Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा - Page 12 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा

:P gajab ki story thi. jitni baar arun ka muth nikla tha uska panch gunna mera nikla tha.:P but haa, plz pura story upload karo.​
sexstories said:
बातचित और खाना खाने और बनाने में पूरा दिन निकल जाता है।
रात को सोने की बात पे ।
रमेश
नीतु और रवि अरुन के कमरे में सो जायेंगे और अरुन ड्राइंगरूम में सोफ़े पे ।
अरुन मरता क्या न करता
ड्राइंगरूम में सो जाता है।

सोते हुए अरुन को महसूस होता है की कोई उसके होंठो को चुम रहा है।
अरून की आँख खुल जाती है।
सरला: इस्स्सस्स मैं हू।
अरुण: सरला का मुह से हाथ हटाते हुए कोई जग जाएगा।
सरला: सब सो रहे है पानी पिने के बहाने आई हूँ अपने राजा से मिलने दिन में ठीक से बात भी नहीं हो पाई प्यार तो बहुत दुर की बात है।
और अरुन के लंड को मसल देती है और अरुन के होंठो को चूसने लगती है।
थोड़ी देर ऐसे ही किस करने के बाद सरला।
अब चलती हूँ कोई जग सकता है।
अरुण: जान अपनी चुत तो दिखा दो शादी के बाद पहला दिन है जब तुम्हारी चुत और गाण्ड नहीं देखी।
सरला: प्यार से मेरा सोना इतना मिस कर रहा है।
अरुण: हाँ।
सरला झटके से अपनी नाइटी कमर तक उठा देती है और आगे पीछे घुम कर अरुन को अपनी चुत और गाण्ड दिखाती है।
बस अब जाऊँ।
अरून भेजने का मन तो नहीं कर रहा पर जाओ।
और दोनों एक दूसरे को हग करते है
और सरला अपने रूम में चली जाती है।

इसी तरह सुबह होती है और अरुन रमेश और रवि अपने २ काम से चले जाते है।
और सरला और नीतू घर में अकेली रह जाती है।
नीतु काफी देर से कुछ सोच रही थी।
सरला: क्या हुआ नीतू कुछ सोच रही हो।
नीतू : हां सोच तो रही हूँ पर क्या बोलू समझ नहीं आ रहा।
सरला: अपनी माँ से क्या छुपाना।
नीतू: वो माँ कल रात को ।
सरला: मन ही मन डर गई कही इसने अरुन और उसको रात में देख तो नहीं लिया।
सरला: रात में क्या।
नीतू: जब कल रात को हम दोनों सोने के लिए चेंज कर रहे थे तो रवि अपना लोवर घर भूल आये थे तो मैंने अरुन की अलमारी से उसका लोअर लेने गयी तो उसकी उसकी ।
सरला: उसकी क्या वो समझ गई फिर भी अन्जान बनते हुए उसकी क्या।
नीतू ; उसकी अलमारी में ब्रा पेंटी और लेडीज जीन्स , टी शर्ट ,टॉप और और टेम्पोंस ( एक प्रकार के पैड्स ) रखे देखे।
सरला को कटो तो खुन नही।
क्या बोल रही है।
दिखा तो जरा।
नीतू: चलो और दोनों अरुन के रूम में।
ये देखो और अलमारी खोल देती है।
सरला बोले तो क्या बोले।
नीतू: लगता है आप ने अरुन को काफी छूट दे दी है।
सरल:नहीं ती ऐसा नहीं है।
नीतू: फिर उसकी अलमारी में लेडीज कपडे क्या कर रहे है।
सरला: यही तो मेरी समझ नहीं आ रहा।
नीतू: और देखो ब्रा और पेंटी को हाथ में पकड़कर
कितने स्टाइलिश और मॉडर्न और महँगे है ।
इतने महँगे तो रवि ने भी मुझे ला कर नहीं दिया।
और ये भाई साहब अभी से अपनी गर्लफ्रेंड को पहना रहे है।
सरला: अगर ऐसा है तो उसने ये यहाँ क्यों रखा है
नीतू; जरुर इसने उसे गिफ्ट किये होंगे और उसने लिए नहीं होंगे तो अपने पास रख लिए होंगे और करता भी क्या।
सरला:हाँ ऐसा हो सकता है क्यों की वो कभी अपनी किसी गर्लफ्रेंड को घर नहीं लाया।
 
