Mastram Story कमीना - Page 3 - SexBaba
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Mastram Story कमीना

पायल ने अपनी जबरदस्त मोटी गान्ड को अच्छे से शीशे मे देखती हुई मुस्कुराती है और फिर अपनी पेंटी को नीचे सरका

कर अपने दोनो हाथो से अपने मोटे चुतडो के पाटो को फैलाकर अपनी गहरी गान्ड की गुदा को देखने लगती है और उसे

अपनी गान्ड को खूब फैलाकर देखने मे काफ़ी मज़ा आता है और वह अपनी गान्ड की गुदा को अपनी उंगली से सहलाते हुए,

आह कमीना ज़रूर मेरी इस गदराई मोटी गान्ड को चाटने के लिए मरा जा रहा होगा, अगर मे उसको अपनी गान्ड इस तरह से अपने हाथो से फैलाकर दिखा दू तो वह तुरंत अपना मोटा लंड मेरी गान्ड के छेद मे फसाने के लिए मरने लगेगा, ज़रूर

मेरी गान्ड को सोच-सोच कर अपना मोटा लंड हथियता होगा और अपने सपनो मे मेरी गान्ड को खूब कस-कस कर चोदता

होगा, तभी तो मेरे इन मोटे चुतडो को दिन भर खा जाने वाली नज़रो से घूरता रहता है, लगता है उसे मेरे ये मोटे-

मोटे चुतड पहुत पसंद है,

पायल फिर शीशे के सामने से अपने मोटे चुतडो को जान भुज कर मतकाते हुए अपनी मिनी स्कर्ट उठाए बेड तक जाती है

और वहाँ से अपने चुतडो को देख कर खुस होती हुई अपने पेंटी उपर चढ़ा कर अपनी स्कर्ट को अपने हाथो से छोड़ देती है

और उसकी मिनी स्कर्ट फिर से उसके गदराए मोटे-मोटे चुतडो को ढक लेती है,

अगले दिन सनडे था और रवि करण से मिलने उसके फ्लॅट मे पहुच जाता है करण उसको देखते ही गले लगा लेता है

कारण - आ यार कितने दिनो बाद मिला है

रवि- साले जब से तू जॉब करने लगा है मुझे तो भूल ही गया

कारण- नही यार ऐसी कोई बात नही है बस ये समझ ले कि मे तुझसे मिलने आने ही वाला था इतने मे तेरा ही कॉल आ गया,

रवि- अच्छा ये बता तू इस तरह अकेला कब तक रहेगा शादी-वादी क्यो नही कर लेता, तेरे शादी करने से हमे भी एक

खूबसूरत भाभी को देखने का मोका मिल जाया करेगा.

कारण- हाँ यार सोच तो मे भी यही रहा हू पर शादी के लिए मेने तो अभी तक कोई लड़की नही देखी है, हाँ मम्मी -पापा

ज़रूर मेरे पीछे लगे हुए थे कि बेटा अब शादी कर ले कब तक होटेल का सड़ा गला खाना खाएगा, तो मेने भी कह दिया कि

मुझे तो कोई लड़की नही नज़र आ रही है यदि आपको कोई लड़की पसंद हो तो बता देना, मे भी उससे मिल लूँगा और फिर

हम शादी कर लेंगे,
 
रवि- अबे इतनी अच्छी न्यूज़ सुना रहा है वह भी सूखा-सूखा

कारण- अबे तेरे लिए मेने सब तैयारी पहले से कर रखी है, और अलमारी मे रखी वोड्का की बोतल दिखाते हुए वह देख

तेरी खास पसंद वहाँ है,

रवि - ग्रेट, चल अब जल्दी से पेग बना उसके बाद जब थोड़ा शुरूर होगा तभी मज़ा आएगा

कारण- जाकर बोतल ले कर बैठ जाता है और फिर दो लार्ज पेग बनाकर दोनो चेस करते हुए अपना-अपना पेग आधा करते

हुए अपने ग्लास को टेबल पर रख कर

कारण- और बता क्या चल रहा है आज कल कॉलेज मे कोई लोंड़िया वगेरह फसाई की नही

रवि- अरे यार अब तुझे क्या बताऊ एक लड़की है जो मुझे बहुत अच्छी लगती है पर

कारण- अबे पर क्या, साली को फसा कर चोद दे और क्या

रवि- यार चोदना तो मे भी उसे चाहता हू लेकिन यार अभी उससे सिर्फ़ 4 ही मुलाकात हुई है और मुझे ऐसा लगने लगा है

जैसे मे उसे कई सदियो से जानता हू, मेने कई लड़कियो को चोदने की नज़र से देखा लेकिन इस लड़की को चोदने के अलावा भी मेरे दिल मे उसके लिए एक अलग फीलिंग होती है, जब कोई और गदराई गान्ड और दूध वाली लड़की मेरे सामने आती है तो मुझे

हमेशा ऐसा लगता है कि मे उसे खूब रगड़-रगड़ कर चोदु और बहुत बेरहमी से उसकी मोटी गान्ड मारू (अपने मन मे

सोचता हुआ- जैसे मुझे अपनी दीदी को देख कर कुछ ऐसी ही फीलिंग्स होती है कि साली की गान्ड इतनी गदराई है की उसको नंगी करके खूब कस-कस कर उसकी गदराई गान्ड मारू और उसको इस कदर चोदु की उस पर बिल्कुल भी रहम ना करू) लेकिन इस लड़की को चोदना तो चाहता हू लेकिन उसको देखते ही उसे बहुत प्यार से अपनी बहो मे भर कर उसे खूब प्यार करने का मन करता

