Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर

hotaks444

New member
Joined
Nov 15, 2016
Messages
54,521
मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

ये नेट ली गई है। मूल लेख़क को आभार। मैंने संकलित करके लिपि परिवर्तन किया है। उम्मीद करता हूँ कि आपको पसंद आयागी।

धन्यवाद।


पात्र (किरदार) परिचय

01. मोनिका- मैं, उपनाम मोना, मेरी उम्र 21 साल है, उंचाई 5’4” फिगर 36-30-35, बहुत गोरी हूँ। मैं अपनी +2 पास कर चुकी हूँ, मेरा एक बायफ्रेंड है, जिसके साथ मैं कई बार सेक्स भी कर चुकी हूँ। मैं कभी-कभी ड्रिंक और स्मोक भी कर लेती हूँ।

02. शालिनी- मेरी मोम, उपनाम राखी; उम्र 40 साल, उंचाई 5’6”, बहुत गोरी, लंबे बालों के साथ फिगर 38-32-37, बहुत हाट और सेक्सी। भाई की बिजनेस में हेल्प करती हैं। पहले टीचर थीं।

03. समीर- मेरे डैड, उम्र 45 साल, अक्सर बिज़नेस के कारण बाहर रहते हैं। वैसे पैसे की कोई कमी नहीं है हमारे यहाँ, लग्ज़री लाइफ जीने के लिए। हमारी फेमिली एक माडर्न फेमिली है।

04. आदित्य- मेरा भाई, उपनाम आदी; उम्र 20 साल, मेरे डैड का बिज़नेस देखता है और मेरी मोम उसकी हेल्प करती हैं। 

05. मोनिका की सहेलियां- शगुफ्ता, कामिनी, नेहा, पायल, आकांक्षा।

06. अकरम- बदनाम क्लब का मालिक, बदनाम गुन्डा, 

07. अब्दुल- अकरम का नौकर, 

08. रेहान- आदित्य का दोस्त, 

09. पांच शेख- अल फैजन; हैदर; फहीम; कबीर; अल अयाज।

10. सौरव- चोदू।

11. जिगोलो- तुषार और अनुराग- 

12. शालिनी की सहेलियां-
 
एक दिन मेरे मोम और डैड शहर से बाहर गये हुए थे। मैं सोकर उठी और तैयार होकर नाश्ता किया। तब मेरा भाई मेरे साथ था, वो थोड़ा परेशान था। 

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ भाई? 

भाई- “कुछ नहीं दीदी कुछ खास बात नहीं है…” 

मैं- “तो तू इतना परेशान क्यों लग रहा है?” 

भाई- “कुछ नहीं दीदी…” 

मैं- “बताओ ना, मैं शायद तेरी कोई हेल्प कर पाऊँ…”

भाई- “नहीं दीदी, आप कोई हेल्प नहीं कर पाओगी…” 

मैं- “बता तो शायद कोई हेल्प कर पाऊँ…” 

भाई- “दीदी नई बस्ती में एक क्लब है, उसपर हमारा कोई 15 लाख रूपया बाकी है, और वो पेमेंट नहीं कर रहे। लास्ट टाइम मोम थीं तो वो ले आई थी समझा बुझाकर पता नहीं कैसे? वो गुंडे लोग हैं, कोई भी पेमेंट लेने जाता है तो उसे डरा धमका कर वापस भेज देते हैं। परसों एक पेमेंट करनी है और मोम डैड बाहर हैं। पता नहीं कैसे क्या करूँ? समझ में नहीं आ रहा…” 

मैं- “बताओ अगर मैं कोई हेल्प कर सकती हूँ तो?” 

भाई- “उसमें आप क्या हेल्प कर पाओगी?” 

मैं- “क्या मैं कोशिश करूँ?” 

भाई- “कैसी कोशिश दीदी?” 

मैं- “कहो तो मैं पेमेंट लेने की कोशिश करूँ…” 

भाई- “अगर डैड को पता चल गया तो?” 

मैं- “कैसे पता चलेगा, अगर हम में से कोई बताएगा ही नहीं तो?” 

भाई- “ओके थैंक्स दीदी…” 

मैं- “कब जाना है?” 

भाई- “उसका क्लब 12:00 बजे खुल जाता है और तब वहाँ काफी लोग हो जाते हैं, उससे पहले…” 

मैं- “ओके। मैं तैयार होकर आती हूँ…” 

भाई- “दीदी, वहाँ आप हमारी कलेक्सन एजेंट बनकर जाना और वैसी ही ड्रेस पहनना…” 

मैं- “ओके भाई…” 

भाई- “थैंक्स दीदी…” 

मैं चेंज करने चली जाती हूँ और सोचती हूँ क्या पहनूं? मैं एक सफेद ब्रा पहनती हूँ साटिन का, साटिन की ही सफेद पैंटी और ऊपर से स्लिप और लोवर। मैं स्कर्ट जिसके सारे बटन आगे को होते हैं, और स्लिप के ऊपर एक जैकेट, स्कर्ट जो मेरे घुटनों तक होती है और मेकप करके बाहर आती हूँ। 

मैं- “भाई, कैसी लग रही हूँ?” 

भाई- “सच आ हाट गर्ल…” 

मैं- “थैंक्स… अड्रेस और पेपर्स दो…” 

भाई मुझे दो पेपर्स देता है- “इसमें सब डीटेल्स है…” 

मैं- “ओके, अब मैं जाती हूँ…” 

मैं अड्रेस पूछते हुए उस एरिया में पहुँचती हूँ और कार रोड पर पार्क कर देती हूँ और अड्रेस पूछते हुए गली में चली जाती हूँ। दो तीन गलियों के बाद उसका अड्रेस मिलता है। मैं अंदर जाती हूँ। वो जगह एक क्लब है, जहाँ लोग जुआ खेलने और दारू पीने आते हैं। गुण्डों का इलाका होने की वजह से वहां पोलिस भी जाने से डरती है। 

मैं भी डरते-डरते अंदर जाती हूँ और पूछती हूँ- अकरम जी कहां मिलेंगे? 

कोई 8-10 लोग वहां जुआ खेल रहे होते हैं, और दारू पी रहे होते हैं। एक मुझे इशारे से बताता है की वो है अकरम जी। वो कुछ खा रहे होते हैं। मैं उनके सामने चेयर पर जाकर बैठ जाती हूँ, और सिगरेट जलाती हूँ। पर वो मेरी ओर कोई ध्यान नहीं देते और उठकर अपने रूम की तरफ चले जाते हैं।

मैं उठती हूँ, अपनी सिगरेट बुझाती हूँ और गुस्से में वापस लौटने को होती हूँ। तभी अपने भाई के बारे में सोचती हूँ, और फिर रुक जाती हूँ। वो रूम के बाहर खड़ा होकर मेरा इंतेजार कर रहे होते हैं। मैं उनकी ओर चली जाती हूँ। वो गेट पर खड़े रहते हैं, और मैं उनको छूते हुए रूम में चली जाती हूँ। 

अकरम अंदर आते हैं और पूछते हैं- “हाँ… अब बोल कौन है तू?”

मैं- “सर, मैं आदित्य ट्रेडिंग से आई हूँ। आपकी ओर कुछ पेमेंट है जो काफी लेट हो गई है, इसलिए मुझे मेरे बास ने आपके पास भेजा है…” 

अकरम- “पहले तो कोई और आता था…” 

मैं- “जी, इस बार मैंने अभी जाय्न किया है इसीलिए बास ने मुझे भेजा है…” और पेपर पर्स से निकालकर उसके हाथ में पकड़ा देती हूँ। 

वो पेपर नहीं खोलता, पेपर फोल्ड करता है और मुझे खींचते हुए मेरी ब्रा में घुसा देता है, और पास पड़ी चेयर पर झटके से मुझे बैठा देता है। फिर मेरे माथे से उंगली फेरते हुए मेरे होंठों तक आता है, फिर मेरे पीछे आ जाता है और मेरा पर्स मेरे कंधे से उतारकर अलग कर देता है। फिर पीछे खड़ा होकर मेरी जैकेट का बटन खोलता है। 

मैं उठने को होती हूँ तो मुझे धक्का देकर फिर बिठा देता है। मैं डरकर बैठ जाती हूँ, और वो मेरे हाथ पीछे करके चेयर से बाँध देता है, मुझे बहुत दर्द होता है पर मैं डर के कारण चुप हो जाती हूँ। फिर वो मेरी स्लिप में हाथ डालकर बहुत कसकर मेरी चूचियां दबाता है। 

मुझे बहुत दर्द होता है और मैं चिल्ला पड़ती हूँ- “आअह्ह्ह…”

फिर वो आगे आता है और मेरी स्कर्ट के सारे बटन खोलता है। 

मैं उससे बोलती हूँ- “प्लीज़्ज़ नहीं…” 

पर अकरम नहीं सुनता और स्लिप ऊपर करके मेरी पैंटी भी झटके से उतार देता है। शर्म से मेरी आँखें बंद होने लगती हैं, और वो मेरी जांघों को सहलाता है तो मेरे अंदर एक करेंट सा दौड़ने लगता है। 

थोड़ी देर बाद वो मुझसे दूर जाकर खड़ा हो जाता है और बोलता है- “जब तक अब तुम नहीं कहोगी, मैं तुम्हें अब हाथ भी नहीं लगाऊँगा…” 