नीतू : मैं बात करती हूँ उससे।।
सरला: पागल है क्या, क्या बात करेगी।
ब्रा पेंटी की।
नीतू: है बात तो सही है पर पूछ न तो पडेगा
सरला: तू रहने दे मैं बात करती हू।
नीतू : वो तुम्हे नहीं बतायेगा मैं बात करुँगी।
सरला: बात मान मेरी तू बहन है उसकी तू उससे ऐसी बात कैसे करेगी मैं करती हूँ माँ हूँ उसकी ।
नीतू: ओके आप करलो।
पर एक बात बोलू भाई की चॉइस मस्त है एक दम मॉडर्न लिंगेरी है महँगे वाली।
सरला: तुझे पसंद है तो रख ले और उससे बात करने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी ।
नीतू: नहीं माँ मेरे साइज की नहीं है।
सरला: ट्राई तो कर सायद कोई आ जाये ।
सरला को पता था की उसका और उसकी बेटी के साइज में ज्यादा फ़र्क़ नहीं था और अब शादी के बाद नीतू का सरीर भर गया था।
नीतू: रहने दो माँ।
सरला: ट्राई तो कर बेटा मेरे हिसाब से आ जाएंगे
और नीतू उनमें से अपनी पसंद की ब्रा और पैंटी ले कर बाथरूम में चलि जाती है।
सरला मन ही मन पता नहीं क्यों मेरा अब कर रहा है नीतू इन ब्रा पेंटी को पहने जब की ये ब्रा पेंटी अरुन सरला को अपनी पसंद की दिला कर लाया था।

थोड़ी देर बाद नीतू बाथरूम से बाहर आती है।
सरला: क्या हुआ।
नीतू: माँ एक दम फिट है।
सरला: मैं तो बोल रही थी तेरे में आ जाएंगे।
नीतू: हाँ पर ये अरुन की गर्लफ्रेंड के लिए है। अरुन को पता लगेंगा तो ग़ुस्सा करेंगा।
सरला: ऐसा कुछ नहीं है ।
नीतू: आप कैसे बोल सकती हो।
सरला: सकपका जाती है ।
वो मैं ऐसी ही बोल रही थीं।
नीतू; माँ आप क्यों नहीं पहन कर देखती। हो सकता है आप को आ जाए।
सरला: सोचते हुए पागल। मेरा बेटा मेरे लिए ही लाया है। मेरे को नहीं आएँगी तो किसको आयेगी।
नीतू; क्या हुआ माँ क्या सोच रही हो।
सरला: कुछ नहीं मैं ऐसी ब्रा पैंटी नहीं पहनती।
नीतू: ऐसा कुछ नहीं है ट्राई तो करो।
सरला: रहने दे तुझे आ गई न तो तू रख ले। मैं अरुन से बात कर लुंगी।
नीतू: ट्राई तो करो माँ प्लीज।
सरल:ओके बाबा और जो अरुन के पसंद की ब्रा पेंटी थी उनको लेके बाथरूम में चलि गयी और अंदर वेट करने लगी।
उनको ट्राई क्या करना वो तो उसी के थे तो आना तो था ही।
थोड़ी देर बाद बाहर आ कर।
नीतू: क्या हुआ माँ ।
सरला: हाँ एकदम फिट है।
नीतू: हैं ना ।मैं जानती थी।
 
सरला: कैसे जानती थी।
नीतू: वो कल रात।
सरल; क्या कल रात।
नीतू: कल रात को मैंने आप को और अरुन को किस करते हुए देख लिया था और आप दोनों की बातें भी सुन ली थी।
और आज सुबह अरुन को आपके बुटक पे हाथ फेरते हुए देख लिया था और आप ने उसे कुछ नहीं बोला।
सरला एकदम से अपना सर पकड़ के वही बेड पे बैठ गई।
नीतू: डाउट तो मुझे साक्षी की शादी में ही हो गया था जब आप अरुन के मोबाइल पे मैसेज भेज रही थी और वो जवाब दे रहा था और आप पढ़ के मुस्करा रही थी और अचानक से शादी से दोनों का घर आ जाना और पापा से बात करके पता चला की आप दोनों गोवा गये हो तो मुझे कुछ डाउट हुआ और आज सुबह रँगे हाथों पकड़ लिए आप के बुटक(गाँड) पे हाथ फेरते हुए और ये ब्रा पेंटी का एक दम फिट आना।
सरला चुपचाप सुनती रहती है।
नीतू: अब आप कुछ बोलेंगी
सरला रोने लगती है।

