hotaks444
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[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]शशांक के सवाल से शिवानी ज़रा भी विचलित नहीं हुई थी ...बिल्कुल वैसे भाव थे उसके चेहरे पर जैसे उसे इस सवाल का इंतेज़ार था ....और जवाब भी उसके पास तैय्यार था ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]उस ने कहा " हां भैया शादी ज़रूर करूँगी ... इस शादी से हमारा प्यार और भी मजबूत हो जाएगा ..हमारी दूरी भी मिट जाएगी... हां बिल्कुल मिट जाएगी.." शिवानी शशांक को एक टक देखे जा रही थी ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]शशांक उसकी शादी करने की बात से बहोत खुश हो जाता है......पर दूरी मिटने वाली बात से थोड़ा चौंक जाता है ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]शिवानी भाँप लेती है शशांक का चौंकना ...और फिर बोलती है ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"भैया इसमें चौंकने वाली क्या बात है , क्या तुम चाहते हो मैं हमेशा कुँवारी ही रहूं ..? "[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]""अरे नहीं शिवानी..तू जानती है अच्छी तरेह मैं ऐसा कभी नहीं चाहता ...मैं जानता हूँ तुम भी मोम की तरेह अपने पति और मेरे बीच अच्छी तरेह ताल मेल बना सकती हो ....प्यार बाँट सकती हो....पर यह तुम्हारी दूरी कम होनेवाली बात से ज़रा चौंक गया था .."[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" हां भैया दूरी तो कम होगी ही ना ...क्योंकि मैने सोच लिया है शादी मैं तुम से ही करूँगी ...सिर्फ़ तुम से ...." शिवानी का चेहरा बिल्कुल शांत था ...उसकी आवाज़ में एक दृढ़ता थी ...एक निश्चय था ..जो काफ़ी सोच विचार के बाद ही आता है....[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]शशांक पर मानों बिजली गिर गयी थी ... पहाड़ टूट पड़ा था ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" किययाया..?? क्या कहा तुम ने ..ज़रा फिर से बोल तो..? मैने ठीक सुना ना ..?? " उसकी आवाज़ में अधीरता , घबडाहट और आश्चर्य के भाव कूट कूट कर भरे थे ...आवाज़ कांप रही थी ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]: " हां भैया तुम ने बिल्कुल ठीक सूना ..मैं शादी तुम से ही करूँगी ..वरना मैं जिंदगी भर कुँवार रहूंगी .... " शिवानी का चेहरा बिल्कुल वैसा ही था कोई बदलाव नहीं ..भाव शून्य ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" मुझ से शादी करेगी तू..अरे कुछ समझ भी आता है तुझे क्या बक रही है... "[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]इस बार शिवानी चूप है ..कुछ नहीं बोलती बस शशांक की ओर देखती रहती है ..उसकी आँखों में अपने लिए असीम प्यार , तड़प और चाहत की झलक दीखाई देती है शशांक को ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]शशांक समझ जाता है इसे इतनी आसानी से समझाना मुश्किल है ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]वो उसके करीब जाता है उसका चेहरा अपने हाथ में बड़े प्यार से थाम लेता है ...उसके बाल सहलाता है ...और बोलता है[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" देख शिवानी मैं समझता हूँ तेरे दिल का हाल..पर बहेना यह कैसे संभव है ....अगर यह हो सकता था तो क्या मैं नहीं चाहता तुझ से शादी करना ..? शादी की बात छुपाई नहीं जा सकती ना शिवानी ..सारी दुनिया को मालूम हो जाएगा ...आपस में सेक्स की बात छुप सकती है ..पर शादी की बात? ..तुम ही बताओ ना ?" शशांक बड़ी नर्मी और प्यार से समझाता है शिवानी को...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" ह्म्म्म्म..तो इसका मतलब हुआ भैया, कि अगर शादी की बात भी अगर किसी तरह छुपाई जा सके तो तुम मुझ से शादी करोगे ..?? " शिवानी के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट आती है ..उसे एक बड़ी धीमी और पतली सी रोशनी की किरण झलकती है..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]पर शशांक एक बड़ी द्विविधा में फँस जाता है...