Mastaram Stories हवस के गुलाम - Page 17 - SexBaba
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Mastaram Stories हवस के गुलाम

ये बात तो तय थी कि ये पायल की चूत की सील नहीं थी लेकिन पायल की चूत की मसल थी. जो इतना बड़ा लंड लेने के लिए तैयार नहीं थी. वैसे भी पायल ही तो है जो बाकी सब लड़कियों में सबसे छोटी उम्र की है.

सलीम ने हल्का सा धक्का मारा तो सलीम का लंड अंदर घुस गया. लेकिन इस बार सलीम का सुपाडा पायल की चूत की झिल्ली से टकराकर रुक गया.

सलीम के इस धक्के से पायल बुरी तरह से तड़फ़ ने लगी. सलीम थोड़ा सा इंतजार करने लगा जब तक पायल नॉर्मल हो जाए. और लगातार पायल के होंठों को चूस्ता रहा.

सलीम के लंड पर लगा आयुर्वेदी आयिल अपना काम करने लगा. जैसे सलीम का लंड उस आयुर्वेदिक आयिल से फूल कर मोटा हो गया था. वैसे ही पायल की चूत भी अंदर से फूलने लगी . जिस कारण पायल जितना लूज़ छोड़ती कि लंड आसानी से बाहर और अंदर जा सके उसकी चूत उतनी ही फूल कर सलीम के लंड को टाइट पकड़ रही थी.

अब सलीम को भी इस बात का एहसास हो गया कि पायल की चुदाई सच में मुश्किल होगी. पायल की सील तोड़ने के लिए अब सलीम को पहले से भी दुगना ज़ोर लगाना पड़ेगा क्यूँ कि पायल की चूत की मसल्स फूल कर सलीम के लंड को और भी टाइट पकड़ रखी है.

सलीम ने अपना लंड हल्का सा बाहर निकाला. सलीम के ऐसा करते ही पायल के शरीर में एक दर्द की लहर दौड़ गयी. अभी पायल उस दर्द से उभरी भी नहीं थी कि सलीम ने एक ज़ोर दार झटका मार दिया. सलीम का एक तिहाई लंड पायल की चूत में घुस गया. और लाल खून की धार पायल की चूत से निकल कर बेडशीट पर बहने लगी.

सलीम थोड़ा सा रुका लेकिन सलीम के लंड पर लगा आयिल सलीम के रुकते ही पायल के निकले खून से थोड़ा सा बाहर तो थोड़ा सा अंदर तक फैल रहा था. जिस से पायल को चूत में हल्की सी खुजली और जलन दोनो हो रही थी. सलीम अब थोड़ी देर रुक कर फिर से धक्का मारता है. पायल बुरी तरह से फडफडा रही थी. पायल की वर्जिन चूत की धज्जियाँ उड़ रही थी. सब जगह खूनखच्छर हो रहा था. पायल का पूरा शरीर काँप रहा था. मज़े से नहीं दर्द से सिर्फ़ दर्द से. पायल की सारी मस्ती फुर्र हो चुकी थी. अब सलीम ने अपना लंड सुपाडे तक बाहर निकाल कर फिर से जोरदार झटका मारा और पायल की चूत में जड़ तक अपना लंड घुसा दिया.

पायल अब दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकती थी और ना ही चीख पा रही थी. सलीम उसके होंठों को अभी भी अपने होंठो से सिल रखा था. पायल थोड़ी देर तक काँपती रही और बेहोश हो गयी.

सलीम को लगा कि पायल अब ठीक है तो थोड़ी देर रुक कर सलीम 2-3 धीरे-धीरे धक्के मारता है. जिस पर पायल का कोई रिक्षन नहीं आया. सलीम चोंक गया.

जब सलीम ने पायल के होंठ छोड़ कर पायल को देखा तो उसे लगा पायल मर गयी. लेकिन अचानक से पायल के सीने पर नज़र गयी तो पायल की साँस चल रही थी जिस कारण से पायल का सीना उपर नीचे हो रहा था.

सलीम ने तुरंत पायल की चूत से लंड बाहर निकाला. लंड बाहर आते ही पायल की चूत से खून की नदी बहने लगी. सलीम ने बिना उस ओर ध्यान दिए टेबल पर रखे पानी के ग्लास से पानी निकाल कर पायल के मूह पर छिड़का जिस कारण से पायल धीरे-धीरे होश में आने लगी. सलीम तुरंत फिर से पायल की टाँगों को अपने कंधों पर रख कर एक ही झटके में अपना लंड पायल की चूत में डाल देता है. सलीम के ऐसा करते ही पायल की जोरदार चीख निकल जाती है..

