Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा - Page 4 - SexBaba
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Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा

अरुन सरला के लिये ऑरेंज सूट और मैचिंग की ब्रा पेंटी निकल कर बेड पर रख देता है।
ओर सरला के बाहर आने का इंतज़ार करता है।

सरला अंदर से
वरून मेरे कपडे दो।

अरुण; बाहर आ के पहन लो।
सरला: प्लीस दो ना मैं एक दम
अरुण: क्या एक दम।
सरला: नंगी हू।
अरुण: तो क्या हुआ वो तो एक दिन होना ही है।
सरला: होना है पक्का होना है पर हनीमून पे ।
अरुण: मतलब।
सरला: मैं फिर से तेरे साथ हनीमून पे जाना चाहती हू।
लेके जायेगा ना।
जहां सिर्फ मैं और तू और कोई न हो और जहाँ तू मेरी ले।
और बात अधुरी छोड़ देति है।
अरून सरला को कपडे दे देता है
और सरला पहन कर बाहर आ जाती है।
अरून सरला को देखता है।
सरला: क्या हुआ ।
अरुण: आई लव यू जान।
सरला: लव यू टू जानू।
सरला: जाओ नहा लो फिर चलते है जहा कोई आता जाता न हो।
जहां तुम ले सको आराम से।
अरुण: क्या
सरला: वही
अरुण: बोलो माँ
सरला: मेरी।
अरुण: हाँ
सरला; मेरी कछी।
और जोर से हँस देति है और बोलति है बाथरूम में मेरी कच्छी और ब्रा पड़ी है उसे धो देना ।
और अरुन बाथरूम में चला जाता है।
तभी गेट खोलता है ।
क्या हुआ अरुण।
माँ आप की अमानत ।
सरला उसके हाथ में देखति है
अरुन के हाथ में व्हिस्पर था जो वो युज करना भूल गई थी।
अरुण: मैं लगा दूँ।
सरला: कच्छी उतारनी पडेगी।
अरुण: तो उतार दो ।
सरला: फिर कभी मुझे दे दो मैं लगा लुंगी।
और पैड़ उसके हाथ से ले लेती है।

अरुन नहा कर बाहर आता है ।
सरला उसका वेट कर रही होती है रेडी हो कर।

अरुन क्या हुआ।
सरला: कुछ नहीं
अरुन तैयार होता है और दोनों बाहर चले जाते है सोनिया को बता कर।

सरला: अब कहाँ चलना है।
अरुण: पहले अच्छा सा लंच करेंगे।
सरला: हाँ और कुछ सोचने लगती है।
अरुण: क्या सोच रही हो मोम
सरल: यही हमारा रिलेशन लंच पे जाने से ही सुरु हुआ था।
इस लिए लंच करते रहना चाहिये।

और दोनों रेस्टोरेंट में पहुच जाते है।
दोनो अपनी पसंद का लंच करते है ।
और मार्किट में निकल जाते है।

और मार्किट में घूम कर अरुन अपनी माँ को सब से बेस्ट ड्रेस दिलाता है जरी वाला लोंग कुर्ता पैन्ट्स और हाई हील सैंडल और एक प्यारी सी पुश-ूअप ब्रा और एक थोंग जो की एक पेंटी के डिज़ाइन जा नाम है।
सर्ला अरुन की पेंटी और ब्रा की सैलेक्शन से इम्प्रेस्सेड होती है। एक से एक नै डेसिगं।
मार्केट से फ्री हो कर-
सरला: अब कहाँ चले ।
अरुण: घर ।

सरला: मुझे अभी नहीं जाना।
पुरा दिन तुम्हारे साथ अकेले रहना है।
अरुण: सरला का हाथ पकड़ कर चलो।

और सरला अरुन के साथ चल देती है।
अरून ऑटो रोकता है और एक होटल में चलने के लिए बोलता है।
सरला: हूँ कहाँ जा रहे है
अरुण: होटल।
सरला; क्यु
अरुण: वहां पर सिर्फ मैं और आप।
सरला: खुश हो जाती है हम तुम कुछ घंटे अकेले तो होंगे।

होटल पहुच कर रिसेप्शन पर
अरून रूम बुक करता है । रिशेसप्शन
सर आप का नाम।
अरुण: मिस्टर एंड मिसेज अरुन ।
सरला: अरुन को देखति है पर बोलति कुछ नही।
रिशेप्शन रूम सर्विस को बुलाती है और
रूम में छोड़ने के लिए बोलती है।

रूम में आने के बाद
सरला सब से पहले अरुन को अपनी बाँहों में लेती है।
अरुण: क्या हुआ मोम।
सरला; रजिस्टर में क्या लिखवाया।
मै तेरी बीवी हू।
अरुण: सरला के ऑंखों में देखते हुए
नही हो।
सरला: मैं अब तेरी बीवी हूँ तेरे पापा की भी नही।
अरून मुझे मेरे पति का प्यार चाहिये।
पुरा का पूरा ।
आ: सर्ला के लिप्स पे अपने लिप्स रख देता है
ओर दोनों किस करने लगते है
जैसे कल हो ना हो।
पुरी बेरहमी के साथ और अरुन के हाथ सरला अपनी गाण्ड पे महसूस करती है पर कुछ बोलती नहीं है।

और अरुन उनको कस २ भीचने लगता है और सरला अरुन के लिप्स को काटने लगती है।
तभी सरला को अपने पेट पर कुछ चुभता है
और बहुत बड़ा उसके पति से बहुत बडा।
वो अलग ही जाती है
अरुण: क्या हुआ।
सरला: कुछ नहीं
अरुण: फिर
सरला: मुझे देखना है।
अरुण: क्या
सरला: वही
अरुण: क्या
सरला::जो मेरे पेट पे चुभ रहा था।
अरून अन्जान बनते हुए
क्या चुभ रहा था।
सरला: अरुन को घुरते हुए।
तेरा लंड ।
 
अरुन अपनी माँ के मुह से ये शब्द सुन कर:
पर माँ आप ने कहा था की आप हनीमून पे जाना चाहती है।
सरला: तो मैं कौन सा तुझे डालने के लिए बोल रही हु
मुझे देखना है बस।

अरुण: ओके जिसे देखना है अपने आप देख ले।
सरला: अरुन के सामने घुटनो पर बैठ जाती है और अरुन का पेंट खोलती है और उतार देती है और उसका अंडरवियर की इलास्टिक में ऊँगली फंसा कर लम्बी साँस ले कर निचे कर देती है।
उसका अनुमान सही निकला अरुन का लंड उसके पापा से डबल था लम्बाई और मोटाई में।
सरला पहली बार सिर्फ उसे आंखे फाड़ कर देखती रहती है।
कुछ करती नही।
उसके मन में सिर्फ ये चल रहा था की इसे लेगी कैसे।
अरुण: क्या हुआ माँ
अच्छा नहीं है क्या।
सरला: बापस अंडरवियर उपर करते हुए ।
बहुत अच्छा है पर अभी टाइम नहीं आया
अरुण: माँ मैंने तो पहले ही याद दिलाया था।
सरला: तू नहीं समझेग।
और उठ जाती है।
अरुण: माँ बोलो न क्या हुआ।
सरला: कुछ नहीं
बहुत प्यारा है
मेरी जान का जो है।