नीतू:अब रोने से कुछ नहीं होगा माँ ।
सरला: क्या सुनना चाहती है यही की मेरे और अरुन के बीच क्या चल रहा है।
हाँ मैं प्यार करती हूँ उससे एक माँ हो कर भी प्यार करती हूँ और क्यों न करुं जो प्यार मुझे तेरे पापा से मिलना चाहिए था वो तेरे भाई से मिला
वो मेरी हर ख़ुशी का ख्याल रखता है
जिस चीज़ की ज़रूरत होती है वो लाकर देता है।
तेरे पापा को तो ऑफिस और अपने दोस्तों से फुर्सत नही।तेरी मौसी के यहाँ भी अरुन लेकर गया
और क्या जानना चाहती है ।
मै उससे अब तेरे पापा से भी ज्यादा प्यार करती हूँ और करती रहुँगी।
तूझे जो करना है कर ले मैं किसी से नहीं डरती।

हाँ ये ब्रा पेंटी वो मेरे लिए ही लाया है तूने मुझे अपनी शादी से पहले मेरी ब्रा पेंटी देखी होगी कैसे होती थी आंटी वाली और देख मेरा बेटा कैसे लाया है एकदम मॉडर्न और महँगे वाली जो तेरी पति रवि ने भी तुझे नहीं दिलाई।
मुझे ब्यूटी पार्लर लेके जाता है।
शोप्पिंग कराता है मूवीज ले जाता है ।
पता नहीं मेरी ख़ुशी की लिए क्या क्या नहीं करता
तूझे भी पता है हम लेडीज को थोड़ा प्यार जहा भी मिले हम उसी की तरफ हो जाती है।
मै जानती हूँ मैं गलत हूँ पर मजबूर हू।
और रोती रहती है।
जब सरला काफी देर रो लेती है।
नीतू: मैं जानती हूँ पापा आप से उतना प्यार नहीं करते और आप की केयर भी नहीं करते और रेस्पेक्ट भी नहीं देते ।
पर मोम वो आप का बेटा है कोई और होता तो मैं भी आप का सपोर्ट करती पर वो मेरा भाई और आप का अपना बेटा है।
सरला: बेटा है तभी तो उसको अपनी माँ पर दया आ गई जो तुम्हारे पापा को आनी चाहिए थी।

एक बात बता अगर ये सब किसी बाहर वाले के साथ होता और वो इस बात का फायदा उठा कर मुझे या तेरे पापा को ब्लैकमैल करता तो।
मै मजबूर थी नीतू मुझे कोई और नहीं दिखा जो मुझ से इतना प्यार करता हो।
और सिसकती रहती है।
नीतू: सरला को कन्धो से पकड़ते हुए।
माँ चुप हो जाओ ।
मै समझ सकती हूँ जब किसी पत्नी को पति का प्यार नहीं मिलता तो कैसा लगता है।
फिर भी माँ जब पापा को पता चलेगा तो क्या होगा।
सरला: अब मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता जब तक अरुन मेरे साथ है मैं उसके सहारे जी लुंगी।
नीतू: और जब भाई की शादी होगी तब।
सरला: वो शादी नहीं करेगा उसने मुझ से शादी कर ली है।
नीतू: क्या कब कैसे?
और सरला नीतू को सब बता देति है कैसे एक व्हिस्पर से प्यार और केयर सुरु हुई और शादी पे ख़तम हुई।
पर बड़ी हुशियारी से हनीमून वाली बात और सेक्स वाली छुपा जाती है।
 
