Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा - SexBaba
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Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा

hotaks444

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Nov 15, 2016
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मैं मिडिल क्लास फैमिली से बेलोंग करती हु पति रमेश ४८ और मैं ३८ और मेरा राजा बेटा 20 साल का है। मेरा सब कुछ मेरा प्यारा बेटा अरुण है।वैसे मेरी एक बेटी भी है जिसकी शादी हो चुकी है।
और मैं सरला लोग बोलते है मैं बहुत सूंदर हूँ माधुरी दीक्षित की तरह ।
सरल जीवन था पर जिंदगी कब क्या हो पता नहीं कुछ मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ।

पात्र और भी है जो वक़्त से साथ २ जुड़ते जाएंगे
३८ साल की उमर में भी मैंने अपने आप को मेन्टेन किया हुआ है पर ये एक्सरसाइज नहीं पर अपने आप को बिजी रखने के लिए घर का काम ज्यादा से ज्यादा करना और आप लोगो को तो पता ही है जितना फिजिकल काम उतनी ही बॉडी अपने आप मेन्टेन हो जाती है।
कोई ये नहीं कह सकता की मैं २० साल के बच्चे की माँ हूँ।
पर सच यही है।अरुन मेरे सुब कुछ मैं ये बार २ इस लिए बोल रही हु क्यों की वही है मेरी इस कहानी के पिछे।
और ये सुब शुरु हुआ पिछ्ली साल मेरे बर्थडे पर।पति के पास काम कुछ नहीं फिर भी बिजी इतने की मेरे लिए टाइम कुछ भी नही।

शयद मेरे से ज्यादा काम या दोस्ती इम्पोर्टेन्ट है उनके लिये।छोड़ो इन डिटेल्स को बैक टू स्टोरी - प्लान था बर्थडे पे डिनर बाहर करने का और वेट करते करते ९ बज गए पर मेरे हस्बैंड उस टाइम पे नहीं आये।हर औरत चाहती है पति के साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम स्पेंड करना पर मेरे हबी को पसंद नहीं मेरे साथ टाइम स्पेंड करना।

वह रात के १०बजे घर आए और मेरे मूड को देख कर
बोले सॉरी कितना सिंपल है सॉरी बोलना जैसे सब कुछ पहले जैसा हो ।पर बोल क्या सकते है पति है साथ रहना है तो निभाना तो पडेगा।
मेरा ख़राब मूड देख के पति देव बोले यार बोला है न अरुन बड़ा हो गया है २० साल का जवान कॉलेज स्टूडेंट।
जहाँ जाना है उनके साथ जाओ एन्जॉय करो अपनी लाइफ अब घर की जिम्मेदारी उसको दो।
मै- बोली पति की जिम्मेदारी
वो बालो- यार प्लस आर्गुमेंट नहीं थक गया हु खाना खाओ और सो जाओ।
गुड़ नाईट बोल के वो सोने चले गए जैसे मैंने खाना बनाया था।
वरून के फ्रेंड का बर्थडे था तो खाना उसने नहीं खाना था और लेट भी आना था उसने।

खाना खाने का मन भी नहीं था और बनाया भी नहीं था सो कपडे चेंज किये और वेट करने लगी अरुन का आये तो गेट लॉक करुं।
अरून २० साल का हॅंडसम मेरा बेटा पढाई मैं टॉप बोल चल में तेज और रिश्ते निभाने में ईमानदार।ऐसा है मेरा अरुण।
सोचते २ कब आँख लग गई पता नहीं चला सपने में डोर बेल्ल बज रही है या हक़ीकत में पता नहीं पर कांनो में जब अरुन की आवाज़ पड़ी तो पता चला सपना नहीं हक़ीकत में अरुन आ गया है और आवाज़ से लग रहा है।गेट खोलो।


सामने अरुन खड़ा था।
अरुण-हाय मोम

अरून: पैकेट माँ को देते हुए हैप्पी बर्थडे मोम
सरला : क्या है इसमें

अरुन: खुद खोल के देख लो

सरला:बाद में देख लुंगी

अरुण-अभी देखो न माँ ।
सरला-कल देख लुंगी अभी नींद आ रही है।तुम जाके सो जाओ

अच्छा माँ आज की पार्टी कैसी रही

सरला: कौन सी पार्टी

अरुन: कौन से आज आप पापा के साथ डिनर पर जाने वाली थी।

सरला: दिखावटी हसी हस्ते हुए बढ़िया थी

अरुन : और पापा का गिफ्ट

सरला: बेटे जाके सो जाओ गुड नाइट।और अपने रूम में दोने चले गये।
 
सुबह
सरला किचन में नास्ता बना रही थी

रमेश ऑफिस के लिए रेडी हो रहा था और अरुन कॉलेज के लिये

अरुन गुड मॉर्निंग पापा

रमेश दिंनिंग टेबल पे गुड मॉर्निंग बेटे

अरुन : पापा कल रात डिनर डेट कैसे थी

रामेश : कौन सी डिनर डेट हम तो कल कही गए नहीं मैं लेट हो गया था ।

अरुन : पर माँ ने तो कुछ नहीं बनया

रामेश : बेटा अब तुम बड़े हो गए हो अपनी माँ का ख्याल रखा करो तुम डिनर पर मम्मी को ले जाना।

अरुन : पर पापा माँ आप के साथ जाना चाहती है और हस्बैंड आप हो और माँ को आप के साथ ख़ुशी मिलती है।

रमेश : कम ऑन बेटा अब तुम भी शुरु मत हो जाओ।

रमेश-सरला ब्रेकफास्ट कहा है । ऑफिस के लिए लेट हो रहा है।

सरला : लाई ५ मिनट में।

फिर सब ब्रेकफास्ट करते है और रमेश ऑफिस और अरुन कॉलेज के लिए चले जाते है।

और सरला घर पर रोज की तरह अकेली रह जाती है

पिछले एक साल से यही रूटीन था उसका पहले अपनी बड़ी बेटी शिल्पा के साथ टाइम पास हो जाता था।

पर उसकी शादी के बाद वो फिर से अकेली रह गई

पति साथ देता नहीं बेटी अपनी ससुराल में और बेटे के साथ जाना नहीं चाहती।


पर शायद किस्मत कौन बदल सकता है ।

अरुन के कॉलेज की छुट्टी हो गई किसी प्रोफेसर की डेथ की बजह से और वो टाइम से पहले घर आ गया।

