Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा - Page 15 - SexBaba
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Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा

अरुन बेड पर बैठ जाता है।
चल रांड दिखा ना ब्रा पेंटी मैं कैसे लग रही है।
और प्रीति उठ कर नाइटी उतारते हुए ।
अरुण : ज्यादा नखरे मत कर जल्दी उतार ।
और प्रीति नाइटी उतार देती है।
प्रीति: सुभाष से कहती है ।ये बोलते है तुम्हे बहुत प्यार करता हु भतीजा रांड बोल रहा है अपना लंड चुसवा दिया अब चोदने जा रहा है और ये मेरा पति सो रहा है कैसे पति है कितनी बेहरमी से मेरे मुह को चोदा।फिर भी इसकी नीन्द नहीं खुली ।
फिर ब्रा पेंटी में अरुन के सामने खड़ी हो जाती है।
प्रीति अब अरुन की स्टाइल में।
प्रीति: कैसे लग रही है तेरी रांड ।
अरुण: बहुत ज़बर्दस्त बिलकुल नंबर १ माल ।
क्या मम्मे है तेरे बिलकुल पपीता और गाण्ड तो तरबुज हो रही है जांघे बिलकुल केले के पेड़ की तरह और कमर बिलकुल सुराहिदार।
ये चोद के बहुत मजा आएगा।
प्रीति: तो चोद न रोका किसने है जिसने रोकना था वो देख कैसे घोड़े बेच कर सो रहा है।
और अरुन के पास आ कर अपनी ब्रा उतार कर अपना एक मम्मा उसके मुह में दे देति है।
अब चूस इन्हे ।
अपनी माँ के तो चुसे होंगे ही अब बुआ के चूस और अरुन एक हाथ दूसरे मुम्मे पे रख कर मसलता है और एक को मुँह में भरकर चूसने लगता है।
आह चूस मेरे राजा ।
आह ओह क्या चुसता है।
आह उह मा
और अरुन प्रीति को बेड पे लीटा देता है ।
और उसकी पेंटी उतार कर दोनों पैर अपने काँधे पे रख कर प्रीति की चुत को सूँघता है।
आआआ रांड क्या खुशबु है तेरी चुत की और एकदम चिकनी भी की है क्या अपने खसम के लिये।
प्रीति: हाँ मेरे राजा तेरे लिए चिकनी की है मैं जानती हु आज कल के लोंडो को चिकनी चुत पसंद है।
और अरुन इतना सुनते ही प्रीति की चुत की फांकों को खोलकर चुत चाटने लगता है।
अब बारी प्रीति की
प्रीति: अअअअअ ये क्या कर रहे हो छी गंदी जगह है ये बेटा वहाँ से अपना मुह हटा।

और अरुन वहाँ से मुह हटा कर लंड का सुपाडा प्रीति की चुत पे लगा कर एक ही झटके में आधा घुसा देता है
प्रीति की चीख निकलने वाली होती है की अरुन प्रीति की कच्छी उसके मुह में ठूँस देता है और बेहरमी से पेलने लगता है।
और कुछ देर उसके मम्मे मसलने के बाद प्रीति को कुछ राहत मिलती है।
और प्रीति अपने मुह से कच्छी निकाल कर सुभाष से: देखो कैसे ये मुझे बेरहमी से चोद रहा है बचाओ मुझे इससे और अरुन को अपने उपर खींच लेती है।
ओर उसके कान में आज पहली बार किसी मरद का लंड अंदर गया है दर्द तो होगा ही कोई रहम मत कर और जैसे चाहे वैसे चोद।
और अरुन एक बार पूरा लंड निकाल कर एक ही झटके में पुरा पेल देता है और प्रीति अपने मुह पे अपना हाथ रख के अपना मुह बंद कर लेती है।
और अरुन प्रीति को बेरहमी से चोदने लगता है।
प्रीति: आ माँ आह सी धीरे धीरे आह माँ मार डाला कमिने मादरर्चोद ने । फाड़ दिया मेरी चुत तेरे लंड ने इतना दर्द को तीन बच्चे पैदा करने में भी नहीं हुआ
मादरचोद।
आआआआह उउउउउउउह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ।
कल तेरी माँ को बताऊँगी की तेरे लड़का का लंड मर्द का लंड से भी बडा है।मैंने तो चुदवा लिए तू भी चुदवा ले ।
 
