Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा - Page 17 - SexBaba
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Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा

दुध पिने के बाद तीनो एक दूसरे को देखते है जैसे पूछ रहे हो अब क्या।
अरुण: चलो तैयार हो जाओ मेर होने वाले बच्चो की माँ
और दोनों शरमा जाती है।
और दोनों अरुन के कान में। हमें इंतज़ार रहेगा।
अरुन: चिंता मत करो अगले महिने दोनों के पीरियड्स नहीं आने दुँगा।
और दोनों को बेड के सहारे झुका कर फर्श पर खड़ा कर देता है।
पोसिशन दोनों बेड पे अपने हाथ टीका कर और फर्श पे पैर फेला कर खड़ी थी।
और अरुन दोनों के पीछे जा कर खड़ा हो जाता है
और दोनों के टाँगे फैला देता है और इस पोजीशन में दोनों माँ बेटी की गाण्ड का छेद साफ़ नज़र आ रहा था।
उनके पीछे घुटनो पर बैठ जाता है और दोनों की गाँडो के छेद में अपने दोनों हाथों की एक एक ऊँगली में थूक लगा के पेल देता है।
और दोनों के मुह से सिसकारी निकल जाती है।
सरला को तो कम पर नीतू को बहुत दर्द हुआ।
नीतू: आह माँ मार ड़ाला ।
सरला: धीरे नीतू ।
नीतू: आह स स माँ बहुत दर्द हो रहा है।
सरला: जानती हु पर बेटी अभी तो अरुन ने अपनी एक ऊँगली डाली है जब पूरा मुसल जायेगा तो क्या होगा।
नीतू: आह ओह माँ आह से आ माँ दर्द सह लुंगी पर मुझे अपने पापा का लंड अपनी चुत और गाण्ड दोनों में लेना है तभी मैं आप की तरह पापा की पक्का वाली रांड बन पाऊँगी इसलिये मुझे जितना भी दर्द सहना पड़ेगा मैं सह लुंगी ।
सरला: ये हुई न बात मेरी रानी बेटी ।
अरुन और तेज़ तेज़ अंदर बाहर करो अपनी ऊँगली
और अरुन तेज़ तेज़ करने लगता है और सरला की गाण्ड से ऊँगली निकाल कर उसकी गाण्ड पे जीभ लगा कर चाटने लगता है।
सरला: आह जान क्यों गन्दी जगह अपनी जीभ लगाते हो।
आआआह आ माँ माँ आह कितना अच्छा लगता है मेरे राजा
नीतु देख रही थी की अरुण माँ की गाण्ड चाट रहा था
नीतू; आह माँ आहहह नहीं मेरी भी चाटो ना पापा।
और अरुन नीतू के गाण्ड से ऊँगली निकाल कर उसके गाण्ड के छेद में जीभ लगा कर चाटने लगता है।
और नीतू सीसीसीसी मज़ा आ गया था ।
क्या चाटते हो।
सरला: जान अब पेल दो न।
अरुण: किसके में डालुँ पहले ।
सरला: नीतू के गाँड में जान ।उसे बहुत दर्द होगा तो उसी हिसाब से उसकी गाण्ड मारनी पडेगी।
और जेली को उठा कर नीतू के गाण्ड के भूरे छेद में मल देती है।
अरुण: जान इसको खड़ा तो करो अपना लंड को हिलाते हुए।
और उसकी ये बात सुन कर दोनों माँ बेटी एकदम से अरुन के लंड के पास मुह करके बैठ जाती है और दोनों उसके लंड को चुसने लगती है ।
कभि कोई टट्टों को
कोई लंड को।
फिर टोपे को।
तो कोई ज़ड को और
एक दूसरे से छिनने लगती है जैसे होड लगी हो किसी चीज़ की।
अरुण: हो गया भाई खड़ा करना है निचोड़ना नहीं है
और दोनों उसकी ओर देख के भी नहीं रूकती है पागलो की तरह चुसती रहती है।
अरुण: आ आह और चूसो ऐसे हे आह ओह माँ मर गया उफ मज़ा आ रह है चुसो मेरी रांडो चुसो मेरे लंड को मजा आ गया निकालो मेरा पानी और पि जाओ
आह ओह माँ आह से आ माँ मार ड़ाला रांडो मेरी रण्डियों ने।
और वो दोनों तो जैसे कुछ सुन ही नहीं रही थी
और दोनों एक दूसरे से छिना झपटी कर रही थी।
जैसे लड रही हो की ये मेरा है की मेरा है।
तभी अरुन का शरीर अकडने लगता है सरला समझ जाती है।
और अरुन के टोपे को नीतू से छिन कर अपने मुह में लेती है और जोर जोर से चुसने लगती है।
और तभी अरुन पिचकारी छोड देता है और सरला उसका पानी पिने लगती है और फिर अपने मुह से निकाल कर नीतू के मुँह में देती है और दोनों माँ बेटी अरुन का पानी पी जाती है और चाट चाट कर साफ़ कर देती है ।
 
अरुन पानी निकलने के बाद बेड पे बैठने लगता है और सरला और नीतू उसे बेड पर लिटा देती है और खुद उसके बगल में लेट जाती है।