सरला घर पर डोर वेल बजी सोचा कौन है इस वक़्त

दरवजा खोला तो अरुन खड़ा था

सरला: अरुन क्या हुआ जल्दी आ गया

अरुन: माँ जल्दी छुट्टी कर दिए प्रोफेसर की डेथ की बजह से।

सरला: ओके लंच करना है

अरुन: नहीं मोम
सरला: क्यों

अरुन: क्यों क्यों की हम लंच पे बाहर जा रहे है ।
मै और आप।

सरला: मुझे नहीं जाना।

अरुन: पर क्यों माँ । पापा ने कहा था आप को ले कर जाने के लिये।

सरला: मुझे नहीं जाना बोली ना

अरुन : पर माँ क्यों मेरे साथ जाने में प्रॉब्लम है

सरला: तेरे साथ जाने में प्रॉब्लम नहीं है प्रॉब्लम है जिसको जाना चाहिए वो नहीं जाता।

अरुन : क्यों माँ वो कभी नहीं जाते आप को पता है फिर क्यों ज़िद करना।

सरला: रहने दे तू नहीं समझेगा।

अरुन : माँ क्यों नहीं समझुंगा।

सरला: क्यों की तू अभी बच्चा है

अरुन :माँ बच्चा नहीं मैं २० साल का एडल्ट हूँ।

सरला: पता है

अरुन :फिर बताओ ना

सरला : बेटा हर औरत या लड़की की इच्छा होती है की उसका बॉयफ्रेंड उसे ले जाये या हस्बैंड पर मेरे साथ तो शादी से पहले तेरे नाना जी ने कही जाने नहीं दिया और शादी के बाद तेरे पापा कहीं लेके नहीं गये।

तेरे साथ जा के क्या बोलू लोगो से बेटे के साथ लंच पे डिनर पे मूवी देखने एक मा अपने बेटे के साथ आती है क्यों की उसका पति उसको प्यार नहीं करता , उसके साथ जाना नहीं चाहता।
अरून: पर माँ हम से कोई क्यों पूछेगा की हम कौन है और हम क्यों बतायेंगे ।दूसरी बात क्या माँ बेटा साथ जा नहीं सकते।बोलो मोम

सरला: क्या बोलु

यही की आप लंच पे बाहर चल रही हो या नही
सरला: पर खाना बना लिया है उसका क्या।

अरुन:इटस ओके उसके बारे में बाद में सोचेंगे।


सरला: मुझे थोड़ा टाइम चाहिए सोचने के लिये

अरुन :पर मोम

सरला: देख अरुन जो बात आज तक नहीं हुई और अब उसे करने में सोचना तो पडेगा।

अरुन ओके माँ आप की मर्ज़ी और अपने रूम में चला जाता है।

सरला अपने बेटे को नाराज़ भी नहीं करना चाहती और अपने सपने पूरे न होने का दर्द भी बरदास्त नहीं कर पाती और रोने लगती है
सोचति है क्या करूँ।
रोते २ कब आँख लग जाती है पता नहीं चलता।
कुछ समय बाद जब आँख खुलती है तो अरुन के रूम में जाती है खाने का बोलने पर अरुन मन कर देता है

अरुण:भूख नहीं है

सरला: देख अरुन परेशान मत कर मैं वैसे भी तेरे पापा की बजह से परेशान हू।

अरुन: वो परेशान नहीं करते आप खुद परेशान होती हो जब उन्होंने बोला है तो उनकी बात मान क्यों नहीं लेती
और अपनी लाइफ एन्जॉय क्यों नहीं करती।

वो भी तो अपनी लाइफ एन्जॉय करते है अपने फ्रेंडस के साथ अपने ऑफिस में ।आप क्यों नहीं जाती वो भी अपने बेटे के साथ ओनली फॉर लंच।

सरला; काफी देर सोचने के बाद ओके
पर कुछ गलत हुआ उसके ज़िम्मेदार तुम होंगे।

करुन : ओके डन।पर क्या गलत होगा।

सरला: आज नहीं फिर कभी।


उस दिन कुछ नहीं हुआ
अरून अपने दोस्तों से मिलने चला गया सरला घर के कामो मैं बिजी हो गई शम को रमेश ऑफिस से लेट आया खाना खाया और सो गया।

कल दिन वही रोज का डेली रूटीन अरुन कॉलेज और रमेश ऑफिस और सरला घर पर अकेली पर नए दर्द के साथ।

उसके लिए नया नहीं और सायद हर औरत के साथ हर महिने का दर्द पिरियडस
कुछ को कम तो कुछ को ज्यादा पर सरला के साथ बचपन से ही ज्यादा मम्मी से बोलो तो बोली शादी के बाद कम हो जायेगा पर उसका नहीं हुआ और वो दर्द बदस्तूर जारी है और आज सुबह वो पीरियड्स से हो गई।
 
अरुण: ओके नहीं चलना तो कोई बात नहीं दवाई तो ले लो

सरला: नहीं ज़रूरत नहीं ठीक हू अभी।

अरुन :नहीं मैं पेनकिलर ले आया ले लो ।

सरला: अरुन रहने दे बोला न अपने आप ठीक हो जाएगा।अब वो उसे कैसे सम्झाए।

तभी अरुन को कुछ याद आया बोला-
माँ कहाँ दर्द हो रहा है।
सरला:बोला न बॉडी में
अरून :मगर ज्यादा कहाँ हो रहा है।

सरला: झुँझलाते हुए कमर में।

अरुन: समझ गया उसे याद आया उसके फ्रेंड्स बात कर रहे थे की जब लड़कियों की पीरियड्स होते है तो कुछ लड़कियों को पेन भी होता है
हो न हो माँ को पीरियड्स आये है।

सरला: अरुन को चुप देख कर क्या हुआ

अरुन:कुछ नहीं माँ आप आराम करो और कभी चलेंगे।

सरला:मन ही मन सोचते हुए इसे क्या हुआ कैसे मान गया।
अब वो क्या जाने आज के बच्चे कितने फॉरवर्ड हो गये है।

टाइम ऐसे ही गुज़रने लगा ।
रोज अरुन सरला की तबीअत पूछता और कुछ नहीं बोलता।
५थ डे अरुन कॉलेज से आया और बोला- माँ चले आज कहीं बाहर।

सरला: सोचते हुआ ४ दिन से कुछ नहीं बोला और आज डायरेक्ट पूछ रहा है।

आज सरला भी मना नहीं कर पाई

सरला -ओके
इन ४ दिनों मैं सरला ने काफी सोचा और डीसाइड किया अब वो और अपने पति का वेट नहीं करेगी अगर उसका बेटा उसका साथ दे रहा है तो क्यों न लाइफ में रंग भरा जाये कब तक घुट २ के अपनी ज़िन्दगी जियेगी।

