hotaks444
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राहुल अपनी मम्मी के कन्धो पर हाथ रखकर उसे अपने सिने पर खींच लेता है. अपनी मम्मी के होंठो को चूसता वो उसकी कमर अपने हाथों में थाम उसे ऊपर उठता है. राहुल का लंड चूत से बाहर आने लगता है , सलोनी को चैन की सांस आती है. वो अपनी जीव्हा अपने बेटे के मुंह में धकेल देती है. उसी समय राहुल जिसने सुपाडे तक्क लौडा बाहर खींच लिया था, पूरे ज़ोर से अपनी मम्मी की कमर को अपने लंड पर दबाता है और निचे से अपनी कमर उचलता है. लौडा भीगी चूत में फिसलता जड तक्क पहुंह जाता है.
"आएईईए.........आआईईएई.........हैय्यी....... मा डाला.......... मेरी चूत................हहईयी........मेरी पहले से ही जान निकल रही है और तू .." सलोनी चीख़ पड़ती है. उसे उम्मीद भी नहीं थी के इतना डाँटने के बाद वो यूँ इतनी जल्दी पूरा लौडा उसकी चूत में यूँ पेल देगा. राहुल ने अपनी मम्मी की चीख़ पर कोई ध्यान नहीं दिया. उसने फिर से लंड बाहर खेचा, सलोनी की ऑंखे चौड़ी हो गयी. वो राहुल के उग्र बर्ताव पर हैरान थी. अगले ही पल राहुल ने फिर से पूरा लौडा अपनी मम्मी की चूत में ठोंक दिया.
"हाय भगवान........धीरे पेल.......हैय्यी........मेरी चूत.........धीरे पेल बेटा........" सलोनी सिसक पड़ी थी.
"धीरे क्योँ........मम्मी......... तेरी चूत में बहुत आग लगी थी, देख कैसे में अपने लंड से तेरी इस आग को बुझाता हुण................" राहुल अपनी मम्मी के होंठ चूमता उसकी कमर को कस्स कर पकड़ लेता है और लंड सुपाडे तक्क निकल पूरे ज़ोर से वापस उसकी चूत में ठोकने लगता है.
"आजह.........उउउउउउक्कछ्हः............वूऊऊऊकछहःछ................डआईईईइ.......रहःहुउल्ल........बेटायआ भगवान...................आईए......" सलोनी हर धक्के पर चीख़ रही थी.
"ल मम्मी........चुदवा अपने बेटे स................ चुदवाना था न तुझे........... चुद अब अपने बेटे के लौडे से......... हाय हर रोज़ तुझे ऐसे ही रोज चोदूंगा.........हर रोज़ तेरी चूत ऐसे ही मारूँगा............." राहुल उत्तेजना में बडबडाता है. दस् धक्के लगे होंगे के अचानक राहुल ने महसूस किया के सलोनी वापस अपनी कमर उसके लौडे पर पाटक रही थी.
"चो द.......... हयीी.......चोद मुझे.............आईईईइ........... चोद.........यच... ..... चोद ले अपनी मम्मी को...........चोद ले मेरे लाल.............मार अपनी मम्मी की चूत........" सलोनी वापस लौडे पर अपनी चूत उछलती अपने बेटे को उकसाती है. वो अब भी दरद से चीख़ रही थी मगर उस ज़ोरदार चुदाई में दर्द के साथ साथ बहुत जबरदस्त मज़ा भी था. सलोनी राहुल की छाती पर हाथ रखकर ऊपर उठने लगती है और उसकी जांघो पर सीधी बैठ जाती है. अब सलोनी सीधी कमर ऊपर उठा उठा कर बेते का लौडा अपनी चूत में ले रही थी. पूरी फुर्ती से ऊपर उठती वो धम्म धम्म लंड को चूत में ले रही थी. राहुल भी बराबर निचे से अपनी कमर उछाल रहा था.
