desiaks
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सतीश- "अरे इसे प्यार करो.. चूमो-चाटो.. तब बात बन जाये...!
सतीशने भी शिला का दायां स्तन दबा दिया.. जिसके लिए वो तैयार न थी,
उसके इस वहले से उसके मुँह से एक दर्द भरी आह निकल गई और शिलाने भी जवाब में उसके लंड को कस कर दबा दिया.. जिससे उसके भी मुख से एक आह निकल गई,
फिर शिलाने अपने होंठों से उसके गाल पर किस किया और उसके लंड के टोपे पर अपने होंठों को टिका कर उसे चूसने लगी,
उसकी इतनी मादक चुसाई से सतीशके शरीर में कम्पन होने लगा.. उससे अब गाड़ी चलाना मुश्किल हो रहा था.. तो सतीशने वहीं एक तरफ गाड़ी खड़ी कर दी और एसी ऑन रखा.. हेड-लाइट बंद कर दी.. ताकि कोई समझ न सके कि क्या हो रहा है और रात के समय वैसे भी भीड़ कम ही रहती है और जो होती भी है वो सिर्फ गाड़ी वालों की होती है.. तो कोई डरने वाली बात भी न थी,
फिर सतीशने सीट थोड़ा पीछे को मोड़ दिया ताकि शिला और वह आराम से मज़े ले सकें,
फिर शिला ने अपनी जुबान और होंठों से उसके टोपे को थूक से नहलाते हुए दूसरे हाथ से हिलाने लगी,
उसे इतना आनन्द आ रहा था कि वह बता नहीं सकता.. ऐसा लग रहा था, जैसे वह किसी जन्नत में सैर कर रहा हो,
फिर शिलाने धीरे-धीरे उसके टोपे पर अपनी जुबान चलाई.. जैसे कोई बिल्ली दूध पी रही हो..
उसकी यह हरकत इतनी कामुक थी कि सतीशने भी उसके स्तनों को हाथ में थाम कर दबाने लगा,
शिला की भी चूत गीली हो गई थी,
शिला- प्लीज़ सतीश मुझे यहीं चोद दो.. अब और नहीं रहा जाता मुझसे.. प्लीज़ बुझा दो मेरी आग..
करीब 8.30 हो चुके थे और हम हमारे घर से करीब १०० KM दूर थे. अभी भी भारी बरसात हो रही थी और बहार बहुत अँधेरा हो गया था और हमारी कार चली जा रही थी. शिला ने सतीश से कह अब, जबकि मौसम ऐसा है तो क्यों न कार में ही चुदाई की जाए.
सतीश मान गया फिर कार में चोदने को क्यों कि वह भी फिर कार में चोदने का अनुभव लेना चाहता था. उसे हमेशा अलग अलग पोजीसन में, अलग अलग जगह में चोदने में बहुत मज़ा आता था.
शिला- "क्या हम फिर हाइवे पर कार में चुदाई करने वाले है..?
तो सतीश मुस्करा दिया,
सतीश- ”अगर मैं तुम को फिर हाइवे पर कार में चोदूंगा तो इस मौसम और अँधेरे में कोई मेरी कार की पीछे से गांड मार देगा.”
शिला उसकी बात सुन कर हंस पड़ी.
कोई 2 / 3 किमी आगे आने के बाद उस ने कार हाइवे से नीचे उतार कर पेड़ों के झुण्ड की तरफ बढाई. आखिर सतिश ने कार वहां खड़ी की जहाँ चारों तरफ घने पेड़ थे. शिला ने देखा की उनकी कार दो बड़े पेड़ों के बीच खड़ी थी.
वह हाइवे से ज्यादा दूर भी नहीं थे. बाहर चारों तरफ पानी भरा था. बड़े बड़े पेड़ों के बीच उनकी ग्रे रंग की कार को इस मौसम में और अँधेरे में हाइवे से देख पाना संभव नहीं था.
ये एक बहुत महफूज़ जगह थी कार में चुदाई करने के लिए. भारी बरसात लगातार हो रही थी और वह बड़ी बड़ी पानी की बूंदों को उनकी कार की छत पर गिरते हुए सुन सकते थे.
सतीश- ”डार्लिंग! क्या तुम इस सेक्सी मौसम में बीअर पीना चाहोगी? ”
शिला- ”जरूर, क्या कार में है बीअर.. ?.
सतीशने पिछली सीट से एक थैली उठाई जिसमे कुछ FOSTER BEER CANS थे. उस ने एक कैन खोल कर शिला को दिया और एक अपने लिए खोल लिया.