अरुन: माँ क्या हुआ

सरला: कुछ नहीं कहाँ चलना है

अरुन :आप की मर्जि

सरला: अरुन घर का कुछ समान लाना है चलोगे मेरे साथ।

अरुन: क्यों नहीं माँ चले बाइक पे चले या ऑटो से

सरला :जैसे तेरे मन करे।

अरुन :चले बाइक से चलते है।

सरला: मैं तो कभी तेरी बाइक पे नहीं बैठी।

अरुन :कोई बात नहीं आज बैठ जाओ
ओर दोनों बाजार चले जाते हे
सरला को कुछ अजीब लगा बेटे के साथ बाइक पे बैठ के।

सरला : यही वो दिन था जिस ने मेरी और मेरे बेटे की ज़िन्दगी बदल दी ।
उस दिन के बाद से किसी भी काम के लिए मेरी फर्स्ट चॉइस मेरा बेटा होता और साथ बाहर जाने आने से हम दोनों मैं जो थोड़ा बहुत गैप था वो भर गया।
ओर हम और भी फ्री हो गये।

कैसे एक महीना हो गया बेटे के साथ बाहर जाते हुए

सरला: अरुन कल कॉलेज से जल्दी आ जाना बाजार जाना है कुछ घर का सामन लाने।
अरून: कल क्यों आज चलते है

सरला: पर जाना कल है।

अरुन: कल आप नहीं जओगी।

सरला: क्यों कल क्या है

अरुन; मन ही मन कल से आप के पीरियड्स आ जाएगे और आप नहीं जाओगी

सरला: क्या हुआ क्या सोच रहा है
अरुन: कुछ नहीं

सरला: कुछ तो

अरुण: कुछ नहीं मैं बोल रहा था कल आप की तबीयत ख़राब हो जायेगी फिर कैसे जाऒगी।

सरला: क्यों मेरी तबीयत क्यों ख़राब होगी।

अरुण: कुछ नहीं बोला।

सरला: बोल न ।

अरुण कैसे बोले
ओके कल चलेंगे।

कल दिन जैसे के अरुन ने आईडिया लगाये था सरला के पीरियड्स स्टार्ट हो गये

अरुन: कॉलेज से जल्दी लौट आया
सरला से चले माँ
सरला: मन में सोचते हुए इसे कैसे पता की पीरियड्स की बजह से मेरी तबीयत ख़राब हो जायेगी।

अरुण; क्या हुआ माँ ।चल।

सरला: नहीं आज नहीं फिर कभी।

अरुण: मैंने बोला था न की आज आप नहीं जाऒगी।

सरला: हाँ बाबा हो गई पर तूझे कैसे पता ।
अरुण: बस ऐसे ही गेस किया।ब बैक मैं पेन है ना।

सरला: है पर तुझे कैसे पता।

अरुन: पिछले महिने भी आप की इस दिन तबीयत ख़राब हुई थी।
सरला: मन ही मन क्या इसे पता है की मेरे पीरियड्स आ गये है।
तभी अरुन माँ आज फ्राइडे है ट्यूसडे को चलेंगे।
अब सरला को पक्का यकीं हो गया की इसको पता है की मेरी क्या प्रॉब्लम है।

सरला:ओके अरुण।

इसी कसमकस में सरला की ५ दिन बीत गये की अरुन को पता है या नहीं । या उसको पूछे की नही
कैसे पूछे वो उसका बेटा था पर एक महिने में सरला काफी हद तक अरुन से खुल गई थी।
और ट्यूसडे भी आ गया ।
और अरुन बिना सरला के बोले कॉलेज से जल्दी आ गया।

सरला: आज जल्दी कैसे
आ: बाजार नहीं जाना।

सरला: तुझे कैसे पता की आज जाना है

अरुण: मुह से निकल गया आज ५बा दिन है

सरला: मतलब

अरुण: कुछ नहि।

सरला को अब यकीन हो गया की अरुन ने गेस लगा के सही पता लगा लिया है की मेरे पीरियड्स है।

सरला ओके रेडी होकर आती हू।
चल तू भी रेड़ी हो जा।
अरुण:ओके मोम।
 
हाफ एन ऑवर मैं रेडी हो सरला और अरुन रेडी थे बाजार जाने की लिये।

अरुण: चले माँ ।
सरला: चल।

बाइक पे बैठ के

अरुन: कहाँ चलना है मोम
सरला:मॉल चले।
सरल: अरुन
अरुण: हाँ मोम।
सरला: एक बात पुछु।
अरुण : हाँ
सरला:तुझे कैसे पता था की मेरी तबीयत फ्राइडे को ख़राब होगी और ट्यूसडे को सही।

आरन: मन ही मन क्या जवाब दूँ
सरला: बता न किस तरीके की तबीयत ख़राब होगी मेरी जो ५ दिन में ठीक हो जाएगी।
सरला समझ चुकी थी की अरुन को पता है पर वो उसके मुह से सुनना चाहती थी।
बात करते २ मॉल आ गया।

बाइक पार्किंग मैं खड़ी करके दोनों शॉपिंग के लिए आ गये।
घर की ज़रूरत का सामन खरीदते हुए
सरला: जवाब नहीं दिया।
अरुण: माँ छोडो ना।
सरला: मन ही मन अरुन को परेसान देखते हुए खुश हो रही थी पर ये भी जानना चाहती थी की क्या जो वो सोच रही है वो सही है या उसकी गलतफहमि।
सरला: कुछ पूछ रही हूँ।
अरुन: माँ प्लीज मैं नहीं बता पाउंगा।
सरला: मेरे साथ बाजार आना है ये याद है बाकि याद नहि।
अरुण: हां
सरला: तो जवाब दे।
अरुण: थोड़ी देर खामोश रहने के बाद माँ जब लास्ट मंथ आप ने कहा की बैक में पेन हो रहा है तो मुझे डाउट हुआ की आप को हकलाते हुए पीरियड्स है जिस की बजह से आप की बैक पेन हो रही और फ्राइडे को वही डेट थी जो लास्ट मंथ थी इस लिए आईडिया लगाये और बोल दिया की तबीयत ख़राब हो जायेगि
ओर शांत हो गया।यह कहकर सरला से नज़र नहीं मिला रहा था और ऐसी ही हालत सरला की भी थी ।

ओर हो भी क्या न ये वो बात थी जिसको लड़की या तो अपनी माँ से या पत्नी हस्बैंड से शेयर करते है
ओर यहाँ माँ बेटे बात कर रहे थे।