सिर्फ इतना बताती है की प्यार कैसे हुआ और अभी वो इतने फिजिकल नहीं हुए है सिर्फ किस्सिंग और टचिंग होती है और सब से बढ़कर केयरिंग।
नीतू: पर माँ अभी उसकी उम्र २० साल है जब शादी की उमर का होगा तब ।
सरला; तब की तब देखूँगी ।अभी अगर मुझे ज़िंदा और खुश देखना चाहती है तो इस बात को किसी को मत बताना और हो सके तो मेरी हेल्प करना जिससे मैं अभी तेरे और रवि के होते हुए अपने पति और तेरे पापा को खुश रख सकु।
क्यूं की तुम्हारे आने की बजह से वो मेरे साथ टाइम स्पेंड नहीं कर पाएँगे।
नीतू: आय हाय पति भाई मतलब तुम्हारा पति।
और मेरे पापा मतलब।
सरला: जब अरुन मेरे पति हुए तो तेरे पापा हुए न।
नीतू : मर जावां रे , उनको ही ही । इतनी इज्जत अपने नये हस्बैंड को ।
सरला: नीतू को मेरा साथ देगी न बेटी और तुझे मुझपे ग़ुस्सा तो नहीं है।
नीतू: माँ मैं शुरु से चाहती थी आप किसी से अफेयर रख लो पर जानती थी आप ऐसे नहीं हो पर भाई के साथ आप को खुश देखकर मैं आप के लिए बहुत खुश हू।
और मैं हमेशा आप के साथ हू।
सरला; थैंक यू बेटी।
नीतू: माँ थैंक्स बोल के गैर मत बनाओ।
वैसे अरुन ओह सॉरी मेरे पापा कब आयेंगे।
और अगर वो आप से इतना प्यार करते है तो उनको कॉलेज गये ३ ऑवर हो गये उनका कॉल या मैसेज भी नहीं आया। आप को लगता है वो मिस नहीं करते ।
सरला: ऐसा नहीं ही सकता।
और सरला अपना मोबाइल चेक करती है ।
उसने ८ मिस कॉल और ११ मैसेज थे।
ओह शिट रात को मैंने इसे साइलेंट कर दिया था और उसके बाद से चेंज नहीं किया।



नीतु मोबाईल चेक करती है वाक़ई में इतनी कॉल और मैसेज थे।
सरला: मेरा बेबी परेशान होगा मेरे लिये।
और अरुन को कॉल करती है।
सरला: हल्लो।
नीतु इशारा करती है कॉल को स्पीकर पे ड़ालने के लिये
सरला मना करती है।
 
उधर से।
अरुण: याद आ गई
सरला: सॉरी जानू।
बोलकर शरमा जाती है क्यों की वो भूल गई की नीतू खड़ी है।
नीतु इशारा करते हुए लगे रहो
अरुण: क्या कर रही थी।
सरला: वेट कल रात को मोबइल साइलेंट कर दिया था की तुम्हारा मैसेज आएगा और सुबह याद नहीं रहा और अभी तक नीतू के साथ थी अभी वो पडोसी के यहाँ गई है तब चेक किया मोबाइल तो तुरंत आप को कॉल की है।
सॉरी प्लीज माफ़ कर दो।
सरला: प्लीज प्लीज प्लीज।
अरुण: ओके बाबा मैं ग़ुस्सा नहीं हू।
सरला: अच्छा कब तक घर आ रहे हो।

अरुण: जल्दी आके क्या फायदा नीतू घर पे है।
सरला: मैं अपनी जान को अपने पास देखना चाहती हू।
अरुण: ओके मेरी जान आता हूँ आधे घंटे में।
सरला: क्या पहनूँ।
अरुण: वो पिंक वाला सूट और पिंक वाली ब्रा और पिंक वाली जी स्ट्रिंग।
सरला: शरमा जाती है क्यों की नीतू पास में थी।
ओके जान बाय और एक उउउउउम्मम्मह्ह्ह किस
अरुण:किस ये किसके लिए थी ।
सरला: तुम्हारे लिए बाय फ़ोन रखो ।
ओ जल्दी इस लिए करती है क्यों की उसे पता था की अब अरुन क्या बोल्ने वाला है क्यों की नीतू खड़ी थी और सारी बात सुन रही थी पर जब तक अरुन ने बोल दिया।
अरुण: और छोटू की किस।
सरला: अच्छा बाबा उउउउउम्मम्महहह बस अभी रखो मुझे तैयार भी होना है बाय।
और कॉल डिसकनेक्ट कर देती है।
और अपने रूम में जाने लगती है।
नीतू: पीछे से ये छोटू कौन है माँ।
सरला: कोई नहीं और वहाँ से भाग कर अपने रूम में आ जाती है ।
पर नीतू भी कहा माननेवाली थी।
नीतू: माँ बताओ न ये छोटू कौन है।
सरला: मुझ से मत पूछ और रूम का गेट लगा लेती है।
नीतू: माँ बताओ न छोटू कौन है नहीं तो जो भाई ने यानि पापा ने जो ब्रा पेंटी पहनने के लिए बोला है वो मेरे पास है।
और पापा आप को उन्ही में देखना चाहते है।
सरला: प्लीज नीतू दे दे वो आते होंगे और मैं उसकी इच्छा पूरी न करूँ ये हो नहीं सकता और दरवाजा खोल देती है।

