Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा - Page 14 - SexBaba
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Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा

नीतु प्रीति से
आप यहाँ अराम कर लो अरुन आएगा तो। बता दुँगी।
प्रीति: चलती हूँ उसी के रूम मैं वेट करती ही तेरे फुफाजी का और हँस देती है।
नीतू: अच्छा जी फुफा जी ।
प्रीति: हाँ जब बॉय फ्रेंड बनाना है तो तेरे फुफाजी हुए ना।
और नीतू बाहर आ जाती है और प्रीति अरुन के बेड पे लेट जाती है।
और सोचती है अरुन कितना हॅंडसम है काश ये मेरा पति होता।
चलो बॉय फ्रेंड बना कर ही मज़े लेती हु उनके बस का तो कुछ है नहीं ५० साल के हो गये है अब तो उनका खड़ा भी नहीं होता।
कितने साल हो गये चुत में लुंड लिए हुए और
सोचते २ सो जाती है।
बाहर नीतू आकर सरला को प्लान समझाती है।
और दोनों अरुन के आने का वेट करते है।
अपने टाइम पे अरुन गेट पे
नीतू: माँ पापा आ गये आप जाओ अपने रूम में और सरला चलि जाती है।
और नीतू गेट खोलती है ।
अरुन नीतू से नज़र नहीं मिलाता।
माँ कहा है।
नीतू : आप के रूम में।
अरून सीधे अपने रूम में आ जाता है।
और रूम की लाइट ऑफ़ थी इसलिए वो ये नहीं देख पता बेड पे सरला है या प्रीति है।
और यही प्लान था नीतू और सरला का।
और अरुन धीरे से बेड के पास जाता है और प्रीति के पीछे लेट जाता है और अपना हाथ से प्रीति के मम्मे मसलने लगता है ।
मम्मे मसलने की बजह से प्रीति की आँख खुल जाती है।
पर प्रीति कुछ बोलति नहीं है।
तभी अरुन को एहसास होता है ये सरला नहीं है
और वो पीछे है जाता है।

अरुन के रुकने की बजह से प्रीति भी परेशान हो जाती है इसे क्या हुआ।
अरून बेड से उठता है तब प्रीति अरुन को आवाज़ देती है।
प्रीति: अरुन ।
अरुण कुछ नहीं बोलता।
प्रीति: अरुन क्या हुआ।
अरुण: कुछ नहीं बुआ।
प्रीति: ये क्या कर रहे थे।
अरुण: वो सॉरी बुआ मैं वो ।
प्रीति:मैं वो क्या तू किसी का वेट कर रहे थे।
अरुण: नहीं ऐसी बात नहीं है।
प्रीति: तो जो तुम ने शुरु किया उसे रोक क्यों दिया।
अरुण: वो मुझसे गलती हो गई।
प्रीति: मैंने कहा क्या की गलती हो गई
अरुण: पर आप मेरी बुआ हो।
प्रीति: मैंने कुछ कहा क्या ।
और अरुन के सर को पकड़ कर अपनी ओर खींचती है और अपने होठ अरुन के होंठो पे रख देती है।
और किस करने लगती है।
और बाहर सरला और नीतू सब देख रही थी।
सरला को पूरा यकीन था की उसका पति उसे धोखा नहीं देगा पर ये सब को देख कर सरला का ट्रस्ट हिलने लगता है और सोचती है जैसे प्रीति ने रमेश को उससे शुरु में अलग किया था अब उसके बेटे को भी छीन लेगी।
और उसकी आँखों में ऑंसू आ जाते है।
नीतू: सरला को देख कर- माँ क्या आप को भाई पे यकीं नहीं है।
सरला: है पर अपनी किस्मत पे नहीं ।
नीतू: पर माँ आप तो यही चाहती थी
सरला: चाहती थी पर अपने तरीके से ना की प्रीति की मर्ज़ी से।
 
और अंदर
अरुन एक झटके से प्रीति से अलग होता है।
ये गलत है बुआ और बोल कर एकदम से रूम से बाहर आ जाता है ।
और दोनों सरला और नीतू साइड हो जाती है।
और अरुन बहार आकर सरला को आवाज़ देता है।
माँ माँ कहा हो।

सरला अपने रूम में हैं और अरुन सरला के रूम में आ जाता है और नीतू अरुन के रूम में।
नीतु प्रीति से
नीतू: क्या हुआ बुआ फुफा के साथ मज़े आए।
प्रीति: चुप कर कुछ नहीं हुआ
तूने भेजा था अरुन को ।
नीतू: हाँ
क्या हुआ क्या बोले।
प्रीति: कुछ नहीं पहले तो किस किया मेरे बूब्स दबाये और बाद में एकदम उठ के बाहर चला गया।
नीतू: चलो शुरुआत तो हुई।
किस कैसा था आप के बॉय फ्रेंड का।
प्रीति: ऐसा नहीं लगा कोई अनट्रेंड है ऐसा लगा जैसे अरुन को काफी एक्सपीरियंस है।
नीतु को अब प्रीति को यही उलझा कर रखना था क्यों की सरला अरुन को लेकर अपने कमरे में थी और अरुन उसे चोदे बिना मानेगा नही।
और नीतू प्रीति को आगे के लिए समझाने लगती है।
और इधर ।