पायल: आआआआहह आह आहा हा ह

साक्षी नींद में: सोने दे ना यार क्यूँ चिल्ला रही है..

पायल दर्द से तड़फ़ रही थी और सलीम अब बिना रुके पायल की धुआधार चुदाई कर रहा था. पायल की चूत सलीम हर पोज़िशन में मार रहा था. पायल अभी तक 3 बार झड चुकी थी लेकिन सलीम का पानी छूटने का नाम ही नहीं ले रहा था.करीब एक घंटे की चुदाई के बाद सलीम पायल की चूत में ही झड गया.

सलीम ने बहुत सारा माल पायल की चूत मे छोड़ा था जो पायल के पानी से मिक्स होकर रबड़ी की तरह पायल की चूत से निकल रहा था. इतने माल को देख कर पायल की आँखें बाहर निकलने को हो गई थी.

पायल को भी साक्षी और पूजा की तरह पेट मे दर्द होने लगा था.
 
5 मिनिट के रेस्ट के बाद सलीम जब पायल पर से उठता है तो पायल हल्की हल्की रो रही थी सिसक रही थी. पायल अपनी चूत पर अपना हाथ लगा कर इकट्ठी हो गई और साक्षी की तरफ करवट लेकर सो गई.

जब सलीम बाथरूम से बाहर आया तो अभी सलीम का लंड खड़ा था.

सलीम: बेहन्चोद अब तो सोजा एक ही दिन में और कितनी चूत मारेगा मादर चोद.

सलीम हल्के से ऐसे बोलते हुए पायल के करीब आता है और एक कंबल निकाल कर सभी लड़कियों पर डाल कर आरती के रूम में लगे एसी का टेंपरेचर बढ़ा देता है जिस से ठंड बढ़ने लगती है.

अब सलीम की नज़र अचानक से आरती पर जाती है. सलीम कुछ सोच कर अपना लंड मुठियाने लगता है. 15 मिनिट तक मुठियाते हुए सलीम जैसे ही छूटने वाला होता है आरती का मूह खोल कर अपना सारा माल आरती के मूह में छोड़ देता है ओर थोड़ा माल आरती के गालों पर गिरा देता है.

फिर सलीम की नज़र कामया पर जाती है. सलीम एक बार फिर से पायल के पास जाकर उसकी चूत को देखता है तोबुरी तरह से फूली हुई चूत थी. और उसकी जाँघो पर ढेर सारा माल पड़ा था . सलीम पायल की जांघों से माल उठा कर कामया की चूत पर मल देता है और कामया को अपने उपर लेकर उसकी चूत को अपने लंड के उपर रख लेता है.
अब कामया सलीम के शरीर पर लेटी हुई थी और सलीम के लंड का बेस कामया की चूत की फांकों को अलग कर रखा था.और हल्के हल्के कामया की चूत पर रगड़ रहा था कि जैसे वो कामया चोद रहा था. सलीम कामया की चूंचिया अपने मूह में लेकर चूसने लगा और सो गया..

तभी सुबह होती है..

सूरज अपने अंदाज मे सुबह सुबह अपने हज़ारों रंग लिए निकल रहा था आस-पास चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई पड़ रही थी. और बाहर खड़े पेड़ो की टहनियाँ हिल कर बता रही थी कि अब मौसम में परिवर्तन स्टार्ट हो गया.

जहाँ तक सवाल बाहर के मौसम का है तो उसमे एक बात और भी जोड़ देते है कि बाहर की सड़को पर गाड़ियों और बाइक्स के हॉर्न व्रूम व्रूम की आवाज़ भी अच्छे से बता रही थी कि हां अब दिन की शुरुआत हो गयी.

वैसे भी आजकल शहरों में मुर्गे की बांग कहाँ सुनाई पड़ती है. शहरों मुर्गे तो हलाल होते है बांग तो सिर्फ़ गाँवों में ही देते है.

तो चलिए कहानी पर आता हूँ…

सूरज के निकलने के साथ ही सूरज की पहली किरण सीधे अंजलि के बेडरूम में पड़ती है.. जहाँ अंजलि नंगे बदन सोई पड़ी थी. अंजलि के बदन पर जगह जगह वीर्य की सफेद पर्ते जमी पड़ी थी

और अंजलि की चूत से अभी भी वीर्य हल्का-हल्का रिस रहा था. वीर्य रिस क्या टपक रहा था. आख़िर कल रात के गुल खिलाने का यही तो एक सबूत था..

