hotaks444
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अब चोदने की बारी मोहन लाल की थी. पर वो पहले अपनी बहू मयूरी को चोदना चाहता था, उसने मयूरी को कहा- बहू.. मेरी जान.. अब तुम्हारी चुदाई मैं करूँगा.
मयूरी- जी बाबूजी.. मैं बड़ी ही खुशनसीब हूँ, जो आपसे मुझे अपने पापा जैसा प्यार मिल रहा है.
मोहन लाल- मतलब तुम भी अपने बाप से चुदती थीं?
मयूरी- जी पापा… और अपने भाइयों से भी.
मोहन लाल- अच्छी बात है.. अब अपने ससुर से बिल्कुल अपने बाप जैसे प्यार लो. आओ और मेरा लंड अपनी चूत में ले लो.
मयूरी- बिल्कुल पापा.
मोहन लाल- काजल, जा अपने भाइयों से चुदाई करवा ले, जब तक मैं बहू की चूत की कुटाई कर रहा हूँ.
काजल- जी पापा.
मयूरी सोफे पर लेट गई और मोहन लाल ने अपना लंड उसकी चूत पर सैट करके एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. यहाँ से ससुर और बहू की घनघोर चुदाई शुरू हो गई.
मयूरी- बाबूजी.. आह.. चोदो.. और जोर से चोदो बाबूजी..
मोहन लाल- ले मेरी जान.. मेरे सपनों की परी.. आज मेरा लंड सच में ले ले. अपने सपने में मैंने तुमको बहुत चोदा है. आज वास्तव में तुझे चोदने का मौका मिला है. आज तो तेरी चूत की चटनी बना दूंगा.
इधर काजल ने रमेश और सुरेश को अपनी सेवा का फिर से मौका दे दिया. इस बार उसकी चूत में रमेश का लंड था और मुँह में सुरेश का लंड था.
दोनों भाई मिल कर अपनी बहन को चोदने लगे.
करीब 20 मिनट की लगातार चुदाई के बाद झड़ कर फिर से सब लोग आराम करने लगे.. पर आज आराम वाला दिन ही नहीं था. इस शाम को तो जैसे बस चुदाई ही होनी थी. थोड़ी देर में फिर से सब गरम हो गए.
अब मोहन लाल ने काजल को अपने पास बुलाया और कहा- बेटी, अपने बाप का लंड अपने चूत में लेगी न?
काजल- पापा, आज आप पूरी तरह से बेटीचोद बन जाओ.. और मैं इस घर की रंडी बन जाना चाहती हूँ. मैं चाहती हूँ कि जिसको जब भी मन करे, मुझे आके चोद दे. आओ पापा.. कूट दो मेरी इस चूत को अपने इस मूसल जैसे लंड से..
अब काजल को नीचे लिटा कर मोहन लाल अपनी बेटी को चोदने लगा. इधर रमेश और सुरेश मिलकर मयूरी की चोदने वाले थे.. पर रमेश ने अचानक से कहा- मयूरी.. अब मैं तेरी गांड और सुरेश तेरी चूत मारेगा.
मयूरी- आओ मेरे राजा.. मैं तो कई दिनों से ऐसे नहीं चुद पाई हूँ.. अपने मायके में मैं अपने दोनों भाइयों से ऐसे ही चुदती थी. आज तुमने मेरे भाइयों की याद दिला दी.
फिर रमेश ने मयूरी को खड़ा करके उसकी एक टांग सोफे पर रखा और खड़े-खड़े ही उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया. आगे से सुरेश ने भी अपनी भाभी की चूत में
मयूरी- जी बाबूजी.. मैं बड़ी ही खुशनसीब हूँ, जो आपसे मुझे अपने पापा जैसा प्यार मिल रहा है.
मोहन लाल- मतलब तुम भी अपने बाप से चुदती थीं?
मयूरी- जी पापा… और अपने भाइयों से भी.
मोहन लाल- अच्छी बात है.. अब अपने ससुर से बिल्कुल अपने बाप जैसे प्यार लो. आओ और मेरा लंड अपनी चूत में ले लो.
मयूरी- बिल्कुल पापा.
मोहन लाल- काजल, जा अपने भाइयों से चुदाई करवा ले, जब तक मैं बहू की चूत की कुटाई कर रहा हूँ.
काजल- जी पापा.
मयूरी सोफे पर लेट गई और मोहन लाल ने अपना लंड उसकी चूत पर सैट करके एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. यहाँ से ससुर और बहू की घनघोर चुदाई शुरू हो गई.
मयूरी- बाबूजी.. आह.. चोदो.. और जोर से चोदो बाबूजी..
मोहन लाल- ले मेरी जान.. मेरे सपनों की परी.. आज मेरा लंड सच में ले ले. अपने सपने में मैंने तुमको बहुत चोदा है. आज वास्तव में तुझे चोदने का मौका मिला है. आज तो तेरी चूत की चटनी बना दूंगा.
इधर काजल ने रमेश और सुरेश को अपनी सेवा का फिर से मौका दे दिया. इस बार उसकी चूत में रमेश का लंड था और मुँह में सुरेश का लंड था.
दोनों भाई मिल कर अपनी बहन को चोदने लगे.
करीब 20 मिनट की लगातार चुदाई के बाद झड़ कर फिर से सब लोग आराम करने लगे.. पर आज आराम वाला दिन ही नहीं था. इस शाम को तो जैसे बस चुदाई ही होनी थी. थोड़ी देर में फिर से सब गरम हो गए.
अब मोहन लाल ने काजल को अपने पास बुलाया और कहा- बेटी, अपने बाप का लंड अपने चूत में लेगी न?
काजल- पापा, आज आप पूरी तरह से बेटीचोद बन जाओ.. और मैं इस घर की रंडी बन जाना चाहती हूँ. मैं चाहती हूँ कि जिसको जब भी मन करे, मुझे आके चोद दे. आओ पापा.. कूट दो मेरी इस चूत को अपने इस मूसल जैसे लंड से..
अब काजल को नीचे लिटा कर मोहन लाल अपनी बेटी को चोदने लगा. इधर रमेश और सुरेश मिलकर मयूरी की चोदने वाले थे.. पर रमेश ने अचानक से कहा- मयूरी.. अब मैं तेरी गांड और सुरेश तेरी चूत मारेगा.
मयूरी- आओ मेरे राजा.. मैं तो कई दिनों से ऐसे नहीं चुद पाई हूँ.. अपने मायके में मैं अपने दोनों भाइयों से ऐसे ही चुदती थी. आज तुमने मेरे भाइयों की याद दिला दी.
फिर रमेश ने मयूरी को खड़ा करके उसकी एक टांग सोफे पर रखा और खड़े-खड़े ही उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया. आगे से सुरेश ने भी अपनी भाभी की चूत में