सरला सच जानना भी चाहती थी और जान कर अजीब सा महसूस कर रही थी।

ऐसे ही मॉल में सामान लेने के बाद दोनों घर आ गये बिना बात किये हुए।
शाम को रमेश ऑफिस से आ गया और उस ने गौर किया की दोने माँ बेटा एक दूसरे को अवॉयड कर रहे है

रमेश सरला से : क्या हुआ

सरला: कहा।

रमेश: कहाँ क्या तुम और अरुन बात नहीं कर रहे।

सरला:ऐसा नहीं है आप को ऐसा क्यों लग रहा है
रमेश: ओके हो सकता है
ओर सोने चला जाता है।
सरला किचन मैं काम कर रही थी
और सोचती है अरुन से कैसे बात करे उसे शरम आ रही थी की उसने आज अपने बेटे से पीरियड्स पे बात की और अरुन को पता है की उसके पीरियड्स कब आये है यही सोचते २ वो सोने चली जाती है।

अगली सुबह
रमेश ऑफिस चला जाता है और अरुन कॉलेज के लिए निकल रहा होता है
तभी
सरला: उसे आवाज़ देते हुए ब्रेकफास्ट तो कर ले ।
अरुण;माँ मन नहीं है।
उसे पता था की उसकी माँ ने भी ब्रेकफास्ट नहीं किया होगा और जब साथ करेगे तो कुछ बात होगी और वो सरला को फेस नहीं करना चाहता था।

सरला: मैंने कहा न ब्रेकफास्ट कर और उसका हाथ पकड़ के डायनिंग टेबल पर बिठा देति है और ब्रेकफास्ट लेने किचन मैं चली जाती है
और फिर दोनों साथ बैठ कर ब्रेकफास्ट करते है
पर कोई बात नहीं करते।

अरुण: ब्रेकफास्ट करने के बाद माँ कॉलेज जा रहा हू।

सरला: ओके बेटे।

अरुण: बाय मोम।

अरुन के जाने के बाद सोचती है अरुन कितना बड़ा हो गया की सिर्फ बैक पेन से उसने आईडिया लगा लिए मेरे पीरियड्स के बारे में ।
और हँस देती है।
और घर के काम ख़तम करने के बाद खाली बैठी थी
और उसलसे अरुन का ख्याल आया है
और उसे कॉल करती है
सरला: हेलो अरुण
अरुण: है मोम
सरला: कहा हो
अरुण: कॉलेज में।
सरला: क्लास में।
अरुण: नहीं माँ ब्रेक है।
सरला:ओके और चुप हो जाती है।
अरुण: बोलो माँ ।
सरला: कुछ नाहि।
अरुण: कॉल क्यों की
सरला: बस ऐसे ही।
अरुण:कोई काम था।
सरला: क्या मैं अपने बेटे को कॉल नहीं कर सकती।
अरुण: नहीं ऐसी बात नहीं है।
सरला: चल ओके बाय।
अरुण: बाय मोम
सरला कॉल कटने के बाद सोचती है पहले तो मैं कभी अरुन को कॉल नहीं की बिना किसी इमरजेंसी के पर आज क्यों की।

उसे समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है
ऐसे सोचते २ उसका टाइम पास हो जाता है इधर अरुन का कॉलेज से आने का टाइम हो जाता है
तो वो आईने के सामने खड़ी होके अपने मेकअप चेक करती है जो की उसने आज तक नहीं किया था अरुन के आने पर।

और आज सरला अरुन का इंतज़ार कर रही थी और आज अरुन लेट आया पूरे २ घंटे अपने टाइम से।

सरला सोच रही थी की उससे कॉल कर लुँ पर हिम्मत नहीं हो रही थी की क्या बात करती।
तभी डोर बेल्ल बजति है।
गेट खोलने पर अरुन सामने खड़ा था।
सरला: ये क्या टाइम है आने का।

अरुण: वो दोस्तों से साथ था टाइम पता ही नहीं चला।
सरला: हाँ सही है दोस्त ज्यादा जरुरी है माँ से।
सरला ने ये बोल तो दिया पर सोचने लगी मैंने तो कभी उससे ऐसा नहीं कहा पर आज क्यु।

अरुण:ऐसा नहीं है मोम।
और अंदर आ जाता है ।
और फ्रेश होने चला जाता है।
 
ईधर अरुन फ्रेश हो रहा था सरला किचन से आवाज़ देती है कॉफ़ी पियेंगा अरुण।

अरुण: हां मोम
और बाहर डायनिंग टेबल पर आ जाता हे।
सरला कॉफ़ी बना के लाती है और दोनों साथ कॉफ़ी पितें है।

और कुछ सोचते २ सरला अरुन से बोलति है बाहर चले ।
अरुण: कहा पे माँ ।
सरला: कहीं भी।
अरुण: कोई काम है ।
सरला: नहीं ऐसे हे अभी तेरे पापा को आने में टाइम है।
अरुण: ओके चलते है।
सरला: तो रेडी हो जा मैं भी रेडी होक आती हूँ।

अरुन रेडी होने चला जाता है
इधर सरला भी रूम में आ जाती है रेडी होने के लिये
पर उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है।
शायद कहीं उसके दिल में ये बात उससे कचोटने लगी थी की उसके हस्बैंड ने कभी इस बात की केयर नहीं करी की पीरियड्स मैं आराम कर लो और
करुन जैसे पिछले महिने ही पता पड़ा उसके पीरियड्स की और उसने उसे बोल दिया आप आराम करो पीरियड्स ख़तम होने के बाद जायंगे।