नीतू: ब्रा पेंटी को हाथ में पकड़ कर हिलाते हुए जल्दी बोलो ये छोटू कौन है।
सरला; तो नहीं मानेगी ।
नीतू: नहीं , माँ क्या ये वही छोटू है जो मैं समझ रही हू।
सरला: मुझे क्या पता तू क्या समझ रही है।
नीतू : वही जो पति के पास होता है और जिस के दम पे वो हमें अपना गुलाम समझते है।
सरला: हाँ वही जिसपर लड़को को बहुत घमण्ड होता है।चाहे वो किसी काम का हो या न हो।
नीतू ; नए पापा का कैसा है घमण्ड करने लायक या बस ऐसे ही।
सरला: अब तू मार खाएगी क्या ।जल्दी दे ।
नीतू; अपना हाथ बढ़ा कर सरला के हाथ में ब्रा पेंटी देते हुए।
पर छोड़ती नहीं है
बता न माँ पापा का कैसा है ।
देख लेगी तो बेहोश हो जायेगी और ब्रा पेंटी उसके हाथ से छिनकर दरवाजा बंद कर लेती है।
बाहर नीतू अपनी माँ की बात का मतलब समझते हुए
बेहोश हो जाऊंगी ।।
आआआआह मतलब बहुत बड़ा होगा।
 
थोड़ी देर बाद डोरबेल बजती है।
नीतू: आवाज़ देते हुए।
माँ लगता है पापा आ गये।
और दरवाजा खोलने जाती है।
ईधर सरला जल्दी २ तैयार होती है
दरवजा खोलते ही ये अरुन नहीं रवि था नीतू का पति
दरवजा बंद करते हुए नीतू का मूड ख़राब हो जाता है
वो तो सोच रही थी की अरुन आया होगा।
नीतू: माँ ये आये है।
और रवि कमरे में चला जाता है चेंज करने
और नीतू सरला के रूम को नॉक करती है
माँ
सरला: कौंन
नीतू: मैं हूँ खोलो।
सरला: क्या हुआ गेट खोलते हुए।
नीतू अंदर आ जाती है।
सरला का मूड ख़राब हो जाता है
नीतू; क्या हुआ माँ।
सरला: अब सूट कैसे पहनू। रवि आ गया और वो
मुझे सूट में नहीं देखेंगे तो उनका मूड ख़राब हो जायेगा ।
नीतू: तो पहन लो आप इनकी फ़िक्र क्यों करती हो पापा को जो अच्छा लगे वो पहनो उनकी ख़ुशी ज्यादा मायने रखती है।
सरल: पर
नीतू: पर बर छोडो वो कुछ नहीं बोलेंगे बोल दूंगी की जब पापा नहीं होते तो दिन में माँ सूट पहन लेती है।
सरला: नहीं उनको अच्छा नहीं लगेगा की मैं रवि के सामने सूट पहनू। मैं उनसे बात कर लेती हू।
और अरुन को कॉल करती है
और रवि आ गया है बता देती है।
अरुण: नीतू है न वो समझा देगी और पापा को भी उसको बोलो समझायेगी की माँ को सूट पहनने दे घर में।
नीतु इशारा करते हुए सरला को ।बोल दो ठीक है।
सरला ठीक है जैसी आप की मर्ज़ि
कितने देर में आप आ रहे हो।
अरुण: बस १० मिनट थोड़ा ज़ाम था।
और सरला कॉल काट देती है।
नीतू:मैंने बोला था न पापा कुछ नहीं बोलेंगे ।
सरला: पर पूछना भी ज़रूरी था।
तभी रवि नीतू को आवाज़ देता है
और तभी दरवाजे की डोरबेल बजती है।
नीतू: अब की पक्का पापा होंगे ।
सरला: तुझे उनको पापा बोलने में बड़ा मजा आ रहा है अपने भाई को।
नीतू: मजा क्या जब उनकी आप के साथ शादी हुई है तो वो मेरे पापा हुआ न ।
सरला चल जाके गेट खोल बाहर खड़े है वो ।
नीतु गेट खोलती है और अरुन अंदर आ जाता है
तभी रवि भी ड्राइंग रूम में आ जाता है।
वो कुछ बोलता उससे पहले ही।
अरुण: माँ आपने भी नीतू के आते ही सूट पहन लिया
सरला कुछ बोलति उससे पहले नीतू।
नीतू: हाँ तो कुछ लाइफ में चेंज होना चाहिए और आज कल तो सब सूट पहनती है माँ ने पहन लिया तो क्या और मैं तो आज पापा से भी बोलने वाली हूँ।
अरून जैसा आप दोनों की मर्ज़ि।
तभी रवि।
नीतु सही तो बोल रही है।
नीतु देखा इनको भी कोई प्रॉब्लम नही।
अब ठीक है
अरुन ओके मुझे क्या प्रॉब्लम पापा को हो सकती है।
नीतू; उनको मैं समझा दूँगी।
और सब खाने की तयारी करते है।
अरून और रवि डायनिंग टेबल पे
और सरला और नीतू किचन में।
तभी नीतू बाहर आती है और इतने में अरुन किचन में जाता है।
और सरला की कमर पे हाथ फेरता है
सरला: जाओ जान कोई आ जाएगा।
अरुण: कोई नहीं आयेगा
और उसके चूतड़ पे थपड मारता है।
और सरला के मुह से आह निकल जाता है
नीतु सुन लेती है और किचन में आ जाती है और अरुन बाहर चला जाता है।
नीतू: पापा ने छेडा था ना।
सरला: चुप कर ।
नीतू: क्यों , बोलो ना
सरला: हाँ।
नीतू: क्या किया।
सरला: वही बैक पे थप्पड और चुप हो जाती है।
नीतू: माँ लगता है पापा को आप की बैक बहुत पसंद है।
सरला: चुप कर बेशरम।
और नीतू हँस देती है।
माँ मैं उनके साथ खाना ख़ाती हु और पापा को सर्व करने की लिए बोलति हूँ फिर आप दोनों को मस्ती करने जा मौका मिल जायेगा और सरला कुछ बोलति उससे पहले हँसते हुए बाहर आ जाती है और अरुन को किचन में भेज देती है।
 