है, उसके लिए पता नही मे बेरहमी करने के बारे मे ज़्यादा नही सोच पाता हू और जब वह मेरे सामने आती है तो उसके

लाजवाब हुस्न को देख कर मे पागल होने लगता हू,

करण- अपना पेग ख़तम करते हुए, अबे मुझे तो लगता है तुझे उससे प्यार हो गया है तभी तू ऐसी बहकी-बहकी बाते कर

रहा है, देख प्यार के चक्कर मे पड़ने से अच्छा है चोद-चाद के आगे बढ़,

रवि- हाँ तू कहता तो ठीक है अब देखता हू कि क्या होता है

कारण- वैसे है कौन वह लड़की

रवि- अरे भाई मेने कहा ना कि अभी उससे दो-चार मुलाक़ते ही हुई है मुझे तो अभी उसके बारे मे कुछ भी नही पता

है,

करण- अच्छा वो सब तो ठीक है ये बता कि मेरी शादी मे मेरे गाँव आएगा कि नही, क्यो कि मुझे तो शादी अपने गाँव से

ही करना पड़ेगी, और मे चाहता हू कि तू अपनी पूरी फेमिली के साथ मेरे गाँव ज़रूर आए

रवि- अबे ये भी कोई कहने की बात है वैसे भी तेरी होने वाली बीबी से तो मेरा एक अलग ही रिश्ता होगा और जब तेरी बीबी मेरे

सामने होगी तो हम दोनो के बीच तू आने की कोशिश भी मत करना नही तो मे तुझे उसके सामने ही मारूँगा समझे.

करण- अबे साले मेरी बीबी से ही पूछ लेगे कि वह किसे अपने पास खड़े रहने की इजाज़त देती है और किसे दूर भगाती है

रवि- तो लगा ले बेटा शर्त तेरी बीबी तुझे ही ना भगा दे कही, और कहे मुझे तो रवि के साथ ही रहना है

करण- हस्ते हुए साले तू बहुत बड़ा कमीना है तू कभी सुधारने वाला नही है, बुरा मत मानना पर मुझे तो लगता

है तू अपनी बहन को भी इस मामले मे नही छोड़ता होगा,

रवि- करण की बात सुन कर अपने मन मे सोचता हुआ, अबे मेरी दीदी की मतवाली गान्ड को चोदने के लिए तो मे मरा जा रहा हू एक बार वह मुझे अपनी नंगी चूत और मोटी गान्ड दे दे तो मे पूरी रात उसकी नंगी करके इस कदर कस-कस के उसकी गदराई गान्ड मारूँगा की वह भी मेरे लंड को अपनी जिंदगी मे कभी नही भूल पाएगी,

कारण- क्या हुआ क्या सोचने लगा, कही मेरी बात को तूने दिल पे तो नही ले लिया, यार मे तो मज़ाक कर रहा था,

रवि- अरे नही यार मेने तेरी बात का कभी बुरा माना है क्या, अच्छा तू बता तुझे कोई मस्तानी चूत मारने के लिए मिली

या नही,

करण- अरे यार अपनी ऐसी किस्मत कहाँ कि कोई औरत चोदने के लिए मिल जाए बस जब कभी ज़्यादा मन करता है तो मुट्त् मार

कर अपनी भादस अपने हाथो से निकाल लेते है,

रवि- हस्ते हुए, अबे मुट्त् भी मारता है तो किसी ना किसी की चूत को तो सोच कर ही मुट्त् मारता होगा

करण- अबे तू तो सीधे मेरी फॅंटेसी के बारे मे पूछने लगा है, मे किसकी चूत को सोच कर मुट्त् मारता हू यह बताना

इतना आसान नही लगता है इसलिए तू यह बात मुझसे ना पूछ तो ही अच्छा है,

रवि- दूसरा पेग ख़तम करते हुए अपनी नशीली आँखे चढ़ा कर अबे तुझे अपने जिगरी दोस्त पर ही फैथ नही है कही तू

अपनी मम्मी की चूत को सोच कर तो मुट्त् नही मारता है,

करण- रवि की बात सुन कर अपनी नशीली आँखो को उपर चढ़ा कर कुछ सोचने लगता है

रवि- अबे बुरा मत मानना मे तो मज़ाक कर रहा था जिस तरह तूने किया था

करण- मुस्कुराता हुआ रवि को उंगली दिखाते हुए नशे मे अपनी लड़खड़ाती आवाज़ से अबे तू वाकई बहुत बड़ा कमीना है

और दोनो हस्ने लगते है
 
करण- अच्छा रवि तू भी तो किसी ना किसी की चूत को सोच कर मुट्त् मारता होगा मुझे नही बताएगा

रवि- देख भाई करण जिस दिन तू मुझे बता देगा कि तू किसकी चूत को सोच कर मूठ मारता है, तुझे इस दुनिया मे सबसे

नशीली चूत और गान्ड किसकी लगती है और तू किसे सबसे ज़्यादा कस-कस कर पूरी रात नंगी करके चोदना चाहता है, उस दिन मे भी तुझे यह बता दूँगा कि मे किसकी चूत और गान्ड को सबसे जयदा चोदना चाहता हू, किसकी चूत और गान्ड मुझे इस दुनिया मे सबसे ज़्यादा अच्छी लगती है और किसे मे रात भर पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता हू,