सरला मन ही मन मन तू नहीं समझेगा मैंने हनीमून के लिए कुछ सोचा था पर अरुन के साइज को देख कर सरला को डर लग रहा था पर बुद्बुदाते हुए करना तो पड़ेगा चाहे जो भी हो।

आगे देखते है सरला ने ऐसा क्या सोचा था।

अरुन सरला को अपनी बाहो में लेता है।
अरुण ; माँ
सरला: हाँ
अरुण: और कितना इंतज़ार ।
सरला: हमारे हनीमून तक।
अरुण: और वो कब है।
सरला: जब तू बोलेगा।
अरुण: आज
सरला: नहीं
अरुण; क्यु
सरला: जानू पता है न पीरियड्स चल रहे है।
अरुण: मेरी फुटी किस्मत।
सरला: मैं तेरी बाँहों हु इसलिये।
अरुण; नही माँ आप की आज नहीं मिलेगी इसलिये।
सरला: क्या नहीं मिलेगा ।
अरुण: वो ओ
सरला: बोल न क्या चाहिये।
अरुण : वा वो। आप की
सरला: जान बोल न मेरी।
अरुण: आप की चूत।
सरला: शरमा जाती है और अरुन के सिने में चेहरा छुपा लेती है ।
और फिर अरुन के कान के पास आ कर
जबरदस्त स्टाइल में:
" मिलेगी वो भी मिलेगी जिस तरह मैं मिली हू""
और हँस देती है।
अरुण: सरला के चेहरे को हाथ पकड़ कर उपर उठाता है और उस के होंठो को किस करने लगता है और
सरला उसका पूरा साथ देती है।वह अपनी माँ के होंठो को रसमलाई की तरह चूस और चाट रहा है।
पर कहीं न कहीं उसके मन में डर भी था।
तभी सरला की फ़ोन की घण्टी बजती है।

सरला अरुन से अलग हो कर कॉल पिक्क करती है
काल सोनिया की थी ।
सरला: हाँ दी।
सोनिया: कहा हो तुम दोनों काफी टाइम हो गया।
सरला: हाँ दी अभी आ रहे है थोड़ी देर में।
सोनिया : जल्दी आओ।
और कॉल डिसकनेक्ट कर देती है।
सरला: अरुन घर जाना होगा दी की कॉल आई है।
अरुण: सामान उठाता है और सरला जा हाथ पकड़ कर चल देता है।
सरला; कुछ बोलोगे नहीं ।
अरुण: माँ आप ने बोल दिया वही होगा
सरला: मेरी जान इतना प्यार करते है मुझसे।
अरुण: अभी दिखाऊ या बाद में।
सरला: दिखाने की ज़रूरत नहीं मुझे पता है तू कितना प्यार करता है।

और दोनों घर पहुच जाते है।
और सरला अपनी ड्रेस दिखाती है
सब को बहुत पसंद आती है।
और सब खाना खा कर अपने २ काम में लग जाते है।
पर सरला का मन नहीं लग रहा था।वो अरुन के साथ अकेले वक़्त गुजरना चाहती थी।अब उससे अरुन से एक पल की दूरी भी बरदास्त नहीं हो रही थी।उसकी ऑंखों के सामने अरुन का लम्बा और मोटा लंड घुम रहा था। इधर सोनु अरुन को फिर अपने साथ कुछ काम से साथ ले गया।
और वो मना नहीं कर पाया।
जब ३ घंटे हो गये हुए हुए तो उससे और बरदास्त नहीं हुआ।और अपने रूम में जाकर अरुण को कॉल करती है।
सरला: कहा हो अरुण।
अरुण: वो माँ आप को पता है सोनु के साथ हू।
सरला: कितना टाइम हो गया तुझे गये हुए।
अरुण; माँ वो ३ घंटे के आस पास ।
सरला: फिर तुझे नहीं लगता की अब तुझे मेरे पास होना चहिये।
अरुण; वो माँ सोनु अभी कुछ और काम है कह रहा है २ घंटे और लग जाएंगे।
सरला: कुछ बोले बिना कॉल डिसकनेक्ट कर देती है
और फुट फुट कर रोने लगती है सब मरद एक तरह के होते है।सब को सिर्फ अपनी ख़ुशी से मतलब होता है औरत को कब क्या चाहिए किसी को कोई मतलब नहीं और ऐसे ही रोती रहती है।
उसकी जब आँख लग जाती है उसे पता नहीं लगता
तभी उसे लगता है कोई उसे आवाज़ दे रहा है।वो अपनी आंखे खोलती है ।
सामने अरुन खड़ा था ।
अरुण: माँ उठो ८ बज रहे है मौसी निचे बुला रही है ।
खाना खाने के लिए और बोल गई है फिर ९ बजे से गाने वगैरा का प्रोग्राम है।
सरला: अरुन को गुस्से में देखती है ।
अरुन सरला से कुछ कहना चाहता है पर वो कुछ नहीं सुनती और निचे चलि जाती है।और अरुण भी पीछे २ निचे आ जाता है।
सोनिया: क्या हुआ सरला तबीयत कैसी है ।
सरला: ठीक है दी बस थोड़ा सर भारी ही रहा है।
सोनिया: मुझे तो पता नहीं था तेरी तबीयत ख़राब है वो तो अरुन ने बताया जब ये बाहर से आया ४ बजे तुम्हे तुम्हारी मांगी हुए चिजे दिखाने गया । उसने निचे आ कर बताया की तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है और तुम कुछ देर आराम करना चाहती हो।
 
सरला मन ही मन मतलब अरुन ४ बजे लौट आया था और मैं गहरी नींद में थी इस लिए इसने मुझे नहीं जगाया।और निचे आ कर झूठ बोल दिया।
अब सरला अरुन को देखते हुए मतलब अरुन मेरी कॉल डिसकनेक्ट करने के १५ मिनट बाद ही बापिस आ गया था ।

सोनिया: अरे सरला क्या सोच रही है
सरला: कुछ नहीं दी।

सोनिया अरुन से-
अरून जो सामान तेरी मम्मी ने तुझसे मंगाया था वो दिखा दिया सरला को।
अरुण; नहीं मौसी अभी नही।
सरला: अरुन की देखते हुए मैने कौन सा सामान मँगाया था।
सोनिया: क्या सोच रही है सरला।
मैने तुम्हे कॉल करके बुला लिया था और तुम्हारी शॉपिंग अधुरी रह गई थी वो सामान अरुन लेके आया है।
सरला: अच्छा अच्छा दी मैं भूल गई थी।
पर अभी भी वो कन्फ्यूज्ड थी कौन सा समान।
पर अभी कुछ नहीं कर सकती थी ।
और सुब मिल कर खाना खाते है
खाने के बाद सोनिया सरला से।
जा चेंज कर ले लेडीज आने वाली होंगी गीतों के लिये।
ओके दी और उप्पर आ जाती है और उप्पर आ कर अरुन को आवाज़ देती है।अरून उप्पर आता है।