सरला और नीतू दोनों अरुन के लंड को सहलाने लगती है
और अरुन के एक एक निप्पल को दोनों मुह में ले कर चुसने लगती है।
इन हरकतो की बजह से अरुन का लंड खड़ा होने लगता है।
अरुण: आआआअह्ह माआआआआह
किसका नंबर लगाऊ।
सरला: नीतू को घोड़ी बनने का इशारा करती है।
और थोड़ी और जेली लगाती है नीतू की गाण्ड और अरुन के लंड पर।
और अरुन पीछे आ कर नीतू की गाण्ड के सुराख़ पे लंड का सुपाडा लगा कर हल्का सा झटका मारता है।
नीतू: आह भाई धीरे पेलना पहली बार मेरी गांड पर किसी ने लंड रखा है।
सरला: चिंता मत कर भाई है आराम से करेगा।
और होने वाले बच्चो का बाप भी है।
नीतू: उई माँ
अरुन थोड़ा और जोर लगाता है थोड़ा सा लंड नीतू की कुँवारी गांड में घुस जाता है।
नीतू;हाय भाई आराम से डालो
और सिसकने लगती है।
सरला अरुन को इशारा करती है आराम आराम से करेगा तो तकलिफ ज्यादा होगी एक ही बार में पेल दे पूरा ।
और सरला नीतू का सर अपनी गोदी में रख लेती है।
और बिना समय गँवाये एक जबरदस्त झटका मारता है जेली की चिकनाइ और लंड के वार से नीतू की गाण्ड ककड़ी की तरह फट जाती है और लंड झटके से नीतू की गाण्ड में घुस जाता है।और नीतू के मुँह से चीख निकल जाती है।
वो तो सरला का ध्यान था वो उसके मुह पे अपना हाथ रख देती है जिससे उसकी चीख उसके मुह में डब जाती है।
और अरुन नीतू के मम्मे पकड़ कर मसलता है और अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगता है।
धीरे धीरे करने से और मम्मे के मसलने से नीतू को थोड़ा आराम मिलता है ।
नीतू: आआआअह्ह भाई तुम बहुत बेरहम हो आह कितनी बेदरदी से आप ने लंड घुसाया है कोई रहम नहीं किया।
अब तो धीरे धीरे कर रहे हो ।
अपनी बाकि की बेहरमी भी दिखा दो ,कोइ रहम मत करो।
उऊउउउउउह रवि देखो एक ही दिन में तुम्हारी बीवी की उसके भाई ने अपनी माँ के साथ मिल कर चुत और गाण्ड फाड़ दी लोहे की रॉड से अगर आआआअह्ह उउउउउउउह तुम्हारे पास ये रॉड होती तो मैं तुम्हारे निचे होती उउउउउउउह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह्
फट गई मेरी गाण्ड पक्का खून निकल रहा होगा
तभी सरला देखती है।
सरला: हाँ बेटी तेरी गाण्ड का भी उदघाटन हो गया मेरे बेटे के लंड से।
आआआआह उउउउउउउह माआआआआ अव मैं अरुन की पक्की वाली रांड और बीवी बन गई।
सरला: हाँ मेरी बच्ची अब तुम मेरी सौतन भी बन गई।
नीतू: उउउउउउउह माआआआआ भाई से बोलो मेंरे पर कोई रहम न करे कर ले अपने मन की।भाई भी क्या याद रखेगा किस दिलवाली से पाला पड़ा है।
आआआआह।
 
अरून उसकी बातें सुन कर और जोर जोर से धक्के मारने लगता है।
नीतू; आआआअह्ह उउउउउउउह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह क्या चोदा था भाई मस्त है। बन गया मेरा खसम आआआअह्ह उउउउउउउह माआआआआ मरररररररर डाआआआआआ मेरी जान , मेरे भाई,मेरे पति ने ।
उऊउउउउउह और कितनी देर पेलेगो मेरी जान।
अरुण: गलती तुम दोनों की है मेरा पानी क्यों निकाला मेरा लंड चूस के। नहीं तो अभी तक निकल गया होता। और तेज़ तेज़ गाण्ड मारने लगता है ।
नीतू: माँ उउउउउउउह बचा लो मुझे ये तो मुझे चलने लायक भी नहीं छोडेंगे।
सरला: थोड़ी देर और सबर कर ले बेटी।
उऊउउउउउह माआआआआह
अरून नीतू की गाण्ड से एक झटके से लंड निकाल लेता है।
नीतू: अअअअअ भाई क्यों निकाला मजा आ आ रहा था ।
अरुण: तूने ही तो बोला।
नीतू : माँ बोलो न भाई को लड़कियों तो नखरे करती ही है। और अरुन बेड पे लेट जाता है उसका लंड किसी खुटे की तरह खड़ा था।
अरुण: अब जिस को गाण्ड फड़वानी हो इस खुटे पे अपनी अपनी चुत या गाण्ड रख कर बैठ जाए।