अरुण: माँ तुम यहाँ थी तो नीतू ने ये क्यों बोला तुम मेरे रूम में हो।
सरला: क्या हुआ अरुन ।
अरुण प्रीति से घटी सारी बात बता देता है।
सॉरी मॉम।
सरला: अरुन को बाँहों में भर लेती है ।
मुझे अपने खसम पे पूरा यकीन है की वो मुझे कभी धोखा नहीं देगा चाहे मुझसे खूबसूरत ही कोई क्यों न हो
और अरुन के लंड को मसल देती है।
सरला: वैसे बुआ के मम्मे कैसे थे।
और अपना ब्लाउज और ब्रा उपर करके अपना एक मम्मा अरुन के मुह में दे देती है।
अरुण: कुछ नहीं बोलता और सरला का मम्मा चुसता रहता है।
सरला: बोलो न जान।
अरुण: कुछ कहा नहीं मैंने इतना गौर नहीं किया
सरला: अगर प्रीति की मिलेगी तो ले लेगा।
अरुण: नहीं मुझे किसी की ज़रूरत नहीं है आप के होते हुए।
सरला: अगर मैं परमिशन दू तो ।
अरुण: तो भी नहीं ।
सरला: अगर मैं बोलू मैं चाहती हु की तुम प्रीति की फाड़ दो तो।
अरुण: पर क्यों माँ मुझे आप के साथ मजा आता है।
सरला: कभी कभी टेस्ट बदलना चाहिये।
अरुण: कहीं आप का मेरे से मन तो नहीं भर गया।
सरला:पागल हो क्या आप से मेरा मन कभी नहीं भरेगा आप मेरे पति हो और मैं आप की पत्नी।
अरुण: फिर क्यों चाहती हो मैं बुआ के साथ ये करुं।
कहीं आप को किसी और से प्यार तो नहीं हो गया
इसलिये मुझे बुआ के पास भेज कर आप किसी और से शादी करना चाहती हो।
सरला: अरुन को देखते हुए पागल हो गये हो जान मेरे मरने तक आप ही मेरे सुब कुछ हो अब मुझे कोई छु भी नहीं सकता प्यार की बात तो बहुत दुर अब तो तुम्हारे पापा भी मेरे शरीर को छु नहीं सकते।
अरुण: फिर आप मुझे दूसरे के साथ शेयर क्यों करना चाहती हो।आप को बुरा नहीं लगेंगा।
सरला: लगेगा पर समझ लो की ये भी मेरी एक अधुरी इच्छा है जो तुम्हे पूरी करनी है ।
और प्रीति वाली सारी बात अरुन को बता देति है जो नीतू को बताइ थी।
 
अरुण: पर माँ मैं आप को किसी से शेयर नहीं कर सकता और आप मुझे बुआ से शेयर कर रही हो।
सरला; शेयर नहीं कर रही बस उसे चोदने को बोल रही हूँ किसी कुतिया की तरह ताकि मुझे ख़ुशी मिले।
प्यार तो आप मुझसे करते हो बस फिजिकल हो रहे हो उसके साथ।
पर माँ ।
सरला:मुझे भी तो आप ने प्यार किया जब की मैं आप के पापा से चूदी हुई थी ।
अरुण: पर वो तो।
सरला: आप कुछ मत बोलो आप मुझे हर रूप में मंज़ूर हो बस अपना प्यार कम मत करना ।
और जिसे चाहे चोदो पर मुझे पता होना चहिये।
अरुण: मुझे किसी को नहीं चोदना बस तुम्हारी गाण्ड और चुत फाडनी है।