कारण- रवि तू फिकर मत कर एक दिन मे तुझे अपनी सबसे बड़ी फॅंटेसी के बारे मे ज़रूर बताउन्गा और जिस दिन मेने तुझे अपनी फॅंटेसी के बारे मे बता दिया उस दिन तेरा लंड यही बैठे-बैठे पानी छोड़ देगा,

रवि- अगर ऐसी बात है तो मे भी जब तुझे अपनी फॅंटेसी के बारे मे बताउन्गा तो तेरा लंड भी पानी छोड़े बिना नही रह

पाएगा,

करण- ओके डन

रवि- खड़ा होता हुआ, यार आज तो दिन मे ही दारू पी ली है अब अगर मे घर गया तो

करण- क्या अगर घर गया तो

रवि- कुछ नही यार

करण- तू मुझसे कुछ छुपा रहा है

रवि- नही यार बस मुझे अपनी दीदी का ख्याल आ गया

करण- क्यो तेरी दीदी तेरा शराब पीना पसंद नही करती है क्या

रवि- नही यार बात ये है कि आज तक मे कभी दीदी के सामने शराब पी कर नही गया हू

करण- अबे तो इसमे प्राब्लम क्या है तू शाम तक यही आराम कर ले उसके बाद चले जाना

रवि- हाँ यह ठीक रहेगा और दोनो खाना खाकर वही सो जाते है,

शाम को करीब 7 बजे रवि की नींद खुलती है और वह जब कारण को देखता है तो कारण बालकनी मे खड़ा-खड़ा रोड पर

जाने वालो देखता हुआ खड़ा था,

रवि उठ कर करण के पास जाता है,

रवि- अबे तू सोया नही क्या

कारण- नही यार मुझे तो रोज ही दारू पीने की आदत है सो मुझे नींद ही नही आई, तू बता कैसी नींद आई,

रवि- भाई मे तो मस्त हो गया लेकिन अब हमारी अगली पार्टी नाइट मे होगी, दिन मे साला दारू पीने का मज़ा इतना नही आता जितना रात को आता है,

करण- बेटे शराब और शबाब का असली मज़ा तो रात को ही आता है,

रवि- हाँ यह तू बिल्कुल सही कह रहा है, अच्छा अब मुझे चलना चाहिए और हाँ जल्दी से लड़की पसंद करके मुझे अपनी

होने वाली बीबी से मिलवा,

कारण - क्यो नही पहले लड़की तो मिलने दे जैसे ही बात पक्की होगी सबसे पहले तुझे ही बताउन्गा

रवि- मुस्कुरा कर आँख मारता हुआ, केवल मिलवाएगा और कुछ नही

कारण- मुस्कुराते हुए, साले तू बहुत बड़ा कमीना है चल अब जा यहाँ से

रवि- मुस्कुरा कर उसके गले लगता हुआ, अच्छा करण फिर मिलते है जल्दी ही अगली पार्टी अरेंज करते है ओके बाइ

करण- उसको देख कर मुस्कुराते हुए बाइ डियर,

पायल सोफे पर बैठी-बैठी पेपर पढ़ रही थी तभी दरवाजे की कॉल बेल बजती है और वह दरवाजे की ओर जा कर दरवाजा

खोलती है तो सामने रवि खड़ा था

पायल- कहाँ था आज दिन भर से तू

रवि- वो दीदी एक दोस्त से मिलने उसके घर चला गया था

पायल- ऐसा कौन सा दोस्त है तेरा जो तुझे सुबह से शाम हो गई

रवि- ओफ्फ हो दीदी है एक दोस्त तुम नही जानती उसे वह बहुत पहले मेरी क्लास मे पढ़ता था अब वह जॉब करता है और आज सनडे को उसकी छुट्टी होती है इसलिए आज उसने मुझे मिलने के लिए बुला लिया था,

पायल- तो कम से कम मुझसे बोल कर तो जाता मे पूरा दिन बोर हो गई,

रवि- सोफे पर उसके सामने बैठते हुए ओके बाबा सॉरी.

पायल- मुस्कुरा कर चल कोई बात नही, मे भी अकेली बोर हो रही थी तो मेने सोनिया को बुला लिया था,

रवि- क्या, सोनिया आई थी यहाँ

पायल- हाँ लेकिन तेरा मुँह क्यो उतर गया

रवि- मुस्कुरा कर नही ऐसी कोई बात नही है

पायल- अच्छा सच-सच बता क्या तू सोनिया को लाइक करता है

रवि- मतलब

पायल उसको घूर कर अपनी आँखे निकाल कर देखती हुई अपने आप से मन मे कहती हुई, कमीना लाइक करने का मतलब पूछ रहा है, सीधे कह दू क्या कि तू उसे चोदना चाहता है क्या,

पायल- अरे मेरा मतलब है कि तुझे वह अच्छी लगती है क्या,

रवि- मुस्कुरा कर उसकी आँखो के सामने उसके दूध पर नज़र मारता कर उसे देखता हुआ, दीदी अच्छी तो मुझे तुम भी

लगती हो इसमे नया सवाल क्या है,

पायल- अपने मन मे बात करती हुई, मतलब तू मुझे भी चोदना चाहता है, कमीना कही का, मुझे तो अब पक्का यकीन

होता जा रहा है कि तू मेरी चूत मारने के चक्कर मे है, जब देखो तेरी कमिनि नज़रे मेरे मोटे-मोटे चुतडो और कसी