तब तक मैं थोड़ी गरम हो चुकी होती हूँ और अपनी आँखें बंद कर लेती हूँ। बंद आँखों में भी मुझे उसके मजबूत बदन का एहसास होता है। वो दरवाजे पर खड़ा होकर अपना लण्ड सहलाता है, पैंट में हाथ डालकर। मैं नहीं नहीं ही बड़बड़ाती रहती हूँ। पर सोचती हूँ की जब इतना कुछ हो गया है, तो कुछ भी करके भाई के लिए पेमेंट भी निकलवानी है। 

मैं साइड में बनी खिड़की की ओर देखती हूँ, और सोचती हूँ कि इसे जो करना है कर ले पर प्लीज़्ज़… कोई देखे नहीं और मैं उसकी ओर देखकर कहती हूँ- “प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ चोदो मुझे… मैं तुमसे भीख मांग रही हूँ प्लीज़्ज़… चोदो मुझे… प्लीज़्ज़ चोदो मुझे…” 

अकरम मेरे पास आता है और कुछ नहीं बोलता सिर्फ मेरी आँखों में देखता है। 

अकरम को मेरी आँखों में सेक्स की भूख साफ नजर आती है। वो सीधे बिना कुछ बोले अपना लण्ड मेरी चूत पर रखता है और एक झटके से अंदर डाल देता है। 

मुझे बहुत बुरी तरह दर्द होता है और कसकर चीख निकल जाती है- “आअह्ह्ह… मर्रर गई…” 

अकरम रुक जाता है और बोलता है- “साली चीख मत… वरना सब खिड़की पर आकर हमारी लाइव चुदाई देखेंगे…” 

अभी तक उसका आधा लण्ड भी अंदर नहीं गया था। मैं उससे बोलती हूँ- “प्लीज़्ज़… निकाल लो, मैं मर जाऊँगी…” 

अकरम बोला- “मैंने कोई जबरदस्ती तो नहीं की ना? जब तू मुझसे चुदाने की भीख माँग रही थी तभी डाला मैंने, अब सजा भुगत…” और मेरे मुँह पर हाथ रखकर एक जोर का झटका मारता है। 

फिर मेरी चीख ‘गूँ-गूँ-गूँ’ करके मेरे मुँह में ही रह जाती है, पर दर्द बहुत होता है। मैं अपनी टांगें उत्तेजना में फैलाकर चेयर पर आगे को हो जाती हूँ। फिर वो अपना लण्ड पूरा बाहर निकालता है, और एक झटके में फिर से अंदर पेल देता है। मैं फिर चीख पड़ती हूँ, शायद बाहर तक आवाज जरूर गई होगी। फिर वो लगातार अंदर-बाहर करता है फुल स्पीड में। 

मैं रोने जैसी हो जाती हूँ और चिल्लाती हूँ- “उउईई माँऽऽ मर गई…” अब उसकी स्पीड और बढ़ जाती है और मैं बुरी तरह से चीखती हूँ- “आआह्ह्ह… आआह्ह्ह… उफफ्फ़… उफफ्फ़… मर गईई माँऽऽ…” और 5-6 मिनट की चुदाई के बाद झड़ जाती हूँ। मेरी चूत स्लिपरी हो जाती है। 

अकरम अपनी स्पीड और बढ़ा देता है। फिर अचानक वो धीरे हो जाता है। मैं थोड़ा रिलैक्स हो जाती हूँ। पर वो मुझे रिलैक्स होने का ज्यादा टाइम नहीं देता और फिर पूरा लण्ड बाहर निकालकर एक झटके से अंदर पेल देता है और वहीं रुक जाता है। फिर वहीं से अंदर की ओर छोटे-छोटे झटके देता है। 
 
उसका लण्ड अब मुझे अपनी बच्चेदानी से टकराता हुआ महसूस होता है। मैं अत्यधिक उत्तेजना में अपने पूरे नाखून उसकी पीठ पे गड़ाते हुए झड़ जाती हूँ। उसकी 18-20 मिनट की चुदाई में मैं 3 बार झड़ चुकी होती हूँ। फिर अचानक एक जोर का झटका देकर वो अंदर ही रुक जाता है, और उसका फौवारा मेरी चूत में चल जाता है। मेरी चूत पूरी तरह उसके माल से भर जाती है। फिर वो अपना लण्ड निकल लेता है। उसका माल मेरी जांघों पर बहने लगता है। मैं उठकर खड़ी होने को होती हूँ पर मेरे पैर लड़खड़ाने लगते हैं। 

अकरम मुझे संभालता है और बेड पर लिटा देता है। फिर बाहर जाता है और मेरे लिए जूस लेकर आता है। मैं जूस पीती हूँ और रिलैक्स करती हूँ। अब हमारी बातें शुरू होती हैं। 

अकरम- “अब बता अपने बारे में?” 

मैं- “मैंने अभी कुछ दिन पहले ही आदित्य ग्रुप जाय्न किया है और पहली बार आपके यहां ही पेमेंट लेने आई हूँ। प्लीज़्ज़… आप दे दो, नहीं तो मेरी नौकरी चली जाएगी…” 

अकरम- “पहले तो वहां से कोई और आता था…” 

मैं- “सर, मुझे नहीं पता…” 

अकरम- “कोई बात नहीं, मैं तुझे एक पार्ट दे देता हूँ पेमेंट का…” 

मैं- “थैंक्स सर…” 

अकरम मुझे 5 लाख का चेक देता है और बोलता है- “अपना नंबर दे दो, अगले पेमेंट के लिए तुम्हें काल कर दूँगा…” 

मैं- “थैंक्स सर…” कहकर मैं अपने कपड़े ठीक करती हूँ और बाहर को निकल जाती हूँ। 

बाहर सब लोग मुझे घूरकर देख रहे होते हैं। मैं लड़खड़ाती हुई अपनी कार तक आती हूँ। मेरे पैर काँप रहे होते हैं। किसी तरह मैं घर तक पहुँचती हूँ। मेरा भाई घर पर नहीं होता। मैं अपने रूम में सो जाती हूँ। सपने में मुझे सिर्फ अकरम ही अकरम दिखाई पड़ता है। मैं उसके लण्ड की पूरी तरह दीवानी हो चुकी होती हूँ।

शाम को 5:00 बजे आदित्य (मेरा भाई) लौट कर आता है और मुझे जगाता है। मैं उठती हूँ और लड़खड़ाते हुए बाथरूम तक जाती हूँ, और जब लौट कर आती हूँ। 

तब, भाई पूछता है- “क्या हुआ दीदी?” 

मैं- “कुछ नहीं…” 

भाई- “फिर आप ऐसे क्यों चल रही हो? और क्या हुआ पेमेंट का?” 

मैं- “मैं हील वाली सैंडल पहनकर गई थी वहां, स्लिप हो गई। उसी की वजह से दर्द है। और हाँ एक गुड न्यूज है की 5 लाख मिल गये हैं…” 

भाई- “सच दीदी?” 

मैं- “हाँ… और बाकी पेमेंट के लिए वो मुझे काल करेगा…” 

भाई- “सच दीदी, मोम सुनेंगी तो खुश हो जाएंगी…” 

मैं- “नहीं, उनको कुछ मत बोलना। वरना तुझे ही डांट पड़ेगी की मुझे वहां क्यों भेजा था?”

भाई- “ओके दीदी, चलो आज इसी खुशी में पार्टी करते हैं…” 

मैं- “कहां?” 

भाई- “चलो दीदी डिस्को चलते हैं…” 

मैं- “ओके…” 

भाई- “जाओ आप चेंज करके आ जाओ…” 

मैं- “ओके… क्या पहनूं?” 

भाई- “कुछ सेक्सी सा पहनो…” 

मैं चेंज करने चली जाती हूँ, मैं एक ब्लैक मिनी पहनती हूँ और एक पिंक टैंक-टाप ऊपर जैकेट- “ओके भाई, मैं तैयार हो गई…” 

भाई- “क्या बात है दीदी? आज आप बड़ी हाट लग रही हो…”

मैं- “चुप कर, कुछ शर्म कर अब चल…” 

भाई- “ओके दीदी… पर दीदी कार तो मेरा दोस्त लेकर गया है वहीं डिस्को में मिलेगा…” 

मैं- “ओके… नो प्राब्लम बाइक से चलते हैं…” और हम निकल पड़ते हैं। मैं उससे चिपक कर बैठती हूँ शायद उसे मजा आ रहा था, हम डिस्को पहुँच जाते हैं। 

वहां उसके कुछ दोस्त मिलते हैं। वो मुझे मेरे भाई की गर्लफ्रेंड समझते हैं। हम ड्रिंक करके डान्स फ्लोर पर जाते हैं, और डान्स करते हैं। उसके दो दोस्त मुझसे कुछ ज्यादा ही चिपकने की कोशिश करते हैं। आदित्य कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर लेता है। 

उसका दोस्त हमें हेल्प करके कार तक ले जाता है और कहता है- “चलो मैं तुम दोनों को घर ड्राप कर देता हूँ…” वो हमें घर छोड़ता है, आदित्य को उसके बेडरूम मैं लिटाता है, और मुझसे हाथ मिलाता है। मैं उसे थैंक्स बोलती हूँ और वो अचानक से मुझे गाल पर किस करता है और निकल जाता है। 
 
***** *****अगले दिन 
भाई- “गुड मार्निंग दीदी…” 

मैं गुस्से में- “गुड मार्निंग, इतनी क्यों पीते हो जो हजम नहीं होती?” 

भाई- “सारी दीदी…” 

मैं- “इट्स ओके…” 

भाई- “मोम आ गई?” 

मैं- “अभी नहीं…” 

भाई- “आप तैयार हो जाओ मोम आती होंगी…” 

तभी मोम आ जाती है- “हाय बच्चों…” 

मैं- “हाय मोम, कैसे हो, कैसा रहा आपका टूर माँ?”

