hotaks444
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.”आहह नाज़िया तुम्हारी फुद्दि सच मे बहुत गरम है….” मैने नाज़िया के बड़े-2 मम्मों को अपनी मुत्ठियों मे भर कर मसलना शुरू कर दिया…नाज़िया के बदन में मस्ती की लहर दौड़ गयी…उसने मेरी पीठ पर अपनी बाहों को कसते हुए, तेज़ी से अपनी बुन्द को ऊपेर नीचे करना शुरू कर दिया….नाज़िया की फुद्दि के पानी से सना हुआ मेरा लंड आसानी से उसकी फुद्दि के अंदर बाहर हो रहा था….”सीईईईई ओह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह समीर….” नाज़िया पागलो की तरह मस्ती में सिसकते हुए मेरे गालो और होंटो पर अपने होंटो को रगड़ रही थी….मैं तो जैसे जन्नत की सैर कर रहा था….
नाज़िया एक दम से मेरे ऊपेर से उतर कर नीचे गद्दे पर पीठ के बल लेट गयी…और मेरा बाज़ू को पकड़ कर मुझे अपने ऊपेर खींचते हुए बोली..”अह्ह्ह्ह समीर ऊपेर आओ ना…...” मैं तो नाज़िया से भी कही ज़यादा बेकरार हुआ जा रहा था…मैं नाज़िया की रानो के बीच घुटनो के बल बैठ गया….जैसे ही मैं नाज़िया की रानो के बीच में घुटनों के बल बैठा…
तो उसने मुझको अपनी बाहों में भर कर अपने ऊपेर खेंच लिया. अब मैं नाज़िया के ऊपेर आ चुका था….नाज़िया ने अपनी टाँगो को फेला कर मेरी रानो पर चढ़ा लिया था….हम दोनो की नज़रे आपस मे जा टकराई…और अगले ही पल हम दोनो के होन्ट आपस मे कुश्ती लड़ रहे थे….हम दोनो के मूह से पुतछ-2 की आवाज़े आ रही थी….दोनो एक दूसरे के होंटो को बदस्तूर चूस रहे थे….नाज़िया के बड़े -2 मम्मे मेरी छाती में धँस रहे थे…नाज़िया ने अब अपने होंटो को मेरे हवाले कर दिया था…और मैं उसके दोनो होंटो को बारी-2 अपने होंटो मे दबा -2 कर चूस रहा था…मेरा तना हुआ लंड नाज़िया की फुद्दि पर दस्तक दे रहा था…..
मैने नाज़िया के लेफ्ट मम्मे को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया. और राइट मम्मे को अपने एक हाथ से मसलना शुरू कर दिया….”आह सीईइ हाईए समीर….चुस्स्स लो मेरे मम्मों को अहह सीईईई आह आह और ज़ोर से चूसो आहह मेरीए ममयी आह ” नाज़िया ने सिसकते हुए , मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाते हुए कहा…. नाज़िया के निपल एक दम कड़क हो चुके थे….और काले अंगूर के दाने जैसे फूल गये थे….मैं कभी नाज़िया के लेफ्ट निपल को अपने मूह में लेकर चूस्ता तो कभी, राइट निपल को……मेरा लंड जो नाज़िया की फुद्दि के लिप्स के बीच रगड़ खा रहा था….अब उसकी नसें फूलने लगी थी….
मैने नाज़िया के मम्मों को छोड़ा और सीधा होकर घुटनो के बल बैठते हुए नाज़िया की टाँगो को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठाते हुए दोनो तरफ फेला दिया…जिससे नाज़िया की फुद्दि के लिप्स फेल गये …..मैने देखा नाज़िया की फुद्दि के लिप्स उसकी फुद्दि से निकल रहे पानी से एक दम गीले होकर चमक रहे थे….उसकी फुद्दि का सूराख बार-2 खुल कर बंद हो रहा था….”हाई समीर ऐसे मत देखो…” नाज़िया ने मुझ को कंधो से पकड़ कर अपने ऊपेर खेंचते हुए कहा…पर इस बार मैं नाज़िया पर नही झुका और नाज़िया की फुद्दि का लबलबाता हुआ सूराख देखता रहा….नाज़िया ये देख कर शरम से मरी जा रही थी…
मैने नाज़िया की फुद्दि के सूराख पर अपने लंड के कॅप को टिकाते हुए उसकी आँखो मे देखा….तो नाज़िया लंड की गरम कॅप को अपनी फुद्दि पर भिड़ा हुआ महसूस करके सिसक उठी…..