हुई इन चुचियो पर ही आकर टिक जाती है, कमीना शरमाता भी नही है कि अपनी बहन के ही दूध देख रहा है, पर मे

कैसे मालूम करू कि यह मेरे बारे मे क्या सोचता है, कुछ ना कुछ आइडिया निकालना ही पड़ेगा,

रवि- पायल के आगे चुटकी बजाता हुआ, अरे दीदी कहाँ खो गई

पायल- एक दम से होश मे आते हुए, कुछ नही रे बस ऐसे ही कुछ सोचने लगी थी, अच्छा ये बता तूने अपनी होने वाली

भाभी निशा का फोटो तो देखा ही है ना

रवि- अपने मन मे अरे देखा क्या है मे तो उसको पूरी नंगी करके चोद भी चुका हू और अभी तुम देखने दिखाने की ही

बात कर रही हो, हाँ दीदी देखा है ना

पायल- तो बता निशा भाभी ज़यादा खूबसूरत है या सोनिया,

रवि- ओह दीदी ये तो तुमने बड़ा ही कठिन सवाल पूछ लिया, और अपने मन मे मुझे तो दोनो चूत बहुत ही कातिल लगती है दोनो ही मेरे खवाबो मे नंगी हो चुकी है,

क्रमशः.........................
 
कमीना--6

गतान्क से आगे...........................

..

पायल- अरे बता ना

रवि- दीदी भाभी ज़यादा खूबसूरत है शरीर की बनावट के हिसाब से, लेकिन सोनिया ज़्यादा खूबसूरत है चेहरे की खूबसूरती

के हिसाब से,

पायल- क्यो सोनिया का शरीर अच्छा नही है

रवि- नही ऐसी बात नही है

पायल- मुस्कुराकर तो फिर कैसी बात है

रवि- दीदी अब मे क्या बोलू तुम्हारे सवाल बहुत उलझाने वाले है

पायल- मुस्कुराते हुए, अच्छा तो सीधा सवाल पूछती हू ये बता निशा भाभी और सोनिया दोनो मे से किसका शरीर तुझे

ज़्यादा अच्छा लगता है,

रवि- दीदी तुम भी ना क्या सवाल कर रही हो यह मे भला कैसे बता सकता हू जबकि मेने अभी तक निशा भाभी को देखा

ही नही,

पायल- कुछ सोच कर रुक एक मिनिट मे अभी आई और पायल उठ कर अपनी छोटी सी स्कर्ट मे कसी अपनी भारी गान्ड हिलाते हुए

पहले अपने भैया के रूम मे जाती है फिर वहाँ से वह अपने रूम मे जाती है जब वापस आती है तो उसके हाथ मे दो

तस्वीरे थी एक तस्वीर निशा भाभी की और दूसरी सोनिया की,

पायल- रवि की बॉडी से अपने गदराए जिस्म को सटा कर बैठते हुए उसके सामने फोटो रख कर ले देख अब उपर से नीचे तक दोनो को और बता की तुझे कौन ज़्यादा मस्त लगती है

रवि- पायल की इस तरह की बात सुन कर अश्चर्य से उसका मुँह देखने लगता है

पायल- उसकी आँखो मे घूर कर एक कातिल मुस्कान अपने चेहरे पर लाती है जैसे अभी चुद जाना चाहती हो, अब मेरा मुँह

क्या देख रहा है अब बता ना,

रवि- पायल के गदराए गुलाबी गालो और रसीले होंठो को इतने करीब से देखता है और फिर उसकी नज़र अपनी दीदी की गदराई कसी हुई मोटी-मोटी चुचियो पर जाती है तो उसका लंड खड़ा हो जाता है, वैसे भी पायल के गदराए जिस्म से ऐसी मादक खुसबू आ रही थी की इतने करीब वह जिसके भी जाए उसका लंड खड़ा कर दे

रवि अपनी नज़रे पायल से हटा कर निशा भाभी और सोनिया की तस्वीर देखने लगता है और उन दोनो के गदराए जिस्म को

देख कर उसका लंड पेंट फाड़ने को उतारू हो जाता है, पर निशा साडी पहनने और अपनी गहरी नाभि को अपने गुदाज पेट से

दिखती हुई ज़यादा चोदने लायक लग रही थी और उसकी कमर के नीचे का भाग कुछ ज़्यादा ही फैला हुआ था जिससे रवि को उसकी 40 की जबरदस्त गान्ड का अंदाज़ा हो रहा था, उसका लंड पूरी तरह तना हुआ था और उसके माथे पर पसीने की हल्की बूंदे उभर आई थी, पायल भी उसकी स्थिति को समझ रही थी,

पायल- अब बोलेगा भी की देखता ही रहेगा,

रवि- दीदी दोनो अच्छी है,

पायल- अपने मन मे अरे कामीने मे वो तो जानती हू कि तुझे दोनो मिल जाए तो तू दोनो को ही चोद लेगा लेकिन ये तो बता कि सबसे पहले किसकी गान्ड और चूत को मारना चाहता है,

पायल- अच्छा चल मत बता पर ये तो बता दे कि हम तीनो मे ज़्यादा खूबसूरत कौन है

रवि- मुस्कुरा कर अरे दीदी यह भी कोई पूछने वाला सवाल है और उसके गदराए चुचो पर एक नज़र मारते हुए, तुमसे

खूबसूरत भला कोई हो सकता है,

पायल- उसके सर पर एक झपट मारते हुए, अपनी दीदी को मक्खन लगता है क्या मे नही जानती कि मे कोई खूबसूरत नही

हू,

रवि- अपने गले को पकड़ते हुए, मा कसम दीदी मे झूठ नही बोल रहा हू तुम्हारा तो चेहरा इतना खूबसूरत है और

तुम्हारा ?