नीतु और रवि दोनों डायनिंग टेबल पे ऐसे बैठे थे कि रवि की पीठ किचन की तरफ और नीतू साइड से बैठे थी और तिरछी नज़र से किचन में देखती है।
इधर अरुन किचन में
सरला के बुटक्क पे फिर थप्पड मार देता है।
सरला: क्यों मार रहे हो।
अरुण: ये इतने उभरे हुए क्यों है
सरला: चुप रहो।
अरुण: बताओ न जान।
सरला: आपके लिए और आप ने गाण्ड मार मार कर बाहर निकाल दिए है।
अरुण: बस दस दिन में
सरला: आप के लिए दस दिन ही काफी थे कितना बड़ा है आप का।
अरुण: क्यों अच्छा नहीं लगता।
सरला: बहुत अच्छा है मेरा छोटू ।
जाओ उनको पुडी दे आओ।
और अरुन उनको पुडी सर्व करके फिर किचन में आ जाता है।
अरुण: अंदर क्या पहनी है मेरी जान।
सरला: वही जो आप ने बोला था।
अरुण: दिखाओ ना।
स: कोई देख लेगा बाद मैं
अरुण; नहीं मुझे अभी देखना है।
और सरला के पीछे खड़े हो कर निचे बैठता है और सरला की सलवार जो इलास्टिक वाली थी निचे सरका देता है और सरला के चूतड़ पे किस करने लगता है।
सरला: प्लीज छोड दो कोई आ जायेगा।
अरुण: अभी चोदता हूँ ।
सरला: मैं चोदने की नहीं छोड़ने के लिए बोल रही हू।
ईधर नीतू तिरछी नज़र से अपने माँ और भाई की करतुत देख रही थी सरला के चेहरे के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे अरुन ने कुछ किया हो।
हो भी क्यों न अरुन ने सरला की पेंटी भी निचे सरका दी थी और आगे आकर उसकी चुत चाट रहा था।
सरला; ओह छोड तो कोई आ गया तो क्या सोचेगा
पर अरुन कुछ नहीं बोलता।
और सरला भी एकदम से निचे बैठ जाती है ।
अरुन के दोनों गालो ओ पकड़ कर प्लीज अभी मान जाओ बाद में पक्का आप जो बोलोगे वो करुँगी।
अरुण: पक्का आज दोगी।
सरला: हाँ पक्का मेरी जान और उसके लिप्स पर किस कर के उठ जाती है।
और नीतू साइड से सब देख रही थी अपनी माँ और नए पापा का रोमांस।