मोम- “बहुत अच्छा बेटा। बेटा, मैं नहाकर तैयार होकर आती हूँ, मुझे एक मीटिंग में जाना है…” 

मैं- “ओके मोम…” 

एक घंटा बाद मोम तैयार होकर बाहर आती है। लुक्स स्टनिंग इन सैंडो टाप आंड जीन्स, जिसमें उनकी ब्लैक ब्रा साफ-साफ दिखती है, और उन्होंने अच्छा खासा मेकप किया हुआ होता है और हमें बाइ करके निकल जाती हैं। 

तभी मुझे अनजान नंबर से काल आती है। 

मैं- “हेलो…” 

अनजान- “कैसी हो जान?” 

मैं- “आप कौन?” 

अनजान- “नहीं पहचाना, अकरम…” 

मैं- “ओह्ह्ह… हाय कैसे हैं आप?” 

अकरम- “तू सुना कैसी है?” 

मैं- “मैं ठीक हूँ, कैसे याद किया?” 

अकरम- “हाँ… तेरे आफिस से कोई आ रहा है पेमेंट लेने…” 

मैं- “ओह्ह्ह… ओके। पर प्लीज़्ज़… किसी को मत बताना की मैं आई थी आपके पास, और आप प्लीज़्ज़ मोबाइल में उसकी फोटो ले लेना, मैं भी तो देखूं कौन आया है?” 

अकरम- “ओके, और सुन आ रही है आज रात को, तेरी बड़ी याद आ रही है…” 

मैं- “पर?” 

अकरम- “पर वर कुछ नहीं, तू आ रही है बस…” 

मैं- “ओके, कोशिश करती हूँ…” 

मोम शाम को थकी हुई आती हैं, और वो अपने रूम में चली जाती हैं। 

मैं- “मोम आप काफी थकी हुई लग रही हो, आराम कर लो। मैं रात को अपनी दोस्त के यहां पार्टी में जाऊँगी और रात वहीं रुकूंगी…” 

मोम- “ओके बेटा बाइ…” 

मैं- “बाइ मोम…”
मैं तैयार होने अपने रूम में चली जाती हूँ और ड्रेस चेंज करती हूँ। मैं सफेद हाल्टर टाप पहनती हूँ और फिर मिनी और स्टाकिंग्स वित थांग्ज़ और स्ट्रैपलेश ब्रा और डार्क सा मेकप करके फिर मैं अकरम के पास जाने के लिये निकलती हूँ। जब मैं उसके क्लब के रोड पर पहुँचती हूँ तो वहां रोड पर काफी चहल-पहल होती है, पर उसकी गली में जाते ही एकदम सन्नाटा हो जाता है। 

मुझे थोड़ा डर सा लगने लगता है। पर मेरे कदम खुद-ब-खुद उस ओर चले जा रहे होते हैं। मेरी हाई हील की खटर-पटर पूरी गली में गूँज रही होती है। मैं उसके गेट पर पहुँचकर उसे काल करने के लिए मोबाइल निकालती हूँ और उसे काल करती हूँ। 

अकरम बोलता है- गेट खुला है सीधे अंदर आ जा। 

मैं सीधे उसके रूम में चली जाती हूँ। वो गेट से थोड़ा अंदर ही खड़ा होता है और मुझे वहीं रोक लेता है और मेरा टाप और मिनी उतार देता है। अब मैं सिर्फ ब्रा-पैंटी और स्टाकिंग में खड़ी होती हूँ। वो मुझे किस करने लगता है। तभी वो मेरा हाथ पीछे करके मुझे किसी का लण्ड पकड़ता है। मैं जैसे ही पीछे मुड़कर देखती हूँ तो कोई 18-19 साल का लड़का खड़ा होता है, पर मैं कुछ नहीं बोल पाती। 

वो मुझे किस करता है फिर अकरम मुझे गोद में उठाकर बेड पर पटक देता है, और फिर दोनों मिलकर मुझे दबाने सहलाने लगते हैं। मैं बहुत उत्तेजित हो जाती हूँ और उनका पूरा साथ देती हूँ। अकरम मुझे किस करता है और वो लड़का मेरी चूचियां दबा रहा होता है। 5 मिनट बाद अकरम मुझे अपने लण्ड पर झुकाता है और चूसने को बोलता है। 

मैं चूसने लगती हूँ पर उसकी मोटाई के कारण पूरा मुँह में नहीं ले पाती। थोड़ी देर की चुसाई के बाद अकरम मुझे सीधा लेटाता है, दूसरा लड़का मेरी चूचियां मसलता है, अकरम मेरी दोनों टाँगें फैलाता है और उस लड़के से पकड़ने को बोलता है, और मुझसे बोलता है- “तुम तैयार हो बेबी?” 

मैं आँखें बंद कर लेती हूँ, पर कुछ नहीं बोलती। अकरम चूत के बाहर ही अपने लण्ड को घिसता रहता है, अंदर नहीं डालता। मैं तड़पने लगती हूँ उत्तेजना में, पर तब भी वो नहीं डालता और मैं पूरी कांपने लगती हूँ, थोड़ी सी आँखें खोलती हूँ। वो अपना लण्ड मेरी चूत के छेद पर ही रगड़कर मुझे पागल कर रहा होता है। 

मैं आँखें फिर से बंद करके बोलती हूँ- “अब डालो ना क्यों तड़पा रहे हो? प्लीज…” 

फिर अचानक से आकरम पूरा लण्ड एक ही झटके में अंदर डाल देता है, उसका लण्ड मेरी चूत की दीवारों को चीरते हुए अंदर चला जाता है। 

मैं बुरी तरह से चीख पड़ती हूँ- “मर गईई माँऽऽ…” 

अकरम बोलता है- “आज चाहे तू जितना चिल्ला, यहां आज कोई तेरी आवाजें नहीं सुनने वाला…” और फिर पूरा लण्ड बाहर निकालकर फिर एक जोरदार शाट मारता है… 

मेरे मुँह से लगातार चीखें निकलती है, जोरदार- “आआह्ह्ह… उफफ्फ़… इस्स्स्स… आअह्ह्ह… प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़…” और 3-4 मिनट में ही मैं झड़ जाती हूँ। 

अब अकरम का लण्ड अंदर-बाहर होने लगता है, मुझे थोड़ी सी राहत मिलती है पर वो ज्यादा देर की नहीं थी। क्योंकी अभी भी उसका ¼ लण्ड अंदर नहीं गया था। फिर वो अपना लण्ड बाहर निकाल लेता है। 

मैं पूछती हूँ- क्या हुआ? 

अकरम कुछ नहीं बोलता। वो इशारे से उस लड़के को कुछ लाने को कहता है। वो लड़का उठकर चला जाता है और जब लौटता है तो उसके हाथ में टिश्यू पेपर होते हैं। अकरम उस लड़के से मेरी चूत चाटकर साफ करने को बोलता है। वो लड़का मेरी चूत चाटने लगता है, एक कुत्ते की तरह। 

मेरे मुँह से बस- “सस्स… सस्स… सस्स्स…” ही निकल पाता है। 

फिर अकरम उसे हटाता है और एक-एक करके 5-6 टिश्यू पेपर से मेरी चूत को बहुत ज्यादा सूखी कर देता है, जिससे की चूत के अंदर पानी की एक बूँद भी ना रह जाए। फिर मुझसे बोलता है- “बेबी गीली चूत चोदने में मुझे मजा नहीं आता, और फिर से पूरा दम लगाकर लण्ड मेरी चूत में पेलता है। 

मेरी चूत एकदम सूखी होने के कारण इस बार दर्द बहुत ज्यादा होता है और मैं चिल्लाती हूँ- “प्लीज़्ज़… बाहर निकाल लो, मैं मर जाऊँगी आआह्ह्ह…” पर उसे शायद मेरे दर्द में ज्यादा ही मजा आ रहा होता है और वो एक जोरदार शाट लगाता है। अबकी बार उसका लण्ड पूरा अंदर तक जाकर मेरी बच्चेदानी से टकराता है। 

मैं पूरी कांपने लगती हूँ, और फिर जोर से चीख पड़ती हूँ- “आअह्ह्ह… माऽऽर डाला…” और उसकी स्पीड और बढ़ जाती है। लगातार उसका लण्ड मेरी बच्चेदानी से टकराता है और मैं फिर एक बार झड़ जाती हूँ और उफफ्फ़… उफफ्फ़… करती रहती हूँ। पता नहीं वो क्या खाता था, जो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था, दर्द से मेरा बुरा हाल था। तभी मुझे अपनी चूत से कुछ बाहर टपकने का एहसास हुआ। 

अकरम फिर रुक गया। मेरी आँखें अभी भी आनंद में, मजे में बंद थीं। अब वो रुकने का नाम नहीं ले रहा था और मेरे मुँह से बस आंहें ही निकल पा रही थीं। थोड़ी देर में उसने अपना सारा माल मेरे अंदर भर दिया और मुझसे अलग होकर लेट गया। मुझे अब 30 मिनट की लगातार चुदाई के बाद आराम करने का मोका मिला था। 5 मिनट बाद जब मैंने आँखें खोली और उठकर बैठी तो डर गई, क्योंकी बेड पर थोड़ा खून फैला हुआ था। सही माने में मैं आज चुदी थी। आज मुझे एहसास हो रहा था की चुदाई क्या होती है? 