“चीअर्स” दोनो ने एक साथ बोला और धीरे धीरे बीअर पीने लगे.
शिला- "कार में कैसे करेंगे ? पिछली सीट पर...?
सतीश– "पिछली सीट पर कर सकतें है पर इस कार में जगह बहुत कम है. मैं सोच रहा हूँ की क्यों न आगे की सीट पर किया जाए जिस पर तुम बैठी हो. हम सीट को पीछे करके जगह बना सकतें है..!
शिला- "इस सीट पर? कैसे होगा इतनी कम जगह में...?
सतीश– "वैसे ही जैसे कुछ देर पहले किया था. हम यहाँ शुरू करतें है. अगर जरूरत हुई तो पिछली सीट पर चले जायेंगे. मैं कुछ बता नहीं सकता क्यों की मैंने कार में आज से पहले नहीं किया है, आज दूसरी बार है...
शिला- "मेरा भी तो दूसरी बार है. ठीक है. हम फिर ट्राई करतें हैं...!
वह बीअर पी रहे थे और बाहर का बरसाती मौसम उनके तन बदन में आग लगा रहा था. एक तो वह दोनों वैसे ही स्वभाव से सेक्सी है और ऊपर से ये मौसम. वह दोनों ही जानते है की समय और जगह का कैसे सही इस्तेमाल किया जाता है. वह लोग सेक्सी बातें कर रहे थे और कार में, हाइवे के पास और बरसात के मौसम में एक मजेदार चुदाई के लिए तैयार हो रहे थे.
वहां, पेड़ों के बीच कार में बैठे बैठे हम को हाइवे पर आती जाती गाड़ियों की रौशनी दिखाई दे रही थी पर हमें पता था की कोई भी हम को देख नहीं पायेगा. हमने बीअर का एक एक कैन ख़तम किया और फैसला किया की चुदाई होने के बाद, वापस जाते समय बीअर पीने का दूसरा दौर चलाएंगे. जगह बनाने के लिए उस ने मुझे मेरी सीट पीछे करने को कहा. मैंने सीट पेचे की तो वो करीब करीब पीछे की सीट को छू गई. अब मेरी सीट के सामने काफी जगह हो गई थी.
सतीशने भी शिला का दायां स्तन दबा दिया.. जिसके लिए वो तैयार न थी,
उसके इस वहले से उसके मुँह से एक दर्द भरी आह निकल गई और शिलाने भी जवाब में उसके लंड को कस कर दबा दिया.. जिससे उसके भी मुख से एक आह निकल गई,
फिर शिलाने अपने होंठों से उसके गाल पर किस किया और उसके लंड के टोपे पर अपने होंठों को टिका कर उसे चूसने लगी,
उसकी इतनी मादक चुसाई से सतीशके शरीर में कम्पन होने लगा.. उससे अब गाड़ी चलाना मुश्किल हो रहा था.. तो सतीशने वहीं एक तरफ गाड़ी खड़ी कर दी और एसी ऑन रखा.. हेड-लाइट बंद कर दी.. ताकि कोई समझ न सके कि क्या हो रहा है और रात के समय वैसे भी भीड़ कम ही रहती है और जो होती भी है वो सिर्फ गाड़ी वालों की होती है.. तो कोई डरने वाली बात भी न थी,
फिर सतीशने सीट थोड़ा पीछे को मोड़ दिया ताकि शिला और वह आराम से मज़े ले सकें,
फिर शिला ने अपनी जुबान और होंठों से उसके टोपे को थूक से नहलाते हुए दूसरे हाथ से हिलाने लगी,
उसे इतना आनन्द आ रहा था कि वह बता नहीं सकता.. ऐसा लग रहा था, जैसे वह किसी जन्नत में सैर कर रहा हो,
फिर शिलाने धीरे-धीरे उसके टोपे पर अपनी जुबान चलाई.. जैसे कोई बिल्ली दूध पी रही हो..
उसकी यह हरकत इतनी कामुक थी कि सतीशने भी उसके स्तनों को हाथ में थाम कर दबाने लगा,
शिला की भी चूत गीली हो गई थी,
शिला- प्लीज़ सतीश मुझे यहीं चोद दो.. अब और नहीं रहा जाता मुझसे.. प्लीज़ बुझा दो मेरी आग..