सूरज की किरणें अंजलि के चेहरे पर पड़ती. अंजलि के चेहरे पर एक मासूम सी मुस्कान थी. सूरज की किरणें अंजलि की आँखों पर पड़ते ही अंजलि की भवें हिलना स्टार्ट होती है और धीरे धीरे अंजलि की आँखें खुलना भी स्टार्ट हो जाती है.

करीब 1-2 मिनिट तक आँखें खोले अंजलि बिस्तर पर पड़ी कल रात के बारे में सोचती रहती है कि बड़ा ही अजीब सा सपना था. में कैसे सलीम चाचा के साथ ये सब कर रही थी छी… और कितनी बेक़रार हो गयी थी में और वो भी …..
 
अंजलि मुस्कुराते हुए बेड पर बैठ जाती है. लेकिन आज की सुबह अंजलि के लिए और दिनो जैसी नहीं थी. आंज अंजलि जैसे ही बेड से उठने की कोशिश करती है उसके पेट में और पीठ में बेन्तेहा दर्द होना शुरू हो जाता है. अंजलि आआहह करते हुए अपने पेट पकड़ कर देखती है बैठे बैठे खुद को संभालने की कोशिश करती है.

तभी अंजलि को एहसास होता है कि उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं है.

अंजलि आस-पास नज़र दौड़ाती है तो उसे कहीं पर उसका ब्लाउज दिखाई पड़ता है तो कहीं पर साड़ी. किसी कोने में उसकी पेंटी पड़ी थी तो किसी कोने में अंडरवेर. और उसकी ब्रा उसी के पंखे के उपर लटक रही थी.

अंजलि घूम कर ड्रेसिंग टेबल के मिरर की तरफ देखती है तो उसका मूह खुला का खुला ही रह जाता है. उसका काजल उसके पूरे चेहरे पर फैला हुआ था. उसके चेहरे से अजीब सी थकान झलक रही थी. बाल बुरी तरह से बिखरे पड़े थे और उसके गले और सीने पर जगह जगह लाल-नीले निशान पड़े थे.

ख़ास तौर पर अंजलि की दूध जैसी सफेद चुचियों पर नीले निशान तो सॉफ तौर पर दिखाई दे रहे थे और ये अच्छे से सॉफ हो रहा था कि उसकी चुचियों को बुरी तरह से निचोड़ा गया है. अंजलि हल्का सा हाथ अपनी चूंचियो को लगा ती है तो एक तेज दर्द की लहर अंजलि की चुचियों में उठ पड़ती है.

अंजलि कुछ कुछ समझती हुई एक के बाद एक शॉक से बुरी तरह से डरी हुई बोखलाई हुई थी. तभी अंजलि को अपनी चूत से कुछ बाहर आते हुए फील होता है. अंजलि जैसे ही नीचे की तरफ झुकती है तो अंजलि ज़ोर से अंदर की ओर साँस लेती है और पूरा मूह खोल देती है..

अंजलि की चूत से अंजलि के बैठते ही कम से कम एक आध चम्मच वीर्य उसकी बेड शीट पर पड़ा हुआ था और काफ़ी सारा वीर्य अंजलि की चूत की गहराइयों में समाया हुआ था.

अंजलि एक बार फिर से रात को हुई घटनाओं को याद करती है. और फिर जैसे कोई फास्ट फॉर्वर्ड करके कोई फिल्म देख रहा हो ऐसे अंजलि की आँखों के सामने उसकी और सलीम चाचा की चुदाई की फिल्म चल पड़ती है.

अंजलि की आँखों से आँसू खुद ब खुद बहने स्टार्ट हो जाते है, अंजलि बेड से उठती है की एक बार फिरसे उसके पूरे बदन में दर्द की लहर दौड़ जाती है.

अंजलि के उठते ही अंजलि की चूत से फिरसे वीर्य बह कर उसकी जांघों पर आने लगता है..

अंजलि बड़ी मुश्किल से खुद को धीरे-धीरे बाथरूम में ले जाती है और शवर चालू कर देती है. ठंडे पानी की बूंदे अंजलि के शरीर पर पड़ते ही अंजलि के पूरे शरीर में गूसेबंप्स पड़ जाते है.

5 मिनिट तक दीवार का सहारा लेकर अंजलि अपनी किश्मत को कोसते हुए रोने लगती है. और फिर खूब रगड़ रगड़ कर अपने बदन पर पड़े निशानों को सॉफ करने की कोशिश करती है.

लेकिन तभी अंजलि का ध्यान अपनी चूत की तरफ जाता है जो अंदर से थोड़ी छिली हुई थी और साथ ही गरम वीर्य से भरी पड़ी थी.

एक बार फिरसे अंजलि की आँखों के सामने कल रात का सीन आजाता है.