तभी वो लड़का आया और उसने मेरी चूत से खून साफ किया। 
 
अकरम ने उस लड़के से कहा- “कुछ खाने और पीने के लिए लेकर आ…” 

थोड़ी देर बाद वो लड़का पनीर और विस्की लेकर आया और हम तीनों ने ड्रिंक की और अकरम से बात करने लगी। 

अकरम- “आज तेरे आफिस से कलेक्सन एजेंट आई थी…” 

मैं- “कौन?” 

अकरम- “वो पहले भी आई है यहां। पहले-पहले बहुत नखरे करती थी, पर अब वो हमारी रण्डी है…” 

मैं- “मैं समझी नहीं?” तभी मेरी आँखें रूम में लगे कैमेरे पर गई। हर कोने पर एक सी॰सी॰कैमरा लगा हुआ था। 

अकरम- “साली जब पहली बार आई थी तो केवल मुझे भी नहीं झेल पाती थी पर अब… …” 

मैं- “पर अब क्या?” 

अकरम- “अब तो 4-5 को भी आसानी से संभाल लेती है…” 

मैं- “अच्छा जी…” 

अकरम- “जी… दो-तीन बार तो वो बाहर क्लब की टेबल पर भी चुदवा चुकी है मेरे ग्राहकों से। आज भी आई थी, जम कर चुद कर गई है, चल भी नहीं पा रही थी साली…” 

मैं- “कौन थी वो?” 

अकरम लड़के को इशारा करते हुए- “जा सी॰डी॰ लेकर आ…”
और लड़का 5 मिनट बाद लौटता है तो उसके हाथ में एक सी॰डी॰ होती है। 

अकरम- “ये ले, घर लेजाकर देख लेना उसकी और भी सी॰डी॰ हैं मेरे पास, इसे लौटा देना फिर और दूँगा…” 

मैं- “ओके…” 

फिर दोनों मेरे अगल बगल लेट जाते हैं, और मेरी चूचियां मसलने लगते हैं, कभी चाटते हैं, कभी काटते हैं। अकरम मुझे किस करने लगा। फिर अचानक पता नहीं क्या हुआ कि उस लड़के और अकरम की आँखें मिली तो दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। मैं चकित हो गई। थोड़ी देर बाद अकरम ने मुझे डागी स्टाइल में झुकने को बोला। 

मैं बेड का कोने पकड़कर झुक गई। वो लड़का मेरे पीछे आया और मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दिया। चूत गीली होने के कारण वो अंदर चला गया। अभी उसने 4-5 धक्के ही लगाए होंगे की वो रुक गया। 

तभी मुझे उस लड़के की आऽऽ का एहसास हुआ। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो अकरम उसकी गाण्ड में अपना लण्ड डाल रहा था।

थोड़ी देर में उस लड़के ने फिर से धक्के लगाने शुरू किए। पर जब अकरम उसे पेलता था तो वो पूरा मुझ पर आ जाता था। ये चुदाई 10-12 मिनट तक चली फिर हम तीनों सो गये। सुबह मैं 9:00 बजे उठी, तब वो लड़का वहां नहीं था, पर अकरम वहीं सो रहा था। मैं बहुत थक गई थी और सही से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। मैं बाथरूम गई, अपने कपड़े पहने और फ्रेश होकर बाहर आ गई और अकरम को जगाया। 

तभी वो लड़का चाय लेकर आ गया। 

अकरम- “गुड मार्निंग बेबी…” 

मैं- “गुड मार्निंग…” 

अकरम- “क्यों बेबी, रात मजा आया?” 

मैं- “हाँ… सच कहूँ तो मैं आपकी दीवानी हो गई हूँ…” 

अकरम- “सभी औरतें यहां आकर ऐसा ही बोलती हैं…” 

मैं- “बोलती होंगी, पर मैं अभी औरत नहीं हूँ, लड़की हूँ…” 

अकरम- “चिंता मत कर, बहुत जल्दी तुझे भी औरत बना दूँगा। वैसे भी तेरी दूसरी बार भी सील मैंने तोड़ ही दी है, अब औरत बनाने में बचा ही क्या है?” 

मैं शर्माते हुए- “ये बात तो सच है कि ऐसा मजा मुझे कभी नहीं मिला…” 

अकरम- “और हाँ सुन… दो-तीन दिन में दुबई से मेरे कुछ शेख दोस्त आ रहे हैं, उसे भी खुश करना है तुझे…” 

मैं- “नहीं, मैं आपके अलावा किसी के साथ नहीं करूँगी…”

अकरम- “बेबी, मेरे लिए तू क्या इतना भी नहीं करेगी? अगर वो खुश हो गये तो मैं माला-माल हो जाऊँगा…” 

मैं- “पर?” 

अकरम- “पर वर कुछ नहीं…” 

मैं कुछ नहीं बोलती और उठकर जाने को होती हूँ। तभी अकरम मेरे गले की गोल्ड चैन खींचकर उस लड़के को दे देता है- “बेबी, इतनी मेहनत की है इसने, इतना तो हक बनता है उसका…” 

मैं कुछ नहीं बोलती और मुश्कुराते हुए वो सी॰डी॰ लेकर वहां से चली जाती हूँ। घर पहुँचती हूँ तो आदित्य और मोम नाश्ता कर रहे होते हैं। 

मैं- “गुड मार्निंग…” 

मोम- “गुड मार्निंग…” 

आदित्य- “गुड मार्निंग दीदी…” 

मोम- “क्या हुआ बेटा, बहुत थकी हुई लग रही हो?” 

मैं- “नहीं मोम, वो जस्ट पार्टी और डान्स वान्स उसकी वजह से है…” 

आदित्य आँख मारते हुए- “बस डान्स वान्स ही ना दीदी?” 

मोम- “चुप कर, कुछ भी बोलता रहता है। और बेटा ये सी॰डी॰ कैसी है तेरे हाथ में?” 

मैं- “मोम, कुछ नहीं बस मेरी दोस्त की शादी की सी॰डी॰ है…” 

आदित्य- “दीदी, शादी की या उसकी सुहागरात की?” 

मैं कुछ नहीं बोलती और अंदर चली जाती हूँ, और फिर नहाने के लिये बाथरूम में चली जाती हूँ। मैं एक-एक करके सारे कपड़े उतारती हूँ और शावर लेने लगती हूँ। तभी मुझे एहसास होता है की खिड़की से मुझे कोई देख रहा है। मैं कुछ नहीं बोलती, बस बाथरूम की लाइट बंद करके नहाती हूँ, और बाहर आ जाती हूँ। फिर जीन्स और टाप पहनकर नाश्ते की टेबल पर आ जाती हूँ।
 
अदित्य “दी क्या बात है दिन पर दिन सेक्सी होते जा रहे हो”,

मैं “चुप कर”, 

अदित्य “वैसे दी क्या जादू किया है आप ने रेहान पर कि जब देखो आपके बारे मैं ही पूछता रहता है”, 

मैं “कॉन रेहान?”, 

अदित्य “जो उस दिन हमे डिस्को से घर छोड़ने आया था जब मैं ड्रंक हो गया था”, 

मैं “वो क्यो पुछता है मुझे”, 

अदित्य “लगता है फिदा है आप पर”, 

मैं “आदित्य तुम भी ना कुछ भी बोलते रहते हो”, और मैं अपने रूम मे चली जाती हूँ, तभी मुझे उस सीडी की याद आती है तो मैं तुरंत उसे अपने लॅपटॉप पर प्ले करती हूँ और उसे देखते ही शॉक्ड रह जाती हूँ क्योकि उसमे कोई और औरत नही बल्कि मेरी मोम ही थी जो क्लब के टेबल पर 3 लोगों से चुदवा रही थी और पूरे मज़े ले रही थी, मुझे तो यकीन ही नही हुआ, तभी अकरम की कॉल आती है, 

मैं “हेलो”, 

अकरम “हाई बेबी केसी है”.

मैं “अच्छी तो नही हूँ”, 

अकरम “क्यो क्या हुआ”, 

मैं “आप ही ने तो किया है कल पूरी रात तो हाल अच्छे केसे होंगे”, 

अकरम “क्यो मज़ा नही आया क्या”, 

मैं “आया ना पर पेन बहोत है अभी भी”, 

अकरम “अच्छा वो सीडी देखी”, 

मैं “या देख ही रही थी ये औरत तो मेरी मॉं की उमर की होगी”, 

अकरम “वो जो भी हो पर है बहोत दम इस साली मे गधे को भी चढ़ा दो इस पर तब भी मना नही करेगी”, 

मैं “अच्छा जी”, 

अकरम “जी 4-5 को तो आसानी से झेल लेती है और पॅशन भी बहोत है इसमे सेक्स का”, 

मैं “हां होगा क्यो नही माँ जो है”, 

अकरम “क्या?”, 

मैं “कुछ नही मेरा मतलब मेरी माँ जेसी जो है ये औरत”, 

अकरम “कभी अपनी माँ को लेकर आ वो भी खुश हो जाएगी यहाँ”, 

मैं “हां ज़रूर लाउन्गी कभी”, 

अकरम “इस औरत जेसा ही पॅशन है तुझ मे चुदवाने का तू भी एक दिन 5-6 को संभाल लेगी इस की तरह”, 

मैं “या शायद”, 

अकरम “शायद नही बहोत जल्दी ही”, 

मैं “पर एक शर्त है”, 

अकरम “बोल !”, 

मैं “जब ये मेरे साथ चुदेगि तब ही”, 

अकरम “कोई नही चिंता मत कर और हां मैं अभी उसे कॉल कर के प्लान सेट करता हूँ”, 

मैं “ओके उसे दूसरी कॉल पर ले कर उससे बात करो”, 

अकरम “ओके (ट्रिंग ट्रिंग)”.