नाज़िया: (मेरे लंड की कॅप को अपनी फुद्दि के सूराख पर महसूस करते ही मदहोश हो गयी….) आह सीईईईई समीर फाड़ दी मेरीए उंघह फुद्दिईई अह्ह्ह्ह…
मैने अपने लंड की कॅप पूरे ज़ोर से नाज़िया की फुद्दि के सूराख पर दबाया, तो मेरा लंड नाज़िया की फुद्दि की दीवारों को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा….लंड की कॅप की रगड़ अपनी फुद्दि की दीवारो पर महसूस करके नाज़िया के पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गयी. उसने मेरी पीठ पर अपनी बाहें कस ली.....और अपनी टाँगो को उठा कर मेरी कमर गिर्द लपेट लिया….
नाज़िया: हाई समीर तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है….मार मेरी फुद्दि आहह अह्ह्ह्ह होर ज़ोर नाल आह फाड़ दे अपनी नाज़िया दी फुद्दि आहह सी सीईइ हइई….
मैं भी अब पूरे जोश मे आकर अपने लंड को नाज़िया की फुद्दि के अंदर बाहर करने लगा…नाज़िया भी अपनी टाँगो को पूरा ऊपेर उठा कर अपनी फुद्दि मे मेरा लंड ले रही थी….मेरा लंड अंदर बाहर होते हुए बुरी तरह से नाज़िया की फुद्दि की दीवारो पर रगड़ खाने लगा था…और नाज़िया मस्ती के सागर मे गोते खा रही थी....मैने नाज़िया की फुद्दि में लंड अंदर बाहर करते हुए, लगातार उसके दोनो बड़े-2 मम्मों के निपल्स को अपने हाथों से मसल रहा था…..
नाज़िया: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उंघ हाआँ मरोड़ दी अहह औरर्र जोर्र्र से दबाओ इनको आहह मेरे मम्मों को आह मारो और ज़ोर से मारो फुद्दि मे अपना लंड और अह्ह्ह्ह हाईए और जोर्र से मारो अपना लंड मेरी फुद्दि अह्ह्ह्ह मेरी अह्ह्ह्ह फुद्दि मे अह्ह्ह्ह सीईइ उंघह उंघ …..
चुदाई पूरे उफान पर थी…..चुदाई की आवाज़ें महॉल को और गरम बना रही थी….नाज़िया की फुद्दि के पानी से लंड चिकना हो चुका था…और जब मेरा लंड नाज़िया की फुद्दि की गहराइयों में समाता तो पक-2 की आवाज़ गूँज उठती…और इस आवाज़ को सुन कर नाज़िया एक दम से शरमा जाती… मेरा लंड अब किसी पिस्टन की तरह नाज़िया की फुद्दि के अंदर बाहर हो रहा था…
नाज़िया: उंघह उंघ अह्ह्ह्ह सीईईई उंह उंह चोदो मुझे समीर आह देख मेरीई फुद्दीई को तुमने पानी अह्ह्ह्ह आह पानी-2 कर आह दिया.
नाज़िया अब फारिघ् होने के करीब पहुँच चुकी थी…उसने भी अपनी बुन्द को ऊपेर की ओर उछालना शुरू कर दिया…”आह ये लो आहह अहह ले लो मेरी फुद्दि अह्ह्ह्ह आहह लीईए मेरीई फुद्दि का काअमम हो गायाअ आह सीईईईई उंह….”
ये कहते हुए मेरी सर को पकड़ कर अपने होंटो पर मेरे होंटो को लगा दिया…और पूरी रफतार से अपनी बुन्द को ऊपेर की और उछलते हुए, तेज़ी से फारिघ् होने लगी…. मैं भी पूरा जोश के साथ अपना लंड नाज़िया की फुद्दि मे अंदर बाहर करते हुए फारिघ् होने लगा.. हम दोनो के जिस्म ढीले पड़ गयी….नाज़िया ने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया…
दोनो पसीने से तरबतर थे….और लंबी-2 साँसे ले रहे थे….मेरा का लंड अभी भी नाज़िया की फुद्दि मे था…और वो अभी भी ढीला नही पड़ा था…जिसे नाज़िया अपनी फुद्दि के अंदर सॉफ महसूस कर पा रही थी.….नाज़िया ने अपनी मदहोश आँखो को खोल कर मेरी ओर देखा मैं अपने चेहरे को उसके मम्मों पर टिकाए हुए लेटा हुआ था….