अंजलि की अंतर आत्मा अंजलि से कहती है “ अंजलि ये निशान तो आज नहीं तो कल मिट जाएँगे लेकिन वो निशान कैसे मिटेंगे जो सलीम चाचा ने तेरे अंदर तक कर दिए है” अंजलि अपनी चूत को सॉफ करने के लिए हाथ लगाती है कि एक ज़ोर दार दर्द की लहर अंजलि की चूत में उठती है. अंजलि अपनी चूत को छू भी नहीं सकती थी सॉफ तो बहुत दूर की बात थी.

अंजलि शवर पंप को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर मारती है. हल्के हल्के दर्द के बाद अंजलि की चूत से सलीम का वीर्य सॉफ होने लगता है. लेकिन कुछ वीर्य अभी भी चूत की दीवारों के अंदर की तरफ लगा हुआ था.

अंजलि सोचती है और कितना है जो सॉफ ही नहीं हो रहा.

30 मिनिट की बात के बाद अंजलि नंगे बदन पानी से भीगी हुई बाथरूम से बाहर निकलती है. धीरे धीरे चलकर अपने कपड़ों की दराज के पास पहुँच कर टवल निकाल कर बदन सॉफ करती है और एक ब्लॅक कलर की साड़ी, मॅचिंग ब्लाउज, पेटिकोट और मॅचिंग ब्रा पेंटी निकालती है. लेकिन जैसे ही अंजलि ब्रा पहन ने के लिए कोशिश करती है. अंजलि को अपनी चुचियों में बहुत दर्द महसूस होता है. यही हाल जब वो पेंटी पहन ने की कोशिश करती है अपनी चूत में महसूस करती है.

अपने दर्द से बेबस होकर अंजलि अपनी ब्रा और पेंटी पहन ने का ख्याल छोड़ देती है.. और ब्लाउज और पेटिकोट पहन ने लगती है ब्लाउज पहनते वक़्त भी अंजलि को दर्द हो रहा था लेकिन इतना नहीं जितना ब्रा से हो रहा था.
 
अंजलि ब्लाउज और पेटिकोट पहन ने के बाद अपनी साड़ी बाँध ने लगती है. साड़ी पहन कर अच्छे से तैय्यार हो जाती है.

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वही दूसरी ओर आरती के कमरे में सूरज की कोई किरण नहीं पड़ती. लेकिन आज कामया की आँखें जल्दी खुल गयी जब कामया की आँखें खुलती है तो कामया खुद को एकदम नंगे सलीम के उपर पाती है.. कामया चोंक जाती है. कामया के चेहरे पर हज़ारों सवाल उमड़ पड़ते है.

तभी कामया को अपनी चूत पर सलीम के लंड का एहसास होता है. कामया अपनी जांघों को हल्का सा फैलाती है ताकि सलीम का लंड उसकी जांघों से निकल जाए लेकिन मुश्किल ये थी कि सुबह सुबह ही सलीम का लंड अपनी औकात में खड़ा था.

कामया जैसे ही अपनी जांघे फैलाती है कामया की चूंचिया सलीम की छाती में सलीम के निपल से अपने निपल रगड़ रही थी. और कामया के जांघे चौड़ी करते ही सलीम के लंड का सुपाडा सीधे कामया की गान्ड के होल से भिड़ जाता है.

जैसे कामया की गान्ड के होल से सलीम के लंड का सुपाडा बोल रहा हो दरवाजा खोलो वरना हम दरवाजा तोड़ कर अंदर घुसना भी जानते है.

कामया अपनी गान्ड के होल पर सलीम के लंड को महसूस करके उपर होती है. उपर होते ही सोते हुए सलीम के होंठों से कामया के निपल छू जाते है और सलीम नींद में ही कामया के निपल को अपने मूह में ले लेता है.

शायद सलीम इस वक़्त कोई सपना देख रहा था. लेकिन सपने में वो कुछ भी कर रहा हो लेकिन इस वक़्त वो कामया की चुचियों को कामया के होश में रहते हुए चूस रहा था. और ऐसे चूस रहा था जैसे जागते हुए चूस रहा हो बस सलीम की आँखे बंद थी.

कामया जल्दी से नीचे होती है जिससे सलीम के मूह से अपनी निपल तो निकाल ली लेकिन ऐसा करके वो चीखते – चीखते रह गयी.

क्यूकी जैसे ही कामया नीचे हुई सलीम का सुपाडा कामया की चूत की फांकों को खोलते हुए आधा कामया की चूत में क़ैद हो गया और कामया अचानक से सलीम के सुपाडे को अपनी चूत में घुसे देख कर ज़ोर से अपनी चूत भींच लेती है.