वो कुछ नहीं बोल पाता , चूप रहता हुआ शिवानी की इन बातों का उसके पास कोई जवाब नहीं..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" बोलो ना भैया ..प्लीज़ बोलो ना ..तुम चूप क्यूँ हो गये ......? " शिवानी उसकी ओर बड़ी हसरत लगाए देखती है ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" तू समझती क्यूँ नहीं बहेना ..? आख़िर हम सगे भाई बहेन हैं ना ..." शशांक बोलता है..पर उसकी आवाज़ खोखली है ..उसमें कोई भी दृढ़ता नहीं ..कोई वज़न नहीं ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" भैया जब तुम सग़ी बहेन को चोद सकते हो..उसकी चूचियों से खेल सकते हो..उसकी चूत में अपना लंड डाल सकते हो..फिर शादी क्यूँ नहीं कर सकते..? क्या तुम्हारा प्यार सिर्फ़ वासना है ...मेरे शरीर से खेलने का सिर्फ़ एक बहाना है..??"[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" शिवानी तू क्या बक रही है यार..तेरा दिमाग़ तो सही है ना..." शशांक झल्लाता हुआ बोलता है .[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" भैया ..मेरा दिमाग़ आज ही तो सही है ..वरना आज तक तो मैं पागल की तरेह तुम्हें कुछ और ही समझ बैठी थी .." उसकी आँखों में अब वो प्यार और तड़प नहीं वरन एक बहोत ही निराशा की झलक दीखती है शशांक को...जैसे अपनी जिंदगी से हताश हो गयी हो...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]शशांक के सवाल से शिवानी ज़रा भी विचलित नहीं हुई थी ...बिल्कुल वैसे भाव थे उसके चेहरे पर जैसे उसे इस सवाल का इंतेज़ार था ....और जवाब भी उसके पास तैय्यार था ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]उस ने कहा " हां भैया शादी ज़रूर करूँगी ... इस शादी से हमारा प्यार और भी मजबूत हो जाएगा ..हमारी दूरी भी मिट जाएगी... हां बिल्कुल मिट जाएगी.." शिवानी शशांक को एक टक देखे जा रही थी ..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]शशांक उसकी शादी करने की बात से बहोत खुश हो जाता है......पर दूरी मिटने वाली बात से थोड़ा चौंक जाता है ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]शिवानी भाँप लेती है शशांक का चौंकना ...और फिर बोलती है ..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"भैया इसमें चौंकने वाली क्या बात है , क्या तुम चाहते हो मैं हमेशा कुँवारी ही रहूं ..? "[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]""अरे नहीं शिवानी..तू जानती है अच्छी तरेह मैं ऐसा कभी नहीं चाहता ...मैं जानता हूँ तुम भी मोम की तरेह अपने पति और मेरे बीच अच्छी तरेह ताल मेल बना सकती हो ....प्यार बाँट सकती हो....पर यह तुम्हारी दूरी कम होनेवाली बात से ज़रा चौंक गया था .."[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" हां भैया दूरी तो कम होगी ही ना ...क्योंकि मैने सोच लिया है शादी मैं तुम से ही करूँगी ...सिर्फ़ तुम से ...." शिवानी का चेहरा बिल्कुल शांत था ...उसकी आवाज़ में एक दृढ़ता थी ...एक निश्चय था ..जो काफ़ी सोच विचार के बाद ही आता है....[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]शशांक पर मानों बिजली गिर गयी थी ... पहाड़ टूट पड़ा था ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" किययाया..?? क्या कहा तुम ने ..ज़रा फिर से बोल तो..? मैने ठीक सुना ना ..?? " उसकी आवाज़ में अधीरता , घबडाहट और आश्चर्य के भाव कूट कूट कर भरे थे ...आवाज़ कांप रही थी ..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]: " हां भैया तुम ने बिल्कुल ठीक सूना ..मैं शादी तुम से ही करूँगी ..वरना मैं जिंदगी भर कुँवार रहूंगी .... " शिवानी का चेहरा बिल्कुल वैसा ही था कोई बदलाव नहीं ..भाव शून्य ..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" मुझ से शादी करेगी तू..अरे कुछ समझ भी आता है तुझे क्या बक रही है... "[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]इस बार शिवानी चूप है ..