पायल- हाँ-हाँ बोल क्या तुम्हारा

रवि- मेरा मतलब है कि तुम्हारा फिगर भी अच्छा है और फेस भी
 
तभी डोर बेल फिर से बजती है और पायल लगता है भैया आ गये और जाकर दरवाजा खोल देती है और रोहित अंदर आ जाता है,

रोहित- पायल, रवि इधर आओ तुम दोनो के लिए गुड न्यूज़ है

पायल- उत्साहित होती हुई वह क्या भैया,

रोहित- अरे मेने लड़की देख ली है और और जब मेने यस कर दिया तो मेरे बॉस ने तुरंत ही हम लोगो की सगाई का ऐलान कर दिया और दो दिन बाद हम लोग सगाई के लिए उनके नेटिव प्लेस पर जा रहे है,

पायल- चहकते हुए, ओह भैया ग्रेट क्या न्यूज़ दी है आपने,

रवि- भैया तो हमे सगाई के लिए उनके यहाँ जाना है क्या

रोहित- हाँ रवि और हम लोग स्कार्पियो से सुबह 4 बजे करीब निकलेगे तब जाकर उनके यहाँ करीब सुबह 10 बजे तक पहुच

जाएगे तुम लोग सारी तैयारी कर लो, और हाँ कल तुम दोनो जाकर शॉपिंग कर लेना परसो सुबह-सुबह ही हम लोग निकल जाएगे

रात को रवि अपने बेड पर सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसका लंड उसे बहुत परेशान कर रहा था और उसकी आँखो के सामने बस फूली हुई चूत और गदराई हुई मोटी-मोटी गान्ड ही नज़र आ रही थी, वह काफ़ी देर तक जागने के बाद आख़िर यह सोचता-सोचता सो गया कि कल उसे अपनी दीदी के साथ शॉपिंग करने जाना है,

रवि करण के फ्लॅट की डोर बेल बजाता है तभी एक 45 साल की खूबसूरत सी महिला दरवाजा खोलती है उसका गदराया बदन देख कर ही रवि का लोड्‍ा तन जाता है उसकी 40 की मोटी-मोटी चुचिया उसके हटे हुए पल्लू से साफ नज़र आ रही थी और उसका उठा हुआ गदराया नंगा पेट और उस पर एक बड़ी सी गहरी नाभि देख कर, सीधे अपना मुँह उसके उठे हुए पेट मे भरने का करने लगे, उसके पेट का उठाव और नीचे फैली हुई कमर को देख कर ही रवि को उसके फूले हुए गदराए भोस्डे का एहसास होने लगता है और उसकी मोटी-मोटी जंघे साडी के उपर से भी इतनी गदराई नज़र आ रही थी कि रवि को लगा कि अभी इस मस्तानी घोड़ी के बदन से चिपक जाए, साली नंगी कैसी गदराई लगती होगी क्या माल है, ऐसी गदराई आंटी को चोदने मे मज़ा आ जाए,

आंटी- चुटकी बजाती हुई हेलो, कहाँ खो गये, कौन हो तुम और किससे मिलना है

रवि- जी मेरा नाम रवि है और यहा करण रहता था ना

आंटी- हाँ यह कारण का ही फ्लॅट है पर तुम कौन हो

रवि- आक्चुयली मेडम मे उसका दोस्त हू

आंटी- अच्छा आओ बैठो मे उसे बुलाती हू

और वह आंटी जैसे ही मुड़ती है उसके फैले हुए मोटे-मोटे बाहर की और निकले गदराए चुतडो को देख कर रवि अपने

मोटे लोड्‍े को मसले बिना नही रह पाता है और अपनी नज़रे उस आंटी की मोटी गदराई गान्ड मे पूरी तरह गढ़ा कर अपने लंड को सहलाने लगता है तभी वह आंटी पलट कर उसे देखती है और उसकी नज़र रवि के उठे हुए लंड पर पड़ जाती है जिसे रवि उसकी गदराई गान्ड को देख-देख कर मसल रहा था,

आंटी- उसकी हरकत देख कर, अपने चेहरे पर थोड़ा गुस्सा लाते हुए सोफे की ओर इशारा करते हुए वहाँ बैठो मे करण

को बुलाती हू और धीमी आवाज़ मे कमीना कही का कहती हुई अंदर चली जाती है, थोड़ी देर बाद करण आता है
 
थोड़ी देर बाद करण आता है

कारण- अरे रवि अचानक क्या बात है

रवि- अरे यार मे इधर से गुजर रहा था तो सोचा शाम हो गई है शायद तू ऑफीस से आ गया होगा इसलिए तुझे देखने

आ गया

करण- ये तो तूने बहुत अच्छा किया, अब आज की नाइट तू यही रुक जा अपने घर फोन कर दे कि तू आज नही आएगा, आज मे तुझे एक पार्टी दे देता हू

रवि- अबे वो तो ठीक है लेकिन यह सब अचानक आख़िर आज ऐसा क्या है

करण- अरे यार मे तुझे बताना ही भूल गया और मम्मी ज़रा यहा आइए, और वह आंटी अपनी गदराई गान्ड हिलाते हुए