कामया के ऐसा करते ही सलीम के लंड का सुपाडा फिसलते हुए धीरे-धीरे बाहर निकलने लगता है.

इस बार कामया बड़े ही धीरज से सलीम के उपर से उठती है और दूर खड़ी होकर बेड पर देखती है कि आरती एकदम नंगी सलीम के बगल में सोई पड़ी है और उसके मूह पर जगह जगह वीर्य के निशान पड़े है.
 
दूसरी तरफ वो साक्षी और पूजा को देखती है जिनकी चूत के आस पास वीर्य सूखा पड़ा हुआ था.

फिर कामया की नज़र लास्ट में सोई पड़ी पायल पर जाती है. पायल की चूत बुरी तरह से सूजी हुई पड़ी थी. पायल की चूत का रंग पर्पल कलर का हो गया था. पायल की चूत से अभी तक वीर्य धीरे-धीरे हल्का हल्का रिस रहा था.

पायल पेट के बल सो रही थी पूजा और साक्षी करवट लेकर सो रही थी. और आरती सीधी सो रही थी बस उसका मूह सलीम की ओर था.

ये सीन देख कर कामया के पैरों तले से ज़मीन खिसक जाती है. तभी कामया को अपनी चूत पर भी हल्का सा खिंचाव महसूस होता है. जब कामया झुक कर अपनी चूत देखती है तो उस पर भी वीर्य के सफेद धब्बे जमे पड़े थे.

कामया की आँखो से आँसू निकल नहीं रहे थे बाकी उसके रोने में कोई कसर नहीं थी. कामया ने खुद को संभाला और पूजा और साक्षी को उठाया. पूजा उठने से पहले हल्के से नाटक करते हुए बड़बड़ाने लगी कि कामया ने पूजा का मूह बंद कर दिया.

अचानक से पूजा किसी का हाथ अपने मूह पर फील करती है तो उसे नींद में ऐसा लगता है जैसे कोई उसका किडनॅप कर रहा हो. पूजा झटके से अपनी आँखे खोलती है.

आँखें खोलते ही पूजा को अपने सामने कामया को देख कर साँस में साँस आती है. कामया पूजा को चुप रहने का इशारा करते हुए उठने को बोलती है.

पूजा हल्के से उठने की कोशिश करती है लेकिन पूजा की चूत भी बुरी तरह से सूजी हुई थी. फिर भी थोड़ी सी परेशानी झेल कर पूजा खड़ी हो जाती है. पूजा की हालत देख कर कामया आरती और पायल के बारे में सोचती है कि अगर पूजा का ये हाल है तो लगता नहीं कि ये दोनो आज उठने की हालत में भी रहेगी.

पूजा अब थोड़ा बहुत हालात को समझने की कोशिश करती है.

पूजा सलीम को आरती और बाकी लड़कियों के साथ सोता देख कर कामया की तरफ देखते हुए मुस्कुरा देती है. कामया पूजा को आँख दिखाते हुए सब को खड़ा करने को फुसफुसाते हुए बोलती है.

पूजा एक हाथ से रुकने का बोल कर बाकी सब लड़कियों को चुप चाप जगाती है. सभी लड़कियाँ जाग जाती है. आरती तो झट से उठ कर अपनी नाइटी ढूँढते हुए पहन लेती है. साक्षी थोड़ा बहुत दर्द सहन करते हुए रात वाले कपड़े पहन लेती है बस उसे अपनी पेंटी कहीं दिखाई नहीं देती है.

पायल को पूजा और कामया सहारा देकर दूर ले जाते है. पायल की आँखों से आँसू बह रहे थे पायल की बिल्कुल भी हालत नहीं थी. चलने की अब आरती के कमरे में केवल सलीम सोया पड़ा था.
 
पायल की चूत से सलीम का वीर्य बह रहा था.

आरती पूजा और साक्षी मिलकर पायल को कामया के रूम में ले जाने लगती है. लेकिन कामया का रूम उपर था तो वहाँ तक जाने की पायल की हिम्मत नहीं थी. कामया हल्के से इशारा करती है आरती को और नीचे बने बाथरूम में पायल को ले जाने को बोलती है.

सब मिलकर पायल को नीचे वाले बाथरूम में ले जाती है. वहाँ पायल की चूत की सिकाई पूजा और आरती मिलकर कर रही थी. और साक्षी बाहर खड़ी खड़ी कुछ देख रही थी.

जब कामया साक्षी के पास आती है तो साक्षी कामया को बोलने के लिए मना करती है. कामया साक्षी की नज़रों का पीछा करते हुए देखती है तो क्या देखती है, बरामदे में बाबू सोया पड़ा था. उसके लंड के चारों ओर पायल और साक्षी की पेंटी लिपटी पड़ी थी जो कि बाबू के लंड के माल से बुरी तरह से लथपथ थी.

