hotaks444
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सबा के दबाने से मेरा लंड फिर से हार्ड हो चुका था…”ठीक है…चलना कब है…” मैने भी हाथ बढ़ा कर सबा के मम्मे को कमीज़ के ऊपेर से पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया….”तीन दिन बाद जिस दिन फ़ैज़ अपने दोस्तो के साथ घूमने कराची जाएगा….उसी दिन चलेंगे….”
मैं: ठीक है….
इतने में सामने बाथरूम का डोर खुला तो, सबा ने मेरा लंड छोड़ा और अपने रूम में चली गयी….फ़ैज़ अंदर आकर बैठ गया…..और हम इधर उधर की बातें करने लगे….सबा खुद तो अंदर चली गयी थी…पर इधर मेरा लंड बैठने का नाम नही ले रहा था…मैं उसे किसी तरह अपनी टाँगो के दरमियाँ दबाए बैठा था…मैं थोड़ी देर और वहाँ बैठा….फिर फ़ैज़ से इज़ाज़त लेकर वहाँ से निकल कर घर की तरफ जाने लगा…जैसे ही मैं अपनी गली में पहुँचा तो, मुझे सुमेरा दुकान से बाहर आती हुई नज़र आई….उसने मुझे देख कर स्माइल की…और फिर मेरे साथ-2 चलने लगी… “कहाँ रहते हो समीर…..आज कल नज़र ही नही आते….”
मैं: जी मैने कहाँ जाना है….सुबह से दोपहर तक कॉलेज और फिर घर पर…
सुमेरा ने इधर उधर देखा और फिर सरगोशी से भरी आवाज़ में बोली…” घर आओ घर पर कोई नही है….?”
मैं: रीदा और उसके बच्चे कहाँ गये है….
सुमेरा: वो अपने मायके गये है….साथ ये (फ़ारूक़) भी गये है छोड़ने के लिए… तुम्हारा दिल नही करता अब वो सब करने का…या फिर तुम्हे कोई और देने वाली मिल गयी है….
मैं: नही ऐसी कोई बात नही है…(मैने मुस्कराते हुए कहा…)
सुमेरा: अच्छा ठीक है…तो चलो फिर….
मैं सुमेरा के साथ उसके घर चला गया….घर के अंदर पहुचते ही सुमेरा ने गेट की कुण्डी लगाई…और सुमेरा ने मुझे वही गेट के पास ही अपनी बाहों मे ले लिया….सुमेरा मुझसे एक दम चिपक गये….मेने भी सुमेरा को अपनी बाहों में भर लिया..और उनके होंटो को चूसने लगा…और एक हाथ नीचे लेजा कर उनकी फुद्दि को सलवार के ऊपेर से मसलने लगा…
सुमेरा के मूह से मस्ती भरी सिसकी निकल गयी….उसने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शलवार के ऊपेर से मेरे लंड को पकड़ लिया…और उससे धीरे-2 दबाने लगी…सुमेरा ने अपने होंटो को मेरे होंटो से अलग किया और नीचे पैरो के बल बैठते हुए मेरी शलवार को नीचे सरका दिया….और फिर अंडरवेर को भी नीचे मेरी थाइस तक सरका दया….जैसे ही मेरा लंड बाहर आया…सुमेरा ने उसे मुट्ठी में भर लिया. और टोप्पे की चमड़ी को पीछे की ओर सरका दिया….गुलाबी कॅप देखते ही सुमेरा के होंटो पर तीखी मुस्कान फेल गयी….
सुमेरा ने ऊपेर मेरी ओर देखते हुए अपने हाथ के अंगूठे से मेरे लंड के कॅप पर अपने अंगूठे को गोल गोल घूमाते हुए, लंड की कॅप को कुरेदना शुरू कर दिया… मैं एक दम से सिसक उठा….सुमेरा आज कुछ ज़यादा ही गरम लग रही थी….सुमेरा ने लंड की कॅप पर अपने होंटो को रगड़ा और फिर अपने गालो को मेरे लंड पर रगड़ने लगी….सुमेरा की आँखे बंद हो चुकी थी….मेने सुमेरा के बाल पकड़ कर उनके सर को ऊपेर की ओर उठाया…और अपने लंड को पकड़ कर सुमेरा के होंटो पर लगा दिया….
सुमेरा ने अपनी वासना से भरी आँखो को खोल कर मेरी तरफ देखा और फिर मेरे लंड के मोटे गुलाबी कॅप को मूह मे ले लिए….आज सुमेरा कुछ और जोश के साथ मेरे लंड के कॅप को चूस रही थी….सुमेरा ने लंड का कॅप चूस्ते हुए आधे कॅप को होंटो से बाहर निकल लिए…और फिर कॅप के अगले हिस्से को अपने दाँतों के बीच दबाते हुए मेरी ओर देख कर मुस्कुराने लगी….मैं सुमेरा की हर हरकत से और ज़्यादा गरम होता जा रहा था…सुमेरा ने कॅप को दाँतों के बीच मे दबाए लंड के पेशाब वाले छेद को अपनी जीभ को नोकदार बनाते हुए, रगड़ना शुरू कर दिया….