सरला ये सोच हे रही थी की अरुन की आवाज़ आई माँ रेडी हो गई क्या।
सरला: नहीं बेटे।
अरुण:क्या हुआ माँ जाना नहीं है क्या।
सरला: जाना तो है रूम का दरवाजा खोलते हुए पर कुछ समझ नहीं आ रहा क्या पहनु।।
अरुण: जो मन करे वो पहंन लो।
सरला: अच्छा तू बता क्या पह्नु।
सरला ने बोल तो दिया पर एकदम से चुप हो गयी की मैं अरुन से क्यों पूछ रही हूँ।
अरुण:माँ कुछ भी पहन लो आप पर सब अच्छा लगता है।
सरला: चल झुठ।
अरुण: सच मोम।
सरला: तो कौन सी साड़ी पहनू।
अरुण: वो ब्लैक वाली जो दीदी की शादी में पहनी थी।
सरला: तुझे याद है।
आ: हाँ माँ आप उसमे बहुत अच्छे लग रही थी।
सरला: चल ठीक है पर हम जायँगे कहाँ।
अरुण: अब बताओ
सरला: मूवी चलें
अरुण: ओके
सरला:ओके मैं १० मिनट में रेडी होक आती हूं।
दरवजा बंद कर के सरला राहत की साँस लेती है उसे क्या हो रहा है मूवी वो भी अरुन के साथ अकेले और उसकी पसंद की साड़ी पहन के।
सोचते हुए रेडी होती है की अरुन की १ साल पहले की बात याद है की मैंने कौन सी साड़ी पहनी थी
ओर एक मेरे हस्बैंड उनकी मेरा बरथ डे भी याद नहीं था ।
अरुण:माँ शो मिस हो जाएगा।
सरला; बस १० मिनटस।
अरुण: माँ २५ मिनट्स हो गये आपको रेडी होते हुऐ।
सरला; टाइम देखति है अरुन सही बोल रहा है और जल्दी २ रेडी ही जाती है ।
दरवाजा खोलके कैसे लग रही हूं।
अरुण: देखते रह जाता है सही भी है आज सरला ने फुल मेक उप किया था जैसे किसी शादी मैं जा रही हो
सरला: बोल भी या देखते रहेगा।
अरुण: अछि लग रही हो।
सरला: सिर्फ अच्छी
अरुण: बहुत अच्छी।
सरला; थैंक्स चल।
अरुण: माँ चस्मा नहीं पहनी हो।
सरला: मेरे पास कहा है।
अरुण;क्यों मैंने आप को आप के बर्थडे पे गिफ्ट किया था।
सरला; कब ।
अरुण; माँ रात मैं जब मैं पार्टी से आया था और पैकेट आप को दिया था।।
सरला: ओहो मैं तो भूल ही गयी ।
अभि देखती हु।
अरुण:माँ अभी तक आप ने मेरा गिफ्ट नहीं देखा।
सरला: रूम में जाते हुए सॉरी बेटा तूने भी याद नहीं दिलाया। और मुझे भी याद नहीं रहा।
और पैकेट ढूँढती है और जब उसे खोलती है चश्मा देख के खुश हो जाती है पर।
अरुण: पर क्या माँ ।
सरला: मुझपे अच्छा लगेगा।
अरुण: क्यों नहीं लगेंगा।
सरला; मतलब इस उमर में
अरुण: कॉमन माँ चस्मा लगाओ।
अब जल्दी करो लेट हो जायंगे।

घर निकल कर बाइक पे दोनों माँ बेटे चलते हुए
सरला: कहाँ चलना है।
अरुण: देखते है।
सरला:पहली बार अरुन के काँधे पे हाथ रखती है।
अरुण: माँ आ गये।
तभी सरला का ध्यान जाता है वो एक उस एरिया का पॉपुलर मल्टीप्लेक्स था और उस मैं सुल्तान मूवी लगी थी।
जो की सरला के फवौरेट एक्टर की मूवी थी
सरला: मन हे मन अरुन को मेरे कितने ख्याल है मूवी देखने आया वो भी मेरी फेवौरेट एक्टर की।

अरुण: माँ चलो।

सरला: चलो।

हॉल में सरला और अरुन एक साथ बैठे थे और मूवी एन्जॉय कर रहे थे।
जब मूवी ख़तम हुए सारा रश एक साथ बाहर निकला जीसकी बजह से सरला को धक्का लगा
अरुन ने तुरंत सरला का हाथ पकड़ा और चलने लगा
सरला: मन ही मन याद करते हुए जब रमेश के साथ मूवी देखने आई थी शादी के बाद पहली बार को उस टाइम भी यही हुआ था पर रमेश को कोई मतलब नहीं था।

अरुन और रमेश मैं कितना फ़र्क़ है
हॉल से बाहर आने के बाद
अरुण; माँ अब क्या करना है ।

सरला: मुझे क्या पता मैं तो तेरे साथ आई हु तू बता।

अरुण: ओके तो फिर रेस्टोरेंट चलते है अच्छा सा खाना खाते है फिर घर चलेंगे
सरल: जैसे तेरी मर्ज़ि

दोनो रेस्टोरेंट जाते है और अरुन सरला के पसंद का खाना आर्डर करता है।

सरला ये देख के खुश होती और साथ २ खाना खाते है
ओर फिर घर चल देते है
रमेश के आने से पहले दोनों घर आ जाते है
रमेश के आने के बाद खाना खा कर रमेश सोने चला जाता है।
सरला किचन के काम से फ्री हो कर अपने रूम में जाते २ अरुन के रूम मैं चलि जाती है।
आ: माँ आप
सरला: क्यों नहीं आना था।
अरुण: नहीं ऐसी बात नहीं है।
सरल: थैंक्स।
अरुण: क्यु।
सरला: आज के लिये।
अरुण: आज क्या।
 
सरला: आज मेरी लाइफ का पिछले १० साल का बेस्ट दिन था जो मैंने गुजरा तेरे साथ।
बर्ना मैं तो भूल हे गई थी ख़ुशी क्या होती है
अरुण: माँ मैं हूँ न ये फर्स्ट डे था पर लास्ट नहि।

सरला: देखते है।
ओक गुड नाईट।
अरुण: गुड नाईट मोम
सरला अपने रूम मैं चलि जाती है और रमेश की दिया दुःख याद कर दुखि होती है कैसे पति मिला है जिसको अपनी पत्नी से कोई मतलब नहीं है।
ओर दिन की बातों को याद करते हुए सो जाती है।

कईसे हे दिन बितत्ते जाते हैं और सरला अरुन की तरफ खिचती जाती है उसे पता ही नहीं पड़ता की ये क्या है
डेली उसका कॉलेज से आने का वेट करती है उसका मनपसंद का खाना बनाती है ।
कहते है न जब किसी के लिए मन में कुछ होता है तो उसके दूर जाने पर महशुश होता है वो हमारे लिए कितना इम्पोर्टेन्ट है या हम उसके बारे मैं क्या सोचते है।

ऐसे ही हुआ सरला के साथ एक दिन अरुन कॉलेज से लौट कर आया और सरला से बात करते हुआ उससे बोला मंडे को कॉलेज का ५ दिन का टूर है खन्ड़ाला का मैं भी जा रहा हु ।
सरला: क्या ।
अरुण: टूर है।
सरला: वो तो मैंने सुन लिया पर एक दम अचानक ।
अरुण:: अचनाक नहीं माँ मैंने लेट डीसाइट किया
मै तो जाने वाले नहीं था पर दोस्तों ने ज़िद की और मेरे पूछे बिना ही मेरा नाम लिखवा दिया इस लिए जाना पडेगा।