साक्षी हल्के से फुसफुसाते हुए कामया से बोलती है..

साक्षी: कमीना कहीं का मेरी पूरी पेंटी बर्बाद कर दी..

कामया साक्षी की बात सुन कर मुस्कुरा पड़ती है और साक्षी से बोलती है..

कामया: तुझे पेंटी की पड़ी है. अंदर एक बूढ़े ने तुम्हारी चूत में अपना माल डाल दिया तो तुम्हारी चूत बर्बाद नहीं हुई…

साक्षी कामया की बात सुन कर चोन्कते हुए अपनी चूत पर हाथ लगाती है लेकिन साक्षी की चूत में कोई वीर्य नहीं था.. साक्षी को इस बात का सुकून होता है कि चलो अच्छा है मे कम से कम प्रेग्नेंट तो नहीं होंगी.

अंदर से पायल भी चूत की सिकाई करवा कर कपड़े पहन कर बाहर आ जाती है. पायल के बाहर आने से पहले पूजा पायल की चूत को देख कर पायल के गाल पर चिकोटी काट ती है और प्यार से उसकी चूत की तरह इशारा करते हुए बोलती है कि यार तेरी चूत तो एक दम सील पॅक लग रही है एक दम हार्ट शेप...
 
पूजा की बात सुनकर पायल अपनी चूत को देखती है और मुस्कुरा पड़ती है. फिर बाहर आते ही पायल पूजा से बोलती है..

पायल: यार में घर कैसे जाउन्गि मुझसे तो चला भी नहीं जा रहा . बहुत दर्द हो रहा है.

पूजा एक फोन करती है और पायल को कुछ नहीं बोलती.

करीब 30 मिनिट बाद एक आदमी आरती के घर की बेल बजा ता है..

बेल की आवाज़ सुनकर जहाँ सभी लड़कियाँ चोंक जाती है. वही उपर अंजलि भी चोंक जाती है..

पूजा जाकर दरवाजा खोलती है तो बाहर खड़े आदमी के हाथ में 2 पॅकेट थे.

पूजा दोनो रिसीव करके उसे पेमेंट कर देती है और अंदर आ जाती है.

अंदर आकर पूजा पायल को 2 अलग अलग टॅबलेट दे देती है..

पूजा: सुन ये एक टॅबलेट है दर्द के लिए और ये दूसरी टॅबलेट है ताकि बच्चा ना ठहरे.

पायल पूजा की बात सुन कर डर जाती है.

पूजा: घबरा मत बहुत लंबे टाइम से ले रही हूँ. कोई साइड एफेक्ट नहीं है और हां तुझे भी अब ये रेग्युलर लेते रहना चाहिए...अब तो रोज रोज मलाई घोंटेगी तू...

पायल उस एंटी प्रेग्नेन्सी की टॅबलेट का पॅकेट मांगती है तो वो एक सफेद रंग की छोटी डिब्बी में थी जिस पर कोई नाम नहीं लिखा था.

पायल इशारों में पूजा की तरफ देखती है.

पूजा: कमीनी कोई भी मेडिकल वाला ये दवाइया आसानी से नहीं देता समझी.. ये तो किसी जानकार से मँगवाई है ब्लॅक में.

तभी कामया पूजा से दूसरे पॅकेट के बारे में पूछती है.

पूजा दूसरा पॅकेट वही टेबल पर रख कर खोलती है तो उसमें नाश्ता था..

सभी लड़कियाँ सोफे पर बैठ कर नाश्ता करने लगती है.

और तभी अंजलि उपर से नीचे आने की कोशिश करती है लेकिन उस से सीडियाँ नीचे नहीं उतरी जाती. तो अंजलि उपर से ही आवाज़ देती है..

अंजलि: कामया………? आअर्ती????

कामया तुरंत चोंक जाती है और सभी को चुप रहने का इशारा करती है...

कामया: आई भाभी……

अंजलि और कामया की आवाज़ सुन कर बाबू की नींद खुल जाती है बाबू भी आँखें खोल कर हालत का जायजा लेता है. जैसे ही बाबू को हालत का अंदाज़ा होता है दौड़ पड़ता है,…

बाबू दौड़ता हुआ सलीम को उठाने आरती के रूम में घुस जाता है.. करीब 15 मिनिट का टाइम लेकर बाबू और सलीम दोनो तैयार होकर बाहर आते है जहाँ पर सभी लड़कियाँ बैठी हुई थी..
 
