hotaks444
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मैं मेरे मुह को अब उनके दूसरे कान के पास लेके जाके चूमा तो वह उनके सर को घुमाके मेरे दूसरे कंधे के ऊपर लेके गई. और गर्दन को थोड़ा हिलाकर मुझे और जगह बना दि. मैं मेरा हाथ उनके कमर को छोड़के उनके पीठ पे लाया और मेरी उँगलियाँ उनके ब्लाउज के नीचे से अंदर घुस गई. मुझे मेरी उँगलियाँ को उनके ब्रा का स्पर्श मिला. मैं पागल हो गया. और मेरा मुह खोलके उनके गोरे और मुलायम कंधे पे एक हल्का बाईट कर दिया. माँ तभी एक तेज सिसकी के साथ उनके जननांग को खुद मेरे लिंग के ऊपर प्रेस कर दिया.में समझ गया अब वह क्या चाहती है. मैं झट से मेरा मुह और नीचे करके फ़ाटक से उनके क्लीवेज में मेरा नाक डूबो दिया और जोर से एक सांस लिया. तभी उनके हाथों की उँगलियाँ मेरे पीठ के ऊपर ज़ोर से दबके बैठ गई. मेरे गले में उनके नरम नरम बूब्स का हल्का हल्का टच लग रहा है दोनों तरफसे. ऐसे होनेसे लग रहा है मेरे पाजामे के अंदर ही में झर जाऊंगा. लेकिन में यह नहीं चाहता था. में उनके अंदर झरना चाहता हु. मैं खुद को थोड़ा कण्ट्रोल करके सीधा होकर खड़ा हो गया और दोनों हाथ से उनकी पीठ पकड़ के उनके चेहरे को देखा अब मेरे आँखों में नशा उतर गया. मैं उसी नशीली नज़र से उनके चेहरा को देख रहा था. उनके नरम नरम पतले गुलाबी होठ काँप रहे थे. वह भी आंखे खोलकर मुझे देखि. उनको भी नशा हो गया. हम दोनों एक दूसरे की आँखों के अंदर देख रहे है. दोनों की सांस तेजी से बह रही है. मैं मेरे बॉल्स के अंदर की खलबली को कण्ट्रोल करने के लिये, मेरे होठो को धीरे धीरे नीचे ले जाकर उनके माथे के पास ले गया और उनके माथे को चुमा. फिर उनके नाक को धीरे से चुमा. फिर उनके ठोड़ी को. हर चुम्बन के टाइम वह कुछ पल के लिए अपनी आँख मूंद के मेरे प्यार को महसुस कर रही है. दोनों की गरम साँसें दोनों के चेहरे के ऊपर महसुस कर रहे थे. उनके गुलाबी होठ अब मुझे अपनी तरफ खीच रहे है. मैं मदहोश होकर मेरी आँखे बंद करके धीरे धीरे मेरे होठ उनके होंठो के ऊपर ले गया. मेरे होठ टच हो गये . वह एरिया बहुत नरम और गरम है.. मैं और अच्छी तरह से महसुस करने के लिए मेरे होंठो को हल्का खोलते ही अचानक मेरे दिमाग में कुछ संकेत गया. मैं तुरंत आंख खोला. और देखा की मेरे होठ और माँ के होंठो के बीच उनका हाथ रखा हुआ है और में उनकी नरम हथेली पर चूम रहा था उनसे नज़र मिलतेही उनके आँखों में एक शर्म और मुस्कराहट दिखाइ दिया. मैं रुक गया. समज नहीं आया अचानक उन्होंने ऐसा क्यों कर दिया. मैं अपनी सांस को कण्ट्रोल करते करते फुसफुसाकर कहा
“क्या हुआ!??
वो अपनी हथेली को वैसेही रखकर अपना चेहरा आधा छुपाके नज़र झुका ली और फुसफुसाकर बोलि
??और नही...बस??
मै थोड़ा निराश हो गया. अचानक ऐसे रुक ने के कारन मुझे थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था मेरा लिंग उसकी पसन्दीदा जगह पे घूसने के लिए बेताब हुआ है. फिर भी धीरे से पुछा
??क्यों!!??
वो अब नज़र उठाके मेरी तरफ देखा और रुक रुक के बोली
??आप को....मैं..आपके पास चाहिए थी ना!! पास ही तो आगयी...??