सरला: तो फाडो न और घुटनो पर बैठ कर अरुन की जीन्स और अंडरवियर उतार कर अरुन का लंड मुह में लेती है।
अरुण: आआआअह्ह माँआआआआ आराम से
पर सरला कुछ नहीं सुनती और चुसती रहती है।
अरुण;मुझे लग रहा है तुम मेरे लंड को ठण्डा नहीं कर पा रही इसलिए मेरे लिए दूसरी चुत का इन्तज़ाम किया है।
सरला अरुन को देखते हुए।
लंड को मुह से निकाल कर।
सरला: हाँ मेरी जान ऐसा ही है और आगे भी करती रहुंगी।अभी तो नीतू की भी दिलाऊँगी ।
अरुण: माँ
सरला: क्या हुआ नीतू की नहीं चाहिए ।
वो भी मस्त माल है।
अरुण: पर वो मेरी बहन है।
सरला: मैं तो तेरी माँ हु और प्रीति तेरी बुआ और अगर सोनिया की लेता है तो तेरी मौसी।
अरुण: आप ऐसा क्यों कर रही हो ।
बस मैं और आप ठीक है पति पत्नी और कोई तीसरा नही।और बाहर इन दोनों की कोई बात सुन रहा था और वो नीतू थी जो प्रीति को सुलाने के बाद सरला और अरुन की बात सुन रही थी।
सरला: हाँ जान प्यार में मैं और आप बाकि सब आप की रखैल।
पर्सनल वाली रांड जो आप को फिजिकल संतुष्टि दे
और अरुन का लंड दोबारा चुसने लगती है।
अरुण: आह आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई क्या मस्त राँड हो तुम जो अपने मालिक को खुद भी मज़े देती है और दूसरी रांडो का भी इन्तज़ाम करती है ।
आआआआह उउउउउउउह माँआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ अअअअअअअ ओह चुस ऐसे ही और सरला के सर को पकड़ कर आगे पीछे करने लगता है।
अरुण: नीतू की तो मैं कस कस के लुँगा ।
सरल: अरुन की ऑंखों में देखते हुए जैसे पूछ रही हो क्यु।
अरुण: बिलकुल तेरी कार्बन कॉपी है उसकी मारने में बड़ा मजा आएगा ।
पर क्या वो मुझे देगी।
बाहर नीतू :बोल तो अभी दे दू मेरे राजा मुझे भी बना ले अपनी रांड नंबर २।
और इधर सरला अरुन के लंड को चूस चूस कर बेहाल कर देती है और २० मिनट की चुसाई के बाद अरुन सरला के मुह में झड जाता है और सरला सारा माल पि जाती है और उसके साथ निचे फर्श पे बैठ जाती है और उसके सर पे हाथ फेरते हुए।
सरला: करेगा न मेरी इच्छा पूरी बनायेगा न प्रीति को अपनी रांड।
अरुण: माँ मन तो नहीं है पर आप की ख़ातिर।
सरला: तो अब मेरी गाण्ड और चुत छोड आज प्रीति की दोनों जगह का उद्घाटन कर दे।फाड़ दे साली कुतिया की चूत और गांड।
 
अरुण: पर यहाँ तो सब है।
सरला: वो मुझ पे छोड दे उसका मैं इन्तज़ाम कर दूंगी तू बस उसकी फाड़ देना जिससे की कल वो चल न पाये और जब तेरे पापा उससे पूछे क्या हुआ।
तो मैं देखना चाहती हूँ क्या जवाब देती है साली रंडी।

अरुन सरला की साडी उपर करते हुए।
सरला: क्या कर रहे हो जान।
अरुण: तुम्हारी चुत चाटने की तयारी।
सरला: अभी रहने दो जानू कोई भी आ सकती है।
अरुण: पर कल भी तुम प्यासी रह गई थी और आज भी।
सरला: कोई बात नहीं जब ये चलि जाये तो खूब मन भर के चुदवाऊँगी। फिर देखती हुँ कितना चोदोगे ।
अरुण: वादा याद नहीं है क्या जान।
अरुण: सब याद है तभी तो मना कर रही हु अभी मुझे पता है एक दिन आप को मिल जाये तो आप मेरी गाण्ड और चुत की बैंड बजा दोगे और चलने लायक भी नहीं छोडोगे।
और अरुन के लिप्स पे किस करती है।
सरला: बस एक बार प्रीति की फाड़ दो आप जैसे भी और चाल बिगाड दो ।अच्छा भला हनीमून चल रहा था आ गई पति से लड कर हमारा हनीमून ख़राब करने अब तुम इसकी चाल ख़राब कर दो।
तभी दरवाजा की बेल बजति है।
बाहर नीतू आई थी।
सरला और अरुन नीतू की आवाज़ सुन लेते है उनको ऐसा लगता है की जैसे नीतू बाहर दरवाजा पे हो और उनको देख रही हो।
सरला को तो पता था की नीतू सब देख रही होगी पर अरुन को पता नहीं था।
सरला से अरुण।
माँ रीतू गेट पे थी क्या।
सरला: शायद उसने सब देख लिया है अब तुझे उसे भी पटाना पड़ेगा नहीं तो हो सकता है तेरे पापा से बोल दे
मेरे और तेरी चुदाई के बारे में।
तभी नीतू की आवाज़ आती है ।
माँ ये आ गई।
सरला: रवि आ गया क्या शायद ।
अरुण: पर रवि के होते हुए नीतू की कैसे मारूँगा।
सरला: उसका भी मैं इन्तज़ाम कर दूंगी बस उसकी भी फाड़ देना ।
और बोल कर बाहर निकल जाती है।
थोड़ी देर में अरुन और प्रीति भी बाहर आ जाते है।
सरला किचन में सब के लिए चाय बनाने चली जाती है और नीतू भी पीछे २ पहुच जाती है।
सरला: दरवाजा से आवाज़ देना जरुरी था।
नीतू: क्या हुआ ।
सरला: अरुन को शक़ हो गया और मुझे उससे बोलना पड़ा की वो तुझे पटाकर तेरी फाड़ दे नहीं तो हो सकता है तू पापा से बोल दे।
नीतू: वो क्या बोले।
सरला: मौका मांग रहा था।
नीतू: बोली नहीं वो तो खोल कर लेटी है जा चढ जा।
सरला: बेशरम चुप कर उसे नहीं बताना की तुझे पता है हमारे बारे में नहीं तो ग़ुस्सा होगा की मैंने उससे नहीं बताया ।
बस इस तरह पेश आना जैसे कुछ नहीं जानती।
 