कुछ नहीं बोलती बस शशांक की ओर देखती रहती है ..उसकी आँखों में अपने लिए असीम प्यार , तड़प और चाहत की झलक दीखाई देती है शशांक को ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]शशांक समझ जाता है इसे इतनी आसानी से समझाना मुश्किल है ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]वो उसके करीब जाता है उसका चेहरा अपने हाथ में बड़े प्यार से थाम लेता है ...उसके बाल सहलाता है ...और बोलता है[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" देख शिवानी मैं समझता हूँ तेरे दिल का हाल..पर बहेना यह कैसे संभव है ....अगर यह हो सकता था तो क्या मैं नहीं चाहता तुझ से शादी करना ..? शादी की बात छुपाई नहीं जा सकती ना शिवानी ..सारी दुनिया को मालूम हो जाएगा ...आपस में सेक्स की बात छुप सकती है ..पर शादी की बात? ..तुम ही बताओ ना ?" शशांक बड़ी नर्मी और प्यार से समझाता है शिवानी को...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" ह्म्म्म्म..तो इसका मतलब हुआ भैया, कि अगर शादी की बात भी अगर किसी तरह छुपाई जा सके तो तुम मुझ से शादी करोगे ..?? " शिवानी के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट आती है ..उसे एक बड़ी धीमी और पतली सी रोशनी की किरण झलकती है..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]पर शशांक एक बड़ी द्विविधा में फँस जाता है...वो कुछ नहीं बोल पाता , चूप रहता हुआ शिवानी की इन बातों का उसके पास कोई जवाब नहीं..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" बोलो ना भैया ..प्लीज़ बोलो ना ..तुम चूप क्यूँ हो गये ......? " शिवानी उसकी ओर बड़ी हसरत लगाए देखती है ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" तू समझती क्यूँ नहीं बहेना ..? आख़िर हम सगे भाई बहेन हैं ना ..." शशांक बोलता है..पर उसकी आवाज़ खोखली है ..उसमें कोई भी दृढ़ता नहीं ..कोई वज़न नहीं ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" भैया जब तुम सग़ी बहेन को चोद सकते हो..उसकी चूचियों से खेल सकते हो..उसकी चूत में अपना लंड डाल सकते हो..फिर शादी क्यूँ नहीं कर सकते..? क्या तुम्हारा प्यार सिर्फ़ वासना है ...मेरे शरीर से खेलने का सिर्फ़ एक बहाना है..??"[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" शिवानी तू क्या बक रही है यार..तेरा दिमाग़ तो सही है ना..." शशांक झल्लाता हुआ बोलता है .[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" भैया ..मेरा दिमाग़ आज ही तो सही है ..वरना आज तक तो मैं पागल की तरेह तुम्हें कुछ और ही समझ बैठी थी .." उसकी आँखों में अब वो प्यार और तड़प नहीं वरन एक बहोत ही निराशा की झलक दीखती है शशांक को...जैसे अपनी जिंदगी से हताश हो गयी हो...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]उस ने कहा " हां भैया शादी ज़रूर करूँगी ... इस शादी से हमारा प्यार और भी मजबूत हो जाएगा ..हमारी दूरी भी मिट जाएगी... हां बिल्कुल मिट जाएगी.." शिवानी शशांक को एक टक देखे जा रही थी ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]शशांक उसकी शादी करने की बात से बहोत खुश हो जाता है......पर दूरी मिटने वाली बात से थोड़ा चौंक जाता है ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]शिवानी भाँप लेती है शशांक का चौंकना ...और फिर बोलती है ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"भैया इसमें चौंकने वाली क्या बात है , क्या तुम चाहते हो मैं हमेशा कुँवारी ही रहूं ..? "[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]""अरे नहीं शिवानी..तू जानती है अच्छी तरेह मैं ऐसा कभी नहीं चाहता ...मैं जानता हूँ तुम भी मोम की तरेह अपने पति और मेरे बीच अच्छी तरेह ताल मेल बना सकती हो ....प्यार बाँट सकती हो....पर यह तुम्हारी दूरी कम होनेवाली बात से ज़रा चौंक गया था .."[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" हां भैया दूरी तो कम होगी ही ना ...क्योंकि मैने सोच लिया है शादी मैं तुम से ही करूँगी ...