hotaks444
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शॉपिंग करके लोटने पर पायल का पैर अचानक मोच खा जाता है और वह एक दम से गिर जाती है
रवि- अरे क्या हुआ दीदी
पायल- आह रवि मेरा पैर मूड गया बहुत दर्द हो रहा है
रवि पायल का हाथ पकड़ कर उसको सहारा दे कर उठाता है और पायल खड़ी होती है पर उसके पैर की मोच का दर्द कुछ
ज़्यादा था और वह फिर से नीचे बैठ जाती है,
पायल- आह रवि बहुत दर्द कर रहा है ये एडी के उपर की नस खिच गई है
रवि- दीदी मेरा हाथ पकड़ कर धीरे -धीरे चलो घर के अंदर चल कर बैठ जाना
पायल- नही रवि मुझसे एक कदम भी नही चला जाएगा
रवि- पर दीदी मे तुम्हे उठाकर कैसे ले जाउ
पायल- क्यो नही ले जा सकता
रवि- मुस्कुरा कर दीदी तुम इतनी मोटी हो मुझसे तुम्हारा वजन कैसे सहा जाएगा
पायल- उसको घूर कर गुस्से से देखती हुई उसकी पीठ मे मारती है , मे मोटी हू
रवि- आह सॉरी बाबा सॉरी चलो कोशिश करता हू
रवि पायल को अपने हाथो का सहारा दे कर खड़ी करता है फिर उसकी मोटी गान्ड के नीचे अपना हाथ ले जाकर उसको अपनी गोद
मे उठा लेता है, अपनी दीदी की गदराई मुलायम गान्ड के स्पर्श से रवि पागल हो जाता है और उसका लंड तुरंत खड़ा हो जाता
है, पायल के मोटे-मोटे दूध उसके आँखो के सामने तने दिख रहे थे, उसकी उत्तेजना अपनी जवान और गदराई दीदी के
शरीर के स्पर्श से आसमान छूने लगी थी, उसने अपने हाथ को अपनी दीदी की गदराई मोटी गान्ड पर ठीक से अड्जस्ट किया और
अपनी दीदी की मुलायम गान्ड को अपने पंजो मे भर कर दूसरे हाथ से उसकी पीठ पर लेज कर उसकी गदराई कसी हुई चुचियो
को अपने सीने के पास सटा लिया, पायल अपनी आँखे फाडे रवि के चेहरे को देख रही थी और रवि अपनी दीदी के गुलाबी गालो,
रसीले होंठो और मोटी-मोटी गदराई चुचियो को देख रहा था, और जैसे ही रवि ने अपनी दीदी की आँखो मे देखा तो उसकी
नज़र अपनी दीदी से मिल गई और वह ऐसा पल था जब दोनो एक साथ उत्तेजित लग रहे थे दोनो का चेहरा मारे उत्तेजना के एक
अलग ही रंग मे आ चुका था, और दोनो की आँखे एक दूसरे को देख कर कह रही थी एक मेरी प्यास बुझा दे, दोनो की नज़रे
एक दूसरे की आँखो मे ठहर गई थी और दोनो को एक दूसरे की आँखो मे अपना चेहरा नज़र आ रहा था,
रवि- अरे क्या हुआ दीदी
पायल- आह रवि मेरा पैर मूड गया बहुत दर्द हो रहा है
रवि पायल का हाथ पकड़ कर उसको सहारा दे कर उठाता है और पायल खड़ी होती है पर उसके पैर की मोच का दर्द कुछ
ज़्यादा था और वह फिर से नीचे बैठ जाती है,
पायल- आह रवि बहुत दर्द कर रहा है ये एडी के उपर की नस खिच गई है
रवि- दीदी मेरा हाथ पकड़ कर धीरे -धीरे चलो घर के अंदर चल कर बैठ जाना
पायल- नही रवि मुझसे एक कदम भी नही चला जाएगा
रवि- पर दीदी मे तुम्हे उठाकर कैसे ले जाउ
पायल- क्यो नही ले जा सकता
रवि- मुस्कुरा कर दीदी तुम इतनी मोटी हो मुझसे तुम्हारा वजन कैसे सहा जाएगा
पायल- उसको घूर कर गुस्से से देखती हुई उसकी पीठ मे मारती है , मे मोटी हू
रवि- आह सॉरी बाबा सॉरी चलो कोशिश करता हू
रवि पायल को अपने हाथो का सहारा दे कर खड़ी करता है फिर उसकी मोटी गान्ड के नीचे अपना हाथ ले जाकर उसको अपनी गोद
मे उठा लेता है, अपनी दीदी की गदराई मुलायम गान्ड के स्पर्श से रवि पागल हो जाता है और उसका लंड तुरंत खड़ा हो जाता
है, पायल के मोटे-मोटे दूध उसके आँखो के सामने तने दिख रहे थे, उसकी उत्तेजना अपनी जवान और गदराई दीदी के
शरीर के स्पर्श से आसमान छूने लगी थी, उसने अपने हाथ को अपनी दीदी की गदराई मोटी गान्ड पर ठीक से अड्जस्ट किया और
अपनी दीदी की मुलायम गान्ड को अपने पंजो मे भर कर दूसरे हाथ से उसकी पीठ पर लेज कर उसकी गदराई कसी हुई चुचियो
को अपने सीने के पास सटा लिया, पायल अपनी आँखे फाडे रवि के चेहरे को देख रही थी और रवि अपनी दीदी के गुलाबी गालो,
रसीले होंठो और मोटी-मोटी गदराई चुचियो को देख रहा था, और जैसे ही रवि ने अपनी दीदी की आँखो मे देखा तो उसकी
नज़र अपनी दीदी से मिल गई और वह ऐसा पल था जब दोनो एक साथ उत्तेजित लग रहे थे दोनो का चेहरा मारे उत्तेजना के एक
अलग ही रंग मे आ चुका था, और दोनो की आँखे एक दूसरे को देख कर कह रही थी एक मेरी प्यास बुझा दे, दोनो की नज़रे
एक दूसरे की आँखो मे ठहर गई थी और दोनो को एक दूसरे की आँखो मे अपना चेहरा नज़र आ रहा था,