सरला अरुन को अंदर बुलाती है और दरवाजा बंद कर देती है।

सरला अरुन से-
कौन सा सामान अरुन मैंने मँगाया था।
अरुण: कुछ नही।
सरला: बोल अरुण।

अरुन टेबल पर रखी पॉलीबाग उठाता है।
उसे सरला को देता है।सरला पॉलीबैग को खोलते हुए
उस में एक नेक्लेस कमर के लिए वैस्ट चैन पायल,
परफूम,बालों के लिए हेयर क्लिप और भी छोटे मोटे सामान थे।

सरला अरुन को देखते हुए ये सब क्या है।
अरुण: वो माँ कपडे तो ले लिए थे और एक्सेसरीज रह गई थी।

बस कपडे के हिसाब के मैचिंग की ज्वेलरी है।
और सोनु मुझे नहीं ले गया था मैंने ही कहा था उसको
साथ चलने के लिये। सरला अरुन को देखते हुए।वो क्या समझ रही थी और अरुन उसी के लिए बाहर गया था।अब सरला पछता रही थी
सरला: सॉरी अरुण
अरुण: क्यों मोम।
सरला: मुझे लगा तू सोनु के साथ गया है और तू मेरे बिना रह सकता है।
अरुण; माँ मैं तुम्हारे बीना नहीं रह सकता।
और जब से आप मेरी बीवी बनके मेरे जीवन में आई हो मैं आप के बिना एक पल भी नहीं रह सकता।
सरला अरुन को बाँहों मैं भर कर गले लगा लेती है
और उसका चेहरा चुबंनो से भर देती है।
वरून भी बेतहासा सरला के चुबंनो का जवाब देता है
और दोनों बेड पर लेट जाते है।
और धीरे २ अरुन सरला के ब्लाउज को उपर कर के उसके बूब्स को बाहर निकाल कर पागलो की तरह चुस्ने लगता है और सरला अरुन को अपने सिने की तरफ उसका सर दबाने लगती है और दोनों भूल जाते है की निचे भी जाना है।
सरला अरुण को अपने से अलग करती है और उसकी ऑंखों में देखती है।उसे वहां उसके लिए ढेर सारा प्यार दीखता है।
अरून भी उसके बूब्स पर झुकता है।
सरला उसके सर को पकड़ लेती है और कहती है।
शांत हो जा मेरे शेर मुझे पता है तुझे १घण्टा दे दूँ तो मुझे कच्चा खा जाएगा।
मै भी तेरा शिकार बनना चाहती हूँ पर ये सही जगह और सही वक़्त नहीं है।
अरुण: और कितना इंतज़ार माँ
सरला: कुछ दिन और।
अरुण: माँ मुझे अपना जनम स्थान देखना है।
सरला: कब
अरुण: अभी
सरला: क्या करेंगा।
अरुण: उसे प्यार करुँगा ।
सरला: कैसे ।
अरुण: वो आप मुझ पर छोड़ दो।
सरला: मैं भी चाहती हूँ अरुन पर मुझे डर लग रहा है।
अरुण: क्यु।
सरला: वो तेरा बहुत बड़ा है।
अरुण: क्या मा।
सरला: तेरा हथियार।
अरुण: कौन सा माँ मेरे पास तो कोई नहीं है।
सरला: तेरे पास ही तो है ऐसा हथियार तो तेरे पापा के पास भी नहीं है।
अरुण: कौन सा माँ।
सरला: वही को तेरी फ़्रांची में छुपा है।
अरुण: माँ।
सरला: हा
अरुण: आप को कैसे लगा।
क्या मैं आप को खुश कर पाउँगा।
सरला: खुश नहीं तूने तो मुझे अभी से पागल कर दिया है।जब तू मुझे प्यार करेगा तो मेरा क्या होगा ।
अरूज़: सरला की साड़ी उपर करने लगता है।

सरला: रुकोगे नही।
अरुण: नहीं अब कण्ट्रोल नहीं होता।
सरला:अरुण का चेहरा हाथ में लेते हुए।
थोड़ा कण्ट्रोल कर लो मेरी जान
अरुण: प्लीस मोम।
सरला: ये मैं हमारी सुहागरात के लिए छुपा कर रखी है।
अरुण: वो कब है।
सरला: बस ये शादी पूरी हो जाये फिर तुम मुझे जब चाहो जहा चाहो जैसे चाहो बजा लेना ।

और उसका चेहरा अपने बूब्स पर झुका लेती है और अरुन सरला के बूब्स को बेहरमी से चूसने लगता है
और दोनों अपने हनीमून के सपने में खो जाते है।

तभी उनके दरवाजे पर दस्तक होती है।
बाहर साक्षी थी मौसी निचे आओ संगीत सुरु हो गया है। सब आप का वेट कर रहे है।सरला अरुन को अपने से अलग करती है।और दोनों का मूड ख़राब हो जाता है।
आई साक्षी १५ मिनट्स में तुम चलो मैं आती हू।
सरला अरुन से।
जान क्या पहनू।
अरुण: कुछ नही।
सरला: जानू वो तुम्हारे सामने के लिए है मैं निचे की बात कर रही हू।
और अरुन उसको सूट पहनने के लिए बोलता है।
और सरला अरुन के सामने ही चेंज करने लगती है
अरून उसके पास से जाने की सोचता है।
सरला: उसे वहीँ रोक देती है ।
अरुण प्लीज मम्मी एक बार नंगी हो जाओ।
सरल-नहीं अरुन देर हो जायेगी।
 
रात को पक्का।
और अपने सारे कपडे उतार देती है सिर्फ पेंटी को छोड़ कर।
अरुण: इसे भी उतारो।
सरला: अपनी पेंटी की इलास्टिक में हाथ डालती है फिर रुक जाती है।
अरुण: क्या हुआ ।
सरला उसे जीभ दिखा कर कपडे समेट कर बाथरूम में भाग जाती है।
और अरुन सरला के बाहर आने का इंतज़ार करता है।
और जब सरला बाहर आती है तो अरुन उसे पकड़ने की कोशिश करता है।
पर सरला कुछ परेशान सी लगती है।