बाबू दौड़ता हुआ सलीम को उठाने आरती के रूम में घुस जाता है.. करीब 15 मिनिट का टाइम लेकर बाबू और सलीम दोनो तैयार होकर बाहर आते है जहाँ पर सभी लड़कियाँ बैठी हुई थी..

सभी लड़कियाँ बाबू और सलीम को घूर घूर कर देख रही थी और बाबू और सलीम उनके सामने एक अपराधी की तरह सर झुकाए खड़े थे.

तभी उपर से कामया नीचे आने लगती है…

कामया जैसे ही नीचे आती है एक बार फिरसे डोर बेल बजती है..

इस बार कोई भी लड़की घबराई नहीं थी. क्यूँ कि इस से पहले जब डोर बेल बजी थी तब पूजा ने खाना और मेडिसिन मँगवाई थी. तो सभी को लगा इस बार भी पूजा ने ही कुछ मँगवाया होगा.

आरती जाकर दरवाजा खोलने लगती है..

जैसे ही आरती दरवाजा खोलती है सामने देव खड़ा था. देव आरती और कामया का भाई और अंजलि का पति. सूरज अपनी वर्दी में था. देव के चेहरे पर गुस्सा झलक रहा था.

अंजलि उपर से जब दुबारा डोर बेल की आवाज़ सुनती है तो चोंक जाती है. अंजलि ने अभी अभी अपना मोबाइल ऑन किया था. अंजलि के मोबाइल ऑन करते ही 30 – 40 मेसेज सूरज के थे और 20-25 मिस्ड कॉल की नोटिफिकेशन भी थी.

अंजलि वो सब देख कर बुरी तरह से चोंक जाती है.

वही कमरे में बाबू सलीम को उठाने गया था लेकिन सलीम तो गहरी नींद में सोया हुआ था.

आरती: भैया आप???

देव: हाँ में, क्यूँ नहीं होना चाहिए था.

आरती: नहीं नहीं भैया ऐसी बात नहीं है आइए ना.

देव जैसे ही अंदर आता है अंदर आरती और कामया की फ्रेंड्स आई हुई थी. देव उनको देख कर उपर अपने रूम में जाने लगता है जहाँ पर अंजलि सो रही थी.

अभी देव उपर गया भी नहीं था ऑर आरती दरवाजा बंद करके वापस लौट ही रही थी कि एक बार फिरसे डोर बेल बजती है.
अब सच में सभी डरने लगे थे सिर्फ़ पूजा ही थी जो खामोशी से खड़ी मुस्कुरा रही थी.

आरती वापस जाकर दरवाजा खोलती है कि सामने एम.एल.आ खड़ा था.

एम.एल.ए. वही पायल का पिता…

एम.एल.ए: अंदर आते ही
एम.एल.ए : मेरी बेटी कहाँ है?'

अभी एम.एल.ए. ने इतना सा ही बोला था कि पायल बोल पड़ती है..

पायल: पापा आप?

एम.एल.ए. चलता हुआ पायल के पास जाता है कि देव वापस सीडियाँ उतर ते हुए एम.एल.ए. का स्वागत करता है.

देव: आइए आइए एम.एल.ए. साहब एक दम सही वक़्त पर आए है. में भी अभी आया ही हूँ घर पर.

तभी एक बार फिर से डोर बेल बजती है. इस बार डोर बेल बजते ही सभी लड़कियाँ एक दूसरे की तरफ देखते हुए ख़ौफ़ में आ जाती है.

देव: आरती जाओ भाई दरवाजा खोलो देखो कौन है.

आरती : जी भैया

आरती दरवाजा खोलने जाती है कि सामने से देव की मम्मी तीर्थ करके लौट लौट आई थी..

देव, आरती, कामया और बाकी सभी लड़कियाँ उन्हे प्रणाम करके उनका स्वागत करते है और एम.एल.ए. साहब उनसे नमस्ते बोल कर पायल की तरफ घूर घूर कर देख रहा था.

पायल का डर से इतना बुरा हाल था कि पायल की टांगे काँपने लगती है. उसी डर से पायल की चूत से सलीम का वीर्य बहते हुए पायल की जाँघो पर आजाता है और कुछ बूंदे वहीं आँगन पर गिरने लगती है..
 
पूजा ये सब देख कर मुस्कुराने लगती है.

तभी देव और एम.एल.ए आरती के कमरे में जाते है…

आरती और बाकी सभी लड़कियों की गान्ड फट जाती है..

अभी देव और एम.एल.ए. साहब को गये हुए 1-2 मिनिट भी नहीं हुए थे कि आरती के कमरे से बंदूक की गोलियाँ चलने की आवाज़ आती है.

