hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
सरला: क्या हुआ रुक क्यों गये।
अरुण: रुका नहीं हूँ अपने हथियार पर धार दे रहा हू।
सरला: करने का क्या जरुरत है उसमें पहले ही बहुत धार है।
अरुण: हो गया बस।
और लंड के टोपे को सरला की गाण्ड पे रख देता है।
सरला आआह्ह्ह्हह्ह धीरे।
अरुण: अभी तो कुछ किया भी नहीं है ।
सरला:तो करो ना
और अरुन अपने लंड पर जोर लगाता है और आधा इंच भी अंदर नहीं जाता सरला चीख पड़ती है।
अरून रुक जाता है
और सरला के चूतडो को पकड़ कर खोलता है और लंड को सरला के गाण्ड की सुराख़ पे दबाता है।
सरला फिर से चीख पड़ती है ।
अरुण: रुक जाऊ क्या।
सरला: नहीं तुम करते रहो। , कितना चला गया
अरुण: आधा जब की अभी तक टोपा भी नहीं गया था।
सरला: क्या आधा गया ।
अरुण; थोड़ा और रह गया है
सरला: वो भी हो जाएगा।
अरुण: हाँ और एक झटका देता है और उसका टोपा अंदर चला जाता है।
सरला: चीख पड़ती है आई फाड़ दी मेरी गाण्ड धीरे नहीं कर सकता। पता है पहली बार करवा रही हू।
अरुण: बस हो गया और वो देखता है की सरला की गाण्ड से खुन निकल रहा है
माँ अगर दर्द हो रहा है तो निकाल लु।
सरला: सिसकारी लेते हुए रहने दे जब पूरा चला गया है अब इससे ज्यादा दर्द नहीं होगा।
अरुण: तुम करो
और अरुन अपने टोपे को ही अंदर बाहर करने लगता है।
सरला: आह माँ ।अरुण
आज मेरा बेटा पूरी तरह से मेरा पति बन गया
आआआअह्ह स्स्स्सस्स्स्स माआआआआ।
अरून हाथ बढ़ाकर सरला के मम्मे पकड़ लेता है ।
सरला पीछे मुड के देखती है।
अरुण: क्या हुआ ।
सरला: कुछ नहीं अच्छा लग रहा है तुम अपना काम करते रहो।
और बापिस अपना सर घुमाती है तभी उसकी नज़र साइड की दिवार पर लगे सीसे में जाती है।
उसकी आँख फटी की फटी रह जाती है क्योंकी
अरुन का पूरा लंड बाहर था सिर्फ टोपा अंदर बाहर हो रहा था।
सरला अरुन को देखते हुए।
अरुण: क्या हुआ माँ।
सरला: अरुन को सीसे की तरफ इशारा करती है।
अरुण: सीसा देखते हुये।
सरला: अभी तो सिर्फ टोपा गया है और तू बोल रहा था पूरा गया।
अरुण: वो आप को दर्द हो रहा था न
सरला की ऑंखों में आसु थे।
अरुण: रो क्यों रही हो माँ दर्द हो रहा है तो मैं निकाल लेता हूँ ।
सरला: नहीं ये ऑंसू ख़ुशी के है।
तूझे मेरी कितनी चिंता है।
एक तेरा बाप था ४ इंच का लंड लेके कितना बड़ा पहलवान बन रहा था कितना बोला था दर्द हो रहा है आराम से करो।
पर नहीं दर्द देने मैं मर्दांनगी समझ रहा था और एक तू है 9 इंच लेके भी बिलकुल घमन्ड नहीं है और मेंरी दर्द की बजह से लंड नहीं घुसा रहा।
अरुण: रुका नहीं हूँ अपने हथियार पर धार दे रहा हू।
सरला: करने का क्या जरुरत है उसमें पहले ही बहुत धार है।
अरुण: हो गया बस।
और लंड के टोपे को सरला की गाण्ड पे रख देता है।
सरला आआह्ह्ह्हह्ह धीरे।
अरुण: अभी तो कुछ किया भी नहीं है ।
सरला:तो करो ना
और अरुन अपने लंड पर जोर लगाता है और आधा इंच भी अंदर नहीं जाता सरला चीख पड़ती है।
अरून रुक जाता है
और सरला के चूतडो को पकड़ कर खोलता है और लंड को सरला के गाण्ड की सुराख़ पे दबाता है।
सरला फिर से चीख पड़ती है ।
अरुण: रुक जाऊ क्या।
सरला: नहीं तुम करते रहो। , कितना चला गया
अरुण: आधा जब की अभी तक टोपा भी नहीं गया था।
सरला: क्या आधा गया ।
अरुण; थोड़ा और रह गया है
सरला: वो भी हो जाएगा।
अरुण: हाँ और एक झटका देता है और उसका टोपा अंदर चला जाता है।
सरला: चीख पड़ती है आई फाड़ दी मेरी गाण्ड धीरे नहीं कर सकता। पता है पहली बार करवा रही हू।
अरुण: बस हो गया और वो देखता है की सरला की गाण्ड से खुन निकल रहा है
माँ अगर दर्द हो रहा है तो निकाल लु।
सरला: सिसकारी लेते हुए रहने दे जब पूरा चला गया है अब इससे ज्यादा दर्द नहीं होगा।
अरुण: तुम करो
और अरुन अपने टोपे को ही अंदर बाहर करने लगता है।
सरला: आह माँ ।अरुण
आज मेरा बेटा पूरी तरह से मेरा पति बन गया
आआआअह्ह स्स्स्सस्स्स्स माआआआआ।
अरून हाथ बढ़ाकर सरला के मम्मे पकड़ लेता है ।
सरला पीछे मुड के देखती है।
अरुण: क्या हुआ ।
सरला: कुछ नहीं अच्छा लग रहा है तुम अपना काम करते रहो।
और बापिस अपना सर घुमाती है तभी उसकी नज़र साइड की दिवार पर लगे सीसे में जाती है।
उसकी आँख फटी की फटी रह जाती है क्योंकी
अरुन का पूरा लंड बाहर था सिर्फ टोपा अंदर बाहर हो रहा था।
सरला अरुन को देखते हुए।
अरुण: क्या हुआ माँ।
सरला: अरुन को सीसे की तरफ इशारा करती है।
अरुण: सीसा देखते हुये।
सरला: अभी तो सिर्फ टोपा गया है और तू बोल रहा था पूरा गया।
अरुण: वो आप को दर्द हो रहा था न
सरला की ऑंखों में आसु थे।
अरुण: रो क्यों रही हो माँ दर्द हो रहा है तो मैं निकाल लेता हूँ ।
सरला: नहीं ये ऑंसू ख़ुशी के है।
तूझे मेरी कितनी चिंता है।
एक तेरा बाप था ४ इंच का लंड लेके कितना बड़ा पहलवान बन रहा था कितना बोला था दर्द हो रहा है आराम से करो।
पर नहीं दर्द देने मैं मर्दांनगी समझ रहा था और एक तू है 9 इंच लेके भी बिलकुल घमन्ड नहीं है और मेंरी दर्द की बजह से लंड नहीं घुसा रहा।