मोम “हेलो जान केसे हो”, 

अकरम “तेरी याद मे जी रहा हूँ बस”, 

मोम “ऐसा क्या”, 

अकरम “अरे हां सुन सॅटर्डे को मेरे कुछ फ्रेंड्स आ रहे है विदेश से तुझे उन्हें खुश करना है”, 

मोम “क्या मैं नही आ पाउन्गी”, 

अकरम “तुझे तो आना पड़ेगा जान एक और लड़की आई थी पेमेंट के लिए यहाँ उसे भी बुलाया है उसमे भी बहोत पॅशन है तेरी तरह”, 

मोम “पर?”, 

अकरम “पर वर कुछ नही तुझे आना है बस”, 

मोम “ठीक है लगता है फडवा कर ही मानोगे मेरी”, 

अकरम “कुछ नही होगा जान”, 

मोम “ठीक है मैं आ जाउन्गा”, 

अकरम “और हां कल आ जाना क्लब मे कॉल कर लूँगा तुझे”, 

मोम “कल क्यों”, 

अकरम “कल मिलवाउन्गा उस लड़की से जिसे तेरी तरह की औरत बनना है”, 

मोम “क्या मुझसे मन भर गया क्या तुम लोगों का”, 

अकरम “नही जान तेरी बेटी की उमर की है कभी ले आ अपनी बेटी को भी मेरे क्लब”, 

मोम “अब मैं फोन रखती हूँ”, 

अकरम “मैं तुझे कल कॉल करूँगा तैयार रहना”, 

मोम “ओके बाइ”, 

मोम का कॉल कट हो जाता है, 

अकरम “क्यो बेबी अब तो तू कल आ रही है ना”, 

मैं “हां मैं सारा प्लान आपको कल सुबह बता दूँगी”, 

अकरम “ओके बाइ”, 

मैं “बाइ”, मैं मोम के पास आती हूँ, मैं “क्या हुआ मोम किसकी कॉल थी”.
 
मोम “किसी की नही वही बस मीटिंग मीटिंग कल भी है और सॅटर्डे को भी सॅटर्डे वाली तो पता नही कितनी रात को ख़तम होगी”, 

मैं “मज़े के लिए कुछ तो कॉंप्रमाइज़ तो करने ही पड़ेंगे ना (डबल मीनिंग)” 

मोम “मज़े के लिए मतलब?”, 

मैं “मतलब ये मोम काम करेंगे तभी पैसे आएँगे और जब पैसे आएँगे तभी तो हम मज़े कर पाएँगे”, 

मोम “हां ये तो है”, 

मैं “चलो मोम आज किसी डिस्को मे जाते है” 

मोम “मैं इस उमर मे डिस्को”, 

मैं “हां तो क्या हुआ आप की उमर को आप आज भी 27-28 साल के लगते हो आप वहाँ मेरी बहेन बन कर चलना मोम बन कर नही ओके और आप आ रही है और आज आप वो पहनोगी जो मैं बोलूँगी”, 

मोम “ओके बेटा”, शाम को, 

मैं “मोम मेरे रूम मे आओ मैं आज आपको तैयार करती हूँ”, 

मोम “आ रही हूँ”, 

मैं “मोम आज आप फ्री फ्लोयिंग स्कर्ट और टॅंक टॉप पहनो”, 

मोम “पर बेटा?”, 

मैं “पर वर कुछ नही जेसा बोलती हूँ वेसा करो”, 

मोम “ओके जेसा तू बोल आज”, 

मैं “दटस लाइक आ गुड गर्ल”, मैं मोम का मेकअप करती हूँ और उन्हे स्कर्ट और टॉप देती हूँ, वो चेंज करती है और हाइ हील पहनती है उनका टॉप उनके बूब्स को फाड़ कर बाहर आ जाने को होते है और हल्की सी भी हवा चले तो स्कर्ट मे उनकी गान्ड पूरी दिख जाए.

और खूद भी मिनी और टॉप पहेन कर तैयार हो जाती हूँ, मोम खुद को शीशे मे देखती है और शरमा जाती है, 

मैं “अब चलो मोम”, 

मोम “पर बेटा मेरे दूध टॉप फाड़ कर बाहर आ जाने को हो रहे है”, 

मैं “यू आर लुकिंग हॉट मोम ज़्यादा शर्म आ रही है तो घर से एक स्टॉल डाल लो वहाँ उतार देना”, 

मोम “ओके”, 

हम घर के बाहर आते है हमारे पड़ोसी भी मोम को पहचान नही पाते हम डिस्को मे जाते है, वहाँ आज फिर आदित्य के फ्रेंड्स मिलते है और रेहान भी”, 

रेहान “हाई बेब्स यू आर लुकिंग हॉट और ये कॉन है तुम्हारे साथ”, 

मैं “ये मेरी कज़िन सिस्टर है”, 

रेहान “यू ऑल्सो लुकिंग हॉट”, 

मॉम “थॅंक्स”, 

मैं “अच्छा रेहान हमें कुछ पिलाओगे नही?”, 

रेहान “मेरा तो पूरा तैयार है तुम्हारे मूह मे जाने के लिए (आँख मारते हुए) तुम हां तो करो”, 

मैं “ओके दो डबल विस्की वित सोडा और आइस और कुछ सिगरेट्स”, 

रेहान इशारे से एक लड़के को बोलता है और वो लाने चला जाता है, रेहान टेबल के नीचे से मेरी थिंग्स पर हाथ फेरता है (मैं मुस्कुराने लगती हूँ, तभी वो लड़का आ जाता है और हम ड्रिंक करते है, मैं मेरी मोम रेहान और उसके फ्रेंड्स हमारे पास ही बैठे पीते है.

तभी रेहान मुझे डॅन्स फ्लोर पर चलने को बोलता है और हम सब डॅन्स फ्लोर पर आ जाते है, रेहान मेरे आगे होता है और उसका एक फ्रेंड मेरे पीछे ऐसा ही मोम के साथ भी होता है, सब हम दोनो की बॉडी को सहला रहे होते है, तभी जो लड़के जो मोम के साथ डॅन्स कर रहे होते है मोम के कान मैं कुछ बोलते और मोम वापस टेबल पर चली जाती है, वो दोनो भी उनके अगल बगल जा कर बैठ जाते है, वहाँ काफ़ी डिम ब्लू लाइट जल रही होती है तभी एक लड़के का हाथ मेरी मोम की थिंग्स को सहला रहा होता है और दूसरे का गान्ड को, तभी एक लड़का उनकी चूत मे फिंगरिंग करता है उनके फेस के एक्सप्रेशन सॉफ बता रहे होते है कि उनको मज़ा आ रहा है, 

रेहान मुझसे कहता है, 

रेहान “देखो तुम्हारी कज़िन मज़े ले रही है”, 

तभी मेरी मोम मेरे पास आती है और बोलती है कि डॅड की कॉल है, मैं अभी बात करके आती हूँ और बाहर निकल जाती है वो दोनो लड़के भी उसके पीछे चले जाते है, रेहान मुझसे बोलता है वो तो गयी अब हम भी कुछ करे, 

मैं “पर यहाँ कहाँ?”, 

रेहान तुम चिंता मत करो बाहर चलो”, रेहान मुझे पार्किंग लॉट मे लाता है हम उसकी सफ़ारी की ओर जाते है उसमे पहले से ही लाइट जल रही होती है.

और उसमे से कुछ परछाईयाँ बाहर दिखती है, 

रेहान “लगता है तेरी कज़िन और मेरे फ्रेंड्स आ गये है हम से पहले”, 

मैं “नही ऐसा नही हो सकता”, 

रेहान “चल फिर देखते है कॉन है पर एक शर्त अगर तेरी कज़िन हुई तो तुझे यहीं पार्किंग लॉट मे ओपन मे मुझसे चुदवाना होगा”, 

मैं “ओके”, हम सफ़ारी के पास जाते है और विंडो से थोड़ा सा देखते है और वहाँ मेरी मोम एक लड़के का लंड चूस रही होती है और एक लड़का उनकी चूत चाट रहा होता है, सॉफ सॉफ कुछ नही दिखाई पड़ता पर तीनो का फेस दिखता है, 

रेहान “देख लिया तेरी कज़िन मेरे फ्रेंड से चुद रही है”, 

मैं “सिर झुका लेती हूँ”, 

रेहान मुझे आगे को ले जाता है वहाँ एक स्पोर्ट्स बाइक पर मुझे ओपन मे ही बिठा देता है और मुझे किस करने लगता है 5 मिनट बाद हमारी किस ब्रेक होती है, 

मैं “रेहान यहाँ नही कोई आ जाएगा”, 

रेहान “कोई नही आएगा वैसे भी अड्वेंचर सेक्स का अपना ही मज़ा है जहा डर हो कि कोई आ जाएगा और अगर कोई आ भी जाएगा तो क्या करेगा, तुझे चोदेगा ही ना वहाँ भी तो तेरी फ्रेंड दो-दो से चुद रही है”,

मैं कुछ नही बोलती, रेहान मेरी मिनी मेरी कमर तक कर देता है और मेरी पैंटी उतार देता है और मेरा टॉप भी.