अरुन सरला को देख कर
क्या हुआ मा।
कुछ नहीं
अरुण: बोलो ना।
और सरला मेक अप करती रही।
अरुण: माँ आप के पीरियड्स चल रहे है ना।
पेन तो नहीं हो रहा।
सरला: नहीं पता नहीं क्या हुआ।
और गेट के पास पहुच कर।
अरुन को जीभ दिखा कर।
सरल:मुझे पता था मैं बाथरूम से बाहर आउंगी तो तू मुझे छेड़ेगा इस लिए नाटक किया।
अरून :माँ
सरला का हाथ पकड़ कर
उसकी ऑंखों मैं ऑंसू आ गये।
अरुण: आज किया आगे से मत करना ।
पता है मैं कितना डर गया था।
आप जानते हो आप मना कर दो तो मैं कुछ भी नहीं करुँगा।

सरला अरुन की आँखों मैं ऑंसू देख कर।
पागल है क्या ।क्यूं रो रहा है
कभी ऐसा नहीं करुँगी मेरी जान
और गेट बंद कर के अपना सूट उतारने लगी ।
लो मेरी जान जो करना है करो।
अरुण; उसका हाथ पकड़ कर रोकते हुए।
माँ आप जाओ आने वाला टाइम हमारा है मैं जब चाहूँ
आप की ले सकता हू।
हैं ना।
सरला: हाँ मेरे रजा
अरुण: निचे जाओ वरना मौसी कहेंगी जब से आये है या तो रूम में या बाजार में ही रही है।
सरला: पक्का नाराज तो नहीं न।
अरुण: नहीं जान अब फटाफट एक किस दो अपने हब्बी को।
सरला: अरुन को बाँहों में लेते हुए ।
आज मेरा बच्चा ले ले किस कहा की लेगा।
अरुण: आप की मर्जी ।
सरला: क्या हुआ बोल न कहा की लेगा
आ: आप दे दो जहाँ देनी है।
स: आगे बढ़ती है तभी सोनु आ जाता है मौसी चलो।
सरला अरुन को देखते हुए चलो और निचे चली जाती है।

अरुन वही बेड पर लेट जाता है।
निचे सरला का मन नहीं लगता।

और अरुन का इंतज़ार करती है।थोड़ी देर में अरुन निचे आ जाता है।और रूम में बेठ जाता है।
सरला उसको संगीत में देखती रहती है।
और अरुन उसको सब की नज़रों से बच कर फ्लाइंग किस करता है ।सरला शरमा जाती है।
इसी तरह दोनों एक दूसरे में खोये हुए थे तभी कहानी की नई करैक्टर की एंट्री होती है।नीतु जो है
नीतु सरला की बेटी और अरुन की बहन ।
उसको देख कर सरला और अरुन उसको रिसीव करने जाते है ।नीतु अपने पति रवि के साथ आई थी।

सरला नीतू को गले लगाते हुए।
उसके बाद अरुन नीतू को गले लगाता है।
क्यूं की वो दोनों हम उम्र थे क्यों की दोनों जुड़वाँ थे सिर्फ 1 मिनट का फ़र्क़ था।
वहाँ सोनिया भी आ गई और दोनों को अंदर ले कर आ गई।और काफी देर सभी बातें करते रहे।
नीतु: मैंने तो बोल दिया रवि से मुझे साक्षी की शादी में पहले से जाना है क्यों की मेरी वेडिंग में ये पहले से आयी थी और मेरी काफी हेल्प की थी।
रावी : हाँ तो मैं भी तो ले आया।

इसी तरह बात करते और खाना खाते ११बज गये
ओर सोने की तैयारी।

सोनिया: सरला रवि और नीतू तुम्हारे रूम में आ जाएंगे
सरला हाँ हाँ क्यों नही।

पर उसका दिल उदास हो गया क्यों की वो कुछ टाइम अरुन के साथ अकेले गुज़रना चाहती थी पर अब नीतू के आने से कुछ भी नहीं हो पाएगा।
पर कर क्या सकते है ।
और चारों उपर आ गये।

और थोड़ी देर में सब ने चेंज कर लिया।

सरला को अरुण के साथ सोना था वो दिमाग लगाती है।

सरला: हम चारों एक बेड पे सो नहीं पायेंगे।
नीतु: फिर ।
सरला: ऐसा करते है निचे फर्श पर बिछौंना बिछा लेते है
क्यूं अरुन ।
अरुण: आप दोनों देख लो।
नीतु : हाँ माँ ये ठीक है।
और दोनों माँ बेटी निचे फर्श पर सेटिंग कर लेती है
और सेटिंग ऐसे हुई जैसी सरला चाहती थी।
पहले अरुन फिर सरला फिर नीतू और फिर रवि।
दोनो माँ बेटे साथ लेते थे।
और फिर चारों आपस में बात करते रहे ।
पर सरला और अरुन का मन एक दूसरे में था।

सरला; चलो नीतू सो जाओ थक गये होगी सो जाओ
अरून लाइट बंद कर दो।
अरून उठता है तभी साक्षी और सोनिया आ जाती है
और सरला और अरुन के मिलन में फिर इंतज़ार आ जाता है।
 
रात ऐसे ही गुजर जाती है ।
अगली सुबह

सरला और सारी लेडीज जग जाती है ।
और सोनिया सब को निचे ले जाती है ।
और चाय बगेरा बना कर।
सोनिया: सोनु जा अरुन और रवि को बुला ला।
सोनु: माँ मुझे बाहर जाना है।
सरला: कोई बात नहीं मैं बुला लाती हू।
और उप्पर चली जाती है ।

उपर रवि वाशरूम में था
और अरुन लेटा हुआ सेलिंग फैन को देख रहा था
शायद अपनी किस्मत के बारे में सोच रहा रहा था।

सरला: अरुन गुड मॉर्निंग बेटा
अरुण: सरला को देख कर गुड मॉर्निंग मोम।
सरला: क्या सोच रहा है मेरा बेटा।
अरुण: कुछ नहीं मोम
सरला: कुछ तो ।अच्छा रवि कब गये बाथरूम।
अरुण: अभी गए है।

और सरला जल्दी से दरवाजा बंद करती है
और भाग कर अरुन के लिप्स पर किस कर देती है।

अरुन सरला को देखते हुए
सरला: सॉरी अरुन ये सब मेरी वजह से हो रहा है।
न मैं शादी में जल्दी आने की ज़िद करती और न मेरे बेटे को मुझ से दुर रहना पड़ता ।
अरुण: सरला को देखते हुए माँ ऐसा कुछ नहीं है मैं तो सिर्फ आप की ख़ुशी चाहता हू।अगर आप यहाँ सब के साथ खुश है तो मैं भी खुश हू।

सरला:नहीं मैं खुश नहीं हू।अब मुझे तो ख़ुशी सिर्फ तेरे साथ तेरी बाँहों में मिलति है।