ओके माँ।
और दोनों बाहर आ जाती है चाय ले कर और सब मिलकर नास्ता करते है ।
तभी रवि कहता है की उसका काम हो गया है अब वो और नीतू घर जायेंगे पर प्रीति उन दोनो को रोक लेती है
और थोड़ी देर बाद रमेश भी आ जाता है।
और सब मिलकर बात करते है और हसी मज़ाक़ और खाने की तैयारी होती है ।
और आज प्रीति और नीतू अरुन को किसी और नज़र से देख रही थी।
जैसे कह रही हो आज नहीं छोडेंगे कच्चा खा जाएंगे
और अरुन समझ नहीं पा रहा था किस को लाइन दे किसको नही।
तभी दरवाजे पे बेल बजती है अरुन दरवाजा खोलता है
और सामने सुभाष खड़ा था।
यानी अरुन के फुफा जी और प्रीति के हसबैंड।
और उनको लेके अंदर आ जाता है।
प्रीति सुभाष को देख कर उसका मूड ख़राब हो जाता है।
कहाँ वो अरुन को पटाने की सोच रही थी और कहा उसका पति आ गया अब अरुन से कैसे चुदबायेगी।
वो सब मिलकर प्रीति को समझाते है की ग़ुस्सा छोड दे और घर चली जाये।
वैसे चलि भी जाती। अरुन नहीं होता तो पर अब उसे अरुन का लंड चाहिए था।
और वो उसके बिना नहीं जाना चाहती थी। इसलिए उसने सुभाष को रुकने के लिए राजी कर लिया।

रमेश अपने परिवार को देख कर खुश था पर उसे क्या पता था की उसके घर में बेटे ने उसकी जगह ले ली है और अब वो घर की सभी औरतो का मालिक अरुन है।
और उस घर की सभी औरतें उसके एक इशारा पे उसके निचे लेटने को तैयार हो रही है।
और यही हाल प्रीति का था उसने ठान लिया था की आज अरुन से चुदवा कर रहेगी।
तभी
प्रीति: अरुन अब आई हु तो सोच रही कुछ शॉपिंग कर लूँ। फिर ये आ गए है ले जाने के लिए।
सुभाष: मैं ले चलता हूँ।
प्रीति: नहीं आप रहने दो मैं अरुन के साथ उसकी बाइक पे चली जाऊँगी।

रमेश: हाँ बेटा जा बुआ को ले जा ।
प्रीति: अरुन मैं अभी तयार हो कर आई।
अरून सरला को देखता है ,और सरला उसको परमिशन दे देती है।
अरुण: बुआ रुको मुझे भी चेंज करना है।
और दोनों साथ साथ रूम में आते है ।
और अब अरुन अपनी माँ की आज्ञा का पालन करता है और वो ये की प्रीति की फाड़नी है ।
ओर उसका दिमाग तेजी से काम कर रहा था।
अरुण: बुआ साथ चलना है तो मेरी पसंद के कपडे पहनने पडेंगे।
प्रीति: तो इस में क्या प्रॉब्लम है बता।
अरुण: इतना आसान नहीं है मेरी पसंद के कपडे।
प्रीति: बोल तो सही ।
अरुण: मुझे ब्लैक कलर पसंद है।
प्रीति: हाँ मेरे पास है ब्लैक साडी ।
अरुण: खाली साडी से नहीं होगा।
प्रीति; है ब्लाउज और पेटीकोट भी है।
अरुण: उससे भी नहीं होगा।
प्रीति: अब क्या रह गया ।
अरुण: बोलू बुरा तो नहीं मानोगी।
प्रीति: अगर दोस्ती करनी है तो बुरा क्या मानना।
अरुण: तो मुझे सब कुछ ब्लैक चाहिये।
ब्लैक साडी , ब्लाऊज, पेटीकोट , ब्लैक ब्रा और ब्लैक पेंटी।
प्रीति: मतलब।
अरुण: सब कुछ साफ़ बोला है।
प्रीति: बेशरम अपनी बुआ से कोई ऐसे बोलता है।
अरुण: मैं तो ऐसे ही बोलता हु अब आप की मर्ज़ी गर्ल फ्रेंड बनना है तो जल्दी करो।
प्रीति: अगर मैं ब्लैक ब्रा पेंटी नहीं पहनी तो तुझे कैसे पता चलेगा।।
अरुण: टाइम आएगा तो चेक कर लुँगा और अगर नहीं पहनी तो दोस्ती खतम।
प्रीति: अरे अरे मेरा बेटा नाराज हो गया अपनी बुआ से जा बाहर वेट कर मैं चेंज करके आती हुँ।
और अरुन बाहर आ जाता है।
 