सरला और नीतू दोनों एक दूसरे को देखती है।
जैसे कह रही हो पहले मैं पहले मैं।
अरुण: क्या हुआ मेरी बुलबुलो क्या सोच रही हो।
तभी नीतू।
नीतू: माँ आप बैठ जाओ मैं तब तक थोड़ा आराम कर लु।भाई ने मेरी गाँड फाड़ दी है।
और सरला अरुन के लंड पे अपनी गाण्ड के सुराख़ को रख कर बैठने लगती है।
सरला: आआआअह्ह ओह माँ ।
ऐसे बैठने से अरुन का लंड सरला के गाण्ड में ज़ड तक घुस जाता है।
और पहली बार सरला को ऐसा लग रहा था की लंड गाण्ड में घुसा है और मुँह से बाहर आ जाएगा।
सरला: आह अरुन क्या लंड है तेरा मेरे राजा मैं तो निहाल हो गई आह अगर मैंने तुझे नहीं पाया होता तो मेरी ज़िन्दगी बर्बाद थी आह ओह मज़ा आ रहा है और अरुन के लंड पे उछल उछल कर अपनी गाण्ड अरुन के लंड पे पटक रही थी।
नीतू: माँ हटो न अब मुझे भी झूला झुलना है अपने खसम के लंड पे।

और सरला हट जाती है और नीतू अरुन के लंड पे बैठने लगती है ।
नीतू ; आह माँ क्या लंड है एकदम खम्बे जैसा ऐसा लग रहा है मेरी गाण्ड दो हिस्सो में बँट रही है।
ओर धीरे धीरे पूरा लंड अपनी गाण्ड में ले लेती है।
अरून नीतू के मम्मे पकड़ लेता है और नीतू अरुन के लंड पे उछलने लगती है।
नीतू: माँ माज़ा आ गया खसम के लंड का ।
आज सही मायने में मैं सुहागिन बनी हु असली मरद की
जो औरत की फाड़ना जानता है और एक औरत को रात को खुश कैसे रखते है जानता है।
आआआअह्ह भाई मेरे राजा कहते हुए उछलती रहती है।
करीब आधे घंटे बारी बारी से दोनों अरुन के लंड पे झूला झूलती है पर अरुन का लंड पानी छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था।
तब दोनों माँ बेटी अरुन के दोनों तरफ बैठ जाती है और अरुन के लंड को चुसने लगती है।
अरुण: आआआ क्या हुआ रांडो थक गई पर अपने पति का पानी नहीं निकल पाई।
पर दोनों में से कोई नहीं सुनति और अरुन के लंड को चुसती रहती है।
 
१५ मिनट बाद
अरुण: आह आह और चुसो मेरी रंडियो आह और अपना लंड उनके मुँह से निकाल लेता है और नीतू की गाण्ड में एक झटके में पेल देता है।
नीतु की चीख निकल जाती है पर अरुन को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता और बेहरमी से नीतू की गाण्ड चोदता रहता है।
सरला: बस बेटी बस भाई का निकलने वाला है।
तेरी जो ननद है न उसकी चुत भाई को दिला दियो
नीतू:हाँ दिला दूंगी और तो और अपनी सास की भी दिला दूंगी बस भाई मेरी ढंग से मार ले आह आ माँ आहह
सरला: अपनी सास की ।
नीतू; हाँ वो भी मस्त माल है भाई ।मतलब की उनकी उम्र ही क्या है ४२ साल पर लगती तो ३५ की है भाई उनकी लेगा न तो वो दे देंगी।
उनकी मम्मे तो बहुत बड़े है आह माँ आप से भी बड़े और अरुन नीतू की गाण्ड में झड जाता है।
आ उउउउउउफ कितने कमीनी हो तुम दोनों हर बार मुझे झडने के लिए लालच देती हो ।

अरुण: हर किसी की लेना इतना आसान नहीं है नीतू
मेहनत करनी पड़ती है।
बुआ और तुम्हे तुम्हारे पति से वो प्यार नहीं मिला इस लिए तुम दोनों ने मेरा प्यार अपना लिया पर मुझे सिर्फ अपनी माँ का प्यार चाहिए और अब तुम भी हमारे परिवार का हिस्सा हो।
मै अपनी सरला पत्नी और तुम हमारी बेटी नीतू।
नीतू: अच्छा जी गाण्ड और चुत मारने के बाद बेटी।
अरुण: हाँ जी बेटी ।
क्यूं जान ।
सरला: मैं जानती थी आप को कितना भी मैं दूसरो की चुत दिला दू पर आप का प्यार मेरे लिए कम नहीं होगा
चलिये काफी रात हो गई है आप सुसु करने चलिये फिर सोते है काफी दिनों से आप कॉलेज भी नहीं गये ।
और अरुन नीतू और सरला को गोदी में उठा कर बाथरूम ले जाता है क्यों की गाण्ड की चुदाई के बाद दोनों को चलने में प्रॉब्लम हो रही थी।
और तीनो फ्रेश हो कर नंगे ही सो जाते है।
 