कम से कम बूढ़ापा को सही से कट जायेगा जवानी तो भाई ने बर्वाद कर दी ।
भाभी पसंद नहीं थी इसलिए मेरा सहारा ले कर भाभी से दुर रहते थे और भाभी को लगता था की मैं उन लोगों के दूरी की बजह हूँ।क्या करती भाई बड़े थे इसलिए कुछ कह नहीं पाई।
आआआआह उउउउउउउह माआआआआ
अब बोल दूंगी तुम दोनों का मिलन करवा दूंगी तो मेरा कुछ बोझ हल्का हो जाएगा।
बोल अरुन अपनी माँ को चोदेगा।बोल न मेरे बेटे
चोदेगा न ।
अरुन कुछ नहीं बोलता और बाहर सरला शॉकड थी ।
ओ सोच रही थी वो बदला ले रही है पर वो तो उसकी खुशी के लिए अरुन से और सरला से बात करने को राजी थी।

नीतु माँ ये क्या हो गया भाई भी बंट गया और काम भी नहीं हुआ।

अंदर

अरुन प्रीति को चोदते हुए रुक जाता है।
प्रीति; क्या हुआ अरुन बुरा लगा।
जब तुम मुझे चोद सकते हो तो अपनी माँ को क्यों नही।वो बहुत तरसी है अपने पति के प्यार के लिए ।।
वो जगह तू पूरी कर सकता है।बोल अरुन बोल मानेगा मेरी बात।
मानेगा तो।
तू बोल रहा था न मेरी बेटी को चोदेगा तो तू मेरी बात मान मैं तुझसे अपनी बेटी चुदवा दुँगी।
सरला शॉक से रोने लगी।
जीसे मैं इतना गलत समझ रही थी वो मेरे खातिर अपनी बेटी चुदवाने के लिए तैयार है।
और रोने लगती गई है नीतू उसे समझाती है।

अंदर
प्रीति; बोल ना मेरे बेटे चोदेगा न अपनी माँ को।
अरुण: हाँ माँ की खातिर उसकी खुशी की खातिर चोदुँगा पर वो नहीं मानेगी।
प्रीति: वो तो मुझ पे छोड़ दे मैं मना लुंगी क्यों की मैं उसकी सब से फवरेट ननद हु और वो मेरी भाभी।
अरुण: अगर वो मान जायेगी तो ज़रूर चोद दुन्गा।
प्रीति: आ अब मुझ को तो चोद और ठण्डा कर दे ।
तेरे जैसे लंड पा के मैं निहाल हो गई और कल सरला की भी दिला कर उसे भी निहाल कर दूँगी।
चोद मेरे राजा तेज़ तेज़ चोद और झड जा मुझ में।
अरून कहा माँ का बदला लेने के लिए प्रीति की बेरहमी से चोद रहा था पर अब उसको अच्छा जान कर प्रीति को बड़े प्यार से चोदता है।
 
प्रीति: ये प्यार वाली चुदाई अपनी माँ को करना मुझे तो बेरहमी से चोद जैसे पहले चोद रहा था।
और अरुन प्रीति की बात सुन कर पूरा लंड निकाल कर फिर से पूरा घुसा देता है और बेरहमी से पेलने लगता है।
प्रीति: आआआअह्ह उउउउउउउह माआआआज़ा आ मायआ आआआआ माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ माआआआआ मरररररररर डाआआआआआ कमिने मादरर्चोद। मेरी आज ही फाड़ दे मेरी जान
आआआआह उउउउउउउह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ अअअअअअअ उह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊह माआआआआ मरररररररर डाआआआआआ ज़ालिम आआआअह्ह मा।
प्रीति: अपनी बेटी की भी चुत दिलाऊँगी और नीतू की भी ओ भी मस्त माल है बिलकुल तेरी माँ की तरह उसका पति भी ढिला है।
अब तू ही उसको चोद कर ठण्डा कर सकता है।
अरून अपनी माँ और बहन की चोदने की सोच कर
करीब १ घंटे प्रीति को नॉन स्टोप चोद कर प्रीति की चुत में झड जाता है।और प्रीति के उपर लेट जाता है।
प्रीति : अभी से थक गया अरुण।अरुन की ऑंखों में देखते हुए।
अरुण: नहीं वो।।
प्रीति; मुझे पता है।
आ: हाँ वो।
प्रीति: मैं तभी समझ गई थी जब तूने बेहरमी के साथ पहली बार में पूरा डाल दिया था।
अपनी माँ और बहन के साथ ऐसा मत करियो नहीं तो वो मर जायंगे।
अरुण: ठीक है समझ गया।
प्रीति: पक्का मेरे राजा चल अब सो जा रात हो गई है
तूने तो मेरी चाल ही बिगाड दी ।
कल अपनी माँ और बहन की बिगाड देना।
अरुण शरमा जाता है।
प्रीति: हा हा शरमा रहा है अपनी बुआ को चोदने में नहीं शरमाया ।
और अरुन को गले लगा लेती है।
ओर सुभाष को देखती है।
चुद गई तुम्हारी बीवी भतीजे से और हो गई उसकी रखैल।
आज से सिर्फ अरुन ही मुझे चोदेगा ।
प्रीति : चोदेगा न।
अरुण: हाँ और आप की गाण्ड भी माँरुंगा।
प्रीति: ठीक है पर पहली बार करना तो आराम से मारना
अरुण: पक्का ।
और दोनों एक दूसरे के बाँहों मैं लेटे हुए सो जाते है।
और बाहर नीतू और सरला दोनों भी उठ कर अपने २ जगह आ जाती है।
कहा सर्ला प्रीति को रँगे हाथ पकड़ कर बेइज्जत करना चाहती थी और कहा अरुन को उसकी बाँहों में छोड़ कर अपने बिस्तर में आ जाती है।
और इधर नीतू फाइनली अरुन से चुदने का ख्वाव पूरा होते हुए देखती है।
और सुबह सभी उठ जाते है।
सभी ब्रेकफास्ट टेबल पे।
सरला और नीतू किचन में
ब्रेकफास्ट बना रही थी।
नीतू: माँ आज बुआ आप से बात करेंगी।
सरला: हाँ देखते है क्या होता है।
नीतू: माँ भाई ने बुआ की चाल बिगाड दी।
सरला: बेटा और पति किसका है।
नीतू: मेरा पति और आप क बेटा।
सरला: चुप कर बेशरम मेरा पति।
और दोनों हँस पडते है।
तभी प्रीति किचन में आ जाती है।
प्रीति: क्या हो रहा है।
सरला: कुछ नहीं बस हो गया आप चलो।
वैसे आप लंगड़ा के क्यों चल रही है।
प्रीति:आप के बेटे की बजह से।
सरला: प्रीति के चेहरे को देखते हुए
क्या।
प्रीति: कुछ नहीं मज़ाक़ कर रही थी।
 
