hotaks444
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मयूरी- आह… भैया… मुझे बहुत मजा आ रहा है… पेलो… पेल दो अपना लौड़ा… मेरी चूत में… आह…
मयूरी की ऐसी बातों से विक्रम का हौसला बढ़ गया और उसने एक और जोरदार झटका अपने लंड का उसकी चूत पर लगाया. इस बार उसका पूरा लंड मयूरी की चूत के अंदर चला गया.
मयूरी दर्द और आनन्द के मिले-जुले स्वर में बोली- आह… माँ… बहुत मजा आ रहा है भैया… है… आ… हां… आ…
अब विक्रम ने चुदाई की गति बहुत तेज़ कर दी और कमरे में मयूरी और उसके बेहेनचोद भाई विक्रम की चुदाई की आवाजें गूँजने लगी.
इधर रजत अब मयूरी की चूचियों को छोड़कर उठकर उसकी चूत के पास आकर बड़े गौर से अपने भाई-बेहेन की चुदाई का दृश्य एकदम समीप से देखने लगा.
विक्रम अभी होश में नहीं था… वो अपनी बेहेन की धुआंधार चुदाई में पूरी तरह व्यस्त था. विक्रम लगातार जोर-जोर से धक्के लगाए जा रहा था. घर के हॉल में मयूरी की सिसकारियां और विक्रम की जांघों का मयूरी की जांघों के बार-बार आपस में टकराने की थप-थप की आवाजें आ रही थी.
करीब 15 मिनट की जोरदार बेहेन की चुदाई के बाद अब विक्रम का लंड पानी छोड़ने वाला था… वो जोर से बोला- मयूरी बहना … मैं आने वाला हूँ… क्या करूँ?
मयूरी- प्लीज भैया… अपने लंड का पानी आज मेरी चूत में ही छोड़ना… मैं इस चुदाई का पूरा सुख लेना चाहती हूँ… आ… ह…
विक्रम- फिर ये लो… आ… आह…
और ऐसा कहते हुए हो एक झटके के साथ अपना वीर्य पहली बार अपनी छोटी बेहेन की चूत में छोड़ दिया. मयूरी को अपने अंदर विक्रम का गरमागर्म वीर्य महसूस हुआ… वो इस आनन्द का अनुभव अपनी आँखें बंद करके करने लगी और उसका बड़ा भाई अपनी बेहेन के नंगे बदन पर ही एक कटे हुए वृक्ष की तरह गिर गया.
अब तक विक्रम और मयूरी दोनों ही इस घनघोर चुदाई के कारण थक चुके थे. दोनों की साँसें बहुत ही ज्यादा तेज़ हो चुकी थी और दोनों एक दूसरे की धड़कने को आराम से सुन और महसूस कर सकते थे… मयूरी अभी एकदम तृप्त महसूस कर रही थी.
इन दोनों को थोड़ी देर आराम करने के बाद विक्रम मयूरी के रसीले होंठों को चूसने लगा… रजत ने मयूरी की पास ही पड़ी पैंटी से उसकी चूत को साफ़ किया. मयूरी ने देखा कि उसकी चूत के आस-पास थोड़ा बहुत खून लगा हुआ था और कुछ खून विक्रम के लंड पर भी लगा हुआ था. पर ये सब देख कर भी वो एकदम सामान्य थी, बल्कि वो खुश थी…
मयूरी उठी और बाथरूम की तरफ बढ़ने लगी. चुदाई के बाद से उसको पेशाब भी आ रहा था और वो अपना चूत में लगा खून और विक्रम के लंड से निकला हुआ माल भी साफ़ करना चाहती थी. वो जानती थी कि थोड़ी ही देर में उसका छोटा भाई रजत भी उसकी चूत में चटनी कूटने वाला था, पर इस बात के लिए वो भी बहुत ज्यादा उत्साहित थी. वो अपने छोटे भाई को बड़ा होते हुए देखना चाहती थी. वो चाहती थी लो जब उसका छोटा भाई अपनी बेहेन की चूत की ताबड़तोड़ चुदाई करे तो वो एक-एक पल का पूरा आनन्द ले. इसीलिए वो पहले ही अपनी चूत की सफाई कर लेना चाहती थी.