रात में सोते समय अरुण को अपने लंड पे किसी के जीभ का अहसास होता है तो उसकी नींद खुल जाती है।तो वह देखता है की नीतू उसके लण्ड को अपनी जीभ से चाट रही है और उसका लंड पूरा रॉड बन चूका है।
अरुण देखता है की सरला अपनी गांड इनदोनो की तरफ करके सो रही है।अरुण सरला के गांड पर चटाक से मारता है जिससे सरला की नींद खुल जाती है।फिर अरुण:तू चैन से सो रही है साली रंडी और इधर तेरी बेटी ने मेरे लण्ड का क्या हाल कर दिया है।
सरला:क्या किया इसने।
नीतू:कुछ तो नहीं किया मॉम।वो मेरी नींद खुल गई तो पापा का लंड खड़ा था तो मुझे प्यार आया और मैंने उसे किस कर लिया।
अरुण:नहीं इस रांड ने मेरा लंड चूस चूसकर पूरा रॉड बना दिया है।अब मैं तुम दोनों रण्डियों की गांड फाड़कर रख दुँगा।
फिर अरुण दोनों अपनी पर्सनल रंडियों को लंड चूसने का इशारा करता है।और दोनों अरुण के लंड को चूसने चाटने लगती है।
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद सरला को बेड पर पीठ के बल उल्टा लिटा देता है मतलब सर के तरफ पैर और पैर के तरफ सिर।फिर नीतू को सरला के मुँह पर अपनी चूत रखकर कुतिया बना देता है।अब सरला की चूत के पास नीतू का मुँह है।और डोगी बनी नीतू की चूत सरला के मुँह पर थी।अब अरुण कुतिया बनी नीतू के पीछे आकर अपने लंड को पहले सरला के मुँह में पेल देता है।जब लंड पूरी तरह थूक से गिला हो जाता है तो उसे सरला के मुँह से निकालकर कुतिया बनी नीतू की गांड में पेल देता है।
नीतू:जोर से आह माँ ईईईईईईईई रे मार रररररर डालाआआआ।लेकिन अरुण को तो एक गरम चूत या गांड चाहिए।वह पूरी बेदर्दी से नीतू की गांड मारता हैं।और निचे से सरला नीतू की चूत चाटने लगती है।अरुण अब जोर जोर से नीतू की गांड में लंड पेलता है इधर नीतू दर्द से चीखती रहती है कुछ देर बाद नीतू की गांड में पूरा लण्ड घुस जाता है तो नीतू को भी अच्छा लगने लगता है।अब अरुण अपने लण्ड को नीतू की गांड से नीकाल कर सरला के मुह में पेल देता है जिसे सरला चूसने लगती है।ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक बेटा अपनी बहन की गांड मारते हुए गांड में से लंड निकाल कर अपनी माँ के मुँह में पेल रहा हो।फिर अरुण अपने लण्ड को सरला के मुँह से निकाल कर कुतिया बनी नीतू की गांड में पेलने लगता है।

अब अरुण बार बार अपना लण्ड कभी नीतू की गांड में पेलता है फिर गांड से निकाल कर सरला के मुँह में पेलता है।इस बार जब लंड नीतू की गांड में से निकाल कर फिर नीतू की चूत में पेल देता है और उस कुतिया को चोदने लगता है।नीतू सिसियाती रहती है अब अरुण नीतू की चूत से लण्ड को निकाल कर गांड में पेलता है फिर गांड से चूत में।ऐसे कुछ देर पेंलने पर ही नीतू झड़ जाती है।नीतू की चूत का सारा पानी अरुण के लण्ड पर लगा होता है जिसे वह सरला के गरम मुँह में पेल देता है जिसे सरला चाटने लगती है।

कुछ देर बाद अरुण दोनों रंडियों की जगह चेंज कर देता है।अब अपना लण्ड सरला की गांड में पेलता है और फिर उसे नीतू के मुह में पेलता है।आधा घंटे में ही सरला भी झड़ जाती है।जिसे वह नीतू से साफ कराता है।अब दोनों झड़ चुकी है।लेकिन अरुण का लण्ड रॉड की तरह होता है।फिर अरुण नीतू को कुतिया बनने का इशारा करता है।जब नीतू कुतिया बन जाती है तो फिर सरला को उसके ऊपर कुतिया बना देता है।अब अरुण के लंड के निचे 2 चूत और 2 गांड थी।अब अरुण पहले नीतू की टाइट गांड में लण्ड पेलता है।कुछ देर पेलने के बाद अपने लंड को नीतू की गांड से निकाल कर सरला की गांड में पेल देता है।

अरुण के लण्ड के निचे 2 रंडियाँ थी जो की कुतिया बनी हुई थी।अब अरुण का लंड कभी सरला की गान्ड में तो कभी नीतू की गांड में।फिर सरला की चूत में तो कभी नीतू की चूत में।1 घंटे तक चोदने के बाद अरुण नीतू की गांड मार रहा होता है और अचानक चीखने लगता है आह मेरी जान सरला।मेरी बीबी मेरी रांड साली ले मेरा माल अपनी गांड में। और नीतू की गांड में झड़ जाता है।नीतू को बहुत बुरा लगता है क्योंकि गांड उसकी फट रही थी और अरुण नाम सरला का लेता है।

कुछ देर सुस्ताने के बाद।
अरुण मुझे सु सु जाना है।तुम दोनों भी चलो मेरी रंडियों।लेकिन माँ बेटी से उठा नहीं जाता तो अरुण दोनों को बाँहों में लेकर टॉयलेट में ले जाता है जहाँ दोनों को सु सु करने को बोलता है।पहले सरला सु सु करती है और अरुण उसकी चूत में ऊँगली पेल देता है जिससे पेशाब रुक जाती है।फिर अपनी ऊँगली निकाल लेता है।इसी तरह नीतू के साथ भी करता है।फिर दोनों रंडियों को अपने आगे बिठाकर मुँह खोलने को बोलता है।जब दोनों मुँह खोल देती है .
 