अरुन सरला की ऑंखों में देखता है।
सरला: ऐसे क्या देख रहा है।
मै सच बोल रही हु । मुझे यहाँ से ले चल मुझे नहीं अटेंड करनी शादी।
अरुन: ऐसे नहीं कहते माँ ।
हम साथ तो हैं न।सिर्फ फिजिकल नहीं हो पा रहा।
कोई बात नहीं वैसे भी आप के पीरियड्स चल रहे है।
सरला: अरुन को देखते हुए।तूझे कोई प्रॉब्लम नहीं न।
अरुण: नहीं माँ मेरा आप के साथ रहना जरुरी है न की फिजिकल होना ।वो तो हम कभी भी हो सकते है अगर आप चाहे तो।
सरला अरुन की समझदारी पे बहुत खुश होती है।
तभी रवि बाथरूम से बाहर आ जाता है।
सरला: रवि मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी नीचे चलो ।
सब तुम्हारा चाय पर वेट कर रहे है।
और तीनो निचे आ जाते है।
सोनिया; काफी टाइम लगा दिया सरला।
सरला: वो रवि फ्रेश होने गया था।।
ओह कोई बात नहीं ।
और सभी ब्रेकफास्ट करते है।
नास्ता करने के बाद
सब अपने २ काम में लग जाते है।
पर सरला और अरुन का ध्यान एक दूसरे पे ही था ।

पुरा दिन ऐसे ही निकल गया अरुन और सरला को टाइम नहीं मिला अकेले मिलने का और रात की वही संगीत का प्रोग्राम और नीतू के आने से सरला अरुन से बिलकुल भी नहीं मिल पा रही थी।
शाम होते २ सरला का मूड इतना ख़राब हो गया।
और मौका देख कर उसने मोबाइल निकाला और अरुन की मैसेज किया।
"" अरुन मुझे यहाँ से निकालो मुझ से और दूरी बरदास्त नहीं होती मुझे तुम्हारे साथ अकेले में टाइम स्पेंड करना है प्लीस कुछ करो अपनी जान के लिये।
ओर सेंड कर देती है।
कुछ देर बाद अरुन का मेसेज।

"" जान परेशान मत हो मैं कुछ करता हूँ ""
मैसेज पढ़ कर सरला को सुकून मिला।
सरला सोच रही थी ऐसे ही जब उसकी नई २ शादी हुई थी तब भी ये सारी सिचुएशन आई थी तब जब उसने रमेश से ये बात बोली थी तो उसने उसे डाँटा था और एक उसका बेटा है जीसे अभी कुछ भी नहीं दिया मैंने और वो मेरी हर बात मानने लगा है ।
तभी अरुन आया।

माँ जाओ रेडी होकर आओ।
सरला:पर हम जा कहा रहे है।
अरुण: क्या आपको मुझ से ये बात पुछनी चाहिये।।
सरला: सॉरी बेटा
पर क्या पहनू ये तो पूछ सकती हूँ ।
और आँख मार दी।
अरुण: मेरे साथ चलना है तो कुछ पहनने की ज़रूरत नही।
सरला: ओके ये भी उतार देति हू।

तभी नीतू क्या बात हो रही है माँ बेटे में।
सरला कुछ नहीं बस यु ही।
तभी रवि नीतू को आवाज़ देता है और नीतू चली जाती है।
अरुण: जाओ जल्दी से रेडी हो कर आओ।
सरला: क्या पहनू।
अरुण: येलो सूट विथ वाइट पजामी और पेंटी नार्मल वाली क्यों की पीरियड्स है और कुछ नहीं
सरला: ब्रा ।
अरुण: नहीं मुझे उतारने में टाइम लगता है।
सरला: बोल तो ऐसे रहा है की न जाने कितनी बार उत्तारी है।
और चेंज करने चलि जाती है।थोड़ि देर बाद निचे आती है और अरुन के पास आ कर खड़ी ही जाती है।
अरून ; माँ बाहर कैब खड़ी है उसका नंबर बताता है
उसमे जा कर बैठ जाना मैं आता हूं।
सरला जल्दी से बाहर निकल जाती है और कैब में बैठ जाती है। थोड़ि देर बाद अरुन भी आ जाता है और कैब चल देति है।
कैब के चलते ही सरला चैन की साँस लेती है।
और मुस्कुराकर अरुन को देखति है।
और कुछ नहीं बोलती।
अरून : पुछोगी नहीं कहा जा रहे है।
सरला: बीवी को हक़ नहीं है हब्बी से सवाल करने का
अरुण: गुड गर्ल ।
अरून के उसको गर्ल कहने पर हसी आ जाती है।
अरुण: क्या हुआ।
सरला; मैं तुझे गर्ल कहा से दिखती हूँ।
अरुण; सब जगह से।
थोड़ि देर बाद मार्किट आ जाता है।
और वो उतर जाते है।
सरला अब ।
आप बताओ ।
मुझे क्या पता।
ओके जान जैसे की हम छुप कर घर से आये है तो ये हमारी पहली डेट है ।
सरला: सच.
 
अरुण: हाँ बोलो अब क्या करना है मेरी सरला को
सरला: अरुन की ओर देखते हुए।
अरुण:क्या हुआ बुरा लगा क्या।
सरला: मुझे अपने जानू की कोई बात बुरी नहीं लगती।।
अरुण:बोलो क्या करे।
सरला: मार्किट मैं गोल गप्पे की रेहडी देख कर।
बच्चों की तरह मुझे गोल गप्पे खाने है
अरुण: ओके जान ।
और दोनों गोल गप्पे खाते है उसके बाद और भी बहुत कुछ खाते है। अरुन सरला का हाथ पकड़ कर मार्किट में घुमता है।सरला बहुत खुश होती है कोई तो है जिस के साथ उसे ख़ुशी मिलति है। थैंक्यू अरुण।
अरुण: सरला ।
सरला: हाँ जान।
अरुण: कुछ करने का दिल चाहता है।
सरला: मतलब।
अरुण: कुछ नही।
सरला: बोलो न अरुण
अरुण: वो क्या है न की मैं सोच रहा था कुछ देर अकेले टाइम स्पेंड करते है
सरला: कर तो रहे है।
अरुण: वो मैं सोच रहा था किसी होटल के रूम में चलें।