अब मैं सिर्फ़ ब्रा और मिनी मे होती हूँ, वो मेरी चूत चाटने लगता है मैं डर के कारण आँखें बंद कर के एंजाय करती हूँ, फिर वो मेरे बड़े-बड़े बूब्स दोनो हाथों मे ले कर ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगता है, थोड़ी देर बाद वो मेरे पैर थोड़े ओपन करता है और अपना लंड मेरी चूत पर रखता है और एक ज़ोर-दार झटका मारता है, मेरे मूह से आआआआआअहह की आवाज़ निकल जाती है, वो फट फट फट कर के धक्के लगाता है, मैं उूुुउउफफफफ्फ़ उूुुउउफफफ्फ़ उूुउउफफफ्फ़ करती रहती हूँ और 6-7 मिंट की चुदाई के बाद वो झड़ने को होता है और उसकी स्पीड और तेज़ हो जाती है, मैं आँख खोलती हूँ और डर से काँपने लगती हूँ जब अपने आप को ओपन पार्किंग मे पाती हूँ तो पर कुछ नही बोलती, थोड़ी देर बाद मैं उससे कहती हूँ रेहान प्ल्ज़ अंदर मत छोड़ना अपना माल, वो हँसने लगता है और अपना लंड बाहर निकाल कर मेरे पेट पर झड जाता है, मैं अपने कपड़े ठीक करती हूँ और वापस हम दोनो अंदर चले आते है और एक पेग पीते है, तभी 5 मिंट बाद मोम अंदर आती है उनके बाल बिखरे हुए होते है उन्हे देख कर मैं समझ जाती हूँ कि ये अच्छी तरहा से ठुक कर आई है, मैं पूछती हूँ मोम आप कहाँ चली गयी थी, 

मोम “फ्रेश होने गयी थी बेटा”, 

मैं “काफ़ी देर लगा दी”, 

मोम “अब घर चले”, 

मैं “ओके”, मैं निकलती हूँ तभी रेहान मुझे मोम के सामने ही टाइट हग करता है और हम निकल आते है अपने घर की ओर . 

फ्रेंड्स अब आप बताइए आपको आज का अपडेट कैसा लगा
 
घर आने पर हम काफ़ी थके हुए होते है और सो जाते है, सुबह उठ कर हम तैयार होते है और ब्रेकफास्ट टेबल पर आ जाते है, तभी थोड़ी देर बाद अकरम की कॉल आती है कि क्या सोचा तुमने मेरे विदेशी फ्रेंड्स के बारे मे तो मैं बोलती हूँ कि अभी कुछ नही सोचा, 

अकरम “बेबी सोच लो आना तो तुम को है प्यार से आओ तो अच्छा है”, 

मैं “मुझे 1 घंटे का टाइम दो मैं बताती हूँ”, 

अकरम “मैं कॉल का इंतज़ार करूँगा बाए”, 

मैं सोंच मे पड़ जाती हूँ कि क्या किया जाए, फिर एक प्लान आता है दिमाग़ मे मैं 1 घंटे बाद अकरम को कॉल करती हूँ, 

मैं “हेलो”, 

अकरम “हां बेबी”, 

मैं “मेरे साथ और कॉन होगा तुम्हारे फ्रेंड्स के साथ”, 

अकरम “बताया तो था तुझे”, 

मैं “तो फिर एक काम करो आज उनको अपने यहाँ बुला लो और उनकी चुदाई करो मैं भी तो देखूं कितना पॅशन है उनमे”,

अकरम “उसमे क्या है बुला लेता हूँ”.

मैं “हां पर मैं उनसे ऐसे नही मिलना चाहती मैं प्लान बताती हूँ आप वेसा कर लो मज़ा आएगा”, 

अकरम “हां बेबी बताओ”, 

मैं “आज ज़ुम्मा (फ्राइडे) है आज आप के क्लब मे ज़्यादा लोग नही होते तो आप उनको बुलाओ और गेट से ही ब्लाइंडफोल्ड कर के उनको अंदर ले जाओ और खुले मैं उनका काम शुरू करो तब तक मैं भी आ जाउन्गी”, 

अकरम “बेबी मेरी भी एक शर्त है”, 

मैं “वो क्या?”, 

अकरम “हम सब मिलकर तुम दोनो को खुले मे ठोकेंगे”, 

मैं “ओके पर स्टार्ट उनसे करोगे मैं थोड़ी देर बाद आउन्गि”, 

अकरम “ओके मंज़ूर”, 

मैं “ओके तो ठीक है आप उन्हे कॉल करो और मुझे होल्ड पर रखो”, 

अकरम “ओके”, अकरम मोम को कॉल करता है, 

अकरम “हेलो”, 

मोम “हां बोलिए”, 

अकरम “क्या कर रही हो जान”, 

मोम “बस आप की याद मे जी रही हूँ”, 

अकरम “तो ठीक है 2 बजे क्लब आ जाना”, 

मोम “क्यो कोई ख़ास काम”, 

अकरम “जान काम तो ख़ास ही है मैने तुम्हे बताया था ना अपने विदेशी फ्रेंड्स के बारे मे”, 

मोम “हां”, 

अकरम “उस दूसरी लड़की को भी बुलाया है जो तुम्हारे साथ उनके पास जाएगी उससे मिलना भी हो जाएगा और कुछ मस्ती भी”, 

मोम “ठीक है”, 

अकरम “और सुन कपड़े थोड़े सेक्सी पहेन कर आना”, 

मोम “ओके डियर आती हूँ बाए”.

अकरम (मुझ से) “सुन लिया तूने”, 

मैं “हां”, 

अकरम “तो तू भी टाइम से आ जाना”, 

मैं “ओके बाए”, मैं बाथ ले कर तैयार होती हूँ और मेकअप कर के ड्रेस चूज़ करती हूँ, मैं एक लोंग स्कर्ट और टॉप पहनती हूँ वित हाफ कप ब्रा और स्माल पैंटी, मैं मोम के रूम मे झाँक कर देखती हूँ वो भी तैयार हो रही होती है, उन्होने फ्री फ्लोयिंग स्कर्ट और टॉप पहना होता है कोई नही कह सकता कि वो 2 जवान बच्चों की माँ है मैं उनके रूम मे जाती हूँ, 

मैं “कहीं जा रहे हो क्या आप”, 

मोम “हां एक प्रॉजेक्ट पर काम कर रही हूँ वही जाना है”, 

मैं “केसा प्रॉजेक्ट”, 

मोम “वो मुस्लिम बॅस्चन मे जा कर हमे ये बताना होता है कि लाइफ को सुधार कर लाइफ को केसे एंजाय किया जाए”, 

मैं “पर मोम मुझे तो लग रहा है आप ज़्यादा एंजाय कर रहे हो (आँख मारते हुए)”, 

मोम “धत्त अब इस उमर मे क्या एंजाय करूँगी ओके अब मैं जाती हूँ दो बजे पंहूचना है”, 

मैं “ओके बाए एंजाय”, मैं अकरम को कॉल करती हूँ और बोलती हूँ, 

मैं “हेलो”, 

अकरम “हां बेबी”, 

मैं “वो मेडम आ गयी क्या”, 

अकरम “नही अभी कॉल आया था अभी घर से निकली है”, 

मैं “ओके सुनो उन्हे गेट पर ही ब्लाइंडफोल्ड कर देना और उनके उपर के कपड़े उतार कर ही उनको अंदर ले कर जाना. ताकि लोग उनके नंगे जिस्म को एंजाय कर सके”, 

अकरम “ओके बेबी तुम कितनी देर मे आ रही हो”, 

मैं “मैं भी बस निकल ही रही हूँ”, 

अकरम “ओके मैं वेट कर रहा हूँ बाए”, 

मैं अपनी अक्तिवा निकालती हूँ क्योकि मोम कार ले कर चली गयी होती है, मोम क्लब के गेट पर पंहुच कर अकरम को कॉल करती है”, 

मोम “हेलो”, 

अकरम “हाँ जान”, 

मोम “मैं गेट पर हूँ”, 

अकरम “वेट कर मैं अब्दुल को भेज रहा हूँ”, 

मोम “ओके”, 

अब्दुल गेट पर आता है और डोर ओपन करता है और कहता है आप यही रूको, 

मोम “क्यो”, 

अब्दुल “भाई ने बोला है”, 

मोम “ओके”, 

तभी अकरम आता है, 

अकरम “अब्दुल ज़रा इस कपड़े से इसकी आँखें बाँध”, 

मोम “वो किसलिए”, 

अकरम ‘तू एंजाय कर ना”
 
मोम कुछ नही बोलती अब्दुल आँखों पर पट्टी बांधता है, अब्दुल अब इसके सारे कपड़े यही निकाल, 

मोम “पर यहाँ क्यो अंदर क्यो नही”, 

अकरम “जान तू सवाल बहोत पूछती है ओके मैं नही चाहता कि तू देखे कि अंदर कितने लोग है और सबको दिखा ना अपनी जवानी का जलवा”, 

मोम कुछ नही बोलती चुप रहती है अब्दुल उसका टॉप और स्कर्ट उतारता है मोम एक छोटी सी ब्रा और पैंटी मे होती है, अब अब्दुल उसको अंदर ले जाता है अंदर जाते-जाते ना जाने कितने हाथ उसके बूब्स और बम्स को दबाते है.