सिर्फ़ तुम से ...." शिवानी का चेहरा बिल्कुल शांत था ...उसकी आवाज़ में एक दृढ़ता थी ...एक निश्चय था ..जो काफ़ी सोच विचार के बाद ही आता है....[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]शशांक पर मानों बिजली गिर गयी थी ... पहाड़ टूट पड़ा था ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" किययाया..?? क्या कहा तुम ने ..ज़रा फिर से बोल तो..? मैने ठीक सुना ना ..?? " उसकी आवाज़ में अधीरता , घबडाहट और आश्चर्य के भाव कूट कूट कर भरे थे ...आवाज़ कांप रही थी ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]: " हां भैया तुम ने बिल्कुल ठीक सूना ..मैं शादी तुम से ही करूँगी ..वरना मैं जिंदगी भर कुँवार रहूंगी .... " शिवानी का चेहरा बिल्कुल वैसा ही था कोई बदलाव नहीं ..भाव शून्य ..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" मुझ से शादी करेगी तू..अरे कुछ समझ भी आता है तुझे क्या बक रही है... "[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]इस बार शिवानी चूप है ..कुछ नहीं बोलती बस शशांक की ओर देखती रहती है ..उसकी आँखों में अपने लिए असीम प्यार , तड़प और चाहत की झलक दीखाई देती है शशांक को ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]शशांक समझ जाता है इसे इतनी आसानी से समझाना मुश्किल है ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]वो उसके करीब जाता है उसका चेहरा अपने हाथ में बड़े प्यार से थाम लेता है ...उसके बाल सहलाता है ...और बोलता है[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" देख शिवानी मैं समझता हूँ तेरे दिल का हाल..पर बहेना यह कैसे संभव है ....अगर यह हो सकता था तो क्या मैं नहीं चाहता तुझ से शादी करना ..? शादी की बात छुपाई नहीं जा सकती ना शिवानी ..सारी दुनिया को मालूम हो जाएगा ...आपस में सेक्स की बात छुप सकती है ..पर शादी की बात? ..तुम ही बताओ ना ?" शशांक बड़ी नर्मी और प्यार से समझाता है शिवानी को...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" ह्म्म्म्म..तो इसका मतलब हुआ भैया, कि अगर शादी की बात भी अगर किसी तरह छुपाई जा सके तो तुम मुझ से शादी करोगे ..?? " शिवानी के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट आती है ..उसे एक बड़ी धीमी और पतली सी रोशनी की किरण झलकती है..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]पर शशांक एक बड़ी द्विविधा में फँस जाता है...वो कुछ नहीं बोल पाता , चूप रहता हुआ शिवानी की इन बातों का उसके पास कोई जवाब नहीं..[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" बोलो ना भैया ..प्लीज़ बोलो ना ..तुम चूप क्यूँ हो गये ......? " शिवानी उसकी ओर बड़ी हसरत लगाए देखती है ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" तू समझती क्यूँ नहीं बहेना ..? आख़िर हम सगे भाई बहेन हैं ना ..." शशांक बोलता है..पर उसकी आवाज़ खोखली है ..उसमें कोई भी दृढ़ता नहीं ..कोई वज़न नहीं ...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" भैया जब तुम सग़ी बहेन को चोद सकते हो..उसकी चूचियों से खेल सकते हो..उसकी चूत में अपना लंड डाल सकते हो..फिर शादी क्यूँ नहीं कर सकते..? क्या तुम्हारा प्यार सिर्फ़ वासना है ...मेरे शरीर से खेलने का सिर्फ़ एक बहाना है..??"[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" शिवानी तू क्या बक रही है यार..तेरा दिमाग़ तो सही है ना..." शशांक झल्लाता हुआ बोलता है .[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]" भैया ..मेरा दिमाग़ आज ही तो सही है ..वरना आज तक तो मैं पागल की तरेह तुम्हें कुछ और ही समझ बैठी थी .." उसकी आँखों में अब वो प्यार और तड़प नहीं वरन एक बहोत ही निराशा की झलक दीखती है शशांक को...जैसे अपनी जिंदगी से हताश हो गयी हो...[/font]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]शशांक के सवाल से शिवानी ज़रा भी विचलित नहीं हुई थी ...बिल्कुल वैसे भाव थे उसके चेहरे पर जैसे उसे इस सवाल का इंतेज़ार था ....और जवाब भी उसके पास तैय्यार था ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]उस ने कहा " हां भैया शादी ज़रूर करूँगी ... इस शादी से हमारा प्यार और भी मजबूत हो जाएगा ..हमारी दूरी भी मिट जाएगी... हां बिल्कुल मिट जाएगी.." शिवानी शशांक को एक टक देखे जा रही थी ..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]शशांक उसकी शादी करने की बात से बहोत खुश हो जाता है......पर दूरी मिटने वाली बात से थोड़ा चौंक जाता है ...[/font][/size]