तभी नीतू आवाज़ देती है अरुन अब तुम खा लो मैं सर्व कर देती हूँ।
सरला: उठ जा अरुन नीतू आ जायेगी
और अरुन और सरला उठ जाते है
और नीतू किचन में आ जाती है और अरुन बाहर
नीतू: क्या चल रहा था।
सरला: कहाँ।
नीतू: किचन मैं नीचे।
सरला: कुछ नहीं बस वो अरुन और चुप हो जाती है।
नीतू: लगता है पापा बहुत रोमांटिक है।
मौका मिला नहीं की चालु।
सरला: चुप कर बदमाश तू भी कम नहीं है अरुन से।
नीतू: हु तो उसकी बहन।
कुछ देर ऐसे बात करते २ सरला नीतू से।
सरला: नीतू तेरी थोड़ी हेल्प चाहिये।
नीतू: हाँ बोलो माँ।
सरला: वो क्या है न कि।
नीतू: हाँ बोलो न।
सरला:अरुन कुछ टाइम मेरे साथ अकेले में टाइम स्पेंड करना चाहता है और तेरे और रवि के होते हुए ये पॉसिबल नहीं है तो तुम दोनों कहीं बहार घुम आओ।
नीतू: अच्छा जी अब हम दोनों कबाब में हड्डी बन रहे है।
सरला: ऐसा कुछ नहीं है।
नीतू: तो क्या है।
सरला: बोल न ।
नीतू: ओके ओके बाबा मैं ले जाऊंगी उन्हें ।
अच्छा एक बात पुछु।
सरला: हाँ पुछ।
नीतू: आप दोनों कहा तक पहुंचे ।
सरला: मतलब
नीतू: मतलब फिजीकली।
सरला: शरम नहीं आती अपनी माँ से ऐसे बात करते हुए।
नीतू: ओह हो शरम जैसे आप को आती है।अपनी बेटी से बोल रही हो थोड़ा टाइम दे दो अकेले में।
सरला: चुप कर।
नीतू: बताओ न माँ।
सरला: क्या बेटी।
नीतू: यही की आप और पापा कहाँ तक पहुचे रोमांस में।
सरला: चुप कर।
नीतू: बताओ न माँ।
सरला: जो एक पति और पत्नी के बीच होता है।
नीतू: तभी आप को पता है की मैं पापा के छोटू को देख कर बेहोश हो जाऊँगी।
सरला; नीतू की पीठ पर थप्पड मारते हुए चुप कर बेशरम ।
और नीतू हँसते हुए तो आप को टाइम स्पेंड करना है मैं कुछ करती हू और बाहर आ जाती है।

और नीतू बाहर आ कर रवि से
चलो न कहीं बाहर चलते है घुमने।
रवि: नहीं यार काफी थक गया हु ,कल भी टाइम से जाना है।
थोड़ी देर रेस्ट कर लेता हूँ और अरुन के रूम में चला जाता है।
नीतु ने भी जिद की पर रवि नहीं मानता और बेड पे लेट जाता है।
बाहर आ कर सरला से अरुन भी वही था।
नीतू: माँ वो आराम कर रहे है मैं भी सोच रही हूँ थोड़ा आराम कर लु और आप दोनों भी थोड़ा रेस्ट कर लो और रूम में चलि जाती है।