मयूरी की ऐसी बातों से विक्रम का हौसला बढ़ गया और उसने एक और जोरदार झटका अपने लंड का उसकी चूत पर लगाया. इस बार उसका पूरा लंड मयूरी की चूत के अंदर चला गया.
मयूरी दर्द और आनन्द के मिले-जुले स्वर में बोली- आह… माँ… बहुत मजा आ रहा है भैया… है… आ… हां… आ…
अब विक्रम ने चुदाई की गति बहुत तेज़ कर दी और कमरे में मयूरी और उसके बेहेनचोद भाई विक्रम की चुदाई की आवाजें गूँजने लगी.
इधर रजत अब मयूरी की चूचियों को छोड़कर उठकर उसकी चूत के पास आकर बड़े गौर से अपने भाई-बेहेन की चुदाई का दृश्य एकदम समीप से देखने लगा.
विक्रम अभी होश में नहीं था… वो अपनी बेहेन की धुआंधार चुदाई में पूरी तरह व्यस्त था. विक्रम लगातार जोर-जोर से धक्के लगाए जा रहा था. घर के हॉल में मयूरी की सिसकारियां और विक्रम की जांघों का मयूरी की जांघों के बार-बार आपस में टकराने की थप-थप की आवाजें आ रही थी.
करीब 15 मिनट की जोरदार बेहेन की चुदाई के बाद अब विक्रम का लंड पानी छोड़ने वाला था… वो जोर से बोला- मयूरी बहना … मैं आने वाला हूँ… क्या करूँ?
मयूरी- प्लीज भैया… अपने लंड का पानी आज मेरी चूत में ही छोड़ना… मैं इस चुदाई का पूरा सुख लेना चाहती हूँ… आ… ह…
विक्रम- फिर ये लो… आ… आह…
और ऐसा कहते हुए हो एक झटके के साथ अपना वीर्य पहली बार अपनी छोटी बेहेन की चूत में छोड़ दिया. मयूरी को अपने अंदर विक्रम का गरमागर्म वीर्य महसूस हुआ… वो इस आनन्द का अनुभव अपनी आँखें बंद करके करने लगी और उसका बड़ा भाई अपनी बेहेन के नंगे बदन पर ही एक कटे हुए वृक्ष की तरह गिर गया.
अब तक विक्रम और मयूरी दोनों ही इस घनघोर चुदाई के कारण थक चुके थे. दोनों की साँसें बहुत ही ज्यादा तेज़ हो चुकी थी और दोनों एक दूसरे की धड़कने को आराम से सुन और महसूस कर सकते थे… मयूरी अभी एकदम तृप्त महसूस कर रही थी.
इन दोनों को थोड़ी देर आराम करने के बाद विक्रम मयूरी के रसीले होंठों को चूसने लगा… रजत ने मयूरी की पास ही पड़ी पैंटी से उसकी चूत को साफ़ किया. मयूरी ने देखा कि उसकी चूत के आस-पास थोड़ा बहुत खून लगा हुआ था और कुछ खून विक्रम के लंड पर भी लगा हुआ था. पर ये सब देख कर भी वो एकदम सामान्य थी, बल्कि वो खुश थी…
मयूरी उठी और बाथरूम की तरफ बढ़ने लगी. चुदाई के बाद से उसको पेशाब भी आ रहा था और वो अपना चूत में लगा खून और विक्रम के लंड से निकला हुआ माल भी साफ़ करना चाहती थी. वो जानती थी कि थोड़ी ही देर में उसका छोटा भाई रजत भी उसकी चूत में चटनी कूटने वाला था, पर इस बात के लिए वो भी बहुत ज्यादा उत्साहित थी. वो अपने छोटे भाई को बड़ा होते हुए देखना चाहती थी. वो चाहती थी लो जब उसका छोटा भाई अपनी बेहेन की चूत की ताबड़तोड़ चुदाई करे तो वो एक-एक पल का पूरा आनन्द ले. इसीलिए वो पहले ही अपनी चूत की सफाई कर लेना चाहती थी.