अरुण:देखता हु मेरी कौन सी रांड मेरा पेशाब ज्यादा पि जाती है फिर दोनों के मुह पर मूतने लगता है।जिसे माँ बेटी मुँह में भर लेती है और पिने लगती है।लेकिन नीतू एक ही घूँट पी पाती है बाकि निचे गिरा देती है।सरला जीत जाती है।लेकिन अरुण दोनों को अपने पेशाब से नहला देता है।दोनों के पुरे चेहरे से लेकर पुरे बदन पर मूतता है।आज दोनों सही में अरुण की रण्डियाँ बन गई थी।

फिर कुछ देर बाद तीनो नंगे ही नहाते है और आकर सो जाते है।


कल दिन सुबह सभी ब्रेकफास्ट टेबल पे
रमेश ऑफिस के लिए निकल जाता है
और अरुन कॉलेज के लिए
घर पे सरला और नीतू।
नीतू: माँ भाई आप से ही प्यार करते है ।
सरला: मुझे पता है।
नीतू: जब किसी लड़के को नई चुत मिलति है तो वो उसका दिवाना हो जाता है पर भाई को बुआ की और अब मेरी चुत लेने के बाद भी आप की ही याद आई।

सरला: कोई बात नहीं नीतू तू भी तो हमारे परिवार का हिस्सा है। अरुन ने बोला ना।
नीतू : नहीं माँ मुझे बेटी नहीं पत्नी वाला प्यार चाहिए
सरला: अरुन प्यार करता है तुझे और तेरी फिजिकल नीड भी पूरी करेंगा।
नीतू: नहीं माँ मेरी फिजिकल नीड मेरा पति पूरी कर देता है अरुन का देखने से पहले मैं रवि के साथ खुश थी और वो मुझे बहुत प्यार करता है।
मुझे मेरा पत्नी वाला हक़ चाहिए जितना प्यार वो आप को करता है उतना मुझे चाहिए नहीं तो मैं आज ही घर चलि जॉंउगी।
सरला: क्यों इतना सोच रही है अरुन तुझ से भी उतना ही प्यार करता है।
नीतू: नहीं माँ , लास्ट में भाई ने जो प्यार आप के लिए दिखाय वो मेरे लिए नहीं था ।
रात भर सोचा मैंने और इसलिए मेरा घर चले जाना ही बेहतर है।
सरला: ऐसा नहीं है ।
नीतू: माँ आप अरुन को शेयर कर सकती हो मैं नहीं
और ये कहते हुए अपना बैग पैकिंग करने लगती है।

सरला: क्या कर रही है नीतू । अरुन मज़ाक़ कर रहा था।
नीतू: रहने दो माँ मैंने रवि को बुला लिया है वो आते ही होंगे।
सरला; पर रवि से क्या कहोगी तुम अभी भी लँगड़ा के चल रही हो और तुम्हारी चुत और गाण्ड फटी पड़ी है।
रबि को पता चल गया तो ।
नीतू: कुछ नहीं होगा दो चार दिन रिलेशन नहीं बनाउँगी तो सब ठीक हो जाएगा।
पर भाई को कभी माफ़ नहीं करुँगी।
सरला: पर नीतू।
तभी डोरबेल बजती है।
और सरला गेट खोलती है बाहर कोई और नहीं रवि ही था।
और सरला दोनों को जाने देति है।
सरला रोकती है पर नीतू अरुन को फेस नहीं करना चाहती थी इस लिए अरुन के आने से पहले दोनों चले गये।

और फिर से रह गये दो प्रेमी अकेले
एक माँ और दुसरा बेटा।
 
हालात हमेशा एक से नहीं रहते इस लिए पूरी स्टोरी
मै स्लो में नहीं रख सकता।
और किस्मत से किसी को तीन चुत एक साथ नहीं मिल सकती है
इसलिए मोके का फायदा उठाने के लिए रोबोट भी बनना पड़ता है।

नीतु के जाने के बाद
सरला की कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
क्या हो रहा था और अब क्या हुआ।
इन्ही बातों को सोच रही थी की अरुन का कॉल आ गया
अरुण: हेललो।
सरला: हाँ।
अरुण:' क्या बात है सिर्फ हाँ।
सरला वो फिर सारी बात अरुन को बता देती है।
अरुण: ओह तो क्या हुआ जान।
सरला: पर नीतू।
अरुण: कोई बात नहीं मेरी बुलबुल उससे मना लेंगे।
तूम टेंशन क्यों ले रही हो।
सरला: वो मेरी बेटी है अरुण।
अरुण: और में।
सरला:मेरी जान हो आप।
अरुण: तो अभी मूड सही करो
सरला: हाँ तो बोलो मेरी जान।
अरुण: ये हुए न बात।
आज कितने दिनों बाद मैं और तुम अकेले
और कोई दुसरा नही।
फ़िर क्या प्रोग्राम है।
सरला: मुझे अपने बॉय फ्रेंड के साथ डेट पे जाना है।
अरुण: कहा चले मेरी जान।
सरला: जहा आप का मन करे इस घर से दुर जहाँ सिर्फ मैं और आप हो कोई दुसरा नही।
अरुण: तो रेडी हो जाओ।
सरला: क्या पहनूं।
अरुण: आज वो पेहनो जो तुम्हारा दिल करे।
सरला: क्यों रोज तो आप बताते हो आज ऐसे क्यु।
अरुण: आज मैं चाहता हु तुम अपने हिसाब से मेरे लिए तयार हो।
मै बोलता हु तो मुझे पता होता है की तुम ने क्या पहना है और ऐसे ये मेरे लिए सरप्राइज होगा।
समझी जान।
सरला: समझ गई जानू आप आ जाओ आप की बीवी आप को रेडी मिलेगी।
अरुण: ओके जान बस लास्ट पीरियड अटेंड कर के निकलता हूँ।बॉय।
सरला: बॉय जान थैंक्यू।
अरुण: अब ये क्यों ।
सरला: मेरी हर बात मानने के लिए और मूड ठीक करने के लिये।
अरुण: ओके चलो रखता हूँ।
सरला: ओके बाय जान।
और कॉल कट जाती है।
शायद अरुन सही बोल रहा था।
कई दिनों से इन सब लोगो के आने से ज़िन्दगी अलग ही दिशा में चल रही थी।
फ़ाईनली अब मैं और मेरी जान।
 