पर इस बात को सुन कर सरला उदास हो गई उससे समझ नहीं आ रहा था की क्या बोले ।
ओ कुछ नहीं बोली और मंडे भी आ गया अरुन सुबह ६ बजे रेडी हो गया
सरला: उसके रूम है आते हुए रेडी हो गया।
अरुण: हाँ माँ ।
सरला: सुब कुछ रख लिये।
अरुण: हाँ। चलता हूँ मोम
सरला: बड़ी जल्दी है ।
अरुण:: नहीं माँ वो ६:३० पर पहुचना है नहीं तो ट्रैन मिस हो जयेगि।
सरला: ओके जाओ ।
अरुण: बाय मोम।
सरला: बाय बेटा टेक केयर।

और अरुन चला जाता है।
अरून के जाने के बाद सरला को ऐसा लगता है घर खाली हो गया है जब की अरुन गया था न की रमेश उसका हस्बैंड्।
उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था अरुन पहले भी कई बात कॉलेज टूर पे गया है पर आज की तरह कभी मिस नहीं किया था सरला ने।
थोड़ि देर बाद उसने अरुन को कॉल कीया।
सरला: हेललो।

अरुण: हाँ मोम।
सरला: पहुच गया ।
अरुण: हाँ माँ ट्रैन आने वाली है।
सरल:ओके बोल कर चुप हो जाती है।
अरुण: बोलो माँ कॉल क्यों की ।
सरला: बस कन्फर्म करने के लिये।
तुम्हारे सारे दोस्त है साथ में।
अरुण: है माँ
सरला: एन्जॉय करना बाय।
अरुण: बाय मोम
और सरला कॉल डिसकनेक्ट कर देति है
ये क्या हो रहा है उसे उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था अरुन को कॉलेज भी जाता है तो ५या ६ घंटे में लौट कर आया है और अभी तो १ घण्टा भी नहीं हुआ उसे गये हुए और वो उससे मिस कर रही थी।

सोचते २ और घर के काम मैं टाइम पास करने लगी और एक दो बार उस ने अरुन को कॉल भी की पर नेटवर्क की बजह से बात नहीं हो पाई जिस की बजह से उसका मन और भी उदास हो गया।
 
ऐसे ही दिन गुज़रने लगे कभी अरुन से बात हो जाती कभी नही।
पर इन 5 दिनों में उसे ये एहसास हो गया की उसके मन में अरुन के लिए कुछ फ़ीलिंग चेंज तो हुए है पर वो क्या है उसे समझ नहीं आ रहा था।
और रमेश को उसकी उदासी से कोई मतलब नहीं था और उसे ये लगा भी नहीं की उसकी वाइफ के मन में क्या चल रहा है।
पर इन 5 दिनों मैं अरुन ने भी अपनी तरफ से एक भी कॉल नहीं किया सरला को।
जीस की बजह से सरला का मन भी ज्यादा उदास था की उसे ही फिकर या याद आ रही है अरुन की
पर अरुन को मेरी याद नहीं आ रही।
इसी उधेड़बुन में अरुन के आने का दिन भी आ गया

उस दिन सरला सुबह से उठ कर जल्दी २ घर का सारा काम किया और अरुन की सब फेवरेट डिशेस बनाई और उसके आने का इंतज़ार करने लगी जैसे किसी से कितने सालो बाद मिलेगी।
दरवाजा पे डोरबेल बजी सरला भाग कर गई गेट खोलने के लिये
दरवाजा खोला सामने अरुन खड़ा था।
दरवाजा से साइड हटकर अरुन को अंदर आने का रास्ता दिया अरुन अंदर आया।
सरला ने भी दरवाजा बंद किया और उसके पिछे २ वो आ गई।
और उस को देख कर रोने लगी।
सरला को भी समझ नहीं आया की वो रो क्यों रही है पर रोये जा रही थी
अरुण: माँ क्या हुआ आप रो क्यों रही हो।
सरला: सुबकते हुए कुछ नहीं बोळी

बोले भी तो क्या की मैंने तुझे मिस किया इस लिए रो रही हू।
अरुण; माँ बोलो भी क्या हुआ डैड ने कुछ कहा
सरला: एक दम से भाग कर अरुन के गले लग जाती है
अरुण: क्या हुआ माँ बताओ न डर लग रहा है।
माँ प्लीज बोलो।
सरला: अपने ऑंसू पोछते हुए और उससे अलग होती है और एक गाल पर तमाचा मारती है अरुन को।

अरुन शॉकड ये क्या था।माँ


सरला: ५ दिन हो गये तुझे गये हुए एक भी कॉल नहीं की ।
कॉल कर के ये भी नहीं पूछा की माँ कैसी हो मैं पहुच गया हूँ ।पर क्यों पूछेगा दोस्त साथ थे एन्जॉयमेंट हो रहा था ।माँ कौन है उसकी याद क्यों आयेगि।
सब मरद एक से होते है मन किया तो ये करो वो करो
और जब मन नहीं है तो कोई मतलब नाहि।

करुन समझ नहीं प् रहा था की ये क्या है
ओर सायद सरला का भी की उससे ये क्या ही रहा है
मैन अरुन की तुलना अपने पति से क्यों क्र रही हूण

ओ तो मेरा बेटा है
ओर चुप चाप अपने रूम मैं चलि जाती है

ईधार कुछ देर शॉकेड रहता है फिर उससे अपनी गलती का एहसास होता है उससे भी सुच मैं एक भी कॉल नहीं की

ओर सरला के रूम मैं जाता है

जहां सरला अब भी रो रही थी

अरुन सरला के पास उसके पैरों मैं बैठ जाता है और अपने सर को उसकी गोद में रख देता है।

आई ऍम सॉरी मोम
सरला कुछ नहीं बोलति क्यों की उसे भी समझ नहीं आ रहा था की उसने ऐसे रियेक्ट क्यों किया।
अरुण: आगे से कभी ऐसा नहीं होगा
प्रोमिस
सरला कुछ नहीं बोलती।

सरला को रोते हुए देख कर अरुन भी रोने लगता है

जब सरला अरुन को रोते हुए देखति है तो उस के सर पे प्यार से हाथ फेरती है और चुप कराती है।