.”आहह नाज़िया तुम्हारी फुद्दि सच मे बहुत गरम है….” मैने नाज़िया के बड़े-2 मम्मों को अपनी मुत्ठियों मे भर कर मसलना शुरू कर दिया…नाज़िया के बदन में मस्ती की लहर दौड़ गयी…उसने मेरी पीठ पर अपनी बाहों को कसते हुए, तेज़ी से अपनी बुन्द को ऊपेर नीचे करना शुरू कर दिया….नाज़िया की फुद्दि के पानी से सना हुआ मेरा लंड आसानी से उसकी फुद्दि के अंदर बाहर हो रहा था….”सीईईईई ओह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह समीर….” नाज़िया पागलो की तरह मस्ती में सिसकते हुए मेरे गालो और होंटो पर अपने होंटो को रगड़ रही थी….मैं तो जैसे जन्नत की सैर कर रहा था….
नाज़िया एक दम से मेरे ऊपेर से उतर कर नीचे गद्दे पर पीठ के बल लेट गयी…और मेरा बाज़ू को पकड़ कर मुझे अपने ऊपेर खींचते हुए बोली..”अह्ह्ह्ह समीर ऊपेर आओ ना…...” मैं तो नाज़िया से भी कही ज़यादा बेकरार हुआ जा रहा था…मैं नाज़िया की रानो के बीच घुटनो के बल बैठ गया….जैसे ही मैं नाज़िया की रानो के बीच में घुटनों के बल बैठा…
तो उसने मुझको अपनी बाहों में भर कर अपने ऊपेर खेंच लिया. अब मैं नाज़िया के ऊपेर आ चुका था….नाज़िया ने अपनी टाँगो को फेला कर मेरी रानो पर चढ़ा लिया था….हम दोनो की नज़रे आपस मे जा टकराई…और अगले ही पल हम दोनो के होन्ट आपस मे कुश्ती लड़ रहे थे….हम दोनो के मूह से पुतछ-2 की आवाज़े आ रही थी….दोनो एक दूसरे के होंटो को बदस्तूर चूस रहे थे….नाज़िया के बड़े -2 मम्मे मेरी छाती में धँस रहे थे…नाज़िया ने अब अपने होंटो को मेरे हवाले कर दिया था…और मैं उसके दोनो होंटो को बारी-2 अपने होंटो मे दबा -2 कर चूस रहा था…मेरा तना हुआ लंड नाज़िया की फुद्दि पर दस्तक दे रहा था…..
मैने नाज़िया के लेफ्ट मम्मे को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया. और राइट मम्मे को अपने एक हाथ से मसलना शुरू कर दिया….”आह सीईइ हाईए समीर….चुस्स्स लो मेरे मम्मों को अहह सीईईई आह आह और ज़ोर से चूसो आहह मेरीए ममयी आह ” नाज़िया ने सिसकते हुए , मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाते हुए कहा…. नाज़िया के निपल एक दम कड़क हो चुके थे….और काले अंगूर के दाने जैसे फूल गये थे….मैं कभी नाज़िया के लेफ्ट निपल को अपने मूह में लेकर चूस्ता तो कभी, राइट निपल को……मेरा लंड जो नाज़िया की फुद्दि के लिप्स के बीच रगड़ खा रहा था….अब उसकी नसें फूलने लगी थी….
मैने नाज़िया के मम्मों को छोड़ा और सीधा होकर घुटनो के बल बैठते हुए नाज़िया की टाँगो को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठाते हुए दोनो तरफ फेला दिया…जिससे नाज़िया की फुद्दि के लिप्स फेल गये …..मैने देखा नाज़िया की फुद्दि के लिप्स उसकी फुद्दि से निकल रहे पानी से एक दम गीले होकर चमक रहे थे….उसकी फुद्दि का सूराख बार-2 खुल कर बंद हो रहा था….”हाई समीर ऐसे मत देखो…” नाज़िया ने मुझ को कंधो से पकड़ कर अपने ऊपेर खेंचते हुए कहा…पर इस बार मैं नाज़िया पर नही झुका और नाज़िया की फुद्दि का लबलबाता हुआ सूराख देखता रहा….नाज़िया ये देख कर शरम से मरी जा रही थी…
मैने नाज़िया की फुद्दि के सूराख पर अपने लंड के कॅप को टिकाते हुए उसकी आँखो मे देखा….तो नाज़िया लंड की गरम कॅप को अपनी फुद्दि पर भिड़ा हुआ महसूस करके सिसक उठी…..