और सभी डायनिंग टेबल पे
ब्रेकफास्ट करते हुए ।
सुभाष रमेश से।
भाई साहब आज हम चले जाएंगे।
और रवि भी बोलता है।
पर प्रीति और नीतू अभी जाना नहीं चाहती थी
क्यूं की अभी तो उन्हें अरुन से अपनी गाण्ड और चुत फडवानी थी।
और दोनों रमेश की सिफारिस लगाती है।
रमेश: सुभाश और रवि से।
छोड़ जाओ दोनों को कुछ दिंनो के लिए बाद में अरुन छोड़ आयेगा।
और दोनों रमेश की बजह से कुछ बोल नही पाते और
दोनो अपनी अपनी टाइम पे ट्रैन पकड़ने के लिए घर से चले जाते है और रमेश भी ऑफिस चला जाता है।
और अरुन जब कॉलेज के लिए निकलता है तो प्रीति उसे रोक लेती है।
प्रीति: कहाँ जा रहे हो।
अरुण: कालेज।
प्रीति: हम तेरी बजह से रुकि है और तुम कॉलेज जा रहे हो।

अरुन प्रीति को देखते हुए।
मुझे देख क्या रहे हो तुम्हारी बजह से तो मैं रुकि हूँ।
नीतु :मैं भी।
सरला उन दोनों को देखती है।
और प्रीति सब के सामने अरुन को किस करने लगती है
अरून पीछे हटता है।
प्रीति क्या हुआ
अरुण: ये आप क्या कर रही हो बुआ।
प्रीति: वही जो रात में किया था।
और नीतू और सरला को देखने लगती है।
और नीतू और सरला प्रीति को देखति है।
सरला: क्या बोल रही हो।
प्रीति: वही जो तुम खिड़की से झाँक कर देख रही थी
तुम दोनो।
अरुन सरला और नीतू एक दूसरे को देखते है।
प्रीति: हाँ मैंने तुम दोनों को खिड़की से झाँकते हुए देख लिया था।
इसलिये मैंने अरुन से तुम दोनों को चोदने के लिए बोला था।
और शायद नीतू भी इसीलिए रुकी है।
प्रीति: भाभी मैं जानती हु मैंने भाई की बातों मैं आकर आप को काफी दुःख दिए पर अब आप और अरुन का मिलन करा कर मैं भूल सुधारना चाहती हूँ।
सरला: तुम पागल जो गई हो ,ए मेरा बेटा है।