आरती और बाकी सभी लड़कियाँ चीखने चिल्लाने लगती है. उपर से अंजलि भी गोलियों की आवाज़ सुन कर डर जाती है. अंजलि तुरंत कमरे से बाहर निकल कर नीचे आती है. जैसे ही अंजलि नीचे आती है. सभी लड़कियाँ रो रही थी.

थोड़ी ही देर में देव और एम.एल.ए. आरती के रूम से बाहर निकलते है.

सभी लड़कियाँ देव और एम.एल.ए. की तरफ देखने लगती है.

देव अपना मोबाइल निकाल कर उन लड़कियों के पास आता है और एक वीडियो चला देता है.

लड़कियाँ उस वीडियो को देखती है तो देखती ही रह जाती है..

उस वीडियोस में सलीम पायल साक्षी और पूजा की चुदाई कर रहा था.

तभी अंजलि भी उन लड़कियों के पास आ आजाति है.

अंजलि: देव ये सब क्या है.

देव अपने मूह पर एक उंगली रख कर अंजलि को चुप रहने का इशारा करता है. इस वक़्त देव की आँखें बुरी तरह से लाल हो रखी थी.
देव दूसरा वीडियो निकाल कर अंजलि को दिखाता है..

उस वीडियो में अंजलि की ताबड तोड़ चुदाई चल रही थी सलीम के साथ.अंजलि वो वीडियो देख कर वही बेहोश हो जाती है.

तभी देव की माँ पीछे से जो अब तक खामोशी से वीडियो देख रही थी.. एम.एल.ए. को बोलती है कि आप अपनी बेटी को लेकर जाइए हम अपने घर का मामला खुद निपटा लेंगे.

दरअसल देव लौटने से पहले ही ये वीडियो की बात अपनी माँ को बता चुका था. इस लिए उन्हे पहले से ही मालूम था कि क्या होने वाला है.

तभी देव उस बंदूक की नौक एक लड़की पर साध लेता है.. वो कोई और नहीं बल्कि पूजा थी. पूजा अभी भी मुस्कुरा रही थी.

पूजा: तू क्या मारेगा मुझे साले में तो खुद थोड़ी देर में निकल जाउन्गि लेकिन तू तेरे घर को एक कोठा बन ने से नहीं बचा पाया. हाहहाहा साले मेरे घर वालों को मार कर मुझे और मेरी मम्मी को कोठे पर बेच कर बड़ी शान से सीना चोडा करके गया था ना अब दिखा तेरे सीने में कितना दम है..

पूजा ऐसे ही खरी खोटी सुनाती हुई खून की उल्टियाँ कर देती है और वही फर्श पर गिरकर मर जाती है.

जी हां ये सारे वीडियो पूजा ने ही भेजे थे देव को.

देव पूजा को मरा पड़ा देख कर गर्दन टेडी करके उसे अच्छे से देखता है.. और फिर नीचे बैठ कर पूजा की दोनो आँखों में गोली निकाल देता है.
सभी लड़कियाँ ये देख कर डर जाती है. कामया तो वही बेहोश हो जाती है. लेकिन आरती डर के मारे काँप रही थी..
 
एम.एल.ए. : सूरज में निकलता हूँ कल तक तुम्हारा ट्रान्स्फर गोआ हो जाएगा. और ये जगह शमशान बन जाएगी.

दूसरे दिन सुबह

देव अंजलि और अपनी दोनो बहनो को लेकर अपनी माँ के साथ गोआ निकल जाता है.

और सूरज के घर से निकलने के 2-3 घंटों बाद ही सूरज का पुराना घर बॉम्ब से ब्लास्ट कर दिया जाता है..

अंजलि को अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि देव ने सलीम और बाबू को मार डाला. उनकी मौत की खबर देव की दोनो बहनों ने अंजलि को दी.

सभी खामोशी से अपनी ज़िंदगी गोआ में काटने लगे.

एक साल बाद:

अंजलि की गोद में दो जुड़वा बच्चे थे. पायल की चूत अब नये नये लंड तलाशने लगी थी. इसी चक्कर में पायल ने अपने ही भाई और उसके दोस्तों से नाजायज़ संबंध बना लिए.

एम.एल.ए. के बेटे और उसके कज़िन भाई के साथ आरती और कामया की शादी कर दी गयी…

ये इस कहानी का अंत तो नहीं होना चाहिए था. लेकिन फिलहाल ये अंत ही है….

इस अंत के साथ ही वो सब राज भी ख़तम हो गये जो सलीम कभी अंजलि को बताना चाह रहा था..


दा एंड
 
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