desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
अगर उसने काल बैक कर दी तो? अभी रूबी सोच ही रही थी के प्रीति की काल बैक आ गई।
रूबी ने हिम्मत करे फोन उठा लिया, मऔर काँपती आवाज में- “ह-हेलो..."
प्रीति- अरे भाभी क्या हाल है? अपने मिस काल मरके फोन काट दिया था?
रूबी- नहीं वैसे ही ग-गलती से लग गया था।
प्रीति छेड़ने के अंदाज में- “गलती से या मेरी याद आ रही थी?" और हँस पड़ती है।
रूबी- “नहीं, मैं मायके आई हूँ। वैसे लग गया था..” उसे समझ में नहीं आ रहा की वो बात कहां से शुरू करे।
प्रीति- ओहह... तो आप मायके हो। हमें बताया नहीं की आप जाने वाले हो। प्लान कब बना?
रूबी- प-पहले सोचा था।
प्रीति- भाभी आपकी आवाज कुछ बदली-बदली लग रही है।
रूबी घबरा जाती है- “आ। आ। अरे नहीं..."
प्रीति- नहीं कुछ तो है। आज आपकी आवाज में वो जान नहीं है। क्या हुआ भाई, बताओ मुझे?
रूबी- “अ-अरे कुछ भी तो नहीं..” उसका दिल कर रहा था की वो प्रीति को बता दे। पर डर भी रही थी।
प्रीति को लगता है की भाभी उसे घर बुलाना चाहती हैं और चूत की प्यास मिटाना चाहती हैं, पर शायद वो झिझक रही है। उसकी भाभी थोड़ी सी शर्मीली भी तो है। तो प्रीति खुद ही एक अच्छे दोस्त की तरह उससे बात शुरू कर लेती है।
प्रीति- भाभी क्या घर आऊँ दोबारा से?
रूबी- किसलिए?
प्रीति- वोही सब करने, जो हमने किया था।
रूबी- नहीं, यह बात नहीं है।
प्रीति- तो भाभी क्या बात है। आप कुछ उखड़े-उखड़े से लग रहे हो। मैं आपकी दोस्त हूँ आप मुझे नहीं बताओगे
तो किसे बताओगे?
रूबी कुछ नहीं बोलती और चुप रहती है।
रूबी ने हिम्मत करे फोन उठा लिया, मऔर काँपती आवाज में- “ह-हेलो..."
प्रीति- अरे भाभी क्या हाल है? अपने मिस काल मरके फोन काट दिया था?
रूबी- नहीं वैसे ही ग-गलती से लग गया था।
प्रीति छेड़ने के अंदाज में- “गलती से या मेरी याद आ रही थी?" और हँस पड़ती है।
रूबी- “नहीं, मैं मायके आई हूँ। वैसे लग गया था..” उसे समझ में नहीं आ रहा की वो बात कहां से शुरू करे।
प्रीति- ओहह... तो आप मायके हो। हमें बताया नहीं की आप जाने वाले हो। प्लान कब बना?
रूबी- प-पहले सोचा था।
प्रीति- भाभी आपकी आवाज कुछ बदली-बदली लग रही है।
रूबी घबरा जाती है- “आ। आ। अरे नहीं..."
प्रीति- नहीं कुछ तो है। आज आपकी आवाज में वो जान नहीं है। क्या हुआ भाई, बताओ मुझे?
रूबी- “अ-अरे कुछ भी तो नहीं..” उसका दिल कर रहा था की वो प्रीति को बता दे। पर डर भी रही थी।
प्रीति को लगता है की भाभी उसे घर बुलाना चाहती हैं और चूत की प्यास मिटाना चाहती हैं, पर शायद वो झिझक रही है। उसकी भाभी थोड़ी सी शर्मीली भी तो है। तो प्रीति खुद ही एक अच्छे दोस्त की तरह उससे बात शुरू कर लेती है।
प्रीति- भाभी क्या घर आऊँ दोबारा से?
रूबी- किसलिए?
प्रीति- वोही सब करने, जो हमने किया था।
रूबी- नहीं, यह बात नहीं है।
प्रीति- तो भाभी क्या बात है। आप कुछ उखड़े-उखड़े से लग रहे हो। मैं आपकी दोस्त हूँ आप मुझे नहीं बताओगे
तो किसे बताओगे?
रूबी कुछ नहीं बोलती और चुप रहती है।