हाँ मैंने कब मना किया।
मेरा भी तो भतीजा है मैंने भी तो सेक्स किया और तुम दोनों ने देखा ।
सरला: देखने और करने में काफी अंतर है।
प्रीति: कुछ नहीं है।
अच्छा ठीक है ।
तो तुम दोनों मेरे एक सवाल का जवाब दो सच है तो मेरी बात मान लेना और अगर झूठ हुआ तो मैं तुम दोनों की बात मान लूँगी।
सरला: पुछो।
 
प्रीति: क्या तुम दोनों के पति का लंड अरुन के लंड से बड़ा है।
और दोनों चुप हो जाती है।
प्रीति: बोलो बड़ा है।
सरला: उससे क्या फ़र्क़ पड़ता है।
प्रीति: भाई मुझे तो पड़ता है तभी तो कल रात मुझे वो मजा मिला जो पूरी ज़िन्दगी नहीं मिला।
बोलो भाभी।
सरला: हाँ अरुन का बहुत बड़ा है।
प्रीति: तभी तो ऐसी ज़िन्दगी कब तक गुजारोगी।
मज़ा करो।
भाई कौन सा आप ख़याल रखते है।
सरला: पर ये मेरा बेटा है मेरा ख़ून।
नीतु उन दोनों की बहस सुन रही थी।

तभी तो किसी को शक़ नहीं होगा और आपकी ज़िन्दगी मज़े से कटेगी।
सरला कुछ नहीं बोलती।
प्रीति नीतू से।
अपनी माँ को समझा। क्यों अपनी ज़िन्दगी ख़राब कर रही है।
ऐसा मौका हर किसी को नहीं मिलता।
नीतु: मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा।
प्रीति: सब समझ जायेगी जब अरुन का मुसल जायेगा तेरी चूत के अंदर।
और नीतू शरमा जाती है।
और अरुन को देखने लगती है जो उसी को देख रहा था।
प्रीति: भाभी तुम नहीं मानोगी।
सरला:प्रीति तुम समझ क्यों नहीं रही देखने और करने ने में बहुत अंतर है।
जो तुम ने कहा वो भी गलत था और जो कह रही हो वो भी गलत है
ऐर मुझे पूरा यकीन है अरुन भी मना कर देगा।
प्रीति: अरुन से बोली अरुन ।
अरुण: क्या मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा।
प्रीति: यही की तुम ने जो मेरे साथ किया वो तुम अपनी माँ और बहन के साथ कर सकते हो।
अरुण: पर बुआ वो सब जो रात को हुआ वो आप की मरजी से हुआ और अगर माँ और नीतू नहीं चाहती तो नहीं करुन्गा।
प्रीति: रात को तो बोल रहा था ।
अरुण: बुआ वो आप पूछ रही थी इस लिए बोल दिया।

सरला: हो गई तसल्ली ।
प्रीति: नहीं
सरला: कोई बात नहीं अरुन तुम कॉलेज जाओ।
अरुण: ठीक है माँ।
प्रीति: तुम कहीं नहीं जाओगे मैं यहाँ तुम्हारे लिए रुकि हूँ।
और अरुन के पास जा कर उसके होंठो पे किस कर देती है।
सरला: ये क्या बतमीज़ी है प्रिती।वो अभी बच्चा है।
प्रीति: बच्चा, ये तो बड़ो बड़ो का बाप है रात में देखा नही।
सरला: प्रीति तुम ऐसे क्यों कर रही हो।
तूमने जो कल किया मैंने कुछ बोला और कुछ भी करना है तो कर लो पर हमें इन सब में मत खीचो।
प्रीति: ओके भाभी जैसे आप की मरजी पर मैं अरुन को पूरा पकडे रहूँगी
सरला: पर अरुन से तो पूछ लो की वो क्या चाहता है।
प्रीति: वो क्या बोलेगा उसने रात को ही बोल दिया था की वो तुम्हारी और नीतू की फाड़ना चाहता है
और ये बात तुम दोनों ने अपने कानों से सुनी है।

सरला अरुन को देखती है।
सरला: प्रीति क्या बोल रही है।
अरुण: वो माँ सॉरी।
सरला: सॉरी नहीं क्या ये सच है।
अरुण: वो माँ ।
प: वो माँ क्या। मरद है सच बोल।
अरुण मन में ही
हा माँ आप की और नीतू को चोदना चाहता हू।
ऐर साथ में बुआ की गाण्ड भी मारनी है चुत तो फाड़ चूका हूँ। बुआ तो अपनी बेटी की भी दिलाएँगी।
सरला:बोल मर्द की तरह।
अरुण: माँ वो बुआ सच कह रही है।
सरला: क्या बोला अरुन तू भी।
अरुण: हाँ माँ मैंने भी आप को परेसान देखा है पापा आप का ख्याल नहीं रखते।
मै आप को सारी ख़ुशी देना चाहता हुँ।
सरला: पर बेटा मैं तेरी माँ हूँ ये गलत है।
माँ बेटा ऐसा नहीं करते ।
मै तुझे बुआ के नहीं रोकुंगी
पर मैं नहीं दे सकती तेरा साथ।
नीतु मन ही मन पता नहीं क्या ड्रामा हो रहा है
मुझे कब मिलेगा अरुन का लंड़।
 