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[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" हां भैया दूरी तो कम होगी ही ना ...क्योंकि मैने सोच लिया है शादी मैं तुम से ही करूँगी ...सिर्फ़ तुम से ...." शिवानी का चेहरा बिल्कुल शांत था ...उसकी आवाज़ में एक दृढ़ता थी ...एक निश्चय था ..जो काफ़ी सोच विचार के बाद ही आता है....[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]शशांक पर मानों बिजली गिर गयी थी ... पहाड़ टूट पड़ा था ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" किययाया..?? क्या कहा तुम ने ..ज़रा फिर से बोल तो..? मैने ठीक सुना ना ..?? " उसकी आवाज़ में अधीरता , घबडाहट और आश्चर्य के भाव कूट कूट कर भरे थे ...आवाज़ कांप रही थी ..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]: " हां भैया तुम ने बिल्कुल ठीक सूना ..मैं शादी तुम से ही करूँगी ..वरना मैं जिंदगी भर कुँवार रहूंगी .... " शिवानी का चेहरा बिल्कुल वैसा ही था कोई बदलाव नहीं ..भाव शून्य ..[/font][/size]
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[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" देख शिवानी मैं समझता हूँ तेरे दिल का हाल..पर बहेना यह कैसे संभव है ....अगर यह हो सकता था तो क्या मैं नहीं चाहता तुझ से शादी करना ..? शादी की बात छुपाई नहीं जा सकती ना शिवानी ..सारी दुनिया को मालूम हो जाएगा ...आपस में सेक्स की बात छुप सकती है ..पर शादी की बात? ..तुम ही बताओ ना ?" शशांक बड़ी नर्मी और प्यार से समझाता है शिवानी को...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" ह्म्म्म्म..तो इसका मतलब हुआ भैया, कि अगर शादी की बात भी अगर किसी तरह छुपाई जा सके तो तुम मुझ से शादी करोगे ..?? " शिवानी के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट आती है ..उसे एक बड़ी धीमी और पतली सी रोशनी की किरण झलकती है..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]पर शशांक एक बड़ी द्विविधा में फँस जाता है...वो कुछ नहीं बोल पाता , चूप रहता हुआ शिवानी की इन बातों का उसके पास कोई जवाब नहीं..[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" बोलो ना भैया ..प्लीज़ बोलो ना ..तुम चूप क्यूँ हो गये ......? " शिवानी उसकी ओर बड़ी हसरत लगाए देखती है ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" तू समझती क्यूँ नहीं बहेना ..? आख़िर हम सगे भाई बहेन हैं ना ..." शशांक बोलता है..पर उसकी आवाज़ खोखली है ..उसमें कोई भी दृढ़ता नहीं ..कोई वज़न नहीं ...[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" भैया जब तुम सग़ी बहेन को चोद सकते हो..उसकी चूचियों से खेल सकते हो..उसकी चूत में अपना लंड डाल सकते हो..फिर शादी क्यूँ नहीं कर सकते..? क्या तुम्हारा प्यार सिर्फ़ वासना है ...मेरे शरीर से खेलने का सिर्फ़ एक बहाना है..??"[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" शिवानी तू क्या बक रही है यार..तेरा दिमाग़ तो सही है ना..." शशांक झल्लाता हुआ बोलता है .[/font][/size]
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]" भैया ..मेरा दिमाग़ आज ही तो सही है ..वरना आज तक तो मैं पागल की तरेह तुम्हें कुछ और ही समझ बैठी थी .." उसकी आँखों में अब वो प्यार और तड़प नहीं वरन एक बहोत ही निराशा की झलक दीखती है शशांक को...जैसे अपनी जिंदगी से हताश हो गयी हो...[/font][/size]