"हयै........हाए......सा मज..........उफ्........सा मज़ा पहले कभी नहीं आया......... उफ़ कितना मोटा लम्बा लौडा है तेरा मेरे लाल.....उफ़्फ़ पेट् के अंदर तक्क घुस गेय महसूस हो रहा है.........." सलोनी राहुल के सिने पर हाथ रखे अपनी कमर ज़ोर ज़ोर से पटक रही थी. जब्ब वो अपनी गण्ड हवा में ऊँची उठा कर वापस निचे पटकती तोह उसके नितम्बो के राहुल की जांघो से तकरने की ज़ोरदार आवाज़ आती. राहुल अपनी मम्मी के मुम्मो पर नज़र गड़ाये निचे से कमर उछाल रहा था. सलोनी के मोठे मगर ठोस मम्मे उसकी हर उछाल पर ऊपर निचे उछाल कूद लगा रहे थे. उनका बड़ा आकार उनकी उछाल कूड़ को और भी मादक बना रहा था. सलोनी के सिने पर यूँ उछलते उसके मोठे मम्मे राहुल को जैसे सम्मोहित कर रहे थे. कुछ समय यूँ ही वो मुम्मो को ऊपर निचे उचलते देखता रहता है और फिर वो अपनी निगाह ऊपर उठता है, अपनी मम्मी के चेहरे पर. सलोनी का मुख उत्तेजना से लाल होकर चमक रहा था. पीठ पीछे उसके काले स्याह बाल लेहरा रहे थे. सलोनी के होंठ कम्कम्पा रहे थे. हर बार जब्ब लंड उसकी चूत में घुसता तोह वो सिसक पढ़ति. अधमुंदी पल्कें, वो लरजते होंठ, चेहरे पर ज़माने भर की मादकता, सलोनी जैसे कोई अप्सरा थी जिसने अपने बेते के मन को मोहित कर लिया था. वो सुन्दर थी, सेक्सी तोह हद्द से ज्यादा. और उसकी सुंदरता को चार चाँद लगाती थी उसकी नाक की बाली. उससे न सिर्फ उसकी चेहरे की सुंदरता निखर आती थी बल्कि वो इतनी सेक्सी लगती थी के देखे वाला अपनी नज़र नहीं हटा पाता था. ख़ास कर जब्ब वो चुदती थी और उसके चेहरे पर उत्तेज्न, मादकता को उसकी नाक की बालि इस कदर उभरती थी के देखने वाला उसे पाने की दया मांगने लगता.
राहुल भी अपनी मम्मी के चेहरे और मुम्मो पर अपनी नज़रें ऊपर निचे करता खो गेय था. वो अपनी कमर उछालना कभी का भूल चुका था बल्कि वो तोह अपनी मम्मी के सौंदर्य का रसपान कर रहा था. सलोनी को उत्तेजना और चुदाई के आनंद में कुछ समय तक्क एहसास नहीं होता मगर अनंतता उसका धयान जाता है के राहुल निचे से अपनी कमर नहीं उछाल रहा है. वो चोदते हुए उसके चेहरे को देख रहा है तोह वो खुद भी रुक जाती है. राहुल ऑंखे उसके चेहरे पर टिकाये अपलक उसे घूरे जा रहा था.
"कय हुआ? ऐसे क्यों घूर रहे हो?" सलोनी आस्चर्यचकित थी. राहुल के चेहरे का भाव अजीब था. उसके होंठो पर हलकी सी मुस्कराहट थी मगर ऑंखे चकाचौध थी.
"कुछ नहीं बास देख रहा हुण........." राहुल मुस्कराते हुए अपने रंग में लौट आया.
"देख रहा हुन?????........मगर क्या?"
"देख रहा हुन मेरी मम्मी कितनी सुन्दर है.......कितनि खूबसूरत है........कितनि सेक्सी है............सच में मम्मी तुम कितनी सुन्दर हो में बता नहीं सकता........." राहुल के चेहरे से पता चलता था के वो सच बोल रहा था.
सलोनी कुछ पलों तक्क अस्चर्य से राहुल को देखति है. उसे ताजुब्ब हो रहा था के वो अपने जवान बेटे को किस हद्द तक्क पसंद थी. सलोनी अचानक से शर्मा जाती है.