प्रीति सरला से
क्यूं कर रही हो ऐसा अब तो अरुन ने भी बोल दिया है
वो भी तुम से प्यार करता है ।
पकड़ लो इसका हाथ ज़िन्दगी मज़े से कटेगी।
सरला: चुप रहो तुम।
प्रीति कुछ बोलने वाली थी ।
तभी प्रीति का सेल बजता है।
प्रीति: हेलो।
और उधर से कूछ बोला जाता है।
ठीक है मैं निकल रही हुँ।
सरला: क्या हुआ और कहा निकल रही हो।
प्रीति: वो रानी और उसके पति में झगड़ा हो गया है और वो घर आ गई है।
मुझे जाना पड़ेगा वो स्टेशन पे मेरा वेट कर रहे है।
ओर पैकिंग करने चली जाती है।
रानी वही है जिसकी चुत दिलाने की प्रीति अरुन को बोली है।
रानी प्रीति की सब से बड़ी बेटी थी जिसकी भी एक एक साल की बेटी थी।
प्रीति पैकिंग कर के बाहर आ जाती है।
अरुण से:अरून क्या तू मुझे स्टेशन तक छोड सकता है।
अरून हाँ बुआ।
और दोनों घर से निकल जाते है।
 
टैक्सी में
प्रीति: अरुन सॉरी मैं अपना वादा पूरा नहीं कर पाई।
मुझे जाना पड़ रहा है।
अरुण: कोई बात नहीं मेरी ही किस्मत ख़राब है जो आप की गाण्ड नहीं मिल पायी।
प्रीति: टेंशन न ले मैं जल्दी आउंगी फिर दोनों मज़े करेंगे
और अब की बार रानी को भी साथ लाऊँगी।
और उसकी भी दिला दुँगी।वह सरला की तरह नखरे नहीं करेगी मेरी बेटी मेरे एक इशारे पे तेरे निचे आ जाएगी।
अरुण : आप नहीं आई तो।
प्रीति: तो तुझे बुला लुंगी और मेरे घर पे तुझे वो सब दूंगी जो तू बोलेगा।
इतने में स्टेशन आ जाता है और अरुन प्रीति को सुभाष के पास छोड़ कर घर के लिए निकल जाता है।

घर पहुच कर डोरबेल बजाता है।
दरवजा सरला खोलती है
अरुन अंदर आ जाता है।
सरला दरवाजा बंद करती है
और जैसे ही दरवाजा बंद होता है
दोनो माँ बेटा एक दूसरे को ऐसे हग करते है जैसे कितने बरसो से बिछडे प्रेमि।
और एक दूसरे को चुमते चाटने लगते है।
और भूल जाते है की घर पर नीतू भी है।
काफी देर तक नीतू उनदोनो का प्यार देखती रहती है।