सरला और अरुन के रूम में जाने का वेट करती है
उसके मन में बहुत कुछ चल रहा था।
इधर सरला और अरुन दूसरे रूम में आ जाते है।
और गेट बंद कर लेते है और अरुन सरला पर टुट पड़ता है।
सरला: आराम से जान कही भाग नहीं रही और अरुन का साथ देने लगती है।
थोड़ी ही देर में दोनों के सरीर पे एक भी कपडा नहीं था।सरला नीतू की बजह से संतुष्ट थी की वो रवि को सम्हाल लेगी पर उसे ये नहीं पता था की उस टाइम दो ऑंखें इन दोनों को देख रही थी और ये कोई
और नहीं नीतू थी जो इन दोनों को दरवाजा के की होल से देख रही थी और रवि सो रहा था और उसने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया ताकि रवि बाहर न आ सके।
 
उसका इन दोनों को चुप कर देखने का एक ही मक़सद था ।
और वो ये की अरुन का छोटू वाक़ई में इतना बड़ा था की वो उसे देख कर बेहोश हो जायेगी और मम्मी शायद इस्सीलिए अरुन की दीवानी हो गई है।
क्यूं की एक औरत को न गाड़ी चहिये ना बांग्ला ,ना सोना चाँदी उसको तो रोज भरपूर चुत और गांड की चुदाई चाहिए वो भी मोते
लंड से ।

और अंदर देखती है।
जब सरला अरुन का अंडरवियर उतारती है उसका 9 इंच का मुसल बाहर आ जाता है।
और नीतू की ऑंखें फटी की फटी रह जाती है।
उसकी माँ ने उससे झूठ नहीं बोला था ।
वो वाक़ई में उसे देख कर बेहोश तो जाती अगर उसकी माँ ने उसे आईडिया नहीं दिया होता अरुन के लंड का।
उधर सरला अरुन के लंड को मुह में ले कर चुसने लगती है।
 
अरुण: आह माँ क्या लंड चुसती हो बिल्कुल किसी रंडी तरह।
सरला कोशिश करती है की पूरा लंड मुह में ले सके
पर नहीं जाता।
अरुण: आह कोशिश अच्छी है पर अभी और मेहनत करनी पडेगी।
सरला: लंड को मुह से बाहर निकालते हुए
देखना एक न एक दिन पूरा अंदर ले लुंगी।
चलो करो जो करना है।
अरुण: मतलब।
सरला: आगे करना है या पीछे।
अरुण: पर मुह से तो निकालो।
सरला: समय नहीं है जान रवि जग गया तो और नीतू भी आ सकती है।
अरुण: ग़ुस्सा होते हुए।
सरला: कुछ दिन की बात है जान।
वो चले जायेंगे फिर जो करना हो कर लेना।
चलो बताओ मेरे राजा को क्या चाहिए ।अपनी राण्ड की गाण्ड का छेद या चुत या मुँह।
बाहर नीतू ये सुन कर शॉकड हो जाती है।
माँ अपने आप को आप को राँड़ क्यों बोल रही है।
और अंदर अरुण।
मुझे दोनों चाहिए साली रंडी।
सरला: तो ले लो न मना किस ने किया है मेरे राजा और बेड पे सीधे लेट जाती है।
ओर दोनों बाँहों को फैला कर अरुन को बुलाती है।
और अरुन सरला की दोनों टांगो को खोलकर उसकी चुत को अपने मुह में भर लेता है।
सरला: आह ओह माँ क्या चुसता है मेरा राजा
और बाहर नीतू के लिए ये नई बात थी चुत को चुसने और लंड को मुह में लेना और ये दोनों चिजे ही अंदर बड़े आराम से हो रही थी उसके पति रवि ने कभी उसके साथ ये सब नहीं किया था।
और अरुन सरला की चुत को चुसे जा रहा था।
सरला: उई माँ और तेज मेरे राजा चूस अपनी राँड की चुत चाट आ माँ आह और तेज।
आह हह माँ आआह्ह्ह्हह्ह धीरे कर राजा नहीं तो झड जाऊंगी और तुम फिर मेरी गाण्ड मारोगे।
अरुण: चिंता मत कर मेरी छिनाल झड़ने नहीं दूंगा और एक झटके में चूत से मुह हटा कर अपना लंड सरला की चुत में पेल देता है ।

सरला आह सी धीरे धीरे कमिने मादरचोद माँ मार डाला ज़ालिम ने आह स स माँ आहः।
और अरुन बेहरमी से चोदने लगता है।
कैसा लग रहा है मेरी जान ।
सरला: आ आ उफ मज़ा आ रहा है पर जल्दी करो
जान नीतू आ सकती है।
 
Back
Top