नाज़िया: (मेरे लंड की कॅप को अपनी फुद्दि के सूराख पर महसूस करते ही मदहोश हो गयी….) आह सीईईईई समीर फाड़ दी मेरीए उंघह फुद्दिईई अह्ह्ह्ह…
मैने अपने लंड की कॅप पूरे ज़ोर से नाज़िया की फुद्दि के सूराख पर दबाया, तो मेरा लंड नाज़िया की फुद्दि की दीवारों को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा….लंड की कॅप की रगड़ अपनी फुद्दि की दीवारो पर महसूस करके नाज़िया के पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गयी. उसने मेरी पीठ पर अपनी बाहें कस ली.....और अपनी टाँगो को उठा कर मेरी कमर गिर्द लपेट लिया….
नाज़िया: हाई समीर तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है….मार मेरी फुद्दि आहह अह्ह्ह्ह होर ज़ोर नाल आह फाड़ दे अपनी नाज़िया दी फुद्दि आहह सी सीईइ हइई….
मैं भी अब पूरे जोश मे आकर अपने लंड को नाज़िया की फुद्दि के अंदर बाहर करने लगा…नाज़िया भी अपनी टाँगो को पूरा ऊपेर उठा कर अपनी फुद्दि मे मेरा लंड ले रही थी….मेरा लंड अंदर बाहर होते हुए बुरी तरह से नाज़िया की फुद्दि की दीवारो पर रगड़ खाने लगा था…और नाज़िया मस्ती के सागर मे गोते खा रही थी....मैने नाज़िया की फुद्दि में लंड अंदर बाहर करते हुए, लगातार उसके दोनो बड़े-2 मम्मों के निपल्स को अपने हाथों से मसल रहा था…..
नाज़िया: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उंघ हाआँ मरोड़ दी अहह औरर्र जोर्र्र से दबाओ इनको आहह मेरे मम्मों को आह मारो और ज़ोर से मारो फुद्दि मे अपना लंड और अह्ह्ह्ह हाईए और जोर्र से मारो अपना लंड मेरी फुद्दि अह्ह्ह्ह मेरी अह्ह्ह्ह फुद्दि मे अह्ह्ह्ह सीईइ उंघह उंघ …..
चुदाई पूरे उफान पर थी…..चुदाई की आवाज़ें महॉल को और गरम बना रही थी….नाज़िया की फुद्दि के पानी से लंड चिकना हो चुका था…और जब मेरा लंड नाज़िया की फुद्दि की गहराइयों में समाता तो पक-2 की आवाज़ गूँज उठती…और इस आवाज़ को सुन कर नाज़िया एक दम से शरमा जाती… मेरा लंड अब किसी पिस्टन की तरह नाज़िया की फुद्दि के अंदर बाहर हो रहा था…
नाज़िया: उंघह उंघ अह्ह्ह्ह सीईईई उंह उंह चोदो मुझे समीर आह देख मेरीई फुद्दीई को तुमने पानी अह्ह्ह्ह आह पानी-2 कर आह दिया.
नाज़िया अब फारिघ् होने के करीब पहुँच चुकी थी…उसने भी अपनी बुन्द को ऊपेर की ओर उछालना शुरू कर दिया…”आह ये लो आहह अहह ले लो मेरी फुद्दि अह्ह्ह्ह आहह लीईए मेरीई फुद्दि का काअमम हो गायाअ आह सीईईईई उंह….”
ये कहते हुए मेरी सर को पकड़ कर अपने होंटो पर मेरे होंटो को लगा दिया…और पूरी रफतार से अपनी बुन्द को ऊपेर की और उछलते हुए, तेज़ी से फारिघ् होने लगी…. मैं भी पूरा जोश के साथ अपना लंड नाज़िया की फुद्दि मे अंदर बाहर करते हुए फारिघ् होने लगा.. हम दोनो के जिस्म ढीले पड़ गयी….नाज़िया ने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया…
दोनो पसीने से तरबतर थे….और लंबी-2 साँसे ले रहे थे….मेरा का लंड अभी भी नाज़िया की फुद्दि मे था…और वो अभी भी ढीला नही पड़ा था…जिसे नाज़िया अपनी फुद्दि के अंदर सॉफ महसूस कर पा रही थी.….नाज़िया ने अपनी मदहोश आँखो को खोल कर मेरी ओर देखा मैं अपने चेहरे को उसके मम्मों पर टिकाए हुए लेटा हुआ था….