"बस बस्स.......जयादा मक्खन न लगा..........इतनी बातें करना किधर से सिख गया तु" सलोनी का चेहरा जेहन पहले उत्तेजना से लाल था अब उस पर शर्म की लाली छाती जा रही थी.
"मक्खन क्योँ.........तुमहे क्या लगता है में झूठ बोल रहा हूँ?"
"हान........तुम बिलकुल झूठ बोल रहे हो ताकि में तुम्हे इसी तेरह हर रोज़ अपनी देती रहू"
"आएईईए.........आआईईएई.........हैय्यी....... मा डाला.......... मेरी चूत................हहईयी........मेरी पहले से ही जान निकल रही है और तू .." सलोनी चीख़ पड़ती है. उसे उम्मीद भी नहीं थी के इतना डाँटने के बाद वो यूँ इतनी जल्दी पूरा लौडा उसकी चूत में यूँ पेल देगा. राहुल ने अपनी मम्मी की चीख़ पर कोई ध्यान नहीं दिया. उसने फिर से लंड बाहर खेचा, सलोनी की ऑंखे चौड़ी हो गयी. वो राहुल के उग्र बर्ताव पर हैरान थी. अगले ही पल राहुल ने फिर से पूरा लौडा अपनी मम्मी की चूत में ठोंक दिया.
"हाय भगवान........धीरे पेल.......हैय्यी........मेरी चूत.........धीरे पेल बेटा........" सलोनी सिसक पड़ी थी.
"धीरे क्योँ........मम्मी......... तेरी चूत में बहुत आग लगी थी, देख कैसे में अपने लंड से तेरी इस आग को बुझाता हुण................" राहुल अपनी मम्मी के होंठ चूमता उसकी कमर को कस्स कर पकड़ लेता है और लंड सुपाडे तक्क निकल पूरे ज़ोर से वापस उसकी चूत में ठोकने लगता है.
"आजह.........उउउउउउक्कछ्हः............वूऊऊऊकछहःछ................डआईईईइ.......रहःहुउल्ल........बेटायआ भगवान...................आईए......" सलोनी हर धक्के पर चीख़ रही थी.
"ल मम्मी........चुदवा अपने बेटे स................ चुदवाना था न तुझे........... चुद अब अपने बेटे के लौडे से......... हाय हर रोज़ तुझे ऐसे ही रोज चोदूंगा.........हर रोज़ तेरी चूत ऐसे ही मारूँगा............." राहुल उत्तेजना में बडबडाता है. दस् धक्के लगे होंगे के अचानक राहुल ने महसूस किया के सलोनी वापस अपनी कमर उसके लौडे पर पाटक रही थी.
"चो द.......... हयीी.......चोद मुझे.............आईईईइ........... चोद.........यच... ..... चोद ले अपनी मम्मी को...........चोद ले मेरे लाल.............मार अपनी मम्मी की चूत........" सलोनी वापस लौडे पर अपनी चूत उछलती अपने बेटे को उकसाती है. वो अब भी दरद से चीख़ रही थी मगर उस ज़ोरदार चुदाई में दर्द के साथ साथ बहुत जबरदस्त मज़ा भी था. सलोनी राहुल की छाती पर हाथ रखकर ऊपर उठने लगती है और उसकी जांघो पर सीधी बैठ जाती है. अब सलोनी सीधी कमर ऊपर उठा उठा कर बेते का लौडा अपनी चूत में ले रही थी. पूरी फुर्ती से ऊपर उठती वो धम्म धम्म लंड को चूत में ले रही थी. राहुल भी बराबर निचे से अपनी कमर उछाल रहा था.