थोड़ी देर में प्रीति और अरुन मार्किट के लिए निकल जाते है।
ओर बाइक पे बैठ कर रोड पे आ जाते है
अरुण: कहाँ चलना है।
प्रीति: जहाँ तेरा मन करे।
अरुण: लेना क्या है।
प्रीति : कुछ नहीं ,वो तो तेरे फुफा जी आ गये थे और मुझे तेरे से बात करनी थी इसलिए बाहर आई हूँ।
अरुण: ओके तो बोलो क्या बात करनी है।
प्रीति: अब क्या बात करुं अपनी मर्ज़ी के तो कपडे पहना दिए तूने और तेरी बाइक पे बैठी हु वो भी तेरी पसंद के कपडे पहन कर और आगे सरक कर बैठ जाती है जिस से उसके मम्मे अरुन की पीठ से रगडने लगते है।
अरुण: बोलो कहा चलना है या ऐसे ही अपने बूब्स मेरी पीठ पे रगडने है।
प्रीति: बड़ा बेशरम है तू , ये तो बाइक की ब्रेक लग रही है इसलिए तुझसे लग रही है।
अरुण: बुआ रहने दो पर मुझे मस्त लग रहे है
बहुत टाइट है कसे हुए।
प्रीति: चुप कर बेशरम।
और अरुन हँस पडता है
और एक मॉल के सामने बाइक रोक देता है।
और प्रीति का हाथ पकड़ कर अंदर आ जाता है।
दोनो मॉल में एक दूसरे का हाथ पकड़ कर घूमते है।
प्रीति: मेरे हाथ क्यों पकड़ रखा है।
अरुण: क्यों की गर्ल फ्रेंड और बॉय फ्रेंड ऐसे ही घूमते है।
प्रीति; मैंने कब कहा की मैं तुम्हारी गर्ल फ्रेंड हू।
अरुण: हो तभी मेरी पसंद की ब्लैक कलर की ब्रा पेंटी पहनी हो।
प्रीति: तुझे कैसे पता की ब्लैक पहनी है।
अरुण': बस बिश्वास है की मेरी गर्ल फ्रेंड मुझसे झूट नहीं बोलेंगी।
प्रीति: हाँ ब्लैक ही पहनी है तेरी पसंद की ।
अब खुश।
अरुण: जब से आप को देखा है खुश हुँ।
आप बताओ।
प्रीति: मैं बहुत खुश हु ।
शायद लाइफ में सबसे ज्यादा खुश।
और अरुन प्रीति के काँधे पे अपनी बाजु रख कर अपनी तरफ खींच लेता है और प्रीति उसके काँधे पे सर रख देती है।
थोड़ी देर ऐसे घुमने के बाद अरुन प्रीति को मॉल के अंदर मौजुद अंडरगार्मेन्ट्स की दुकान पर ले जाता है।
प्रीति: यहाँ क्यों आये है।
अरुण: रुक जाओ।
सेल्स गर्ल:मे आई हेल्प यु।
अरुण: यस इनके साइज के अंडरगारर्मेन्ट्स दिखाओ लेटेस्ट डिजाइन।
सेल्स गर्ल :सर साइज़।
अरून प्रीति की तरफ देखता है ।
साइज़ और प्रीति कुछ भी बोले बिना साइज बता देती है।और अरुन अपने पसंद की २ सेट ब्रा पेंटी के लेता है।
प्रीटी: ये मेरे को नहीं आएँगी छोटी रहेंगी ।
अरुण: एकदम फिट आएँगी डोंट वरी।
बस आज रात पहन कर दिखा देना ।ठीक
प्रीति: क्यों दिखाऊ तुम मेरे पति हो।।
एरिन: पति से ज्यादा तुम्हारा लवर और लवर हस्बैंड से ज्यादा होता है।।
सो बी रेडी फॉर नाईट।
और दोनों बाहर आ जाते है।
और अरुन कुछ खाना है या घर पर चले।
प्रीति: पहली डेट पर लाए हो और पूछ रहे हो।
अरुण: वो कहीं बाहर खाने पर आप के पति नाराज़ हो जाये।
प्रीति: उनकी टेंशन मत लो तुम वो करो जो तुम्हारा मन हो।
उस टाइम दोनों पार्किंग लोट में थे और आस पास कोई नहीं था।
और प्रीति के कहते ही अरुन प्रीति को अपनी बाँहों में खींचकर उस के लिप्स चुसने लगता है।
थोड़ी देर के बाद प्रीति अरुन का साथ देने लगती है।
 