थोड़ी देर बाद सरला रेडी होने लगती है और
कपडे वो पहनती है जो अरुन की पसंद के थे पर अपने स्टाइल से।
और अरुन का वेट करने लगती है।
तभी कॉल बेल्ल बजती है।
सरला भाग कर दरवाजा खोलती है अपने प्यार के लिए और सामने अरुन खड़ा था।
सरला: हाय जान।
अरुण: हाय , क्या बात है।
सरला: क्या क्या बात है।
अरुण: यही की बहुत सेक्सी लग रही हो।
सरला: वो तो आओं अंदर आओ या बहार से ही।
अरून अंदर आ जाता है।
सरला: अब बोलो क्या बोल रहे थे ।
अरुण: वो । बहुत सेक्सी लग रही हो ।
सरला: सेक्सी या और भी कुछ।
अरुण: हॉट एंड सेक्सी ।
पर जीन्स क्यों पहनी हो अब दिन में बाहर कैसे जाओगी।

सरला ने टाइट स्किन फिट जीन्स और ऑफ सोल्डर टॉप पहने हुई थीं।
सरला: गर्ल फ्रेंड को डेट पे ले जाना है तो आप देखो कैसे ले जाओगे दुनिया से बचा के।
अरुण: हम भी सच्चे आशिक है मेरी जान।
ले जायेंगे तुम्हे दुनिया से बचा के
सरला: पहले फ्रेश तो हो जाओ या ऐसे ही चलोग इस हॉट एंड सेक्सी गर्ल फ्रेंड के साथ।
अरुण: ओके जान ।
और फ्रेश होने चला जाता है।
और सरला भी अरुन के रूम में आ जाती है
और अरुण के लिए अपनी पसंद के कपडे निकाल कर बेड पे रख देती है।
सरला: जान कपडे निकाल दिए है पहन लेना। मैं किचन में हूँ।
और किचन में आ कर बनाना शेक बनाती है।
थोड़ी देर में अरुन चेंज कर के आ जाता है।

अरुण: क्या हो रहा है जान।
सरला: कुछ नहीं आप के लिए बनाना शेक बना रही थी
अरुण:क्या बात है जान इतना प्यार।
सरला: जान मुझे पता है आप कॉलेज से आये हो भूख लग रही होगी सोचा कुछ बना दू पर हमें डेट पे जाना है।
इसलिये शेक बना दिया है जिस से आप का पेट भर जाये और टाइम भी ज्यादा न लगे।
और दोनों शेक पिते है।
अरुण: चले अब।
सरला: बिलकुल जान आप की माल रेडी है डेट पे जाने के लिये और दोनों बाहर आते है।
सरला: मुझे कोई भी जीन्स में न देखे ये ख्याल रख्ना।
अरुण: बिलकुल मेरी जान तुम यही रुको।
और अरुन थोड़ी देर में गेट पे कार लगा देता है।
अरुण: आ जाओ जान और गेट खोल देता है
और सरला अंदर आ जाती है।
और अरुन कार साइड देता है।
सरला: जान ये कार किसकी है।
अरुण': क्यों ।
सरला: पूछ रही हूँ।
तभी कह रहे थे की दुनिया से बचा के ले जाऊँगा।
 
सरला: वैसे जा कहाँ रहे है।
अरुण: आप बताओ जानू।
सरला: जहा मेरा आशिक ले चलें।
अरुण: लोंग ड्राइव पे चलते है।
जहां कोई आता जाता नही।
सरला: क्या बात है मेरे आशिक।
अरुण: वो क्या है जान गोवा से आने के बाद तुम्हारे साथ टाइम स्पेंड नहीं किये है अकेले में। आज मौका भी है और टाइम भी।
ऐर हाई वे पे निकल जाते है।

