतल को अपने दोनों बेटों से एकसाथ चुदवाते हुए बड़ा मजा आ रहा था. रजत ने शीतल की एक टाँग को उठाया हुआ था और विक्रम उसकी चुदाई के साथ-साथ उसकी चूचियों को जोर-जोर से मसल भी रहा था.
अशोक को अपने आँखों पर यकीन नहीं हुआ. वो एकटक उनको देखता ही रह गया. पर थोड़ी ही देर में उसको अपने बेटों को मादरचोद बनते हुए देखकर बड़ा आनन्द आने लगा और उसका लंड खड़ा हो गया.
यह दृश्य देखकर मयूरी की कामाग्नि भी जाग उठी, उसने वहीं पर खड़े अपने पिता के लंड की ओर देखा जो किसी वृक्ष के तने की भांति तना हुआ था. वो झट से बैठी और अशोक के लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
अशोक के मन में ख्याल आया कि वो अभी उनके कमरे में जाए और उनको रंगे हाथ पकड़ ले … फिर वहीं पर सब के साथ जोरदार चुदाई करे.
वो मयूरी से बोला- मयूरी, अंदर चलें बेटा?
मयूरी- क्यूँ पापा?
अशोक- इनको रंगे हाथ पकड़ते हैं और फिर जोरदार चुदाई करेंगे… खुले में… सबके साथ…
मयूरी- आज नहीं पापा… कल… यही तो मेरे जन्मदिन का तोहफा होगा… भूल गए?
अशोक- अच्छा, चलो फिर कमरे में… तुम्हें तो चोद लूँ जी भर के… ये सब देखकर मेरा लंड उफान मार रहा है.
मयूरी- अवश्य पापा… चलिए.