मैन शाम को जो एसएमएस किया था ?? मुझे मेरी बीवी मेरे पास चाहिए??, उसी बात को लेकर यह कही है. पर मुझे और रुका नहीं जारहा है. मैं उनके अंदर घुसाकर मेरे लिंग के फुले हुये बडे कैप को डीप में ले जाकर मेरे बॉल्स का सारा बीर्य उनके अंदर छोड़ के शांत होना चाहता हु. मैं आवाज़ में और प्यार और पैशन लेकर फिसफिसाया
??नही....और पास चाहिए??
बोलके मेरे दोनों हाथों से उनको मेरी तरफ खिचता. हु अपनी हथेली वैसे ही हम दोनों के होंठो के बीच रख़कर, थोड़ा नट्खट सा बनके आँखों में और मुस्कराहट लेकर एक दम फुसफुसाकर बोली
??तो?? और टाइम आने दीजिये....??
मै समझ गया अब हु किसी भी हालत में कुछ करने के लिए तैयार नहीं है. शायद उनको खुद को और वक़्त चाहिए उनके बेटे के पास जो अब उनके पति बनने जारहा है, उसके पास खुद को पूरी तरह सोपनेके लिये. मैं उनकी इच्छा के खिलाफ कुछ भी कदम उठाके उनको दुःख नहीं पहुचाना चाह्ता था वह अपना तन मन पिछले १८ सालों से और किसी को दिया नही. नाहीं और किसी को अपने दिल में पति के रूप में बिठाना चाहा. लेकिन आज वह अपनी सब चीज़ें मुझे??..केवल मुझे देनेके लिए तैयार है. मेरी पत्नी बनने के लिए तैयार है. और मुझे इसका सम्मान देना चहिये. मुझे मालूम है वह तो अब बस मेरी है. ज़िन्दगी भर उन्हें प्यार करने को मिलेगा. और में भी केवल उनको ही प्यार करना चाहता हु. अपनी बीवी के रूप में पाना चाहता हु, केवल इस जनम में नही, अगले सात जनम तक.
“क्या हुआ!??
वो अपनी हथेली को वैसेही रखकर अपना चेहरा आधा छुपाके नज़र झुका ली और फुसफुसाकर बोलि
??और नही...बस??
मै थोड़ा निराश हो गया. अचानक ऐसे रुक ने के कारन मुझे थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था मेरा लिंग उसकी पसन्दीदा जगह पे घूसने के लिए बेताब हुआ है. फिर भी धीरे से पुछा
??क्यों!!??
वो अब नज़र उठाके मेरी तरफ देखा और रुक रुक के बोली
??आप को....मैं..आपके पास चाहिए थी ना!! पास ही तो आगयी...??
मैन शाम को जो एसएमएस किया था ?? मुझे मेरी बीवी मेरे पास चाहिए??, उसी बात को लेकर यह कही है. पर मुझे और रुका नहीं जारहा है. मैं उनके अंदर घुसाकर मेरे लिंग के फुले हुये बडे कैप को डीप में ले जाकर मेरे बॉल्स का सारा बीर्य उनके अंदर छोड़ के शांत होना चाहता हु. मैं आवाज़ में और प्यार और पैशन लेकर फिसफिसाया
??नही....और पास चाहिए??
बोलके मेरे दोनों हाथों से उनको मेरी तरफ खिचता. हु अपनी हथेली वैसे ही हम दोनों के होंठो के बीच रख़कर, थोड़ा नट्खट सा बनके आँखों में और मुस्कराहट लेकर एक दम फुसफुसाकर बोली
??तो?? और टाइम आने दीजिये....??
मै समझ गया अब हु किसी भी हालत में कुछ करने के लिए तैयार नहीं है. शायद उनको खुद को और वक़्त चाहिए उनके बेटे के पास जो अब उनके पति बनने जारहा है, उसके पास खुद को पूरी तरह सोपनेके लिये. मैं उनकी इच्छा के खिलाफ कुछ भी कदम उठाके उनको दुःख नहीं पहुचाना चाह्ता था वह अपना तन मन पिछले १८ सालों से और किसी को दिया नही. नाहीं और किसी को अपने दिल में पति के रूप में बिठाना चाहा. लेकिन आज वह अपनी सब चीज़ें मुझे??..केवल मुझे देनेके लिए तैयार है. मेरी पत्नी बनने के लिए तैयार है. और मुझे इसका सम्मान देना चहिये. मुझे मालूम है वह तो अब बस मेरी है. ज़िन्दगी भर उन्हें प्यार करने को मिलेगा. और में भी केवल उनको ही प्यार करना चाहता हु. अपनी बीवी के रूप में पाना चाहता हु, केवल इस जनम में नही, अगले सात जनम तक.