बाहर आती है,

करण- मम्मी ये मेरा सबसे खास दोस्त रवि है और रवि ये मेरी मम्मी है, आज ही मेरे गाँव से मुझसे मिलने आई है,

और आज इतफ़ाक़ से इनका बर्त डे है

रवि- करण की मम्मी की गदराई जवानी पर उसकी आँखो के सामने ही अपनी कामुक नज़रे फेरता हुआ, थोड़ा मुस्कुरा कर

नमस्ते आंटी आंड मेनी-मेनी हॅपी रिटर्न्स ऑफ दा डे,

आंटी- जबरन उसकी और स्माइल करके, थॅंक यू रवि,

आंटी वापस अंदर चली जाती है और

करण- बस यार यही कारण है कि मेने तुझे रुकने के लिए कहा है आज रात को तेरा वाला फ्लेवर वोड्का लेते है उसके बाद

मम्मी ने बढ़िया खाना बनाया है दोनो खाएँगे और फिर तू आज यही सो जाना सुबह निकल जाना, चल अब घर पर बता

दे और मे तेरे लिए ड्रिंक का इंतज़ाम करता हू,

रवि- ओके बाबा, और रवि अपने घर कॉल करके बता देता है कि वह आज नही आएगा

रात को दोनो बहुत देर तक ड्रिंक करते है फिर करण उसे बाहर वाले रूम मे सोने को कह कर उठ कर अंदर चला जाता

है,

रवि- ड्रिंक के नशे मे लेटा रहता है और उसकी कमज़ोरी थी कि वह वोड्का पीता है तो उसका लंड बहुत ज़्यादा खड़ा होने

लगता है और उसको रह-रह कर करण की मम्मी की मस्तानी जवानी याद आती है और वह अपनी कल्पना मे करण की

मम्मी की नंगी करते हुए अपने लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगता है, और केरेन की मम्मी की चूत और मोटी गान्ड

को नंगी अपने सामने महसूस करते हुए खुद से बाते करने लगता है, हाय करण क्या मस्त फूला हुआ भोसड़ा होगा तेरी

मम्मी का, क्या गजब की गदराई और मोटी गान्ड है, हाय करण तेरी मम्मी पूरी नंगी कैसी लगती होगी, काश एक बार तेरी

मम्मी को मे पूरी नंगी देख लेता, आह आज तो वोड्का के नशे के उपर तेरी मम्मी की गदराई जवानी भी भारी पड़ रही

है दोस्त, क्या मस्त माल है तेरी मम्मी, अगर ऐसी गदराई मम्मी मेरी होती तो उसको पूरी नंगी करके रात भर उसकी गान्ड और चूत को खूब कस-कस कर चोदता,
 
हाय कारण तेरी मम्मी है की चूत और मोटी गान्ड का खजाना, क्या मस्त गोरी-गोरी मोटी-मोटी गदराई जंघे होगी, हाय पेंटी

और ब्रा मे उसका भारी भरकम शरीर कैसा लगता होगा, क्या पता साली ने पेंटी पहनी भी होगी की साडी के अंदर नंगी होगी

हाय कारण तेरी मम्मी की फूली हुई चूत को अपने मुँह से दबाने मे कितना मज़ा आएगा, उसकी मोटी गान्ड मे अपना मुँह

भरने मे कितना मज़ा आएगा, एक बार तेरी मम्मी नंगी होकर मेरे सामने आ जाए तो साली को रात भर नंगी करके

चोद-चोद के उसकी मोटी गान्ड और चूत को लाल कर दूँगा, बस यही सोचता हुआ रवि अपने लंड को बाहर निकाल कर करण की मम्मी को अपनी आँखो के सामने नंगी करके लंड हिलाने लगा वह अपने ख्यालो मे कभी करण की मम्मी की चूत

सहलाता कभी उसकी गदराई गान्ड को झुका कर अपना मुँह उसमे भरता और कभी अपने मोटे लंड से उसकी फूली हुई बुर और गान्ड को चोदने लगता, वह अपनी कल्पना मे कारण की मम्मी की चूत के गुलाबी छेद और गान्ड के कसे हुए छेद मे अपना लंड पेल-पेल कर चोदने लगा और अपने हाथ से अपने लंड को हिलाने लगा,

अचानक अंदर वाले रूम की लाइट जलती है और रवि अपने मन मे सोचता है कही करण की मम्मी अंदर अपनी साडी उतार

कर नंगी तो नही सो रही है, और वह उस दरवाजे के पास अपना लंड अपने हाथो मे लिए जाता है और दरवाजे से लगी हुई एक खिड़की से कुछ रोशनी बाहर आती उसे दिखाई पड़ती है और वह उस खिड़की को धीरे से थोड़ा ज़ोर लगा कर अपनी और खिचता है

तो वह खिड़की थोड़ी सी खुल जाती है और उसके अंदर परदा लगा होता है, रवि जैसे ही अपने हाथो से पर्दे को थोड़ा सरकाता है, अंदर का नज़ारा देख कर उसके पैरो तले की ज़मीन सरक जाती है,

अंदर एक बेड पर करण की मम्मी पूरी नंगी होकर बेड के उपर खड़ी थी और करण बेड पर अपने घुटनो के बल खड़ा

होकर अपनी मम्मी की चूत को अपने हाथो से फैला-फैला कर चाट रहा था और करण की मम्मी पूरी नंगी खड़ी होकर