अरुण: ड्राइव करते हुए
सरला का हाथ पकड़ लेता है

सरला: क्या ।
और अरुन उसके होंठो पे किस कर देता है।
सरला: सुरु हो गए न जैसे ही मोका मिला तुम लड़के लोग अपनी गर्ल फ्रेंड का फायदा उठाना सुरु कर देते हो।
अरुण: किस ही तो लिया है जान वो भी होंठो का।
सरला: नहीं कही और की ले लो यहाँ कौन देखने वाला है।
अरुण: हाँ ये बात भी है और उसके गालो की तरफ बढ़ता है और सरला खुद ही उसके लिप्स पे किस कर देती है।
अरुण; अरुन ये क्या था।
सरला: तुम लेते उससे पहले मैं ले ली।
और दोनों हँस पडते है।
कुछ दुर जाने के बाद ।
अरुण: जान कुछ खाना खा ले ।
सरला: पर मैं तो कुछ नहीं लायी।
अरुण: कोई बात नहीं हाईवे का यही फायदा है खाना आराम से मिल जाता है।
और अरुन कार को ढाबे पे लगा देता है।
और दोनों उतार कर ढ़ाबे पे
सरला के पसंद का खाना आर्डर करते है।
सरला: तुम मेरा कितना ख़याल रखते हो।
अरुण: तो नहीं रखूँ।
सरला: जान ले लुंगी तुम्हारी अगर नहीं रखा।
अरुण: सरला को देखते हुए।
सरला: क्या देख रहे हो।
अरुण: जान को ।
सरला: देखा नहीं है क्या ,इससे ज्यादा देखा हुआ है आप का।
अरुण; तो अपना दिखा दो ।
सरला: बदमाशी नहीं हम डेट पे आये है न की कुछ गन्दा करने।
अरुण: मतलब ।
सरला:अगर तुम ने कुछ ऐसे वैसे किया न मैं बता रही हूँ।
अरुण: क्या ।
सरला: मैं शोर मचा दूंगी की ये लड़का मुझे छेड रहा है वो भी इस हॉट एंड सेक्सी माल को।
और हँस देती है।
अरुण: बोल दो ।
तभी उनका खाने का आर्डर आ जाता है।

और दोनों खाना खाते है।
खाना खाने के बाद अरुन सरला का हाथ पकड़ कर कार की तरफ चल देता है।
अरुण: चले जानेमन।
सरला: वो छोडो , चलो।
अरुण: क्या हुआ।
सरला: कुछ नहीं चलो।
और दोनों कार में बैठ कर निकल पडते है लम्बे सफर पर ।
थोड़ी दुर चले ही थे।
सरला: जान।
अरुण: हाँ।
सरला: सुसु जाना है।
अरुण: अभी ढ़ाबे पे थे तब क्यों नहीं बोली।
सरला: लगी अब है तब कैसे बोलती।
अरुण: अब यहाँ कहाँ।
सरला: मुझे नहीं पता जोरो की आई है।
अरुण: ओके बाबा और थोड़ी अच्छी जगह देख कर कार में से उतर जाते है।
जाओ कर लो।
सरला: जाओ कर लो क्या साथ चलो।
अरून और सरला दोनों कार से उतर कर साइड में झाड़ियो के पीछे ।
सरला; चलो पीठ करो मुझे सुसु करने है।
अरुण:अच्छा जी अब शरम आ रही है।
सरला: हाँ आ रही है।
दूसरी तरफ देखो कोई आ न जाए।
अरुण: ओके बाबा और घुम कर खड़ा हो जाता है।
सरला अपनी जीन्स और पेंटी उतार कर वही बैठ जाती है और विस्सल की आवाज़ निकालते हुए सुसु करने लगती है।
और अरुन मुड कर सरला को देखने लगता है
और सरला बड़े ही अदा से अपनी गाण्ड उठा कर उठती है और धीरे से अपनी पेंटी ऊपर करती है और अरुन को तिरछी निगाहो से देखती है और अरुन उसी को देख रहा होता है।
सरला:तुम नहीं सुधरोगे न मैंने मना किया था ना।
अरुण: वो मैं अभी मुड़ा ना।
सरला: मुझे पता है तुम नहीं सुधरोगे ।
अब देख क्या रहे हो
जब देख ही लिया है अच्छे से देख लो ।
और अरुन लो घुम घुम कर अपना आगा पीछा दिखाने लगती है
देख लो जान अच्छे से तुम्हे ही दिखाने की बजह से आई हूँ। ढ़ाबे पे सुसु आ रही थी फिर भी रोकी
क्यूं की मैं जानती थी की ऐसा मौका मैं जान को दूंगी तो मेरी जान को अच्छा लगेगा।
तो जानू कैसा रहा शो ।
अरुण: बहुत बढिया,उफ जान तुम सुसु करती हो तो सिटी की आवाज़ क्यों आती है।
सरला: क्यों की जब लड़की को बहुत तेज़ पेशाब आता है और वो रोक लेती है तो प्रेशर की बजह से आवाज़ निकलती है।
और कुछ।
अरुण: नहीं इतना ज्ञान काफी है।
सरला: तो चले।


अरुण: अपनी जीन्स तो उपर कर लो या ऐसे ही चलना है।
सरला: अब जब देख ही लिए है तो उपर भी कर दो
और अरुन सरला को जीन्स पहनाता है और उसकी चुत पे हाथ फेर देता है।
सरला: तुम नहीं सुधरोगे कमीने।
और दोनों कार की ओर चल देते है।
कार में आ कर सरला अरुन को पकड़ कर किस कर देती है।
अरुण: ये क्या था जब माँगा तब नहीं दिया और अब बिना मांगे दे रही हो।
सरला: हम लड़कियाँ ऐसे ही होती है जब मन करता है तभी देती है।
अरुण: कोई बात नहीं हम तुम्हारे मन को देखते है
और अरुन कार चला देता है।
 