सरला समझ नहीं पा रही थी अरुन होटल के लिए क्यों पूछ रहा है।
अरुण: तुम्हे मुझ पर यकीन तो है न सरला।
बोलो न मैं वैसे कुछ नहीं करुँगा ।
प्लीज चलो न ।देखो मना मत करना कितने दिनों बाद तो हमे ये मोका मिला है ।तुमहारे मम्मी पापा भी यहाँ नहीं है।अब सरला सब समझ गई की अरुन डेट वाला रोलप्ले कर रहा है।
सरला: ओके जैसे तुम्हारी मर्ज़ी पर ज्यादा देर नहीं रुकेंगे।।
अरुण: ओके सरला ।
और दोनों होटल के रूम में आ जाते है।
अरून सरला को अपनी बाँहों में लेने की कोशिश करता है।
सरला; अरुन प्लीस ऐसा मत करो कोई देख लेगा।
अरुण: यहाँ कौन है।
सरला; तुम ने कहा था कुछ नहीं करोगे ।
अरुण: तुम्हे हग ही तो कर रहा हू।
सरला: ओके कर लो।
और दोनों हग करते है।
और फिर अरुन सरला के लिप्स पर किस करता है।।
सरला उसका साथ देती है ।अरुन सरला के बूब्स पर हाथ रखता है ।सरला उसके हाथों पर दबाब बढाती है
और अरुन सरला के बूब्स को मसलने लगता है।
सरला अरुन की ऑंखों में देखते हुए
अरुण: क्या हुआ जान।
सरला: ये क्या कर रहे हो।।
अरुण: कुछ नही।
सरला: अरुन को अलग कर के अपना कुर्ता निकाल देती है और अरुन के मुह में अपना एक निप्पल दे देती है।और पूछती है अब क्या कर रहे हो।
अरुण: निप्पल चुसते हुए वो मैं अपनी गर्ल फ्रेंड का निप्पल चूस रहा हू।
सरला: अरुन का सर पकड़ कर उसकी ऑंखों में देखति है और कहती है मुझे सिर्फ और सिर्फ अपने बेटे को अपना दुध पिलाना है किसी बॉय फ्रेंड को नही।
अब क्या कर रहा है अरुण।
फिर से उसका मुह अपने निप्पल पर लगा देती है ।
अरुण: माँ तुम्हारा दूध पी रहा हूँ।
सरला: हाँ अरुन और कस कर निचोड कर पि ले अपनी माँ का सारा दूध बचपन में नीतू तुझे नहीं पिने देति थी।
सारा खुद पी जाती थी।
अब वो नहीं है पेट भर पी ले।

और अरुन सरला के बूब्स पर दाँत गड़ा देता है ।
सरला की सिसकारी निकल जाती है
पर कुछ नहीं कहती बस अरुन के सर पर हाथ फेरती रहती है।
कुछ ही देर में अरुन किसी दोनों चूचियों को चूस चूस कर लाल कर देता है।
सरला भी उसे रोकने की कोशिश नहीं करती ।
तभी उसकी नज़र अरुन की पेण्ट के फुले हुए हिस्से पे जाती है ।
सरला सिसकते हुए अपना एक हाथ फुले हुए उस हिस्से पे रखती है।
और उसे मसाल देति है जैसे अरुन उस के बूब्स मसल रहा था।
सरला के अरुन के लंड के मसलते ही अरुन के मुह से सिसकारी निकल जाती है ।

सरला डर जाती है ।
क्या हुआ अरुन लग गई क्या ।
नही
मैंने अपने छोटे बेटे को ज्यादा अचानक तो नहीं मसल दिया।
अरुण; नहीं माँ बस किसी पहली बार उसे पकड़ा न इसलिये।आप के हाथ लगने के एहसास से सिसकारी निकल गई।
सरला: अब अरुन के उभार को धीरे २ सहलाने लगती है।
अरुण: सरला की ऑंखों में उम्मीद भरी निगहों से देखता है ।
सरला: क्या देख रहा है मेरा राजा।ये पहली बार है अखरी बार नहीं और उस की पेण्ट की ज़िप खोलने लगती है।

तभी अरुण के फोन के रिंग बजती है।
अरून कॉल नहीं उठाता ।
सरला: उसके लंड की ज़िप में हाथ डालकर कर फ़्रांची में से निकालने की कोशिश करती है और कहती है उठा ले किस का है।
अरुण: नीतू का।
सरला: उठा ले और अरुन के लंड को बाहर निकाल लेती है।
अरुण: सिसक पड़ता है क्यों की पहली बार कोई उसका लुंड पकड़ रहा था वो भी उसकी सगी माँ जिस ने उसे पैदा किया।
अरुण कॉल उठा लेता है।
क्या हुआ नीतू।
उधर से जो कहा गया।
अरुन : ओके हाफ एन ऑवर मैं आते है।
और कॉल डिसकनेक्ट कर देता है ।
क्या हुआ अरुन ।
सरला उसके लंड को सहलाते हुए ।
अरुण: माँ वो वो डैड आ गये है।
सरला को झटका लगता है और वो अरुन को छोड़ कर खड़ी हो जाती है।
अब क्या होगा , क्या बोलेंगे,और कपडे पहनने लगती है पर पहन नहीं पाती।
अरून सरला को सम्हालते हुए।
माँ मेरी तरफ देखो।
सरला अरुन की ऑंखों में देखते हुए ।
मुझ पर बिश्वास है ।
सरला: हाँ
अरुण:तो रिलैक्स हो जाओ।
और उसके होंठो को किस करने लगता है ।
सरला भी करती है कुछ देर बाद अरुन सरला को अलग करता है ।
 
अब कैसा महसूस हो रहा है मेरी जान।
सरला: अब ठीक है और कपडे पहनने लगती है।
और अरुन अपना लंड अंडरवियर में ड़ालने लगता है ।

सरला: एक मिनट अरुन ।
सरला उसका हाथ उसके लंड से हटाती है और उसे प्यार से सहलाती है अभी कितना अकड रहा था अपनी मम्मी के हाथों में मेरा प्यार राजा।
चिंता मत कर जीतनी देर तुझे इंतज़ार करना पड़ रहा है तेरी माँ तुझे उतना ही ज्यादा मज़े और प्यार देगी।

और घुटनो पर बैठ कर उस पे एक किस करती है और उसे अरुन के पेण्ट में बापिस डाल देति है।
और उठ कर अरुन को हग करती है ।
और आँखों में ऑंसू भरते हुए ।
सॉरी अरुन मेरी बजह से फिर तुम्हे और तुम्हारे छोटे भाई को मेरा पूरा प्यार नहीं मिला।

अरुण: माँ इस में आप की क्या गलती है।
सरला: है क्यों की कल नीतू की बजह से और आज तेरे पापा की बजह से तेरे हक़ का पूरा प्यार नहीं मिला और दोनों ही मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा है तो उस हिसाब से गलती मेरी है।

अरुन सरला को कस कर बाँहों में लेते हुए ।
जान सबर का फल मीठा होता है और हँस देता है।
पर मन ही मन अपने बाप को गाली दे रहा था।

सरला अरुन को हंस्ता हुआ देख कर हँस देति है और दोनों घर की ओर चल देते है।

घर पहुच कर।

रमेश :कहाँ गये थे।
सरला कुछ बोलति उससे पहलें
अरुण: पापा वो नीतू को बताया तो था की मेरा एक फ्रेंड यहाँ रहता है उस्सी से मिलने गये थे।

रमेश हाँ मुझे नीतू ने बताया था।
सरला: आप तो शादी बाले दिन आने वाले थे।
रमेश: हाँ पर नीतू का फ़ोन आया था की वो भी रही है
तो मैं भी आ जाऊ तो सब की यहाँ मुलाकात हो जायेगी।
और घर में भी अकेला था इसलिए आ गया।
और फिर सब खाना का कर सोने चले गये