अपने दोनो पैरो को थोड़ा फैलाकर अपने बेटे से अपनी चूत खड़े-खड़े चटा रही थी और करण के सर पर हाथ फेर

रही थी और करण अपने दोनो हाथो से अपनी मम्मी की मोटी-मोटी गदराई गान्ड को अपने मुँह की ओर दबाता हुआ अपनी

मम्मी की फूली हुई चिकनी चूत को पागल कुत्ते की तरह चाट रहा था, करण की मम्मी का पेट थोडा सा लटका हुआ मस्त

गुदाज लग रहा था और उसकी जंघे इतनी मोटी थी कि कारण के दोनो हाथो मे समा नही रही थी, उसके मोटे-मोटे दूध

बड़े-बड़े पपितो की तरह लग रहे थे,
 
कुछ देर बाद करण पालती मार कर बैठ गया और उसका 8 इंच मोटा लंड सीधा उसके पेट से सॅटा हुआ उपर की ओर तन गया और करण की मम्मी अपनी दोनो टाँगो को करण के आस पास करके उसके खड़े लंड पर धीरे से बैठ गई और करण का मोटा लंड उसकी मम्मी की चूत मे पूरा फस गया, करण ने अपनी मम्मी को अपने सीने से लगा लिया और उसकी मोटी गान्ड को कस कर अपने लंड की ओर दबा लिया, जब लंड करण की मम्मी की बच्चेदानी तक पहुच गया तो करण की मम्मी अपने शरीर को पीछे झुकाने लगी तो करण ने अपनी मम्मी की पीठ को अपने दोनो हाथो से संभालते हुए उसे अपने सीने की ओर

खिचा और फिर अपनी मम्मी के गुलाबी गदराए गालो को चूमता हुआ उसके रसीले लाल-लाल होंठो को अपने मुँह मे भर कर

चूसने लगा, उसकी मम्मी उसके मोटे लंड पर बैठे-बैठे अपनी गान्ड को उसके लंड पर दबा रही थी, करण ने अपनी

मम्मी को कस कर अपने सीने से भींच लिया और उसकी गोरी-गोरी पीठ को अपने हाथो से सहलाते हुए बैठे-बैठे ही अपने

लंड को अपनी मम्मी की मस्त चूत मे डालने लगा, कभी वह अपनी मम्मी के मोटे चुतडो को अपने हाथो मे कस कर

दबोचता कभी अपना हाथ उसकी गान्ड के कसे हुए छेद मे ले जाकर अपनी उंगली को दबा देता, कभी अपनी मम्मी की मोटी

चुचियो को अपने हाथो मे भर-भर कर कस -कस कर मसल्ते हुए उसके रसीले लाल-लाल होंठो का रस पीने लगता, करीब 10 मिनिट तक उसकी मम्मी पूरी नंगी उसके मोटे लंड पर बैठी रही और वह अपनी मम्मी की मस्त गदराई जवानी को अपने लंड पर बैठाए मसलता रहा,

कुछ देर बाद करण ने अपनी मम्मी को बेड पर लेटा दिया और दो मोटे तकिये उसकी गदराई मोटी गान्ड के नीचे रख दिया

जिसके कारण करण की मम्मी की चिकनी फूली हुई गदराई चूत काफ़ी उठ गई और जब करण की मम्मी ने अपनी मोटी जाँघो को पूरी तरह फैलाकर अपने घुटनो को अपनी ओर कर लिया तो रवि करण की मम्मी की फटी हुई चिकनी और फूली हुई भोसड़ी को देख कर पागल हो गया और खूब कस-कस कर अपने मोटे लंड को मुठियाने लगा, करण ने जल्दी से अपनी मम्मी की फूली हुई बुर को अपने हाथो से सहलाया और फिर उसकी फूली हुई चूत पर अपने मुँह को दबाता हुआ एक गहरा चुम्मा लिया और फिर अपने मोटे लंड को अपनी मम्मी की चूत के गुलाबी छेद मे रख कर एक करारा धक्का मारा कि उसका पूरा का पूरा लंड उसकी मम्मी की चूत मे जड़ तक समा गया और उसकी मम्मी के मुँह से आह की आवाज़ निकल गई उसके बाद करण ने अपने पैर के पंजो पर बैठ कर अपनी मम्मी की चूत कस-कस कर मारना शुरू कर दिया और उसकी मम्मी आह आह करती हुई सीसीयाने लगी, कारण अपनी मम्मी की चूत मे कस-कस कर अपना मोटा लंड मार रहा था और उसकी मम्मी आह आह करती हुई अपनी चूत अपने बेटे से मरवा रही थी,
 
करण का मोटा लंड अपनी मा की चूत मे सतसट अंदर बाहर हो रहा था, कुछ देर करण ने अपने पेर के पंजो के बल

बैठ कर अपनी मम्मी की चूत को कस कर चोदा उसके बाद वह सीधा अपनी मम्मी के नंगे बदन पर लेट गया और अपनी

मम्मी की गदराई मस्त जवानी से कस कर चिपक गया और फिर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को अपने हाथो से दबोचता हुआ उसके रसीले होंठो को पीने लगा और उसके मोटे-मोटे दूध को कस कर दबाने लगा, करीब 20 मिनिट तक करण अपनी