तभी मैं कॉल करती हूँ, मैं “हेलो”, 

अकरम “हां बेब्स”, 

मैं “मेन गेट पर आ गयी हूँ”, 

अकरम “ओके रुक मैं गेट पर ही खड़ा हूँ”, ऑर फिर डोर खुलता है और अकरम मुझे गले लगाता है, 

मैं “आ गयी वो”, 

अकरम “हां जेसा तुमने कहा था वेसा ही किया है पर तुमने ऐसा कुछ प्लान क्यो किया”, 

मैं “एक औरत के सामने उसकी बेटी”, 

अकरम “क्या?”, 

मैं सकपकाते हुए, 

मैं “मेरा मतलब है कि मैं उसकी बेटी की उमर की हूँ उसे मेरे सामने और मुझे उसके सामने सेक्स करने मे शर्म नही आएगी क्या पहली बार मे”, 

अकरम “तेरी बात मैं दम तो है”, 

मैं “फिर”, 

अकरम “अब्दुल को आवाज़ लगाता है इसकी भी आँखो पर पट्टी बाँध”, 

मैं “पर मेरी आँखो पर क्यो”, 

अकरम “दोनो को एक जेसा ही ट्रीट किया जाना चाहिए पर तू चिंता मत कर तेरी पट्टी मैं थोड़ी देर मे उतार दूँगा”, 

अब्दुल मेरी भी आँखों पर पट्टी बांधता है और मेरे भी कपड़े वही उतार दिए जाते है, अब्दुल मेरा हाथ पकड़ कर अंदर ले जाता है मुझे भी अपने जिस्म पर कई हाथ महसूस होते है, जो मेरे बूब्स दबाते है मैं बहोत एक्सिटमेंट फील करती हूँ, अंदर जाने पर मुझे कुछ शोर और किसी के आहें भरने का एहसास होता है.

मैं समझ जाती हूँ कि ये मेरी मोम की आँहे है अब्दुल मुझे एक चेयर पर बिठा देता है तभी अकरम आता है और सभी को चुप रहने को कहता है, 

अकरम “आज आप के सामने एक लड़की और एक औरत है वो आप सब मे से 4 बन्दो को पसंद करेंगी, वो जिनको पसंद करेंगी वो आज इनको सबके सामने चोदेगे बाकी सिर्फ़ देखेंगे और एंजाय करेंगे, अकरम मेरे बगल मे आ कर खड़ा हो जाता है मैं उनका हाथ पकड़ लेती हूँ और कहती हूँ मैने 1स्ट बंदा चूज़ कर लिया है, 

अकरम “मुझे छोड़ कर 2-2 बंदे चूज़ करो तुम दोनो, सब लाइन मे खड़े हो जाते है मैं 2 बंदे चूज करती हूँ दो मेरी मोम, मैं अकरम से “आप मेरे पास रहो प्लीज़”, 

अकरम “बेबी मैं तो तुम्हारे साथ ही हूँ तुम चिंता मत करो”, 

मैं “ओके”, 

अकरम “क्या हुआ तुम लोगो को इतने मस्त माल तुम्हारे सामने है और तुम लोग अपना लंड हिलाते ही रहोगे या कुछ करोगे भी, तभी सब माँ को घेर कर खड़े हो जाते है ऐसा मुझे लगता है आहटो से अकरम मुझे कहता है क्यो बेबी मज़ा आ रहा है, मैं बोलती हूँ कि आँख खोल दो तो मज़ा आए, 

अकरम “ओके थोड़ी देर के लिए खोल देता हूँ”, 

मैं “ओके मैं भी तो अपनी मोम जेसी की ठुकाई देखू”.

अकरम मेरी आँखें खोल देता है सामने मेरी मोम टेबल पर बैठी होती है, 3 लोग उनको घेर कर खड़े होते है मोम अस्त-व्यस्त ब्रा पैंटी मे टेबल पर होती है मोम के दोनो हाथों मे एक एक लंड होता है जिसे वो सहला रही होती है, तभी तीसरा बंदा मोम की ब्रा को खींच कर अलग कर देता है और उनके निप्पल्स को चुटकियों से पिंच करने लगता है, मोम का फेस देख कर लगता है कि उन्हे दर्द हो रहा है पर वो एहसास नही करा रही शायद अंदर ही अंदर दर्द का मज़ा ले रही थी, तभी उनमे से एक बंदा उनके पैर के पास आता है और उनकी पैंटी खींच कर उतारने की कोशिश करता है आगे की पैंटी फट कर उसके हाथ मे आ जाती है, वहाँ खड़े सब लोग हँसने लगते है फिर वो बंदा झुक कर मोम की चूत सूंघने लगता है फिर अपनी दो उंगलियाँ अंदर डालता है और अपनी जीभ उनकी चूत पर रख कर फिंगरिंग और चाटना एक साथ करता है, मोम की कमर टेबल पर थिरकने सी लगती है तभी बचे हुए दोनो बंदे अपना लंड उनके मूह के पास करते है मोम एक एक कर दोनो के लंड चुस्ती है नीचे वाला बंदा फिंगरिंग और सकिंग तेज़ कर देता है, मोम का नीचे का पार्ट काँपता हुआ दिखता है जिससे एहसास होता है कि मोम कितना एंजाय कर रही है.


मुझे मोम को इस तरह देख कर बहोत ज़्यादा एक्सिटमेंट हो रही थी, शायद इतना मुझे खूद के थूकने मे भी शायद ना हुआ हो तभी देखती हूँ कि मोम की कमर अकडने लगती है, इसका मतलब मोम झड रही होती है मोम की साँसे तेज़ हो जाती है उनके बिग बूब्स तेज़ी से उपर नीचे होने लगते है, उनकी थिंग्स पर उनका पानी टपकने लगता है, जिसे वो बंदा उनकी फटी हुई पैंटी से पोंछ कर सॉफ करता है, तभी उनमे से एक बंदा मोम की चूत के पास जाता है और अपना लंड उपर से रगड़ने लगता है, एक्सिटमेंट मे मोम के पैर थिरकने लगते है फिर वो बंदा अपना लंड मोम की चूत पर रखता है और एक ही झटके मे पूरा अंदर डाल देता है, मोम चीखती है आआआआहह (क्योकि वो दो मिंट पहले ही झड़ी होती है और उनकी चूत अंदर से पूरी गीली होती है) और शॉट लगाने लगता है फट फट फट फट फट उसके हर झटके से मोम आगे पीछे होने लगती है, और बोलती है उूउउफ्फ उूुुुुुुउउफफफफ्फ़ आआआहह आआअहह स्लॉववववववववव प्ल्ज़, फिर वो मोम की चूत मे पूरा लंड डाल कर रुक जाता है मोम अपने हिप्स को उपर उछाल-उछाल कर और अंदर लेने की कोशिश करती है, तभी वो अपना लंड निकाल कर मोम के पेट पर झड जाता है.



तभी तुरंत ही दूसरा बंदा मोम को हटा कर टेबल पर लेट जाता है और मोम को अपने उपर बैठाने को बोलता है मोम खूद उसका लंड अपनी चूत पर लगा कर नीचे को बैठने लगती है और खूद ब-खुद उपर नीचे होने लगती है, थोड़ी देर बाद मोम रुक जाती है शायद वो थक गयी होती है, तभी वो नीचे से ताबड-तोड़ झटके मारने लगता है उसकी स्पीड के कारण मोम के बूब्स उपर नीचे उछलने लगते है, तभी तीसरा बंदा दूसरे वाले बंदे हो रुकने को कहता है और अपना लंड मोम की गान्ड के छेद पर रखता है, मोम चिल्लाती है प्ल्ज़ वहाँ नही पर वो नही सुनता और अपना लंड गान्ड के छेद पे सरकाता है मोम चीखती है हययईीीई मररर्ररर गैिईईई और फिर वो दोनो अपना लंड धीरे-धीरे वन बाइ वन अंदर-बाहर करने लगते है, मों की चीखें बहोट तेज़ हो जाती है और वाहा सब लोग हंस कर एंजाय करने लगते है, तभी जिस बंदे का लंड मोम की चूत मे होता है वो निकाल लेता है और मोम के मूह मे ठूंस देता है मोम के मूह से गुन-गुन की आवाज़े निकलती है वो मोम के मूह मे ही झड जाता है, तभी अकरम मेरी आँखों पर पट्टी बांधता हुआ बोला है बहोत देख कर एंजाय कर लिया अब तेरा चुदने का टाइम है.

तभी वो बंदा जो मेरी मोम को चोद रहा होता है मोम को हमारे पास ले कर आता है और घोड़ी बनने को कहता है, मोम मेरे सामने ही घोड़ी बन जाती है, तभी अकरम मेरी आँखों पर फिर से पट्टी बांधता है मैं पूछती हूँ तो कहता है बस तू तो आँख बंद कर के एंजाय कर मैं कुछ नही बोलती, फिर बोलता है तो घोड़ी बन और इस साली को लिप किस कर, मैं मोम के जस्ट सामने जा कर घोड़ी बन जाती हूँ और उन्हे किस करती हूँ क्या खूबसूरत फीलिंग आती है अंदर से कि मैं मोम को किस कर रही हूँ और साथ मे ही चुदने जा रही हूँ, तभी मोम के मूह से चीख निकलती है और वो आगे को आ जाती है, मैं समझ जाती हूँ कि उस बंदे ने फिर से उसे पेल दिया, तभी अकरम पीछे से मेरी चूत पर अपना लंड टिकाता है और ज़ोर का झटका मारता है, मैं चिल्लाती हूँ ओह्ह्ह माँ मररर्र्र्र्रर्रगाइिईईईईईईई मोम शायद मेरी आवाज़ पहचान जाती है मेरे मूह से लगातार चीखें निकलती है एक्सिटमेंट मे मैं आआअहह आआअहह उूुुुुउउफफफफ्फ़ उफफफफ्फ़ फास्टर फास्टर हार्डर हार्डर फक मे फक मी फक मी हार्डर और फिर अपनी मोम के लिप्स पर किस करती हूँ, तभी अकरम मेरी आँख की पट्टी फिर से खोल देता है हम दोनो की ताबड तोड़ चुदाई हो रही होती है.