अगली सुबह
सब फ्रेश हो कर ब्रेकफास्ट करने लगे शादी का टाइम नज़दीक आ गया था आज से एक दिन छोड़ कर शादी थी।नीतु रवि को लेके शॉपिंग करने चलि गई और रमेश
अपने साढु भाई के साथ बिजी था और सरला लेडीज के साथ और अरुन भी सोनु की हेल्प कर रहा था।

पर सायद साक्षी को इतनी अपनी शादी की जल्दी नहीं थी ।जितनी सरला को अरुन से मिलने की।थोड़ा फ्री हो कर सरला ने अरुन को मेसेज किया ।

सरला:। " मुझे तुम से मिलना है"

फिर अरुन सरला के पास आ गया।
 
हा माँ
सरला: सरला कुछ नहीं बोली उससे दुर चलि गयी और मैसेज किया।

" मुझे अकेले में मिलना है अभी"
शादी वाला घर था और काफी मेहमान आ चुके थे।
इसलिये अकेले मिलना थोड़ा मुस्किल था।
पर सरला बोले और अरुन न करे ये कैसे पॉसिबल था।।

अरुण: थोड़ी देर में उप्पर आ कर सरला को आवाज़ देता है।माँ जरा उपर आना।

सरला कूछ बोलति उससे पहले सोनिया क्या हुआ अरुन माँ बिजी है तेरी ।
अरुण: मौसी थोडा अर्जेंट है भेज दो।
सोनिया: जा सरला देख ले क्या अर्जेंट है।
सरला: ठीक है दीदी।
और सरला उप्पर रूम में आ जाती है।

और अरुन उसे दिखाई नहीं देता।
सरला: अरुन
अरुण: हाँ बाथरूम में हूँ।
वट क्या कर रहे हो
आप का वेट और गेट खोल देता है।

और सामने सरला देखति है
और खुश हो जाती है।

अरुन अपना लंड निकाल कर हिला रहा था ।
इसी से मिलना था न अकेले में
सरला: हाँ तुझे कैसे पता ।
अरुण: बस हम सब जानते है।

और सरला अपने बेटे के लंड को घुरते हुए देखती है।

अरुण: क्या हुआ छुना नहीं है।
सरला: छूना क्या बेचारे साथ बहुत कुछ करना है।और बाथरूम की तरफ जाने लगती है तभी रमेश की आवाज़ आती है।

सरला:हा।
ओ मेरे कपडे निकल दो मैं नहा लेता हू।
सरला : अभी निकल तो हूँ पर अंदर अरुन नहा रहा है।
रमेश: ओके कोई बात नहीं उसके बाद नहा लुंगा।
और सरला रमेश के कपडे निकल कर निचे चली जाती है।और मन ही मन रमेश को पहली बार गाली देती है
न कुछ कर सकता है और न करने देता है।

निचे आ कर फिर अरुन को मैसेज करती है

" जान छोटे बाबू को देख कर उसे छूने का मान कर रहा है मुझे उसे छूना है अभी कैसे मुझे पता नही।"

और वेट करती है।

थोड़ी देर मैं रमेश की आवाज़ आती है।

सरला :आई।
और उपर रूम में आती है।
जहां रमेश और अरुन खड़े थे।
रमेश: सरला तुम ने अरुन को कपडे नहीं दिलाये।
सरला: वो कुछ समझ नहीं पायी
रमेश: मैं कुछ पूछ रहा हू।
सरला अरुन को देखते हुए

और अरुन मुस्कुरा देता है।सरला समझ जाती है ओ वो
रमेश : क्या वो वा क्या।
मैने तुम्हे १० हज़ार रुपए दिए थे क्या किया उनका
सब अपने उपर खर्च कर लिए होंगे।
सरला: वो मैं।
रमेश; मैं क्या। तुम कभी नहीं सुधरोगी।
जाओ तुम इसे कपडे दिला कर लाओ ।मेरे पास इतना टाइम नहीं है की मैं जाउ।
सरला: मैं चलि जाती हूँ।।

और रमेश नहाने चला जाता है।
सरला अरुन को देखते हुए
क्या ज़रूरत की पापा को कहने कि
रमेश बाथरूम से।
अब अपनी गलती के लिए उसको डाँटो मत जो कहा है वो करो।
सरला हाँ अभी जाती हूँ और बाथरूम का गेट बाहर से बंद कर देति है।
और अरुन रूम का गेट बंद कर देता है।
और सरला अरुन की बाँहों मैं समां जाती है।
और उस के होंठो को चुम लेती है ।
अरुन सब यही करना है या बाहर चले।

सरला: मन तो यहीं करने का कर रहा है क्यों की तेरे पापा अंदर है पर कुछ देर बाद वो बाहर आ जायेगे इसलिए बाहर चलते है।
 
सरला जोर से अरुन तुम निचे चलो मैं चेंज करके आती हू।
अरुण: ओके माँ और वही बेड पर बैठ जाता है।
सरला अरुन के पास जा कर
क्या पहनू मेरी जान ।
अरुण: पहले उतारो तो सही।
और सरला एक कदम पीछे हो कर अपनी साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट उतार देति है और सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी हो जाती है ।
अरुण: ऊँगली से इशारा करते हुए इन्हे भी उतारो।
सरला: एक झटका से ब्रा उतार कर अरुन के मुह पर फ़ेक देति है और पेंटी की इलास्टिक में ऊँगली फेर कर उतारने की एक्टिंग करती है पर उतारती नहीं ।
अरुण: उतारो माँ क्या हुआ।
सरला: अरुन के पास जा कर।
अपना एक बूब्सअरुन के मुह में दे देती है और उसके
कान मैं धीरे से ये मेरी जान का सरप्राइज है हमारी सुहागरात के लिए तब तक उपर से काम चलाओ। जैसे
मैने तेरे लंड को हाथ में ले कर काम चला रही हूँ और उसके लंड को उसकी जीन्स के उपर से मसल देती है।
और उसको अपने बूब्स पर और कस कर भीच लेती है।
कुछ देर यु ही मज़े लेने के बाद।
सरला: अरुन जाओ मैं निचे आती हूँ ।
और अरुन कुछ नहीं करता और निचे आ जाता है और सरला का वेट करता है।

थोड़ी देर बाद सरला भी निचे आ जाती है।
और दोनों बाहर निकल जाते है।

सरला अरुन को अब कहाँ चले जान ।
अरुण: आप बताओ।
सरला: वही कल वाले होटल में।
अरुण: चलो।

और आधे घंटे में दोनों होटल के रूम में होते है।

और सरला अरुन से चिपक जाती है।
और दोनों काफी देर ऐसे हे खड़े रहते है।
सरला अरुन से अलग होते हुए
अरुण : क्या हुआ ।
सरला: ऐसे ही खड़े रहने का किराया दिया है क्या।
अरुण: ओह ।