अरुण: माँ सॉरी आगे से जब भी कहीं जाऊँगा आप को कॉल जरुर करूँगा।

सरला: मतलब मुस्कुराते हुए अब भी मुझे अकेला छोड़ कर जाएगा।

अरुण: कान पकड़ कर सॉरी नहीं जाऊंगा।
सरला: ओके चलो फ्रेश हो जाओ और नास्ता कर लो
अरुण: ओके मोम।
और थोड़ी देर बाद दोनों ब्रेकफास्ट फ़ास्ट टेबल पर
सरला: तो टूर कैसे था।
अरण: फ़स्ट क्लास माँ खूबसूरत मस्त था।
सरला: हां माँ नहीं थी ना।
अरुण: माँ ऐसा नहीं है।
सरला: चल कोई बात नहीं अब रोना सुरु मत करना।
अरुण: पहले आप रोये थे मैं नही।
सरला: खामोश हो जाती है।
उसे भी समझ नहीं आ रहा था की उसने ऐसे रियेक्ट क्यों किया।
और ब्रेकफास्ट करने के बाद अरुन सरला को अपने टूर की बातें बताने लगा।
और इसी तरह टाइम पास होने लगा ।
सरला और अरुन और क्लोज होने लगे कही भी जाना बाहर तो साथ जाना अकेले जाना तो एक दूसरे को कॉल करना ।
उन्दोनो में कुछ तो नया था जो सायद वो समझ नहीं पा रहे थे ।

कल से इतना पास आ गये की अरुन क्या पहन कर बाहर जायेगा ये सरला डीसाइड करती थी और जब दोनों साथ जाते थे तो सरला की साड़ी का कलर और डिज़ाइन अरुन सेलेक्ट करता था जिसे सरला बड़े मन से पहनती थी ।
कुछ दिनो बाद
अरून घर पर था और सरला के साथ टीवी देख रहा था।

तभी सरला बोली :अभी आई और बाथरूम चली गई।।
 
अरुन के समझ में नहीं आया।
बाथरूम के गेट पर
अरुण:। माँ क्या हुआ
सरला: कुछ नाहि
अरुण: बोलो न माँ
सरला: अंदर क्या बोलू इसे मेरे पीरियड्स सुरु हो गये
अरुण: माँ बोलो ना
सरला:। मेरी तबीअत ख़राब हो गई बैक में पेन सुरु हो गया कुछ सोच कर बोल देति है।
उसे पता था अरुन समझ जाएगा।
अरुण: कुछ खामोश रहा और ओके बोल कर बाहर आ गया।

कुछ देर बाद सरला बाथरूम से बाहर आई और अपने रूम में चलि गई।

अंदर रूम मैं सरला-
अब अरुन को पता है क्या करेगा बो क्या बोलेगा
इस सोच में अपने सेनेटरी नैपकीन यूज़ करती है

और बाहर आ जाती है
और अरुन के पास आ कर बैठ जाती है और उसे देखने लगती है

अरुन कुछ नहीं बोलता।
थोड़ि देर बाद सरला।
सरला; चलो बहुत टाइम हो गया डिनर बनाना है।
अरुण: डिनर बनाने की कोई ज़रूरत नहीं है

सरला: क्यों खाना नहीं खाना।

अरुण: खाना है पर बाहर से माँगा लेते है।

सरला: क्यों

अरुण: आप की तबीअत ठीक नहीं है

सरला: सरला मुझे क्या हुआ।

अरुण: माँ आप ही ने बताया बैक पेन है और ४ से ५ दिन तक रहेगा ।

सरला: शरमाते हुए उसे समझ नहीं आ रहा था की अपने पीरियड्स के बारे में वो अपने बेटे से बात कर रही है।

अरुण: बोलो क्या लाना है
सरला: ये पिछले २२ साल से हो रहा है कोई नया नहीं है शादी के बाद और मैं खाना बनाती हू।

अरुण: तब मैं नहीं था।
सरला: मतलब

अरुण: मतलब मुझे पता नहीं था और अब जब पता है तो खाना नहीं बनेगा।

सरला: अच्छा कितने दिन तक।

अरुण; जब तब आप ठीक नहीं हो जाती।

सरला: पर तेरे पापा को क्या बोलोगे ।

अरुण: कुछ देर चुप रहता है
फिर मैं बात कर लुंगा।

सरला फिर सोच में तुलना करने लगती है अपने पति और बेटे की।

और अरुन बाहर से खाना माँगा लेता है ।
रमेश के आने के बाद अरुन उसे गोलियां दे देता है मीठी वाली और रमेश कुछ नहीं बोलता।

रात हो जाती है और सब अपने २ रुम मैं सोने चले जाते है।

सरला अपने बेड पे
मन ही मन खुश होते हुए की अब कोई तो है जिसे मेरी फिकर है।
और अरुन के बारे में सोचते हुए सो जाती है।

सूबह लेट सोने की बजह से सरला की आँख जल्दी नहीं खूलती।
हडबड़ा कर उठती है और फ्रेश हो किचन में जाती है रमेश और अरुन का जाने का टाइम हो गया और अभी ब्रेकफास्ट और लंच भी नही रेड़ी।

जब किचन में पहुचती है

अरुन पहले से ही वही होता है
सरला:तुम यहाँ क्या कर रहे हो।

अरुण: कुछ नहीं ब्रेकफास्ट बना रहा था।

सरला: क्यों मैं आ रही थी ना।

अरुण: याद नहीं आप की तबीअत ख़राब है।

सरला: तबीयत ख़राब बोल बोल कर तो सच में ख़राब कर देगा।
सिर्फ पीरियड्स सुरु हुए है जो मुझे १६ साल के उम्र से हो रहे है ।
सरला जोश में बोल जाती है।
और खुद के जवाब पर झेप जाती है।

अरुन भी उसकी बात सुन के उसको देखता रहता है

थोडे देर मोन रहने के बाद-

सरला: बात को सम्हलते हुए है तू क्या ऐसे क्या देख रहा है सच यही है तुझे पता ही है।
चल जा कॉलेज के लिए रेडी हो मैं ब्रेकफास्ट और लंच रेडी करती हू।

अरुन चला जाता है।

सरला को समझ नहीं आ रहा था की वो अपने बेटे से इतना कैसे खुल कर पीरियड्स पर बात कर सकती है वो उसकी माँ है बीवी नही।

कुछ देर बाद रमेश ब्रेकफास्ट कर के ऑफिस चला जाता है।
सरला: अरुन जल्दी कर बेटे कॉलेज के लिए लेट हो रहे हो।

अरुण: आया माँ ।

और दोनों बैठ कर ब्रेकफास्ट करने लगते है।

और ब्रेकफास्ट करने के बाद अरुन कॉलेज के लिए निकलता है।

सरला गेट पर सी ऑफ़ करती है अरुन को और पहली बार बोलति है कॉलेज पहुच कर कॉल करना।

अरुण:ओके बोल कर चला जाता है।

सरला मन ही मन मेरा न दिमाग ख़राब हो गया है।

थोड़ि देर में उसका मोबाइल बजता है अरुन की कॉल थी।
अरुण कॉलेज से: कॉल के लिए बोली थी माँ।