मेरे पूरी बदन में झुरजुरी सी दौड़ गयी…..सुमेरा लंड के कॅप को दाँतों मे दबाए हुए मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए हंस रही थी….मेने भी सुमेरा के बालो को पकड़ कर आगे की तरफ अपने लंड को दबाया तो मेरा आधे से ज़्यादा लंड सुमेरा के मूह में चला गया.. सुमेरा मेरी इस हरक़त से घबरा गयी…उसने मेरे लंड को मूह से बाहर निकाला और बनावटी गुस्सा दिखाते हुए बोली….”समीर “ मैं सुमेरा की हालत देख कर मुस्कुरा कर रह गया….सुमेरा ने फिर से मेरे लंड को मूह में लेकर सक करना शुरू कर दिया…सुमेरा के मूह से सुर्प-2 की आवाज़ आ रही थी….सुमेरा के थूक से मेरा लंड एक दम गीला हो चुका था…..सुमेरा ने नीचे बैठे-2 मेरी शलवार को पैरो से निकाल कर पकड़ा और खड़ी हो गयी…”चलो अंदर चलते है….” वो मुझे अंदर बरामदे मे लेकर आ गई..और मुझे वहाँ सोफे पर बैठा कर खुद मेरे सामने खड़ी हो गयी…..
सुमेरा मेरे सामने खड़ी थी….सुमेरा ने अपनी सलवार का नाडा खोल कर अपनी सलवार नीचे कर दी….फिर सुमेरा सोफे पर मेरी टाँगो के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हुई, झुक कर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी फुद्दि के नीचे लाते हुए धीरे-2 नीचे बैठने लगी. जैसे ही सुमेरा मेरी थाइस के ऊपेर आई….सुमेरा की फुद्दि का छेद मेरे लंड के कॅप पर दबाने लगी….और अगले ही पल सुमेरा ने नीचे की ओर बूँद को दबाया तो लंड सुमेरा की फुद्दि के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया….
जैसे ही मेरा आधे से ज़्यादा लंड सुमेरा की फुद्दि में गया…सुमेरा ने मेरे कंधो के ऊपेर से अपनी बाहों को डालते हुए अपनी बाहों को कस लिया…और फिर से अपनी बुन्द को मेरे लंड पर तेज़ी से पटका…लंड पच की आवाज़ से सुमेरा की फुद्दि की गहराइयों में समा गया….मेने अपने हाथों को पीछे लेजा कर सुमेरा की बुन्द को दोनो तरफ से पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया….
मैं: ठीक है….
इतने में सामने बाथरूम का डोर खुला तो, सबा ने मेरा लंड छोड़ा और अपने रूम में चली गयी….फ़ैज़ अंदर आकर बैठ गया…..और हम इधर उधर की बातें करने लगे….सबा खुद तो अंदर चली गयी थी…पर इधर मेरा लंड बैठने का नाम नही ले रहा था…मैं उसे किसी तरह अपनी टाँगो के दरमियाँ दबाए बैठा था…मैं थोड़ी देर और वहाँ बैठा….फिर फ़ैज़ से इज़ाज़त लेकर वहाँ से निकल कर घर की तरफ जाने लगा…जैसे ही मैं अपनी गली में पहुँचा तो, मुझे सुमेरा दुकान से बाहर आती हुई नज़र आई….उसने मुझे देख कर स्माइल की…और फिर मेरे साथ-2 चलने लगी… “कहाँ रहते हो समीर…..आज कल नज़र ही नही आते….”
मैं: जी मैने कहाँ जाना है….सुबह से दोपहर तक कॉलेज और फिर घर पर…
सुमेरा ने इधर उधर देखा और फिर सरगोशी से भरी आवाज़ में बोली…” घर आओ घर पर कोई नही है….?”
मैं: रीदा और उसके बच्चे कहाँ गये है….
सुमेरा: वो अपने मायके गये है….साथ ये (फ़ारूक़) भी गये है छोड़ने के लिए… तुम्हारा दिल नही करता अब वो सब करने का…या फिर तुम्हे कोई और देने वाली मिल गयी है….
मैं: नही ऐसी कोई बात नही है…(मैने मुस्कराते हुए कहा…)
सुमेरा: अच्छा ठीक है…तो चलो फिर….