जब बरदास्त नहीं होता तो।
धीरे से माँ ओ मा
तभी सरला को याद आता है
और नीतू को देखते हुए उसकी तरफ एक बाँह फ़ैला देती है और नीतू भाग कर उसके गले लग जाती है
और सरला अपने दोनों बच्चो को चुमने लगती है
अरून सरला की ऑंखों में देखता है जैसे पूछ रहा हो
नीतू।
सरला ऑंखों से इशारा करती है।
और अरुन सरला और नीतू को अपनी बाँहों में भर लेता है।
नीतु एकदम सिसक पड़ती है क्यों की पहली बार अरुन ने उसकी जवानी में पेहली बार इतनी कस कर भीचा था।
और सरला और नीतू को किस करते लगता है उनके चेहरे पर।
नीतू: आह पापा।
अरुण: नीतू को देखते हुए।
नीतू: ऐसे क्या देख रहे हो जब माँ से प्यार किया और शादी की तो मैं आप की बेटी हुई और उस हिसाब से आप मेरे पापा।
और आज आप की बेटी और बहन माँ के साथ आप को शेयर करना चाहती है और अपने माँ की सौतन बनना चाहती है।
सरला: नीतू के काँधे पे मारते हुए मेरी सौतन बनेगी।
नीतू: हाँ।
सरला: अरुन से , बना ले इसे भी अपनी रांड नो २ और फाड़ दे इसकी भी। कोई रहम कत करना इसपे, मेरी सौतन बनना इतना आसान नहीं है बुआ को देखा कैसे लंगड़ा कर चल रही थी तेरा भी यहि हाल होगा।
नीतू: नहीं होगा मेरे पापा मुझे धीरे से प्यार करेंगे
उन्हें पता है उनका बहुत बड़ा है और उनकी बेटी की चुत और गाण्ड छोटी सी है।
हैं ना पापा।
अरुण: हाँ बेटी मुझे पता है मेरी रानी बेटी अभी छोटी है
इसलिए पापा बेटी को बड़े प्यार से प्यार करेंगे।
नीतू: देखा माँ
पापा क्या बोल रहे है।
सरला: जानती हूँ बेटी ये ऐसे ही है सब की आराम से मारेंगे पर मेरी बेरहमी से ।
हैं ना जान।
अरुण: हाँ मेरी रांड नंबर १ ।
सरला: वो तो मैं हूँ।
अरुण: मुझे रांड नंबर २ भी तुम्हारी बजह से मिल रही है।
सरला: तो चले आप के रूम में रांड नंबर २ का उद्घाटन करने।
अरुण: चलो और दोनों सरला और नीतू को अपनी दोनों बाँहों मैं उठाता है और अपने रूम में आ जाता है।
सरला: देखा नीतू कितनी ताक़त है मेरे बेटे में।
अपनी दोनों रांडो को अपनी गोदी में उठा लाया।
नीतू ; देखा है माँ कितना बड़ा है बिलकुल लोहे की रोड की तरह।
 
अरुन दोनों को बेड पे बिठा देता है।
सरला अरुन से
कैसे करना है मेरे राजा।
अरुण: तुम बताओ मेरी बुलबुल।
अरून जब नीतू को देखता है।
नीतू: ऐसे क्या देख रहे हो पापा।
अरुण: कुछ नहीं अपने नए माल को देख रहा हू।
नीतू: कपडो में क्या दिखाई देगा की माल कैसा है।
अरुण: तो बिना कपडो के दिखा दो।
नीतू: इतराते हुए जिस को ज़रूरत हो वो खुद देख ले।
अरुण: अच्छा जी
नीतू: हां जी।
सरला उनकी बातें सुनती रहती है और हँसती रहती है
और अरुन नीतू को अपनी ओर खींचता है और उसके होंठो पे किस करने लगता है।और नीतू के लाल लाल होंठो के रस को पिने लगता है और नीतू अरुन का साथ देती है।
काफी देर ऐसे ही किस करने ले बाद।
सरला: जानू।
अरुण: हाँ मेरी जान।
सरला: बताओ न अपनी इन दोनों रांडो की कैसे लोगे।
नीतू: हाँ पापा बताओ न मेरी सील कैसे तोडोगे।
अरुण: तो सब कुछ मेरे हिसाब से होगा।
और दोनों नीतू और सरला हाँ में जवाब देती है।


अरुण: तो दोनों बेड पे खड़ी हो जाओ।
और दोनों बेड पे खड़ी हो जाती है।
अब दोनों घुम जाओ।
दोनो घुम जाती है।
अरुण: वाह क्या बात है।
सरला और नीतू
क्या बात है।
अरुण: दोनों एक से एक मस्त माल हो।
क्या गाण्ड का उभार है दोनों के।
नीतू: पापा किसकी ज्यादा बड़ी है।
अरुण: दोनों की एकदम मस्त ।
अरुण: अब घुम जाओ।
दोनो अरुन को देखने लगती है
अरुण: सरला से माँ
सरला: हाँ बेटा।
अरुण: आप को कोई प्रॉब्लम तो नहीं है नीतू के साथ।
सरला: नहीं मेरे बेटे तुम दोनों मेरी जान हो।अगर नीतू हमारे साथ मिल जाती है तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है बल्कि ख़ुशी होगी ।
मैने तुमसे पहले भी कहा है की रवि का इतना बड़ा नहीं है इसलिए वो अभी तक नीतू माँ नहीं बना पाया और इसे संतुष्ट भी नहीं कर पाता है।
है ना नीतू।
नीतू:हाँ पापा उनका आप से आधा भी नहीं है मुझे पता भी नहीं चलता की लंड अंदर है।
अरुण: तू चिंता मत कर बेटी वो मज़े दूंगा की रवि को भूल जायेगी।
नीतू: मैं भी यही चाहती हो पापा।
आप अपनी बेटी को चोद कर माँ बना दो अपने बच्चो का।
अरुण: जल्दी तुम दोनों रांड मेरे बच्चो की माँ बनोगी
बनेगी न सरला।
सरला: हाँ आप जितने बच्चे बोलोगे उतने की बनुँगी।
अरुण: तो फटाफट जरा अपने अपने कुरते उतारो।
और दोनों झट से कुरते उतार देती है।
अब दोनों माँ बेटी अरुन के सामने उपर से सिर्फ ब्रा पहने हुए थी।
अरुण: वाह मजा आ गया क्या मस्त मम्मे है दोनों के।
सरला: राजा तुम्हारी दोनों रांडो की ब्रा का साइज एक ही है।
अरुण: क्या बात है।
फिरर तो नई वाली ब्रा बेचारी नीतू को भी आ जायेगी।
सरला: हाँ एक दम फिट आई है और इसने वो पहने भी है।
 