दोनों कार में एक दूसरे में खोये हुए।
सरला: अरुण।
अरुण: हाँ जान।
सरला: वो नीतू ।
अरुण: प्लीज जान उस टॉपिक को अभी नहीं ।
मै सिर्फ अभी तुम्हारे साथ एन्जॉय करना चाहता हूँ।
सरला: ओके बाबा, अब हम कहा जा रहे है।
अरुण: बस जहाँ ये कार ले जाए।
और सरला का हाथ पकड़ कर चुम लेता है।

तभी रमेष का फ़ोन आता है।
सरला: अब क्या बोलू इन से।
अरुण: क्या बोलना है सच बोल दो।
सरला' प्लीज।बाबा बोलो ना।
अरुण: मोबाइल ले कर।
हलो।
रमेश: कहा हो।
अरुण: बाहर है।
रमेश: मम्मी कहा है ।
अरुण:वो भी मेरे साथ है।
रमेश: अच्छा मैं थोड़ा लेट आऊंगा मम्मी से बोल देना।

अरुण: पर माँ तो।
रमेश: उसको बोल देना ऑफिस में पार्टी है १२ बजे तक आ जाऊँगा।
अरुण: पर पापा इतनी लेट और खाना।
रमेश: तुम लोग खा कर सो जाना।
ओके बाय।
अरुण: बाय पापा उससे पहले कॉल डिसकनेक्ट हो जाती है।
सरला: देखा इस आदमी को कोई मतलब नहीं बीवी कहाँ है चाहे कोई उसकी इज़्ज़त लूट ले ।
गैर मरद के साथ हु कुछ भी हो सकता है।
अरुण:तो हमारे लिए अच्छा है झूठ नहीं बोलना पडेगा
और इज़्ज़त लूटने में आसानी होगी।
सरला: फिर मोके पे चौका।
प्लीज अरुन मैं अब घर जाना नहीं चाहती।
मुझे ऐसी जगह ले चलो जहाँ सिर्फ तुम और मैं
किसी का डर नहीं किसी का कोई बंधन नहीं ।
जो चाहे पहनू ,ज़ो चाहे वो करुं।
अरुण: कब चलना है।
सरला: वही तो , ऐसा नहीं कर सकती माँ पापा को क्या जवाब दुँगी।
अरुण: आप नाना और नानी से बहुत प्यार करती हो।
सरला: करती थी ।
अरुण: मतलब।
सरला: अब सब से ज्यादा तुमसे ,तुम्हारे बाद उनसे।
अरुण: उनके पास जाना है।
सरला: तुम्हे कैसे पता चल जाता है जान की मेरे मन में क्या चल रहा है।
वैसे भी तुम से शादी के बाद उनसे नहीं मिली हु और तुम्हे भी नहीं मिलवाया ।
प्लीज ले चलो मुझे उनके पास।
उनको पता तो चले की उनकी बेटी अब कितनी खुश है
क्योंकि मुझे उन्होंने मुझे बहुत दुखि देखा है तुम्हारे पापा के साथ।

और जब मेरी शादी हुई थी तो मैंने सोचा था की अपने पति को मैं अपने दोस्तों से मिलवाउंगी औरअपने कॉलेज स्कूल ले जा कर दिखाऊँगी अपने बचपन की जगह दिखाऊँगी पर तुम्हारे पापा को इन बातों से कोई मतलब नहीं इसलिए उन्हें मैंने कभी अपनी फ्रेंड से नहीं मिलाया।
इतना बोल कर उदास हो जाती है।
अरुण: जान फिर सैड मूड में
सरला:नहीं ऐसा कुछ नहीं है और हॅसने लगती है।
अरुण: चलो
सरला: कहाँ
अरुण: अपने पति को अपनी पास्ट दिखाओ और मेरे सास ससुर से मिलाओ और कोई बॉय फ्रेंड हो तो उससे भी मिलवा दो ।
सरला: सच आप चलोगे ।
अरुण: हाँ पर सिर्फ पति और पत्नी की तरह कोई बेटा नही।
सरला: पर मुझे मेरे बेड पे मेरा बेटा चाहिए जो अपनी माँ को गन्दी नज़र से देखे और उसकी फिजिकल नीड्स पूरी करे। ,
क्यूं की मेरे बेटे से अच्छा मुझे कोई चोद नहीं सकता
अरुण; मंज़ूर मेरी बुलबुल।
और दोनों घर की ओर चल देते है।
सरला: पर तुम्हारे पापा को क्या बोलेंगे।
अरुण: आप बताओ।
सरला: कुछ सोचने के बाद आइडिया।
और अपने माँ को काल करती है।
और रमेश को कॉल करके ये बोलने को बोलति है की पापा की तबीयत ख़राब है और पापा मुझे और अरुन को बुला रहे है देखने के लिये।
अरुण: क्या आईडिया है एकदम फाडू।
सरला: फाडने का नाम मत लो।
अरुण: क्यु।
सरला:फाडने के नाम पे मुझे मेरे बेटे का मुसल याद आ जाता है।
 
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