और दोनों बेड पर चढ जाते है।
और एक दूसरे के ऑंखों में देखते है ।
सरला: क्या देख रहा है।
अरुण: कुछ नहीं बस अपने गरम माल को देख रहा हुँ।
सरला: शर्म नहीं आती अपनी माँ को माल बोलते हुए।
अरुण: नहीं आती।
सरला: बेशरम कहीं का।
और अरुन को बेड पर धक्का दे कर लीटा देती है।
और उसकी दोनों टांगो के बीच में आ कर बैठ जाती है।
अरुण: सरला को देखते हुए।
सरला: उसे चुप रहने का इशारा करती है।
और उसकी जीन्स उतारने लगती है।
और फिर उसका अंडरबिअर उतार कर साइड में रख देती है।अरून अब कमर के निचे बिलकुल नंगा था।
और सरला बड़े प्यार से अरुन के लंड को घुर रही थी।

अरुन ने कुछ कहने की कोशिश की पर सरला ने फिर उसे चुप रहने का इशारा किया।
शायद अरुन सरला के जजबात समझ नहीं पा रहा था
ओ उसे कैसे बताए की उसका लंड उस के पति से डबल था।लम्बाई और मोटाई दोनों में।
ओ समझ नहीं पा रही थी की वो उसे अपने अंदर कैसे लेगी और सोचते २ उस पर हाथ फेरने लगती है।
और सरला के हाथ लगने से अरुन का लंड धीरे २ अपनी औक़ात में आने लगता है।
सरला और घबरा जाती है ।
अरुण; अब चुप नहीं रहता ।
क्या हुआ माँ
सरला: कुछ नहीं और उसको सहलाती रहती है कभी उसके लंड तो कभी उस के टट्टों को।
अरुण: कुछ करो न मां।
सरला: कर तो रही हूँ ।
अरुण: इसे प्यार करो ना।
सरला: वो सब हनीमून पे।
अरुण: मैं मुह में लेने की बात कर रहा हुँ।
सरला: मुह में पागल है क्या।ये कोई मुह में लेने की चीज़ है।
अरुण: और क्या माँ आज कल तो पहले सकिंग बाद में फकिंग।
सरला: ये सकिंग क्या होता है ।
 
सरला: ये सकिंग क्या होता है ।
अरुण: माँ अब नाटक मत करो प्लीज ब्लोजॉब दो ना।
सरला: हैरानी से पूछती है ये ब्लोजॉब क्या होता है।
अरुण: क्या सच में आप को नहीं पता ।
सरला: नहीं अरुन मुझे सच में नहीं पता।
अरुण: क्या आप ने पापा को कभी ब्लोजॉब नहीं दिया।
सरला: प्लीज अरुन सच में मुझे नहीं पता की ब्लोजॉब क्या होता है तेरे पापा के साथ करने की बात तो दुर की है।

अरुण: माँ ब्लोजॉब में लड़की लडके का लंड मुह में ले कर चुस्ती है जैसे कोई लोलीपोप चूस रहा हो और जब तक चुस्ती रहती है जब लडके का पानी न निकल जाये और उसके बाद उसका पानी पी जाती है इसे ब्लोजॉब कहते है।
और आज कल तो लड़कियाँ ब्लोजॉब ज्यादा देना पसंद करती है क्यों की इससे लड़के का काम हो जाता है और लड़के उसके बाद फुद्दी मारने की ज़िद नहीं करते।
सरला: आस्चर्यचकित होते हुए ये तो पहली बार सुन रही हू।
मैने तो आज तक नहीं किया और न तेरे पापा ने करने को कहा।
अरुण: क्या आज तक आप ने लंड मुह में नहीं लिया।
सरल: नहीं
अरुण: फिर क्या किया।
सरला: वही जो सब करते है मुझे निचे लिटाये और मेरे उपर आ कर अपना पानी निकाल दिया।
अरुण: और आप का
सरला: मेरा क्या।
अरुण: आप का पानी।
सरला: पागल हो क्या लड़की का पानी निकलता है क्या।
अरुण: माँ सच में आप को नहीं पता या मुझे पागल बना रही हो।
सरला: तेरी कसम बेटा मुझे जितना पता था सब बता दिया।
और इस में मेरी गलती भी नहीं है अरुन मेरी शादी १७ साल की उम्र में हो गई थी ।
और १८ साल की उम्र में तुम दोनों ने जनम लिया।
शादी से पहले कुछ लिया नहीं था क्यों की कभी मौका ही नहीं मिला जब तब जवान हुए शादी हो गई खेलने की उम्र में मैं दो बच्चो की माँ बन गई और पति को सेक्स में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था। किया तो कर लिया मेरे मन की कभी सुनि नहीं अपना काम किया। पीठ मेरी ओर की और सो गये।
अरून अपनी माँ की ओर देखते हुए।
सरला; क्या हुआ ।
अरुण: कुछ नहीं और उठ कर सरला को अपनी बाँहों में भीच लेता है ।
सरला: क्या हुआ ।
अरुण: कुछ नहीं मोम
अब मैं आ गया हूँ ।
अब आप वो सब करोगी जो अब तब आप को मिलना चाहिए था।मै आप की हर इच्छा पूरी करुँगा।

सरला: और अरुन के कान में

" मेरी हर अधुरी इच्छा मेरे बेटे "
अरुण: हाँ माँ हर अधुरी इच्छा ।

अब अरुन को समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे।
सरला: क्या हुआ अरुण।
अरुण: कुछ नहीं माँ और उसके होंठो को चुस्ने लगता है और सरला उसका साथ देने लगती है।
अरून सरला के होठ चुसते २ उसके दोनों चूचियों को मसलने लगता है।
सरला: आह अरुन धीरे प्यार से जान।
अरुण: अरुन आप को देख कर कण्ट्रोल नहीं होता मन करता है कच्चा चबा जाउ।
सरला: मना किस ने किया है मसलने का मन कर रहा है मसल ले मेरी जान कुछ नहीं बोलुंगी।
और अरुन के साथ मज़े लेने लगती है।
थोड़ी देर बाद अरुण।
सब से पहले आप को सकिंग सिखनि पड़ेगी
सिखोगी ना।
सरला: इससे तुझे मज़े आयेंगे ।
अरुण: बहुत माँ इतना की मैं बता नहीं सकता।
सरला: ठीक है मैं सीखुंगी।
अरुण: ओके और बेड से खड़ा होने लगता है।
सरला: क्या हुआ अरुन कहा जा रहे हो।
अरुण: एक मिनट रुकिये।
ओर बेड के बराबर में खड़ा हो जाता है।
और सरला को बेड पर पैर लटका कर बैठने को कहता है ।
अब पोजीशन ऐसे थी की अरुन का लंड सरला के मुह के पास था।
अरुण: माँ
सरला: हाँ बेटा।
अरुण: अब इसे प्यार करो.
 
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