तभी किसी की आवाज़ आती है और दोनों अलग ही जाते है।
अरुण: कैसे लगी अपने बॉय फ्रेंड की किस।
प्रीति: गुस्से में देखते हुए बहुत अच्छी और हँस देती है।
और अरुन प्रीति को लेके रेस्टोरेंट में जाता है जहाँ दोनों प्रीति की पसंद का डिनर करते है और घर की ओर चल देते है।।
तभी रास्ते में मेडिकल स्टोर आता है।
अरून बाइक रोक देता है।
प्रीति: यहाँ क्या करना है।
आ: डॉटड कोंन्डोम।
प्रीति: सच में।
अरुण: आज तो मैं अपनी गर्ल फ्रेंड की लुँगा वो भी डॉटड कंडोम लगा कर।
प्रीति: चुप कर बदमाश और धीरे से अरुन के कान में
मुझे बिना कंडोम के अच्छा लगता है उसकी ज़रूरत नहो।
पर ये सब होगा कैसे।
अरुण: वो मुझ पर छोड दो ।
और मेडिकल स्टोर में जा कर नींद की गोलियां लेता है।
प्रीति: मना किया था न कंडोम मत लो मुझे बिना इसके पसंद है।
अरुण: क्या पसंद है।
प्रीति: मुझे भी अपनी तरफ बेशरम बनायेंगा।
बिना कंडोम के चुदना बस अब खुश।
अरुण: बहुत खुश।
और प्रीति के हाथ में नीन्द की गोलियां दे कर प्लान समझाता है।
प्रीति: ग्रेट आईडिया और इससे किसी को शक़ भी नहीं होगा। और दोनों घर आ जाते है।

घर आ कर।
सरला: क्या लाये हो ।
प्रीति: कुछ पसंद नहीं आया।
सुभाष: फिर इतनी देर।
प्रीति: गुस्से में इसीलिए मेरी तुम्हारे से नहीं पटती
सुभाष चुप हो जाता है।
और सब सोने की तैयारी करते है ।
अब सोये कैसे।
डीसाइड ये होता है।प्रीति की ज़िद की बजह से ।
प्रीति सुभाष और अरुन सरला के कमरे में।
रवि और नीतू अरुन के कमरे में।
और सरला और रमेश ड्राइंग रूम में।
पर अभी सब ड्राइंग रूम में मूवी देख रहे थे।
सरला किचन से सब के लिए कोल्ड ड्रिंक्स का और स्नैक का इन्तज़ाम करने आती है और अरुन को हेल्प के लिए आवाज़ देती है।
अब दोनों माँ बेटा या असली आशिक इस स्टोरी के किचन में अकेले।
और मौका देख कर अरुन सरला को हग करता है।
सरला: छोड़ मेरे राजा कोई देख लेगा।
अरुण: और कितने दिन जान।
सरल: बस कुछ दिन फिर मैं और आप और कोई नही।
और अरुन सरला को प्रीति के साथ हुई सारी बात बता देता है।
अरुण: माँ अब भी टाइम है।
हम ऐसा कुछ नहीं करते।
सरला: नहीं जो बोला वो करो मुझे कोई जलन नहीं हो रही ।
तूम उसके साथ एन्जॉय करो मेरी जान और बोल कर लिप्स पे किस करती है तभी नीतू भी किचन में आ जाती है।
और दोनों अलग हो जाते है।
नीतू: क्या हुआ काफी देर हो गई।
सरला: बस आ रहे है।
नीतू : तो अरुन आज बुआ के साथ सोयेगा।
सरला: हाँ वो ज़िद कर रही है।
नीतू: अरुन भी तो मना कर सकता है।
अरुण: ठीक है मना कर देता हु और तेरे साथ सो जाता हूँ।
नीतू: मना किसने किया है।
अरुण: तो बुआ के साथ प्रोग्राम कैंसिल और तेरे साथ फिट।
सरला: नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा। अरुन तू चल मैं आती हूँ और अरुन चला जाता है।
सरला नीतू से
क्यूं मेरा और अरुन का प्लान ख़राब कर रही है।
नीतू: मुझे मेरा भाई चाहिए ।
सरला: मिल जायेगा बेटा बस आज रात की बात है।
अरून प्रीति को सुभाष के सामने चोदेगा सोच मुझे कितनी ख़ुशी मिलेगी।
नीतू: पर ये होगा कैसे।
सरला: वो तेरा भाई है और मेरा पति वो कुछ भी कर सकता है।
जान तेरे नाना और नानी से मेरा हाथ मांग सकता है
और तेरे पापा के सामने मुझसे शादी कर सकता है तो सोच वो क्या नहीं कर सकता।
नीतू : हाँ जो अपनी माँ को चोद सकता है वो क्या नहीं कर सकता।
सरला: हाँ ये तो भूल ही गई।
और दोनों हँस देते है।
 