अरुन कब मैंने तो नहीं देखी।
नीतू: पापा अभी पहन के दिखाउँ।
अरुण: अभी नहीं रात में।
नीतू: ओके पापा।
अरुण: अब जरा अपनी अपनी ब्रा भी उतारो।
और दोनों ब्रा उतार देती है।
और दोनों उपर से पूरी नंगी हो जाती है।
सरला के मम्मे थोड़े से बड़े थे नीतू से पर टाइट नीतू की ज्यादा थे।
और सरला के निप्पल नीतू से बड़े और भूरे रंग के थे।
अरुण: क्या मस्त माल है मेरा और उठ कर
दोनो के एक एक निप्पल हाथ से मसलने लगता है।
दोनो के मुह से सिसकारी निकल जाती है
नीतु पापा थोड़े धीरे दर्द होता है।
अरून नीतू के मम्मे पे थपड मारता है।
चुप कर रांड तू मुझे बतायेगी क्या करना है और कस कर दूसरे मम्मे मसल देता है।
नीतु चीख पड़ती है।
और चुप हो जाती है।
सॉरी पापा गलती हो गई ।
सरला नीतू से
बेटी मरद ऐसे ही प्यार करते है रवि कोई मर्द नहीं है और न ही तेरे पापा मर्द है।
अरुन अपनी मर्ज़ी से अपने अनुसार औरतो को चोदता है और औरत चुदवाती है
नीतु: समझ गई माँ पापा का लंड लेना है तो इस दर्द को तो भूलना पडेगा ।

और अरुन इन दोनों के सामने अपने घुटनो पे बैठ जाता है और सरला का एक निप्पल मुह में ले कर चुसने लगता है और नीतू का मसलने लगता है।
और दोनों माँ बेटी सिसक पड़ती है।
सरला ;हा चूस मेरे राजा चूस दो दिन हो गये चुसे हुए
और कस के चुस।कुछ देर बाद अरुन अपनी पोजीशन चेंज करता है अब नीतू का मम्मा चूस रहा था और सरला का मसल रहा था।
बारी बारी से चारो मम्मे चुसता है और दोनों सिसकती रहती है कभी कभी निप्पल को दाँतों से काटने लगता है।
थोड़ी देर बाद अरुन बेड पे बैठ जाता है
और दोनों अरुन को ऐसे देखति है जैसे पूछ रही हो अब क्या करना है।
अरून इशारे से दोनों को सलवार उतारने के लिए बोलता है।
और दोनों उसका आज्ञा पाकर अपनी २ सलवार उतार देती है।
और निचे फर्श पे फ़ेक देती है और दोनों ने ब्लैक कलर की पेंटी पहनी थी।
अरुण: क्या बात है दोनों रांडो ने सेम कलर की पेंटी पहनी है।
सरला: दोनों आप की रांड है न इसलिये।
अरुण: क्या मस्त रंग है दोनों माँ बेटी का एकदम दूध जैसा क्या जाँघे है मोटी मोटी भरी हुई मजा आ गया सरला मजा आ गया।

सरला: आप की राँड है तो मस्त तो होना पडेगा।
और अरुन सरला और नीतू को अपनी कच्छी उतारने का इशारा करता है।
और दोनों एक ही झटके से अपनी अपनी पेंटी उतार कर अरुन के मुह पे फ़ेक देती है।
अरुण: आह मर गया क्या ज़ुलम किया और दोनों की पेंटी उठा कर सूँघने लगता है।
सरला: फेको उन्हें बेशरम गन्दी है दोनों का पानी लगा है।
पर अरुन तो जैसे दिवाना हो जाता है और पेंटी का जो हिस्सा उनकी चित के पानी से गिला हो गया था उसे चूसने और चाटने लगता है।
सरला: राजा वहाँ तो सिर्फ पानी लगा है असली कुआँ तो यहाँ है और अपनी और नीतू के चुत पे अपने हाथ फेरने लगती है।
अरून उस तरफ देख कर कच्छी चुसना भूल जाता है और कभी नीतु की चुत तो कभी सरला की चुत देखता रहता है।
सरला की चुत का मुह थोड़ा खुला था जब की नीतू का बंद था और रंग सरला का थोड़ा काला और नीतू का गोरा था।और दोनों की चुत एक दम क्लीन शेव थी
एकदम चिकनी ऐसे लग रहा था जैसे मालपुए हो।
 
