hotaks444
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फिर रजत ने मयूरी को उठाया और उसके गुलाबी रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए. रजत को उसके मुँह से अपने ही वीर्य का स्वाद आ रहा था पर वो इस समय हर उस चीज़ का आनंद ले रहा था जिसको वो अब तक गन्दा समझता रहा था.
थोड़ी देर तक दोनों एक दूसरे के होंठ और जबान को चाटते रहे कि अचानक घर के दरवाजे की घंटी बजी.
मयूरी- लगता है मम्मा आ गयी.
रजत- हाँ… शायद!
मयूरी- अब?
रजत- अब तो बाकी का काम बाद में करना पड़ेगा.
मयूरी- ठीक है मेरे राजा… अपनी दीदी की चूत को एक बार प्यार से अलविदा कहो और जाकर दरवाजा खोलो… मुझे कपड़े पहनने में थोड़ा वक्त लगेगा.
रजत- ठीक है मेरी जान!
ऐसा कहते हुए रजत ने मयूरी की चूत पर एक लम्बा सा चुम्बन दिया और अपने कपड़े पहनता हुआ बाहर चला गया. बाहर जाते समय उसने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया था ताकि मयूरी आराम से अपने कपड़े पहन सके.
मयूरी ने जल्दी-जल्दी अपने कपड़े पहने और मुस्कुराती हुई अपने बिस्तर पर लेट गयी. बाहर से उसको शीतल (उसकी माँ) की रजत से बातचीत की आवाज़ आ रही थी तो वो समझ गयी कि माँ आ गयी है.
अब वो अपने आगे के योजना के बारे में सोचने लगी. अब तक उसने अपने दोनों भाइयों को ट्राई कर लिया था और दोनों उसके चंगुल में फंस चुके थे. उसने दोनों को अपने चुत का स्वाद चखा दिया था और दोनों के लंड का स्वाद चख चुकी थी. अब वो ये सोच रही थी कि आगे किस भाई से अपने चुत चुदवायेगी।
फिर उसको ख्याल आया कि क्यूँ ना दोनों से एक साथ सेक्स का मजा लिया जाये?
पर यह कठिन काम था… क्योंकि दो बड़े कारण थे – एक तो यह कि दोनों सगे भाई थे और दोनों को एक दूसरे के साथ मयूरी के सम्बन्धों के बारे में पता नहीं था. दूसरा यह कि दोनों की कुछ महीनों से आपस में बनती नहीं थी.
फिर मयूरी ने निश्चय किया कि यही सही मौका है दोनों भाइयों को मिलाने का… इसी बहाने दोनों में सुलह भी हो जाएगी और उसको दोनों के लंड से एक साथ चुदवाने का मौका भी मिल जायेगा. अब वो अपने आगे की योजना पर काम करने लगी.
थोड़ी देर तक दोनों एक दूसरे के होंठ और जबान को चाटते रहे कि अचानक घर के दरवाजे की घंटी बजी.
मयूरी- लगता है मम्मा आ गयी.
रजत- हाँ… शायद!
मयूरी- अब?
रजत- अब तो बाकी का काम बाद में करना पड़ेगा.
मयूरी- ठीक है मेरे राजा… अपनी दीदी की चूत को एक बार प्यार से अलविदा कहो और जाकर दरवाजा खोलो… मुझे कपड़े पहनने में थोड़ा वक्त लगेगा.
रजत- ठीक है मेरी जान!
ऐसा कहते हुए रजत ने मयूरी की चूत पर एक लम्बा सा चुम्बन दिया और अपने कपड़े पहनता हुआ बाहर चला गया. बाहर जाते समय उसने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया था ताकि मयूरी आराम से अपने कपड़े पहन सके.
मयूरी ने जल्दी-जल्दी अपने कपड़े पहने और मुस्कुराती हुई अपने बिस्तर पर लेट गयी. बाहर से उसको शीतल (उसकी माँ) की रजत से बातचीत की आवाज़ आ रही थी तो वो समझ गयी कि माँ आ गयी है.
अब वो अपने आगे के योजना के बारे में सोचने लगी. अब तक उसने अपने दोनों भाइयों को ट्राई कर लिया था और दोनों उसके चंगुल में फंस चुके थे. उसने दोनों को अपने चुत का स्वाद चखा दिया था और दोनों के लंड का स्वाद चख चुकी थी. अब वो ये सोच रही थी कि आगे किस भाई से अपने चुत चुदवायेगी।
फिर उसको ख्याल आया कि क्यूँ ना दोनों से एक साथ सेक्स का मजा लिया जाये?
पर यह कठिन काम था… क्योंकि दो बड़े कारण थे – एक तो यह कि दोनों सगे भाई थे और दोनों को एक दूसरे के साथ मयूरी के सम्बन्धों के बारे में पता नहीं था. दूसरा यह कि दोनों की कुछ महीनों से आपस में बनती नहीं थी.
फिर मयूरी ने निश्चय किया कि यही सही मौका है दोनों भाइयों को मिलाने का… इसी बहाने दोनों में सुलह भी हो जाएगी और उसको दोनों के लंड से एक साथ चुदवाने का मौका भी मिल जायेगा. अब वो अपने आगे की योजना पर काम करने लगी.