सरला: इसीलिए बोली थी ठीक से कॉलेज पहुच जाये तो बता देना। ओके अब क्लास में जाओ।

अरुण:ओके माँ बाय।

सरला अभी तक समझ नहीं पा रही थी।
कहते है न जब तब कोई एहसास न कराये प्यार का पता नहीं चलता।
घर का काम ख़तम करने के बाद वो नहाने जाती है और जब अपने सेनेटरी नेपकीन चेंज करती है तो उसे उसे याद आया ये तो लास्ट पडा है।

तभी वो मोबाइल उठती है और रमेश को कॉल करने की बजाय अरुन को कॉल करती है ।

अरुण: यस माँ

सरला: कुछ नहीं बोलती और फ़ोन काट देती है।

मैने अरुन को फ़ोन क्यों किया रमेश को करना था पैड़ मांगने के लिये।

तभी अरुन की कॉल आ जाती है।
सरला कॉल डिसकनेक्ट कर देति है।

करुन फिर कॉल करता है।

सरला कॉल पिक्क नहीं करती
और कॉल डिसकनेक्ट करके मेसेज कर देति है

" मेरे सेनेटरी नैपकीन ख़तम हो गये थे इस लिए तेरे पापा को कॉल कर रही थी की लेते आना पर गलती से तेरे पास कॉल लग गई "।
और फ़ोन रख देति है।

और रमेश को कॉल कर के बोल देति है।

शाम को अरुन कॉलेज से आया है सरला उसको अवॉयड करती है ।
हलकी फुलकी बात होती है ।
 
सरला रमेश का वेट करती है की वो पैड़ लाए तो वो चेंज कर काफी टाइम हो गया है दिन वाला यूज करते हुए।

रमेश अपने टाइम पे आया है
सरला: रमेश से मैंने कुछ बोला था
रमेश: क्या
सरला: व्हिस्पर के लिये
रमेश: ओह सॉरी भूल गया
सरला: ग़ुस्सा होते हुए भूल गया
रमेश-अब मैं क्या करु।

रमेश गुस्से में चीखते हुए अपना काम खुद किया करो।

इधर अरुन बाहर इन दोनों की आवाज़ सुन लेता है और घर के बाहर चला जाता है।

रमेश खाना मिलेगा या नही।
सर्ला उसको खाना देति है ।
और अरुन को आवाज़ देति है डिनर के लिये
पर अरुन जवाब नहीं देता।

दे कैसे वो तो घर पर था ही नाहि
सरला उसके रूम में जाती है पर वो वह नहीं था।
वाशरूम मैं भी नहीं था।

वो उसको कॉल करने ही वाली थी की अरुन आ जाता है।

सरला: कहा गया था ।

अरुण:: कहीं नहीं बस ऐसे ही।
सरला: चल खाना खा ले।

फिर सभी खाना खाते है।
खाना खाने के बाद रमेश अपने रूम में चला जाता है
और सरला किचन में।
तभी अरुन किचन में पहुचता है।

सरला: बोलो अरुण

अरुण: उसके हाथ मैं एक पैकेट पकड़ाता है और किचन से बाहर चला जाता है।

सरला पैकेट को देखति है और खोलती है
उसमे जो था उससे देख कर शॉकड हो जाती है।

एक तो इस लिए की उसमे व्हिस्पर था जो उसने रमेश को लेने के लिए बोला था दुसरा व्हिस्पर का सबसे महंगा प्रोडक्ट था जो उसने आज तक यूज नहीं किया था।

सरला को समझ नहीं आ रहा था की क्या करे।
पर उसको इसकी ज़रूरत थी इसलिए काम फिनिश कर के वो उसे यूज करती है और बेड पर सो जाती है।

उसके आने से पहले उसका हस्बैंड सो चूका था।

सरला इसी उधेड़बुन में की अरुन उसके लिए व्हिस्पर क्यों लाया और मैं कल कैसे उसको फेस करुँगी।

सोचते २ मोबाइल उठाती है और अरुन को मेसेज कर देती है थैंक यू सो मच।

ओ समझ नहीं पाती वो सोचती कुछ और है कर कुछ और देति है ।
तभी उसके मोबाइल की लाइट जलती है मेसेज था।

" मेंशन नॉट कभी भी किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो कॉल मि"।
 
अगली सुबह

रमेश ऑफिस चला जाता है
वरून अपने रूम में था।
सरला: अरुन के रूम मैं पहुच कर ले


अरुण; ये क्या है
सरला: तुझे पता नही।

अरुण: है पता है पैसे है पर क्यु।
सरला: कल जो तो लगा था ना।

अरुण: अन्जान बनते हुआ क्या पता था।

सरला: मुझे नहीं पता पर रख ले।

अरुण: पर मुझे नहीं चाहिए पैसे।

सरला: ले ले न क्यों परेसान कर रहा है।

अरुण: मुझे ज़रूरत नहीं है तो क्यों लो
और अगर पापा लाते तो आप पैसे देती।

सरला: ये उनका काम है मेरी हर ज़रूरत को पूरा करना
शादी की है और कमाते भी है।
ओर वेसे भी पैड़ लाना तेरा काम नहीं है।

अरुण: क्यु

सरला: ये काम अपनी पत्नी के लिए करना।

अरुण: माँ प्लीज

सरला: अरुन को शरमाते हुए देखति है और हस देति है।
और पैसे देति है ।

अरुण: माँ रख लो जब ज़रूरत पडेगी तब ले लुंगा।

सरला: वइसे कितने का आया था।

अरुण: क्या

सरला: वही

अरुण: क्या वही मोम

सरला: व्हिस्पर और क्या अब खुश

अरुण: थोड़ा झेप जाता है।

सरला: अब क्या हुआ

अरुण: कुछ नही।

सरला: तो अन्जान क्यों बन रहा था।

अरुण: २४० का

सरला: बाप रे मैं तो ८५ वाला यूज करती हू।

ये बोल के सरला चुप हो जाती ये क्या बोल दिया

अरुन समझ जाता है और कुछ नहीं बोलता।
माँ ब्रेकफास्ट करे।

सरल: हां चलो

और दोनों ब्रेकफास्ट करते है
चुप चाप।

अरुन कॉलेज के लिए जाते हुए मां

सरला: हाँ

अरुण: २४० वाला इसलिए लाया था क्यों की सब से बेस्ट था और मेरी माँ दुनिया की बेस्ट माँ है इसलिए उनके लिए सब चीज़ एकदम बेस्ट क्वालिटी की होनी चहिये।
और वो हाइजीनिक भी है।

सरला: सरला कुछ नहीं बोलति और अरुन की तरफ दोनों बाहे फैला देती है।
 
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