मम्मी को इसी तरीके से चोदता रहा उसके बाद जब उसकी मम्मी की चूत बहुत ज़्यादा चिकनी हो गई और करण का लंड उसकी बुर मे बहुत ही फिसल-फिसल कर जाने लगा और उसकी मम्मी आह आह करके खूब सीसीयाने लगी और अपने पेरो को उपर नीचे फेकने लगी तब करण ने अपने दोनो हाथो को अपनी मम्मी की गदराई गान्ड के नीचे ले जाकर उन्हे कस कर अपने हाथो से दबोचते हुए अपनी मम्मी की फूली हुए मस्त भोस्डे मे कस-कस कर अपना मोटा लंड पेलना शुरू कर दिया और जब उसकी मम्मी की चूत मे तबीयत से लंड अंदर बाहर होने लगा तो उसकी मम्मी आह आह करते हुए अपने बदन को ऐथ्ने लगी और उसकी चूत काँपने लगी और वह झाड़ गई तभी करण ने अपने लंड के 8-10 धक्के कस-कस कर अपनी मम्मी की फूली हुई चूत मे मारे और फिर वह पूरी ताक़त से अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को अपने लंड की ओर दबाते हुए उसकी चूत से अपने लंड को पूरा चिपका कर अपने लंड को अपनी मम्मी की चूत मे पूरी गहराई तक भर कर रुक-रुक कर अपने वीर्य की पिचकारी अपनी मम्मी की चूत मे छोड़ने लगा, और फिर पूरे रूम मे सिर्फ़ उनकी सांसो की आवाज़ के अलावा कुछ नही सुनाई दे रहा था,

उनकी जबरदस्त चुदाई देख कर रवि पागल हो गया और करण की मम्मी की चूत और मोटी गान्ड को देख -देख कर अपने

लंड को ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया और फिर एक दम उसको लगा क़ि उसका वीर्य उसके लंड से निकल गया है, तभी उसकी पीठ पर एक ज़ोर का मुक्का पड़ता है और आवाज़ आती है कि उठ कमीना कही का ना जाने किसके सपने देखता पड़ा रहता है

सुबह के 10 बज रहे है हम कब शॉपिंग करने चलेंगे, और पायल उसको एक और घुसा मार कर अब उठ जा रवि जल्दी से

और फिर रूम के बाहर निकल जाती है, रवि एक दम से उठ कर बैठ जाता है और उसको अपने उंडरवेार के अंदर काफ़ी

गीलापन महसूस होता है और वह अपना पाजामा हटाकर अपने लंड को देखता है तो उससे ढेर सारा वीर्य निकल रहा था,

और रवि अपने मन मे सोचता हुआ ओफ्फ हो ये क्या हो गया मेरा तो नाइट फॉल हो गया, फिर वह अपने सर को पकड़ कर थोड़ा सा मुस्कुरा कर, ओफ्फ हो कैसा अजीब सपना था, करण बेटे तुझे अपनी मम्मी को चोदने के लिए मेरे ही सपनो मे आना था, और फिर मुस्कुराता हुआ उठा और बाथरूम मे जाकर फ्रेश होने लगा और अपने मन मे सोचने लगा, साले सपनो का भी कोई ईमान धरम नही होता है चाहे जैसा सपना आ सकता है, कही ये साला करण सच मच अपनी मम्मी को चोदता तो नही है,

क्रमशः.........................
 
कमीना--7

गतान्क से आगे...........................

..

रवि जल्दी से रेडी होकर अपनी स्वीट बट तीखी सिस्टर के साथ शॉपिंग करने चल दिया,

रवि- दीदी तुम अपने लिए क्या ले रही हो

पायल- अपने मन मे डिल्डो

रवि- क्या सोच रही हो दीदी

पायल- सोच रही हू कि ऐसी चीज़ खरीदु जो अपने यहाँ आसानी से ना मिलती हो

रवि- अपने मन मे, फक्किंग मशीन लेने का इरादा लगता है इसका

पायल- तेरा क्या लेने का इरादा है

रवि- अपने मन मे, तुम्हारी चूत और मोटी गान्ड, दीदी मुझे तो जो चाहिए वह सब घर पर ही है

पायल- क्या मतलब

रवि- मतलब कि मेरे पास तो काफ़ी ड्रेससे है, आप देख लो आपको क्या लेना है, वैसे सगाई मे आप टॉप और स्कर्ट पहन कर

चलना उसमे आप बहुत अच्छी लगोगी

पायल- मन मे कमीना कही का, मेरी मोटी जंघे और गदराई गान्ड जो तुझे स्कर्ट से देखने को मिल जाती है,

पायल- क्यो ज़रूरी है मे तेरी चाय्स की चीज़े पहनु

रवि- दीदी सफ़र मे पहन लेना वहाँ जाकर फिर चेंज कर लेना

पायल- अपने मन मे, ज़रूर ये सफ़र मे मेरी चूत सहलाने का मोका ढूँढ रहा है, हा तू ठीक कह रहा है वैसे भी

सफ़र मे कॉमफर्टबल कपड़े पहनना चाहिए,

रवि- अब समझी ना अपने भाई की बात

पायल- अपने मन मे, तू कितना बड़ा कमीना है यह मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है,

रवि- दीदी जब भाभी से मिलोगि तो क्या करोगी,

पायल- क्या करूँगी, उनसे हाय, हेलो कहूँगी और क्या,

पायल- और तू क्या कहेगा भाभी से

रवि- मेने अभी तक कुछ सोचा नही

पायल- अपने मन मे, तू तो इतना बड़ा कमीना है कि तू तो भाभी की फोटो देख कर उसे अपनी आँखो से ही चोद चुका होगा
 
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