करीब 8.30 हो चुके थे और हम हमारे घर से करीब १०० KM दूर थे. अभी भी भारी बरसात हो रही थी और बहार बहुत अँधेरा हो गया था और हमारी कार चली जा रही थी. शिला ने सतीश से कह अब, जबकि मौसम ऐसा है तो क्यों न कार में ही चुदाई की जाए.
सतीश मान गया फिर कार में चोदने को क्यों कि वह भी फिर कार में चोदने का अनुभव लेना चाहता था. उसे हमेशा अलग अलग पोजीसन में, अलग अलग जगह में चोदने में बहुत मज़ा आता था.
शिला- "क्या हम फिर हाइवे पर कार में चुदाई करने वाले है..?
तो सतीश मुस्करा दिया,
सतीश- ”अगर मैं तुम को फिर हाइवे पर कार में चोदूंगा तो इस मौसम और अँधेरे में कोई मेरी कार की पीछे से गांड मार देगा.”
शिला उसकी बात सुन कर हंस पड़ी.
कोई 2 / 3 किमी आगे आने के बाद उस ने कार हाइवे से नीचे उतार कर पेड़ों के झुण्ड की तरफ बढाई. आखिर सतिश ने कार वहां खड़ी की जहाँ चारों तरफ घने पेड़ थे. शिला ने देखा की उनकी कार दो बड़े पेड़ों के बीच खड़ी थी.
वह हाइवे से ज्यादा दूर भी नहीं थे. बाहर चारों तरफ पानी भरा था. बड़े बड़े पेड़ों के बीच उनकी ग्रे रंग की कार को इस मौसम में और अँधेरे में हाइवे से देख पाना संभव नहीं था.
ये एक बहुत महफूज़ जगह थी कार में चुदाई करने के लिए. भारी बरसात लगातार हो रही थी और वह बड़ी बड़ी पानी की बूंदों को उनकी कार की छत पर गिरते हुए सुन सकते थे.
सतीश- ”डार्लिंग! क्या तुम इस सेक्सी मौसम में बीअर पीना चाहोगी? ”
शिला- ”जरूर, क्या कार में है बीअर.. ?.
सतीशने पिछली सीट से एक थैली उठाई जिसमे कुछ FOSTER BEER CANS थे. उस ने एक कैन खोल कर शिला को दिया और एक अपने लिए खोल लिया.
“चीअर्स” दोनो ने एक साथ बोला और धीरे धीरे बीअर पीने लगे.
शिला- "कार में कैसे करेंगे ? पिछली सीट पर...?
सतीश– "पिछली सीट पर कर सकतें है पर इस कार में जगह बहुत कम है. मैं सोच रहा हूँ की क्यों न आगे की सीट पर किया जाए जिस पर तुम बैठी हो. हम सीट को पीछे करके जगह बना सकतें है..!
शिला- "इस सीट पर? कैसे होगा इतनी कम जगह में...?
सतीश– "वैसे ही जैसे कुछ देर पहले किया था. हम यहाँ शुरू करतें है. अगर जरूरत हुई तो पिछली सीट पर चले जायेंगे. मैं कुछ बता नहीं सकता क्यों की मैंने कार में आज से पहले नहीं किया है, आज दूसरी बार है...
शिला- "मेरा भी तो दूसरी बार है. ठीक है. हम फिर ट्राई करतें हैं...!
वह बीअर पी रहे थे और बाहर का बरसाती मौसम उनके तन बदन में आग लगा रहा था. एक तो वह दोनों वैसे ही स्वभाव से सेक्सी है और ऊपर से ये मौसम. वह दोनों ही जानते है की समय और जगह का कैसे सही इस्तेमाल किया जाता है. वह लोग सेक्सी बातें कर रहे थे और कार में, हाइवे के पास और बरसात के मौसम में एक मजेदार चुदाई के लिए तैयार हो रहे थे.
वहां, पेड़ों के बीच कार में बैठे बैठे हम को हाइवे पर आती जाती गाड़ियों की रौशनी दिखाई दे रही थी पर हमें पता था की कोई भी हम को देख नहीं पायेगा. हमने बीअर का एक एक कैन ख़तम किया और फैसला किया की चुदाई होने के बाद, वापस जाते समय बीअर पीने का दूसरा दौर चलाएंगे. जगह बनाने के लिए उस ने मुझे मेरी सीट पीछे करने को कहा. मैंने सीट पेचे की तो वो करीब करीब पीछे की सीट को छू गई. अब मेरी सीट के सामने काफी जगह हो गई थी.