मुवी ख़तम होने के बाद।
सब अपने २ बेड पे।
प्रीति सुभाष और अरुन तीनो रूम में।
कपडे चेंज करते है।
सुभाष बाथरूम में।
अरुण: वो गिफ्ट दिया था वही पहन कर सोना।
प्रीति: ओके बाबा।
अरुण : जाओ दूध ले आओ।
प्रीति:अभी लाई।
कुछ देर बाद
सुभाष दूध पिते हुए
और प्रीति चेंज करने चली जाती है।
सुभाष अरुन से।
सुभाष: देख तेरी बुआ को ।रात के १२ बजे नहा रही है।
अरुण: हो सकता है गर्मी लग रही हो।
सुभाष: हाँ हो सकता है पर अपने घर में कभी नहीं नहाती इतना लेट।
तभी प्रीति बाथरूम से बाहर आ जाती है।
उसने नाइटी पहने हुई थी।
और ड्रेसिंग टेबल पे अपना मेकअप करते हुए
सुभाष कुछ बोलना चाहता है पर दूध पिने की बजह से नीन्द आ जाती है क्योंकी प्रीति ने अरुन से चुदने के लिए सुभाष के दूध में नीन्द की गोलियां मिला दी थी जो अरुन ने मेडिकल स्टोर से खरीद के दी थी।
प्रीति आवाज़ देते हुए ।
अरुण: डोंट वरी अब ये सुबह से पहले नहीं उठेंगे।
मेकअप ख़तम करने के बाद प्रीति बेड पर आती है और सुभाष से बात करते हुए।
उठ जाओ आप देखो नहीं तो तुम्हारा ये भतीजा तुम्हारी बीवी को तुम्हारे सामने चोद देगा। बचा लो मुझे इस से
प्लीज बचा लो।
अरुण: अब ये नहीं उठेंगे चलो आ जाओ अपने नए पति के पास।

प्रीति उठ कर अरुन के पास आती है।
प्रीति : तुम्हे शरम नहीं आएगी मुझे मेरे पति के सामने चोदते हुए।
नही मेरी जान और उठ कर बाथरूम चला जाता है और थोड़ी देर बाद नहा कर सिर्फ टॉवल में बाहर आता है।
प्रीति अरुन को देखते हुए
अपनी बाँहे फैला देती है।
और अरुन आ कर उसकी बाँहों में समां जाता है।
प्रीति: हम कुछ गलत तो नहीं कर रहे।
अरुण: अगर आप को गलत लग रहा है तो मैं चला जाता हूँ।
प्रीति: नहीं नहीं मैं तो पूछ रही थी।
अरुण; अब मत पूछना।
प्रीति: ओके नहीं पूछुँगी।
बाहर दो इंसान ऐसे थे जिन्हे नीन्द नहीं आ रही थी सरला और नीतू पर समझ नहीं पा रही थी की क्या करे।
अंदर।
बेड पे सुभाष लेटा था ।
प्रीति: अब भी टाइम है बचा लो अपनी बीवी को इस लड़के के चगुल से फिर काफी देर हो जायेगी।
पर सुभाष तो गहरी नींद में सो रहा था।
प्रीति: नहीं उठ रहे ये अरुन तुझे जो करना है कर ले मैं इनकी तरफ से परमिशन देती हू।
बना ले मुझे अपनी बीबी।
और अरुन प्रीति को बेड पे बैठा देता है।
और अपनी टॉवल उतार देता है।
पोसिशन प्रीति बेड पे अपनी टांगे लटका कर बैठी थी
और अरुन का लंड उस के मुह के सामने था ।
अरुण: लो चुसो इसे मेरी जान।
प्रीति की ऑंखें फटी की फटी रह जाती है
और कुछ आवाज़ नहीं निकलती।
अरुण: क्या हुआ सुरु करो।
प्रीति: ये क्या है।
अरुण: तुम्हारा होने वाला असली पति का लण्ड।
प्रीति: ये तो किसी डण्डे की तरह है।
अरुण: तो क्या हुआ मेरी जान चुसो इसे।
और प्रीति के दोनों हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख देता है।
प्रीति ड़रते हुए अरुन के लंड को पकड़ती है।
ये तो बहुत बड़ा है अरुन मैं नहीं ले पाऊँगी इसे और ड़रते २ उस पर हाथ फेरती है।
अरुण: कुछ नहीं होगा बहुत आराम से करुँगा।
अभी तुम पहले इसे चुसो जल्दी से।
 
और अरुन अपने लंड को प्रीति के गालो पे और मुह पे रगडने लगता है।
अरुण: जल्दी से मूँह खोलों ।
प्रीति थोड़ा सा मुह खोल देती है।
और अरुन के लिए इतना ही काफी था और अपने लंड का टोपा प्रीति के मुँह में पेल देता है।
और प्रीति टोपे को जीभ से चाटने लगती है।
अरुण: आह शाबाश ऐसे ही चाट।
हाहह और थोड़ा अंदर घुसा देता है।
प्रीति रुकने का इशारा करती है ।
और जितना मुँह में था उसे अंदर बाहर करती है।
अरुण: बहुत अच्छा बुआ आह ओह आह सी चुसो
ऐसे ही तुम एक्सपर्ट हो बुआ लण्ड चुसने में
और अपना लंड और घूसाने लगता है।
प्रीति उसे रुकने को बोलती है और
उतना ही चुसती है ।
अरुन प्रीति का एक हाथ अपने टट्टों पे रख देता है
और प्रीति उन्हें सहलाने लगती है।और अपनी स्पीड बढ़ा देती है।
अरुण: आह आ मौसी आह सी धीरे धीरे मेरी जान मजा आ रहा है तू तो एक्सपर्ट रंडी है।
प्रीति अरुन के मुह से ये सुन के रुक जाती है।
अरुण: क्या हुआ मेरी रांड मुँह क्यों रोक दिए चूस जल्दी २।
अभी तो बहुत कुछ करने है।
और प्रीति बिना कुछ बोले लंड चुसना फिर से शूरु कर देती है।
अरुण: आह ओह माँ आह सी प्रीति मेरी जान।
ऐसे ही चूस अपने नए खसम के लंड को।
आह ओह मज़ा आ रहा है।
अरून अपना और लंड घुसाने लगता है प्रीति रुकने का इशारा करती है।
अरुण: क्या हुआ मेरी रांड इसको पूरा नहीं ले पा रही
क्यूं फुफा का छोटा है क्या मेरे से ।
प्रीति हाँ में सर हिलाती है पर लंड को चुसती रहती है।
अरुण: अगर मेरे से मज़े लेने है तो पूरा लेना पडेगा।
प्रीति हाँ में सर हिला देती है।
अरुण: चल अभी इतना ही चूस फिर तेरी चुत की बारी और फिर गाण्ड की।
गाण्ड वाली बात पे प्रीति रुक जाती है।
अरुण: रुक नहीं तो और टाइम लगेगा चुसती रह।
और प्रीति चालु हो जाती है।