अरून दोनों को इशारा से पास बुलाता है और दोनों की चुत पे हाथ फेरता है
अरुण: क्या चूत है मेरी रांडो की एकदम टाइट जैसे किसी ने इस्तेमाल ही न किया हो।
सरल:आप के लिए बचा के रखी है की आप को कसी हुई चुत और गाण्ड मिल सके।
अरुण: नीतू से ।बेटी कभी चुत चूसवाई है।
नीतू; नहीं पापा उन्हें पसंद नहीं है ये सब।
अरुण: मेरी बच्ची।

और नीतू को बेड पे लीटा देता है और उसकी दोनों टांगे खोल कर अपने काँधे पे रख लेता है और
नीतु की पूरी चुत को उपर से निचे तक चाटने लगता है
नीतु चीख पड़ती है।
हाय पापा क्या कर रहे हो पहले मैंने ऐसे कभी नहीं कराया ।
आह माँ देखो माँ पापा क्या कर रहे है।
सरला नीतू का सर अपनी गोदी में रखती है।
और अपना एक मम्मा उसके मुह में भर देती है।
और अरुन नीतू की चूत चुसता रहता है।
और उसका दाना मुह में ले कर दाँतो से काटने लगता है
नीतु चीखना चाहती है पर सरला का मम्मा मुह में होने के कारन उसकी चीख दब जाती है।
और वो सरला का मम्मा चूसने लगती है।
और अरुन चुत चाट चाट कर चूसता है और उसके छेद में जीभ डाल कर उसकी चुत चोदने लगता है।

नीतु : आह ओह माँ आह सी आ माँ आह सी आ माँ मार ड़ाला हाय क्या चुसते हो मेरे पापा मुझे तो पता ही नहीं था की चुत चुसवाने में इतना मजा आता है।
आह मा।
सरला: बेटे तेरे पापा ने ही मेरी चुत चुसी थी पहली बार तब मुझे भी पता लगा था की चुत चुसवाने में कितना मजा आता है।
नीतू: आ आ सच में माँ बहुत मजा आ रहा है भाई तो मेरी चुत अपनी जीभ से चोद रहे है।
आए आह ओह मा आह सी आ माँ आह सी आ और नीतू का शरीर अकड जाता है और अरुन के मुह में झड जाती है।
और अरुन उसका पानी पिने लगता है।
नीतू: छी पापा ये गन्दा है हटाइये वहाँ से।
पर अरुन नहीं हटता और पूरी चुत चाटकर साफ़ कर देता है।
सरला: वो नहीं सुनेंगे उन्हें कुछ गन्दा नहीं लगता अपनी रांड का ।
अरून सरला को देखते हुए।
सरला: क्या हुआ मालिक।
अरुण: चल लेट तुझे इनविटेशन देना होगा।
सरला: नहीं मेरी जान और लेट जाती है और अपने दोनों हाथों से अपनी चुत की फांकें खोलकर अरुन की ओर कर देती है।
और नीतू का मम्मा अपने मुह में भर लेती है।
नीतू: आह आह माँ क्या कर रही हो।
मत करो मेरी जान निकल गई है अभी
और अरुन सरला की चुत चाटने लगता है ।
सरला: मेरे राजा चूस अपनी रांड की चुत खाजा इसे बहुत तँग करती है आप के बिना ।
आअहह ओह स माँ अरुन और चुसो मेरे राजा
तभी अरुन सरला की गाण्ड में एक ऊँगली डाल देता है।
सरला उछल जाती है। देखा नीतू तेरी कितनी प्यार से चुसी और मेरी बारी आई तो मेरी गाण्ड में ऊँगली डाल दिए।
सरला: मेरे राजा ऐसे करो बहुत अच्छा लग रहा है गाण्ड में काफी दिनों से कुछ गया नहीं था और आज आप मेरी गाण्ड मारोगे मुझे पता है कर दो ऊँगली डाल कर ढिली जिस से आप का लंड आसानी से जा सके।
हा उह उह माँ मार ड़ाला कमिने मादरचोद ने मर गई।
और सरला भी अरुन के मुह में झड जाती है और अरुन उसकी भी चुत चाट चाट कर साफ़ कर देता है।
 
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