"हयै........हाए......सा मज..........उफ्........सा मज़ा पहले कभी नहीं आया......... उफ़ कितना मोटा लम्बा लौडा है तेरा मेरे लाल.....उफ़्फ़ पेट् के अंदर तक्क घुस गेय महसूस हो रहा है.........." सलोनी राहुल के सिने पर हाथ रखे अपनी कमर ज़ोर ज़ोर से पटक रही थी. जब्ब वो अपनी गण्ड हवा में ऊँची उठा कर वापस निचे पटकती तोह उसके नितम्बो के राहुल की जांघो से तकरने की ज़ोरदार आवाज़ आती. राहुल अपनी मम्मी के मुम्मो पर नज़र गड़ाये निचे से कमर उछाल रहा था. सलोनी के मोठे मगर ठोस मम्मे उसकी हर उछाल पर ऊपर निचे उछाल कूद लगा रहे थे. उनका बड़ा आकार उनकी उछाल कूड़ को और भी मादक बना रहा था. सलोनी के सिने पर यूँ उछलते उसके मोठे मम्मे राहुल को जैसे सम्मोहित कर रहे थे. कुछ समय यूँ ही वो मुम्मो को ऊपर निचे उचलते देखता रहता है और फिर वो अपनी निगाह ऊपर उठता है, अपनी मम्मी के चेहरे पर. सलोनी का मुख उत्तेजना से लाल होकर चमक रहा था. पीठ पीछे उसके काले स्याह बाल लेहरा रहे थे. सलोनी के होंठ कम्कम्पा रहे थे. हर बार जब्ब लंड उसकी चूत में घुसता तोह वो सिसक पढ़ति. अधमुंदी पल्कें, वो लरजते होंठ, चेहरे पर ज़माने भर की मादकता, सलोनी जैसे कोई अप्सरा थी जिसने अपने बेते के मन को मोहित कर लिया था. वो सुन्दर थी, सेक्सी तोह हद्द से ज्यादा. और उसकी सुंदरता को चार चाँद लगाती थी उसकी नाक की बाली. उससे न सिर्फ उसकी चेहरे की सुंदरता निखर आती थी बल्कि वो इतनी सेक्सी लगती थी के देखे वाला अपनी नज़र नहीं हटा पाता था. ख़ास कर जब्ब वो चुदती थी और उसके चेहरे पर उत्तेज्न, मादकता को उसकी नाक की बालि इस कदर उभरती थी के देखने वाला उसे पाने की दया मांगने लगता.
राहुल भी अपनी मम्मी के चेहरे और मुम्मो पर अपनी नज़रें ऊपर निचे करता खो गेय था. वो अपनी कमर उछालना कभी का भूल चुका था बल्कि वो तोह अपनी मम्मी के सौंदर्य का रसपान कर रहा था. सलोनी को उत्तेजना और चुदाई के आनंद में कुछ समय तक्क एहसास नहीं होता मगर अनंतता उसका धयान जाता है के राहुल निचे से अपनी कमर नहीं उछाल रहा है. वो चोदते हुए उसके चेहरे को देख रहा है तोह वो खुद भी रुक जाती है. राहुल ऑंखे उसके चेहरे पर टिकाये अपलक उसे घूरे जा रहा था.
"कय हुआ? ऐसे क्यों घूर रहे हो?" सलोनी आस्चर्यचकित थी. राहुल के चेहरे का भाव अजीब था. उसके होंठो पर हलकी सी मुस्कराहट थी मगर ऑंखे चकाचौध थी.
"कुछ नहीं बास देख रहा हुण........." राहुल मुस्कराते हुए अपने रंग में लौट आया.
"देख रहा हुन?????........मगर क्या?"
"देख रहा हुन मेरी मम्मी कितनी सुन्दर है.......कितनि खूबसूरत है........कितनि सेक्सी है............सच में मम्मी तुम कितनी सुन्दर हो में बता नहीं सकता........." राहुल के चेहरे से पता चलता था के वो सच बोल रहा था.
सलोनी कुछ पलों तक्क अस्चर्य से राहुल को देखति है. उसे ताजुब्ब हो रहा था के वो अपने जवान बेटे को किस हद्द तक्क पसंद थी. सलोनी अचानक से शर्मा जाती है.
"बस बस्स.......जयादा मक्खन न लगा..........इतनी बातें करना किधर से सिख गया तु" सलोनी का चेहरा जेहन पहले उत्तेजना से लाल था अब उस पर शर्म की लाली छाती जा रही थी.
"मक्खन क्योँ.........तुमहे क्या लगता है में झूठ बोल रहा हूँ?"
"हान........तुम बिलकुल झूठ बोल रहे हो ताकि में तुम्हे इसी तेरह हर रोज़ अपनी देती रहू"