तभी धक्कों के कारण मोम की पट्टी ढीली हो कर खुल जाती है मोम शॉक्ड हो जाती है और वो बोलती है बेटी तुम, मैं तुरंत बात बदलती हूँ कि चुप कर और फिर मोम को आँख मारती हूँ वो फिर चुप हो जाती है, थोड़ी देर बाद वो दोनो झड जाते है और हम दोनो वही लेट कर रेस्ट करते है मेरी चूत से अकरम और मेरा रस बह रहा होता है, दोस्तो पढ़ते रहिए क्योकि कहानी अभी जारी रहेगी. कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे
 
फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों उठकर रूम में चले जाते हैं। वहां हमारे कपड़े टंगें हुए होते हैं। मोम मुझसे कुछ कहने को होती हैं, पर वो मुझसे आँखें नहीं मिला पा रही होती हैं। मैं उनका मुँह ऊपर करती हूँ, इशारे से उन्हें चुप रहने को कहती हूँ। हम ड्रेसअप होते हैं। मोम बिना पैंटी के अपनी ड्रेस पहनती हैं, क्योंकी उनकी पैंटी फट चुकी होती है। हम ड्रेसअप हो जाते हैं और अपना मेकप ठीक करते हैं। 

तभी अकरम आ जाता है और कहता है- “हाय हाटी…” 

मैं मुश्कुरा देती हूँ। 

अकरम मोम से- “कल का प्रोग्राम तो याद है ना?” 

मोम- “नहीं, कल मैं नहीं जा पाऊँगी…” 

तभी मैं बोल पड़ती हूँ- “आप चिंता मत करो, हम चले जाएंगे…” 

मोम मुझे गुस्से से घुरती हैं। मैं फिर से उनको आँख मारती हूँ। 

अकरम- “यार, एक चीज समझ में नहीं आ रही है? तुम दोनों दिखती एक जैसी हो, फिगर भी एक जैसी है, और चुदवाती भी दोनों मस्ती से हो, ये चक्कर क्या है?”

मैं- “कभी-कभी हो जाता है की एक जैसे लोग मिल जाते हैं। हाँ वैसे कल का प्रोग्राम हमें शाम तक बता देना। मेरी अक्टिवा बाहर खड़ी है, मैं काफी थक गई हूँ। मैं इनके साथ चली जाऊँगी ये मुझे ड्राप कर देंगी…” 

अकरम- “ओके, शाम को बात करता हूँ बाइ…” 

फिर हम वहाँ से बाहर आ जाते हैं, और मैं मोम के साथ कार में बैठ जाती हूँ। मोम मुझसे आँखें नहीं मिलाती हैं। मैंने कहा- “मोम क्या बात है, आप मुझसे बात क्यों नहीं कर रही?” 

मोम अचानक से रोने लगती हैं। 

और मैं उन्हें चुप कराती हूँ- “मोम क्यों परेशान हो आप इतना?” 

मोम रोते हुए- “आज तूने मुझे इस तरह से देखा, मैं तो शर्म से पानी-पानी हुई जा रही हूँ…” 

मैं- “तो क्या हुआ मोम? हम औरतें हैं, हमारी भी कुछ जरूरतें होती हैं, और क्या हुआ अगर हमने कुछ ऐसा कर लिया तो? लाइफ ही तो एंजाय कर रहे हैं हम, अब आप चुप हो जाओ…” 

मोम- “पर बेटा, ये अच्छे लोग नहीं है…” 

मैंने आँख मारते हुए कहा- “मोम मैं जानती हूँ। पर जब हम इनके चंगुल में आ ही गये हैं तो देखा जाएगा। बस लाइफ को एंजाय करो देखा जाएगा सब…” 

मोम हँस देती है और मुझसे पूछती हैं- “तू यहां तक कैसे पहुँची?” 

और मैं शुरू से उन्हें सब बताती हूँ। और हाँ इसने मुझे एक सी॰डी॰ दी थी जिसमें आपका सारा सेक्स रेकार्डेड था…”

मोम- “इसका मतलब… तुम जानती थी की मैं यहां आई हुई हूँ…” 

मैं- “हाँ मोम… और मुझे तो ये भी पता है की कल रात आपने सफारी में आदित्य के दोस्तों के साथ क्या-क्या किया था?” 

मोम चकित हो गई। 

मैं- “पर आप चिंता मत करो मोम, एंजाय करो और कल हम दोनों चलेंगे उन शेखों के पास…” 

मोम- “पर बेटा?” 

मैं उनकी चूचियों को दबाते हुये- “पर वर कुछ नहीं, अब तो शर्माना छोड़ो मुझसे…” फिर हम घर पहुँच जाते हैं। 

भाई- “हाय मोम, हाय सिस…” 

मोम- “हाय बेटा…” 

मैं- “हाय भाई…” 

भाई- “आप लोग कहां गये हुए थे? और काफी थके हुए लग रहे हो…” 

मैं- “हम एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, मुश्लिमों की बस्ती में जिंदगी सुधार का, वहीं गये थे इसलिए काफी थके हुए हैं…” 

भाई- “ओके मोम, मैं अपने दोस्तों के साथ जा रहा हूँ। रात को घर नहीं आऊँगा…” 

मोम- “ओके…” 

मैं- “मोम, मैं आज आपके साथ सोती हूँ…” 

मोम- “ठीक है बेटा…” 

मैं- “मोम सच बताओ एक बात?” 

मोम- “क्या?” 

मैं- “आप अकरम के यहां कैसे पहुँची? और आप अपनी लाइफ को एंजाय कर रहे हो की नहीं?” 

मोम- “हुआ ये था बेटा की जब तेरे डैड दुबई गये हुए थे, तब अकरम से उन्हें काफी पैसे लेने थे। तब तेरे डैड का सारा काम यहां मैं देखती थी। वो पेमेंट नहीं कर रहा था। एक बार मैंने काल की तो उसने मुझे पेमेंट लेने क्लब बुलाया। मैं तब नहीं जानती थी उसके बारे में कुछ। जब मैं वहाँ गई तो वहां बहुत लोग थे। वो मुझे अंदर रूम में ले गया और मेरी चुदाई की वहां पर। खिड़की से बहुत लोगों ने देखा और लौटते समय उसने मुझे पेमेंट कर दी। फिर वो मुझे अक्सर वहाँ बुलाता था। फिर कुछ दिन बाद मुझे भी अच्छा लगने लगा वहां…” 

मैं- “कोई बात नहीं मोम, जो हुआ सो हुआ। ये बात हमारे बीच ही रहेगी हमेशा…” 

मोम- “थैंक्स, और कल फिर उसने मुझे किसी शेख के पास भेजना है…” 

मैं बात काटते हुए- “सिर्फ आपको नहीं हमें…” 

मोम- “पर बेटा, मैं नहीं चाहती की तू वहां जाए, पता नहीं कैसे होंगे वो लोग?” 

मैं- “देखा जाएगा। आप भी तो जा रही हो ना, जो होगा वो मिलकर देखेंगे…” 

हम बात कर रहे होते हैं तभी अकरम की काल आती है। 

मैं- “हेलो…” 

अकरम- “हेलो जान, तुम्हें कल का प्लान बताना है…” 

मैं- “हाँ बोलिए… और सुनिए, वो जो आंटी आज आई थीं, उन्हें भी इसी काल पर ले लीजिए हम दोनों मिलकर समझ लेंगे…” 

अकरम मोम को कान्फ्रेंस पर ले लेता है। 

मोम- “हेलो…” 

अकरम- “सुनो, थोड़ी देर में तुम्हारे घर एक लड़का आएगा एक बैग लेकर, उसमें तुम्हारी और उस लड़की की ड्रेसेस हैं। कल सुबह 11:30 बजे तक तैयार हो जाना। मैं लेने आऊँगा तुम दोनों को, और उस लड़की को भी अपने घर ही बुला लेना और अच्छे से तैयार होकर आना…”

अकरम- “सुनो, थोड़ी देर में तुम्हारे घर एक लड़का आएगा एक बैग लेकर, उसमें तुम्हारी और उस लड़की की ड्रेसेस हैं। कल सुबह 11:30 बजे तक तैयार हो जाना। मैं लेने आऊँगा तुम दोनों को, और उस लड़की को भी अपने घर ही बुला लेना और अच्छे से तैयार होकर आना…” 

मोम- “ओके…” 

मैं- “ओके…” 

30 मिनट बाद घर की कालबेल बजती है, मोम उठकर दरवाजा खोलती हैं। एक लड़का मोम के हाथ में एक बैग देकर चला जाता है। मोम वो बैग लेकर बेडरूम में आती हैं। 

मैं- “मोम कौन था, और इस बैग में क्या है?” 

मोम- “पता नहीं अकरम ने भेजा है…” 

मैं- “ओके। खोलो, देखें क्या है?” 

मोम बैग खोलती हैं, उसमें ड्रेसेस होती हैं। एक ब्लैक और रेड पारदर्शी, दूसरी ब्लैक और सिल्वर और दो ब्लाउज़ होते हैं एक ब्लैक और दूसरा रेड, दोनों ब्लाउज़ बहुत छोटे होते हैं ब्रा की तरह। उसमें महज 3 डोरियां होती हैं, दो बैक साइड में, एक कंधे पर, और दो पैंटी होती हैं, उसमें भी डोरी से ही बांधा जाता है और भी उसमें ड्रेस होती है। मुझे समझ में नहीं आता तो मैं मोम से पूछती हूँ। 

मोम खोलकर देखती हैं, वो मुश्लिम ड्रेस बुर्क़ा होता है, उसके साथ चेहरे पर बांधने वाला ब्लैक स्कार्फ भी होता है, जो मुश्लिम औरतें पहनती हैं। हमें समझ में नहीं आता क्यों भेजा है? 
 
Back
Top