बाहर सरला और नीतू दोनों इतनी बैचन हो गई की उस वक़्त दोनों अरुन के रूम की खिड़की से झाँक रही थी
सरला और नीतू को बुरा तो लग रहा था पर मर्ज़ी तो सरला की थी तो ये सब तो सहना पडेगा।

अंदर।प्रीति का बुरा हाल था चूस चूस कर पर अरुन था की झड नहीं रहा था।
नीतु सरला से ।
माँ भाई तो झड नहीं रहा।
सरला: वो ऐसे नहीं झडेगा जब तक कोई उससे किसीकी बातें नहीं करेगा।
नीतू: फिर बुआ की तो हालत ख़राब हो जाएंगी।
सरला: हाँ तभी पता चलेगा उसे की पति से दूरी क्या होती है।
अरुण: आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ अअअअअअअ ुह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ चुसू मेरी जान
क्या हुआ मेरी रांड को ।थक गई क्या
प्रीति हाँ में सर हिलाती है।
तो ठीक है अपनी बेटी को बुला ले वो चूस देगी ।
वो तो एक बच्चे की माँ है कुछ सिखाया है उसे या वो भी तेरे जैसी है।
प्रीति अरुन को घुरते हुए।
अरुण: घुर क्या रही है।
जलदी कर नहीं तो रहने दे ।मैं कोई और इन्तज़ाम करता हूँ।
प्रीति ना में सर हिलाती है।
और जोर जोर से चुसने लगती है।
 
और एक हाथ से टट्टों को सहलाती है।
और अरुन के लंड को चुसती है।
अरुण: आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह धीरे धीरे कर रांड ये लंड है कोई डंडा नहीं जो मरोड़ रही है साली कुतिया।
बाहर सरला।
मार डालेगी क्या मेरे बेटे को। नहीं चूस रही तो बोलती मैं चूस दूंगी पर मरोड़ तो मत मेरे राजा के लंड को।
नीतू: माँ अंदर चले हम दोनों भाई का ख़याल रख लेंगे।
किसी प्रीति की हमें ज़रूरत नही।
सरला: रुक जा बेटी देखते है नहीं तो मैं जाऊंगी अपने राजा के पास उसकी रैंड नंबर १।

अंदर।
आ: और तेज़ मेरी राँड जल्दी कर आह मेरा आने वाला है आह माँ आह सा आ ओह उह माँ मार ड़ाला कमिनी बहन की लोडी आह सी आ और अरुन का शरीर अकडने लगता है और पिचकारी छोड देता है
प्रीति अपना मुह हटाने की कोशिश करती है पर अरुन प्रीति के सर को अपने लंड पे दबा देता है और सारा पानी प्रीति को पीना पड़ता है।
प्रीति की ऑंखों से ऑंसू आ जाते है पर अरुन कोई रहम नहीं करता और अपनी आखरी बूँद तक निकाल कर अपना लंड प्रीति के मुह से बाहर निकालता है।
प्रीति एकदम से बेड पर गिर जाती है ।
और लम्बी २ साँस लेती है और खाँसने लगती है।

अरून प्रीति के ऑंसू पोछता है और
कुछ नहीं हुआ मेरी जान अभी तो पूरा भी नहीं गया था।
प्रीती: और कितना डालेगा मादरर्चोद मैं कोई रंडी नहीं हु जो तू इतनी बेरहमी से मेरे मुँह को चोद रहा था। लास्ट में तो तूने मेरी जान ही निकाल दी थी।
पुरा गधे का लंड है
अरुण: क्यों फुफा का कितना है।
प: तेरे से पूरा आधा वो तो अच्छा है मैं उनसे ज़िद कर के लंड चुस्वाति थी नहीं तो तूने आज मेरी जान ले लेती थी।
अरुण: मुझे तेरी जान नहीं चुत चाहिये।
बोल देगी या नहीं ।
प्रीति: जब ओखली में सर दे दिया है तो मुसल से क्या डरना।
 
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