मैं सुमेरा के साथ उसके घर चला गया….घर के अंदर पहुचते ही सुमेरा ने गेट की कुण्डी लगाई…और सुमेरा ने मुझे वही गेट के पास ही अपनी बाहों मे ले लिया….सुमेरा मुझसे एक दम चिपक गये….मेने भी सुमेरा को अपनी बाहों में भर लिया..और उनके होंटो को चूसने लगा…और एक हाथ नीचे लेजा कर उनकी फुद्दि को सलवार के ऊपेर से मसलने लगा…
सुमेरा के मूह से मस्ती भरी सिसकी निकल गयी….उसने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शलवार के ऊपेर से मेरे लंड को पकड़ लिया…और उससे धीरे-2 दबाने लगी…सुमेरा ने अपने होंटो को मेरे होंटो से अलग किया और नीचे पैरो के बल बैठते हुए मेरी शलवार को नीचे सरका दिया….और फिर अंडरवेर को भी नीचे मेरी थाइस तक सरका दया….जैसे ही मेरा लंड बाहर आया…सुमेरा ने उसे मुट्ठी में भर लिया. और टोप्पे की चमड़ी को पीछे की ओर सरका दिया….गुलाबी कॅप देखते ही सुमेरा के होंटो पर तीखी मुस्कान फेल गयी….
सुमेरा ने ऊपेर मेरी ओर देखते हुए अपने हाथ के अंगूठे से मेरे लंड के कॅप पर अपने अंगूठे को गोल गोल घूमाते हुए, लंड की कॅप को कुरेदना शुरू कर दिया… मैं एक दम से सिसक उठा….सुमेरा आज कुछ ज़यादा ही गरम लग रही थी….सुमेरा ने लंड की कॅप पर अपने होंटो को रगड़ा और फिर अपने गालो को मेरे लंड पर रगड़ने लगी….सुमेरा की आँखे बंद हो चुकी थी….मेने सुमेरा के बाल पकड़ कर उनके सर को ऊपेर की ओर उठाया…और अपने लंड को पकड़ कर सुमेरा के होंटो पर लगा दिया….
सुमेरा ने अपनी वासना से भरी आँखो को खोल कर मेरी तरफ देखा और फिर मेरे लंड के मोटे गुलाबी कॅप को मूह मे ले लिए….आज सुमेरा कुछ और जोश के साथ मेरे लंड के कॅप को चूस रही थी….सुमेरा ने लंड का कॅप चूस्ते हुए आधे कॅप को होंटो से बाहर निकल लिए…और फिर कॅप के अगले हिस्से को अपने दाँतों के बीच दबाते हुए मेरी ओर देख कर मुस्कुराने लगी….मैं सुमेरा की हर हरकत से और ज़्यादा गरम होता जा रहा था…सुमेरा ने कॅप को दाँतों के बीच मे दबाए लंड के पेशाब वाले छेद को अपनी जीभ को नोकदार बनाते हुए, रगड़ना शुरू कर दिया….
मेरे पूरी बदन में झुरजुरी सी दौड़ गयी…..सुमेरा लंड के कॅप को दाँतों मे दबाए हुए मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए हंस रही थी….मेने भी सुमेरा के बालो को पकड़ कर आगे की तरफ अपने लंड को दबाया तो मेरा आधे से ज़्यादा लंड सुमेरा के मूह में चला गया.. सुमेरा मेरी इस हरक़त से घबरा गयी…उसने मेरे लंड को मूह से बाहर निकाला और बनावटी गुस्सा दिखाते हुए बोली….”समीर “ मैं सुमेरा की हालत देख कर मुस्कुरा कर रह गया….सुमेरा ने फिर से मेरे लंड को मूह में लेकर सक करना शुरू कर दिया…सुमेरा के मूह से सुर्प-2 की आवाज़ आ रही थी….सुमेरा के थूक से मेरा लंड एक दम गीला हो चुका था…..सुमेरा ने नीचे बैठे-2 मेरी शलवार को पैरो से निकाल कर पकड़ा और खड़ी हो गयी…”चलो अंदर चलते है….” वो मुझे अंदर बरामदे मे लेकर आ गई..और मुझे वहाँ सोफे पर बैठा कर खुद मेरे सामने खड़ी हो गयी…..
सुमेरा मेरे सामने खड़ी थी….सुमेरा ने अपनी सलवार का नाडा खोल कर अपनी सलवार नीचे कर दी….फिर सुमेरा सोफे पर मेरी टाँगो के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हुई, झुक कर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी फुद्दि के नीचे लाते हुए धीरे-2 नीचे बैठने लगी. जैसे ही सुमेरा मेरी थाइस के ऊपेर आई….सुमेरा की फुद्दि का छेद मेरे लंड के कॅप पर दबाने लगी….और अगले ही पल सुमेरा ने नीचे की ओर बूँद को दबाया तो लंड सुमेरा की फुद्दि के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया….
जैसे ही मेरा आधे से ज़्यादा लंड सुमेरा की फुद्दि में गया…सुमेरा ने मेरे कंधो के ऊपेर से अपनी बाहों को डालते हुए अपनी बाहों को कस लिया…और फिर से अपनी बुन्द को मेरे लंड पर तेज़ी से पटका…लंड पच की आवाज़ से सुमेरा की फुद्दि की गहराइयों में समा गया….मेने अपने हाथों को पीछे लेजा कर सुमेरा की बुन्द को दोनो तरफ से पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया….